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जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
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सुसमाचार में अचानक वृद्धिTHE EVANGELISM EXPLOSION डॉ आर एल हायमर्स जूनि ‘‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है‚ और यह तुम्हारी ओर से नहीं‚ वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण‚ ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे" (इफिसियों २:८‚ ९) |
पिछले गुरूवार की रात मैं हमारे चर्च की प्रार्थना सभा में आया। मैंने आराधना में संदेश नहीं दिया और न ही उसका संचालन किया। परंतु जैसे ही मैं ऑडिटोरियम के पिछले हिस्से में बैठा‚ मेरा ध्यान एक भटके हुए युवा पर गया। जैसे ही आराधना समाप्त हुयी और दूसरे लोग बाहर चले गए मैंने उससे कहा कि वह मेरे पास आकर बैठे।
मैं डॉ डी जेम्स कैनेडी की इवेजलिज्म एक्सप्लोजन पढ़ रहा था। तो मैंने विचार किया कि मैं डॉ कैनेडी की कही बात इस युवा पर लागू करूंगा। ऐसा लगा ये तो उसके लिए बड़ा आसान होगा। आखिरकार‚ वह काफी लंबे समय से हमारे चर्च आ रहा है। उसने अनगिनत सुसमाचारिय संदेश सुने भी हैं। डॉ कैनेडी के सरल से विचार उसे ऐसा क्या दे सकते हैं जिनको वह इतने सारे पहिले से सुन रखे संदेशों में नहीं पा सका? पर चूंकि‚ हमने उससे जो कुछ आज तक कहा‚ उससे उसको उद्धार मिलने में सहायता नहीं मिली‚ तो मैंने सोचा कि मैं उसे डॉ कैनेडी की सरल सी व्याख्या दे दूं।
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मैंने उससे कहा‚ ‘‘कि आज रात अगर तुम मर जाते हो और स्वर्ग के दरवाजे पर — ईश्वर से साक्षात्कार होता है और परमेश्वर तुमसे प्रश्न करते हैं कि‚ ‘मैं तुम्हें क्यों स्वर्ग में आने दूं?’ तो तुम परमेश्वर को क्या जवाब दोगे?" वह कुछ क्षण खामोश रहा। फिर उसने कहा‚ ‘‘मैं परमेश्वर से कहूंगा कि मैं एक अच्छा लड़का रहा हूं।"
रोमियों ६:२३ में लिखा है‚ ‘‘परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।" यह वरदान न तो कमाया जा सकता है न हम इसके योग्य हैं। स्वर्ग एक बेदाम उपहार है। फिर मैंने उससे कहा, ‘‘मैं सोचता हूं कि कई वर्षो तक तुम क्या करते आए हो कि मैं अपने आप को इतना अच्छा बना लूं कि ताकि मैं स्वर्ग कमा लूं या अपने ‘प्रयासों’ से स्वर्ग पा लूं।"
जो उसने कहा मुझे उस पर विश्वास नहीं हुआ। इसलिए मैंने प्रश्न दोहराया: ‘‘अगर परमेश्वर तुमसे प्रश्न करते हैं कि‚ ‘मैं तुम्हें क्यों स्वर्ग में आने दूं?’ तो तुम परमेश्वर को क्या जवाब दोगे?" इस बार मैंने ध्यान दिया कि उसकी आंखों में आंसू भरे हैं। परंतु फिर उसने वही उत्तर दिया‚ ‘‘मैं परमेश्वर से कहूंगा कि मैं एक अच्छा लड़का रहा हूं।" मेरे सामने एक युवा लड़का है जो किशोरावस्था को पार कर रहा है और पूरे समय चर्च — आता रहा रविवार सुबह, रविवार शाम और मध्य सप्ताह की प्रार्थना सभा में बराबर आता रहा। तौभी उसका उत्तर स्पष्ट था कि — वह अच्छे कर्म करके उद्धार कमाना चाहता था। और वह (इफिसियों २:८‚ ९) में विश्वास नहीं करता था!!!
