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शिष्य बनने के लिये निमंत्रण

THE CALL TO DISCIPLESHIP
(Hindi)

डॉ आर एल हायमर्स जूनि.
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की संध्या लॉस ऐंजीलिस के बैपटिस्ट टैबरनेकल में
१ जुलाई‚ २०१८ को प्रचार किया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Evening, July 1, 2018

‘‘उस ने सब से कहा‚ यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२३—२४)


मसीह ने यह बातें किससे कहीं? उन्होंने सभी १२ चेलों से ये बाते कहीं। परन्तु उन्होंने ये बातें समानांतर पाठयांश मरकुस ८:३४ में समस्त लोगों से भी कहीं‚

‘‘उस ने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उन से कहा जो कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर‚ मेरे पीछे हो ले" (मरकुस ८:३४)

तो यह स्पष्ट है कि यीशु ने अपने १२ शिष्यों के अतिरिक्त — बहुत से उनके आगे बनने वाले अनुयायियों से भी यह बातें कहीं। यीशु का शिष्य होने के लिये आप को स्वयं का इंकार करना होगा और अपना क्रूस उठाना होगा और उनके पीछे हो लेना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं‚ तो आप सच्चे मसीही जन नहीं हैं — केवल एक नामधारी मसीही बनेंगे और वह भी कमजोर दुर्बल इवेंजलीकल! यीशु कहते हैं‚ ‘‘क्या आप मेरे अनुयायी बनेंगे? तो आप को अपना इंकार करना होगा और क्रूस उठाना होगा और मेरा अनुसरण करना होगा।"

क्या होगा अगर आप ऐसा करने से मना कर देंगे? नीचे लिखे पद में इसका उत्तर है। पद २४ को पढ़िये‚

‘‘क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२४)

दो प्रकार के लोग हैं जो हमारे चर्च में आते हैं। मैं उन्हें ‘‘ग्रहिता" और ‘‘दाता" कहकर पुकारता हूं। ‘‘ग्रहिता" वे हैं जो चर्च से कुछ ‘‘पाने" के लिए आते हैं। ‘‘दाता" वे हैं जो स्वयं को मसीह के शिष्य बनने के लिए अर्पित कर देते हैं। आप स्वार्थी लोगों से सौ कुर्सियां भर सकते हैं। इससे क्या अंतर पड़ेगा? इससे यह चर्च मृत समान होगा और सौ और मृतक समान लोग इस चर्च को खत्म कर डालेंगे! वे रविवार संध्या की आराधना में भी नहीं आयेंगे! वे इवेंजलीकल ‘‘ग्रहिता" कहलायेंगे। वे लोग‚ जो केवल लेते जाते हैं‚ चर्च को लूटते हैं — वे कभी चर्च की सहायता नहीं करते हैं। वे कभी मसीह के शिष्य नहीं बन पाते हैं! वे चर्च को बर्बाद करते हैं! क्या आप ऐसे लोगों को चर्च में लेकर आने का साहस नहीं करते हैं! ‘‘कम‚ ज्यादा अच्छा होता है‚ अधिक होने से ।"

‘‘क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२४)

कोई कहता है कि‚ ‘‘हमें तो बहुत कुछ छोड़ना पड़ेगा — यीशु का शिष्य बनकर त्याग करना होगा।" इसलिए ऐसा जन सब कुछ खो देता है और नर्क जाता है! यीशु पर विश्वास करना है तो आप किसी ओर पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। अगर आप यीशु मसीह को छोड़कर‚ और किसी चीज पर विश्वास करेंगे‚ तो आप सब कुछ खो देंगे!

‘‘क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२४)

