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असहाय के लिये उद्धारSALVATION FOR THE HELPLESS डॉ आर एल हिमर्स A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles |
आइये हम अपने स्थानों पर खड़े हों और बाइबल खोल कर मरकुस का सुसमाचार निकाले। हम मरकुस अध्याय ९:२६−२७ पढ़ेंगे‚
‘‘तब वह चिल्लाकर‚ और उसे बहुत मरोड़ कर‚ निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया। परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया‚ और वह खड़ा हो गया’’ (मरकुस ९:२६−२७)
यीशु ने इस लड़के को शैतान की सामर्थ से बचा लिया। यह कहानी एक कारण से दी गयी है। यह हमें यह बताने के लिये दी गयी है कि कैसे यीशु एक भटकी हुई और असहाय आत्मा को आज भी बचाते हैं। आज भी चार सुसमाचारों मत्ती‚ मरकुस‚ लूका और यूहन्ना में ऐसी दूसरी कहानियां भी दी गयी हैं। वे कहानियां बताती हैं कि कैसे असहाय आत्मायें बचायीं गयीं। ये कहानियां हमें उद्धार का अलग अलग रूप बताती हैं। उनको पढ़कर हम कई बातें सीख सकते हैं। ये बालक दुष्टात्मा ग्रस्त था। एक दुष्टात्मा ने उसे बहरा और गूंगा बना दिया था। न वह सुन सकता था, न बोल सकता था।
आज भी उद्धार पाने के पहले हममें से हरेक की यही दशा होती है। जब तक उद्धार नहीं पायेंगे‚ तब तक परमेश्वर क्या कहते हैं‚ यह सुनाई नहीं देगा। और जब उद्धार ही नहीं पाया है तो बोलेंगे क्या।
परंतु मसीह ने उस बालक में से शैतान को निकाला। मसीह दुष्टात्मा से बढ़कर शक्तिशाली हैं। इसलिये मसीह आप को बचा सकते हैं! उन्होंने इस बालक को बचाया तो वह आप को बचा सकते हैं! किसी को भी बचायेंगे‚ भले ही वह जन कितना ही असहाय क्यों न हो! मसीह आप को दुष्टात्मा से छुड़ा सकते हैं! इस कहानी से उद्धार के बारे में तीन सत्य सीखे जा सकते हैं।
१॰ पहली बात‚ आप मृतक के समान हैं।
बाइबल कहती है‚
‘‘और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया’’ (मरकुस ९:२६−२७)
हम जिन्होंने उद्धार नहीं पाया है हम भी मरे हुए हैं। बाइबल कहती है संपूर्ण मानव जाति उद्धार के बिना आत्मिक रूप से मृत है। आप आत्मिक मुरदा हैं! बाइबल कहती है‚
‘‘इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया‚ और पाप के द्वारा मृत्यु आई‚ और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई.........’’ (रोमियों ५:१२)
हमारे आदि माता पिता ने परमेश्वर के विरूद्ध पाप किया था − उसी समय उनकी आत्मिक मृत्यु हो गयी। आत्मिक मृत्यु के कारण आदम परमेश्वर की उपस्थिति से अलग कर दिया गया। मनुष्य जगत के हर व्यक्ति पर यह आत्मिक मृत्यु आई। इसलिए इतने सारे धर्म संसार में पाये जाते हैं। आत्मिक अंधकार व मृत्यु के कारण मनुष्य ने इतने धर्मो को रच लिया। परंतु मनुष्य जाति ने कभी जीवित सच्चे परमेश्वर को खोजने का प्रयास नहीं किया।
अथेने में एक समूह के लोगों को संबोधित करते हुए प्रेरित पौलुस ने कहा था‚
‘‘क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्तुओं को देख रहा था‚ तो एक ऐसी वेदी भी पाई‚ जिस पर लिखा था‚ कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो‚ मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं’’ (प्रेरितों के कार्य १७:२३)
उनके अनेकों मूर्तियां और देवता थे। परंतु सच्चे परमेश्वर से वे अनजान थे। वे उन्हें ‘‘अनजाने देवता’’ कहकर बुलाते थे।
आज की रात सच्चा परमेश्वर आप के लिये अनजान है। आप के लिये वह अनजान परमेश्वर है। परमेश्वर आप को वास्तविक दिखाई नहीं देता। परमेश्वर की बातों के प्रति आप मृतक हैं। आप आत्मिक रूप से मृतक हैं। आप कहानी के इस बालक के समान हैं।
‘‘और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया’’ (मरकुस ९:२६)
