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एक नारकीय वर्ष − व आत्मिक जाग्रति का वर्ष!A YEAR OF HELL – A YEAR OF REVIVAL! डॉ आर एल हिमर्स रविवार की संध्या, १ जनवरी, २०१७ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल ‘‘भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे।'' (यशायाह ६४:१) |
हम आज रात धर्मशास्त्र के इस महान पद पर लौट रहे हैं। मैं धन्यवाद करता हूं कि परमेश्वर ने हमारी बहुत सारी प्रार्थनाओं का उत्तर पिछले साल दिया। तौभी जोन कैगन ने इसे ‘‘नारकीय वर्ष'' बताया है। मैं उससे असहमत नहीं हूं। वह कुछ हद तक सही है। कुछ अर्थो में यह नारकीय साल था। पर यह आशीष का साल भी था। जोन किसी एक लंबी अवधि से बहुत थक गया था, इसलिये उसने इसे नारकीय साल कहा जब हम थक जाते हैं हम बुरी बातें याद रखते हैं। जब हम विश्राम करते हैं तो हमें आशीषें याद आती हैं। हम सब ऐसे ही हैं। हम मानव हैं। हमारा मूड बदलता रहता है। अपनी थकावट में जोन भूल गया उस एक सुंदर, मसीही लड़की जूली को, जिसके साथ उसने पिछले साल क्रिसमस पर बहुत आनंद उठाया था। डिज्नीलैंड में बिताये गये उस अदभुत दिन को वे भूल गये। सैंटा मोनिका के तट पर उस रात को भूल गया जब वे नंगे पैर दौड़े थे। उन्होंने प्रार्थना में जो समय साथ साथ बिताया, वह भूल गया। वह ऐरोन, जैक और नोहा के साथ देर रात तक मेरे घर पर प्रार्थना में जो समय बिताया, वह भूल गया। वह इसे भूल गया कि हमारे बीच इच्छाओं का संघर्ष चला और वह संघर्ष जो बाद में आपसी सम्मान में परिवर्तित हो गया और एक ऐसी आपसी मित्रता में बदल गया जो शाश्वत काल तक रहेगी। वह भूल गया उसने मुझ से कहा था, ‘‘मैं अपने किसी दादाजी या नानाजी को नहीं जानता। डॉ हिमर्स, आप मेरे सबसे करीबी बुजुर्ग जन हैं जो दादाजी के समान होंगे। धन्यवाद, आप ने मेरे जीवन में निवेश किया। मैं आप का समर्थन करता हूं और मैं आप में भरोसा करता हूं....... परमेश्वर आप को आशीष देवे! आप इसे कर सकते हैं, डॉ हिमर्स! − जोन सेम्यूएल कैगन''
जोन परमेश्वर का सामर्थी पुरूष है, मैं प्रभु की सेना में उसे बहुत आदर का स्थान देता हूं। परंतु वह एक मनुष्य भी है, हम सब के समान। जब हम थक जाते हैं हमें बुरी चीजें याद रह जाती है। पर जब हम विश्राम करते हैं, हम स्फूर्तिवान हो जाते हैं और हमें याद आता है कि यह साल हमारे लिये कितना अच्छा रहा − हमारे लिये प्रार्थना और संगति का साल रहा, परमेश्वर ने हमें २०१६ में अदभुत सामर्थ और प्रेम दिया - जब हम प्रार्थना करते थे, परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर देते थे।
‘‘भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे'' (यशायाह ६४:१)
कभी कभी मैं भी सोचता हूं कि यह जैसे ‘‘नर्क के समान वर्ष'' रहा। जब मेरा मूड खराब रहता था तो मैं सोचता था कि जीवन पर से मेरी पकड़ ढीली होती जा रही है। मैं फूट फूट कर रो पड़ता था और सोचता था कि मैं मरने वाला हूं − और चर्च के विषय में मेरे मन में ऐसे भय उत्पन्न होते कि वह दर्द मेरा दिल तोड़ कर रख देता। कैंसर के लिये जो उपचार वे मेरा करते थे, उससे मेरे ‘‘मूड में उतार चढ़ाव'' आते रहते। कभी कभी मैं गहरे अवसाद में डूब जाता। पिछले साल मुझ पर समय समय पर शैतानी प्रहार हुए। उन सारे समयों में अगर ऐरोन यांसी मेरे साथ नहीं होता, तो मेरे लिये बहुत मुश्किल हो जाती। ऐरोन जैसा करीबी मित्र होना परमेश्वर की ओर से उपहार था! क्रिश्चियन यूयेन और मिसिस ली जैसे प्रार्थना योद्वा मिलना परमेश्वर की ओर से उपहार हैं!
हां‚ २०१६ में अच्छी बातें भी हुईं। हमारे कई जवान लड़के जो मुझसे चिढ़ते थे। अब मुझे चाहने लगे! मेरा दिल खुशी के मारे गाता है जब मैं उन्हें मुस्कुराते हुए और यह कहते हुए सुनता हूं, ‘‘पास्टर मैं आप से प्रेम करता हूं!''