मैने उसे डांटा नहीं। मैंने सिर्फ इतना कहा कि अगले ही कुछ मिनटों में मैं आपको ऐसी बड़ी खबर सुनाने जा रहा हूं जो आपने कभी नहीं सुनी होगी। तत्पश्चात मैंने उसे अपनी बाइबल से (इफिसियों २:८‚९) निकालकर स्वयं पढ़ने को कहा।
‘‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है‚ और यह तुम्हारी ओर से नहीं‚ वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण‚ ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे" (इफिसियों २:८‚ ९)
फिर मैंने उससे कहा कि‚ ‘‘बाइबल में ध्यान से इन शब्दों को पढ़ो।" यह इससे शुरू होता है कि ‘‘अनुग्रह से तुम्हारा उद्धार होता है।" अनुग्रह एक उपहार है‚ ‘‘यह परमेश्वर का दिया हुआ उपहार है।" स्वर्ग एक उपहार है - यह अनंत जीवन का उपहार है। फिर मैंने इफिसियों ६:२३ के दूसरे भाग को पढ़कर बताया‚ ‘‘परमेश्वर का वरदान अनन्त जीवन है।" स्वर्ग एक मुफ़्त का उपहार है। न तो यह कमाया जा सकता है और न हम इसके योग्य हैं। फिर मैंने उससे कहा, ‘‘मैं सोचता हूं कि कई वर्षो तक तुम क्या करते आए हो कि मैं अपने आप को इतना अच्छा बना लूं कि ताकि मैं स्वर्ग कमा लूं या अपने ‘प्रयासों’ से स्वर्ग पा लूं। तब अंत मैं जाकर मुझे पता चला कि स्वर्ग तो मुफ़्त उपहार है — बिल्कुल मुफ़्त! इसने मुझे हैरत में डाल दिया! बाइबल इस विषय में कहती है‚ ‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है — न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे’ (इफिसियों २:८‚ ९)"
उसके पश्चात मैंने उसे बताया ‘‘सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों ३:२३) । हमने हमारे वचन विचार और कर्म से पाप किया है। हममें से कोई भी इतना अच्छा नहीं कि अपने बलबूते पर स्वर्ग जा सके। हम इतने सिद्ध नहीं बन सकते।
किंतु परमेश्वर यहोवा दयावंत हैं। वह हमें दंड नहीं देना चाहते। किंतु वे न्यायी भी हैं —इसलिए उनके लिए आवश्यक है कि वे पाप को दंडित करें। परमेश्वर ने अपनी बुद्धिमत्ता में इसका हल खोजा। परमेश्वर पिता ने अपने पुत्र यीशु को हमें उद्धार देने के लिए भेजकर इस समस्या का हल किया। यीशु कौन हैं? यीशु परमेश्वर — मनुष्य हैं। बाइबल के अनुसार‚ यीशु परमेश्वर हैं और त्रिएकत्व के दूसरे व्यक्ति हैं। बाइबल यीशु के विषय में कहती है ‘‘आदि में वचन था और वचन देहधारी हुआ" (यूहन्ना १:१‚ १४) । यीशु जो परमेश्वर — मनुष्य हैं‚ क्रूस पर बलिदान हुए और मरकर जीवित हुए ताकि हमारे पापों का मूल्य चुका देवें और उसके बाद हमें स्वर्ग में अनंत जीवन प्रदान करें। यीशु ने हमारे पापों को अपने उपर क्रूस पर उठा लिया। लिखा है मसीह ‘‘हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गए" (१ पतरस २:२४) तीन दिन वे कब्र में दफन रहे। किंतु वे मरकर पुर्नजीवित हुए और स्वर्ग में हमारे लिए भी स्थान तैयार करने चले गए। अब यीशु स्वर्ग में अनंत जीवन प्रदान करते हैं — यह हमारे लिए मुफ़्त उपहार है। हम इसे कैसे प्राप्त करते हैं? हम विश्वास रखकर इसे प्राप्त करते हैं! ‘‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है" (इफिसियों २:८) ।
यीशु में विश्वास रखना स्वर्ग के दरवाजे खोल देता है। विश्वास मात्र एक बौद्धिक समर्थन नहीं है। यहां तक कि शैतान व दुष्टात्माएं भी यीशु के परमेश्वरत्व में विश्वास करती हैं। किंतु उनको उद्धार नहीं मिला। विश्वास का अर्थ जीवन में केवल कुछ चीजें पा लेना नहीं है — जैसे स्वास्थ्य‚ पैसा‚ सुरक्षा व मार्गदर्शन — ये चीजें जिनका इस जीवन से लेना देना है‚ वे जाती रहेंगी।
