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उनके बीच से बाहर निकलिये!

COME OUT FROM AMONG THEM!
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की संध्या, १३ नवंबर, २०१६ को लॉस ऐंजीलिस के
दि बैपटिस्ट टैबरनेकल
में दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, November 13, 2016

‘‘इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा। और तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे: यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है'' (२ कुरूंथियों ६:१७−१८)


‘‘उनके बीच से बाहर निकलिये।'' उनका साथ छोड़ दीजिये, जो पाप में जीवन बिताते हैं। उनसे ‘‘अलग होने का'' तात्पर्य है, अर्थात, ‘‘उनसे दूर हो जाइये।'' ऐसे लोगों से अलग होना बाइबल में सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा है। अलग होना इसलिये आवश्यक है क्योंकि उसके बिना आप सच्चे मसीही जन नहीं कहला सकते हैं। अलगाव इसलिये भी आवश्यक है क्योंकि इसके बिना आप विजयी जीवन नहीं बिता सकते। अलगाव के बिना आप सफलतापूर्ण जीवन नहीं जी सकते हैं। अलगाव का अर्थ है अविश्वासी लोगों की मित्रता से आप बंधे हुए नहीं हैं। अलगाव अर्थात सांसारिक बातों से मोह नहीं रखना है। बाइबल कहती है, ‘‘यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता (परमेश्वर) का प्रेम नहीं है।'' (१ यूहन्ना २:१५) बाइबल पुनः यह कहती है, ‘‘सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है'' (याकूब ४:४) । किसी ने मुझे सुधारते हुए, यीशु का कहा उद्वरण दिया, ‘‘यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो'' (यूहन्ना १३:३५) । परंतु यीशु किसको संबोधित कर रहा है? अविश्वासियों को नहीं। वह चेलों को आपस में प्रेम रखने के लिये कह रहा है। शैक्सपियर ने कहा, ‘‘अपना उददेश्य पूर्ण करने के लिये, शैतान भी धर्मशास्त्र से उद्वरण दे सकता है।'' हमारा पद इसे सरल रूप में यह कहता है,

‘‘इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो।'' (२ कुरूंथियों ६:१७)

भटके हुए लोगों से अलगाव क्यों आवश्यक है?

१. पहिला, भटके हुओं से अलगाव आवश्यक है चूंकि संपूर्ण बाइबल में इसे सिखाया गया है।

लूत की पत्नी ने अपनी आत्मा का नाश किया क्योंकि वह सदोम में अपने पापी मित्रों से अलग नहीं हो पायी थी। परमेश्वर ने लूत से कहा था कि वह उस शहर को नाश कर देगा। वह इसलिये उस शहर को नष्ट करेगा कि क्योंकि वहां के लोग पापी और संसारी थे। परमेश्वर ने लूत से कहा, ‘‘इस स्थान से निकल चलो: क्योंकि यहोवा इस नगर को नाश किया चाहता है।'' (उत्पत्ति १९:१४) लूत ने अपनी पत्नी से कहा कि उन्हें यह स्थान छोड़ देना चाहिये। परंतु पत्नी अपने पापी मित्रों को नहीं छोड़ना चाहती थी। जब उसका पति रवाना हुआ तो वह पति के पीछे चलने लगी। परंतु ‘‘लूत की पत्नी ने जो उसके पीछे थी दृष्टि फेर के पीछे की ओर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई (उत्पत्ति १९:२६) । ''डॉ चार्ल्स सी. रायरी ने कहा, ‘‘उसका दिल अभी भी सदोम में बसा हुआ था। वह स्वयं को पापपूर्ण मित्रों से अलग नहीं करना चाहती थी। वह पीछे मुड़ी और अपने भटके मित्रों के पास लौटने के लिये मुड़ी। जैसे ही वह अपने पापपूर्ण मित्रों के पास लौटने के लिये पीछे मुड़ी, ‘वह नमक का खंभा बन गयी।’'' जो आग व गंधक परमेश्वर ने सदोम शहर को नष्ट करने के लिये भेजे थे, उसने उसे ढंक लिया। वह भयानक गंधक से ढंक गयी। वह गंधक जो परमेश्वर ने उसके शरीर पर ढांक दी थी। वह स्त्री एक पिघले हुए खंभे में तब्दील हो गई। वह जीवित जलाई गयी क्योंकि वह सदोम के अपने पापी मित्रों से अलग नहीं होना चाहती थी। उसने अपनी आत्मा को खो दिया और नर्क में उसे जगह मिली। और यीशु ने कहा,

‘‘लूत की पत्नी को स्मरण रखो'' (लूका १७:३२)

अगर आप चर्च को छोड़ेगे और अपने पाप मयी मित्रों की संगति में लौटेंगे तो आप के साथ भी ऐसा होगा। आप परमेश्वर के न्याय दिवस में आग से नष्ट किये जायेंगे!

