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अब्राहम और इसहाक के जीवन से सबक (उत्पत्ति पुस्तक पर संदेश संख्या ८५) द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स रविवार की सुबह, २९ नवंबर, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल ''तब उस ने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियों! क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे? तब उस ने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ करके सारे पवित्र शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया'' (लूका २४:२५‚ २७) । |
मसीह ने अपने चेलों से कहा कि मूसा एवं सारे भविष्यवक्ताओं ने उनके विषय में कहा था। प्राचीन धर्मशास्त्र मसीह के अनेक चित्रण प्रस्तुत करता है। वे यीशु व परम पिता के बारे में बोलती हुई तस्वीरें हैं। इतिहास का महानतम प्रचार प्रेरितों की पुस्तक के समय में हुआ − जो नये नियम के पूर्व लिखी गयी थी। वे क्या प्रचार करते थे? वे परमेश्वर व मसीह का प्रचार प्राचीन धर्मशास्त्र के आधार पर करते थे! मेरे लंबे समय तक पास्टर रहे डॉ तिमोथी लिन पुराने धर्मशास्त्र के विद्वान थे। पचास वर्षो बाद भी मैं उनका यिर्मयाह १:१०, दानियेल १०:१३, २०, २१, मलाकी ४:६, उत्पत्ति ३:२१ के उपर संदेश स्मरण कर सकता हूं। एक और महानतम संदेश मैंने डॉ आर जी ली का ''किसी दिन भरना होगा'' सुना था − यह अहाब और इजाबेल के न्याय के उपर था − जो पुराने नियम में १ ला राजा की पुस्तक से लिया गया था। मैं व्यक्तिगत रूप से एक और संदेश की शृंखला नहीं भूलूंगा जो यिजकेल पर आधारित थी एवं मैंने डॉ एम आर देहान से सुनी थी यिजकेल ३७ से ३९ पर आधारित थी। मैंने डॉ डब्ल्यू ए क्रिसवेल के पांच घंटों के संदेश के कुछ भाग सुने थे, जो उन्होंने ''बाइबल में लाल डोरी'' के उपर प्रचार किया था यह वर्ष १९६२ में टेक्सास के बैपटिस्ट चर्च, डलास में, नव वर्ष की संध्या पर, प्रचारित किया गया था। जब कभी आप के पास पांच घंटे का समय हो तो आप www.wacriswell.org पर जाकर ये संदेश सुन सकते हैं। आधे से अधिक संदेश संपूर्ण पुराने नियम की सुनियोजित व्याख्या है! मैं डॉ जे वर्नान मैगी को लगभग दस वर्षो तक हर दिन सुनता रहा उन्होंने संपूर्ण पुराना नियम रेडियों पर ही सिखा दिया। परमेश्वर के इन महान लोगों से मैंने विश्वास रखना और पुराने नियम से प्रेम रखना सीखा। मैंने यह भी सीखा कि पुराने नियम के लगभग हर पेज पर यीशु के बारे में भविष्यवाणी मिलती है। कभी कभी कुछ विशेष शब्दों में उनका वर्णन मिलता है जैसे, ''इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी'' (यशायाह ७:१४)। कई बार चित्रण और अन्य प्रकार से उनके विषय में बोला जाता है। जैसे हमने आज सुबह देखा कि पुराने नियम में प्रकार के मायने है किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु के विषय में कहना और उसी का चित्रण नये नियम में किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु के रूप में होता है।
उत्पत्ति का २२ वां अध्याय परमेश्वर पिता और मसीह के पुत्र रूप के वर्णन को लेकर अनोखा है। मैं चाहता हूं आप बाइबल में वह स्थान निकाल लेंवें। स्कोफील्ड स्टडी बाइबल में यह पेज ३२ व ३३ पर मिलता है। कृपया, इस संदेश के समय अपनी बाइबल खुली रखिये। उत्पत्ति २२ वां अध्याय पुराने नियम का एक बडा ख्रीस्तयुक्त अध्याय है।
