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रात्रि के दर्शन −
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यीशु मरकर जीवित हुये। इसमें कोई संदेह नहीं। उनकी कब्र पर रोमन सरकार की मुहर लगी थी। रोमी सैनिको ने जी जान लगाकर उसकी रखवाली की थी। लेकिन ईस्टर की सुबह परमेश्वर ने उस विशाल शिला को हटा दिया और उस रोमी मुहर को भी तोड दिया। और यीशु उस भोर के प्रकाश में कब्र से बाहर आ गये। खाली पडी कब्र ने स्वयं घोषणा कर दी कि यीशु मरकर जीवित हो चुके हैं!
यीशु कब्र से जीवित बाहर आ गये। इसमें कोई संदेह नहीं। उनके जीवित होने के उपरांत सैकडों लोगों ने उन्हें देखा। प्रेरित पौलुस ने कहा था, ''फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया........फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं'' (१कुरूंथियों १५:६−८) ''और उस ने दुख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा'' (प्रेरितों १:३)
डॉ जोन आर राइस ने कहा,
सोचिये उन सैकडो लोगो की कितनी जर्बदस्त गवाही रही होगी जिन्होंने यीशु को पुर्नस्थान के बाद देखा होगा और किसी किसी ने तो उन (चालीस दिनों में) को बार बार देखा होगा...... सैकडो लोग की चश्मदीद गवाही इस बात पर एकमत थी कि यीशु मरकर जीवित हुये हैं। एक भी व्यक्ति ऐसा कहता हुआ प्रगट नहीं हुआ कि हमने (ईस्टर) के पश्चात उनके मुरदा शरीर को देखा है और न ही कोई उनके दिखाई देने के प्रमाणों के विरूद्व कुछ कहने को खडा हुआ। चश्मदीद गवाहों ने कहा कि वे यीशु के संपर्क में रहे, उन्हें छुआ, उनके हाथ और पैरों में कीलों के निशान को स्पर्श किया, उन्हें खाते हुये देखा और उनके साथ चालीस दिन तक संगति की...... ये प्रमाण इतने सशक्त थे कि केवल वे जो उन पर विश्वास करना नहीं चाहते थे और उन प्रमाणों की प्रामाणिकता को परखना नहीं चाहते थे उन्होंने ही इस सत्य को अस्वीकार किया। इसमें जरा आश्चर्य नहीं जब बाइबल स्वयं कहती है ''यीशु ने दुख उठाने (मरने) के बाद बहुत से अचूक प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया'' प्रेरितों १:३ (जोन आर राइस, डी डी, लिट डी, दि रेजेरकक्शन ऑफ जीजस क्राइस्ट, सोर्ड ऑफ दि लार्ड पब्लिशर्स, १९५३, पेज ४९−५०)
खाली कब्र और सैकडों आंखों देखी गवाहियां, इस बात का पक्का सबूत है कि मसीह मरकर जीवित हुये। मसीह के चेलों का परिवर्तित जीवन इससे भी बढकर सशक्त गवाही बना। जीवित हुये मसीह को देखने के पश्चात इन शिष्यों के जीवन पूर्णत परिवर्तित हो गये। इसके पहले वे कायर थे और एक तालेयुक्त कमरे में डर के मारे बंद रहे। पर जब उन्होंने जीवित मसीह को देखा, वे निडर होकर प्रचार करने लगे कि यीशु जीवित हुये हैं − वह मुरदों में से जी उठे हैं! प्रचार करने की कीमत उन्हें अपने जीवन के द्वारा भी चुकाना पडी!