जब मैं सत्रह साल का था‚ मैंने ‘‘प्रचार करने के लिए स्वयं को समर्पित" कर दिया था। मुझे यह पुराने चलन का पद पसंद है ‘‘प्रचार के लिये समर्पित" कर देना। अब मैं यह पद नहीं सुनता हूं। परन्तु यह हमेशा से ही सत्य है। एक सच्चे प्रचारक को प्रचार के लिए स्वयं को ‘‘समर्पित" करना पड़ता है। वह जानता है कि यह आसान नहीं है। वह जानता है कि वह बहुत अधिक पैसे नहीं कमा पाएगा। वह जानता है कि लोग उसकी प्रशंसा नहीं करेंगे। वह जानता है कि थोड़े कष्ट और दुख से होकर उसको निकलना होगा। अच्छे प्रचारक आगे आने वाली इन बातों को जानते हैं। वे यह भी जानते है कि उनको वर्षो तक स्कूल जाना होगा — एक ऐसी नौकरी के लिये जिसमें तनख्वाह ज्यादा नहीं है — एक ऐसी नौकरी जिसे लोग व्यर्थ समझते हैं — एक नौकरी जिसकी हंसी उड़ाई जायेगी और संसार के अधिकतर लोग जिसके विरोध में ही रहेंगे।

जब मैं १७ साल का हुआ, मैंने उन बहुत सी बातों को बहुत जल्दी समझ लिया। मुझे आठ साल लगे, रात्रिकालीन कॉलेज से डिग्री लेने के लिये (दिन में आठ घंटे काम करना और रात में कॉलेज जाना)। मैं एक दिन में १६ घंटे कार्य करता था‚ सप्ताह में सात दिन लगातार‚ ताकि रात्रि कॉलेज की फीस चुका सकूं। मुझे तीन और साल बिताने पडे कि जिस सेमनरी को मैं नापसंद करता था‚ वहां से मास्टर्स की डिग्री लेने के लिए। इस प्रकार का चर्च पाने में मुझे चालीस से उपर साल लगे। कोई पूछे कि क्या मैं सब फिर से करूंगा? ओह हां! इस बारे में कोई संदेह नहीं!

मैंने क्यों इन बातों का बखान किया? मैंने प्रचार कार्य करने के लिए स्वयं को समर्पित किया था। बिल्कुल सरल सी बात थी। अगर मैं १७ साल का हो जाउं और फिर मुझे यह करना पड़े तो क्या मैं करूंगा? ओह हां! बिल्कुल करूंगा! कोई प्रश्न ही नहीं उठता! मैंने पाया है‚ इस अविश्वास के समय में परमेश्वर यहोवा के द्वारा ठहराये गये प्रचारक बनने में बड़ा संतोष है! अगर मुझे इस संसार में किसी भी दूसरी नौकरी का प्रस्ताव मिलता — जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति से लेकर एकेडेमी अवार्ड जीतने वाले एक्टर तक ही क्यों न हो‚ मैं बिना झिझके इस चर्च के पास्टर होने का चुनाव करता। और परमेश्वर यहोवा जानते हैं कि मैं आप को सच बता रहा हूं! मेरा बेटा राबर्ट‚ ऐसा ही करता।

इन महान क्रिश्चियंस साथियों की ओर देखिये‚ जब हमारा चर्च बिखर रहा था‚ ये यहीं ठहरे रहे। हम इन लोगों को ‘‘थर्टी नाइन" कहते हैं। इनके सारे मित्र छोड़कर जा चुके हैं। इन्होंने अपने एक एक मित्र को खो दिया — चर्च के विभाजन में! क्या आप सोचते है कि यह आसान था? जितने मसीहियों को मैं जानता हूं — जिसमें आप सारे युवा लोग भी शामिल है‚ आप सबसे कहीं बढ़कर‚ इन्होंने इतनी कड़ी मेहनत की है। उन्होंने हजारों हजारों डॉलर — दशमांश और उससे भी बढ़कर दिये हैं। वे हर सभा में आते रहे और रात रात तक कार्य करते रहे — इस चर्च को बचाने के लिये। इनमें से कईयों के बच्चें ने मुंह मोड़ लिया‚ इस संसार के संसारीपन में खो गए। इन लोगों ने बहुत हानि सहन की है इस चर्च को‚ प्रभु यीशु के लिये बचाने के लिये।

इनसे पूछिये कि क्या उन्हें यीशु के लिए अपना सब कुछ देने का खेद हुआ है! पूछिये उनसे! उनसे पूछिये! इस चर्च को यीशु मसीह के लिये बचाते बचाते कईयों ने अपने जीवन को नष्ट कर लिया। उनसे पूछिये कि क्या उन्होंने कोई गलती की! उनसे पूछिये कि क्या वे इसे फिर से करना चाहेंगे। आगे बढ़िये और उनसे पूछिये!

