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उनके रक्त से हम शुद्ध हुए!

BY HIS BLOOD WE ARE CLEANSED!
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स जूनि.
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

ल्योस ऐंजीलिस बैपटिस्ट टैबरनेकल में‚ रविवार संध्या २८ जनवरी‚ २०१८
को प्रचार किया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, January 28, 2018

‘‘वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दुखी पुरूष था‚ रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया‚ और‚ हम ने उसका मूल्य न जाना" (यशायाह ५३:३)

‘‘परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया‚ वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया.........कि (उसके घावों से) कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं" (यशायाह ५३:५)


पिछले रविवार की संध्या को मैंने मसीह के रक्त की आवश्यकता के उपर संदेश सुनाया था (‘‘रक्त के साथ और रक्त के बिना")। उस संदेश में दो बिंदु थे। पहिला‚ मसीह के रक्त के बिना आप के जीवन का क्या होगा? दूसरा‚ अगर आप के पास मसीह का रक्त है तो आप के साथ क्या होगा?

नर्क का वर्णन केवल बिंदु के आरंभ के दो संक्षिप्त पैरा में करने के बाद मैंने पूरे बिंदु में पाप का वर्णन किया। मैंने कहा‚ ‘‘बिना यीशु के रक्त के आप के पाप से छुटकारा नहीं है। यीशु के रक्त बिना आप को पाप से आजादी नहीं मिलेगी। यीशु के रक्त बिना आप के पाप से रिहाई संभव नहीं है। यीशु के रक्त बिना आप को पाप से क्षमा नहीं है।" तब मैं दूसरे बिंदु पर गया कि‚ ‘‘अगर आप के पास मसीह का रक्त है तब आप के जीवन का क्या होगा।" मैंने चार पेज के संपूर्ण संदेश से आप को यह सुनाया कि मसीह के अदभुत रक्त में वह सामर्थ है जो ‘‘आप के पापों को मिटा डालेगी ‘‘आप को पापों से क्षमा मिलेगी"‚ ‘‘आप के लिये पापों से रिहाई पाना संभव है"‚ ‘‘आप को पापों से माफी मिलेगी"‚ ‘‘आप को मसीह का रक्त स्वर्ग ले जायेगा"। मैंने कहा जो स्वर्ग में पहुंचेंगें वे इस गीत को गायेगे कि ‘‘हम मसीह के रक्त से छुटकारा पाये हुए लोग हैं।" मैंने फैनी क्रासबी के पद का उद्धरण दिया कि‚ ‘‘हम मेम्ने के रक्त से शुद्ध हुए लोग हैं।" मैंने स्पर्जन के महान कथन का उद्धरण दिया‚ ‘‘जिस सुसमाचार में मसीह के रक्त का वर्णन नहीं....वह शैतान का सुसमाचार है।" मैंने चार्ल्स वैस्ली के गीत को बताया‚ जिसके शब्द हैं,

उनका रक्त मलिनतम को भी शुद्ध कर सकता है
उनका रक्त मेरे लिये उपलब्ध है
   (‘‘ओ फॉर ए थाउजैंड टंग्स‚" रचयिता चार्ल्स वैस्ली‚ १७०७—१७८८)

