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और दरवाजा बंद हो गयाAND THE DOOR WAS SHUT डॉ आर एल हिमर्स द्वारा लिखा गया ‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०) |
आप में से बहुत से लोग अपने भविष्य से डरते होंगे। आप इसलिये डरते हैं क्योंकि आप जाग्रत नहीं हैं। आप सो रहे हैं और जिंदगी आप के पास से गुजरती जा रही है। आप तब तक सोते रहेंगे, जब तक क्रोधित परमेश्वर का हाथ आप को न जगाये। आप को जागना आवश्यक है और आप की आत्मिक दशा पर ध्यान देना चाहिये। आप को भय खाना आवश्यक है। आप को अपनी आत्मा की वास्तविकता को संबोधित करना अवश्य है। आप को भयभीत होना चाहिये। आप को प्रभु के डर का अनुभव होना चाहिये। इतना डर होना चाहिये कि आप को नींद न आये। बाइबल कहती है,
‘‘यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है’’ (नीतिवचन १:७)
संपूर्ण मसीही इतिहास के दौरान यह कहा जाता रहा है कि मसीह जीवते और का न्याय करने आ रहे हैं। इसे एक रहस्य कहा जाता था, परंतु अब यह प्रगट हुआ है और आप अब डर गये हैं।
१॰ रहस्य (‘‘मस्टेरियन’’) पूर्व से छिपा हुआ सत्य है जो नये नियम में प्रकाशित हुआ है नये नियम में ११ रहस्य प्रकाशित किये गये हैं। सशरीर उठा लिया जाना उसमें से एक है।
२॰ हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे (१ कुरूं१५:५१)
३॰ और यह क्षण भर में होगा (१ कुरूं १५:५२)
४॰ और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे (१ कुरूं१५:५२)
‘‘और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उस को वैसा ही देखेंगे जैसा वह है’’ (१ यूहन्ना ३:२)
बाइबल कहती है‚
‘‘क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार‚ और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा‚ और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी और जो मसीह में मरे हैं‚ वे पहिले जी उठेंगे। तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे‚ उन के साथ बादलों पर उठा लिए जाएंगे कि हवा में प्रभु से मिलें और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे’’ (१ थिस्सलुनीकियों ४:१६−१७)
१॰ क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा (१ थिस्सलुनीकियों ४:१६)
२॰ प्रभु पृथ्वी पर नहीं आयेगें बल्कि ‘‘हम हवा में प्रभु से मिलेंगे’’ (१ थिस्सलुनीकियों ४:१७)
३॰ ‘‘जयजयकार’’ का स्वर होगा और मसीह के हवा में आने पर तुरही फूंकी जायेंगी (४:१६)
४॰ जो अनुयायी पहले ही मर चुके होंगे‚ वे पहले जीवित होंगे और उपर उठा लिये जायेंगे (४:१७ अ)
५॰ फिर जो सच्चे अनुयायी जीवित होंगे‚ वे सशरीर उपर उठा लिये जायेंगे (४:१७ ब)
बाइबल बुद्धिमान और मूर्ख कुआंरियों के दृष्टांत के बारे में बताती है। इस दृष्टांत के पीछे अर्थ और उददेश्य है। यह दृष्टांत सशरीर उठा लिये जाने के विषय में बताता है। बाइबल कहती है‚
‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५: १०)
आज सुबह तीन बिंदुओं की तुलना करेंगे
१॰ अगर आप अपरिवर्तित हैं तो आप सशरीर उठा लिये जाने के − समय पीछे छोड़ दिये जायेंगे।