पतरस − अधमरा होने तक पीटा गया और फिर क्रूस पर उल्टा टांग दिया गया।
अंद्रियास − एक्स आकार के क्रूस पर टांगा गया।
जब्दी के पुत्र याकूब − का सिर कलम कर दिया गया।
यूहन्ना − तेल के कडाह में फेंक दिया गया था और उसे पतमुस टापू पर निकाला दे दिया, जहां वह घावयुक्त अवस्था में जीवन के लिये संघर्ष करता रहा
फिलिप − को पीटा गया और क्रूस पर कीलें ठोककर चढा दिया गया।
बरतुल्मै − की खाल निकाल ली गयी और उसे क्रूस पर चढा दिया गया।
मत्ती − का सिर कलम कर दिया गया।
यहूदा जो मसीह का सौतेला भाई था − उन्हें मंदिर के शिखर से गिरा दिया गया, और दम तोडने तक पीटते रहे।
तददुस − को तीरों से मारा गया।
मरकुस − को घोडों के समूह द्वारा घसीट कर मारा गया।
पौलुस − का सिर कलम कर दिया गया।
लूका − को जैतून के पेड पर फांसी दे दी गयी।
टामस − को भालों से मारा गया और एक तंदूर में फेंक दिया गया।
(दि न्यू फोक्स बुक ओफ मार्टियर्स, ब्रिज लोगोस पब्लिशर्स, १९९७, पेज ५−१०, ग्रेग लोअरी, व्हाय दि रेजेरेक्शन?, टिंडेल हाउस पब्लिशर्स, २००४, पेज १९−२०)
इन सभी लोगों ने भयानक दुख उठाया। सभी शिष्य जिसमें यूहन्ना भी था भयानक मौत मारे गये। ऐसा उनके साथ क्यों हुआ? ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि वे कहते थे कि उन्होंने यीशु को मरकर जीवित हुये देखा था! न देखी गयी चीज के लिये मनुष्य दुख नहीं उठायेगा, न मारा जायेगा! इन लोगों ने मसीह को देखा था ''और उस ने दुख उठाने (मरने) के बाद बहुत से प्रमाणों से अपने आप को (उन्हें) जीवित दिखाया और चालीस दिन (तक) वह उन्हें दिखाई देता रहा और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा'' (प्रेरितों १:३) उस घोर वृद्धावस्था में उनके शरीरों को उबलते तेल में भयानक रूप से फेंक दिया गया, शिष्य यूहन्ना सच की गवाही देते हैं, ''उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ'' (१ यूहन्ना १:१) मैं कहता हूं हम इन मनुष्यों पर विश्वास कर सकते हैं! उन्होंने घोर दुख उठाया होगा और मसीह के जीवित होने का प्रचार करने के कारण मारे गये। न देखी गयी चीज के लिये मनुष्य दुख नहीं उठायेगा, न मारा जायेगा! इन मनुष्यों ने मसीह को देखा था और कब्र से जीवित होने के बाद छुआ था! इसलिये भयानक यातना और मौत भी उन्हें यह प्रचार करने से नहीं रोक पायी, ''कि मसीह मरकर जीवित हुये!''
टामस ने उन्हें कमरे मे छुआ था,
उन्हें अपना स्वामी और प्रभु कहा था,
उनके घावों के छेद में उंगली डाली थी
जो तलवार और कीलों से हुये थे।
वह मरकर पुर्नजीवित हुए!
वह मरकर पुर्नजीवित हुए!
उन्होंने मौत के मजबूत नीरस शिकंजे को शिकस्त दे दी −
वह जो मर गये थे वह फिर से जीवित हो गये!
(''फिर से जीवित'' पाउल राडेर, १८७८−१९३८)
अब शिष्य पुर्नजीवित मसीह से अंतिम बार मिले। मसीह ने उन्हें यरूशलेम में ठहरे रहने को कहा जब तक ''पवित्र आत्मा से बपतिस्मा'' न मिल जाये। यीशु ने कहा,
''परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे'' (प्रेरितों १:८)
और यही बात हमारे अपने चर्च में लागू होती है, जो ल्यास ऐंजीलिस के मध्य में सिविक सेंटर में बसा हुआ है। मैं यह कह सकता हूं कि ''परमेश्वर के अनुग्रह से'' संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तम मसीहियों में से कुछ उत्तम मसीहीजन का समूह हमारे चर्च में भी पाया जाता है! ऐसे ही संसार के उत्तम मसीही युवाओं का एक समूह हमारे यहां भी उपस्थित है! बिना शर्म के मैं यह कह सकता हूं कि यह मैं नहीं हूं जिसने यह किया। इसका श्रेय उन ''उनचालीस सदस्यों'' के एक छोटे समूह को जाता है जो नौकरीपेशा था, जिन्होंने अपना समय और धन इस चर्च को दीवालिये होने से बचाने में लगाया, जब बहुत समय पहले ४०० लोगो की सदस्यता का विभाजन हुआ था। यीशु के नाम की जय हो! वह हमें विजय दिलाता है!