मैंने आप से यह गीत गंवाया था। फिर मैंने आप को यह गीत गाने के लिये कहा‚ ‘‘मसीह के रक्त में सामर्थ है‚ सामर्थ है‚ मेम्ने के कीमती रक्त में अदभुत कार्य करने वाली सामर्थ" (लैविस इ जोंस‚ रचयिता‚१८६५—१९३६)। देखा जाये तो मैंने इस गीत को आप से तीन बार गंवाया! तत्पश्चात मैंने सदी के महान प्रचारक‚ आक्टेवियस विनस्लो के उपर एक गद्यांश प्रचारित किया‚ जिन्होंने कहा था‚ ‘‘मसीह के सामने घुटने टेको और अपने विवेक को मसीह के रक्त से शुद्ध करो‚ वह रक्त जो आप के सारे दोषों को क्षमा करता‚ ढांपता और निरस्त करता है।" तब मैंने स्पर्जन का वर्णन किया‚ जिन्होंने एक युवा को कहा‚ ‘‘मसीह मात्र के पास आओ‚ वे अपने कीमती रक्त से तुम्हारे पापों को मिटा देंगे।" उसके बाद मैंने एक गीत ‘‘जैसा मैं हूं बिन योग्यता" का संदर्भ दिया‚ जो कहता है यीशु का रक्त ‘‘मेरे लिये बहाया गया।" तब मैंने यह कहते हुए संदेश का अंत किया कि‚ ‘‘यीशु पर विश्वास कीजिये‚ उनके पास आइये। यीशु के कीमती रक्त से अपने पापों से शुद्ध हो जाइये।" मैं नहीं जानता कि इससे और बढ़कर मैं और कितना स्पष्ट कर सकता था!

रविवार की सुबह के संदेश में जॉन कैगन ने प्रीऐमीनेंस ऑफ क्राईस्ट पर संदेश दिया। उन्होंने कुलुस्सियों की पुस्तक १:१४ में से संदर्भ देते हुए अपने संदेश को समाप्त किया।

‘‘जिसके रक्त के द्वारा हमकों पापों से छुटकारा और पापों की क्षमा प्राप्त होती है।"

तब मि कैगन ने कहा‚ ‘‘मसीह का रक्त आप के लिये प्रायश्चित बन जायेगा। अपने आप को मसीह की दया के उपर छोड़ दीजिये। वह एकमात्र अपने रक्त से आप के पापों को धो सकते हैं। मेरी प्रार्थना है कि आज आप मसीह पर विश्वास लायेंगे।" मि ग्रिफिथ के गान ‘‘ओ सेक्रेड हैड नाउ वुंडेड‚" के बाद जॉन कैगन का संदेश प्रारंभ हुआ था। यह गीत मसीह के रक्तिम त्याग की सराहना करता है। सचमुच, मेरा संदेश भी मि ग्रिफिथ के गीत के बाद आरंभ हुआ। जिसके रचयिता विलियम कूपर लिखते हैं ‘‘देअर इज ए फाउंटेन" इसके बोल — हिंदी में इस प्रकार हैं‚

इम्मानुएल के लहू से एक सोता बहता है,
   एक सोता बहता है;
और उसमें डूबते पापी लोग‚
   रंग पाप का छूटता है।

यीशु के रक्त का इतना गुणगान गाने और उनके उपर भरपूर प्रचार करने के उपरांत भी आप लोगों में से कुछ भटके हुए लोगों पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ा! किसी पर भी जरा प्रभाव नहीं पड़ा! कल संध्या के संदेश के बाद एक लड़की मुझसे मिलने आयी। मैंने उससे कहा, ‘‘घुटने के बल बैठ जाओं और यीशु पर विश्वास लाओ। उसने मेरी ओर क्रोध से देखा और कहा, नहीं! मेरे लिये इस बात पर विश्वास करना बहुत कठिन है! तो वह मेरे पास क्यों आयीं? क्या उसने यह सोचा कि मेरे पास आना उसको पापों से छुटकारा दिलायेगा? मैं चकित रह गया! तब एक युवा मुझसे मिलने आया। उसकी आंखे आंसुओं से भरी हुई थी मैंने सोचा कि ‚उसके भीतर उसके पापों से पश्चाताप के आंसू होंगे। परंतु नहीं! वह केवल नर्क जाने से डर रहा था‚ जिसका मैंने वर्णन थोड़ा ही किया था! वह नर्क जाने से डर रहा था! बस यही सारी बात थी! परंतु उसने अपने पाप के बारे में कुछ नहीं बताया। उसने एक शब्द नहीं कहा — एक भी शब्द नहीं — यीशु के रक्त के बारे में और उस रक्त की पाप शुद्ध करने वाली सामर्थ के बारे में! सोचिये एक भी शब्द नहीं कहा — यद्यपि‚ वह यीशु के शुद्ध कर देने वाले रक्त के बारे में दिन भर सुनता रहा — रविवार को जॉन कैगन के सुबह के संदेश से लेकर रविवार रात को मेरे संदेश तक। क्या उन सारे गीतों में यीशु के रक्त का गुणगान नहीं गाया गया। ऐसा प्रतीत हुआ कि उसने रविवार को सारे दिन यीशु के शुद्ध करने वाले रक्त के बारे में एक भी शब्द नहीं सुना — क्योंकि एक भी शब्द उसे याद नहीं था!