फिर मैं वह सुंदर कार्ड देखता हूं जो मेरी पत्नी ने मुझे भेजा था। उसमें लिखा था,
प्रिय राबर्ट, परमेश्वर के प्रति आप की आज्ञाकारिता और विश्वास के कारण मैं यीशु को जान पाई। आप के बिना हम में से कोई भी यहां नहीं होता.......राबर्ट मैं आप को अपने संपूर्ण मन और आत्मा से प्रेम करती हूं। सदैव मेरा प्रेम आप के साथ है, इलियाना।
जब मैंने उसके मधुर शब्द पढ़े, मेरा मन आनंद से गा उठा! हे परमेश्वर, इलियाना के लिये धन्यवाद! ऐसी विश्वसनीय और सुंदर लड़की मेरे जीवन में देने के लिये धन्यवाद!'' बिना उसके प्रेम, सहयोग और प्रार्थना के मैं बुरे समय से बाहर नहीं आ सकता था। मेरी पहली पोती हन्ना के लिये मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं। पहले तो वह मुझसे थोड़ी डर गयी थी, एक बड़ा सा बूढ़ा जन, बिना बालों के! परंतु क्रिसमस की संध्या पर वह मेरे पास मंदगति से सरक आई और मैंने उसे गोद में उठा लिया − उसने मेरी नाक पर प्यार किया। मैं जब तक जीवित रहूंगा, वह प्यार नहीं भूलूंगा!
जब हम २०१६ को देखते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि परमेश्वर ने हमारे लिये क्या क्या किया! ऐसा लग रहा था कि चर्च निष्प्राण होता जा रहा है, मैं निष्प्राण हो रहा हूं, भविष्य के लिये कोई आशा ही नहीं थी।
लेकिन जब सब कुछ डूब गया लगता था, तो परमेश्वर ने हमारी प्रार्थना सुनी,
‘‘भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे'' (यशायाह ६४:१)
परमेश्वर ने हमें उत्तर दिया! मैंने ‘‘न्यू'' बैपटिस्ट टैबरनेकल के लिये एक योजना बनाई। मैंने प्रचार किया जब हम परमेश्वर पिता के लिये गीत गाते, उनसे विनती करते कि वे नीचे उतर आयें, युवा लड़के लड़कियां लौलीन होकर प्रार्थना करने लगे। वे नीचे उतर भी आये। यह तब आरंभ हुआ जब डॉ कैगन अपनी ९० वर्षीय मां को मसीह के पास लाये। क्रिस्टीन यूयीन को प्रार्थना करने का वरदान दिया गया था। मिसिस शर्ली ली को प्रार्थना की आत्मा दी गयी थी। और आत्मिक जागरण की आग हमारे मध्य में प्रगट हुई। कुछ ही सप्ताह में इन २८ लोगों को अपने पाप का बोध हुआ और वे आशांवित रूप में परिवर्तित हुए। मसीह के रक्त में धोये गये जो क्रूस पर मसीह ने हमारे लिये बहाया।
फिर हमने सोचा कि आत्मिक जाग्रति पूर्ण हो चुकी है। किंतु हम गलत थे। परमेश्वर अभी भी हमारे साथ है! लगभग हर रविवार को हमारे मध्य एक जन उद्वार ग्रहण करता है। २५ दिसंबर − क्रिसमस की संध्या को डॉ चान ने इतनी सामर्थ से भरकर प्रचार किया कि उस आराधना में चार लोगों ने उद्वार पाया! २०१६ में जो लोग आशांवित रूप में परिवर्तित हुए‚ उनकी सूची निम्न प्रकार से है।
जूडी ली
मार्जोरी कैगन
थॉमस यूओंग
क्रिस्टिन यूयेन
अदेला मैंजीवार
सेतसुको जबालागा
जैसी जाकामिटिजिन
क्रिस्टीना लैविस
जैनीफर यॉन
अब्राहम सोंग
बैयांग हैंग
टॉम जिया
वर्जेल निकैल
जैसन बाल्ताजार
एमी हुआ
टिरीक चैंबर्स
जूली सिविले
मिन वू
एलीशिया जाकामिटिजिन
डैनी कार्लोस
डैनियल बाराहोना
याको जबालागा
जूलियेटा प्रियेटो
राबर्ट वांग
जोसेफ गोंग
एंडूय मतसूसाका
जैसिका यिन
नोरिस मैंजीवार
मेरे मित्रों परमेश्वर ने हमें छोड़ा नहीं है। वह हमारे चर्च में बार बार आये, अगस्त, सितंबर, अक्टोबर, नवंबर − और दिसंबर में भी नौ लोगों ने आशांवित रूप में उद्वार पाया। एक साल में अठाईस लोगों ने उद्वार पाया। आइये खड़े होकर डॉक्सोलोजी गाते हैं!
