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सैंडीमैनियेनिज्म के विरूद्व लड़ाई

(संघर्ष के लिये पुकार पर तीसरी शृंखला)
THE BATTLE AGAINST SANDEMANIANISM
(NUMBER THREE IN A SERIES OF BATTLE CRIES)
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की सुबह, २२ जनवरी, २०१७ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल
में दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Morning, January 22, 2017

‘‘तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते'' (यूहन्ना ५:३९, ४०)


जब तक आप धर्मशास्त्र के विधार्थी नहीं होंगे, आप सैंडीमैनियनिज्म को नहीं समझेंगे। इसने गॉस्पल प्रचार को नष्ट करके रख दिया है। यह आत्मा को घात करने वाली अफवाह है। इसने लाखों लोगों को नर्क की ज्वाला में भेज दिया है। सैंडीमैनियज्म को राबर्ट सैंडीमैन ने प्रचलित किया था (१७१८−१७७१) इसकी मुख्य शिक्षा यह है कि जब आप यह मान लेते हैं जो बाइबल कहती है कि मसीह आप के लिये मरे। सैंडीमैनियज्म कहता है कि जो कोई बाइबल में ये बातें लिखे होने पर विश्वास कर लेता है − कि मसीह हमारे लिये मरे और मरने के बाद जीवित हुए, वह उद्वार पा जाता है। आज हमारे सभी चर्चेस में सैंडीमैनियज्म एक बड़ी गलती है। ये लाखों लोगों को नर्क भेजती है। हमारे चर्च में कई लोग हैं जो इस घातक अफवाह पर ध्यान करते हैं! यद्यपि मैं इसे निरंतर प्रचार करता हूं परंतु मैं जो कहता हूं, वे नहीं सुनते। वे तो सैंडीमैनियज्म की घातक शिक्षा पर ध्यान लगाये रहते हैं। हमारे चर्च में छः लोगों ने सोचा कि वे उद्वार पाये हुए हैं, उन्होनें इसी प्रकार की शिक्षा पर विश्वास किया था। चूंकि वे इस पर विश्वास करते थे, वे भटके हुए ही रहे और नर्क की ओर कदम बढ़ाये। (देखिये ‘‘सैंडीमैनियज्म'' इन दि प्यूरीटंस: देअर ओरिजिंस ऐंड सक्सेसर्स, डॉ मार्टिन ल्योड जोंस, बैनर ऑफ टूथ, १९९६ संस्करण, पेज १७०−१९०)

वे यह शिक्षा देते हैं कि जैसा बाइबल मसीह के लिये कहती है, अगर तुम यह विश्वास कर लो, तो तुम्हारा उद्वार हो गया। ऐसी उनकी स्थिति है। डॉ मार्टिन ल्योड जोंस ने कहा था, ‘‘वर्तमान में हमारे सामने यह एक समस्या है'' (उक्त संदर्भित, पेज १७०)। हमारे चर्च के कम से कम छः लोग बिना उद्वार पाये ही रहें क्योंकि उन्होंने स्वयं मसीह के लिये मन नहीं फिराया और बाइबल में लिखी शिक्षा पर विश्वास करने के द्वारा स्वयं को परिवर्तित समझ लिया।

वे सोचते हैं मसीह हमारे पापों के लिये क्रूस पर मरे, इस पर विश्वास लाने से ही हमारा उद्वार हुआ मान लेना चाहिये। मसीह की मृत्यु के लिये बाइबल जो कहती है वे उस पर विश्वास करते हैं। परंतु बाइबल जो कहती है उस पर विश्वास कर लेने मात्र से आप उद्वार प्राप्त नहीं कर लेते हैं। इस संदेश में मैं आपको इसका प्रमाण दूंगा।

१॰ पहली बात, स्वयं मसीह ने सैंडीमैनियज्म में संशोधन किया था।

यीशु फरीसियों से बोल रहे थे। उद्वार के विषय में इन यहूदियों का मत सैंडीमेनियज्म था। यीशु ने उनसे कहा,

‘‘(तुम) पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।'' (यूहन्ना ५:३९, ४०)

