इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।
इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।
जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
.
स्वयं को अभी जांचों!EXAMINE YOURSELVES NOW! डॉ आर एल हिमर्स रविवार की सुबह, ५ फरवरी, २०१७ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल ‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं, अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।'' (२ कुरूंथियों१३:५) |
कुरिंथ चर्च कें एक समूह ने प्रेरित पौलुस के उपर प्रहार करना आरंभ कर दिया। ये वही अपरिवर्तित लोग थे, जिनके विषय में पौलुस ने पहले कहा था। उनका कहना था कि पौलुस एक कमजोर व्यक्ति था और सच्चा प्रेरित नहीं था। वे उन लोगों के समान थे − जैसे हमारे चर्च में भी पाये जाते थे जिन्होंने चर्च विभाजन के समय मुझ पर प्रहार किये थे। ल्योस ऐंजीलिस के सिविक सेंटर में इस चर्च को बनाये रखने के लिये हमें शैतान से लोहा मोल लेना पड़ा था। तो ऐसे कुछ दुष्ट लोगों ने कहा था कि पौलुस सच्चा प्रेरित नहीं था। इसलिये पौलुस ने उनसे कहा कि ‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं।'' इस पद का ऐसे अनुवाद हो सकता है, ‘‘स्वयं को परखों, यह देखने के लिये कि तुम विश्वास में हो कि नहीं।'' पौलुस ने उनसे कहा कि वे अपने हृदय में झांके और अपने जीवन मे देखें कि वे वास्तव में उद्वार पाये हुये हैं कि नहीं। ‘‘विश्वास में होना'' अर्थात वास्तविक क्रिश्चियन होना। ऐसे लोगों ने पौलुस पर इस तरह प्रहार किया जैसे चर्च छोड़ने वाले उस समूह ने मेरे साथ किया था। अब उनमें से बहुत से लोग बिल्कुल भी चर्च नहीं जाते हैं। बाकि लोग, कमजोर नये बने इवेंजलीकल्स चर्चेस में जाते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि उनमें से कुछ ही सच्चे क्रिश्चियन होगे।
‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं, अपने आप को (परखो) जांचो।''
प्रेरित पौलुस आप को स्वयं को जांचने को कहते हैं। उसने कहा कि अपने आप को जांचों कि मसीह का द्वारा दिया गया उद्वार है कि नहीं। अगर आप स्वयं को नहीं जांचोगे तो परमेश्वर अंतिम न्याय के दिन आप को जांचेगे। परमेश्वर आप के हर पाप को जो आप करते हैं, देखते हैं। उन्होंने आप के चित्त में बसे और आप के द्वारा किये गये हर पाप को लिख डाला है। वह अपनी पुस्तकों में से आप के पाप को पढेंगे। जब आप मरेंगे तब आप की आत्मा परमेश्वर के समक्ष खड़ी होगी और आप का न्याय होगा। आप को अब अपने पापों को जांचना चाहिये, अन्यथा परमेश्वर आप के पापों को जांचेगे और उनका न्याय करेंगे और आप आग की झील में डाल दिये जायेंगे (प्रकाशितवाक्य २०:१५) आप को अपने विचारों को, शब्दों को और जितने भी बाहरी पाप करते हैं, उन्हें जांचना चाहिये। क्योंकि जब आप मर चुके होगे तब नर्क की आग से बचाये जाने के लिये बहुत देर हो चुकी होगी। ‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं।'' मरने पर नर्क की आग से बचाये जाने के लिये बहुत देर हो चुकी होगी। अगर आप प्रायश्चित नहीं करेंगे और मसीह पर विश्वास नहीं लायेगे तो वह ‘‘परमेश्वर के प्रकोप की निरी मदिरा......... जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है पीएगा, और उन को रात दिन चैन न मिलेगा'' (प्रकाशितवाक्य १४:१०,११) इसलिये स्वयं को अभी परखना आवश्यक है − इसके पहले कि मृत्यु को प्राप्त हो।