प्रशंसा हो परमेश्वर की जिससे सारी आशीषें मिलती हैं;
जितने भी प्राणी इस धरती पर हो सब प्रशंसा गाओ;
स्वर्गिक सारे मेजबानों प्रशंसा गाओ;
प्रशंसा पिता पुत्र और पवित्र आत्मा की! आमीन।
(‘‘डॉक्सोलोजी'' थॉमस कैन द्वारा रचित, १६३७−१७११)
महिलाये इसे गायेंगी! अब पुरूष इसे गायेंगे! अब जितनी उंची आवाज में संभव है इसे गायें! अब हमारा आत्मिक जाग्रति वाला गीत गाइये, ‘‘मेरे दर्शन को पूरा कर दीजिये'' जिन्हें याद हैं उसे वैसे गाये या देख कर गायें। अब यह गीत गाइये!
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, मेरी विनती है, मसीहा,
आज मैं केवल यीशु को देखूं;
यधपि घाटी से तु मुझे ले चलता है,
तेरी कभी न मुरझाने वाली आभा मुझे घेरे रखती है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, अलौकिक मसीहा,
जब तक आप की महिमा से मेरी आत्मा न चमक उठे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, कि सब देख सके
आपकी पवित्र छवि मुझमें दिखाई दे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, मेरी हर इच्छा,
तेरी कभी न मुरझाने वाली, चमक से भर दीजिए
जो आप की महिमा के लिये है; मेरी आत्मा प्रेरित होती है,
आप की सिद्वता से, आप के प्रेम से,
मेरे मार्ग को उपर से मिलने वाले प्रकाश से भर देता है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, अलौकिक मसीहा,
जब तक आप की महिमा से मेरी आत्मा न चमक उठे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, कि सब देख सके
आपकी पवित्र छवि मुझमें दिखाई दे।
मेरा दर्शन भर दीजिये, कि पाप की रत्ती भर
चमक व छाया मेरे भीतर न रहे।
मैं केवल आप का आशातीत चेहरा देखना चाहता हूं,
मेरी आत्मा आपके अनंत अनुग्रह पर जीवित है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, अलौकिक मसीहा,
जब तक आप की महिमा से मेरी आत्मा न चमक उठे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, कि सब देख सके
आपकी पवित्र छवि मुझमें दिखाई दे।
(‘‘मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए,'' एविस बर्जसन क्रिश्चियनसन, १८९५−१९८५)
भाइयों और बहनों मैं विश्वास करता हूं कि एक बड़ी आत्मिक जाग्रति वर्ष २०१७ में परमेश्वर की तरफ से आयेगी। परमेश्वर की तरफ से इसके लिये निरंतर प्रार्थना कीजिए। कभी कभी उपवास भी करें और आने वाले वर्ष में और अधिक प्रार्थना रत रहें।
अब बाइबल में से १ कुरूंथियों ९:२४ खोल लीजिए। यह स्कोफील्ड स्टडी बाइबल के पेज संख्या १२१९ पर है। शेष संदेश डॉ कैगन द्वारा लिखा गया है,
‘‘क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो,कि जीतो।'' (१ कुरूंथियों ९:२४)
बाइबल को बंद कर दीजिये और ध्यान से सुनिये।
पौलुस ने मसीही जीवन को एक धावक की दौड़ के समान बताया है। उसने कहा, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि (पुरस्कार) जीतो।'' (१ कुरूंथियों ९:२४) फिर पौलुस कहते हैं, ‘‘वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।'' (१ कुरूंथियों ९:२५) यह कुछ उंची वस्तु है। जब मसीह अपने राज्य को स्थापित करने के लिये आयेंगे, तब यह पुरस्कार तब हमें प्राप्त होगा!
पौलुस ने कहा एक धावक, ‘‘सब प्रकार का (आत्मसंयम) करता है'' (पद २५) एक धावक मोटा नहीं होता है। वह सुस्त नहीं होता हैं। वह समय का अपव्यय नहीं करता है। प्रेरित पौलुस ऐसे ही थे, ‘‘मैं....... दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है'' (पद २६)। वह अप्रशिक्षित मुक्केबाज नहीं था जो हवा में अपनी मुठिठयां उछालता हो। न ही वह अति विश्वास से भरा हुआ कोई दंभी व्यक्ति था। उसने फिर कहा, ‘‘ऐसा न हो....... औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं'' (पद २६)।
पौलुस जानते थे कि वे क्या चाहते थे। उन्होंने अपने सारे प्रयास उस दर्शन में उड़ेल दिये। जैसा उन्होंने हमें रहने को कहा वैसे वे स्वयं भी आदर्श बने रहे।
‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' (१ कुरूंथियों ९:२४)
‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि (पुरस्कार) जीतो।'' आज की रात इस पद को मैं चार प्रकार से उपयोग में लाउंगा।
१॰ प्रथम, मैं इस पद को वर्तमान की शीत और वसंत ऋतु पर लागू करूंगा।
हमने बहुत अच्छे ढंग से ‘‘छुटिटयों'' का आनंद उठाया। हम क्रिसमस के भोज में सहभागी हुए। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हमने अपने मसीहा के जन्म की स्मृति को साझा किया। पुनः क्रिसमस पर हमने संगति की। डॉ चान ने एक शेर के समान प्रचार किया। चार लोगों ने उद्वार प्राप्त किया! हमने प्रभु भोज की संगति में हिस्सा लिया। पिछली रात नये साल की पूर्व संध्या में सजिर्यों और याज्मिन विवाह सूत्र में बंधे। आज नये साल का दिन है।
‘‘छुटिटयां'' सदैव नहीं रहती। अब जनवरी है। अगले सप्ताहांत छुटटी नहीं रहेगी। शीत रहेगी। ठंडा रहेगा। बारिश होगी। इतनी कोई रोचक बात नहीं होगी। क्या आप इसे संभाल सकेंगे? या आप पीछे हटेंगे या चर्च आना छोड़ देंगे? हमारा पद कहता है, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' अपना ध्यान पुरस्कार पर रखो! इस चर्च में बने रहिये चाहे जो होता रहे! अपना ध्यान मसीह और चर्च पर केंद्रित रखिये!