‘‘लूत की पत्नी को स्मरण रखो''

जोन बैपटिस्ट हमारे पूर्वज ने ऐसी ही एक कहानी सुनाई थी। एक मनुष्य ने नष्ट होने वाले शहर को छोड़ दिया। जब वह मसीह के पीछे भागा, तो उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके दो अविश्वासी मित्र भी उसके पीछे भागे। वे उसे कहते रहे, उस नष्ट होते शहर को पुनः लौट चले। परंतु उसने उनकी न सुनी। उन्होंने उसे भटके हुए मित्रों की संगति में फिर से लौट चलने के लिये कहा। परंतु उसने ऐसा नहीं किया। वह अपने भटके हुए मित्रों से अलग हो गया और बचाया गया। (व्याख्या पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस बॉय जोन बुनयन)

अगर आप चर्च आना आरंभ कर देंगे और पापो से छुटकारा चाहेंगे, तो यही बात आप के साथ भी होना आरंभ हो जायेगी। आप के भटके हुए मित्र और संबंधी आप को चर्च से लौटा लाने के लिये जो चाहे सो कर सकते हैं। वे चाहते हैं कि आप पापमय जीवन में फिर लौट जाये। बुनयन के पात्र से उसके मित्रों ने कहा था, ‘‘क्या तुम अपने सब संसारी मित्रों को छोड़ दोगे?'' ‘‘हां'' बुनयन के पात्र ने कहा, ‘‘हां, मैं उन सब को छोड़ दूंगा क्योंकि यही वह तो मार्ग है जिसके द्वारा मैं मसीह में उद्वार पा सकता हूं।'' यही लूत की पत्नी के लिये सच था। वह अपने पाप मयी मित्रों की संगति में जाने के लिये पलटी, तो वहीं परमेश्वर के न्याय द्वारा आग में जीवित जला दी गयी। यही बात बुनयन के दिनों में भी उतनी ही सत्य थी। यह आज भी उतनी ही सत्य है! पापी मित्रों से अलगाव ही वह एकमात्र मार्ग होगा कि आप को अति जल्दी पाप से छुटकारा मिलेगा। अपने ऐसे पापी मित्रों से अलग हो जाइये जो आप को चर्च आने से रोकते हैं। उन्हें पीछे छोड़िये और यीशु के पास आ जाइये। यही सच्चे मसीही बनने का मार्ग है।

‘‘इसलिये प्रभु कहता है...... कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा। और (मैं) तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे: यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है'' (२ कुरूंथियों ६:१७−१८)

उन के बीच में से निकलो! अलगाव आवश्यक है। आप को नर्क और पाप से बचना है तो पापी मित्रों की संगति छोड़ना होगी ताकि यीशु के उपर विश्वास रखने से पापों से छुटकारा पा सको। अगर सचमुच में चाहते हैं कि यीशु आप को बुरे कर्मो से छुड़ा ले तो अपने दुष्ट संबंधी और भटके हुए मित्रों की संगति अवश्य छोड़नी होगी। बाइबल कहती है,

‘‘अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धामिर्कता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति'' (२ कुरूंथियों ६:१४)

डॉ जॉन आर राइस ने यह व्याख्या दी। उनका कथन था,

बाइबल का सबसे साधारण सा सिद्वांत है मसीही अलगाव का सिद्वांत। यह वह शिक्षा थी जो परमेश्वर पिता यहूदियों के उपर......प्रतिदिन दवाब डालकर, बारंबार, अनंत रूप में, दिया करते थे। यदि कोई इजराएली खेत जोतने की तैयारी करता था तो वह अपने मन में कहता था, ‘‘परमेश्वर ने मुझे आज्ञा दी थी कि मिश्रित जोड़ी से खेती न करना। मैं दो बैल लेकर या दो गधे लेकर खेत जोत सकता हूं परंतु मैं उन्हें मिला नहीं सकता। मैं उन्हें नहीं मिला सकता क्योंकि परमेश्वर मुझे यह स्मरण दिलाना चाहता है कि मुझे उनके साथ भी नहीं मिलना है जो परमेश्वर के लोग नहीं है।'' (डॉ जॉन आर राइस, दि अनइक्वल योक, सोर्ड ऑॅफ दि लोर्ड, १९४६, पेज ४−५)