इन व्यक्तियों ने सोचा कि वे बाइबल अध्ययन और बाइबल पर विश्वास से बच जायेंगे। मैथ्यू हैनरी ने कहा, ‘‘उन्होने बाइबल पढ़ने और अध्ययन करने के द्वारा (शाश्वत जीवन) पाने के लिये सोचा। उनके पास एक आम धारणा थी कि, ‘जिसके पास वचन (धर्मशास्त्र) है उसके पास अनंत जीवन है।’ वे सोचते थे कि अगर उन्हें वचन कंठस्थ होगा वे धर्मशास्त्र के पदों को बोलते रहेंगे......तो उन्हें स्वर्ग मिलेगा।'' (मैथ्यू हैनरी कमेंटरी ऑन दि व्होल बाइबल) डॉ फ्रेक गिबेलीन ने कहा ने कहा वे सोचते हैं कि ‘‘बाइबल में उनका विश्वास उन्हें अनंत जीवन दिलायेगा'' (दि एक्सपोजिटर बाइबल कमेंटरी)। वे पवित्र शास्त्र पर विश्वास करते थे परंतु यीशु के पास नहीं आते।

यह सैंडीमेनियज्म की त्रुटि है। डॉ ल्योड जोंस ने कहा था, ‘‘आप अपने दिमाग में बाइबल के शब्द और जो कुछ बाइबल कहती है, उसे स्वीकार करते हैं।'' (उक्त संदर्भित, पेज१७५) ‘‘वे ऐसा मानते हैं कि यीशु के विषय में जैसा बाइबल में लिखा है उस पर विश्वास रखने से वे उद्वार प्राप्त कर लेंगे'' (उक्त संदर्भित)।

लाखों बच्चों को हमारे चर्चेस में यह भयानक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्हें धर्मशास्त्र के पदों को स्मरण करना सिखाया जाता है। फिर वे ‘‘अपने हाथ उठाते'' हैं − और उन्हें बपतिस्मा दे दिया जाता है! वे मसीह के पास तो बिल्कुल भी नहीं आते! उन्हें केवल यूहन्ना ३:१६ के पद को याद करना होता है और वे एक प्रार्थना के शब्दों को दोहराते हैं। हमारे चर्च लाखों (वयस्कों) को इस झूठी सैंडिमैनियज्म की शिक्षा द्वारा नर्क भेजते हैं। यीशु ने कहा था,

‘‘(तुम) पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।'' (यूहन्ना ५:३९, ४०)

हमारे अपने चर्च में पांच लोग इस प्रकार के हैं।

एक चीनी युवा ने कहा कि उसने उद्वार प्राप्त कर लिया है क्योंकि उसने विश्वास किया ‘‘कि यीशु उसके लिये मरे।'' उसने सोचा कि बाइबल जो यीशु के बारे में बताती है उस पर विश्वास करना, यीशु के पास आने के बराबर है! इसी को उद्वार पाना, मान बैठना गलती है। ऐसा मनुष्य एक भटका हुआ सैडींमैनियज्म कहलायेगा।

एक युवा स्त्री ने कहा, ‘‘यीशु ही वह एकमात्र जन हैं जो मुझे बचा सकते हैं।'' बाइबल जो यीशु के विषय में कहती है, उसने उस बात पर विश्वास कर लिया परंतु वह स्वयं यीशु के पास आना नहीं चाहती। वह अपने दिल में यीशु के पास आने से बचती है परंतु वह उन शैतानी सलाहों पर कान लगाना बंद नहीं करती जो कहती हैं कि उसे चर्च छोड़ देना चाहिये। वह ऐसे पापमय विचारों को नहीं त्यागती। वह विश्वास करती है कि यीशु ही एकमात्र मसीहा हैं परंतु भटके हुए लोगों की शैतानी सलाहों से मुंह नहीं मोड़ती। इसलिये वह एक भटकी हुई सैंडीमोनियम रहेगी, जो बाइबल पर तो विश्वास करती है परंतु स्वयं यीशु पर विश्वास नहीं करती है। बाइबल यीशु के लिये जो बताती है, उन सब बातों पर उसका यकीन है परंतु वह स्वयं यीशु के पास नहीं आयेगी। चूंकि वह अपने पापों से मुंह नहीं मोड़ेगी इसलिये यीशु के पास भी अपने पापों को उनके लहू से शुद्व होने देने के लिये नहीं पहुंचेगी। वह एक भटकी हुई सैंडीमोनियम ही रहेगी।