क्यों वह लड़की गुस्सैल चेहरा लिये हुए आयी‚ एक मिनिट भी उसने यीशु के प्रेम और हमारे पापों के लिये रक्तिम त्याग के बारे में नहीं सोचा? क्यों वह लड़का नर्क के डर से आ गया —किंतु यीशु के शुद्ध करने वाले रक्त के विषय में एक भी शब्द नहीं कह पाया? इसका उत्तर इस संदेश के आरंभ के पद में मिलता है‚

‘‘वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था....लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया और हम ने उसका मूल्य न जाना" (यशायाह ५३:३)

मेरे प्रिय मित्रों‚ भटके हुए पापियों को यीशु के इंकार करने और त्यागने से बचाने के लिये अनुग्रह के आश्चयकर्म की जरूरत होती है। पवित्र आत्मा की आवश्यकता होती है‚ जो भटके हुए इंसान को जगाये कि वह अपना चेहरा यीशु से नहीं छिपाये — और पाप से शुद्ध करने वाले उसके कीमती रक्त को महिमा देना आरंभ करे।

हमारा दूसरा पद बताता है कि कि आप को पापों से बचाने के लिये यीशु ने क्या किया‚ भले ही आज तक आप उनको मानने से इंकार करते आये और उन्हें तुच्छ जाना। भले ही आप ने उनका और उनके रक्त पर विश्वास लाने से इंकार किया‚ परंतु‚

‘‘परन्तु वह आप के अपराधो के कारण घायल किया गया‚ वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया....कि (उसके घावों से) कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं" (यशायाह ५३:५)

पिछले रविवार की रात अपने संदेश को आरंभ करने से पहिले मैंने दो युवा महिलाओं की गवाही पढ़ी‚ जो स्पर्जन के चर्च में जाया करती थीं। पहिली महिला की गवाही में यह कहा गया था‚

मि स्पर्जन के प्रचार को सुनने से पहले उनका मन कड़ा ही था। अपने पापों के न्याय के बारे में सुनकर वह बहुत भयभीत हो गयीं। वह चर्च निरंतर आती रहीं‚ किंतु बेहद निराशा में उनके आगामी महिनें व्यतीत हुए। तत्पश्चात‚ उन्होंने स्पर्जन को यीशु के प्रेम के विषय में प्रचार करते हुए सुना (और) उन्होंने यीशु और उनके द्वारा हमारे लिये बहाये गये रक्त के उपर विश्वास किया और आनंदित हुई। एकमात्र यीशु पर उन्होंने विश्वास किया और उद्धार प्राप्त किया।

दूसरी महिला की गवाही में यह कहा गया था‚

मैरी जोंस स्पर्जन को उत्सुकतावश सुनने के लिये आयीं थीं। किंतु भय वश उसने चर्च जाना छोड़ दिया। कहा, ‘‘काश मैं उनको प्रचार करते हुए सुनने के लिये कभी नहीं गयी होती। मैंने दृढ़ संकल्प किया कि अब पुन चर्च नहीं जाउंगी। परंतु दूर रहकर मैं और परेशान महसूस करने लगी। अगर उनको प्रचार करते हुए सुनुंगी, तो भी अंर्तद्वंद से जूझूंगी और उनसे दूर रहने पर भी। अंततः द्वंद समाप्त हुआ। मैंने मसीह पर विश्वास किया और उनमें मुझे शांति और विश्राम की प्राप्ति हुई। जब तक मैंने और चीजों में शांति की तलाश करना नहीं छोड़ा‚ तब तक मुझे शांति की प्राप्ति नहीं हुई। इसके पहिले मैं हर प्रकार के यत्न कर चुकी थी। किंतु कहीं से मुझे शांति नहीं मिली‚ केवल मसीह और उनके बहाये गये रक्त में मुझे पापों से मुक्ति प्राप्त हुई।"

हमने छुटकारा पा लिया है! इस गीत को मेरे साथ गाइये!