शीत का मौसम तो हर साल आता है। उस महा प्रलय के बाद परमेश्वर ने नोहा से कहा था, ‘‘अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे'' (उत्पत्ति ८:२२) शीत का मौसम तो हर साल आता है। क्या आप इसका सामना कर सकेंगे? ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।''
शीत के बाद वसंत आता है। वसंत के अपने प्रलोभन हैं। मैं इसे ‘‘दि अमेरिकन आनंदप्रदायक मशीन'' कहकर बुलाता हूं। तैंतीस सप्ताहांत होते हैं। लोग लास वैगास, सैन फ्रांसिस्कों या अन्य स्थानों पर जाते हैं। कमजोर विचारों वाले लोग चर्च छोड़ देते हैं। ‘‘वसंत के मौसम की छुटिटयां आती हैं।'' लोग घूमना जाना चाहते हैं। सामाजिक कार्यक्रम होते हैं। पारिवारिक उत्सव होते हैं। अमेरिकन आनंदप्रदायक मशीन ने लोगों को सैक्सुअल पापों और नशीली दवाओं से बढ़कर मारा है। क्या आप एक धावक के समान दौड़ेगे? या गिर जायेंगे? क्या एक एथलीट के समान संघर्ष करेंगे? क्या आप सदा चर्च आयेंगे? क्या आप शैतान की परीक्षाओं से लड़कर चर्च में आयेंगे? या आप कमजोर पड़ जायेंगे और चर्च छोड़ देंगे? शैतान जब आप की परीक्षा लेता है तो क्या आप चर्च आना छोड़ कर पाप में वापस लौट जायेंगे? इसलिये तुमसे क्या अपेक्षा है? ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।''
अगर आप मसीह और चर्च पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो हम २०१७ बहुत अच्छा बिता सकते हैं। अपना समय इधर उधर की बातों में अपव्यय मत कीजिए। अपने ध्यान को इधर उधर भटकने न दीजिए, आप समय को खो देंगे! २०१७ बहुत अच्छा बिताइये! प्रार्थना द्वारा शैतान से लड़िये। हर समय चर्च आते रहिये। मसीह के लिये धावक के समान पुरस्कार जीतिये!
चर्च में समस्याएं खड़ी करने वाले मत बनिये। तय कीजिये कि आप हमारे चर्च में समस्या नहीं बनेंगे। प्रेरितों की पुस्तक में वर्णित मसीहियों के समान ‘‘एक मन'' रहिये! अगर हम एथलीट के समान ध्यान केंद्रित रखेंगे − भटकाव से दूर रहेंगे − तो हम एक महान साल बिता सकते हैं! संपूर्ण शीत और गर्मी के मौसम में मसीह और चर्च के उपर ध्यान केंद्रित कीजिये। एथलीट के समान प्रयत्नशील रहिये। ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो'' − विजय हासिल कीजिये! ‘‘आगे बढ़िये मसीह के सैनिकों।'' खड़े होकर यह कोरस गाइये!
उठो मसीह के लिये हे क्रूस के योद्वाओं
यीशु का क्रूस आप के आगे चलता है।
(‘‘उठो मसीह योद्वाओं'' सैबिन बैरिंग गोल्ड, १८३४−१९२४)
२॰ दूसरा, यह पद आत्मिक जाग्रति पर लागू होता है।
परमेश्वर हमारे चर्च में पिछले साल आये थे − चालीस सालों में पहली बार। परमेश्वर उन सभाओं में उतर आये। उनका पवित्र आत्मा हमारे साथ उपस्थित था। कई लोगों ने कुछ ही समय में उद्वार प्राप्त किया। कुछ के लिये तो उद्वार मिलने की कोई आशा नहीं थी। उन्होंने जीवन में अनेक संदेश सुने होंगे। मैंने उन्हें अनेक बार परामर्श दिया। किंतु वे कठोर और शुष्क मन के ही बने रहे। परंतु जब परमेश्वर नीचे उतर आये तो एक के बाद एक आश्चर्यकर्म होते चले गये! परमेश्वर की उपस्थिति एक महान उपहार था। हमने जीवित मसीहत का अनुभव किया। परमेश्वर हमारे साथ थे। हे प्रभु − हमने कितनी इच्छा की थी कि एक महान आत्मिक जाग्रति आवें!