उत्पत्ति २२ वां अध्याय पुराने नियम का एक बडा ख्रीस्तयुक्त अध्याय है। भजन २२ और यशायाह ५३ में यीशु के दुख उठाने के विषय में भविष्यवाणी है। उत्पत्ति २२ में हम स्पष्ट सीख सकते हैं कि यीशु स्थानापन्न बलिदान हैं। हमें परमेश्वर पिता और पाप में पडे मनुष्य की तस्वीर भी सामने दी गयी है। मैंने इस महान अध्याय को बार बार पढ़ा है, और मैं सोचता हूं कि हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं।
अब्राहम को एक सच्चे मसीही के रूप में चित्रित किया गया है,
अब्राहम का परमेश्वर पिता के रूप में चित्रण किया गया है।
और यह
उसके पुत्र इसहाक को मसीह का, प्रकार माना गया है,
एक भटके हुये पापी के रूप में भी, उसका चित्रण है।
तो उन तस्वीरों और प्रकार के बारे में कुछ तस्वीरें हैं।
१. पहला उदाहरण, मसीही जन की परख के विषय में कहता है।
उत्पत्ति २२:१, २ को देखिये,
''इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, इब्राहीम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे इब्राहीम: उसने कहा, देख, मैं यहां हूं। उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि करके चढ़ा'' (उत्पत्ति २२:१, २)
''परीक्षा में पड़ने'' का अनुवाद बहुत गहरा है। एनएएसवी में इसके अनुवाद का ''परीक्षण'' किया गया है। डॉ रायरी ने कहा कि ''परमेश्वर बुरी बातों से कभी किसी की परीक्षा नहीं लेता (याकूब १:१३), किंतु......वह हमारी परीक्षा लेता है प्रयत्न करता है और सिद्व करता है जैसे उसने अब्राहम के मामले में किया'' (रायरी स्टडी बाइबल; उत्पत्ति २२:१ पर व्याख्या)। मुझे स्मरण है कि कई साल पहले मुझे एनएएसवी का ठीक ठीक अनुवाद करने और डॉ रायरी की बिल्कुल सटीक व्याख्या करने के लिये बहुत फटकार का सामना करना पड़ा था। पर मैं तब भी सही था और आज पचास साल बाद भी सही हूं। याकूब १:१३ कहता है ''परमेश्वर बुरी बातों से परीक्षा नहीं लेते हैं किंतु उत्पत्ति २२:१ यह निश्चित दिखाता है कि परमेश्वर हमारे मसीही जीवन में हमारी परीक्षा लेते हैं। अब्राहम, यहां, मसीही जीवन का वह उदाहरण है जो परखा गया, जैसे हम सब परखे जाते हैं।
स्कोफील्ड की व्याख्या सही कहती है, ''अब्राहम का आत्मिक अनुभव चार बड़े महान कष्टों से भरा हुआ था, जिसमें स्वाभाविक रूप से सर्वाधिक प्यारी वस्तु को समर्पित करना था।'' वे वस्तु निम्नांकित थी,
१. अब्राहम को अपना देश और अपने संबंधी छोड़ने पड़े (उत्पत्ति १२:१) मैं बिल्कुल सहमत हूं कि अगर अब्राहम ने उस बिंदु पर परमेश्वर ही आज्ञा नहीं मानी होती तो वह कभी उद्वार नही पा सकता था। आज के कई लोग (विशेषकर जवान लोग) उद्वार का अनुभव कभी नहीं कर सकते क्योंकि वे अपने संसारी मित्रों को छोड़ने के लिये सहमत नहीं होते हैं। वे उनसे चिपके रहते हैं − इसीलिये कभी बचाये नहीं जाते हैं।
२. अब्राहम को अपने भतीजे लूत को खोना पड़ा जो उसे बहुत प्रिय था और संभवत: उसका उत्तराधिकारी भी हो सकता था, उत्पत्ति १३:१−८
३. अब्राहम को अपने दूसरे पुत्र, इश्माइल, के लिये अपनी योजना त्यागना पड़ी उत्पत्ति १७:१७, १८
४. अब्राहम को अपने पुत्र को त्यागना पड़ा जिसे वह सबसे अपने हृदय की गहराइयों से प्रेम रखता था उत्पत्ति २२:१, २
''उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि करके चढ़ा'' (उत्पत्ति २२:२)
इसहाक को छोड़! इसहाक को छोड़! इसहाक को छोड़! क्यों छोड़, अब्राहम ने तो सारी उम्र पुत्र के लिये इंतजार किया! और अब परमेश्वर कहते हैं कि उसे होमबलि करके अर्पित कर! यही तो परीक्षा है! परमेश्वर आप से पूछते हैं, ''कि आप उनके लिये क्या त्यागोगे?''