मि. प्रुद्योमे से पूछिये। उन्होंने अपना घर एक स्विमिंग पूल समेत खो दिया है। उस महिला ने उसे ले लिया। वह सारी रात उन पर चिल्लाई। उन्हें ऐसा लगा कि जैसे वे नर्क में रह रहे हैं। उसने उनके जीवन को नष्ट करके रख दिया। आप जानते है कि ये किसने किया? क्या मि प्रुद्योमें ने कोई गलती की? क्या सब कुछ खो देने का उन्होंने खेद व्यक्त किया? क्या अपने आप का इंकार करते हुए और अपना क्रूस उठाकर यीशु मसीह के पीछे चलते हुए‚ उन्होंने अपने दुख को पीछे पलटकर देखा। नहीं‚ वह उस दुख का स्मरण नहीं करते हैं! मैंने उन्हें नहीं बताया था कि मैं आज उनके बारे में बोलने जा रहा हूं। मुझे उनको कहने की जरूरत भी नहीं। वह अपनी आत्मा की गहराई में जानते हैं‚ ‘‘क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा‚ परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२४) मिसिस सालाजर से पूछिये! आगे आइये‚ और उनसे पूछिये। उनके पति का देहान्त हो चुका है। उनके बच्चे जा चुके हैं। उनसे पूछिये कि क्या उनको दुख है कि उन्होंने क्रूस उठाया और यीशु के पीछे हो लीं। मैंने ये सब बोलने से पहिले उनसे भी इजाजत नहीं ली। क्योंकि उनसे पूछने की मुझे आवश्यकता ही नहीं है। मैं जानता हूं कि वे यही सब बातें फिर से करने को तैयार रहेंगी। क्योंकि वे जानती हैं कि‚ ‘‘जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।" मिसिस हायमर्स से पूछिये। मुझसे विवाह करके उन्हें कुछ नहीं मिला! हमारे पास कुछ नहीं था। हम एक कमरे में रहते थे। कोई फर्नीचर नहीं था। कोई टी.वी. नहीं था। हम फर्श पर बैठा करते थे और पिंजरे में तोते को देखा करते थे‚ जो किसी ने हमें दिया था। बिल्कुल कम तनख्वाह थी। हरेक ने हम पर हमला बोला। वह भी मेरे साथ सहन करती रहीं — एक के बाद एक चर्च के बंटवारे ने मुझे भीतर ही भीतर तोड़ कर रख दिया था। कोई छोटी युवा स्त्री इतना सब सहन नहीं कर सकती थी‚ जो आज दिख रहे इस महान चर्च के लिये उन्होंने किसी जमाने में सहन किया। उनसे पूछिये कि क्या उन्होंने कोई गलती की। पूछिये उनसे कि क्या वह ऐसा जीवन फिर दोहरायेंगी। उनके बारे में यह सब कहने के पहिले मैंने उनसे इजाजत नहीं ली। और मुझे उनसे पूछने की आवश्यकता भी नहीं! मैं जानता हूं कि वे यीशु के लिये फिर से ये सब करने के लिए तैयार रहेंगी! मि. ली से पूछिये। उनके माता पिता सदा के लिये उनसे नाता तोड़ गये क्योंकि उन्होंने यीशु के क्रूस को उठाकर चलने का निर्णय ले लिया था। तो उनसे पूछिये कि अपने जीवन को इस तरह दांव पर लगाकर उन्होंने कोई गलती की। मैं जानता हूं कि वे यह सब फिर से करेंगे। बिना कुड़कुड़ाये या बिना शिकायत के। मि. मत्सूसाका से पूछिये। चाहते तो वे पुलिस में भर्ती हो जाते। वे तो उनको चाहते थे। परन्तु उस नौकरी में ऐसा टाईम टेबल हो जाता कि चर्च के कार्यो में उनका हाथ बंटाना असंभव हो जाता। मै जानता हूं कि कब उन्होंने उस अच्छी नौकरी को छोड़ दिया कि हमारे साथ इस चर्च को बचाने में सहयोग देते। मैं याद करता हूं कि कैसे उन्होंने अपना क्रूस उठाया और उन ‘‘थर्टी नाईन" में से एक बन गये। परमेश्वर यहोवा आप को आशीषित करें, प्रिय भाई! जो आप ने किया मैं वह कभी नहीं भूलूंगा — और न परमेश्वर आप को भूलेंगे! जॉन सैम्यूएल कैगन आप के उदाहरण से बचे हैं। आप ने बहुत त्याग किया। परन्तु यह उसी का नतीजा है कि आप को इस चर्च के लिये अगले पास्टर मिल गये। जब मसीह लौटेंगे, तब आप ‘‘दाता" के रूप में बने रहने का आनंद जानेंगे, न कि ‘‘ग्रहिता" होने का आनंद! आप सदा मसीह के साथ उनके राज्य में वास करेंगे। जिम एलिएट जनजातियों के मध्य में सुसमाचार फैलाते समय मारे गये, वह शहीद हुए। और यह जिम एलिएट ही थे, जिन्होंने कहा था,

