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मसीह कैसे पृथ्वी पर अपने साम्राज्य को स्थापित करेंगे

HOW CHRIST WILL SET UP HIS EARTHLY KINGDOM
(Hindi)

डॉ आर एल हायमर्स जूनि.
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

ल्यॉस ऐंजीलिस के बैपटिस्ट टैबरनेकल में जनवरी १३‚ रविवार २०१९ की संध्या को
दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, January 13, 2019

‘‘और उस समय वह जलपाई के पर्वत पर पांव धरेगा‚ जो पूरब ओर यरूशलेम के साम्हने है; तब जलपाई का पर्वत पूरब से ले कर पच्छिम तक बीचों—बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्खिन की ओर हट जाएगा। तब तुम मेरे बनाए हुए उस खड्ड से होकर भाग जाओगे‚ क्योंकि वह खड्ड आसेल तक पहुंचेगा‚ वरन तुम ऐसे भागोगे जैसे उस भुईंडोल के डर से भागे थे जो यहूदा के राजा उज्जियाह के दिनों में हुआ था। तब मेरा परमेश्वर यहोवा आएगा और सब पवित्र लोग उसके साथ होंगे तब यहोवा सारी पृथ्वी का राजा होगा; और उस समय एक ही यहोवा और उसका नाम भी एक ही माना जाएगा" (जकर्याह १४:४—५‚९)


इस संसार में लगभग हरेक जन ने मसीह के प्रथम आगमन अर्थात यहोवा प्रभु द्वारा पवित्रात्मा की सामर्थ से कुंवारी मरियम के गर्भ से बैतलेहम नामक स्थान में उनके जन्म लेने के विषय में सुना है। हां‚ आप में से प्रत्येक ने मसीह के प्रथम आगमन के बारे में सुन रखा है। तौभी बाइबल में उनके दूसरी बार आगमन के विषय में दिए गए संदर्भ पहले आगमन से कहीं अधिक बढ़कर मिलते हैं‚ समझिए आठ और एक के अनुपात में। डॉ डेविड जेर्मयाह के अनुसार‚

विद्वान मसीह के दूसरे आगमन के बारे में १८४५ बार संदर्भ देते हैं‚ जिसमें से ३१८ संदर्भ नये नियम में मिलते हैं। उनके द्वितीय आगमन को लेकर पुराने नियम की कम से कम सत्रह पुस्तकों में एवं नये नियम के हर दस अध्यायों में से सात अध्याय में लिखा गया है। (मसीह) स्वयं ने अपने दूसरे आगमन को लेकर इक्कीस बार कहा है। नये नियम में दूसरा आगमन विश्वास करने के लिए दूसरे स्थान पर सबसे बड़ा विषय है। (डेविड जेर्मयाह‚ डी डी व्हॉट इन दि वर्ल्ड गोइंग ऑन‚ थॉमस नेल्सन पब्लिशर्स‚ २००८‚ पेज २१७)

बाइबल में मसीह के दूसरी बार प्रकट होने के विषय को लेकर जो सबसे स्पष्ट पद हैं‚ उनमें से एक हमारे आज के पाठ जर्कयाह १४:४—५‚ ९ से लिया हुआ है‚ इस पाठ से हमें तीन बड़ी शिक्षाएं मिलती हैं।

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१॰ पहली बात‚ मसीह जैतून पर्वत पर पुन: प्रकट होंगे।

मैं इस बात से सहमत हूं कि स्कोफील्ड व्याख्या इस बात को लेकर बिल्कुल सही है।

जर्कयाह १४ होने वाली समस्त बातों का दोहराव है। समस्त घटनाओं का (क्रम) इस प्रकार होगा: (१) सब जातियों का एकत्रित किया जाना‚ पद २ (देखिए ‘‘लड़ाई का उल्लेख‚" प्रकाशितवाक्य १६:१४; १९:११‚ व्याख्या); (२) छुटकारा‚ पद ३; (३) जैतून पर्वत पर मसीह का पुनरागमन एवं भौतिक दृश्य का बदल जाना‚ पद ४—८; (४) राज्य की स्थापना और संपूर्ण रूप से पृथ्वी का आशीषित होना‚ पद ९—२१ (स्कोफील्ड स्टडी बाइबल‚ १९१७ संस्करण‚ पेज ९७८; जर्कयाह १३:८ पर व्याख्या)