हमारा चर्च प्रत्येक गुरूवार और प्रत्येक शनिवार प्रार्थना में रत रहता है। आप में से कई छोटे समूहों में आत्मिक जाग्रति आने के लिये प्रार्थना करते रहते हैं। मैं परमेश्वर का धन्यवाद देता हूं कि उनके मार्गदर्शन के कारण मै आत्मिक जाग्रति विषय पर प्रचार कर सका। मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंनें हमें प्रार्थना करने वाला चर्च बनाया। मैं जानता हूं कि ये संपूर्ण अमेरिका में बहुत कम मिलने वाला खजाना है। अगर आप छोटे समूहों में प्रार्थना कर रहे हैं तो लगभग अपनी सारी प्रार्थनाओं को आत्मिक जागरण और आत्मा जीतने पर केंद्रित रखिये। दो बातों पर ध्यान केंद्रित रखिये। ये दो बातें हमें बहुत आवश्यक है − परमेश्वर की उपस्थिति और सुसमाचार प्रचार का नये लोगों तक पहुंचना।
हमें एक महान आत्मिक जागरण की आशा रखना चाहिये! अब चूंकि हमने परमेश्वर की उपस्थिति और उनके कार्य का अनुभव किया है तो हमें और अधिक उनके कार्यो को होते देखने की आवश्यकता है। परंतु मैं आप को आगाह करना चाहता हूं। यह मत सोचिये कि कैसे आत्मिक जाग्रति लायी जाती है। यह मत सोचिये, ‘‘एक बार हमें आत्मिक जागरण का अनुभव हो गया है। हम जानते हैं कि क्या करना है। चलिये एक और जागरण लेकर आवें।'' आप के तय करके सोचने से कभी भी आत्मिक जाग्रति नहीं आवेगी।
परमेश्वर मशीन नहीं हैं। वह व्यक्तित्व है। वह सर्वोत्तम और सर्वशक्तिशाली परमेश्वर है। उनकों आप बहला नहीं सकते − प्रार्थना द्वारा भी नहीं। आत्मिक जाग्रति जादू नहीं है। यह वह चीज नहीं है जो प्रार्थना द्वारा या किसी ओर रीति से घटित हो सकती है। एक शैतानग्रस्त झूठे भविष्यवक्ता चार्ल्स फिने ने लोगों में यह भ्रम पैदा कर रख है कि चर्च में आत्मिक जाग्रति हम अपने प्रयासों से ला सकते हैं − परंतु यह गलत शिक्षा है। आत्मिक जाग्रति को गढ़ने वाले सिर्फ परमेश्वर हैं। जब परमेश्वर किसी का चुनाव करते हैं तो वे उसके लिये आत्मिक जाग्रति भेजते हैं।
याद कीजिये पिछली गर्मियों में कैसे जाग्रति प्रारंभ हुई थी। हां, लोगों ने प्रार्थना की थी। परंतु जब परमेश्वर नीचे उतर आये, उस समय कोई प्रार्थना नहीं चल रही थी। कोई संदेश नहीं प्रचारा जा रहा था। परमेश्वर नीचे उतर आये, अचानक और अप्रत्याशित ढंग से। जबकि लोग यशायाह ६४:१−३ का वाचन कर रहे थे। वह सर्वश्रेष्ठ ढंग से अचानक उतर आये।
परंतु कुछ सभाओं में परमेश्वर नहीं आये। जैसे जैसे समय बीतता रहा, लोग उम्मीद करते रहे कि जाग्रति अपने आप चलती रहेगी, परंतु परमेश्वर वहां उपस्थित नहीं थे। सभायें निष्प्राण और रिक्त थीं क्योंकि परमेश्वर का आत्मा अनुपस्थित था। कभी कभी मुझे सभा जल्द समाप्त करनी पड़ी क्योंकि परमेश्वर उन सभाओं में उपस्थित नहीं थे।
परमेश्वर की उपस्थिति खो देना आसान है। शैतान हमेशा बना रहता है। परंतु परमेश्वर अनुपस्थित हो सकते हैं। परमेश्वर वहां कभी नहीं होते जहां उन्हें बहुत प्रबलता से नहीं मांगा जाये। अगर हम ‘‘छुटिटयों'' और जीवन की अन्य प्रकार की बातों में समय बिताते रहेंगे, तो परमेश्वर हमारे साथ उपस्थित नहीं रहेंगे। परंतु वह हमारे साथ अभी भी हैं। पिछली रात मैं मध्य रात्रि में अपने संदेश की तैयारी कर रहा था। फोन बजा। फोन पर वूडी अपने पाप के बोध से दबकर सुबक रहा था, रो रहा था। मैंने डॉ चान को जगाया। वे वूडी के कमरे में गये। वूडी ने प्रातः दो बजे उद्वार पाया − साल के अंतिम दिन रात के दो बजे हमारे चर्च का २९ वां परिवर्तन हुआ। आइये खड़े होकर डॉक्सोलोजी गाते हैं!