आप हमारे चर्च में प्रवेश करते ही एकाएक यह महसूस करेंगे कि हम प्राचीन तरीकों से चलने वाले लोग हैं। सबसे पहले आप तस्वीरों की एक शृंखला देखेंगे − जोनाथन एडवर्ड, जोन बुनयन, जार्ज व्हाईटफील्ड, जोन वेस्ली, मार्टिन लूथर, स्पर्जन, जेम्स हडसन टेलर, डॉ जोन सुंग और अतीत के दूसरे अन्य लोग। अगली बात जो आप हमारे चर्च में आप पायेंगे कि हर व्यक्ति सूट व टाई में है। अगर उनके पास टाई और सफेद शर्ट की व्यवस्था नहीं है तो हम उन्हें लोन दे सकते है। अगर वे इंकार करते हैं तो वे अंदर नहीं आ सकते हैं। कठोर बात है न? परंतु यह प्राचीन पद्वति है, हम इसे बदलने वाले नहीं है। महिलायें शालीन वस्त्र धारण करेंगी। यह प्राचीन परंपरा है और उचित है। जैसे डॉ टोजर ने कहा, ‘‘प्राचीन मार्ग ही सच्चा रास्ता है।'' जब आप आडिटोरियम में आयेंगे तो एक पियानों और एक आर्गन प्राचीन गीतों को बजाता हुआ मिलेगा। संपूर्ण आराधना में गिटार और ड्रम जैसा कोई संगीत नहीं मिलेगा। जितने भी गीत हम गाते हैं वे प्राचीन रीति के हैं। कोई आधुनिक कोरस नहीं गाई जाती है। एकल ‘‘विशेष गीत'' हमारे चर्च के सीनियर डीकन द्वारा गाया जाता है जो अपनी उम्र के साठवें साल में हैं − वे प्रचार के पूर्व पुराने मसीही गीतों को गाते हैं। हम प्राचीन किंग जेम्स बाइबल से प्रचार करते हैं।
कोई कह सकता है कि ‘‘तुम्हारे चर्च में अवश्य बूढ़े लोग आते होंगे!'' परंतु ऐसा नहीं है! हमारे चर्च में अधिकतर तीस से कम उम्र के लोग हैं! उसमें से पच्चीस प्रतिशत लोग कॉलेज जाने वाले या हाई स्कूल की उम्र के हैं। उनमें से बहुत ही कम युवा किसी चर्च में बचपन से पले बढ़े हैं। वे सब पास के किसी न किसी कॉलेज या हाई स्कूल से जोरदार सुसमाचार प्रचार के द्वारा लाये जाते हैं।
जो कुछ हम करते हैं, हम आधुनिक चर्चेस को चुनौती देने का
कार्य करते हैं। हम अलग ढंग से सोचने में विश्वास
करते हैं।
उनसे बेहतर क्रिश्चियंस बनाने के द्वारा हम उन चर्चेस
को चुनौती देते हैं।
हम सचमुच उन चर्चेस की तुलना में बेहतर क्रिश्चियंस
बनाते हैं!
क्या आप उनमें से एक बनना चाहते हैं?
(साइमन सिनेक, स्टार्ट विथ व्हाय से साभार संक्षिप्त
संदेश, पेज ४१)
कुछ महिनों के लिये आइये और सच्चे परिवर्तन का अनुभव लीजिये, तब आप किसी ‘‘आधुनिक चर्च'' द्वारा तैयार किये गये क्रिश्चियन से कई गुना अच्छे क्रिश्चियन दिखाई देंगे! हर कोई आप को उत्तम क्रिश्चियन के रूप में जानेगा!
बहुत ही कम चर्च बचे हैं जो पुरानी पद्वति पर चलते हैं। वर्तमान के चर्चेस मसीह और उनके शिष्यों के द्वारा सिखायी गयी रीति के अनुसार नहीं चलते हैं। आधुनिक चर्चेस सुधारवादी प्यूरीटंस और १८ वीं और प्रारंभिक १९ वीं शताब्दी के सुसमाचार प्रचारकों की तरह प्रचार नहीं करते। वे नये तरीकों की खोज करते हैं व पेलेजियन चार्ल्स फिनी जो भ्रामक शिक्षा प्रदान करता था, उससे प्रेरित होकर चर्चेस में गलत तरीकों को अपनाते हैं − ऐसे तरीके जिसके परिणामस्वरूप निर्णय लेकर उद्वार पाने वाली एक अजीब पीढ़ी बढ़ने लगी। जिसमें नये प्रकार के इवेंजलिस्ट, करिश्माई, ऐंटीनोमियम प्रकार के बाइबल के विधार्थी व नियो कैल्वीनिस्ट (जो कैल्वीन के सिद्वांत तो सिखाते हैं परंतु जोनाथन एडवर्ड, जार्ज व्हाईटफील्ड, स्पर्जन और डॉ ल्योड जोंस के समान सुनने वालों के हृदय नहीं खोजा करते थे।) फिनी द्वारा उत्पन्न किये गये इन फलों के विषय में बोलकर मैं आप का समय बर्बाद नहीं करूंगा। मैं सरल रूप