२॰ सशरीर उठा लिये जाने के चिंन्ह के अनुसार किसी भी समय यह घटना घट सकती है।
३॰ सशरीर उठाये जाने से चूकने पर आप मरना पसंद करते।
१॰ पहली बात, अगर आप अपरिवर्तित हैं आप सशरीर उठा लिये जाने के − समय पीछे छोड़ दिये जायेंगे।
बाइबल कहती है,
"जब वे मोल लेने को जा रही थीं, तो दूल्हा (मसीह) आ पहुंचा, और जो तैयार थीं‚ वे उसके साथ ब्याह के घर में (स्वर्ग में )चलीं गई और द्वार बन्द किया गया" (मत्ती २५:१०)
नूह के दिनों में जो हुआ‚ उसका चित्रण यहां इस प्रकार है:
‘‘और जो गए वह परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार (जहाज में) तब यहोवा ने उसका द्वार बन्द कर दिया’’ (उत्पत्ति ७:१६)
तब परमेश्वर ने कहा:
‘‘क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा’’ (उत्पत्ति ७:४)
महा प्रलय आने के सात दिन पूर्व परमेश्वर ने द्वार बंद कर दिया। उस अंतिम न्याय के आने के पूर्व‚ सशरीर उठा लिये जाने की घटना के साथ ही परमेश्वर द्वार बंद कर देगा।
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
अगर आप अपरिवर्तित हैं तो आप सशरीर उठा लिये जाने के − समय पीछे छोड़ दिये जायेंगे। इसलिये आप को अपनी आत्मा की चिंता करना अवश्य है। आप को इस संदेश की प्रतिक्रिया देना आवश्यक है। आप को अभी यीशु पर विश्वास करना आवश्यक है। यीशु ने कहा था:
‘‘उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु‚ हे प्रभु‚ क्या हम ने बहुत अचम्भे के काम नहीं किए? तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना: हे कुकर्म करने वालों‚ मेरे पास से चले जाओ’’ (मत्ती ७:२३)
‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं’’ (२ कुरूं १३:५)
अगर आप परिवर्तित नहीं हुए हैं‚ आप यीशु पर विश्वास नहीं करते हैं। अगर आप भावनाओं में बह रहे हैं या सिद्धांतों पर ही विश्वास कर रहे हैं‚ तो सशरीर उठा लिये जाना आप के लिये नहीं है। आप पीछे छूट जायेंगे!
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
२॰ दूसरा‚ सारे चिंन्ह घट रहे है‚ आज सुबह भी यह घटना होने पर आप पीछे छोड़ दिये जायेंगे।
१॰ १९४८ में इजरायल का पुर्नस्थापन‚ यहूदी लोगों का अपने घर लौटना (लूका २१:२४; मत्ती २४:३२−३४; यिजकेल ३७:२१; ३८:८)
२॰ विश्व भर में मसीही और यहूदियों के उपर सताव बढ़ना (मत्ती २४:९−१०; यिर्मयाह ३०:७; दानियेल १२:१)
३॰ विश्व भर में अकाल अनियंत्रित पर्यावरण, महामारियां, एडस महामारी और भूकंपों की बढ़ती संख्या (मत्ती २४:७)
४॰ मसीहत में स्वधर्म त्याग का बढ़ना (२ थिस्स २:३; मत्ती २४:११−१२)
५॰ मनुष्य जगत का फिर से उस युग में लौटना‚ जैसे महाप्रलय आने के पूर्व‚ नूह के काल में घट रहा था (मत्ती २४:३७−४०)
बाइबल मसीह के आगमन के समय के हालात की तुलना नूह के काल से करती है।
१॰ नूह के काल मे लोगों को उद्धार पाने की कोई चिंता नहीं थी। उनमें आत्मिक जाग्रति नहीं थे। बिल्कुल आज के समय के समान − कोई भय नहीं कोई दोष नहीं।
२॰ नूह के काल के चिंन्ह आज यहां दिखाई दे रहे हैं। और आप पीछे छूट जायेंगे!