बाइबल कहती है‚
‘‘तुम्हें भी‚ जो अपने अपराधों में मुर्दा थे’’ (कुलु २:१३)
बाइबल कहती है तुम‚
‘‘अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे’’ (इफिसियों २:१)
उड़ाउ पुत्र के पिता ने कहा था‚
‘‘मेरा यह पुत्र मर गया था’’ (लूका १५:२४)
उसने उड़ाउ पुत्र के भाई से कहा,
‘‘तेरा भाई मर गया था’’ (लूका १५:३२)
आज की रात यहां जो भी जन उद्धार पाया हुआ है‚ किसी समय उड़ाउ पुत्र के ही समान था। हम सब पाप में मरे हुए थे। परमेश्वर हमारे लिये अनजाना व्यक्तित्व था। हम परमेश्वर के प्रति जाग्रत नहीं थे। बाइबल हमें परियों की कहानी लगती थी क्योंकि हमारी आत्मा में अंधकार व्याप्त था।
‘‘क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं’’ (इफिसियों ४:१८)
यह हममें से हरेक की तस्वीर है जब हमारा उद्धार नहीं हुआ था! आप को यीशु के द्वारा दिये गये छुटकारे को ग्रहण करना आवश्यक है। केवल यीशु आप को आत्मिक मृतक से छुड़ा सकते हैं।
२॰ दूसरा, आप को यीशु ने ‘‘पकड़ा’’ है।
हमारा पद कहता है‚
‘‘और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया.........’’ (मरकुस ९:२६−२७)
वह एक अदभुत पद है! ‘‘परंतु यीशु ने उसको हाथ से पकड़ा!" यह जाग्रति आने का चित्रण है। यह अनुग्रह को यह अनुग्रह को ठहराने की तस्वीर है। यह हमारे उद्धार पाने की कहानी है। यह असहाय के उद्धार पाने की तस्वीर है!
‘‘जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर‚ और आकाश के अधिकार के हाकिम (शैतान )अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे‚ जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे........ और शरीर‚ और मन की मनसाएं पूरी करते थे‚ और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है अपने उस बड़े प्रेम के कारण‚ जिस से उस ने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे‚ तो हमें मसीह के साथ जिलाया (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया‚ और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है........ आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है‚ और यह तुम्हारी ओर से नहीं‚ वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण‚ ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे" (इफिसियों २:२−९)
तो अनुग्रह से उद्धार मिलता है! उद्वार मसीह के द्वारा संभव है! यह मसीह के द्वारा दिये जाने वाला उद्धार है! यह मसीह के द्वारा बताया स्वर्ग का रास्ता है! यही तो एकमात्र रास्ता है!
‘‘और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया.........’’ (मरकुस ९:२६−२७)
इसके पहले कि यीशु आप के जीवन में आते‚ आप को कोई चिंता नहीं है न किसी प्रकार की जाग्रति है। आत्मा की अवस्था की चिंता नहीं होना आप की बेफिक्री को बताता है। आप मरकुस नौ में बताये गये बालक के समान ही हैं।
‘‘भीड़ में से एक ने उसे उत्तर दिया‚ कि हे गुरू‚ मैं अपने पुत्र को‚ जिस में गूंगी आत्मा समाई है‚ तेरे पास लाया था’’ (मरकुस ९:१७)
ऐसी ही तो मेरी अवस्था थी। मुझे पड़ोसी बैपटिस्ट चर्च लेकर आये थे। मुझे मेरे पड़ोसी चर्च लाये थे‚ जैसे इस लड़के का पिता‚ इसको यीशु के पास लाया था। परंतु मैं तो परमेश्वर के बारे में कुछ भी नहीं जानता था‚ यीशु के बारे में कुछ भी नहीं जानता था‚ बाइबल के बारे में नहीं जानता था। बाइबल मैंने कभी पढ़ी नही। मत्ती का सुसाचार नहीं खोज पाता था। मैं अनाड़ीपन से अंगूठे की सहायता से उत्पत्ति को देख रहा था। जब मुझे मत्ती का सुसमाचार मिला, तब तक संदेश लगभग खत्म हो रहा था! परंतु वे लोग मुझे चर्च लेकर आये। परमेश्वर लोगों को इस्तेमाल करते हैं कि वे मसीह की गवाही आप के सामने प्रस्तुत करें। जैसे इस पिता ने किया था कि अपने पुत्र को यीशु के पास लेकर आया।