बाइबल के एक छोर से लेकर अंतिम छोर तक अविश्वासियों की संगति से अलगाव की शिक्षा दी गयी है।

‘‘अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धामिर्कता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति'' (२ कुरूंथियों ६:१४)

२. दूसरा, अलगाव आप को संसार की संगति से अलग निकाल कर स्थानीय चर्च

की संगति में लेकर आता है।

यीशु ने यूहन्ना १५:१९ में जो कहा, उसे सुने। यीशु ने कहा,

‘‘यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रीति रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं, वरन मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है'' (यूहन्ना १५:१९)

इन शब्दों पर ध्यान केंद्रित कीजिये, ‘‘मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है।'' इन शब्दों को जोर से चिल्ला कर कहिये। ‘‘मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है।''

यूहन्ना १७:६ में, यीशु ने पुनः कहा,

‘‘मैं ने तेरा नाम उन मनुष्यों पर प्रगट किया जिन्हें तू ने जगत में से मुझे दिया ...... ''

इन दोनों पदों में यूनानी शब्द ‘‘संसार'' का अनुवाद भटके हुए लोग किया गया है। यीशु ने कहा,

‘‘मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है'' (यूहन्ना १५:१९)

इसका अर्थ है अलग कर लिया है। हम ‘‘संसार में से'' चुने हुए हैं।

यूनानी शब्द ‘‘चर्च'' का अनुवाद नये नियम में ‘‘ऐक्लेशिया'' किया गया है। ‘‘पुकार कर अलग किये गये'' ‘‘ऐके'' अर्थात में से ‘‘केलिओ'' अर्थात पुकारना (दाखलता)। अर्थात ‘‘चर्च'' का अर्थ है ‘‘पुकारकर बुलाए गए लोगो का समूह'' (स्कोफील्ड, मत्ती १६:१८ पर व्याख्या)।

प्रेरितों २:४७ को सुनिये। यरूशलेम के स्थानीय चर्च में क्या हुआ, हमारे पास उसका वर्णन है। यहां इस प्रकार लिखा है,

‘‘जो उद्धार पाते थे, उन को प्रभु प्रति दिन उन में मिला देता था'' (प्रेरितों २:४७)

यीशु ने कहा,

‘‘मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है'' (यूहन्ना १५:१९)

आधुनिक अंग्रेजी में यह बहुत स्पष्ट है,

‘‘उन को प्रभु चर्च में मिला देता था (पुकारकर बुलाए हुओं को)'' (प्रेरितों २:४७)

इस तरह, हम संसार में से पुकारकर अलग किये हुए और चर्च में मिलाए गए हुए हैं।

‘‘इसलिये प्रभु कहता है कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो...... '' (२ कुरूंथियों ६:१७)

बाइबल अनुसार जो अलगाव बताया गया है, वह इस संसार में रहते हुए आप को इस से अलग बनाये रखेगा। बाहरी संसार से अलग होकर आप स्थानीय चर्च की संगति में जुडते हैं। आप संसार को पीछे छोड़ आते हैं और चर्च में बिल्कुल नये प्रकार के मित्रों की संगति में आ जाते हैं।

३. तीसरा, संसारवाद से अलग होना बिल्कुल मन की बात है।

निवेदन है याकूब का अध्याय ४:४ को निकाल लेवे। यह स्कोफील्ड स्टडी बाइबल के पेज संख्या १३०९ पर है। चलिये खड़े हो जाते है और इसे जोर से पढ़ते हैं,

‘‘हे व्यभिचारिणयों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है'' (याकूब ४:४)

यह एक सीधी चेतावनी है! ‘‘जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है।'' अब आप बैठ सकते हैं।

यीशु इस संसार के बुरे लोगों के प्रति दयालू हैं। वह बदनाम कहलाने वाले और कर वसूल करने वालों के साथ भी बैठ कर भोजन करते थे। परंतु उनके नजदीकी मित्र उनके चेले, मरियम और मार्था और लाजरस थे। हर सच्चा मसीही जन उनका मित्र होता है − और इसीलिये वह आप को उनका अनुसरण करने के लिये बुलाते हैं। तो यह तय कीजिये कि आप के सब नजदीकी मित्र यीशु के सच्चे अनुयायी हों! जो सच्चे मसीही जन नहीं हो, तो उनकी संगति को त्याग दीजिये। यही तो बाइबल की शिक्षा है!