में यह कहूंगा कि हम इनको ‘‘नये सुसमाचार प्रचारकों'' के समूह के रूप का नाम दे सकते हैं। वे स्वयं को ‘‘न्यू इवेंजलीकल्स'' तो कहते हैं! और वे सही हैं क्योंकि जो वे सिखाते हैं वह नया है। मैं नहीं मानता कि चर्च में हर व्यक्ति उद्वारहीन है। परंतु जो उद्वार पाये हुए हैं वे इस समय के थोड़े बचे लोग हैं। अगर आप ‘‘पुराने इवेंजलीकल्स'' के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आयन एच. मरे की ‘‘दि ओल्ड इवेंजलीकलिज्म'' नामक पुस्तक को पढ़िये। आप इसे हमारे स्टोर से या अमेजन से प्राप्त कर सकते हैं। जैकेट के पीछे डॉ ए.डब्ल्यू टोजर का एक उद्वरण है, ‘‘पुराना रास्ता ही सच्चा रास्ता है और कोई दूसरा नया रास्ता नहीं है'' − कोई नया रास्ता नहीं है जो आप को सच्चा क्रिश्चियन बनने में सहायता करे। जैसे कि भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने कहा था,
‘‘सड़कों पर खडे हो कर देखो, और पूछो कि प्राचीनकाल का अच्छा मार्ग कौन सा है, उसी में चलो, और तुम अपने अपने मन में चैन पाओगे'' (यिर्मयाह ६:१६)
मैं आप को पुराना रास्ता बताउंगा जो नये रास्ते से विरोधाभासी है − परंतु आप को उद्वार की तरफ ले चलता है और नया रास्ता आप को अनंत नर्क की तरफ ले चलता है।
१॰ प्रथम, पुराना रास्ता परमेश्वर और उनकी महिमा से प्रारंभ होता है और नया रास्ता
मनुष्य एवं उसकी आवश्यकता और भावनाओं से प्रारंभ होता है।
सचमुच ‘‘नये मार्ग'' में वे परमेश्वर का वर्णन करते हैं परंतु वह धर्मशास्त्र का परमेश्वर नहीं है। वह बाइबल का सर्वशक्तिमान परमेश्वर नहीं है। वह ऐसा परमेश्वर नहीं है जो यह चुनाव करे कि किसको वह उद्वार देवेगा और किसको पाप में छोड़ देगा। ‘‘नये मार्ग वाला'' परमेश्वर पुराने मार्ग वाले परमेश्वर से जिसके बारे में प्रेरित पौलुस ने कहा था, अलग है,
‘‘सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है, और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है'' (रोमियों ९:१८)
नया मार्ग कभी यह सत्य उजागर नहीं करता है कि परमेश्वर चुनते हैं कि वे किसको उद्वार देवेगें और किसको नर्क के लिये छोड़ देवेंगे? आप ने किस प्रचारक को ऐसा प्रचार करते हुए सुना है? आप ने बहुत कम बाइबल के परमेश्वर के उपर प्रचार सुना होगा। बाइबल उन्हें ‘‘महान् और भय योग्य ईश्वर'' कहती है (व्यवस्थाविवरण ७:२१) बाइबल उन्हें ‘‘महान और भययोग्य ईश्वर'' कहती है (नहेमायाह १:५) पुनः बाइबल उन्हें ‘‘महान पराक्रमी और भययोग्य ईश्वर'' कहकर बुलाती है (नहेमायाह ९:३२)। इसके साथ, यह भी चेतावनी दी गई है कि ‘‘जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है'' (इब्रानियों १०:३१)। ‘‘क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करने वाली आग है'' (इब्रानियों १२:२९)।
क्या आप ने किसी पास्टर या प्रचारक को उस परमेश्वर के बारे में प्रचार करते हुए सुना है − जिसे बाइबल ‘‘जीवित परमेश्वर'' कहती है? (इब्रानियों १०:३१)। क्या आप ने किसी प्रचारक को सुना है जो कहते हों कि परमेश्वर संसार में से कुछ को उद्वार देने के लिये चुनते हैं और शेष को नर्क जाने के लिये छोड़ देते हैं? मसीह ने कहा कि ‘‘बुलाये हुए तो बहुत हैं परंतु चुने हुए थोड़े हैं।'' (मत्ती २२:१४)। क्या आप ने उन्हें कम महत्वपूर्ण परमेश्वर के बारे में बातें करते सुना है जो सभी को उद्वार को प्रदान करेंगे। ऐसा परमेश्वर जो आप को संभालता है आपकी जरूरतों को पूरा करता