वह आवाज सुनती और सिर घुमाकर देखती है− वह जा चुका है।
मैं चाहता हम सब तैयार रहते।
दो पुरूष पहाड़ी पर जा रहे होंगे‚
एक गायब हो जाता है दूसरा स्तब्ध खड़ा रहजाता है‚
मैं चाहता हम सब तैयार रहते
तब हृदय बदलने का समय नहीं होगा।
पुत्र आ चुका होगा और आप पीछे छूट जायेगें ।
(‘‘मैं चाहता हम सब तैयार रहते’’ लैरी नार्मन १९४७−२००८)
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
परंतु आप के लिये मार्ग बंद हो जाये‚ तब तक राह देखने की आवश्यकता नहीं है। आज सुबह भी परमेश्वर आप के लिये दरवाजा बंद कर सकते हैं। परमेश्वर आप के लिये आशा छोड़ सकते हैं। परमेश्वर आप के लिये उद्धार पाने का रास्ता बंद कर सकते हैं। आप को महसूस भी नहीं होगा और आप अक्षम्य अपराध कर बैठेंगे। आप मौका खो देंगे कि आप को पापों से कभी क्षमा मिल पाये। जब परमेश्वर आप के लिये दरवाजा बंद कर देंगे तो आप के लिये कोई आशा नहीं रहेगी। दरवाजा बंद हो चुका होगा और आप की आत्मा सदा के लिये नष्ट हो जायेगी।
३॰ तीसरा, सशरीर उठाये जाने को चूकने पर आप स्वयं को मृतक कहलाना अवश्य पसंद करेंगे − परंतु दरवाजा बंद हो चुका होगा।
आप सोच सकते हैं कि यह एक कहानी है। आप का दिमाग यह पढ़ने के बाद इधर उधर भटक भी सकता है। परंतु जिस दिन आप इस घटना में शामिल नहीं हो पायेंगे, आप को लगेगा कि इससे बेहतर तो आप मर चुके होते। बाइबल सीधे सीधे हमें बताती है‚
‘‘उन दिनों मनुष्य मृत्यु की खोज करेंगे...... वे मृत्यु की अभिलाषा तो करेंगे ...... ’’ (प्रकाशितवाक्य ९:६)
जब सशरीर उठा लिये जाने में चूक जायेंगे तो आप आत्महत्या करने की सोचेंगे। आप मरने की कामना करेंगे क्यों?
१॰ प्रकाशितवाक्य ९:१−२ के अनुसार अथाह कुंड में आप को शैतान भयानक पीड़ा पहुंचायेगा डॉ जॉन आर राईस द्वारा इस शैतान का वर्णन सुनिये:
‘‘हमें कोई संदेह नहीं कि ये टिडिडयां शैतान का ही एक रूप होंगी......‘ये उन मनुष्यों
को यातना देने आयेगीं जिनके माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं है।’ इन ‘टिडिडयों’
अर्थात नर्क के शैतान से यातना पाकर उन दिनों में लोग मरने की कामना करेंगे
जिस यातना का वर्णन यहां किया गया है‚ यह आत्मिक प्रताड़ना है‚ दिमाग परेशान और घनघोर पीड़ा से भर जायेगा। इन टिडिडयों का वर्णन अदभुत है‚ जैसे एक खतरनाक सपना हो‚ जो मनुष्य के घने शोक को सार गर्भित करता है....वे मनुष्य की आत्मा को पीड़ा पहुंचाते हैं मस्तिष्क को.....क्या आप आप की आत्मा की उस बर्बाद अवस्था की कल्पना कर सकते हैं जब मनुष्य दुष्ट आत्मा के प्रकोप की ओर मुड़ जाता है?" (जॉन आर राईस बीहोल्ड ही कमेथ! ऐ कमेंटरी ऑन रिविलेशन‚ सोर्ड ऑफ दि लार्ड‚ १९७७‚ पेज १६९−१७१)
आप दिन और रात शैतान द्वारा कष्ट पायेंगे। कोई आप की मदद करने के लिये नहीं आयेगा। कोई प्रोजेक और अन्य नशे की दवायें आप का साथ नहीं देंगी।आप दारूण दुख में पड़े रहेंगे और ये चीजें आप को उपलब्ध नहीं होंगी। क्योंकि लाखों ऐसे लोग होंगे जो दुष्ट आत्माओं द्वारा पागल कर दिये जायेंगे। आप लगभग पागलपन की कगार पर होंगे। आप की इच्छा होगी इससे अच्छा तो मर जायें। आत्महत्या का विचार आप के मन में निरंतर बना रहेगा। पर कोई सहायता के लिये नहीं आयेगा! आप ने बहुत देर कर दी होगी। अब आप निश्चित पीछे छूट जायेंगे।
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
२॰ अगर आप उन दिनों में यीशु के अनुयायी बनना चाहेंगे तो आप को फांसी पर लटका दिया जायेगा। बाइबल उनके विषय में कहती है कि ‘‘वे जिन के सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गए थे; और जिन्हों ने न उस पशु की‚ और न उस की मूरत की पूजा की थी‚ और न उस की छाप अपने माथे और हाथों पर ली थी" (प्रकाशितवाक्य २०:४)
आप महसूस करेंगे कि आप पीड़ा में हैं। वे आप के भीतर माइक्रोचिप लगा देंगे या ऐसी कोई चीज आप के हाथ की चमड़ी में या माथे पर लगा देंगे। आप स्मरण करेंगे कि यह तो ख्रीस्त विरोधी की उपासना करने जैसा होगा। आप कहेंगे, मैं ऐसा कुछ भी अपने अंदर लगाने नहीं दूंगां कुछ भी खरीदना होगा तो आप का हाथ "स्कैन" किया जायेगा। अन्यथा आप भूखे मर जायेंगे। आप इसके बिना कुछ खरीद ही नहीं पायेंगे! कोई भी आपके विरूद्व उठ खड़ा होगा। मसीही होने के कारण आप का सिर काट दिया जायेगा। किसी न किसी प्रकार से आप का नुकसान ही है, अगर आप पीछे छूट जाते हैं!