मैं एक विदेशी मिशनरी बनना चाहता था। परमेश्वर ने मुझसे वह विचार ले लिया मैंने १००० लोगों की बैठक वाला चर्च बनवाया परमेश्वर ने उसे भी ले लिया।
चूंकि रास्ता दिखता था सीधा और संकरा,
जो मैंने मांगा वह सब बह गया;
मेरी उमंगें योजनायें और लालसायें थी,
जो मेरे पैरो में अब राख बनके पड़ी है।
(''मैं प्रभु का धन्यवाद करूंगीं'' मिसिस मार्गरेट जे हैरिस, १८६५−१९१९)
क्या आप ने सब समर्पण वेदी पर रख दिया है?
क्या आप के हृदय को आत्मा नियंत्रित करती है?
तभी ठहरोगे तुम आशीषित मिलेगी शांति व मधुर विश्राम,
जब तुम अपनी आत्मा व देह उनको अर्पित करोगे।
(''सब समर्पण वेदी पर है?'' एलिशा ए हॉफमन, १८३९−१९२९)
इतिहास में जितने भी महान मसीही जन हुये हैं उन्हें अपनी योजनायें और आशायें छोड़ना पड़ी। उन्हें परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिये बलिदान देने पड़े।
जॉन क्रिसोस्टोम को यूडोक्सिया ने निकाला दे दिया था।
कैथोलिक चर्च ने मार्टिन लूथर को चर्च से बहिष्कृत कर दिया था।
रिचर्ड बक्तर को लंदन के टॉवर में बंद कर दिया गया था।
जॉन बुनयन को बारह वर्ष तक जेल में भेज दिया गया।
जॉन वेस्ली को एंग्लीकन चर्च से बाहर कर दिया गया।
जार्ज वाईटफील्ड लंदन के हर चर्च से बाहर किये गये।
जोनाथन एडवर्ड को उनके ही चर्च ने पद से हटा दिया।
स्पर्जन पर बैपटिस्ट यूनियन ने आक्षेप लगाया था।
जे ग्रेशम माचेन प्रेसबिटेरियन चर्च की पुरोहिताई से हटाये गये थे।
जॉन आर राइस को दक्षिणी बैपटिस्टों ने निकाल दिया था।
जिम इलियट का ओका भारतीयों ने कत्ल कर दिया था।
रिचर्ड वर्मबैंड जेल में १४ सालों तक रखे गये।
शिष्य पौलुस को पीटा व पत्थरवाह किया कैद में रखा,
और उनका सिर धड़ से अलग कर दिया।
हर चेले को सताया गया यूहन्ना भी मार डाला गया। उन्होंने मसीह का इंकार करने के स्थान पर मरना पसंद किया। प्रारंभिक मसीहियों को कोलोज़ियम में फेंक दिया जाता था जहां उन्हें उत्साहवर्धक मूर्तिपूजकों की भीड़ के सामने शेर और भालू चीर फाड़ देते थे। जर्मनी को स्वतंत्र करने के पहले नाजियों ने प्यानों के तार से दित्रिच बॉनहूफर को फांसी दे दी। डॉ मार्टिन ल्योड जोंस की बिली ग्राहम के क्रूसेड में चल रहे ''निर्णयवाद'' से सहमत नहीं होने पर आलोचना की गयी और उन्हें निष्कासित किया गया। डॉ लिंडसेल ने जब सेमनरीज में चल रहे उदारवाद को अपने लेख ''बैटल फॉर दि बाइबल'' में उजागर किया तो उन पर प्रहार किये गये और निष्कासित किया गया। डॉ बिल पॉवेल अपनी निर्वासित अवस्था में ही अकेले चल बसे क्योंकि वे सार्वजनिक रूप से दक्षिण बैपटिस्ट सेमनरीज में बाइबल के उपर प्रहार किये जाने का विरोध करते थे। आधुनिक मुस्लिमों ने हजारों मसीहियों के सिर काट डाले हैं।