‘‘वह मूर्ख नहीं हो सकता‚ जो कभी न खोने वाली चीज को पाने के लिए अपना सब कुछ खो सकता है"

आमीन।

हमारे चर्च के एक युवा ने डॉ कैगन को कहा कि‚ ‘‘मैं अब एक व्यवसायिक हूं। मैं चर्च में दो घंटे अतिरिक्त कार्य नहीं कर सकता हूं।" डॉ कैगन ने कहा‚ ‘‘मि. चान के बारे में आप का क्या कहना है? वह भी तो एक मेडीकल डॉक्टर हैं। वह भी व्यवसायी हैं! वह तो चर्च में अनगिनित घंटे कार्य करते रहते हैं — जितना कोई नहीं करता‚ सबसे बढ़कर अनगिनित घंटे कॉलेजों में सुसमाचार के प्रसार के लिये देते हैं।" सच में‚ डॉ चान को देखिये! वह जानते हैं कि यीशु सही थे — ‘‘जो कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर‚ मेरे पीछे हो ले" (लूका ९:२३)। तब डॉ कैगन को देखिये। उन्हें बहुत अधिक रूपयों वाली नौकरी का प्रस्ताव मिला था‚ जिससे सारी सुरक्षा और लाभ जुड़े हुए थे — एक बार नहीं‚ चार बार प्रस्ताव मिले। उन्होंने सारे प्रस्तावों को ठुकरा दिया। क्यों? क्योंकि उनको लॉस ऐंजीलिस छोड़ना पड़ता और न्यूयार्क या वाशिंगटन डी सी में नौकरी के लिये जाना पड़ता। उन्होंने इस चर्च में बने रहने के लिए‚ इसको बंटवारे से बचाने के लिये — हजारों हजार डॉलर की नौकरी को ठुकरा दिया — सारे आकर्षक प्रस्ताव को ठुकरा दिया। क्या वह मूर्ख थे? जिम एलिएट जो मसीह के लिए शहीद हुए‚ उनको सुनिए। उनके कहे शब्दों को अपनी बाइबल के सामने वाले पृष्ठ पर लिख लीजिए।

‘‘वह मूर्ख नहीं हो सकता‚ जो कभी न खोने वाली चीज को पाने के लिए अपना सब कुछ खो सकता है" (जिम एलिएट‚ मसीह के लिए शहीद)

मैं ऐसे इन ‘‘थर्टी नाईन" लोगों में से प्रत्येक द्वारा क्रूस उठाने का जिक्र कर सकता हूं कि कैसे उन्होंने स्वयं का त्याग किया — मि. सॉंग‚ मि. मेन्शिया‚ मि. ग्रिफिथ — जो स्वयं को चर्च तक घसीट कर लाये‚ जब कैंसर की सर्जरी के बाद उनके शरीर में नली डली हुई थी। मैं देख सकता हूं उनका सफेद पड़ता चेहरा‚ भौंह के बीच से बहता पसीना‚ वह पुल्पिट का सहारा लेकर कि बेहोश न हो जायें‚ गीत — गाते रहे

सोने चांदी के बजाय मैं लूंगा यीशु को‚
   अनकही दौलत रखने के बजाय‚ मैं उनका हो जाना पसंद करूंगा;
जो यह संसार दे सकता है आज उस सब कुछ के
   बजाय मै यीशु के साथ रहना चाहूंगा

क्या मि ग्रिफिथ मूर्ख थे?