‘‘इसलिये प्रभु कहता है......कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा। और (मैं) तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे; यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है'' (२ कुरूंथियों ६:१७−१८)

बाइबल पर आधारित वचनों के उपर अल्बर्ट बार्नेस ने निम्न कथन दिये। उन्होंने कहा,

जो यीशु के (सच्चे अनुयायी बनना चाहते हैं) उन्हें इस संसार की बातों से अलग होना पड़ेगा। जहां ऐसा अलगाव नहीं वहां (मसीहत) नहीं पनप सकती, और जो (अविश्वासी) साथियों को त्यागने के अनिच्छुक हो......और परमेश्वर के लोगों के बीच आनंद ढूंढने और मित्र बनाने के अनिच्छुक हो, (सच्चे मसीही जन हो ही नहीं सकते)......परमेश्वर के मित्र और पाप के मित्रों के मध्य एक रेखा खींची जाना स्पष्ट है......यद्यपि हम उनसे पड़ोसी और नागरिक के रूप में मिलने से इंकार नहीं करते..... परंतु हमारे नजदीकी मित्र, परमेश्वर के मित्र होना चाहिये; और उनके साथ हमारी मित्रता होनी चाहिये। संसार भी यह देख ले कि हम (मसीह) के मित्रों के साथ संगति रखना पसंद करते हैं न कि पाप और लालसा रखने वालों के साथ संगति रखते हैं (अल्बर्ट बार्नेस, नोटस ऑन दि न्यू टेस्टामेंट कुरूंथियों, बेकर बुक हाउस, पुर्नमुद्रण १९८५, पेज १६२)

संसार को यह देखने दो कि हमें वह नहीं चाहिये, जो उन्हें चाहिये!

बार्नेस ने कहा था कि, ‘‘हमें अपने को संसार से अलग करने का संकल्प लेना है..... और परमेश्वर के लोगों के बीच आनंद ढूंढने और नजदीकी मित्र बनानें के इच्छुक होना चाहिये'' (उक्त संदर्भित)

जोन बुनयन ने यह उन लोगों के लिये कहा जिन्होंने एक मनुष्य को उद्वार पाने से रोकने का प्रयास किया। बुनयन ने कहा था कि,

‘‘आप नष्ट होने वाले शहर में रहते हो.....और जो वहां मरते है, वे कब्र से भी नीचे ऐसी जगह पर डूब जायेंगे जहां आग और गंधक जलती है। इसलिये मान जाओं और मसीह के पास आ जाओं। ‘‘क्या!'' वह मनुष्य चिल्लाया (जो उसका अनुसरण कर रहा था) । ‘‘सारे मित्र और आराम को छोड़कर आओ?'' ‘‘हां'' (मसीह को ढूंढने वाले आदमी ने) कहा ‘‘जो कुछ तुम (त्यागते हो) वह उससे तुलना किये जाने योग्य नहीं....जिसे मैं खोजता हूं.... क्योकि मैं मसीह को खोजता हूं न कि − पाप को'' (जोन बुनयन, पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस इन टूडेज इंग्लिश, रिटोल्ड बाय जेम्स एच थॉमस, मूडी प्रेस, १९६४, पेज १३−१४)

आप मसीह के लिये इस संसार से निकाल कर बुलाए गए हैं। वे व्यक्ति जो इस संसार के आराम और मित्रता नहीं छोड़ना चाहते हैं, वे मसीह के अनुयायी हो ही नहीं सकते। आप दो दिशाओं में एक साथ नहीं देख सकते! ‘‘वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है'' (याकूब १:८) ‘‘दुचित्ते व्यक्ति'' मसीह के अनुयायी हो ही नहीं सकते!

‘‘कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो...... तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा। और मैं तुम्हारा पिता हूंगा..... '' (२ कुरूंथियों ६:१७−१८)

मसीह चाहते हैं कि आप संसार पर भरोसा नहीं रखें परंतु उनके उपर भरोसा रखें। जैसा कि एक पुराने गीत में लिखा हुआ है,

‘‘अपना दिल मुझे दो,'' कहा मनुष्य के मसीहा ने,
   करूणा से बार बार पुकारते हुए;
उस उमड़ते हुए अनुग्रह का मै भी सहभागी हूं,
   क्या मैं ने तुम्हारे लिये नहीं मरा? अपना दिल मुझे दो।
‘‘अपना दिल मुझे दो, अपना दिल मुझे दो,''
   वह हल्की आवाज सुनता हूं मैं जो पुकारती है;
इस अंधकार से वह मुझे अलग खींच लेगा,
   इतनी नरमाई से उसकी आवाज कहती है, ‘‘अपना दिल मुझे दो,''
      (‘‘अपना दिल मुझे दो,'' एलिजा इ हैविट, १८५१−१९२०)