है − बजाय उसके जो भययोग्य परमेश्वर है जो ‘‘जीवित परमेश्वर'' है? आप कहेंगे कि ‘‘मैं आप के भययोग्य परमेश्वर के विषय में सुनना नहीं चाहता! ओ के, मैं पलट कर अब इस चर्च में कभी नहीं आउंगा!'' तो ठीक है, मत आइये! अपने ‘‘स्व निर्मित परमेश्वर'' पर विश्वास करते जाइये। परंतु याद रखना अपने लिये परमेश्वर का जो रूप तुमने रचा है, वह सच्चा परमेश्वर नहीं है। इसलिये तुम भी कभी उद्वार नहीं पा सकोगे और सच्चे क्रिश्चियन नहीं बन सकोगे, जब तक कि तुम बाइबल के ‘‘जीवित परमेश्वर'' में विश्वास नहीं करोगे।
२॰ दूसरा, पुराने रास्ते आप को अपने पाप के बारे में विचार करने के लिये कहते हैं, जिनके लिये परमेश्वर नर्क में दंड देंगे, जबकि नये रास्ते आप को आप की आवश्कताओं और भावनाओं के बारे में विचार करने के लिये कहेंगे।
क्या आप ने किसी पास्टर या पुरोहित को यह कहते सुना है कि आप गहन रूप से पापी हैं? आप का हृदय विकृत और मलिन है? क्योंकि ‘‘मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है........... उस में असाध्य रोग लगा है, उसका भेद कौन समझ सकता है? (यिर्मयाह १७:९)। जब तक आप सच में परिवर्तित नहीं होंगे, आप अनन्त दण्ड भोगेंगे (मत्ती २५:४६) । या आप ने फुलर सेमनरी के प्रचारक रॉब बैल के समान किसी पास्टर को सुन लिया है, जो हरेक के लिये कहते हैं कि वे स्वर्ग जायेंगे, भले ही हिटलर क्यों न हो? हां, उन्होंने ऐसा कहा है! (लव विंस) अगर फुलर सेमनरी में जरा भी अच्छाई शेष है, तो उन्हें इस पास्टर की डिग्री रदद कर देना चाहिये और उसका पैसा वापस कर देना चाहिये।
आप कहते हैं कि, ‘‘एक मधुर और नम्र प्रचारक के द्वारा आप की जरूरत पूरी होती रहे। मैं इस पुराने फैशन के चर्च में नहीं आने वाला जो मेरे पापों पर उंगली उठाता है!'' तो ठीक है महाशय, आप जाइये और हमें छोड़ दीजिये। जाइये जोयेल आस्टिन की वह छोटी मीठी ‘‘सिनर्स प्रार्थना'' − पर विश्वास रखिये जिसके दोहराने के बाद वे टी वी शो में कहते हैं कि ‘‘अगर आपने यह प्रार्थना दोहराई है तो हम मान लेते हैं कि आप का पुनः जन्म हो गया है।'' जाइये और उन पर विश्वास कर लीजिये। परंतु मैं उनके जैसे प्रचारकों को झूठे भविष्यवक्ता कहता हूं, ऐसे प्रचारक जो स्वयं नर्क जा रहे हैं! उनसे मेरी यह बात कह दीजिये, मेरे संदेश में मेरी यह टिप्पणी रहने दीजिये। मेरे वीडियोज में इसे बताइये!
३॰ तीसरा, पुराने मार्ग आप को आप के पापों के बारे में विचार करने के लिये कहेंगे, विशेष कर आप के गुप्त पाप और मन में छिपे पाप। नये रास्ते के अंर्तगत आप अपने बारे में अच्छा महसूस करते रहेंगे।
जोनाथन एडवर्ड ने कहा था (१७०३−१७५८), ‘‘स्वाभाविक तौर पर मनुष्य स्वयं से प्रेम रखने वाला होता है।'' (मनुष्य एक बहुत दुष्ट और चोट पहुंचाने वाला प्राणी है।) खुद से प्यार करने वाला, परंतु परमेश्वर के लिये कोई प्रेम नहीं। किसी के लिये कोई प्रेम नहीं सिवाय स्वयं के, क्योंकि जैसा जोनाथन एडवर्ड ने कहा, आप एक बहुत ही दुष्ट और चोट पहुंचाने वाले प्राणी है।'' आप ऐसे क्यों हैं? क्योंकि आपने एक पापमयी स्वभाव (मूल पाप) आदम से पाया है, वह आदम जो संपूर्ण मनुष्य जाति का पिता है! ‘‘नहीं, नहीं!'' ऐसा नहीं हैं। कोई कह सकता है, ‘‘मैं तो अपने पति से प्रेम करती हूं।'' क्या आप सचमुच करती हैं? तो क्यों आप उसके विरूद्व विद्रोह करती हैं और रात दिन उसकी शिकायत करती हैं? सच्चाई तो यह है कि आप केवल अपने आप से प्रेम करती हैं!
