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मूल पाप और उसके बचाव पर लूथर की शिक्षायें(प्रोटेस्टैंट पुर्नज्जागरण की ५०० वीं वर्षगांठ पर दिया गया संदेश) डॉ आर एल हिमर्स द्वारा ल्योस ऐंजीलिस बैपटिस्ट टैबरनेकल‚ रविवार संध्या २९ अक्टो‚ २०१७ ‘‘क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से‚ बुरी बुरी चिन्ता‚ व्यभिचार। चोरी‚ हत्या‚ पर स्त्रीगमन‚ लोभ‚ दुष्टता‚ छल‚ लुचपन‚ कुदृष्टि‚ निन्दा‚ अभिमान और मूर्खता निकलती हैं। ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं" (मरकुस ७:२१−२३) |
फरीसियों ने यीशु के उपर यह दोषारोपण किया कि उनके शिष्यों ने भोजन करने के पहिले हाथ नहीं धोये। उन्होंने देखा कि रिवाज के विपरीत शिष्यों ने बिना हाथ धोये भोजन ग्रहण किया इसलिये उन्होंने उन्हें अशुद्ध कहा। परंतु यीशु ने उनको उत्तर दिया कि जो भोजन हम ग्रहण करते हैं वह हमें भ्रष्ट नहीं करता परंतु जो बातें हमारे हृदय में पायी जाती हैं‚ वे हमें अशुद्ध बनाती हैं (मरकुस ७:२३) ‘‘क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से बुरी बुरी चिन्ता बाहर निकलती है" (मरकुस ७:२१)।
बाइबल प्रारंभ से अंत तक हमें यह बताती है कि हमारे हृदय अशुद्ध हैं। बाइबल कहती है‚ ‘‘मन तो.....अधिक धोखा देने वाला होता है‚ उस में असाध्य रोग लगा है उसका भेद कौन समझ सकता है?" (यिर्मयाह १७:९) बाइबल कहती है, ‘‘हम तो अपनी ही कल्पनाओं के अनुसार चलेंगे और अपने बुरे मन के हठ पर बने रहेंगे" (यिर्मयाह १८:१२)। बाइबल कहती है, ‘‘क्योंकि उनका हृदय उसकी ओर दृढ़ न था" (भजन ७८:३७)। मूर्ख ने अपने मन में कहा है‚ ‘‘कोई परमेश्वर है ही नहीं" (भजन १४:१)। डॉ वाटस ने अपने किसी भजनों में से एक में आप के हृदय के बारे में कहा था।
‘‘बाहरी कोई उपाय (आप को) शुद्ध नहीं कर सकता;
कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा है" −
आप के दुष्ट हृदय में बहुत विपरीत गहराई से बसा है। बाइबल ‘‘अविश्वास करने वाले दुष्ट हृदय" के बारे में कहती है (इब्रानियों ३:१२)
‘‘बाहरी कोई उपाय (कोई बाहरी पद्धतियां − जैसे पापियों के लिये ठहराई हुई पश्चाताप की प्रार्थना दोहराना पापों से (आप को) शुद्ध नहीं कर सकती है; कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है" −
क्या ऐसा नहीं है? क्या ऐसा नहीं है? आप जानते हैं यह ऐसा ही है! कोई भी संकल्प लेना या प्रार्थना दोहराना आप को शुद्ध नहीं कर सकता। आप का इस विषय में कुछ भी सीखना या महसूस करना आप को शुद्ध नहीं कर सकता! और आप इस बात को जानते हैं। आप के अविश्वासी हृदय की दुष्टता में ‘‘(पाप रूपी) यह कोढ़ बहुत गहरा बसा" हुआ है! और आप इस बात को जानते हैं − क्या नहीं जानते हैं?