जब जोन कैगन छोटे थे, वे चर्च के कुछ बुरे बच्चों की संगति में रहते थे। वे बच्चे चर्च तो आते थे परंतु मेरे प्रचार पर हंसते थे। वे खराब चुटकुले सुनाते थे। वे सैक्स और नशीली दवा मेरीजुएना के उपर बातें करते थे। जब जोन कैगन ने यह देखना आरंभ किया कि वे बच्चे गलत कर रहे हैं। उसका अपना मन पाप के प्रति बोध से भरने लगा। उसने महसूस किया कि उसका पाप उसे नर्क की तरफ खींच रहा है। अंत में जोन ने बुरे मित्रों से मुंह मोड़ लिया। उसने पूरी रीति से उन्हें छोड़ दिया और अपना मन मसीह को दे दिया। उसने चर्च के कुछ अच्छे युवा मित्रों को अपना मित्र बनाया। जल्द ही वह परिवर्तित हो गया। वे बुरे लड़के जो मेरे संदेश पर हंसते थे, लगभग सभी, अब चर्च छोड़ कर जा चुके हैं। परंतु जोन कैगन ने मसीह पर विश्वास किया और उद्वार पाया। न केवल वह बचाया गया परंतु वह सेमनरी भी जा रहा था ताकि पास्टर बन सके। जब जोन प्रचार करता है आप महसूस कर सकते हैं कि उसका मन पाप के लिये नफरत से भरा हुआ और यीशु के लिये प्रेम से भरा हुआ रहता है। चर्च के बुरे बच्चों की संगति को छोड़कर उसने अपना मन और जीवन केवल यीशु मसीह को दे दिया। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि जोन कैगन अब मेरे नजदीकी मित्रों में से एक है। जोन और जूली सिविले पिछले शुक्रवार की संध्या मेरे पुत्रों के जन्मदिन के अवसर पर हमारे साथ रात्रि के भोजन और एक नाटक का मंचन देखने गये। बुरे मित्रों की संगति छूटने के बाद परमेश्वर ने जोन को नये मित्रों की संगति दी। मित्र जैसे ऐरोन यांसी, जैक नैन, नोहा सोंग और मेरे जैसा बूढ़ा प्रचारक। हम सब जोन कैगन को अपना मित्र कहने में घमंड महसूस करते हैं क्योंकि अब वह मसीह का मित्र है− अब वह ‘‘चर्च के कुछ बुरे बच्चों'' का मित्र नहीं रहा। वह मसीह के पास आ गया। वह हमारे साथ आ गया। कितनी खुशी होगी कि किसी दिन वह इस चर्च का पास्टर होगा। वह यहां प्रचार कर रहा होगा जबकि चर्च के वे कुछ न सुधरने वाले लड़के नर्क की अग्नि में जल रहे होंगे। जोन कैगन, उसके पिता और मै स्वयं आप से इस विषय पर पुल्पिट पर से बात करना चाहेंगे।

आप आगे पहुंचे, जब मि ग्रिफिथ गीत ‘‘गिव मी दाय हार्ट,'' गाते रहते हैं, आप आते रहिये, इस बीच में उनका गान आरंभ रहेगा।


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व नोहा सोंग द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: २ कुरूंथियों ६:१४−१८
संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकेड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
         ‘‘अपना दिल मुझे दो'' (एलिजा इ हैविट, १८५१−१९२०)


रूपरेखा

उनके बीच से बाहर निकलिये!

COME OUT FROM AMONG THEM!

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

‘‘इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा। और तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे: यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है'' (२ कुरूंथियों ६:१७−१८)

१ यूहन्ना २:१५; याकूब ४:४; यूहन्ना १३:३५)

१.  पहिला, भटके हुओं से अलगाव आवश्यक है चूंकि संपूर्ण बाइबल में इसे
सिखाया गया है, उत्प १९:१४,२६; लूका १७:३२; २ कुरूंथियों ६:१४

२.  दूसरा, अलगाव आप को संसार की संगति से निकाल कर स्थानीय
चर्च की संगति में लेकर आता है, यूहन्ना १५:१९; यूहन्ना १७:६;
प्रेरितों के काम २:४७

३.  तीसरा, संसारवाद से अलग होना मन की बात है, याकूब ४:४; १:८