इसका श्रेय हमारे यहो के जवानों को भी जाता है। वे असाधारण रूप से प्रार्थना योद्वा हैं। वे बाइबल अध्ययन या प्रचार में नहीं − किंतु हर सप्ताह प्रार्थना में एक घंटे से अधिक समय बिताते हैं। इन जवान लडके लडकियों के भी दो प्रार्थना समूह हैं जो प्रार्थना के दूसरे घंटे के पश्चात आत्मिक जागरण के लिये प्रार्थना करते हैं कि परमेश्वर हमारे मध्य में आत्मिक जाग्रति भेजे। इन प्रार्थनाओं का उत्तर हमें संसार में अनेक परिवर्तित होने वाले लोगों के द्वारा मिल रहा है। इन प्रार्थनाओं के उत्तर में इस वसंत ऋ्रतु में हमारे चर्च में तेरह लोगों ने मन फिराया है। उनमें एक ८९ साल के आस्तिक हैं। एक ८६ साल के कैथोलिक हैं। एक स्त्री है जिसने मसीह को ४० सालों तक मानने से इंकार किया। एक ऐसे जन हैं जो पूरे जीवन भर शैतान के बंधक बने रहे। अन्य नौ ऐसे जवान हैं जो संसार में खोये हुये थे, हमने उनके कालेज में सुसमाचार प्रचार किया। यीशु के नाम की जय हो! वह आत्मायें जीतने में हमारे लिये उदाहरण है!
पिछले सप्ताह डॉ डेविड रैलस्टन ने हमारे यहां प्रचार किया। वह मिशनरी हैं और ''क्राइस्ट टू दि नेशंस'' के संस्थापक हैं। डॉ रैलस्टन ने उनके फेसबुक पेज पर हमारे चर्च की तस्वीर लगायी है − इन शब्दों के साथ। डॉ रैलस्टन ने लिखा है,
मैंने पिछली रात (शनिवार) और (रविवार) की सुबह ल्यास ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल चर्च में प्रचार किया जहां डॉ आर एल हिमर्स जूनियर पास्टर है। अदभुत आराधना रही, हर सीट भरी हुयी थी, आधे से अधिक लोग ३० साल से कम के थे!
संदेश के हर शब्द का स्पेनिश और चायनीज में अनुवाद किया भी किया जा रहा था। जैसे संदेश प्रचारा जा रहा था लोगों के मध्य प्रशंसा और आमीन के शब्द सुनाई दे रहे थे। पास्टर हिमर्स के संदेश प्रति माह, हर तीस दिन २१० देशों के १२०००० कंम्प्यूटर्स पर पढे जाते हैं − यू टयूब पर देखे जाते हैं।
मैं किसी अन्य सुसमाचारक प्रचारक को नहीं जानता हूं, जो सुसमाचार के साथ इतने देशों में पहुंच रहा हो।
मैं इसे आधुनिक समय की स्पर्जन की सेवकाई सोचता हूं।
यीशु के नाम की जय हो! उनके नाम में परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं के उत्तर देते हैं!
इस धरती पर चर्च मेरे लिये सोने से भी बढकर है। इंटरनेट पर पूरे संसार में फैली सेवकाई का मूल्य मेरे लिये ''चांदी की नदी और असंख्य मोतियों'' से भी बढकर है। आप को यह छोटी बात लगती होगी पर मेरे लिये यह सर्वाधिक महत्व की बात है!
मेरा जीवन, मेरा प्रेम मैं आप को देता हूं,
आप परमेश्वर के मेम्ने जो मेरे लिये मरे;
मैं सदा विश्वसनीय बना रहूं,
मेरे मसीहा मेरे परमेश्वर!
मैं उनके लिये जिउंगा जो मेरे लिये मरे,
कितना संतुष्ट मेरा जीवन होगा!
मैं उनके लिये जिउंगा जो मेरे लिये मरे,
मेरे मसीहा मेरे परमेश्वर!