मुक्ति पाई‚ मुक्ति पाई‚ मेम्ने के रक्त से मुक्ति पाई;
मुक्ति पाई‚ मुक्ति पाई‚ उनकी संतान मै बना रहूंगा सदा।
(‘‘मुक्ति पाई‚" फैनी क्रासबी द्वारा रचित‚ १८२०—१९१५)

इस को मेरे साथ पुनःगाइये!

मुक्ति पाई‚ मुक्ति पाई‚ मेम्ने के रक्त से मुक्ति पाई;
मुक्ति पाई‚ मुक्ति पाई‚ उनकी संतान मै बना रहूंगा सदा।

जो रक्त हमको छुटकारा देता है‚ वह कोई साधारण रक्त नहीं है। प्रेरितों के कार्य २०:२८ से हमें ज्ञात होता हैं कि मसीह का रक्त कितना महान है। पौलुस ने इफिसियों के चर्च के अगुवों से कहा था,

‘‘परमेश्वर की कलीसिया की अगुवाई कीजिये‚ जिसे उन्होंने अपने स्वयं के रक्त से खरीदा है"

क्या आप सोचते हैं कि किंग जेम्स बाइबल का अनुवाद गलत है? तो न्यू इंटरनेशनल अनुवाद से सुनिये‚

‘‘परमेश्वर की मंडली के चरवाहे बनियें‚ जिसे उन्होंने अपने स्वयं के रक्त से खरीदा है"

शायद आप अब भी सहमत नहीं हुए होंगे। तो मैं आप को न्यू अमेरिकन स्टैंडर्ड अनुवाद से पढ़कर बताता हूं‚

‘‘परमेश्वर के चर्च की देखरेख कीजिये जिसे उन्होंने स्वयं अपने रक्त से खरीदा है"

तो स्पष्टतः हम देख सकते हैं कि यीशु का रक्त जो आप को आप के पापों से शुद्ध कर सकता है‚ वह कोई साधारण रक्त नहीं था। ‘‘परमेश्वर के रक्त" द्वारा हमने पापों से शुद्धता पाई है। यीशु मसीह त्रिएकत्व के दूसरे व्यक्ति हैं — परमेश्वर के पुत्र हैं। इस तरह परमेश्वर ही अवतारित हुए। परमेश्वर ही मानव रूप धारण कर आये। इसलिये उनके रक्त को ‘‘परमेश्वर का रक्त" कहना उपयुक्त है। इसीलिये महान स्पर्जन ने कहा था‚ ‘‘ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे परमेश्वर का रक्त धो न सके।" चार्ल्स वैस्ली ने बहुत अच्छे रूप में इसे कहा है‚

वह निरस्त किये पापों के बल को तोड़ता है‚
वह कैदी को आजाद करता है;
उसका रक्त भ्रष्टतम को शुद्ध करता है‚
उनका रक्त मेरे लिये उपलब्ध है।
(‘‘ओ फॉर ए थाउजैंड टंग्स टू सिंग‚" चार्ल्स वैस्ली‚ १७०७—१८८८;
      ‘‘ओ सेट यी ओपन अनटू मी" की धुन पर सज्जित)

इसे मेरे साथ गाइये!