अगर आप ईमानदार हैं तो आप जानते हैं कि यह सत्य है। जो बाहरी पाप आप ने किया उसे करने से पहले आप उसे जानते थे। आप ने जानते बूझते हुए इसे किया। आप बिल्कुल जानते थे कि आप क्या कर रहे हैं। अगर आप जानते थे कि यह गलत था तो आप ने इसे क्यों किया? अपनी अपरिवर्तित दशा में आप ने अंधकार से प्रेम किया। आप ने पाप का आनंद उठाया। पाप करते हुए आप प्रसन्न थे। आप को इसका स्वाद अच्छा लगा। आप जानते थे कि यह गलत है तौभी आप को यह अच्छा लगा! आप के पापी हृदय की सच्चाई उजागर करने के कारण आप मुझे नापसंद करते हैं! आप के पापी हृदय की सच्चाई आप को बर्दाश्त नहीं होती है। यह आप की भर्त्सना करती है और सच्चाई सुनकर आप परेशान होते हैं! ‘‘यह कोढ़ बहुत गहरा बसा" हुआ है! आप का हृदय विकृत एवं पथभ्रष्ट है! क्या सही है अथवा गलत है, यह जानने के स्थान पर आप पाप का आनंद उठाते हैं। आप के अविश्वासी हृदय की दुष्टता में यह कोढ़ बहुत गहरा बसा हुआ है! मैं डॉ मार्टिन ल्योड जोंस के संदेश की व्याख्या कर रहा हूं जो एक मेडीकल डॉक्टर थे और आप के जैसे पापी हृदय के बारे में सब जानते थे!
हां‚ आपने यह संदेश पहले भी सुना था। मैंने अपने संदेश में नामान के कोढ़ से शुद्ध होने की व्याख्या डॉ मार्टिन ल्योड जोंस से ली है। एक युवा जो उद्धार पाने में सहायता के लिये आना चाहता था, यह संदेश सुनने के बाद तेजी से चला गया। अपने पापों से छुटकारा पाने के लिये बात करने के लिये वह डॉ कैगन के पास नहीं आया। वह चला गया और जाकर डॉ मार्टिन ल्योड जोंस के संदेश पढ़े कि वास्तव में डॉ ने ऐसा लिखा था या नहीं! निसंदेह डॉ ल्योड जोंस ने अपने संदेश ‘‘मनुष्य की आधारभूत परेशानी" में ऐसा कहा था। डॉ ने कहा था, ‘‘आप ने जानते बूझते हुए इसे किया‚ आप बिल्कुल जानते थे कि आप क्या कर रहे थे। अगर आप जानते थे कि यह गलत था तो आप ने इसे क्यों किया?...... चलिये ईमानदार रहकर स्वयं का सामना करें। हमारे स्वभाव ही ऐसे हैं। हमारे स्वभाव को अंधकार पसंद है, प्रकाश हमें भाता नहीं। हमारे स्वभाव विकृत एवं पथभ्रष्ट हैं! वे गलत का चुनाव करते हैं और भलाई के बजाय दुष्टता का आनंद लेते हैं...... हम जानते हैं कि क्या सही है या क्या गलत हैं तौभी हमारे स्वभाव ऐसे हैं कि हम भली बातों को पसंद नहीं करते हैं.....यह हमारा स्वभाव है जो गलत है, हमारा हृदय, हमारा निहित व्यक्तित्व और अस्तित्व.....हमारे पाप सकारात्मक हैं, सोच समझकर, विचारपूर्वक किये गये पाप हैं!" ये बिल्कुल डॉ मार्टिन ल्योड जोंस के शब्द हैं − जिनको मैंने उदधत किया है! (पढ़िये डॉ मार्टिन ल्योड जोंस‚ इवेंजलिस्टिक सर्मन एट एबेरावॉन, बैनर ऑफ ट्रूथ‚ २०१०‚ पेज ६५−७७) ।
‘‘बाहरी कोई उपाय (आप को) शुद्ध नहीं कर सकता है; कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
जिन्होंने नया जन्म प्राप्त कर लिया है‚ वे मार्टिन ल्योड की व्याख्या से लिये गये मेरे संदर्भ से सहमत होंगे। परंतु जो युवा उद्धार पाने का स्वांग रच रहा था, ऑडिटोरियम से बाहर चला गया। अगले सप्ताह उसने ढूंढने का प्रयास किया कि वास्तव में मैंने उसके अपने दुष्ट हृदय के लिये ये बातें कहीं थी अथवा नहीं। उसने ऐसा क्यों किया? क्योंकि उसका स्वयं का हृदय दुष्टता के अविश्वास से भरा हुआ है! इसलिये यह कार्य किया! हे युवा जन‚
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
क्योंकि कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
