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यीशु अंधे बरतिमाई को ठीक करते हैं!JESUS SAVES BLIND BARTIMAEUS! डॉ आर एल हायमर्स‚ जूनि और वे यरीहो में आए‚ और जब वह और उसके चेले‚ और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी‚ तो तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अन्धा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था। वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है‚ पुकार पुकार कर कहने लगा; कि हे दाऊद की सन्तान‚ यीशु मुझ पर दया कर। बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे‚ पर वह और भी पुकारने लगा‚ कि हे दाऊद की सन्तान‚ मुझ पर दया कर। तब यीशु ने ठहरकर कहा‚ उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा‚ ढाढ़स बान्ध‚ उठ‚ वह तुझे बुलाता है। वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा‚ और यीशु के पास आया" (मरकुस १०:४६—५०) |
मरकुस अपनी पुस्तक में इस व्यक्ति का विवरण ऐसा लिखते हैं‚ ‘‘तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अन्धा भिखारी" (मरकुस १०:४६)। उन दिनों में यरूशलेम में कई अंधे मनुष्य हो सकते थे। रोमी सत्ता के अधीन यरूशलेम में फसह का पर्व मनाने के उददेश्य से हजारों यहूदियों पास और दूर से आये हुए थे। गलियों की उस भीड़ में अंधा बरतिमाई भी था‚ ‘‘बरतिमाई तिमाई का पुत्र" था। मरकुस इस तरह नाम का परिचय देते हैं‚ कारण‚ वह पूर्वी मसीहियों से उसकी पहचान को अलग करके दिखाना चाहते है। मरकुस चाहते थे कि यरूशलेम के चर्च के मसीही जन जानें कि वह कौन था। चूंकि मरकुस का सुसमाचार बाइबल में वर्णित इस घटना से लगभग ३० साल बाद लिखा गया इसलिए बरतिमाई के जीवित होने की संभावना बनती थी और हो सकता हो कि वह यरूशलेम में चर्च का सक्रिय सदस्य भी हो। अगर वह मर भी गया होगा तो चर्च में कईयों को उसकी याद होगी। अंधा बरतिमाई कैसे ठीक हुआ इससे हम कई बातें सीख सकते हैं।
१॰ पहिली बात‚ आप को कई लोग यीशु के पास आने से रोकेंगे।
बरतिमाई राजमार्ग पर बैठकर भीख मांगा करता था। तब उसे पता चला कि यीशु आ रहे हैं। वह जोरों से पुकार उठा‚ ‘‘कि हे दाऊद की सन्तान‚ यीशु मुझ पर दया कर" (मरकुस १०:४७)। जनसमूह में से कईयों ने उसको झिड़का कि खामोश हो जाये।
क्या ऐसा ही आप के साथ नहीं होता है जब आप यीशु के समीप आना चाहते हैं? जनसमूह आप को रोकने की चेष्टा करता है। अगर आप के मित्र संसारी हैं तो वे आप को रोकने का प्रयास करेंगे। अगर संसारी माता पिता हैं तो अक्सर ही रोकने का प्रयास जारी रहेगा। शैतान स्वयं पीछे नहीं रहेगा कि आप को यीशु के पास आने देवे। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि जितने बरतुल्मैं को रोक रहे थे‚ उनमें शैतानी शक्तियां कार्यरत थीं‚ जब वे उसे यीशु से विनती करने के लिये रोक रहे थे कि‚ ‘‘हे यीशु‚ दाउद की संतान‚ मुझ पर दया कर।" साथ ही‚ आप का भ्रष्ट स्वभाव स्वयं कार्यशील होकर आप को यीशु के पास आने से रोकता है। आप को आत्मिक अंधेपन से छुटकारा पाने के लिये बरतिमाई के समान ही संघर्षरत रहना पड़ता है।
‘‘बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे‚ पर वह और भी पुकारने लगा कि हे दाऊद की सन्तान‚ मुझ पर दया कर" (मरकुस १०:४८)
