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चेले और दुष्टात्माएंDISCIPLES AND DEMONS डॉ आर एल हायमर्स‚ जूनि द्वारा लिखा गया |
मसीह अपने चेलों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस विषय पर तीसरा अध्ययन हमारी ओर से आप के लिये प्रस्तुत है।
जैसे जैसे हम सीखते हैं‚ यीशु‚ कैसे उनको प्रशिक्षित करते हैं‚ हम भी सीखते जाते हैं कि आज के समय में चेलों को कैसे सिखायें। जैसे हमारे चर्च युवा बच्चों को सिखाते है‚ उस रीति से तो यीशु ने उनके चेलों को नहीं सिखाया। जिस तरह यीशु चेले बनाया करते थे‚ उस पद्धति पर हमारा पूरा ध्यान केंद्रित होना चाहिये‚ क्योंकि यीशु बहुत सफल थे। और यहीं हमारे चर्च अक्सर विफल! आज की हमारी गलतियों में से एक गलती है कि हम प्रयास करते हैं कि हमारे चेले उद्धार ग्रहण कर लेवें इसके पहिले कि हम उन्हें चेला बनना सिखायें। यीशु ने तीन साल बितायें‚ चेलों को सिखाने में‚ फिर बाद में चेलों ने नया जन्म पाया। उन्हें उद्धार मिला‚ (यूहन्ना २०:२२; जे वर्नान मैगी और थॉमस हैल) तो यह बड़ा भेद है‚ जो यीशु की पद्धति थी और जो आज हम करने का प्रयास करते हैं।
एक और बड़ा भेद उन विषयों का है‚ जो यीशु सिखाया करते थे। सबसे प्रारंभ में यीशु ने उन्हें बुलाया और कहा‚ ‘‘मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा" (मरकुस १:१७) । उन्होंने उन्हें एक बड़े अभिप्राय से प्रशिक्षित किया कि — वे दूसरे लोगों को चेले बन जाने में सहायता करने के लिये सक्षम ठहरें। यीशु उन्हें बताते हैं कि प्रारंभ से उनका यही ध्येय रहा है। और मेरा भी यही ध्येय रहा है। मैं यहां आप को बाइबल की कहानियां सुनाने के लिये नहीं हूं, जैसा वर्तमान में संडे स्कूल में प्रचलित है। मेरा लक्ष्य है आप को मनुष्य की आत्माओं को जीतने वाला बनाऊँ। कि आप अन्यों को भी लेकर आयें, मसीह का अनुसरण करने के लिये। खोये हुए लोगों को मसीह के लिये जीतने वाला बनाना मेरा ध्येय है। मसीह ने बहुत आरंभ में ही उन्हें इस लक्ष्य का परिचय दे दिया था (मरकुस १:१६—२०)।
दूसरी बात जो मसीह ने उनको सिखाई कि कैसे शैतान और उसकी दुष्टात्मा से निपटा जाये (पढ़िये मरकुस की पुस्तक अध्याय १:२१—२७)।
‘‘और वे कफरनहूम में आए और वह तुरन्त सब्त के दिन सभा के घर में जाकर उपदेश करने लगा। और लोग उसके उपदेश से चकित हुए; क्योंकि वह उन्हें शास्त्रियों की नाईं नहीं परन्तु अधिकारी की नाई उपदेश देता था। और उसी समय‚ उन की सभा के घर में एक मनुष्य था‚ जिस में एक अशुद्ध आत्मा थी। उस ने चिल्लाकर कहा‚ हे यीशु नासरी‚ हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नाश करने आया है? मैं तुझे जानता हूं‚ तू कौन है? परमेश्वर का पवित्र जन! यीशु ने उसे डांटकर कहा‚ चुप रह; और उस में से निकल जा। तब अशुद्ध आत्मा उस को मरोड़कर और बड़े शब्द से चिल्लाकर उस में से निकल गई। इस पर सब लोग आश्चर्य करते हुए आपस में वाद—विवाद करने लगे कि यह क्या बात है? यह तो कोई नया उपदेश है! वह अधिकार के साथ अशुद्ध आत्माओं को भी आज्ञा देता है और वे उस की आज्ञा मानती हैं" (मरकुस १:२१—२७)।