विश्वास का अर्थ‚ बाइबल के अनुसार केवल मसीह में विश्वास करना है। मसीह हमें स्वर्ग ले जाने के लिए आए हैं‚ ताकि हमें अनंत जीवन मिले! बाइबल कहती है‚ ‘‘प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर‚ तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों के कार्य १६:३१)
लोग केवल दो में से एक बात पर विश्वास करते हैं — या तो खुद पर या यीशु मसीह में। मैं अपने प्रयासों पर विश्वास कर रहा था कि मैं एक अच्छा जीवन जी सकूं। उसके पश्चात मुझे अहसास हुआ कि मुझे स्वयं पर विश्वास रखना बंद कर देना चाहिए और इसके बदले यीशु पर विश्वास रखना चाहिए। मैंने ऐसा ही किया — और यीशु ने मुझे अनंत जीवन का उपहार दिया। तो यह एक उपहार है‚ जो मुझे ‘‘कर्मो के कारण नहीं मिला।"
चलों मैं इस कुर्सी के उदाहरण से आपको समझाता हूं। क्या आप यह विश्वास करते हैं कि अगर आप कुर्सी पर बैठे तो यह कुर्सी आपको सहारा देगी? (हां)
किंतु यह मुझे सहारा नहीं दे रही है — क्योंकि मैं इस पर बैठा नहीं हूं। मैं कैसे सिद्ध कर सकता हूं कि मैं वास्तव में इस कुर्सी पर विश्वास करता हूं? सही कह रहे हैं आप‚ इस पर बैठकर!
ऐसा ही हमें यीशु के साथ करना चाहिए। हमें उनके उपर निर्भर हो जाना चाहिए कि वे हमें स्वर्ग ले जाएंगे। आपने कहा कि‚ ‘‘आप परमेश्वर से कहेंगे कि मैं एक अच्छा लड़का था।" आप के उत्तर में केवल व्यक्ति कौन है? (आप)
जब आप ऐसा कह रहे हैं तो आप आपको स्वर्ग ले जाने के लिए किस पर विश्वास कर रहे हैं? (सही कहा‚ आप पर)
अनंत जीवन पाने के लिए आपको स्वयं पर विश्वास करना बंद कर देना चाहिए इसके बजाय यीशु पर विश्वास करना चाहिए (अर्थात खाली कुर्सी पर बैठिए)
क्या आप कुछ समझे? अब जो प्रश्न परमेश्वर यहोवा आपसे पूछ रहे हैं वह यह है — ‘‘क्या तुम अनंत जीवन का उपहार इसी समय पाना चाहते हो?" (हां‚ मैं लेना चाहूंगा)।
अब मैं प्रार्थना करूंगा‚ ‘‘मेरी विनती है प्रभु‚ आप मेरे मित्र को अनंत जीवन का उपहार इसी समय प्रदान कीजिए।"
अब यीशु यहां है और वे आपका कहा सुन सकते हैं। मैं चाहता हूं कि आप यीशु को बताएं कि आप वास्तव में अनंत जीवन का उपहार चाहते हैं। जो शब्द मैं आपको देता हूं उन्हें दोहराइए‚ किंतु उन्हें यीशु से कहिए‚
‘‘यीशु मैं आप पर इसी समय विश्वास करना चाहता हूं। मैं एक पापी हूं। मैं स्वयं पर और अपनी अच्छाई पर भरोसा रख रहा था। अब मैं आप पर भरोसा रखना चाहता हूं‚ प्रभु यीशु। मैं इसी समय आप पर विश्वास करता हूं। मैं विश्वास करता हूं कि आप मेरे पापों का मूल्य चुकाने के लिए मरे। मैं अब आप पर विश्वास करता हूं‚ यीशु। मैं अपनी अच्छाई पर भरोसा करना छोड़ता हूं और अपने पापों से मुंह मोड़ता हूं। मैं आप पर विश्वास करता हूं। मैं अनंत जीवन का उपहार स्वीकार करता हूं। आप के नाम में यीशु इस विनती को मांगता हूं‚ आमीन।"
अब मैं आपके लिए प्रार्थना करूंगा। ‘‘यीशु‚ आपने प्रार्थना सुनी है जो मेरे मित्र ने आपसे की है। मेरी विनती है कि वह अपनी आत्मा में आपकी यह आवाज सुनेगा‚ ‘कि तेरे पाप क्षमा हुए।’ ‘वह जो मुझमें विश्वास करता है वह कभी नाश न होगा परंतु अनंत जीवन पाएगा।’ यीशु के नाम में मैं इस प्रार्थना को मांगता हूं‚ आमीन।"
अब मैं चाहता हूं कि आप यूहन्ना ६:४७ को जोर के स्वर में पढ़ें।
‘‘जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।"
भावुक मत बनिए। एक सरल से भरोसे के साथ आपने अपना विश्वास यीशु मसीह में रख दिया है। सही है?