(''मैं उनके लिये जिउंगा'' रैल्फ इ हडसन, १८४३−१९०१;
डॉ हिमर्स ने इसे बदला है)
अब इस चर्च को न केवल मैं एक धरोहर के रूप में देखता हूं − पर मैं यह भी सोचता हूं कि यह कैसा होना चाहिये, कैसा हो सकता है, और परमेश्वर के अनुग्रह से यह कैसा होगा! मेरे दिमाग में यह छवि उभरती है कि इस आडिटोरियम का हर कोना प्रफुल्लचित्त जवान लोगों से भरा हुआ हो! मैं देख सकता हूं आत्मिक जागरण के बाद परमेश्वर का आत्मा उतर रहा है! मै देख रहा हूं जवान लोगों के चमकते चेहरे रोते हुये प्रार्थनारत हैं और आनंद से चिल्ला रहे हैं जैसे प्राचीन समय में मैथोडिस्ट बैपटिस्ट और प्रेसबिटेरियंस इस आनंद से सरा बोर हो जाते थे! मै देख रहा हूं जवान लोग सेवकाई के लिये अपना जीवन दे रहे हैं − और कुछ बाहर के देशों में यीशु मसीह के लिये मिशनरी बन कर जा रहे हैं! मै इसे एक शक्तिशाली चर्च के रूप में देख रहा हूं, जो अपने स्तर से आगे बढा जा रहा है − इस देश और संसार के अंधकारयुक्त भाग में परमेश्वर का प्रेम यहां से फैल रहा है! मैं देख रहा हूं मसीह यीशु उंचे से अपना प्रेम संपूर्ण धरती पर व्याप्त हजारों हजार खोयी और अकेली आत्माओं पर उडेल रहे हैं! मैं उन आत्माओं को गाते हुये सुन रहा हूं,
मैं उसके लिये जीउंगा जो मेरे लिये मरा,
मेरा जीवन कितना संतुष्ट होगा!
मैं उसके लिये जीउंगा जो मेरे लिये मरा,
मेरे मसीहा और मेरे परमेश्वर के लिये!
इसे मेरे साथ गाइये!
मैं उसके लिये जीउंगा जो मेरे लिये मरा,
मेरा जीवन कितना संतुष्ट होगा!
मैं उसके लिये जीउंगा जो मेरे लिये मरा,
मेरे मसीहा और मेरे परमेश्वर के लिये!
मैं जल्द ही ७५ साल का हो जाउंगा। मरने से पहले मैं इतनी सब बातें नहीं देख पाउंगा। पर मैंने उन्हें पहले ही देख लिया है − रात्रि के दर्शनों में! मि ग्रिफिथ, मेरे साथ मिसिस क्रिश्चियनसन का मधुर गीत ''मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये'' गाने मे मेरी सहायता कीजिये। कृपया खडे हो जाइये। यह गीत संख्या छ है।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, मसीहा, मैं प्रार्थना करता हूं,
मुझे आज केवल यीशु को देखने दीजिये;
यद्यपि घाटी में से आप मुझे लिये चलते हैं,
आप की अमर महिमा मुझे घेरे रखती है।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, स्वर्गीय मसीहा,
तब तक कि मेरी आत्मा आपकी महिमा से दमकने लगे।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, कि सब देख सके
आप की पवित्र प्रतिछाया मुझमें दिखाई दे।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, हर इच्छा को
अपनी महिमा के लिये रखिये; मेरी आत्मा प्रेरित हो
आप की सिद्वता से, आप के पवित्र प्रेम से
मेरे मार्ग को स्वर्गिक प्रकाश से आभायुक्त कर दें।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, स्वर्गीय मसीहा,
तब तक कि मेरी आत्मा आपकी महिमा से दमकने लगे,
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, कि सब देख सके
आप की पवित्र प्रतिछाया मुझमें दिखाई दे।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, पाप का कोई अंश
मेरे भीतर की चमक कम करने न पाये।
मैं केवल आप का आशीषित चेहरा देखूं,
मेरी आत्मा आप के अनंत अनुग्रह पर जीवित रहे
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, स्वर्गीय मसीहा,
तब तक कि मेरी आत्मा आपकी महिमा से दमकने लगे।
मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये, कि सब देख सके
आप की पवित्र प्रतिछाया मुझमें दिखाई दे।
(''मेरे पूरे दर्शनों को भर दीजिये'' एविस बर्जसन क्रिश्चियनसन, १८९५−१९८५)
मैं इस संदेश को चीन और अफ्रीका में मिशनरी होकर गये चाल्र्स टी स्टड के शब्दों में समाप्त करता हूं (१८६०−१९३१)
केवल एक जीवन,
और फिर सब खत्म हो जायेगा।
मसीह के लिये क्या किया
केवल यह शेष रहेगा।
जब तक जीवित रहें इन शब्दों को कभी न भूलें। मेरे साथ इन्हें कहिये।
केवल एक जीवन,
और फिर सब खत्म हो जायेगा।
मसीह के लिये क्या किया
केवल यह शेष रहेगा।
डॉ कैगन प्रार्थना में हमारी अगुवाई कीजिये।
अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: प्रेरितों १:१−९
संदेश के पूर्व बैंजमिन किंकेड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
''संघर्ष खत्म हुआ'' (फ्रांसिस पाट द्वारा अनुवादित, १८३२−१९०९)