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
३॰ कटोरें वाली विपत्तियां आप के उपर पड़ेंगी। कोई कहेगा‚ तो क्या हुआ‚ ‘‘मैं उन्हें अपने भीतर माइक्रो चिप लगाने दूंगा‚ कम से कम सिर काटे जाने से तो बच जाउंगा।" परंतु अगर सिर काटे जाने से बच गये तो कटोरे वाली विपत्तियां आप की राह देख रहीं होंगी!
(१) एक बुरा और दुखदाई फोड़ा आप के शरीर में निकलेगा जो दिन और रात आप को दर्द से पीड़ित कर देगा (प्रकाशितवाक्य १६:२)
(२) समुद्र का पानी जहर में बदल जायेगा, उसी प्रकार ताजा पानी भी। सारा पानी जहर बन जायेगा। आप के पास पीने को कोई जल नहीं होगा। (प्रकाशितवाक्य १६:३−४)
(३) आप गर्मी से झुलस जायेंगे। एक उल्का पिंड गिरकर आप को और अधिक झुलसायेगा। आप का शरीर भयानक रूप सें जल जायेगा। तब कोई दवाई उपलब्ध नहीं होगी। आप अपने जले शरीर पर उठे फफोलों से टपकता मवाद लिये इधर उधर भागेंगे (प्रकाशितवाक्य १६:८−९)
(४) बिजली नहीं मिलेगीं। आप रात्रि में पूर्णतः अंधकार में होंगे। दर्द से अपनी जीभ काट रहे होंगे (प्रकाशितवाक्य १६:१०−११)
(५) संसार की सेना गतिशील हो जायेगीं। इससे आप को और अधिक परेशानी और उलझन होगी - क्यांकि युद्ध हमेशा तकलीफ देता है। आप में से कई − पुरूष और महिलाओं को − आपकी इच्छा के विरूद्ध सेना में भर्ती किया जायेगा (प्रकाशितवाक्य १६:१२−१६)
(६) एक भयानक भूकंप होगा जैसा आज तक नहीं कहीं नहीं हुआ। उल्का पिंड ओलों के मानिंद धरती पर गिरेंगें। तब आप कहां छिपेंगे? भूकंप से इमारतें धराशायी हो जायेंगी। तब आप कहां छिपेंगे? (प्रकाशितवाक्य १६:१७−२१)
याद रखिये‚ ये सब आप के साथ क्यों हुआ क्योंकि आप ने उद्धार प्राप्त नहीं किया है। आप जानते थे कि यीशु आप के पापों का मूल्य चुकाने के लिये क्रूस पर मरे। आप जानते थे कि वे मर कर जीवित हुए और स्वर्ग में सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठे हैं। आप जानते थे कि आप को परमेश्वर के पुत्र की आवश्यकता है ताकि वह आप के पापों को क्षमा करें और उनके लहू से आप के पापों को धो देवें। आप ये सारी बातें जानते थें - परंतु आप ने स्वयं को मूर्ख बनाये रखा। आप खेलते रहे, हंसते रहें और बहाने बनाते रहे। इसलिये आप पीछे छोड़ दिये गये!
‘‘और द्वार बन्द किया गया’’ (मत्ती २५:१०)
डॉ हिमर्स आइये और इस आराधना का समापन कीजिये।
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संदेश के पूर्व नोहा सोंग द्वारा संदेश पढ़ा गया: मत्ती २५:१–१०
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकैड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
‘‘मैं चाहता हम सब तैयार रहते’’ (लैरी नार्मन १९४७−२००८)
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