अपने बारे में गलतफहमी में मत रहिये, आप परमेश्वर से प्रेम नहीं करते हैं। आप चर्च केवल अपने मित्रों को मिलने आते हैं। अगर आप के मित्रों में से किसी एक ने चर्च छोड़ दिया तो आप भी छोड़ देते हैं। इससे यह सिद्व होता है कि आप पाखंडी हैं! इससे यह सिद्व होता है कि चाहे आप ने मसीह से प्रेम करने और उन पर विश्वास लाने के लिये जो भी कहा हो, आप केवल स्वयं को धोखा दे रहे थे। आप पूर्ण रीति से नकली क्रिश्चियन हैं। आपने क्रिश्चियन का वेष धारण कर रखा है। आप ने नकली मुस्कुराहट धारण कर रखी है और मित्र होने का रूप धारण कर रखा है। परंतु आप क्रिश्चियन नहीं हैं। आप ने क्रिश्चियन होने का स्वांग रच रखा है जैसे हैलोवीन पर लोग स्वांग रचते हैं! नहीं, सच्चाई केवल यह है कि आप मसीह से प्रेम नहीं करते हैं। आप ने केवल स्वयं से प्रेम रखा है। केवल स्वयं से! केवल स्वयं से! केवल स्वयं से! बाइबल कहती है, ‘‘पर यह जान रख कि अन्तिम दिनों में.......... सुखविलास ही के चाहने वाले होंगे '' (२ रा तीमु ३:१,२) । इसलिये आप के पास बाइबल पढ़ने के लिये समय नहीं है। प्रार्थना करने के लिये समय नहीं है। सुसमाचार प्रचार पर जाने के लिये समय नहीं है − परंतु आप के पास पर्याप्त समय है। विडियो गेम्स खेलने, टी वी देखने और कुत्सित पोर्नोग्राफी देखने के लिये घंटों हैं। शनिवार और रविवार रात्रि को चर्च आने के लिये समय नहीं है − परंतु फिल्म देखने के लिये समय है! आप ऐसे क्यों हैं? क्योंकि आप सिर्फ खुद से प्रेम रखते हैं! परमेश्वर से आप को प्रेम नहीं है। यीशु से प्रेम नहीं है। सिर्फ स्वयं के लिये प्रेम है। इसे स्वीकार कीजिये! अभी स्वीकार कीजिये − अन्यथा आप कभी प्रायश्चित नहीं कर पायेंगे और मसीह पर विश्वास करने से सच्चे क्रिश्चयन नहीं बन पायेंगे।
‘‘नया मार्ग'' पुराने मार्ग के बिल्कुल विपरीत है − जिस पर हम विश्वास करते हैं। ‘‘नया'' मार्ग आप को चर्च में आगे लेकर जाता है, आप पापियों द्वारा दोहराये जाने वाली एक प्रार्थना बोल कर सोचते हैं कि आप ने उद्वार प्राप्त कर लिया है। उसके बाद वे आप को बपतिस्मा दे देते हैं! मैं जो यह कह रहा हूं, इसके कारण अनेक बैपटिस्ट मुझे नापसंद करेंगे, परंतु मुझे सच्चाई बतानी होगी। आप के द्वारा ‘‘तथा कथित निर्णय'' लेते ही, वे त्वरित आप को बपतिस्मा दे देते हैं। अक्सर उसी सभा में वे क्यों बपतिस्मा देते हैं? वे ऐसा इसलिये नहीं करते हैं कि उनको यीशु से प्रेम है! वे ऐसा इसलिये नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें बाइबल से प्रेम है! वे ऐसा इसलिये करते हैं क्योंकि वे सिर्फ स्वयं से प्रेम रखते हैं! उनको आप की जरा चिंता नहीं है। वे तो सिर्फ इस बात की परवाह करते हैं कि कितने बपतिस्मा उन्होंने दर्ज किये हैं। जो पास्टर्स जानबूझकर ऐसा करते हैं, उनका स्वयं का कभी उद्वार नहीं हुआ है। उनसे जाकर कह देवें कि मैं उनके लिये ऐसा कहता हूं, इस बात को संदेश में लिख दीजिये, मेरे विडियों में प्रसारित कीजिये।
आप कहेंगे, ‘‘मुझे आप का ऐसा बोलना पसंद नहीं आ रहा है। मुझे यह अच्छा नहीं लग रहा है कि आप मुझे कहें कि मैं परमेश्वर से प्रेम नहीं रखता हूं। मुझे आपका यह कहना पसंद नहीं आ रहा है कि मैं सिर्फ खुद से प्रेम रखता हूं। मैं तो ऐसे चर्च में अब नहीं आउंगा!'' ओ के, तो मत आइये। परंतु यह याद रखिये, इस बूढ़े प्रचारक ने आप को सच्चाई कही है, पूरी सच्चाई − और कुछ नहीं बस आप के बारे में पूरा सच कहा है! आप कुछ भी कहते रहें, मुझे कोई अंतर नहीं पड़ता। कुछ युवा कहते हैं, ‘‘कि मैं अपने मित्रों को यहां नहीं ला सकता क्योंकि आप का प्रचार बहुत कड़ा होता है।'' नहीं मेरे प्रियों, यह कारण नहीं है − आप भी जानते हैं! आप अपने मित्रों को यहां इसलिये नहीं लाते क्योंकि आप को उनकी आत्माओं की कोई चिंता नहीं है! आप को उनकी कोई चिंता नहीं है − आप सिर्फ अपने से प्रेम करते हैं! अपने चेहरे से वह भददा सा भाव हटा दीजिये और जो मैं कह रहा हूं, उस पर विचार कीजिये! यही वह जगह है जहां आप को भटके हुए बच्चों को लाना आवश्यक है! और क्यों? क्योंकि यही एक जगह मैं जानता हूं जो जहां उन्हें उद्वार प्राप्त हो सकता है! इसलिये मैं बारंबार कहता हूं! जितना आप अपने आप से प्रेम रखते हैं, अगर उनसे भी उतना प्रेम रखते हैं तो आप उन्हें बता सकते हैं कि, ‘‘मेरे साथ चर्च चलिये! यहां मजबूत शिक्षा मिलेगी! यहां प्राचीन शिक्षा मिलेगी! यह पूरे ल्योस ऐंजीलिस में सबसे उत्तम चर्च है। और यह आप के जैसे युवा और मेरे उम्र के लोगों से भरा हुआ है।'' अगर आप सच्चे क्रिश्चियन होते तो आप उन्हें ऐसा बताते। परंतु आप सच्चे क्रिश्चियन हैं ही नहीं। आप तो नकली क्रिश्चियन हैं! आप सिर्फ अपने आप से प्रेम करते हैं। आप तो स्वयं एक भटके हुए जन हैं।
बुधवार रात्रि एक उद्वारहीन लड़की ने मुझसे कहा कि वह मुझे नहीं सुनेगी क्योंकि मैं बहुत चिल्लाता हूं। मैंने उससे कहा, ‘‘कि तुम बहुत सालों से यहां आ रही हो। तौभी तुमने प्रायश्चित नहीं किया और ऐसी ही विद्रोही हो, तो मुझे तो तुम पर और अधिक चिल्लाना चाहिये!'' हां, बहुत उंची आवाज में − उंची आवाज में − और उंची आवाज में चिल्लाना चाहिये। अगर आप वाहनों की भीड़ में किसी अंधे व्यक्ति को देखते हैं तो क्या आप उस पर चिल्लाते नहीं हैं? ‘‘यहां से अलग हटो नहीं तो कुचल जाओगे!'' इसलिये मैं चिल्लाता हूं − क्योंकि मैं आप की आत्मा से प्यार करता हूं। जो प्रचारक आप पर चिल्लाते नहीं हैं वे आप से प्यार नहीं करते हैं। वे केवल आप का पैसा चाहते हैं! जब तक आप पूरी रीति से मन में स्वीकार नहीं कर लेते कि आप स्वार्थी और पापी हैं आप का सच्चा परिवर्तन नहीं हो सकता। आप को अपने गुप्त पाप और मन में छिपे पापों को स्वीकारना होगा। आप को दाउद के समान सदैव यह कहना होगा कि ‘‘मेरा पाप मेरे सामने है'' (भजन ५१:३) आप को अपने पाप के बोध तले आना होगा, अन्यथा आप कभी इस आवश्यकता को महसूस नहीं कर सकेंगे कि यीशु के क्रूस पर बहाये गये लहू से आप के पापों को शुद्व होने की आवश्यकता है।
४॰ चौथा, पुराना रास्ता अपने आप को जांचना हैं। नये रास्ते में आप सिर्फ नाममात्र के
लिये चर्च आते रहते हैं लेकिन पाप की दुनिया से नाते नहीं तोड़ते हैं।
बाइबल कहती है, ‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते।'' (२ कुरूंथियों १३:५) यह प्राचीन मार्ग है। अपने आप को जांचो, यह देखने के लिये के लिये कि सचमुच आप ने उद्वार प्राप्त किया है या नहीं। जोनाथन एडवर्ड ने कहा था, ‘‘जांचों कि कहीं (आपने) पाप को उपरी तौर पर स्वीकारने का बहाना तो नहीं किया। आप ने उचित रूप में अपने पाप के लिये शोक किया या नहीं। आप के हृदय पर पाप का बोझ था या नहीं। पापो को मानने के बाद (आप का) हृदय नम्र हुआ या नहीं और (आप) संवेदनशील बने या नहीं।''
ऐसा अगर आप के साथ घटा है, तो ही आप सच्चे क्रिश्चियन कहलायेंगे। आप में से कुछ लोगों ने दूसरों के उद्वार पाने का अनुभव पढ़ा होगा या सुना होगा। लोगों के ऐसे अनुभव आप को याद हो गये होंगे। मैं आप के सामने कुछ सामर्थशाली गवाहियां पढूंगा, जिससे आप को प्रेरणा मिलेगी जैसे शैला नैंस और जोन कैगन की गवाही का अनुभव कि कैसे उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया और प्रभु यीशु मसीह में उनको शांति मिली।