एक युवा हिस्पैनिक ने कहा कि यीशु पर विश्वास रखना यही विश्वास करने के बराबर है कि मसीह क्रूस पर मरे। यहां फिर से यह युवा जन बाइबल पर विश्वास तो करता है क्योंकि वह सैंडीमोनियज्म से चिपका रहता है। बाइबल पर विश्वास करना कि यीशु क्रूस पर मरे यह बात इस से बिल्कुल अलग है कि आप स्वयं यीशु पर विश्वास रखे। ऐसा करके वह युवा एक भटका हुआ सैंडीमोनियम ही रहा।

दूसरे चीनी युवा ने भी यही बात कही। यीशु पर विश्वास रखना यही विश्वास करने के बराबर है कि यीशु क्रूस पर मरे। यह युवा बाइबल पर विश्वास तो करता है परंतु स्वयं यीशु पर विश्वास नहीं रखता है। वह भी एक भटका हुआ सैंडीमोनियम ही रहेगा।

एक और चीनी युवती ने ऐसा ही कहा कि यीशु पर विश्वास रखना यह स्वीकार करने के समान है वे क्रूस पर हमारे लिये मरे। युवती जानती है कि यह गलत है और उसको ‘‘आश्चर्य भी हुआ'' जब डॉ कैगन ने पूछा कि क्या ये दोनों समान हैं। उसको ‘‘आश्चर्य इसलिये हुआ'' क्योंकि अपने हृदय में उसने कभी यीशु पर विश्वास ही नहीं किया था। उसने केवल बाइबल के एक या दो पदों पर विश्वास किया था। उसको ‘‘आश्चर्य इसलिये हुआ'' क्योंकि वह अभी तक केवल बाइबल के सिद्वांतो से आराम पाती रही। स्वयं कभी यीशु पर विश्वास नहीं किया था। वह भी एक भटकी हुयी सैंडीमोनियम ही रहेगी।

आप विश्वास करते है कि डोनाल्ड टंप राष्ट्रपति हैं। परंतु आप उनसे मिले नहीं हैं! यह मानना कि वह राष्ट्रपति हैं उनके पास आने के बराबर नहीं है। बहुत फर्क है बाइबल में यीशु के बारे में लिखी बातों पर विश्वास करने और स्वयं यीशु के उपर विश्वास लाने और उनके पास आने में। ऐसा लगता है कि बहुत थोड़ा अंतर है− परंतु नहीं है। अगर स्वयं यीशु पर विश्वास नहीं किया है तो आप नर्क जायेंगे! यीशु उनसे बोले ‘‘तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते'' (यूहन्ना ५:४०) । बाइबल के पद पर विश्वास कर लेना या बाइबल की शिक्षा पर विश्वास कर लेना आप को उद्वार नहीं दिला सकता और न नर्क की आग से बचा सकता है!

लोग ऐसा क्यों करते रहते हैं? क्योंकि उन्हें पाप का बोध नहीं होता! अगर आप को अपने पाप कचोटते हैं तो जैसे जोन कैगन को अनुभव हुआ वैसा ही शत प्रतिशत आप के साथ होगा। आप जान जायेंगे कि आप को कोई नहीं बचा सकता, आप के कोई कर्म आप को नहीं बचा सकते जो कुछ भला आप ने किया हो वह भी आप को नहीं बचा सकता! इसमें यह विश्वास करना भी शामिल है कि यीशु आप को बचा सकते हैं! परंतु मैं कहता हूं पापों का प्रायश्चित होने के उपरांत केवल यीशु स्वयं आप को मुक्ति दे सकते हैं! आप कह सकते हैं, ‘‘कि कौन मेरे पापों को धो सकता है? उत्तर है सिर्फ यीशु का लहू।'' ‘‘मैं आ रहा हूं प्रभु, मैं आप के पास आ रहा हूं, कलवरी के कूस पर जो लहू आप ने मेरे लिये बहाया उससे शुद्व होने के लिये मैं आप के पास आ रहा हूं।''

२॰ दूसरा, सैंडीमोनियज्म दुष्टात्माओं की शिक्षा है।

‘‘तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।'' (यूहन्ना ५:३९, ४०)

क्यों फरीसी बाइबल में खोजते हैं और यीशु के पास नहीं आना चाहते? क्योंकि वे शैतान की बुरी शक्ति के वश में थे! यीशु ने इन्हीं व्यक्तियों से तो कहा था, ‘‘तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिये कि मेरा वचन सुन नहीं सकते। तुम अपने पिता शैतान से हो......'' (यूहन्ना ८:४३, ४४)