आगे देखिये। दूसरी चीज जो मसीह ने उनके चेलों को सिखाई कि उनकी सामर्थ‚ शैतान और उसकी दुष्टात्माओं के उपर प्रबल है। रिफर्ममेशन स्टडी बाइबल कहती है (पेज २९०)‚
ये जो दुष्टात्माएं हैं‚ वे गिराएं हुए स्वर्गदूत हैं.....जो शैतान की सेवा करते हैं। ये भी शैतान के विद्रोह में शामिल होने के कारण‚ स्वर्ग से गिराये गये थे.....शैतान की दुष्टात्माओं वाली ये सेना‚ धूर्तता और निराशाजनक बातें कई रूप में (प्रयोग में) लाती है। उनका विरोध करना आत्मिक संघर्ष करना है (इफिसियों ६:१०—१८)
एक नये चेले के रूप में यीशु चाहते हैं कि आप शैतान और उसके साथ की दुष्टात्माओं के बारे में जानें। यीशु का सामना दुष्टात्मा ग्रसित मनुष्य से हुआ। किंग जेम्स बाइबल में दुष्टात्मा के लिये अंग्रेजी में ‘‘डेविल" शब्द का प्रयोग किया गया है। मरकुस अध्याय १:३९ को पढ़िये‚
‘‘सो वह (यीशु) सारे गलील में उन की सभाओं में जा जाकर प्रचार करते और दुष्टात्माओं को निकालते रहे" (मरकुस १:३९)
जब आप यीशु के चेले बन जाते हैं‚ आप को अपने आसपास की दुष्टात्माओं के प्रति चौकस हो जाना चाहिये। दुष्टात्मा बाइबल में दिये गये सत्य के प्रति लोगों को अंधा बना देती हैं। वे आप को भयभीत करेंगी और हमारे चर्च में आने से रोकेंगी। दुष्टात्मा आप को रोकेंगी ताकि आप यीशु के अनुयायी बनने का प्रयास न करें। डॉ थॉमस हेल ने कहा था‚
हमें यह याद रखना आवश्यक है कि दुष्टात्मा ग्रस्त होना मानसिक रोग से ग्रसित होने का रूप नहीं है। दुष्टात्मा या शैतानी आत्माएं‚ शैतान की सेवा करती हैं। वे दुष्ट कार्य करने वाली होती हैं। जब वे मनुष्य में प्रवेश करती हैं तो उसे शैतान का बंदी या गुलाम बना देती हैं। केवल यीशु की सामर्थ से इन दुष्टात्माओं पर जयवंत हुआ जा सकता है और ग्रसित मनुष्य को छुटकारा मिलता है (थॉमस हैल‚ एम डी‚ दि अप्लाईड न्यू टेस्टामेंट कमेंटरी; मरकुस १:२१—२८ पर व्याख्या)
मादक दवाओं के सेवन से‚ तंत्र — मंत्र के प्रयोग करने से और परमेश्वर यहोवा के विरोध में गहन विद्रोह करके‚ लोग दुष्टात्मा ग्रस्त हो जाते हैं।
‘‘अहा" कोई कह सकता है कि ‘‘मैंने मादक दवा का सेवन नहीं किया‚ न तंत्र मंत्र में भाग लिया है‚ मैंने ऐसा कोई विद्रोहीपन भी नहीं किया है।" मैं खुश हूं कि आप इन पापों से बचे रहे। परन्तु इसके उपरान्त भी आप के विचारों को ‘‘आकाश के अधिकार के हाकिम" (शैतान; इफिसियों २:२) द्वारा उष्मा प्रदान की गयी। आप की अपरिवर्तित विचार धारा का पोषक शैतान रहा है जिसे बाइबल में ‘‘आकाश के अधिकार के हाकिम" कहा गया है।
दूसरा कार्य जो शैतान करता है कि आप को सत्य जानने की ओर से अंधा बना देता है। इसके लिये २ कुरूंथियों ४:३ को पढ़िये‚
‘‘परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है‚ तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है। और उन अविश्वासियों के लिये‚ जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है‚ ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है‚ उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके" (२ कुरूंथियों ४:३—४)