आप को थोड़ा बहुत बोध हुआ होगा और बाकि जो मुख्य बातें मैंने कहीं, आप ने उसकी नकल कर ली। आप को उद्वार पाने का सच्चा अनुभव हुआ ही नहीं, आप ने सिर्फ किसी के सच्चे अनुभव की नकल कर ली! और उसके शब्दों को दोहरा लिया। मैं जोन कैगन की गवाही के मुख्य अंश पढूंगा। जैसे मैं इस गवाही को पढ़ता जाता हूं, आप सोचें कि क्या मेरे साथ ऐसा हुआ था? या मैंने सिर्फ इस अनुभव की नकल कर ली है।'' एक एक शब्द को ध्यान से सुनिये और खुद से पूछिये कि क्या ये आप के साथ वास्तव में हुआ है? अगर ऐसा नहीं हुआ है तो आप को गलत अनुभव हुआ है। थोड़े दिनों बाद हो सकता है कि आप चर्च छोड़ देंवेंगे, जैसा कि दूसरों ने किया। आप को सच्चे अनुभव से गुजरना चाहिये, अन्यथा जब शैतान आप के पास आयेगा तो आप हमारे चर्च को छोड़ कर जाना चाहेंगे।
मेरी गवाही
जून २१,२००९
जोन सैम्यूएल कैगन
मैं अपने परिवर्तन को इतनी सजीवतापूर्वक और इतनी घनिष्ठापूर्वक याद कर सकता हूं कि जो अंतर उसने मेरे जीवन में लाया उसके आगे शब्द भी पर्याप्त नहीं होंगे। परिवर्तन के पूर्व मैं बहुत क्रोधित रहा करता था, नफरत से भरा हुआ था। पाप करने में घमंड का अहसास करता था। लोगों को दुख देने में आनंद आता था। अपने आप को उन लोगों से जोड़ रखा था जो परमेश्वर को नफरत करते थे। पाप मेरे लिये गलती नहीं थी कि जिसके लिये मुझे दुख हो। परमेश्वर ने कई तरीकों से मेरे उपर कार्य करना आरंभ किया। मेरे परिवर्तन से कुछ सप्ताह पूर्व का समय मेरे लिये मरने के समान था, न सो सकता था, न हंस सकता था, न मुझे किसी प्रकार की शांति थी। हमारा चर्च सुसमाचारिय सभायें चला रहा था और मुझे याद हैं कि मैं उनकी हंसी उड़ा रहा था। मैं अपने पास्टर और पिता का अनादर किया करता था। (जोन अपनी अपरिवर्तित दशा में मेरे उपर क्रोधित हुआ करता था, जैसे चर्च की वह लड़की मेरे चिल्ला कर प्रचार करने पर नाराज थी।)
पवित्र आत्मा उस समय निश्चित ही मुझे मेरे पापों का बोध करवा रहा था। पंरतु विचारों के भीतर ही मैं पूरी ताकत से परमेश्वर को व परिवर्तन को नकार रहा था। मैंने इस बारे में सोचने से इंकार कर दिया। मैं भीतर से बहुत प्रताड़ित महसूस कर रहा था। (आप को अपने पापों के कारण भारीपन आना चाहिये। अन्यथा कभी भी उद्वार नहीं पा सकोगे!)
जब डा हिमर्स प्रचार कर रहे थे मैं भीतर से मन को कड़ा करके उनकी बातों को नकार रहा था। शाब्दिक तौर पर तो मैं अपने पापों का बोझ अपनी आत्मा पर महसूस कर रहा था। पर मैं इंतजार कर रहा था कि संदेश जल्दी समाप्त हो। किंतु पास्टर का प्रचार करना थम ही नहीं रहा था और मेरे पापों का बोझ सहना मेरे लिये अत्यंत बोझिल होता जा रहा था। मैं और अधिक कांटो के विरूद्व संघर्ष नहीं कर सका अब वह दिन आ गया था कि मेरा उद्वार होना तय था! जब निमंत्रण दिया गया तब भी मैं इसे नकार रहा था लेकिन मैं अब और नहीं सह सका। (ऐसा ही अहसास आप के भीतर आना चाहिये, जैसा कि जोनाथन एडवर्ड ने कहा कि जब तक आप को आप के पाप भारी न लगे, आप का उद्वार पाना असंभव है।) मैं जानता था कि मैं बहुत ही बुरा व्यक्ति था और परमेश्वर द्वारा मुझे नर्क में भेजना सही था। मैं अपने विरूद्व संघर्ष करते करते थक गया था। मैं सच में बहुत थक चुका था। पास्टर ने मुझे समझाया कि मसीह के पास आ जाओ। मैं उनकी अवज्ञा करता रहा। (मैं यह पता कर रहा था) कि कैसे मसीह के पास आया जाये। मेरे पाप मेरी आंखों के सामने थे तौभी मेरे पास यीशु नहीं थे। ये क्षण मेरी जिंदगी के सबसे भारी क्षण थे और मुझे लग रहा था कि मुझे उद्वार नहीं मिल सकेगा और मेरा नर्क जाना निश्चित है। मैं स्वयं बचने का ‘‘प्रयास'' कर रहा था। मैं यीशु पर विश्वास रखने का प्रयास कर रहा था लेकिन यह सब करने मे मैं असफल रहा और मैं और अधिक हताश होता चला गया। मैं इस संघर्ष में फंस कर रह गया। (प्राचीन प्रचारक इसे ‘‘सुसमाचारनुसार रीति'' कहते हैं।) मैं जान रहा था कि मेरे पाप मुझे नर्क की तरफ धक्का दे रहे थे और मेरे भीतर का हठी मन मेरे आंसुओं को दूर धकेल रहा था। (मजबूत लड़के रोते नहीं हैं। वह तो मजबूत लड़का है। परंतु परमेश्वर ने उसके भीतर टूटन दी और सुसमाचारनुसार वह व्यथित हुआ और जब तक वह नहीं रोया, उसे उद्वार प्राप्त नहीं हुआ।)