वह निरस्त किये पापों के बल को तोड़ता है‚
वह कैदी को आजाद करता है;
उसका रक्त भ्रष्टतम को शुद्ध करता है‚
उनका रक्त मेरे लिये उपलब्ध है।

क्या आप सोचते हैं कि आप के तो ऐसे कोई पाप नहीं हैं? मैं सोचता हूं कि आप भी चार्ल्स वैस्ली जैसे ही हैं जब उन्होंने उद्धार नहीं प्राप्त किया था। एक सप्ताह में वह कई बार उपवास रखते थे। क्या आप उपवास रखते हैं? वह घंटों प्रार्थना में बिताया करते थे? क्या आप ऐसा करते हैं? वह अमेरिकन इंडियंस के लिये मिशनरी बनकर भी गये। क्या आप जायेगे? उन्होंने यह नहीं स्वीकार किया था कि वे अपने से दिल में एक पापी मनुष्य हैं। वे स्पर्जन के चर्च में आयी उस युवा लड़की के समान थे‚ जिसने गवाही दी कि‚

जब तक मैंने और चीजों में शांति की तलाश करना नहीं छोड़ा। तब तक मुझे शांति की प्राप्ति नहीं हुई। इसके पहिले मैं हर प्रकार के यत्न कर चुकी थी। किंतु कहीं से मुझे शांति नहीं मिली‚ केवल (मसीह पर विश्वास रखने से) और उनके बहाये गये रक्त में मुझे शांति प्राप्त हुई।

क्या आप ने भी ऐसा नहीं किया? आप भी पहले सारे प्रयत्न कर चुके हैं। परंतु उनसे आप को शांति प्राप्त नहीं हुई — क्या हुई? क्या आप को शांति मिली? बिल्कुल नहीं! और आप को कभी शांति मिलेगी भी नहीं। कभी शांति नहीं मिलेगी! कभी शांति नही मिलेगी! आप को तब तक शांति नहीं मिलेगी‚ जब तक आप सारे प्रयास बंद नहीं कर देते हैं और यीशु से स्वीकार करते हैं कि आप को उनकी आवश्यकता है‚ उनका बचाने — वाला रक्त ही आप को शांति दे सकता है!

दूसरी महिला की गवाही में यह कहा गया था‚

वह चर्च निरंतर आती रहीं‚ किंतु बेहद निराशा में उनके आगामी महिनें व्यतीत हुए। तत्पश्चात‚ उन्होंने स्पर्जन को प्रचार करते हुए सुना (और अंततः) उन्होंने यीशु और उनके द्वारा हमारे लिये बहाये गये रक्त के उपर विश्वास किया और आनंदित हुई। एकमात्र यीशु पर उन्होंने विश्वास किया और उद्धार प्राप्त किया।

जब तक मैंने और चीजों में शांति की तलाश करना नहीं छोड़ा। तब तक मुझे शांति की प्राप्ति नहीं हुई। इसके पहिले मैं हर प्रकार के यत्न कर चुकी थी। किंतु कहीं से मुझे शांति नहीं मिली‚ केवल मसीह पर विश्वास रखने से और उनके बहाये — गये रक्त में मुझे शांति प्राप्त हुई।

बाइबल कहती है‚

‘‘जिसके रक्त के द्वारा हमकों पापों से छुटकारा और पापों की क्षमा प्राप्त होती है।"

तब मि जॉन सैम्यूएल कैगन ने पुनः कहा‚ ‘‘मसीह का रक्त आप के लिये प्रायश्चित बन जायेगा। अपने आप को मसीह की दया के उपर छोड़ दीजिये। वह एकमात्र अपने रक्त से आप के पापों को धो सकते हैं। मेरी प्रार्थना है कि आज आप मसीह पर विश्वास लायेंगे।"

‘‘वह तुच्छ जाना जाता......और लोग उस से......मुख फेर लेते थे। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया‚ वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया ....कि (उसके घावों से) कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं" (यशायाह ५३:३‚५)

‘‘बिना लोहू बहाए क्षमा नहीं होती" (इब्रानियों ९:२२)। परंतु परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं कि ‘‘उनके पुत्र यीशु मसीह का रक्त हमें सारे पापों से शुद्ध करता है" (१ यूहन्ना १:७)। सचमुच‚ आज रात शार्लेट एलियट (१७८९—१८७१) के शब्द आप के शब्द हो सकें जैसे उन्होंने इस गीत को रचा था,

जैसा मैं हूं बिन योग्यता
पर करके आसरा लहू का;
क्योंकि आप ने मेरे लिये छुटकारा रखा है‚
ओ मेम्ने परमेश्वर के‚ मैं आता हूं! मैं आता हूं!