गैर जातियों की ताकतें‚ मसीह— विरोधी जन के नेतृत्व में एकत्रित होंगी और मगिद्धों की घाटी में इजरायल के विरूद्ध‚ उस बड़े संग्राम के लिए अपनी सेनाएं भेजेंगी। मसीह विरोधी सेनाएं यरूशलेम में पहुंचेंगी, परंतु मसीह का बादलों में आगमन एकाएक होगा और वे उन सेनाओं पर पर जीत प्राप्त करेंगे। आइए‚ इसी संदर्भ में अपने स्थानों पर खड़े होकर जर्कयाह की पुस्तक से १४:३—४ पढ़ते हैं।

‘‘तब यहोवा निकल कर उन जातियों से ऐसे लड़ेंगे जैसे वे संग्राम के दिन में लड़े थे। और उस समय वे जलपाई के पर्वत पर पांव धरेंगे‚ जो पूरब ओर यरूशलेम के साम्हने है; तब जलपाई का पर्वत पूरब से ले कर पच्छिम तक बीचों—बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्खिन की ओर हट जाएगा" (जर्कयाह १४:३—४)

अब आप बैठ सकते हैं।

‘‘और उस समय वे जलपाई के पर्वत पर पांव धरेंगे" (जर्कयाह १४:४) । यरूशलेम के ठीक पूर्व दिशा में जलपाई का पर्वत है। यह वही जलपाई का पर्वत है जिस पर बंदी बनाये जाने के पूर्व यीशु रात्रि में प्रार्थना करने के लिए गए थे। यह वही जलपाई का पर्वत है जिस पर से यीशु स्वर्ग पर उठा लिये गये थे‚ प्रेरितों १:९—१२ इस घटनाक्रम का उल्लेख करता है।

‘‘यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया। और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे‚ तो देखो‚ दो पुरूष श्वेत वस्त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए। और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों‚ तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु‚ जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है‚ जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा तब वे जैतून नाम के पहाड़ से जो यरूशलेम के निकट एक सब्त के दिन की दूरी पर है‚ यरूशलेम को लौटे" (प्रेरितों १:९—१२)

‘‘और उस समय वे जलपाई के पर्वत पर पांव धरेंगे" (जर्कयाह १४:४) । वही पांव जो सूली पर कीलों से छेदे गए थे और जैसा प्रेरितों की पुस्तक १:९ में उल्लेख है जिस पर्वत से होकर यीशु स्वर्ग पर चढ़ाए गए‚ उसी पर्वत पर पुनः वे पांव धरेंगे।

‘‘तब जलपाई का पर्वत पूरब से ले कर पच्छिम तक बीचों—बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्खिन की ओर हट जाएगा" (जर्कयाह १४: ४) इसकी व्याख्या डॉ मैगी ने इस प्रकार की है‚

बड़े बड़े भौतिक परिवर्तन जो यहां होंगे‚ उनका वर्णन इस पद में किया गया है। एक बड़ा भूकंप होगा और जलपाई का पर्वत बीचोंबीच में से दो टुकड़ों में विभक्त हो जाएगा। आधा हिस्सा उत्तर दिशा की ओर और आधा हिस्सा दक्खिन की ओर बंट जाएगा। ‘‘बीचों—बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा" (जे वर्नान मैगी‚ टी एच डी‚ थ्रू दी बाइबल‚ थॉमस नेल्सन पब्लिशर्स १९८२‚ वाल्यूम ३‚ पेज ९८६)