परंतु कभी भी अधिक दावा नहीं कीजिये − यह आवश्यक नहीं है कि परमेश्वर को हमारे साथ होना ही पड़ेगा। यह मत सोचिये कि परमेश्वर को आत्मिक जागरण भेजना ही पड़ेगा। सैमसन के समान मत बनिये ‘‘जो सोचने लगा मैं पहिले की नाईं बाहर जा कर झटकूंगा'' और ‘‘न जानता था कि यहोवा उसके पास से चला गया है।'' (न्यायियों १६:२०) इजरायलियों के समान मत बनिये जिन्होंने यरीहो को एक आश्चर्यकर्म के द्वारा जीता था। उसके बाद वे एक छोटे शहर ऐ को जीतने के लिये आगे बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘सब लोग वहां न जाएं....... क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं....... वे ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए'' (यहोशु ७:३, ४)
हमारा पद कहता है, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो'' भजन कहता है, ‘‘जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे'' (भजन १२६: ५)। यहां ऐसा नहीं लिखा है, ‘‘जो ज्ञान में बोयेंगे वे आनंद से काटेंगे।'' यहां ऐसा नहीं कहा गया कि ‘‘जो आत्म विश्वास में बोयेंगे वे आनंद से काटेंगे।'' नहीं, ‘‘जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे।'' आइये हम और अधिक आत्मिक जाग्रति के लिये प्रार्थना करें, क्योंकि सामर्थ एकमात्र हमारे जीवित परमेश्वर की है। प्रार्थना कीजिये जब तक परमेश्वर नीचे न उतर आयें − हे परमेश्वर, हमें शैतान से लड़ने में सहायता दीजिये, प्रार्थना में सहायता दीजिये, जब तक कि आप और अधिक प्रबल आत्मिक जाग्रति देने के लिये नीचे न उतर आयें! हम आपसे विनती करते हैं, पुनः नीचे उतर आइये! नीचे उतर आइये, हम प्रार्थना करते हैं! आत्मिक जाग्रति देने के लिये नीचे उतर आइये! ‘‘आगे बढ़िये मसीही सैनिकों!'' खड़े होकर कोरस गाइये।
उठो मसीह के लिये हे क्रूस के योद्वाओं,
यीशु का क्रूस आप के आगे चलता है।
३॰ तीसरा, यह पद आत्मा जीतने पर लागू होता है।
जो लोग पहले से चर्च में आते रहे हैं − उनके अंर्तमन − में झांकना आसान है। कभी कभी ऐसा करना सही भी है। परंतु अब समय है कि उन भटके हुए लोगों के पास जायें जो यहां नहीं हैं। हमें आत्मा जीतने पर ध्यान केंद्रित करना है! हमें एथलीटस के समान मेहनती हो जाना है एवं अधिक लोगों के फोन नं और पते एकत्रित करना है। हमें एथलीटस के समान संघर्ष रत रहना है और भटके हुए लोगों को राह दिखाने के लिये यहां लेकर आना है। अगर आप उन्हें यहां लाने के लिये संघर्ष रत नहीं रहेंगे, परमेश्वर हमें निरंतर आत्मिक जाग्रति नहीं भेजेंगे। मुझे और अधिक कुछ कहना है। परंतु मैं यहां ठहरूंगा। डॉ चान, वूडी को पाने के लिये संघर्ष रत रहे। वह उसे अपने घर ले गये। उन्होने दिन और रात उसके लिये प्रार्थना की। तब वूडी ने रोते रोते मुझे फोन किया। मैंने डॉ चान को नींद में से जगाया और साल के अंतिम दिन वे वूडी को सुबह के दो बजे मसीह के पास लेकर गये!