अब्राहम ने १०० साल इंतजार किया जब उसके यहां पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ। उसके पश्चात परमेश्वर ने उसकी यह कहते हुये परीक्षा ली कि जो पुत्र उसे प्यारा था, उसे मोरियाह पहाड़ी पर लाकर होमबलि अर्पित करने को कहा। हर अच्छे मसीही को वह कुछ खोना होता है जिसे वह प्रिय समझता है अन्यथा वह अच्छे मसीही जन कहलाने की परीक्षा में सफल नहीं हो सकता है। हर अच्छा मसीही जन यह समझता है जब मिसिस हैरिस ने ये शब्द लिखे,
चूंकि रास्ता दिखता था सीधा और संकरा,
जो मैंने मांगा वह सब बह गया;
मेरी उमंगें योजनायें और लालसायें थी,
मेरे पैरो में अब उनकी राख पड़ी थी।
वे सब यह जानते हैं मि़ हॉफमन क्या कहना चाहते हैं जब वह इतना चुभता हुआ प्रश्न पूछते हैं,
क्या आप ने सब समर्पण वेदी पर रख दिया है?
क्या आप के हृदय को आत्मा नियंत्रित करती है?
तभी ठहरोगे तुम आशीषित मिलेगी शांति व मधुर विश्राम,
जब तुम अपनी आत्मा व देह उनको अर्पित करोगे।
२. दूसरा अब्राहम परमेश्वर पिता की तस्वीर प्रगट करता है।
यद्यपि यह कोई प्रकार नहीं है, लेकिन अब्राहम निश्चित ही परमेश्वर पिता की छवि प्रगट करता है जिन्होंने अपने एकमात्र पुत्र को दुख उठाने और क्रूस पर मरने भेजा। निश्चित ही उत्पत्ति २२:२ परमेश्वर पिता के हृदय की तस्वीर प्रगट करता है। वह अपने पुत्र को, जिनसे वह प्रेम करते हैं, कलवरी पहाड़ पर ले जाते है, जो मोरियाह पहाड़ की ही पर्वत श्रेणी है, और वहां मनुष्य जाति के लिये उनके पापों का दंड चुकाने के लिये उनके प्राण बलिदान करते हैं।
उत्पत्ति २२:९ को देखिये जो दूसरा हिस्सा है अब्राहम ने ''अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के'' वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया। स्कोफील्ड की व्याख्या में पेज के नीचे लिखा हुआ है ''अब्राहम, इस प्रकार का पिता था, जिस ने ‘अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया’ (रोमियों ८:३२)'' क्या हम यूहन्ना ३:१६ को अक्सर सुनते है जो हम इस के विषय में विचार न करें?