तुम मेरा वचन सुन नहीं सकते। जब मैं कहता हूं कि बाइबल जो यीशु के विषय में कहती हैं उस को मानना और स्वयं यीशु पर विश्वास करना एक समान नहीं है। तुम इतनी सरल सी बात नहीं समझते क्योंकि तुम शैतान के वश में हो।

हां, यीशु ने ऐसा कहा। वे बोले, ‘‘तुम मेरा वचन सुन नहीं सकते। तुम अपने पिता शैतान से हो......'' (यूहन्ना ८:४३, ४४) । तुम शैतान से हो। तुम्हारा पिता शैतान है। शैतान ने तुम्हारे दिमाग को अंधा कर रखा है क्योंकि शैतान नहीं चाहता कि तुम यीशु पर विश्वास रखों और बचाये जाओ। प्रेरित पौलुस ने कहा था,

‘‘परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है। और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर (शैतान) ने अन्धी कर दी है......'' (२ कुरूं ४:३,४)

शैतान आप को कैसे अंधा बनाये रखता है? शैतान कैसे आप पर इतना प्रभुत्व रखता है कि आप यीशु के पास नहीं आयेंगे?

१॰   कई चीनी युवाओं को उनके उद्वारहीन माता पिता के द्वारा सत्य के प्रति अंधा बनाया गया है और ये युवा शैतान से बंधे हैं। ये माता पिता अपनी शैतानी ताकत से वे सब प्रयास करेंगे जिससे आप उद्वार न पा सकें। पंरतु यीशु कहते हैं, ‘‘जो माता या पिता को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं,'' मत्ती १०:३७। चीनी नववर्ष आने वाला है। कुछ माता पिता जानबूझकर चर्च के समय ही रात्रि भोज का आयोजन रखेंगे। आज ही आप को उन्हें बताना है कि वे शनिवार रात्रि की प्रार्थना सभा और दो रविवार की सभाओं के समय भोजन का आयोजन न रखें − फिर आप अपना वायदा पूरा कीजिये और चर्च में आइये चाहे वे आप पर कितना ही गुस्सा क्यों न हो? अपने उद्वारहीन माता पिता के गुस्से के कारण शैतान की पकड़ से बचिये। ‘‘परंतु'' आप कहेंगे ‘‘कि माता पिता मुझ पर पर गरजेंगे और चिल्लायेंगें!'' उन्हें क्रोध करने दीजिये गरजने दीजिये! उनकी शैतानी दहाड़ अभी सुन लेना अच्छा है बजाय आप अंतिम न्याय के समय परमेश्वर द्वारा इंकार किया जाना सुनें। परमेश्वर के विरूद्व उनके शैतानी विद्रोह के बंधन से मुक्त हो जाइये! शैतान के बंधन से मुक्त हो जाइये।