अब आप अपने उद्धार के लिए किस पर भरोसा कर रहे है? (यीशु मसीह पर)
उद्धार दिलाने वाले विश्वास का अर्थ है कि यीशु पर आप अनंत उद्धार पाने के लिए भरोसा रख रहे हैं। क्या आपने अभी अभी यही किया है? (हां)
यीशु कहते हैं कि कोई भी जन जो ऐसा विश्वास करता है‚ अनंत जीवन पाता है। क्या आपने अभी अभी यही किया है? (हां)
अब‚ मान लीजिए आज रात नींद में ही आपका देहांत हो जाता है और परमेश्वर यहोवा आपसे पूछते हैं कि वे आपको स्वर्ग में क्यों आने दें‚ तो आप क्या उत्तर देगें? (मैं अनंत जीवन के लिए यीशु पर विश्वास कर रहा हूं)।
मेरे मित्र‚ जो प्रार्थना आपने की‚ अगर सच में उस प्रार्थना में आपका वही ध्येय है‚ तो यीशु ने आपके पापों को माफ कर दिया है और इसी समय से अनंत जीवन आपका है!‚
मैं चाहता हूं कि आप यूहन्ना के सुसमाचार को प्रतिदिन एक अध्याय पढ़िए। यूहन्ना के सुसमाचार में २१ अध्याय हैं। जब आप १ अध्याय प्रतिदिन पढ़ते हैं तो तीन सप्ताह में आप यूहन्ना का सुसमाचार पूरा पढ़ लेते हैं।
मैं चाहता हूं कि किसी एक व्यक्ति के साथ आप साझा करें कि आज रात आपके साथ क्या हुआ। कौन वह व्यक्ति हो सकता है? (मेरा भाई)
क्या आप उसे बताएंगे कि आज रात्रि आपने यीशु पर विश्वास किया? (हां)
अब मैं आपको अगले रविवार अपने साथ चर्च ले जाना चाहूंगा। क्या मैं आपको रविवार सुबह चर्च जाने के लिए लेने आउं? (हां) इसके पहिले अगर आप मुझसे बात करना चाहते हैं तो कृपया मुझे फोन कर लेवें। यह मेरा फोन नंबर है।
अब क्या एक क्षण हम यहां यीशु को धन्यवाद देगें कि उन्होंने आपकी आत्मा को उद्धार दिया और अनंत जीवन प्रदान किया? (प्रार्थना की)।
अब मैं चाहता हूं कि आप इफिसियों २:८‚९ को उंचे स्वर में पढ़े
‘‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है‚ और यह तुम्हारी ओर से नहीं‚ वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण‚ ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे" (इफिसियों २:८‚ ९)
स्मरण रखिए दुनिया भर में हजारों लोग इस सरल से तरीके से सच्चे रूप में उद्धार पा चुके हैं। भले ही वे अभी भी अनिश्चय की अवस्था में हों, आप अपनी सभा को चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ समाप्त कीजिए। कम से कम उनसे वायदा लीजिए कि वे यूहन्ना का एक अध्याय रोज पढ़ेंगे। आपको उनसे मिलने का मौका दुबारा मिलेगा अगर आप उनको पहिली मुलाकात में पागल नहीं कर देते हैं तो।
इस संदेश को अपने साथ घर ले जाइए। इसे तब तक पढ़ते रहिए जब तक आपका दिमाग और विचार देना आरंभ न कर दे। इसे अपने किसी मित्र या रिश्तेदार पर इसी समय आजमाइए। आपको आश्चर्य होगा कि वे सचमुच में रूचि लेने लगे हैं और आपके साथ चर्च आने के लिए तैयार हो गए हैं!
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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