तो यह पहिला बिंदु है कि — मसीह बादलों में से जलपाई के पर्वत पर उतरेंगे।

२॰ दूसरा बिंदु‚ मसीह अपने सारे दिव्य व्यक्तियों के साथ आएंगे।

पांचवे पद के अंत को देखिए।

‘‘तब मेरे परमेश्वर यहोवा आएंगे और सब पवित्र लोग उनके साथ होंगे" (जर्कयाह १४:५)

इसका अर्थ यह हुआ कि पहिले से बादलों में उठा लिए गए सच्चे मसीही शिष्यगण‚ मसीह का अनुसरण करते हुए बादलों में प्रकट होंगे और जलपाई के पर्वत पर विराजमान होंगे। इस घटनाक्रम की भविष्यवाणी पहिले हनोक द्वारा की जा चुकी थी।

‘‘और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था‚ इन के विषय में यह भविष्यद्वाणी की‚ कि देखो‚ प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आए" (यहूदा १४)

शिष्य यूहन्ना ने इसके विषय में प्रकाशितवाक्य १९:१४ में कहा है‚ जैसे ही वे‚ मसीह विरोधी जन की सेनाओं का संहार करने के लिए ‘‘जैतून पर्वत पर उतरेंगे स्वर्ग की सेना उनके पीछे पीछे होगी।" डॉ डेविड जेर्मयाह के कथनानुसार‚

स्वर्ग की सेना जो मसीह के साथ होगी‚ उसमें स्वर्गदूत और संत लोग सम्मिलित होंगे — आप और हम जैसे लोग उन अथाह सामर्थ से भरे स्वर्गिक लोगों के साथ साथ होंगे....... वे लोग लड़ाई नहीं करेंगे। वरन यीशु स्वयं विद्रोहियों को खत्म कर डालेंगे (डेविड जेर्मयाह‚ उक्त संदर्भित, पेज २२४)

‘‘तब मेरे परमेश्वर यहोवा आएंगे और सब पवित्र लोग उनके साथ होंगे" (जर्कयाह १४:५)

डॉ मैगी का कहना था‚

यह धर्मशास्त्र का एक सबसे रोचक गधांश है। यह चित्रण प्रस्तुत करता है कि प्रभु यीशु मसीह पृथ्वी पर वापिस आ रहे हैं। हमें यही बात बाइबल में प्रकाशितवाक्य पुस्तक के १९ अध्याय में भी कही गयी है कि स्वर्ग की सेनाएं उस समय उनका अनुसरण करेगीं (जे वर्नान मैगी‚ उक्त संदर्भित)

जर्कयाह की भविष्यवाणी में यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है — मसीह—विरोधी जन की सेनाओं पर विजय पाने के लिए यीशु अपने पवित्र लोगों की सेनाओं के साथ लौटेंगे। जितने लोगों ने सच्चे रूप में मसीह को अपनाया है‚ वे किसी भी युग के क्यों न हो‚ वे सब मसीह के साथ पृथ्वी पर पुन: प्र्कट होंगे।

लाखों की संख्या में प्रकट होंगे
   झिलमिलाते उज्जवल वस्त्रों में‚
छुटकारा पाए संतों की उपस्थिति
   आकाश को अपनी संख्या से ओत प्रोत कर देगी;
तब सब अंत हो जाएगा‚ अंत हो जाएगा सब‚
   पाप और मौत के संग संग्राम का;
खुल जाएंगे अंत्यंत तेजी से सुनहरे द्वार‚
   प्रवेश करेंगे जिसमें सब विजयी लोग
(‘‘टैन थाउजैंड टाइम्स टैन थाउजैंड" हैनरी अल्फोर्ड द्वारा लिखित‚ १८१०—१८७१)