इस बार उस अंध जन की पुकार में दुगना आवेग था‚ ‘‘हे दाऊद की सन्तान‚ मुझ पर दया कर।" यीशु का का प्रासंगिक कथन है‚ ‘‘सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो" (लूका १३:२४) मसीह को खोजने का संघर्ष बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिये। मसीह मार्ग हैं, ऐसा मानकर उनमें प्रवेश का ‘‘यत्न" करना चाहिये। लूका की पुस्तक १३:२४ पद में यत्न" शब्द यूनानी शब्द ‘‘एगोनीजोमाई" का अनुवाद है। हमारा अंग्रेजी शब्द ‘‘एगोनी" इसी से निकला है। सीधे यीशु तक पहुंचने के लिये पीड़ा, संघर्ष, और द्धंद में से होकर जाना होगा! कइयों के लिये यह बिल्कुल आसान नहीं होगा। नर्क की ताकतें आप के विरूद्ध प्रबल हैं। स्वयं आप का पाप द्वारा अंधा बनाया गया हृदय आप के विरूद्ध जायेगा। आप की भावनायें, विचार और समस्त अस्तित्व आप को यीशु के पास आने से रोकेंगे। अगर यह संघर्ष हार गये तो प्रभु यहोवा से मेल हो पाना असंभव हो जायेगा क्योंकि बाइबल कहती है,
‘‘दुष्टों के लिये शान्ति नहीं है‚ मेरे परमेश्वर का यही वचन है" (यशायाह ५७:२१)
जो उद्धार नहीं पाना चाहते वे प्रार्थना करना व संघर्षरत रहना छोड़ देते है कि उन को यीशु से पापों की क्षमा प्राप्त हो। वे उस संघर्ष में जाना ही नहीं चाहते हैं। वे चर्च में जोंबीज के समान बैठे रहेंगे जब तक कि अंत में शैतान उनको झपट कर न ले जाये। परंतु कुछ हैं जो उद्धार पाते हैं क्योंकि जब तक वे उद्धार नहीं पा लेते हैं यीशु रूपी प्रवेश द्वार से ‘‘प्रवेश का यत्न करना" नहीं छोड़ते हैं! दूसरे ‘‘बहुतेरे प्रवेश करना चाहेंगे और न कर सकेंगे" (लूका १३:२४) । जो उद्धार पा लेते हैं‚ वे हृदय में कहते हैं‚
दुख व अंधेरे के बंधन में से निकलकर‚
यीशु‚ मैं आता हूं‚ यीशु‚ मैं आता हूं;
आप की आजादी‚ खुशी और रोशनी में‚
यीशु‚ मै आप के पास आता हूं।
(‘‘जीजस‚ आय कम" विलियम टी स्लीपर‚ १८१९—१९०४)
आइये इस गीत को गाते हैं!
दुख व अंधेरे के बंधन में से निकलकर‚
यीशु‚ मैं आता हूं‚ यीशु‚ मैं आता हूं;
आप की आजादी‚ खुशी और रोशनी में‚
यीशु‚ मै आप के पास आता हूं।
२॰ दूसरी बात‚ कुछ लोग आप को प्रेरित करेंगे यीशु के पास आने के लिये।
सड़क के जनसमूह में से कइयों ने उसे चुप कराने का प्रयास किया‚ यीशु के पास आने से रोका। तो दूसरी ओर उस भीड़ में ऐसे भी लोग थे‚ जिन्होंने उसका उत्साह बढ़ाया। ‘‘लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा‚ ढाढ़स बान्ध‚ उठ‚ वह तुझे बुलाता है" (मरकुस १०:४९)
ये जग‚ ये देह और शैतान आप के विरूद्ध है। परंतु कुछ भले सच्चे मसीही जन यहां है‚ जो आप के लिये प्रार्थना करेंगे‚ आप का उत्साह बढ़ायेंगे‚ आप से बातें करेंगे‚ आप से यीशु के पास आने के लिये अनुनय करेंगे! सावधानीपूर्वक‚ हमारे सहयोगी पास्टर डॉ कैगन की सुनिये। वह चाहते हैं कि आप यीशु के पास आयें और उद्धार पा जायें। वह एक अति बुद्धिमान व्यक्ति हैं‚ वर्षो से लोगों को मसीहा के पास आने में जो संघर्ष बना रहता है‚ उसमें सहायता कर रहे हैं। ध्यान से सुनिये, वे क्या कहते हैं। वास्तव में उनकी सलाह पर अमल कीजिए — जो वे कहते हैं, कीजिए। हताश मत होइये। यीशु का कथन है‚
‘‘जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा‚ परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा" (मरकुस १६:१६)
आइये ‘‘मैं आता हूं‚ प्रभु" — इस गीत को गाते हैं!