पंद्रह साल के जॉन सैम्यूएल कैगन ने कहा था‚

मुझे शांति नहीं मिल रही थी......मैं अपने आप में बहुत व्यथित हो रहा था......संघर्ष करते करते थक गया था। मैं हर चीज से बहुत थक गया था......मुझे उद्धार प्राप्त हो सके इस प्रयास के करने से थक गया था। मैं यीशु पर विश्वास लाना चाह रहा था‚ किंतु नहीं ला पा रहा था। मैं अपने आप को मसीह को नहीं सौंप सका। मैं उनका अनुयायी हो जाउं‚ मैं यह निर्णय नहीं ले पा रहा था। इसीलिये बहुत हताश था......उन्होंने तो मेरे लिये अपने प्राण दिये। यीशु तो मेरे लिये क्रूस पर चढ़े......इस विचार ने मुझे तोड़ दिया। मुझे अब सारी बातें जाने देना चाहिये......अब मुझे केवल यीशु की आवश्यकता थी। उसी क्षण मैंने उनके समक्ष समर्पण किया और विश्वास से उनके पास आया....अपने सरल मन के साथ, और उनमें मुझे विश्राम मिला और अंततः पापों की क्षमा मिली! उन्होंने अपने रक्त से मेरे पापों को धो दिया!....अब मुझे किसी भावना की आवश्यकता नहीं थी। मेरे पास स्वयं यीशु थे! यीशु के उपर विश्वास लाने से मुझे महसूस हुआ कि मेरी आत्मा से पापों का बोझ उठा लिया गया। मैंने अपने पापों से मुंह मोड़ा और केवल यीशु की ओर देखा! यीशु ने मुझे बचा लिया.......मेरा विश्वास यीशु में है क्योंकि उन्होंने मुझे बदल कर रख दिया......उन्होंने मुझे जीवन और विश्राम प्रदान किया.....यीशु मेरे पास आये इसलिये मैं उन्हें कभी नहीं छोडूंगा.....उन्होंने अपने रक्त से मेरे पापों को धो दिया।

जैसा मैं हूं बिन योग्यता
   पर करके आसरा लहू का;
क्योंकि आप ने मेरे लिये छुटकारा रखा है‚
   ओ मेम्ने परमेश्वर के‚ मैं आता हूं! आता हूं!

जैसा मैं हूं‚ निज पापों का‚
   एक दाग न दूर कर सकूंगा‚
तेरे रक्त से एक एक दाग मिटेगा‚
   ओ मेम्ने परमेश्वर के‚ मैं आता हूं! आता हूं!

जैसा मैं हूं‚ तू ही देवेगा‚
   देवेगा‚ छुटकारा‚ क्षमा‚ शुद्धता‚
और मुझे ग्रहण करेगा‚
   ओ मेम्ने परमेश्वर के‚ मैं आता हूं! आता हूं!

तेरे रक्त से जो एक एक दाग मिटा देता है‚
   ओ मेम्ने परमेश्वर के‚ मैं आता हूं! आता हूं!

क्या आप यीशु के पास आयेंगे और उनके कीमती रक्त से अपने पापों को धोयेंगे? अगर आप यीशु के पास आना चाहते हैं‚ हम आप के लिये प्रार्थना करने की राह देख रहे हैं। जब तक दूसरे लोग रात्रि भोजन ग्रहण करने के लिये उपर जाते हैं‚ आप आगे की पंक्तियों में आकर बैठ सकते हैं। आमीन।


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकेड ग्रिफिथ का एकल गान:
‘‘क्रूसित यीशु के रक्त से बचाया गया" (द्वारा एस जे. हैंडरसन‚१९०२)