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नूह ने अनुग्रह पाया ! (उत्पत्ति की पुस्तक पर संदेश #१९) डॉ आर एल हिमर्स लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल चर्च में‚ २४ जून‚ २०१७ ‘‘और यहोवा ने नूह से कहा‚ तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है’’ (उत्पत्ति ७:१) |
नूह इसलिये नहीं बचाया गया था क्योंकि वह भला था। वह बचाया गया क्योंकि परमेश्वर ने कहा था‚ ‘‘केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है’’ (उत्पत्ति ७:१) । परमेश्वर ने उसे धर्मी जन के रूप में देखा था। क्यों? उत्तर सरल है। यह उत्पत्ति के अध्याय छः और उसके आठ पद में दिया गया है। कृपया अपनी बाइबल खोल लीजिये।
‘‘परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही’’ (उत्पत्ति ६:८)
नूह को परमेश्वर की दृष्टि में अनुग्रह प्राप्त हुआ। परमेश्वर ने कहा था‚ ‘‘क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है’’ (उत्पत्ति ७:१) यह अभ्यारोपित धार्मिकता कहलाती है। इब्रानियों ११:७ सीधे तौर पर कहता है कि नूह विश्वास से बचाया गया:
‘‘विश्वास ही से नूह ने.......अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया’’ (इब्रानियों ११:७)
मुझे यह दोहराना आवश्यक है कि नूह इसलिये नहीं बचाया गया कि वह एक भला आदमी था‚ यद्यपि वह कई मायनों में भला आदमी था। परंतु वह एक सिद्ध मनुष्य नहीं था जैसा कि बाइबल महाप्रलय के बाद उसके शराब पीने के विषय में बताती है (संदर्भ ९:२०−२१ उत्पत्ति)। हम नूह को क्षमा कर सकते हैं। वह इतनी कठिन परीक्षा से निकल कर आया। शायद उसने अपने कंपकंपाते भय और महाप्रलय की भयावहता के दुस्वप्न को शराब के घूंट मे शांत करने का प्रयास किया। या शायद वह एक गलती थी, और वह नहीं जानता था कि शराब ऐसा प्रभाव डालेगी क्योंकि ऐसा कोई किण्वन महा प्रलय के पहले नहीं पाया जाता था।
कोई भी विकल्प हो‚ बाइबल नूह का चित्रण सिद्व व्यक्ति के रूप में नहीं करती। परंतु जैसा पुरनिये कहते हैं‚ वह ‘‘पाप करने के उपरांत धर्मी ठहराया गया’’ यहां वह सिद्ध च्यक्ति नहीं था। परंतु परमेश्वर की में पूर्वअवतारित मसीह में विश्वास रखने के कारण वह धर्मी ठहराया गया। नूह का विश्वास मसीह में था‚ जो परमेश्वर के अनुग्रह से प्राप्त हुआ था (उत्पत्ति ६:८) । जब मूसा उस विश्वास को अभ्यास में लाया‚ तब परमेश्वर ने मसीह की धार्मिकता को नूह में अभ्यारोपित किया‚ उस धार्मिकता को अपने लेखे में गिना। नये नियम में बाइबल इस विषय में कुछ अदभुत कहती है। रोमियों की पुस्तक से सुनिये अध्याय चार पद छः।
‘‘परन्तु जो काम नहीं करता वरन भक्तिहीन के धर्मी ठहराने वाले पर विश्वास करता है‚ उसका विश्वास उसके लिये धामिर्कता गिना जाता है। जिसे परमेश्वर बिना कर्मों के धर्मी ठहराता है‚ उसे दाउद भी धन्य कहता है’’ (रोमियों ४:५−६)
जब परमेश्वर ने नूह से कहा‚ ‘‘क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है’’ (उत्पत्ति ७:१) वह यह कह रहा था कि उसने नूह के पाप नहीं देखे क्योंकि उसके विश्वास करने के कारण‚ मसीह की धार्मिकता उसके भीतर अभ्यारोपित कर दी गयी थी। पुर्नरूद्धार के लिये यह बहुत ध्यान देने योग्य शब्द है − सोलाफाईड − मसीह एकमात्र में विश्वास द्वारा उद्धार! नूह भला आदमी होने के कारण उद्वार नहीं पाता है। परंतु उसे उद्वार प्राप्त होता है उसके विश्वास रखने के द्वारा!