जॉन सिनिक और चार्ल्स वैस्ली ने प्रभावशाली रचना की‚

देखो! वह बादलों पर सवार होकर आते हैं‚
   मसीह जो हमारे पापों से उद्धार दिलाने के लिये मारे गये;
हजारों हजार पवित्र लोग साथ होंगे‚
   उनके विजयी आगमन में उमड़ते हुए;
हैल्लेलूयाह! हैल्लेलूयाह!
   यहोवा प्रभु धरती पर राज्य करने के लिए आते हैं
(‘‘देखो‚ वह आते हैं" जॉन सिनिक‚ १७१८—१७५५;
   चार्ल्स वैस्ली द्वारा शब्द बदले गये‚१७०७—१७८८)

३॰ तीसरा बिंदु‚ मसीह पृथ्वी पर अपना राज्य स्थापित करने आएंगे

आइए‚ अपने स्थानों पर खड़े होकर जर्कयाह १४:९ को जोर से पढ़े

‘‘तब मेरे परमेश्वर यहोवा आएंगे और सब पवित्र लोग उनके साथ होंगे" (जर्कयाह १४:५)

कृपया अपने स्थान पर बैठ जाइए। उस दिन समस्त पृथ्वी पर मसीह ही राजा होंगे। अंततः जो प्रार्थनाएं सच्चे मसीही अनुयायियों ने दो हजार सालों से की है‚ उसका उत्तर सामने आएगा।

‘‘तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है‚ वैसे पृथ्वी पर भी हो" (मत्ती ६:१०)

और पृथ्वी पर उनका राज्य हजार सालों का होगा। कृपया प्रकाशितवाक्य अध्याय २० निकाल लीजिए‚ उसके पद ४ से ६ का वाचन करेंगे। इन पदों को जोर से पढ़िए।

‘‘फिर मैं ने सिंहासन देखे और उन पर लोग बैठ गए और उन को न्याय करने का अधिकार दिया गया; और उन की आत्माओं को भी देखा‚ जिन के सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गए थे; और जिन्हों ने न उस पशु की और न उस की मूरत की पूजा की थी और न उस की छाप अपने माथे और हाथों पर ली थी; वे जीवित हो कर मसीह के साथ हजार वर्ष तक राज्य करते रहे। और जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तक तक शेष मरे हुए न जी उठे; यह तो पहिला मृत्कोत्थान है। धन्य और पवित्र वह है‚ जो इस पहिले पुनरुत्थान का भागी है‚ ऐसों पर दूसरी मृत्यु का कुछ भी अधिकार नहीं‚ पर वे परमेश्वर और मसीह के याजक होंगे और उसके साथ हजार वर्ष तक राज्य करेंगे" (प्रकाशितवाक्य २०:४—६)

यहोवा विटनेस वाले लोग हजार साल के राज्य में विश्वास करते हैं। किंतु वे यह नहीं जानते हैं कि इस राज्य में उनका प्रवेश कैसे होगा! मेरे आफिस में यहोवा विटनेस की एक पुस्तिका है जिसका शीर्षक है ‘‘समस्त क्लेशों का अंत जल्द होने वाला है!" पुस्तिका के अंत में लिखा मिलता है‚ ‘‘जब अंत आएगा‚ तब कौन शेष बचेगा?....... वे ही लोग जिन्होंने यहोवा की इच्छा को जाना है और उसे पूरा किया है।" (‘‘ऑल सफरिंग सून टू एंड!" व्हॉच टॉवर बाइबल एंड ट्रेक्ट सोसायटी ऑफ पेनसिलवेनिया‚ २००५‚ पेज ६) । तो यहोवा विटनेस वाला पंथ सिखाता है कि यहोवा की इच्छा को ‘‘जानना" और उसे ‘‘पूर्ण करना"‚ यहोवा प्रभु के राज्य में प्रवेश की पात्रता है । यह तो बहुत बड़ी गलती है। यह तो कार्यो के बलबूते पर उद्धार प्राप्त करना हुआ — कुछ ‘‘जानने" और फिर उसे ‘‘करने के" द्वारा उद्धार प्राप्त करना! आश्चर्ययुक्त बात है कि यहोवा विटनेस वालों द्वारा की जाने वाली गलती रोमन कैथोलिकों के समान ही है‚ जिसके बारे में वे अक्सर बोलते पाए जाते हैं। कैथोलिक और यहोवा विटनेस दोनों ही उद्धार को कर्मो द्वारा पाने वाली शिक्षा देते हैं‚ वे सिखाते हैं उद्धार कुछ जानने और जानने के बाद उसे करने के द्वारा पाया जाता है!