‘‘इस संसार के ईश्वर" का सटीक अनुवाद ‘‘इस युग के ईश्वर" के रूप में किया गया है। शैतान इस युग का ईश्वर है। शैतान ने उन दिमागों को अंधा बना दिया है ‘‘जो विश्वास नहीं करते हैं।" आप को अचरज होता होगा कि आप सुसमाचार को क्यों नहीं समझ पाते हैं। उत्तर आसान है — इस युग के ईश्वर (शैतान) ने आप के दिमाग को बंद कर दिया है। किंतु मसीह की सामर्थ शैतान या अन्य किसी दुष्टात्मा से बढ़कर है। इसीलिए तो मसीह ने आसानी से कफरनहूम नामक जगह में उस दुष्टात्मा को बाहर निकाल दिया। मसीह ने कहा‚ ‘‘उसमें से बाहर निकल आ" और ‘‘वह उसमें से बाहर निकल आयी" (मरकुस १:२५‚ २६)
अगर आप सच्चे क्रिश्चियन और यीशु के चेले बनना चाहते हैं‚ तो आप के विचारों पर शैतान के नियंत्रण की जगह मसीह का नियंत्रण होने दीजिए। एक हिप्पी ने डॉ हायमर्स को कहा था‚ ‘‘मुझे दिमाग के प्रतिरोपण की आवश्यकता है।" त्रस्त होने की अधिकतम सीमा आ चुकी होगी। उस युवा को जो चाहिये था वह यह कि यीशु उसके दिमाग को स्वच्छ करते। यीशु इसे जिस तरह करते हैं, वह बड़ा आसान है। वह आप के दिमाग को परमेश्वर यहोवा के वचन — बाइबल से शुद्ध कर देते हैं। बाइबल इसे ‘‘वचन के द्वारा जल के स्नान से शुद्ध करना" कहती है (इफिसियों ५:२६)। भजन संहिता में कहा गया है,
‘‘तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है‚ उससे भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं" (भजन संहिता ११९:१३०)
क्या आप यीशु के अनुयायी होना चाहते हैं? प्रारंभ करने का एक व्यवहारिक तरीका है। हर रात सोने से पहिले डॉ हायमर्स के संदेश को हमारी वेबसाईट पर से पढ़िये। हमारी वेबसाईट का नाम www.sermonsfortheworld.com है। अगर आप डॉ हायमर्स के संदेश को प्रति रात्रि पढ़ेंगे तो उसमें प्रयुक्त बाइबल के पद और टिप्पणियां आप के दिमाग को स्वच्छ कर देंगी। आप यीशु पर जल्द ही विश्वास करने लगेंगे और उद्धार प्राप्त करेंगे! आइये‚ अपने स्थानों पर खड़े होकर भक्ति गीत‚ संख्या ५‚ ‘‘मैं जानता हूं कि बाइबल सत्य है‚" को गाते हैं।
मैं जानता हूं कि बाइबल यहोवा का वचन है‚ प्राचीन या नया नियम;
प्रेरित‚ पवित्र वचन‚ जीवित वचन‚ मैं जानता हूं बाइबल सत्य है।
मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य;
संपूर्ण वचन दिव्य रूप से प्रेरित‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य।
मैं जानता हूं बाइबल पूरी सत्य है‚ वह शांति उसने मेरे भीतर भर दी;
यह मुझे खोज लेती है‚ दिन हर दिन विश्राम देती है‚ देती है पाप के उपर विजय।
मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य;
संपूर्ण वचन दिव्य रूप से प्रेरित‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य।
शत्रु निर्भीक होकर करें इंकार‚ संदेश पुराना मगर आज भी नया‚
इसका सच जितनी बार सुनुं‚ मधुर लगे मुझे‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य।
मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ मैं जानता हूं‚ है बाइबल सत्य।
संपूर्ण वचन दिव्य रूप से प्रेरित‚ मैं जानता हूं है बाइबल सत्य ।
(‘‘मैं जानता हूं है बाइबल सत्य" डॉ बी बी मैकेनी द्वारा रचित‚ १८८६—१९५२)
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व मि बैंजामिन किकेंड ग्रिफिथ द्वारा एकल गान:
‘‘मैं जानता हूं है बाइबल सत्य" (डॉ बी बी मैकेनी द्वारा रचित‚ १८८६—१९५२)