मेरे बेटे, तुम इस सत्य से भाग नहीं सकते हो। डॉ ल्योड जोंस बिल्कुल वैसा ही विश्वास करते थे जैसा मैंने तुम्हारे पापी और विद्रोही स्वभाव के विषय में बताया! आज संध्या मैं आप से कहता हूं आप को उद्धार तब तक नहीं मिल सकता जब तक आप अपने आप से और परमेश्वर के समक्ष यह स्वीकार नहीं कर लें कि आप का हृदय ‘‘विकृत एवं पथभ्रष्ट" है जैसा कि डॉ ल्योड जोंस ने भी कहा। क्योंकि वह स्वयं यीशु ही थे जिन्होंने आप के स्वयं के अविश्वासी दुष्ट हृदय से संबंद्ध ये बातें कहीं‚ ‘‘क्योंकि भीतर से......मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता निकलती हैं! (मरकुस ७:२१−२३)। यिर्मयाह अध्याय १७:९ के अनुसार आप का ‘‘हृदय दुस्साहसपूर्ण रूप से दुष्ट है।"
आप अपने माता पिता पर दोषारोपण नहीं कर सकते। चाहे वे कितने भी बुरे हों परंतु वे इतने बुरे नहीं हो सकते थे जितने मेरे माता पिता थे। नहीं‚ आप अपने माता पिता पर दोषारोपण नहीं कर सकते‚ चाहे वे कितने भी बुरे क्यों न हों! आप सिर्फ स्वयं को दोषी ठहरा सकते हैं। आप ने मुझे डॉ द्धारा आप के मलीन हृदय के लिये कही गयी व्याख्या को समझाते हुए सुना है। आप ने सुना होगा कि डॉक्टर कहते हैं कि यह सिर्फ आपका दोष है। केवल आप का, कि आप का अविश्वासी हृदय इस प्रकार की विकृति, भ्रष्टता और दुष्टता से भरा हुआ है। आप ने और केवल आप ने मसीह का इंकार करने का चुनाव किया है। आप ने और केवल आप ने उन पापमयी चीजों को करने का चुनाव किया है। किसी ने आप से पाप नहीं करवाया। आप ने स्वयं ये सब किया क्योंकि आप को अंधकार से प्रेम है। आप ने पाप करने का आनंद उठाया। पाप करते समय आप प्रसन्न थे। आप को उसका स्वाद अच्छा लगा! आप को यह तौभी अच्छा लगा जबकि आप बहुत रीति से जानते थे कि यह गलत था। आत्मा की भर्त्सना करने वाला पाप रूपी कोढ़ आप के अविश्वासी दुष्ट में कहीं गहरे बसा हुआ है! इसीलिये आप मुझे भी नापसंद करते हैं कि मैं आप को आप के पापी हृदय के विषय में अवगत कराता हूं − क्या यह बात सही नहीं है?
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरे बसा हुआ है" −
आप के पापमयी हृदय में बहुत गहराई से बसा हुआ है!
आप अपने परिवेश पर दोषारोपण नही कर सकते। महाप्रलय के बाद में प्रलय के पहले का दुष्टतापूर्ण वातावरण समाप्त हो चुका था। परमेश्वर ने नूह से कहा था‚ ‘‘मैं उन को पृथ्वी समेत नाश कर डालूंगा" (उत्पत्ति ६:१३)। प्रलय के पहले के सब दुष्ट लोग समाप्त हो चुके थे। और तौभी‚ प्रलय के तुरंत बाद परमेश्वर ने कहा, ‘‘मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है" (उत्पत्ति ८:२१)। लूथर ने कहा था, ‘‘जहाज में बैठे लोगों के अतिरिक्त कोई भी प्रलय से बचाया नहीं गया। तौभी परमेश्वर उनके लिये कहता है कि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है" (उत्पत्ति ८:२१ पर लूथर की व्याख्या) आप के पास दुष्ट हृदय नहीं है परंतु इसे आप ने दूसरे प्राणी से लेना सीखा है। जिस क्षण आप गर्भ में आये उसी क्षण से आप के हृदय ने दुष्टता ग्रहण की है। लूथर का कथन था कि ‘‘पाप का हृदय शिशु अवस्था से लेकर बालकपन और यहां तक कि भ्रूण में भी विधमान होता है‚ जैसे भजन ५१:५ दर्शाता है...... (पाप का हृदय) न प्राप्त किया गया (न किसी से सीखा गया); परंतु यह तो भ्रूण में पहले से ही विधमान है। और जब उचित समय आता है तो यह प्रतिशोध लेने के लिये बाहर आने को तैयार रहता है!"