मैं आता हूं‚ प्रभु! आता आप के पास!
मुझे धोकर शुद्ध कर सोते से
जो बहता क्रूस से ही
(मैं आता हूं‚ प्रभु" लैविस हार्टसौ‚ १८२८—१९१९)
३॰ तीसरी बात‚ यीशु ने उसे बुलाकर लाने का आदेश दिया।
‘‘तब यीशु ने ठहरकर कहा‚ उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा‚ ढाढ़स बान्ध‚ उठ‚ वह तुझे बुलाता है" (मरकुस १०:४९)
यीशु प्रचारकों को यही करने की आज्ञा देते हैं। वे हमें आदेश देते हैं कि हम पापियों को यीशु के पास आने के लिये आवाज दें ताकि वे उद्धार पा जायें। वे हमें सुमसाचार सुनाने की आज्ञा देते हैं। यीशु हमसे कहते हैं‚ ‘‘सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो" (मरकुस १६:१५) ‘‘सुसमाचार" का तात्पर्य है ‘‘शुभ संदेश।" शुभ संदेश यह है कि यीशु आपके पापों का मोल चुकाने के लिये क्रूस पर मरे। सुनने के लिये यह शुभ संदेश यह है कि यीशु का लहू आप के सारे पापों को धोकर शुद्ध कर सकता है। सुनने के लिये शुभ संदेश यह है कि यीशु मरने के उपरांत सशरीर पुर्नजीवित हुए ताकि आप को जीवन मिलें। वे स्वर्ग में उंचा उठाये गये और प्रभु यहोवा पिता के पास उनके दाहिने हाथ विराजमान हैं। आप के लिये यह सुनना शुभ संदेश है कि यीशु आप के लिये प्रार्थना कर रहे हैं। और हां, यह सुनना शुभ संदेश है कि आप यीशु के पास सरल से विश्वास के साथ आ सकते हैं और उनके लहू से आप के पापों को धोकर शुद्ध कर सकते हैं। आइये ‘‘मैं आता हूं‚ प्रभु" — इस गीत को गाते हैं!
मैं आता हूं‚ प्रभु! आता आप के पास!
मुझे धोकर‚ शुद्ध कर सोते से
जो बहता क्रूस से ही।
४॰ चौथी बात‚ आप को सीधे यीशु के पास आना चाहिये।
मेरा इस बात पर जोर देना आवश्यक है कि जो चुने हुए लोग हैं‚ वे ही यीशु के पास आ सकेंगे। ध्यान दीजिये‚ राजपथ पर उस दिन विशाल जनसमूह था। तौभी यीशु ने उनमें से किसी को आवाज नहीं दी। पद कहता है‚
‘‘यीशु ने ठहरकर कहा‚ उसे बुलाओ" (मरकुस १०:४९)
बरतिमाई एकमात्र वह जन था जिसे यीशु ने उस बड़े समूह में से प्रभावकारी ढंग से बुलाया। केवल वे जो चुने हुए हैं‚ वे ही यीशु की इस पुकार को सुनेंगें और उनके पास आयेंगे। यीशु के वचन इस प्रकार हैं‚ ‘‘क्योंकि बुलाए हुए तो बहुत परन्तु चुने हुए थोड़े हैं" (मत्ती २२:१४)
इसमें चकित होने की कोई बात नहीं है कि आप चुने हुए हैं या नहीं। उस बारे में विचार मत कीजिए। इससे आप को मदद नहीं मिलेगी। इस बारे में सोचिये भी नहीं और बात भी मत कीजिए। अगर आप चुने हुओं में से होंगे‚ तो आप अपने पाप के बारे में सोचेंगे‚ आप को यीशु की आवश्यकता है‚ इस बारे में सोचेंगे। अगर आप चुने हुए नहीं हैं‚ तो आप अपने चुनाव के बारे में सोचेंगे‚ यीशु के बारे में नहीं सोचेंगे। ध्यान दीजिए कितनी शीघ्रता और सरलता से यह अंधा व्यक्ति मसीहा के पास पहुंच गया। ‘‘वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा और यीशु के पास आया" (मरकुस १०:५०)।
केवल अपने पाप के बारे में सोचिये। यीशु से अपने पाप क्षमा होने और उनके लहू से शुद्ध होने के बारे में सोचिए। केवल यीशु के पास आने के बारे में सोचिए। और यीशु के पास आ जाइये। ‘‘वह आप को बचायेंगे‚ वह आप को बचायेंगे‚ वह अभी आप को बचायेंगे!" आमीन! कृपया‚ अपने स्थानों पर खड़े हो जाइये और गीत संख्या १४ अपनी पुस्तिका में से निकालकर गाइये। ‘‘मैं आता हूं‚ प्रभु" — इसे गाते समय इसके अर्थ को आत्मसात करने की कोशिश कीजिए!