किंतु बाइबल आप ही शिक्षा देती है कि उद्धार यहोवा के द्वारा प्रदान किये जाने वाला उपहार है‚ कुछ सीखने या करने से नहीं हासिल किया जाता वरन यहोवा की दया से मनुष्य जाति को प्रदान किया जाता है

‘‘क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है और यह तुम्हारी ओर से नहीं वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण‚ ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।" (इफिसियों २:८—९)

जॉन न्यूटन की रचना थी‚

कितना अदभुत अनुग्रह! कितना मधुर स्वर
   कि मेरे जैसे निकम्मे जन को उद्धार दिया!
जो एक बार भटका हुआ प्राणी था‚ किंतु अब मसीह में बचाया गया हूं
   जो अंधा था कभी पर अब नेत्र खुल गये हैं मेरे

यह वो अनुग्रह है जिसने मेरे मन को सिखाया यहोवा का भय मानना
   जिसने मेरे भय से मुक्ति प्रदान की
कितना अनमोल वह अनुग्रह प्रकट हुआ
   उसी घड़ी जब मैंने मसीह पर विश्वास किया
(अमेजिंग ग्रेस‚ जॉन न्यूटन की रचना‚ १७२५—१८०७)

यहोवा आप को इस वचन को पूर्ण करने का अनुग्रह प्रदान करें

‘‘प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करें और आप उद्धार पाएंगे" (प्रेरितों की पुस्तक १६:३१)


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(संदेश का अंत)
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एकल गान जैक नैन द्वारा गाया गया:
     ‘‘वे फिर से आने वाले हैं" (मैबल जॉनस्टन कैंप, १८७१—१९३७)


रूपरेखा

मसीह कैसे पृथ्वी पर अपने साम्राज्य को स्थापित करेंगे

HOW CHRIST WILL SET UP HIS EARTHLY KINGDOM

डॉ आर एल हायमर्स जूनि.
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

‘‘और उस समय वह जलपाई के पर्वत पर पांव धरेगा‚ जो पूरब ओर यरूशलेम के साम्हने है; तब जलपाई का पर्वत पूरब से ले कर पच्छिम तक बीचों—बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्खिन की ओर हट जाएगा। तब तुम मेरे बनाए हुए उस खड्ड से होकर भाग जाओगे‚ क्योंकि वह खड्ड आसेल तक पहुंचेगा‚ वरन तुम ऐसे भागोगे जैसे उस भुईंडोल के डर से भागे थे जो यहूदा के राजा उज्जियाह के दिनों में हुआ था। तब मेरा परमेश्वर यहोवा आएगा और सब पवित्र लोग उसके साथ होंगे तब यहोवा सारी पृथ्वी का राजा होगा; और उस समय एक ही यहोवा और उसका नाम भी एक ही माना जाएगा" (जकर्याह १४:४—५‚९)

१॰ पहली बात‚ मसीह जैतून पर्वत पर पुन: प्रकट होंगे‚
जर्कयाह १४:३—४; प्रेरितों की पुस्तक १:९—१२

२॰ दूसरा बिंदु‚ मसीह अपने सारे संतों के साथ आएंगे‚ जर्कयाह १४:५;
यहूदा १४; प्रकाशितवाक्य १९:१४

३॰ तीसरा‚ मसीह पृथ्वी पर अपना राज्य स्थापित करने आएंगे‚
जर्कयाह १४:९; मत्ती ६:१०: प्रकाशित २०:४—६;
इफिसियों २:८—९; प्रेरितों १६:३१