''क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया...... '' (यूहन्ना ३:१६)
यूहन्ना ३:१६ के विषय में सोचिये और उत्पत्ति २२:२ को फिर से देखिये,
''अपने एकलौते पुत्र को, संग ले कर चला जा......जिस से तू प्रेम रखता है ......होमबलि करके चढ़ा'' (उत्पत्ति २२:२)
डॉ जे वर्नान मैगी ने कहा था, ''कि पिछले तीन घंटे की अवधि में, वह क्रूस वेदी बन गया था जहां परमेश्वर का मेम्ना इस संसार के पापों का दंड चुकाने के लिये प्राण बलिदान कर रहा था। पिता और पुत्र के मध्य यह लेन देन क्रूस पर हुआ......यही चित्रण यहां भी है: यहां अब्राहम और इसहाक अकेले हैं'' (थ्रू दि बाइबल, वाल्यूम १ पेज ९१)
डॉ एम आर देहान ने कहा, ''क्रूस पर उस घोर पीड़ा के अंतिम समय में (परमेश्वर) पिता और उनके पुत्र यीशु मसीह के मध्य क्या घटित हुआ यह हम कभी नहीं समझ पायेंगे। यह पिता और पुत्र के मध्य का समझौता था। कोई मानव आंख इस क्षण को देख नहीं पाई (क्योंकि सर्वत्र अंधकार छा गया था).....जब प्राणदान की अंतिम घड़ी आ पहुंची और अंतिम बलिदान पूर्ण होने को था, परमेश्वर ने (अंधकार फैला दिया).....जब तक कि वह बलिदान शिखर क्षण तक नही पहुंच गया, और वह दुःखदायी दारूण पुकार (यीशु की क्रूस पर से) सुनाई दी, ‘हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?’'' (एम आर दिहान, एम डी, उत्पत्ति में मसीह का चित्रण, जोंदरवन पब्लिशिंग हाउस, १९६६, पेज १३७)
अवश्य ही अब्राहम का मन जार जार हो रहा होगा जब उसके पुत्र इसहाक की अंतिम घड़ी समीप आ रही होगी। और, वैसे ही अवश्य, परम पिता का मन भी टूटा होगा जब उन्होंने मुख मोड़ लिया और अपने पुत्र यीशु को अंधकार की उस घड़ी में अपने पिता को पुकारते हुये अकेला छोड़ दिया ऐसा इसलिये हुआ, ''क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया'' − कि आप को पाप और नरक से बचाये। निश्चित ही पिता ने क्रूस पर से अपने पुत्र की पुकार सुनी होगी, ''हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?'' निश्चित ही परमेश्वर पिता की आंखों से आंसू बहे होंगे जब यीशु अकेले ही हमारे पापों को क्रूस पर सह रहे थे व पिता को मुख फेरना पड़ा!
३. तीसरा, इसहाक यीशु को चित्रित करता है।
स्कोफील्ड की व्याख्या कहती है कि, ''इसहाक यीशु को चित्रित करता है, ‘जो मृत्युतक आज्ञाकारी रहा’ (फिलिप्पियों २:५−८)''
''और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली'' (फिलिप्पियों २:८)
पद ६ को भी देखिये,
''सो इब्राहीम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े'' (उत्पत्ति २२:६)
यह चित्रण यीशु को क्रूस ले जाते हुये बताता है,
''वह (यीशु) अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया...... जो खोपड़ी का स्थान कहलाता है और इब्रानी में गुलगुता। वहां उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया'' (यूहन्ना १९:१७‚ १८)
अब पद ७ और ८ को देखें,
''इसहाक ने अपने पिता इब्राहीम से कहा, हे मेरे पिता; उसने, कहा हे मेरे पुत्र‚ क्या बात है उसने कहा‚ देख‚ आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है? इब्राहीम ने कहा, हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा'' (उत्पत्ति २२:७‚ ८)
इसहाक कहता है‚ ''आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है?'' अब्राहम उत्तर देता है, ''हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।'' अब पद ९ को देखिये,
''सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुंचे; तब इब्राहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया'' (उत्पत्ति २२:९)
यह यीशु का चित्रण करता है, जैसे यशायाह कहता है,
''जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला'' (यशायाह ५३:७)
डॉ मैगी ने बताया कि इसहाक ३३ साल का था उन्होंने उत्पत्ति के ध्यानपूर्वक पूर्ण अध्ययन के द्वारा यह उम्र निकाली। इसहाक ने आज्ञाकारिता दर्शाते हुये अपने पिता को स्वयं को बांधने दिया और वेदी पर लिटाने दिया। अब पद १० को देखिये‚
''और इब्राहीम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे'' (उत्पत्ति २२:१०)
यद्यपि अब्राहम नहीं समझा था कि वह क्या कर रहा है पर बहुत समय पहले यह सीखा था कि जो परमेश्वर कहते हैं वह मानना चाहिये। और‚ ऐसा करने से‚ उसने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। अब पद १२ को देखिये‚
''उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है'' (उत्पत्ति २२:१२)
डॉ मैगी ने कहा‚ ''कि परमेश्वर ने अब्राहम की परीक्षा ली। मैं मानता हूं कि हर वह जन जिसे परमेश्वर बुलाते हैं........या उसे उपयोग में लेते हैं उसे परीक्षा से गुजरना होता है ........ताकि हमारे विश्वास को मजबूत बनाये‚ हमें स्थापित कर सके और उसकी सेवा के योग्य बन सके'' (उक्त संदर्भित‚ उत्पत्ति २२:१२ पर व्याख्या) । पुन: मिसिस हैरिस का गीत सुनिये‚
चूंकि रास्ता दिखता था सीधा और संकरा,
जो मैंने मांगा वह सब बह गया;
मेरी उमंगें, योजनायें और लालसायें थी,
मेरे पैरो में अब उनकी राख पड़ी थी।
फिर आगे वह गाती है‚
वेदी पर परमेश्वर की आग प्रज्वल्लित
मेरे हृदय में वह लौ जलाती;
कि मैं कभी न रूकूं प्रशंसा करने से,
महिमा हो, उसके नाम की महिमा हो!