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
एक दुष्ट हृदय आप को पहले पापी जन आदम से स्थानांतरित हुआ है। हम सब उसी पापी जन के वंशज हैं। लूथर ने कहा था‚ ‘‘मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है अर्थात मनुष्य का तर्क करना...... (आप का) तर्क करना। (आप के हृदय के विचार) सदैव ही (परमेश्वर) की आज्ञा के विरूद्ध जाते हैं, सदैव (परमेश्वर के) क्रोध के अधीन रहते हैं और अपने आप को स्वयं के बल के आधार पर बड़ी दुर्गति से मुक्त करवाने में असफल रहते हैं।" बाइबल कहती है‚
− और लोगों के समान ‘‘स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे" (इफिसियों २:३)
− आप सब ‘‘पाप के अधीन हैं" (रोमियों ३:९)
− आप सब ‘‘पाप में मृतक" हैं (इफिसियों २:५)
क्यों? क्योंकि
− ‘‘इसलिये जैसा एक मनुष्य (आदम) के द्वारा पाप जगत में आया" (रोमियों ५:१२)
− इसलिये ‘‘कोई समझदार नहीं‚ कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं .कोई भलाई करने वाला नहीं‚ एक भी नहीं" (रोमियों ३:१०‚१२)
− ‘‘मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है" (उत्पत्ति ८:२१)
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है; (पाप रूपी) कोढ़ (आप की) चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
हम मार्टिन लूथर की वर्षगांठ बना रहे हैं जो कैथोलिक चर्च की झूठी शिक्षाओं के विरूद्ध लड़े‚ उन्होंने इस मंगलवार को ५०० वर्ष पहले जर्मनी के विटनबर्ग के अपने चर्च में पिचयानवे प्रबंधों की सूची चर्च के दरवाजे पर लगाने के कार्य से अपने विरोध को प्रकट करना आरंभ किया। आप के हृदय का ‘‘मूल पाप" ही प्रोटेस्टैंट और बैपटिस्ट पुर्नजागरण का मुख्य केंद्र है। बाइबल शिक्षा देती है कि आप के पास एक दुष्टता भरा हृदय है − जिसे आप स्वयं नहीं बदल सकते हैं!
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
क्योंकि कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
‘‘कल्पना करना" जिस इब्रानी शब्द से निकला है‚ उसका अर्थ आप का अविश्वास भरा हृदय और विचार हैं ।
‘‘मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ (विचार) उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है" (उत्पत्ति ८:२१)
इस चर्च में प्रत्येक जन जो आज रात भी उद्धार पाने से वंचित हैं − उनके भीतर उपस्थित मूल पाप की यह शिक्षा सच्ची शिक्षा है! इस चर्च में प्रत्येक मनुष्य के हृदय में बसे मूल पाप के बारे में सही शिक्षा प्रदान की जाती है − हर वह जन जो आज की रात पुर्नज्जीवन प्राप्त नहीं है! आप में से हर एक जन! लूथर का कथन था, ‘‘हम मानते हैं कि मनुष्य प्राणी बिना पवित्र आत्मा और परमेश्वर के अनुग्रह के कुछ नहीं कर सकता परंतु पाप अवश्य कर सकता है और वह भी अंतहीन अवस्था तक, एक के बाद एक पाप जुड़ते जाते हैं...... (और) जब वह अपने अशुद्ध हृदय के बुरे विचारों को मानने लगता है, वह परमेश्वर का शत्रु होता जाता है.....भले ही वह धर्मी होने का पाखंड क्यों न करता हो।"
बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
क्योंकि कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है!