‘‘वह मूर्ख नहीं हो सकता‚ जो कभी न खोने वाली चीज को पाने के लिए अपना सब कुछ खो सकता है"

मैं इन ‘‘थर्टी नाईन" लोगों में से प्रत्येक पुरूष और प्रत्येक महिला के बारे में बता सकता हूं — जिन्होंने अपना इंकार किया और यीशु मसीह का अनुसरण करने के लिये प्रतिदिन अपना क्रूस उठाया और प्रभु यीशु मसीह के लिये इस जीवित चर्च को कायम रखा!

जब हमने इस इमारत पर से पूरा कर्ज चुका दिया‚ तो मैं आप युवा लोगों से अनुरोध करता हूं कि जरा ठहर जायें और सोचें इस विषय पर। हम तो जल्द ही गुजर जायेंगे किसी दिन। आर्गन बजाने के लिये मि. रूप की जगह कौन लेगा? कौन मि. रूप की जगह लेगा कि प्रवेश द्वार की निगरानी करे? कौन आप में से जिम्मेदारी लेगा‚ हर दिन की‚ हर रात की — आप में से कौन अपना इंकार करेगा और रिचर्ड और रोनेल्ड ब्लैंडिन का स्थान लेगा? कौन अपने जीवन को खोना पसंद करेगा‚ हर घंटे‚ प्रति घंटे‚ हर एक दिन‚ बिना कोई सांसारिक पारितोषिक के‚ उन लोगों की जगह लेने के लिये जो चले गये? — क्योंकि हम ‘‘थर्टी नाईन" में से प्रत्येक जन जल्द ही चले जायेंगे — आप विचार हीन युवा लोगों के सोचने से भी जल्दी। तो कौन स्थान लेगा मिसिस कुक का किचन में? कौन स्थान लेगा विली डिक्सन का? आप उनके द्वारा तैयार किया हुआ भोजन करते हैं। परन्तु मैं जानता हूं कि आप में से एक भी जन भोजन पकाने में उनकी बराबरी नहीं कर सकता। मैं नहीं जानता कि कौन उन बूढ़े व्यक्ति का स्थान लेगा! क्या आप जानते भी है कि वह क्या करते हैं? कौन अपने कुछ दिन और रात आप को खिलाने के लिये खर्च करेगा? तो क्या वह मूर्ख हैं?

‘‘वह मूर्ख नहीं हो सकता‚ जो कभी न खोने वाली चीज को पाने के लिए अपना सब कुछ खो सकता है"

आप जवान लोगों में से कौन अपना सर्वस्व त्यागने के लिये तैयार है कि ये चर्च आगे के और तीस और चालीस साल इतनी ही सामर्थ से चल सके? डॉ कैगन भी चले जायेंगे। कौन उनका स्थान लेगा? डॉ चान भी चले जायेंगे? उनकी जगह कौन लेगा? आप में से अधिकतर जन मि. डिक्सन‚ रिक और रॉन ब्लैंडिन का स्थान नहीं ले सकते हैं! आप क्या सोचते हैं कि वे इतने महत्वपूर्ण लोग नहीं हैं‚ परन्तु आप उन का स्थान भी नहीं ले सकते हैं! इसमें आत्म त्याग की जरूरत पड़ेगी। इसमें क्रूस उठाने की जरूरत होगी। यीशु ने कहा था‚

‘‘उस ने सब से कहा‚ यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा‚ परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२३—२४)