अचानक मुझे बरसों पुराना एक प्रचार याद आया जिसके शब्द थे: ‘‘मसीह के आगे समर्पण करो! मसीह के आगे समर्पण करो!'' अचानक यीशु को जीवन समर्पण के विचार ने मुझे हताशा से भर दिया और मुझे लगा कि मैं उन्हें जीवन नहीं दे पाउंगा। यीशु ने तो मेरे लिये अपने प्राण दिये। सच्चे यीशु मेरे लिये क्रूस पर चढ़ गये और मैं उनका ही शत्रु बना जा रहा था उनके आगे समर्पित होने से बच रहा था। इस विचार ने मुझे तोड़ कर रख दिया और मैंने अपने भीतर से सब बह जाने दिया। अब मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाया और मुझे यीशु की तीव्र आवश्यकता मेरे जीवन में महसूस होने लगी! उसी क्षण मैं विश्वास के साथ यीशु के आगे समर्पित हो गया और मुझे लगा कि मैं अगर समर्पण नहीं करता हूं तो शायद मर ही जाउंगा और यीशु ने मुझे नया जीवन दिया! केवल विश्वास से मैंने जाना है कि यीशु ने मेरे सारे पापों को धो दिया है।
जोन कैगन की गवाही सुनकर क्या वास्तव में आप को कुछ हुआ? आप को लगा कि आप के साथ भी ऐसा हुआ था? अगर आप का अनुभव ऐसा नहीं है, तो आप को सच्चे परिवर्तन की आवश्यकता है। आप को किसी की नकल किया हुआ नहीं परंतु सच्चा परिवर्तन चाहिये। सच्चे परिवर्तन के लिये आप क्या करेंगे? पहले तो, यह सोचिये कि आप का मन कितना पापमयी होना चाहिये कि आप ने प्रायश्चित भी नहीं किया और न ही यीशु पर विश्वास किया। इतना पापी कि आप ने हमें मात्र शब्दों से छलने की कोशिश की। क्या मैं सही कह रहा हूं? तब तो आप को वास्तव में अपने मन और जीवन के पापों से मुंह मोड़ लेना चाहिये। अवश्य ही आप को मसीह के पास आना चाहिये और और उनका लहू जो क्रूस पर बहाया गया, उसमें धुलकर शुद्व होना चाहिये। यहां वेदी पर आइये और हमसे परामर्श लीजिये, जब तक दूसरे लोग उपर भोजन ग्रहण करते रहेंगे। अभी यहां उठकर आइये! आमीन।
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
आप डॉ.हिमर्स के संदेश इंटरनेट पर प्रति सप्ताह पढ सकते हैं
www.sermonsfortheworld.com पर
''पांडुलिपि संदेशों'' पर क्लिक कीजिये।
पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना डॉ.
हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। यद्यपि डॉ.
हिमर्स के सारे विडियो संदेश का कॉपीराईट है और उन्हें
अनुमति से उपयोग में ला सकते हैं।
संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: भजन ५१:१−३
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकैड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
‘‘प्राचीन मार्ग'' (सीविला डी मार्टिन, १८६६−१९४८)
रूपरेखा स्वयं को अभी जांचों!EXAMINE YOURSELVES NOW! डॉ आर एल हिमर्स ‘‘अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं, अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।'' (२ कुरूंथियों१३:५) (प्रकाशितवाक्य २०:१५; १४:१०; यिर्मयाह ६:१६) १॰ प्रथम, पुराना रास्ता परमेश्वर और उनकी महिमा से प्रारंभ होता है और नया २॰ दूसरा, पुराने रास्ते आप को पाप के बारे में विचार करने के लिये कहते हैं, जिनके ३॰ तीसरा, पुराने रास्ते आप को आप के पापों के बारे में विचार करने के लिये कहेंगें, ४॰ चौथा, पुराना रास्ता अपने आप को जांचना हैं। नये रास्ते में आप सिर्फ नाममात्र |