क्या हमने लूथर की बात की सत्यता को अपने चर्च में पर्याप्त रूप में नहीं देखा है? क्या हमने नहीं देखा है कि एक के बाद एक लोग आते हैं व मसीह पर विश्वास करने का ढोंग करते हैं और फिर चर्च से मुंह मोड़ लेते हैं और पुनः पाप की दुनिया में खो जाते हैं। क्या हमने नही देखा कि बहुत से लोग कुछ समय तक मसीही होने का पाखंड करते हैं और तब परमेश्वर के कटु बैरी हो जाते हैं? ओलिव और उसके साथ के लोगों ने क्या ऐसा ही कुछ नहीं किया था? जब उन्होंने हमारे चर्च को नष्ट करने का खत्म करने का प्रयास किया था‚ क्या तब हमने लूथर की बातों को सही नहीं पाया था‚
‘‘मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है" (उत्पत्ति ८:२१)
क्या हमारा चर्च फिनी की शिक्षाओं को छोड़कर लूथर व धर्मसुधारकों और प्राचीन बैपटिस्ट की शिक्षाओं की ओर नहीं मुड़ा? फिनी का सबसे प्रसिद्ध संदेश था‚ ‘‘सिनर्स बाउंड टू चेंज देअर ओन हार्ट।" आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? कैसे? कैसे? कैसे आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आप नहीं कर सकते हैं! फिनी पूर्ण रूप से भ्रांत शिक्षाओं को फैलाने वाला प्राणी था। लूथर और धर्मसुधारकों ने मूल पाप और अशुद्ध हृदय के बारे में जो शिक्षायें प्रदान की, फिनी ने उनकी समस्त शिक्षाओं का विरोध किया।
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
क्योंकि कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
आप अपना हृदय स्वयं नहीं बदल सकते हैं! मैं पूरी रीति से सहमत हूं कि फिनी दुष्टात्मा अधीन व्यक्ति था। उसका विश्वास मत कीजिये! इसके स्थान पर अपने हृदय को देखिये, वहां आप को सिवाय पाप और परमेश्वर के विरूद्ध विद्रोह के और कुछ नहीं मिलेगा!
‘‘बाहरी कोई उपाय आप को शुद्ध नहीं कर सकता है;
क्योंकि कोढ़ चमड़ी में बहुत गहरा बसा हुआ है"
केवल प्रभु यीशु मसीह आप के को शुद्ध कर सकते और बदल सकते हैं। यीशु आप के पापों का दंड चुकाने के लिये क्रूस पर बलिदान हुए। आप को सारे पापों से मुक्त करने के लिये यीशु ने क्रूस पर अपना लहू बहाया। आप को नया हृदय प्रदान करने के लिये वह मरने के पश्चात जीवित हुए! जब आप यीशु पर विश्वास लायेंगे तो यीशु आप को ‘‘नया मन दूंगा...... और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा" (यिजकेल ३६:२६)
प्रभु यीशु इसलिये मै बहुत नम्रतापूर्वक विनती करता हूं‚
मैं राह तकता हूं‚ धन्य प्रभु आप के क्रूसित पैरों के समीप।
विश्वास से‚ मेरे शुद्ध होने के लिये‚ मैं आप के लहू का बहता सोता देखता हूं‚
मुझे धोकर शुद्ध कीजिए‚ मैं बर्फ से भी उजला हो जाउंगा
बर्फ से भी उजला हो जाउंगा‚ हां बर्फ से भी उजला;
अब मुझे धोकर शुद्ध कीजिए‚ मैं बर्फ से भी उजला हो जाउंगा।
प्रभु यीशु आप देखते हैं मैं धैर्यपूर्वक राह तकता हूं‚
अब आइये‚ और मेरे भीतर नया उत्पन्न कीजिये;
जिन्होंने आप को खोजा‚ उन्हें आप ने कभी ‘‘मना" नहीं किया‚
अब मुझे धोकर शुद्ध कीजिए‚ मैं बर्फ से भी उजला हो जाउंगा।
बर्फ से भी उजला हो जाउंगा‚ हां बर्फ से भी उजला;
अब मुझे धोकर शुद्ध कीजिए‚ मैं बर्फ से भी उजला हो जाउंगा।
(‘‘बर्फ से भी उजला" जेम्स निकोलसन‚ १८२८−१८७६)
मनुष्य के हृदय में बसे मूल पाप के उपर लूथर के गहन धर्मविज्ञान से लेकर मैंने संदेश दिया है। भले ही आप इसको नहीं समझे हों‚ परंतु आज रात्रि मैं आप से यीशु पर विश्वास रखने का आग्रह करता हूं। वह आप के पाप क्षमा कर देंगे। वह आप को पापों से शुद्ध कर देंगे। वह आप को नया हृदय और नयी आत्मा प्रदान करेंगे। ‘‘प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर‚ तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों के कार्य १६:३१)
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकेड ग्रिफिथ का एकल गान:
‘‘बर्फ से भी उजला" (जेम्स निकोलसन‚ १८२८−१८७६)