तभी आप को जाग्रति आना आरंभ होती है। यह बहुत जल्द हो सकता है या इसमें देर भी लग सकती है। लोग अलग अलग हो सकते है। जाग्रति आना अदभुत बात हैं। पौलुस भूमि पर गिर पड़ा था। पेंतुकुस्त के दिन लोगों के हृदय छिद गये थे। क्रूस पर टंगे चोर को अपना दोष नजर आया। यह एक भयानक बात है। जॉन कैगन ने कहा था, "मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं मर रहा था। मै मुस्कुरा नहीं पा रहा था। मुझे शांति नहीं थी। मैं लगातार प्रताड़ित किये जाने के अहसास से भर गया था। अब और पीड़ा मैं नहीं सह पाया।" और पवित्र आत्मा उसे लगातार प्रायश्चित के लिये कह रहा था। एमी जबालगा ने कहा था, "पवित्र आत्मा उसे उसके पाप के विषय में झक झोर रहा था। मै इतना परेशान और शर्मिंदा हो गया। मैं जानता था कि परमेश्वर मेरे सारे पापों को जानता था। मैं शुद्ध मसीहियों के मध्य कोढ़ी के समान था।" जैक नान ने कहा था‚ "मुझे मेरा सबसे बुरा पाप याद था जो मैंने किया था −मैं एक निकम्मा पापी जन था।"
"तब वे उसे उसके पास ले आए: और जब उस ने उसे देखा‚ तो उस आत्मा ने तुरन्त उसे मरोड़ा; और वह भूमि पर गिरा‚और मुंह से फेन बहाते हुए लोटने लगा" (मरकुस ९:२०)
लेविस आयलैंड में महान आत्मिक जाग्रति के समय यही हुआ था। कई लोग जमीन पर चिल्ला चिल्ला कर बैठ बैठ रहे थे। पाप का बोध गहराई से उन्हें भेद रहा था। किसी दिन यह अमेरिका में भी हो सकता है। यह ‘‘हंसने वाली ‘आत्मिक जाग्रति’’’ नहीं होगी! मरकुस में वह लड़का हंस नहीं रहा था! सच्ची जाग्रति पाप का बोध लाती है न कि हंसना!!! बड़ी आत्मिक जाग्रतियां में लोग गिर जाते हैं और बोझ तले चीखते हैं। यह अक्सर चीन और अब भारत में भी हो रहा है। उन्हें ऐसा ही अनुभव − पापों के बोझ तले हो रहा है।
हरेक के मन में जब जाग्रति आती है तब पाप का बोध आता है। पवित्र आत्मा आप का पाप आप को प्रगट कर देता है।
‘‘और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा। पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते’’ (यूहन्ना १६:८−९)
क्या आप को पाप का कुछ अहसास जागता है? क्या अपने पाप के लिये आप को दुख होता है? क्या आप का विवेक सारे पापों के लिये आप को कचोटता है? क्या आप यीशु द्वारा क्षमा किये जाने की आशा रखते हैं? अब और बोध की राह मत देखिये! पापों का बोध आप को नहीं बचायेगा! बोध की मात्रा आप को नहीं बचायेगी! इसी समय परमेश्वर के पुत्र के पास आ जाइये! इसी समय आ जाइये! पाप का बोध आप को यीशु के पास लेकर आना चाहिये। यीशु एकमात्र जन हैं जो आप के पापों से आप को छुटकारा दे सकते हैं!
तुम जो थके और बोझ से दबे गिर कर घायल और टूटे हुए हो;
राह न तकों अच्छे होने की बल्कि मेरे पास आओ विश्राम पाओ।
(‘‘आओं पापियों‚ लाचार और निकम्मे’’ जोसेफ हार्ट‚१७१२−१७६८)
आइये और यीशु पर विश्वास रखिये भले ही आप को लगता हो कि आप को पाप का इतना बोध नहीं हुआ है − वह आप को बचायेंगे! ‘‘अगर अपने आप के प्रयासों से अच्छे होने की राह तकेंगें तो आप कभी भी यीशु के पास नहीं आ सकेंगे।" अभी आइये! यीशु पर विश्वास रखिये‚ वे परमेश्वर के पुत्र हैं! वह आप को अभी बचायेंगे!
यीशु आप के पापों का मूल्य चुकाने के लिये क्रूस पर मरे। उनका लहू आप के पापों को धो सकता है। वे मर कर जीवित हुए। स्वर्ग में − सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठे हैं। यीशु के पास आइये! मसीह के पास आइये! मसीह के पास आइये! मसीह पर विश्वास रखिये! मसीह पर विश्वास रखिये! मसीह पर विश्वास रखिये और आप बचा लिये जायेंगे!