२॰   आप में से अनेक लोग शैतान द्वारा अंधे बनाये गये हैं और बंधनों में जकड़े हुए हैं क्योंकि आप के पाप गुप्त हैं।
      आप के पापों के विषय में आप सोचते हैं कि कोई नहीं जानता − आप इस भ्रम में हैं कि ‘‘कोई नहीं जानता।'' परंतु आप गलत सोचते हैं। आप के ‘‘गुप्त पाप'' के बारे में दो लोग जानते हैं। वे कौन हैं? आपके गुप्त पापों के बारे में जानने वाला एक व्यक्ति मैं हूं। आप देखिये कि इस सेवा कार्य में मुझे इस अप्रैल में ५९ साल हो जायेंगे। लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं दिमाग पढ़ लेता हूं। परंतु मैं दिमाग नहीं पढ़ने वाला नहीं हूं बिल्कुल भी नहीं। मैं चेहरा पढ़ता हूं। चर्च में ५९ सालों के कार्य काल में मैं लोगों के चेहरे देखता आया हूं। मैं आप को बहुत अच्छे से बता सकता हूं कि कौन से गुप्त पाप आप कर रहे हैं? क्या आप को पता है कि पुलिस वालों को चेहरों के भाव पढ़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है। मैं सोचता हूं कि हमारी सेमनरीज और बाइबल स्कूल्स में ऐसी कक्षायें संचालित होनी चाहिये जो युवा प्रचारकों को कैसे चेहरा पढ़ना है, यह बता सके। हां, आप के चेहरे देखकर मैं अक्सर बता सकता हूं कि कौन से गुप्त पाप आप कर रहे हैं?
      परंतु एक और जन है जो आप के पापों के बारे में मुझ से बढ़कर बिल्कुल सटीक बता सकता है। वह व्यक्ति आप के गुप्त पापों के विषय में १०० प्रतिशत सटीक बताता है। वह अभी आप की निगरानी कर रहा है। वास्तव में वह आप के गुप्त पापों के बारे में सब जानता है। कौन है यह व्यक्ति? आप ने अब तक अंदाजा लगा लिया होगा − यह परमेश्वर है! आप उससे छिप नहीं सकते। वह सर्वत्र है − अर्थात एक साथ सब स्थान पर उपस्थित होना। आप अपने शरीर से जो कुछ करते हैं, वह देखता है। आप अपने विचारों में जो सोचते हैं, वह देखता है। वह आप के हृदय के गहरे विचारों को जानता है। बाइबल कहती है, ‘‘देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है'' (२ इतिहास १६:९) । ‘‘यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं।'' (नीतिवचन१५:३) ‘‘परमेश्वर यहोवा की दृष्टि...... उस पर निरन्तर लगी रहती है।'' ‘‘परमेश्वर यहोवा की दृष्टि...... उस पर निरन्तर लगी रहती है'' − अर्थात हर गुप्त पाप जो आप करते हैं (व्यवस्थाविवरण ११:१२) । और बाइबल कहती है कि परमेश्वर आप के हरेक गुप्त पाप को अपनी पुस्तक में लिखता है। अंतिम न्याय के दिन वह आपके गुप्त पापों को सबके सामने पढ़्रेगा। उसकी पुस्तकें मानों एक विशाल कंप्यूटर के समान है जिसमें आप के द्वारा किया गया हरेक गुप्त पाप दर्ज है। आप परमेश्वर के सामने अंतिम न्याय के दिवस में खड़ें होंगे। वह आप के पापों को विस्तार से पढ़ेगा जिसे आप सोचते हैं कि कोई नहीं जानता होगा। जब उन पुस्तकों से वह आप के पापों को पढ़ेगा, तो आप अपना बचाव नहीं कर पायेंगे। आप स्वयं अपने पापों को याद करेंगे। जब परमेश्वर आप के पापों की सूची पढ़ चुके होंगे, ‘‘आप को नर्क की आग में फेंक दिया जायेगा।'' (प्रकाशितवाक्य २०:११−१४)

३॰   आप में से कई अंधे कर दिये जाते हैं और शैतान के बंधन में पाये जाते हैं क्योंकि आप स्वीकार नहीं करते कि आप का हृदय दुष्ट है। बाइबल कहती है ‘‘मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है, उसका भेद कौन समझ सकता है'' (यिर्मयाह १७:९) । जार्ज व्हाईटफील्ड (१७१४−१७७०) ने कहा था, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि आप कितनी दृढ़तापूर्वक इंकार करते हैं परंतु जब आप आत्मा में जाग्रत किये जाते हैं, आप पायेंगें कि पाप आप के अपने भ्रष्ट हृदय से निकला है......परमेश्वर देखता है कि मनुष्य (अपने हृदय में) कितना विद्रोही और विषाक्त है कि मनुष्य के लिये यही उचित है कि परमेश्वर उसे धिक्कारे, भले ही जीवन भर उसने बाहर से दिखाई देने वाला एक पाप भी नहीं किया हो।'' जूली ने कहा, ‘‘पवित्र आत्मा ने मुझ पर प्रगट किया कि मैं एक भली लड़की नहीं थी...... मैं एक कठोर इंसान थी, स्वार्थी और घमंडी थी और मुझे बहुत शर्म आती थी ......मेरे हृदय (मन की भीतरी दशा) की मलिनता के कारण......मैंने अपने आप में बहुत पापमय और गलत महसूस किया।'' बाहर से वह अच्छी दिखाई देने वाली लड़की थी परंतु उसका हृदय पापपूर्ण था। उसने कहा, ‘‘मैंने बनावटी रूप में अच्छे दिखाई देने का प्रयास किया परंतु (मन की) गहराई से मैं जानती थी कि मैं अच्छी नहीं थी......मैं जानती थी कि मैं इतनी अच्छी नहीं थी कि स्वयं को बचा लूं.......मेरा चेहरा आंसुओं में डूब गया था।'' उसने अपना जीवन इवेंजलीकल चर्च में बिताया और उसके मन के भीतर गहन पाप का बोध जाग्रत हुआ। उसने कहा कि बाइबल ने उसके जीवन में तब तक प्रभाव नहीं डाला जब तक उसने स्वयं के मन में पाप का बोझ महसूस नहीं किया। जब तक पाप ने उसे कचोटा नहीं और वह यीशु के लहू से अपने पापों को धोकर शुद्व नहीं हो गई। जब तक उसने दिल में नहीं स्वीकारा कि उसका मन कितना भ्रष्ट है। इवेंजलीकल चर्च में सैंडीमैनियंस ने उसे बाइबल से वचन अवश्य सिखाया परंतु जब तक परमेश्वर ने उसके भीतर यह बोध पैदा नहीं किया कि उसका मन पाप का घर है, तब तक वचन ने उस पर प्रभाव नहीं डाला।