तेरी मधुर स्वागत भरी आवाज‚
मैं सुनता हूं प्रभु‚ बुलाती पास
उस सोते के पाप धो के शुद्ध करने के लिये
सोता जो बहता क्रूस से ही
आता तेरे पास‚ मसीह! आता तेरे पास मसीह!
पाप धो के शुद्ध कर लहू से जो बहता क्रूस से ही
जो बहता क्रूस से ही।
आता हूं प्रभु‚ मैं अशुद्ध निर्बल‚
देख मेरी निर्बल दशा को;
मलीनता से कर पूर्ण शुद्ध और साफ‚
कि एक भी दाग न हो
आता तेरे पास‚ मसीह! आता तेरे पास मसीह!
पाप धो के शुद्ध कर लहू से जो बहता क्रूस से ही
जो बहता क्रूस से ही।
कैसा अदभुत प्यार और विश्वास
आप मुझे यीशु बुलाते हैं‚
पूरी आशा‚ शांति‚ विश्वास के साथ‚
जो पृथ्वी और आकाश में पायी जाती है।
आता तेरे पास‚ मसीह! आता तेरे पास मसीह!
पाप धो के शुद्ध कर लहू से जो बहता क्रूस से ही
जो बहता क्रूस से ही।
(‘‘मैं आता हूं‚ प्रभु" रचनाकार लैविस हार्टसौ‚ १८२८—१९१९)
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व मि बैंजामिन किकेंड ग्रिफिथ द्वारा एकल गान:
‘‘जैसा मैं हूं" (शार्लेट एलियट रचनाकार‚ १७८९—१८७१)
रूपरेखा यीशु अंधे बरतुल्मैं को ठीक करते हैं! JESUS SAVES BLIND BARTIMAEUS! डॉ आर एल हायमर्स‚ जूनि ‘‘और वे यरीहो में आए‚ और जब वह और उसके चेले‚ और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी‚ तो तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अन्धा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था। वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है‚ पुकार पुकार कर कहने लगा; कि हे दाऊद की सन्तान‚ यीशु मुझ पर दया कर। बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे‚ पर वह और भी पुकारने लगा‚ कि हे दाऊद की सन्तान‚ मुझ पर दया कर। तब यीशु ने ठहरकर कहा‚ उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा‚ ढाढ़स बान्ध‚ उठ‚ वह तुझे बुलाता है। वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा‚ और यीशु के पास आया" (मरकुस १०:४६—५०) १॰ पहिली बात‚ आप को कई लोग यीशु के पास आने से रोकेंगे‚ २॰ दूसरी बात‚ कुछ लोग आप को प्रेरित करेंगे यीशु के पास आने के लिये‚
३॰ तीसरी बात‚ यीशु ने उन्हें बुलाकर लाने का आदेश दिया‚ ४॰ चौथी बात‚ आप को सीधे यीशु के पास आना चाहिये‚ |