अब जहाज की बनावट देखिये। यह नौका के समान नहीं था। यह नौकायन की दृष्टि से नहीं बनाया गया था। यह एक काला डिब्बेनुमा आकार लिये था जिसके दोनों सिरे पतले होते जाते थे। भीतर से पूरी तरह काले रंग के तारकोल से पुता गया था। डॉ मैगी इस जहाज के लिये यह टिप्पणी करते हैं:
अधिकतर लोगों के दिमाग में संडे स्कूल में बताये गये चित्र अनुसार नूह के जहाज का चित्र दिमाग में अंकित होता है। जैसे हाउसबोट बनायी गयी हो। इसके इस आकार की बनावट मेरे लिये भी यह उपहास का एक विषय था। यह जहाज का हास्य चित्र था‚ बजाय जहाज की तस्वीर या वास्तव में वह कैसा दिखता था ऐसी कोई तस्वीर नहीं थी।
जहाज को बनाने के निर्देश जब दिये गये‚ उससे प्रकट होता है‚ यह बहुत बड़े आकार का था। ‘‘जहाज की लंबाई तीन सौ क्यूबिट होगी।" अगर एक क्यूबिट अठारह इंच का होता है तो यह आप को यह धारणा देगा कि कितनी लंबाई जहाज की हो सकती है।
मेरे मित्रों‚ यहां हमारा सामना किसी असभ्य व्यक्ति से नहीं हो रहा है। हम एक बहुत बुद्धिमान व्यक्ति के बारे में पढ़ रहे हैं। बुद्धि जिस जाति के द्धारा हम तक पहुंची है‚ वह सीधे नूह से प्राप्त होती है जो बहुत तीव्र बुद्धि का व्यक्ति था।
नूह कोई समुद्र में चलने वाला जहाज नहीं बना रहा था जिसे पचास फुट उंची लहरों के सामने टिकना था। वह एक स्थान तैयार कर रहा था‚ जानवरों के जीवन के लिये‚ मनुष्य जीवन के लिये ताकि अधिक समय तक उस जहाज में ठहर सकें − तूफान के गुजर जाने के लिये नहीं परंतु बाढ़ के समाप्त होने तक। इसलिये जिस जहाज की आशा आप करते हैं कि वह समुद्र के और जहाजों के समान होगा, तो इस जहाज में ऐसा कुछ नहीं था सिवाय अधिक कमरों के। (जे वर्नान मैगी‚ थ्रू दि बाइबल‚ थॉमस नेल्सन‚ १९८३‚ वॉल्यूम १‚ पेज ३९)
व्हिटकोंब और मौरिस ने बताया था कि बेबीलोनियंस का एक क्यूबिट १९.८ इंच का होता था और मिस्रियों का इंच २०.६५ होता था। व्हिटकोंब और मौरिस के अनुसार इब्रानियों का क्यूबिट का होता २०.४ का होता था (जॉन सी. व्हिटकोंब और हैनरी एम. मौरिस‚ दि जैनेसिस फ्लड‚ दि जैनेसिस प्रेसबिटैरियन ऐंड रिफार्म्ड पब्लिशिंग कंपनी‚१९९३‚ पेज १०) जहाज पांच सौ एक फीट लंबा होगा। क्वीन मैरी‚ जो लोस ऐंजीलिस के लांग बीच पर लंगर डाले खड़ा है‚ उसकी लंबाई १०१८ फीट नूह के जहाज के दुगुने आकार में है । क्वीन मैरी पर अधिकतर स्थान इंजिन और मशीनरी ने घेर रखा है। नूह के जहाज में कोई मशीनें नहीं लगी हुई थी। यह खोखला होकर, जानवरों और मनुष्यों के लिये इतनी अधिक जगह बना पाया कि तुलनात्मक रूप में देखें तो क्वीन मेरी जो इतना विशाल जहाज है − उसमें भी इतनी जगह की गुंजाइश नहीं होती।
डॉ व्हिटकोंब और डॉ मौरिस सही कहते हैं कि जहाज का विशाल आकार संसार मे आई उस महाप्रलय का परिचय देता है:
स्थानीय बाढ़ के इतने विशालकाय आकार के जहाज का निर्माण करना मूर्खता होगी। बल्कि जहाज की तो आवश्यकता भी नहीं होगी! एक ऐसे जहाज के निर्माण की योजना और उसको बनाने में लगभग सौ सालों तक की गयी मेहनत, और वह भी स्थानीय बाढ़ से बचने के लिये, तो यह विचार और तैयारी तो घोर मूर्खता और अनावश्यक ही कहलायेगा। ऐसा ही लूत के भी साथ हुआ, जब आग आसमान से गिरकर सदोम को नष्ट करने वाली थी, परमेश्वर ने लूत को बचा लिया। न केवल इतना परंतु सब प्रकार के जानवरों की संख्या, निश्चित ही चिड़ियों की संख्या, जिन्हें उस जहाज में और लंबे समय तक भी रखा जा सकता था! यह पूरी कहानी बहुत हास्याप्रद लगती अगर यह नियर ईस्ट के हिस्से तक सीमित रहती (जॉन सी. व्हिटकोंब और हैनरी एम. मौरिस‚ दि जैनेसिस फ्लड‚ दि जैनेसिस‚ प्रेसबिटैरियन ऐंड रिफार्म्ड‚ १९९३‚ पेज १०)
जहाज के बारे में कुछ बातें रूचिकर हैं। मैं आज रात उन तीन बातों को आप से बाटूंगा जिसके लिये हम आज चर्चा करेंगे।
१. पहला‚ जहाज कहता है कि अगर बचना है तो आप को मसीह में बने होना चाहिये।
हमने प्रारंभ में जिस पद को पढ़ा था
‘‘और यहोवा ने नूह से कहा‚ तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा" (उत्पत्ति ७:१)
अब उत्पत्ति अध्याय सात पद सोलह को पढ़िये:
‘‘और जो गए‚ वह परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार सब जाति के प्राणियों में से नर और मादा गए। तब यहोवा ने उसका द्वार बन्द कर दिया" (उत्पत्ति ७:१)
पद सत्रह कहता है:
‘‘नूह अपने पुत्रों पत्नी और बहुओं समेत‚ जलप्रलय से बचने के लिये जहाज में गया" (उत्पत्ति ७:७)
नूह और उसके परिवार ने वह किया जैसा परमेश्वर ने करने के लिये कहा था (उत्पत्ति ७:७)। वे जहाज में अंदर गये। आप को भी मसीह के विश्वास में आना है। बाइबल कहती है‚
‘‘जो उस (मसीह) पर विश्वास करता है‚ उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती........ " (यूहन्ना ३:१८)
‘‘पर" शब्द का अनुवाद ‘‘इस" से लिया गया है। डॉ जोदिऐटस के अनुसार‚ इसका अर्थ है‚ किसी स्थान या वस्तु के लिये गति का प्राथमिक विचार। आप को विश्वास से यीशु के पास आना है − स्वर्ग में‚ परमेश्वर के दाहिने हाथ। जैसे नूह जहाज मे प्रवेश करता है‚ आप को मसीह पर विश्वास रखना आवश्यक हैं ‘‘जो उस (मसीह) पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती........" (यूहन्ना ३:१८) अनेकों बार बाइबल उन लोगों के विषय में कहती है जो मसीह में हैं। यहां दो जाने माने पद हैं:
‘‘सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं ......" (रोमियों ८:१)
‘‘सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है........ " (२कुरूं ५:१७)
पौलुस उनके विषय में कहता है ‘‘जो मसीह में थे" (रोमियों १६:७)
क्या आप मसीह में हैं? आप को विश्वास के साथ मसीह में आना चाहिये, जैसे नूह जहाज में आया था। यीशु बोले,
‘‘द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा" (यूहन्ना १०:९)
मैं नहीं जानता कि इसे कैसे समझाउं? परंतु सेवकाई में सबसे कठिनतम चीज है कि लोगों को सरल बात समझाना: मसीह पर विश्वास करिये। मसीह में आइये!