यीशु ने कहा था, ‘‘क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है'' (लूका १४:२३)। पुनः, मसीह ने कहा, ‘‘लोगों को बरबस ले ही आ ताकि मेरा घर भर जाए'' (लूका १४:२३)। जब यीशु मरकर जीवित हुए उनके शब्द थे, ‘‘इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को (चेला बनाओ) (मत्ती २८:१९)।
डॉ जोन आर राईस ने कहा था, ‘‘आत्मा को जीतना बहुत आवश्यक कार्य है जो मसीहियों के विचारों और प्रयासों में स्थान पाता है'' (दि गोल्डन पाथ टू सक्सेसफुल पर्सनल सोल विनिंग, सोर्ड ऑफ दि लोर्ड पब्लिशर्स, १९६१, पेज ५५) वह बिल्कुल सही थे!कभी मत भूलिये चर्च का प्रमुख कार्य आत्माओं को जीतना है! इस शहर के युवाओं को चर्च में लेकर आने के लिये संघर्ष कीजिए! जो लोग यहां नहीं हैं उनको लाने के लिये संघर्ष कीजिये। अधिकाधिक खोये हुए लोगों को लाने के लिये संघर्ष कीजिये! डॉ चान के समान संघर्षरत बनिये जो वूडी को उद्वार दिलाने में निरंतर लगे रहे! युवाओं के नाम और फोन नंबर्स कें लिये कॉलेज और माल्स में जाइये। सुसमाचार सुनने के लिये उन्हें चर्च में लेकर आइये। हर बार जब हम मिलते हैं, कम से कम एक नाम आप के पास होना चाहिये। उनसे प्रेम कीजिये और उनकी चिंता कीजिये जैसे डॉ चान ने वूडी की चिंता की। जब वे आते हैं उनसे परिचय बढ़ाइये। उन्हें यहां बनाये रखने के लिये सब कुछ कीजिये जब तक कि वे उद्वार न प्राप्त कर लेंवे − चूंकि वे उद्वार पा चुके होंगे, इसलिये वे यहीं बने रहना चाहेंगे।
हमारा पद कहता है, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो'' पौलुस कहते हैं ‘‘मैं....... दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है'' (१ कुरूंथियों ९:२५) पौलुस ने आधे अधूरे मन से कभी कार्य नहीं किया। उसने समय बर्बाद नहीं किया। उसने अपना ध्यान आत्मा जीतने पर लगाये रखा वह ऐसा कार्य कर्ता नहीं था ‘‘जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।'' यह होता है आत्मायें जीतने का तरीका! इसी तरह डॉ चान ने वूडी को मसीह के लिये जीता। लोगों को लेकर आइये। डॉ चान के उदाहरण से सीखिये!
अपने समय और प्रयत्नों को आत्मा जीतने पर लगाइये! इस साल लोगों को यहां लेकर आइये। केवल अपने मित्रों और अपने बारे में ही मत सोचिये। डेटिंग के विषय में ही मत सोचिये। भटके हुओं को लेकर आने को अपना प्रमुख कार्य मानिये। भटके हुओं को जीतने पर ध्यान केंद्रित कीजिये। लेसर पुंज के समान ध्यान केंद्रित कीजिये। अधूरे मन से मत कीजिये ‘‘जैसे हवा में मुक्के चला रहे हों।'' दूसरी बातों पर खास ध्यान लगाते हुए, इसे कार्य को गौण मत मानिये । इस तरह हम लोगों को लेकर नहीं आ पायेंगे। प्रार्थना कर कर के शैतान से संघर्ष कीजिये, ताकि और युवाओं को लेकर आ सकें! ‘‘मसीही योद्वाओं उठ खड़े होइये।'' आइये ये कोरस खड़े होकर गाइये।
उठो मसीह के लिये हे क्रूस के योद्वाओं,
यीशु का क्रूस आप के आगे चलता है।
४॰ चौथा, जो अभी भी भटके हुए हैं उन पर यह पद लागू होता है।
मुझे उन लोगों से ये शब्द कहना आवश्यक है जिन्होंने अभी तक उद्वार नहीं पाया है। हमारा पद कहता है, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' इसमें आप के उपर लागू होने वाली बात है।
हमारा पद कहता है, ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' जब मैं प्रचार करता हूं तो यहां मत बैठिये! मसीह कहते हैं उद्वार पाने के लिये संकरे द्वार से प्रवेश करने का ‘‘यत्न करो'' संकरा द्वार जो स्वयं मसीह है (लूका १३:२४)। क्या आप यत्न कर रहे हैं? क्या आप कड़ा यत्न कर रहे हैं? ‘‘प्रवेश करने का यत्न करो'' का अर्थ यही है ‘‘तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' अगर आप अपनी आत्मा को लेकर गंभीर हैं तो परमेश्वर आप को मसीह के पास खींचेंगे। अगर आप उद्वार के लिये यत्न नहीं करते हैं तो आशा मत कीजिये कि आप को पापों से छुटकारा मिलेगा।