३॰ तीसरा, सैंडीमैंनियनिज्म कई बाहर से अच्छे दिखाई देने वाले क्रिश्चियंस को नर्क भेजता है।

आप कहेंगे कि, ‘‘मैंने तो प्रगट रूप में ऐसा कोई भयानक कार्य नहीं किया। मैं तो साफ छवि का व्यक्ति हूं। मैं प्रति रविवार चर्च जाता हूं। मैं एक अच्छा इंसान हूं।'' परंतु मैं आप को सख्त भाषा में समझाना चाहता हूं कि आप कितने ही अच्छे क्यों न हो। कितने ही नियमित रूप से बाइबल पढ़ते और प्रार्थना करते हों। कितना ही बाइबल के अनुसार यीशु पर विश्वास करते हो, − परंतु आप दुष्टों के ही साथ नर्क के भागी होंगे, अगर आप स्वयं यीशु के पास नहीं आते हैं अपने जीवन को लेकर। सिर्फ यह विश्वास करना कि यीशु आप को बचाने के लिये क्रूस पर मरे, आप को उद्वार नहीं दिलायेगा! सुनिये प्रेरित क्या कहते हैं,

‘‘और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।'' (२ तीमुथियुस ३:१५)

यीशु मसीह ने आप के लिये प्राण दिये यह विश्वास करना आप को नहीं बचायेगा। यह केवल सैंद्वांतिक विश्वास है। ‘‘उद्वार...... मसीह के पास है'' बाइबल उस सत्य तक ले जाने के लिये है। भले ही आप बाइबल पर कितना ही विश्वास क्यों न करते हें परंतु अगर आप मसीह के उपर विश्वास नहीं करते हैं आप को उद्वार नहीं मिल सकेगा। बाइबल का उददेश्य आप को यीशु मसीह तक लेकर आना है!

‘‘बाइबल टॉट ओर स्पिरिट टॉट'' नामक एक निबंध में डॉ ए.डबल्यू. टोजर ने सैंडीमैनियज्म को समझने के लिये गहरी अंर्तदृष्टि प्रदान की। डॉ टोजर ने बताया,

चर्चेस अपने बच्चों को बाइबल तो अवश्य सिखाते हैं परंतु (तौभी) जीवित क्रिश्चयनिटी कभी पैदा नहीं कर पाते...... उनका धार्मिक जीवन बिल्कुल सही और कामचलाउं नैतिक होता है परंतु वे पूर्ण रूप से मशीनी क्रिश्चयन होते हैं। ऐसे सभी (युवाओं को) आप पाखंडी या बगुलाभगत नहीं कह सकते हैं। कुछ युवा तो (बहुत) गंभीर होते हैं। कई सामान्य तौर पर अंधे होते हैं... उन्हें विश्वास की उपरी खोल के साथ जीने के लिये बाध्य किया जाता है। जिससे पूरा समय उनका मन भीतर से आत्मिक सत्य जानने के लिये भूखा रहता है। वे नहीं जानते कि उनके साथ क्या गलत हो रहा है....यीशु मसीह सत्य हैं और वे सिर्फ शब्द मात्र तक सीमित नहीं रह सकते (इन दि बाइबल)।