मैं इसे इस तरह समझाता हूं। मान लीजिये कि आप नूह के समय में रह रहे होते हैं और आप उसको प्रचार करते हुए सुनते हैं कि महा प्रलय आ रहा है। आप सुनते हैं कि आप को बचने के लिये जहाज में प्रवेश करने की आवश्यकता है। हां आप कहते हैं कि यह सत्य है। न्याय होने जा रहा है। हां यह सच है केवल जहाज मुझे बचा सकता है। मैं इस पर विश्वास करता हूं। क्या आप बाढ़ से बचाये गये हैं? बेशक नहीं! वास्तव में बचाये जाने के लिये आप को उठना होगा और जहाज में प्रवेश करना होगा - केवल इतना विश्वास पर्याप्त नहीं है कि यह आप को बचा सकता है - परंतु आप को इसमें प्रवेश करना होगा! मैं भी तो आप से यही कह रहा हूं − केवल बैठे मत रहिये यह विश्वास रखकर कि यीशु आप को बचा सकते हैं! विश्वास से मसीह के पास आइये! यीशु बोले,
‘‘मेरे पास आएगा‚ उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना ६:३७)
हां‚ जहाज आप से कहता है कि आप को यीशु के पास आना आवश्यक है।
२. दूसरा‚ जहाज आप से कहता है कि आप को चर्च अर्थात मसीह की देह में सम्मिलित होना आवश्यक है।
मैं यह मानता हूं कि बहुत से लोग मुझसे असहमत होंगे। कई लोग आज स्थानीय चर्च का महत्व कम आंकेगें या उसकी उपेक्षा करेंगे। परंतु वे गलत हैं। जहाज केवल मसीह का प्रकार ही नहीं है। यह नये नियम के चर्च को भी प्रकट करता है‚ वैसा चर्च जो सच्चे अनुयायियों से मिलकर बना हो।
अब‚ आप चर्च में कैसे प्रवेश करते हैं? १ कुरूं अध्याय बारह पद सत्ताईस इसका वर्णन करता है‚
‘‘इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो‚ और अलग अलग उसके अंग हो। और परमेश्वर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं ......... " (१ कुरूं १२:२७−२८)
हम यहां रूक जायेंगे। मैं इस तथ्य को स्थापित करना चाहता हूं कि पद "मसीह की देह" चर्च को कहा है सच्चे अनुयायियों से मिलकर बना हुआ चर्च। अब पद तेरह को देखिये:
‘‘क्योंकि हम सब ने एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया......... " (१ कुरूं १२:१३)
आप स्थानीय चर्च में पवित्र आत्मा द्वारा बपतिस्मा पाये हुए हैं। इस तरह आप चर्च के एक सच्चे‚ जीवित सदस्य कहलाते हैं!
आप को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि यह कैसे होगा। आप का कार्य है कि आप यीशु के पास आ जावें। जब आप यीशु के पास आ जाते हैं तो पवित्र आत्मा स्वतः आप को चर्च में बपतिस्मा दे देता है!