जब परमेश्वर यहोवा ने डॉ कैगन को इस सेवा के लिये निमंत्रित किया‚ डॉ कैगन पास्टर वर्मब्रैंड द्वारा लिखित पुस्तक टार्चर्ड फॉर क्राईस्ट पढ़ रहे थे। उनके लिये पास्टर वर्मब्रैंड से अनुराग रखना स्वाभाविक था क्योंकि वह भी पास्टर वर्मब्रैंड के समान एक यहूदी थे। जब उन्होंने ‘‘टार्चर्ड फॉर क्राईस्ट" को पढ़ा‚ उन्होंने विचार किया कि उन्हें भी एक ऐसे चर्च को ढूंढना चाहिये जिसमें ऐसे त्यागमयी मूल्य निहित हों जैसे पास्टर वर्मब्रैंड ने सिखाये। डॉ कैगन ने मुझे यूसीएलए के पास गली में प्रचार करते हुए देखा। उन्होंने देखा कि लोग मुझ पर चिल्ला रहे थे और चीजें फेंक रहे थे। डॉ कैगन ने सोचा‚ ‘‘यह वह व्यक्ति है जिसका प्रचार मुझे सुनना चाहिए।" तो उन्होंने पता किया कि हमारा चर्च कहां हैं और वे चर्च आये। दूसरी रात डॉ कैगन ने मुझे यह संदेश देते हुए सुना‚ ‘‘आप दूसरी बातों के लिये दिन और रात इतनी मेहनत करते हैं‚ तो क्यों नहीं मसीह के लिये स्वयं को झोंक दें?"

डॉ कैगन उस समय केवल बीस साल के थे। एक युवा के मन में ऐसा विचार! कितनी अदभुत बात! ‘‘आप किसी और कार्य में स्वयं को झोंकने जा रहे हैं।" बेशक! हर कोई कभी न कभी किसी कार्य के लिये स्वयं को ‘‘झोंक देता" है! फिर ऐसा समय आता है कि आप की ताकत चूकने लगती है। बाल गिरने लगते हैं। चेहरे पर झुर्रियां छा जाती है। जीवन सर्वोत्तम तक पहुंचने के लिये कड़ी मेहनत मांगता है। वह दिन भी दूर नहीं होता जब आप को पता चलता है कि आप बूढ़े हो रहे हैं। तब आप बिल्कुल खत्म हो चुके होते हैं और मर जाते हैं। ‘‘आप किसी न किसी कार्य से बिल्कुल थक चुके होंगे।" हां‚ सचमुच‚ यह आप सब के साथ होगा। आप बिल्कुल थक चुके होंगे!

तो फिर इससे भी गहरा एक विचार उपजता है कि — ‘‘क्यों न मसीह के लिये ही थका जाये?" सारे महान मसीही अनुयायी बरसों से ऐसी ही बातें सोचते आये हैं — ‘‘कि आप किसी न किसी चीज को करके थकने वाले हैं‚ तो क्यों मसीह के लिये ही थका जाये?" मैं नहीं जानता कि आपने हैनरी मार्टिन (१७८१—१८१२) के बारे में पढ़ा है या नहीं, और उनके समान ३१ साल की उम्र में स्वयं को मसीह के लिये झोंक देना चाहेंगे। मैं नहीं जानता कि आपने राबर्ट मैकेने (१८१३—१८४३) के बारे में पढ़ा होगा, और जैसे उन्होंने अपने को २९ साल की उम्र में मसीह के कार्य के लिये झोंक दिया, वैसा आप भी चाहेंगे। आप में से कुछ तो इतने भयभीत हो जायेंगे कि उनके बारे में विकिपीडिया में भी नहीं पढ़ेंगे। क्या आप को भय है कि ये जीवनियां आप को प्रभावित करेंगी? कहां गये राबर्ट मैकेने और हैनरी मार्टिन जैसे लोग? कहां है ग्लेडिस आयलवार्ड जैसी जवान महिलायें? हम कभी वैसा चर्च नहीं हो सकते जो युवाओं को मसीह का शिष्य होने के लिये प्रेरित करे‚ जब तक कि आप स्वयं लोगों को राह दिखाने वाले शिष्य न बन जायें!