क्या आप को कभी नोहा सोंग के समान महसूस हुआ? नोहा का कहना था, ‘‘उसके संबंध परमेश्वर से ठीक नहीं थे। मैं डॉ कैगन के साथ बोलने गया हुआ था, मुझे मेरे पाप और अज्ञानी, धोखा देने वाले मन का गहरा बोध हुआ। पवित्र आत्मा ने यह देखने में मेरी सहायता की कि मैं कितना असहाय पापी था। मैं अपने पाप से इतना दुखी और व्यथित हुआ.....मैंने अपने को परमेश्वर के अनुग्रह के उपयुक्त भी नहीं पाया.....डॉ हिमर्स उस समय संदेश में बोल रहे थे, ‘सिद्व विश्वास आप को उद्वार नहीं देता वरन यीशु उद्वार देते हैं!' मैं इस सत्य के प्रति अंधा था कि यीशु हर समय उपलब्ध हैं। मुझे केवल उन पर विश्वास लाने की आवश्यकता है। डॉ हिमर्स ने मुझसे पूछा कि क्या मैं मसीह पर विश्वास रखता हूं। मैंने कहा ‘हां।' डॉ हिमर्स गा रहे थे, 'लाखों आ चुके हैं मसीह के क्रूस के पास तौभी क्रूस पर आप के लिये जगह है।' मैं यीशु के पास अपने सारे अपराध और पाप को लेकर आ गया और यीशु ने मुझे अपने से दूर नहीं किया। उसी क्षण मैंने यीशु में विश्राम में पाया! कैसा क्षमाशील हमारा मसीहा है! मैने तो स्वयं को धूल के समान महसूस किया परंतु यीशु ने मुझे अपने पास खींचा और बचा लिया। मेरे पापों का मूल्य चुकाने के लिये, मुझसे प्रेम करने के कारण, यीशु का रक्त् मेरे लिये क्रूस पर बह रहा था। मैं सदैव स्मरण रखूंगा।'' वह युवा जिसने यह लिखा नोहा सोंग है। वह पास्टर बनने के लिये तैयारी कर रहा है। उसके पिता हमारे सारे संदेशों को चीनी भाषा में अनुवादित करते हैं जो www.sermonsfortheworld.com पर उपलब्ध हैं। कुछ ही सप्ताह में नोहा इंडोनेशिया और चीन में प्रचार करने के लिये जायेगा!

मेरे मित्रों यीशु बचाते हैं, ‘‘क्या'' आप सिर्फ इन शब्द मात्र पर विश्वास करते रहना बंद करेंगे? क्या आप सीधे यीशु के पास आ जायेंगे और एकमात्र उन्हीं पर विश्वास रखेंगे? उसकी न्याय की पुस्तकों में आप के जो भी पाप दर्ज हैं, उन्हें अपने लहू से धो डालेगें। वह आप को अपने लहू से शुद्व करेगें। वह आप को पाप से मुक्ति देंगें। वह अभी आप को आप के पापों से मुक्ति देंगे!

आमीन!


अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।

(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: यूहन्ना ५−३९−४६
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकैड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
      ‘‘तौभी क्रूस पर आप के लिये जगह है'' (इरा एफ स्टेनफिल,१९१४−१९९३)


रूपरेखा

सैंडीमैनियेनिज्म के विरूद्व लड़ाई

(संघर्ष के लिये पुकार पर तीसरी शृंखला)
THE BATTLE AGAINST SANDEMANIANISM
(NUMBER THREE IN A SERIES OF BATTLE CRIES)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

‘‘तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते'' (यूहन्ना ५:३९, ४०)

१॰  पहली बात, स्वयं मसीह ने सैंडीमैनियज्म में संशोधन किया था,
यूहन्ना ५:३९, ४०

२॰  दूसरा, सैंडीमोनियज्म दुष्टात्माओं की शिक्षा है,
यूहन्ना ८:४३,४४ ; २ कुरूंथियों ४:३‚४; मत्ती १०:३७;
२ इतिहास १६:९; नीतिवचन १५:३; व्यवस्थाविवरण ११:१२;
प्रकाशितवाक्य २०:११−१४; यिर्मयाह १७:९

३॰  तीसरा, सैंडीमैंनियनिज्म कई बाहर से अच्छे दिखाई देने वाले क्रिश्चियंस को
नर्क भेजता है, २ तीमुथियुस ३:१५