उत्पत्ति की पुस्तक को खोल लीजिये अध्याय सात‚ पद सोलह। जब नूह जहाज में आ गया‚ बाइबल कहती है कि "परमेश्वर ने दरवाजा बंद कर दिया" (उत्पत्ति ७:१६) । यह बताता है कि जब आप चर्च में आ जाते हैं तो पवित्र आत्मा आप को बपतिस्मा प्रदान कर मसीह की देह में आत्मिक रूप से सुरक्षित कर देता है! हां जहाज‚ मसीह के साथ संयुक्तता और स्थानीय चर्च के साथ संयुक्तता प्रकट करता है। अगर आप मसीह और स्थानीय चर्च के साथ "बंद" नहीं होंगे, तो आप न्याय दिवस पर नष्ट हो जायेंगे। अगर "बंद" हो गये तो आप सुरक्षित हैं। यह जहाज परिवर्तित लोगों की आत्मिक सुरक्षा के लिये कहता है। जो मसीह की सुनता है, वह कभी नष्ट नहीं होंगे!
३. तीसरा‚ जहाज कहता है कि आप को संकरे द्वार से प्रवेश करना आवश्यक है।
नूह ने जहाज में कैसे प्रवेश किया? उत्पत्ति छ‚ पद सोलह निकाल लीजिये:
".........जहाज की एक अलंग में एक द्वार रखना........" (उत्पत्ति ६:१६)
यीशु कहते थे‚ "द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा........ " (यूहन्ना १०:९)। नूह द्वार से जहाज में आया। आप को मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करना चाहिये। यीशु ने कहा, "(सकेत) फाटक से प्रवेश करो" (मत्ती ७:१३)
पुनः मसीह ने कहा:
"सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुतेरे प्रवेश करना चाहेंगे, और न कर सकेंगे" (लूका १३:२४)
यही तो नूह के समय में हुआ। उत्पत्ति अध्याय सात और पद चार को पढ़िये। परमेश्वर ने कहा था,
"क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा........" (उत्पत्ति ७:४)
पद दस को भी देखिये:
"सात दिन के उपरान्त प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा" (उत्पत्ति ७:१०)
नूह जहाज में गया। परमेश्वर ने उसे अंदर बंद कर दिया। द्वार बंद हो गया। सात दिन बीत गये कुछ नहीं हुआ। फिर न्याय आरंभ हुआ। अब कोई जहाज में प्रवेश नहीं कर पाया! बहुत देर हो चुकी थी!
मैं लोगों को लगभग चीखते हुए सुन रहा हूं, "हमें अंदर ले लो! हमें अंदर ले लो!" परंतु बहुत देर हो चुकी थी!
"सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुतेरे प्रवेश करना चाहेंगे, और न कर सकेंगे" (लूका १३:२४)
यीशु मसीह के पास अभी आइये − इसके पहले कि अनंतकालीन देर हो जाये!
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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व नोहा सोंग द्वारा संदेश पढ़ा गया: उत्पत्ति ६:५–८
संदेश के पूर्व नोहा सोंग ने एकल गान गाया
‘‘इफ यू लिंगर टू लांग’’ (डॉ जौन आर राईस, १९८५−१९८०)
रूपरेखा नूह ने अनुग्रह पाया ! (उत्पत्ति की पुस्तक पर संदेश #१९) डॉ आर एल हिमर्स ‘‘और यहोवा ने नूह से कहा तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है’’ (उत्पत्ति ७:१) (उत्पत्ति ६:८; इब्रानियों ११:७; १. पहला‚ जहाज कहता है कि अगर आप को बचना है तो आप को मसीह २. दूसरा‚ जहाज आप से कहता है कि आप को चर्च अर्थात मसीह की देह ३. तीसरा‚ जहाज कहता है कि संकरे द्वार से प्रवेश करना आवश्यक है‚ |