मैं उसकी प्रशंसा करूंगा! मैं उसकी प्रशंसा करूंगा!
धन्यवाद उनका कि पापियों के लिये मारे गये;
उसकी महिमा करो, आप सब मिलकर,
कि उनका रक्त हर कलंक को धो सकता है।
मैं सोचता हूं यह उनकी गवाही थी। उन्होंने जो चाहा था वह सब ध्वस्त हो गया। उनकी चाहें योजनायें और इच्छायें सब मिटकर उनके पैरों पर पड़ी थी। ''तब'' − ''ओह‚ यह तो अच्छा हुआ! वेदी पर परमेश्वर की आग प्रज्वल्लित मेरे हृदय में वह लौ जलाती; कि मैं कभी न रूकूं प्रशंसा करने से! महिमा हो, उसके नाम की महिमा हो!'' जैसा मि. हॉफमन ने कहा, ''तभी ठहरोगे तुम आशीषित मिलेगी शांति व मधुर विश्राम, जब तुम अपनी आत्मा व देह उनको अर्पित करोगे।''
उन विश्वसनीय लोगों के लिये सोचिये जिन्होंने हमारे चर्च को आर्थिक रूप से बरबाद होने से बचाया। उनमें से प्रत्येक परमेश्वर की भेजी हुई उन परीक्षाओं में सफल हुये जो उन पर आयी थी। कुछ तो चर्च विभाजन के समय चर्च छोड़ कर चले गये। किंतु विश्वसनीय लोग बने रहे भले ही इसकी उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी और वे उन परीक्षाओं में खरे उतरे। मुझे स्मरण है कि मिसिस सालाजर को क्या कीमत चुकानी पड़ी। मुझे स्मरण है कि मि. प्रुद्योमे को क्या कीमत चुकानी पड़ी। मैं जानता हूं मेरी पत्नी को क्या कीमत चुकानी पड़ी, डॉ चान, डॉ कैगन मिसिस कैगन को क्या कीमत चुकानी पड़ी, मिसिस बेबोत और अन्य दूसरे लोगों को क्या कीमत चुकानी पड़ी। वे भी कह सकते थे, ''जो मैंने मांगा वह सब बह गया; मेरी उमंगें, योजनायें और लालसायें थी, मेरे पैरो में बस अब उनके निशां बाकि हैं।'' यही तो पिता अब्राहम के साथ हुआ था जब अपने जान से भी प्रिय बेटे को मारने के लिये उन्होंने छुरी उठाई! उनकी सारी उमंगें, योजनायें और लालसायें, अब उनके पैरो में राख बनकर पड़ी थी! आप को आश्चर्य होता होगा कि क्यों मिसिस सालाजर ऐसी संत हैं? क्योंकि उनकी सारी उमंगें, योजनायें और लालसायें, अब उनके पैरो में राख बन पड़ी थी!