३॰ तीसरा, आप जिलाये गये हैं कि मसीह के साथ आमना सामना हो।
‘‘परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया‚ और वह खड़ा हो गया’’ (मरकुस ९:२७)
आप को यह जानने की आवश्यकता नहीं है कि यीशु के पास कैसे आये − जैसे इस लड़के को केवल उठाये जाने की आवश्यकता थी। ‘‘परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया।’’ अगर आप यीशु के पास आना चाहते हैं तो जिस सामर्थ ने इस लड़के को उठाया, वही सामर्थ आप को यीशु के पास लेकर आयेगी। यीशु ने यही कहा था! यीशु ने कहा‚
‘‘जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना ६:३७)
कोई जन कह सकता है कि‚ ‘‘मैं नहीं जानता कि पिता ने मुझे पुत्र को दिया है या नहीं।" यह एक मूर्ख विचार है। आप इसे नहीं जान सकते केवल पिता इस बात को जानते हैं। ऐसे धार्मिक सिद्धांतों के उपर समय का अपव्यय मत कीजिये। जबकि दूसरे लोग धार्मिक सिद्धांतों के उपर चर्चा कर रहे हैं आप यीशु के पास आइये! वे जब तक चर्चा करते रहेंगे आप उद्धार पा चुके होंगे!
यीशु बोले थे‚
‘‘जो मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना ६:३७)
मसीह आप को कभी बाहर नहीं निकालेंगे। मसीह आप को नर्क में मरने के लिये नहीं छोड़ेंगे। मसीह आप के पापों को क्षमा कर देंगे और बचायेंगे जैसे इस कहानी में उस बालक को बचाया था। मैं आप से विनती करता हूं। अनुनय करता हूं। समझाता हूं। प्रार्थना करता हूं। आज्ञा देता हूं। आप की आत्मा की शाश्वत सुरक्षा के लिये यीशु के पास आइये! और किसी भी तरह से शांति नहीं मिलेगी! एकमात्र यीशु आप के पापों को क्षमा कर सकते हैं! नोहा सोंग ने कहा था,
‘‘मैं तो उम्मीदरहित पापी था‚ मसीह के बिना अंधा और वस्त्रहीन। क्योंकि उसने पहले मुझसे प्रेम किया....... यीशु क्रूस पर मेरे लिये लहू बहा रहे थे‚ मेरे पापों का मूल्य चुकाने के लिये‚ जो प्रेम उन्होंने मुझसे किया मैं हमेशा याद रखूंगा‚ मुझे पापों की सड़ांध से बचा लिया ।"
मेरे बंधन दुख‚ रात्रि‚ से निकलकर‚ मसीह‚ मैं आप‚ के पास आता हूं‚ आता हूं;
आप की आजादी, खुशी, और प्रकाश में‚ मैं आप के पास आता हूं यीशु;
मेरी बीमारी से आप के स्वास्थ्य में‚ मेरी कमी से आप की दौलत में आता हूं यीशु ‚
मेरे पाप से निकलकर आप के व्यक्त्तिव में आता हूं आप के पास आता हूं यीशु।
(‘‘जीसस आय कम" विलियम टी स्लीपर‚ १८१९−१९०४)
हम यीशु मसीह द्वारा आप को उद्धार दिये जाने के विषय में आप से बात करना चाहेंगे। शीघ्रता से उठकर आगे की दो पंक्तियों में बैठ जाइये। आमीन।
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व नोहा सोंग द्वारा संदेश पढ़ा गया: मरकुस ९:१७–२७
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकैड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
‘‘यस आय नो!’’ (आना डब्ल्यू वॉटरमन‚१९२०)
रूपरेखा असहाय के लिये उद्धार SALVATION FOR THE HELPLESS डॉ आर एल हिमर्स ‘‘तब वह चिल्लाकर‚ और उसे बहुत मरोड़ कर‚ निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया‚ यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे‚ कि वह मर गया। परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया‚ और वह खड़ा हो गया’’ (मरकुस ९:२६−२७) १॰ पहली बात‚ आप मृतक के समान हैं‚ मरकुस ९:२६; रोमियों ५:१२ २॰ दूसरा, आप को यीशु ने ‘‘पकड़ा है’’ है‚ मरकुस ९:२७ अ; इफि २:२−९; ३॰ तीसरा‚ आप जिलाये गये हैं कि मसीह के साथ आमना सामना हो‚ |