अगर आप मसीह के द्वारा प्रवेश करने का यत्न नहीं करेंगे तो आप कभी भी अपने पापों से छुटकारा न पा सकेंगे! उद्वार आप को ‘‘प्राप्त'' नहीं होगा। आप को यह नहीं मिल सकेगा। अगर आप मशीनी ढंग से वेदी के सामने आते हैं, आप को अपने पापों का कोई बोध नहीं होता है, तो आप उद्वार नहीं पा सकेंगे। अगर आप घंटो विडियों गेम्स खेलते हुए दिन बिताते हैं तो उद्वार आप के लिये नहीं है। अगर आप निरंतर अपने कंप्यूटर पर पोर्नोंग्राफी देखते हैं तो उद्वार से वंचित रहेंगे। परमेश्वर देखते हैं और जानते हैं कि आप गंभीर नहीं हैं। अगर आप केवल अपनी समस्याओं, चिंताओं और भावनाओं के लिये सोचते रहेंगे और अपने पाप के लिये विचार नहीं करेंगे, तो भी उद्वार पाने से वंचित रह जायेंगे। यीशु मनोविकित्सक नहीं हैं। वह आप की चिंताओं और समस्याओं और भावनाओं को ठीक करने के लिये क्रूस पर नहीं मरे। वह आप को किसी प्रकार का दिलासा देने के लिये नहीं मरें। वह आप के पापों का दंड भरने के लिये मरे ताकि परमेश्वर आप को सजा न देवे। ‘‘इसलिये यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गये'' (१ कुरूंथियों १५:३) । अगर आप अपने पापों से त्रस्त नहीं हैं - अपने मुंह से इसकी अगर चर्चा भी करते हैं - तो मसीह की मृत्यु आपको उद्वार नहीं दिला सकती।
मसीह क्रूस पर आप को पापों से छुटकारा दिलाने के लिये मरे। अपने रक्त से आप के पापों को धो देने के लिये उन्होंने प्राण दिये। वह मर कर जीवित हुए कि आप को आत्मिक जीवन प्रदान कर सके। आप जिस क्षण मसीह पर विश्वास करते हैं आप के पाप क्षमा हो जाते हैं। अपने जीवन के लिये संघर्ष कीजिए। अपने पापों के उपर विचार करने के लिये स्वयं को बाध्य कीजिए। अपने जीवन में संघर्ष कीजिए कि आप मसीह के पास आ सकें और पापों से बचाये जायें! आइये खड़े होकर अपनी गीत की पुस्तिका में गीत संख्या चार गायें। ‘‘मेरे दर्शन को पूर्ण कर दीजिए'' इस गीत का प्रथम व अंतिम अंतरा गायें। गीत की पुस्तिका में यह गीत चौथे नंबर पर है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, मेरी विनती है, मसीहा,
आज मैं केवल यीशु को देखूं;
यधपि घाटी से तु मुझे ले चलता है,
तेरी कभी न मुरझाने वाली आभा मुझे घेरे रखती है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, अलौकिक मसीहा,
जब तक आप की महिमा से मेरी आत्मा न चमक उठे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, कि सब देख सके
आपकी पवित्र छवि मुझमें दिखाई दे।
मेरा दर्शन भर दीजिये, कि पाप की रत्ती भर
चमक व छाया मेरे भीतर न रहे।
मैं केवल आप का आशातीत चेहरा देखना चाहता हूं,
मेरी आत्मा आपके अनंत अनुग्रह पर जीवित है।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, अलौकिक मसीहा,
जब तक आप की महिमा से मेरी आत्मा न चमक उठे।
मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए, कि सब देख सके
आपकी पवित्र छवि मुझमें दिखाई दे।
(‘‘मेरा दर्शन पूर्ण कर दीजिए,'' एविस बर्जसन क्रिश्चियनसन, १८९५−१९८५)
आगे आइये अगर आप मुझसे, जोन कैगन, डॉ कैगन से अपने पापों के विषय में बात करना चाहते हैं कि मसीह के लहू से जो क्रूस पर बहाया गया, आप के पाप धुलकर शुद्व हो जावें।
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
आप डॉ.हिमर्स के संदेश इंटरनेट पर प्रति सप्ताह पढ सकते हैं
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हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। यद्यपि डॉ.
हिमर्स के सारे विडियो संदेश का कॉपीराईट है और उन्हें
अनुमति से उपयोग में ला सकते हैं।
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकैड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
‘‘आगे बढ़ो मसीही योद्वाओं'' (सैबिन बैरिंग गोल्ड, १८३४−१९२४ अंतरा और कोरस पद १, २, ४)
रूपरेखा एक नारकीय वर्ष − व आत्मिक जाग्रति का वर्ष! A YEAR OF HELL – A YEAR OF REVIVAL! डॉ आर एल हिमर्स ‘‘भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे।'' (यशायाह ६४:१) ‘‘क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।'' (१ कुरूंथियों ९:२४) (१ कुरूंथियों ९:२५, २६, २७) १॰ प्रथम, मैं इस पद को वर्तमान की शीत और वसंत ऋतु पर लागू करूंगा, २॰ दूसरा, यह पद आत्मिक जाग्रति पर लागू होता है, न्यायियों १६:२०; यहोशु ३॰ तीसरा, यह पद आत्मा जीतने पर लागू होता है, लूका १९:१०; १४:२३; मत्ती ४॰ चौथा, जो अभी भी भटके हुए हैं उन पर यह पद लागू होता है, लूका १३:२४; १ कुरूंथियों १५:३ |