हमारे चर्च की ही मिसिस कुक उन बूढ़े व्यक्ति से अनुराग रखने लगीं जो उनके जन्म लेने से बीस साल पहिले मर चुके थे। वह व्यक्ति बहुत धनवान परिवार में पैदा हुआ, सारी दौलत उन्हें मिली हुई थी। विश्व प्रसिद्ध ऐथलीट थे वे। उसके बाद में वे यीशु के शिष्य हो गये। उन्होंने सावधानीपूर्वक सोच विचार कर अपना सारा पैसा दान दे दिया। फिर वे चीन के आंतरिक इलाकों में मिशनरी होकर चले गये। नास्तिकों के मध्य प्रचार करने के लिये यहोवा परमेश्वर से मिले आमंत्रण के कारण, वे चौदह साल अपनी पत्नी और बच्चे से अलग रहे। तत्पश्चात अफ्रीका के मध्यवर्ती क्षेत्र में गये और एक नये मिशन कार्य का आरंभ किया। सुदूर अफ्रीका में ही उन्होंने प्राण त्यागे। सारा भविष्य और पैसा — मसीह के लिये कुर्बान कर दिया गया। उनका घर और पारिवारिक जीवन भी खत्म हो गया। जीवन का अंत आ पहुंचा तो बोले‚ ‘‘मैं नहीं जानता कि और मेरे पास अब और क्या है‚ जो मैं प्रभु यीशु मसीह के लिये त्याग दूं।" हमारी मिसिस कुक उन बूढ़े व्यक्ति से अनुराग रखने लगीं जो उनके जन्म लेने से बीस साल पहिले मर चुका था। मैं खुश हूं कि उन्होंने अनुराग रखा। अगर वे उनसे प्रेम नहीं रखती और उनसे प्रभावित नहीं होतीं तो वे भी एक दूसरी मध्य वय की स्वार्थी महिला होती जो फरनेंडो वैली में अच्छी नस्ल के कुत्ते पालती होतीं। परन्तु चूंकि वे सी टी स्टड से प्रभावित थीं, तो अब वे सैकड़ों घंटे लॉस ऐंजीलिस के मध्य भाग में युवाओं को मसीही शिक्षा देते हुए गुजारती हैं। कुछ साल पहिले मिसिस कुक ने मेरे लिए पटिये पर कारीगरी तैयार की जिस पर उनके नायक‚ सी टी स्टड का कहा महावाक्य लिखा हुआ था। मैं प्रतिदिन अपने अध्ययन कक्ष में इसे देखता हूं। उस पर ये पंक्तियां अंकित है,

‘‘केवल एक जीवन है‚
   उसे जल्द बीत जाना है;
मसीह के लिये जो किया गया
   बस वह शेष रह जायेगा "
—    सी टी स्टड

और यीशु हम सब से यह कहते हैं‚

‘‘उस ने सब से कहा‚ यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा‚ परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका ९:२३—२४)

हमारा चर्च मसीह के सारे युवा शिष्यों से भरा हुआ होना चाहिये‚ अगर हम कुछ दूसरे युवाओं को बचाना चाहते हैं और उन्हें भी मसीह के शिष्य बनने के लिये प्रशिक्षित करना चाहते हैं! आइये मेरे साथ खड़े होकर यह गीत गाइये‚ ‘‘मोर लव टू दी"

मुहब्बत हो गयी‚ तुमसे ऐ मसीह‚ इतनी अधिक मुहब्बत हो गयी!
   सुनते हो मेरी बिनती जो मैं घुटनों पर झुककर करूं ;
यही मेरे दिल की सच्ची इल्तिजा है‚ कर सकूं मसीह‚ तुमसे मुहब्बत‚
   गहरी और गहरी‚ तुमसे मुहब्बत बड़ी गहरी!

एक बार चाही दुनिया की खुशी‚ मिली जब तेरी शांति और आराम;
   अब सिर्फ तुम्हें ही ढूंढता हूं‚ जो देते सबसे उत्तम अनुग्रह;
बस यही विनती रहेगी मेरी: कर सकूं मसीह‚ तुमसे मुहब्बत‚
   गहरी और गहरी‚ तुमसे मुहब्बत बड़ी गहरी!

मेरी हर सांस अभी जो निकले‚ करे तेरी सराहना;
   मेरे दिल से जो निकले बस वही एक हो पुकार;
तब भी यही प्रार्थना रहेगी मेरी: कर सकूं मसीह‚ तुमसे मुहब्बत‚
   गहरी और गहरी‚ तुमसे मुहब्बत बड़ी गहरी!
(‘‘तुमसे मुहब्बत बड़ी गहरी" इलिजाबेथ प्रेंटिस‚ १८१८—१८७८)


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व मि बैंजामिन किकेंड ग्रिफिथ द्वारा एकल गान:
‘‘तुमसे मुहब्बत बड़ी गहरी" (इलिजाबेथ पी. प्रेंटिस‚ १८१८—१८७८)