आप केवल साधारण रूप से बाइबल पढ़ने से ही महान मसीही जन नहीं बन जाते हैं। पर अपनी इच्छाओं, योजनाओं और उमंगों को मसीह के लिये त्याग करके आप महान मसीही जन बनते हैं! आप महान मसीही जन बनते हैं अगर बिल्कुल अब्राहम का उदाहरण अपनाते हैं! इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है! कृपया अपने स्थान पर खड़े होकर गीत नं ४ गाइये यीशु, ''मैं अपना क्रूस लेकर चलता हूं,''
मैं, अपना क्रूस लेकर चलता हूं, सब छोड़ आप के पीछे चलता हूं;
निराश्रय, तिरस्कृत, पूर्णतया परित्यक्त, आप में ही मेरी पूर्ण संपूर्णता है:
मिट गयी मेरी हर उमंग, जो मैंने चाही, आशा की और जानी;
तौभी मैं कितना धनी हूं परमेश्वर और स्वर्ग अभी भी मेरे हैं!
चाहे संसार मुझे तिरस्कृत करे त्याग दे, त्यागा था उन्होंने मेरे मसीहा, को भी;
मानस मन व रूप मुझे छलते हैं; पर आप कभी छली नहीं हो सकते हैं प्रभु;
और, आप जब मुझ पर मुस्कुराते हैं, बुद्वि प्रेम और ताकत के प्रभु परमेश्वर,
बैरी कर सकते नफरत, दोस्त कह सकते अलविदा, आप का चेहरा सदा चमकता।
मनुष्य मुझे कष्ट दे सकते या परेशानी, पर ये सब लेकर आयेगी मुझे आप के पास;
कठिनाइयों का जीवन कर सकता मुझे बाध्य; पर स्वर्ग देता मधुर विश्राम।
दुखों में मुझे हानि न होगी, आप के प्रेम का सोता मेरे लिये सदा रहता बहता;
उनके कोई उल्लास न रिझाये मुझको, जब तक आप का आनंद उसमें न मिले।
अनुग्रह से महिमा तक शीघ्रता होगी, विश्वास से सुसज्जित होकर प्रार्थना के पंखों पर;
स्वर्गीय शाश्वत महिमा तेरे समक्ष होगी परमेश्वर का हाथ आप को ले चलेगा।
खत्म होगें तेरे इस जमीन के काम, बीत जायेंगे तेरे तीर्थयात्री के दिन समान,
आशा फलदायी हो जायेगी विश्वास से मिलेगा चमत्कार और प्रार्थना से प्रशंसा।
(''यीशु मैं अपना क्रूस लेकर चलता हूं,'' हैनरी एफ लाइट १७९३ −१८४७)
अब आप बैठ सकते हैं।
सचमुच, कितना अदभुत है कि मैंने यह संदेश इस तरह से तैयार होगा सोचा भी नहीं था! संदेश लिखने के पहले मैंने सुंदर रूपरेखा तैयार की थी। इसमें मुझे पूरा शुक्रवार का दिन लगा। अंत में मेरी प्यारी पंक्ति थी ''वह सब बह गया जो चाहा, मेरे पैरों में बस अब उनके निशां बाकि हैं!'' इस पंक्ति को स्थिर रहने दें! मैं मानता हूं मेरे संदेश की सुंदर रूपरेखा के सच से भी बढकर है कि यह पंक्ति हमें अब्राहम और इसहाक का संदेश देती है!
डॉ देहान ने कहा, ''कि यहां से लेखनी में परिवर्तन आता है और हमारे पास दो उदाहरण हैं इसहाक थोड़े समय के लिये यीशु का एक प्रकार का उदाहरण माना जा सकता है क्योंकि इसहाक (स्वयं एक पापी था) और उसके स्थानापन्न में किसी का इस भूमि पर मारा जाना अवश्य था। इसहाक के मसीह के स्थान पर चित्रण से दृश्य इस तरह बदलता है कि अब एक मेम्ना इसहाक के स्थान पर मारे जाने के लिये आवश्यक था'' (उक्त संदर्भित, पेज १४१) अब पद १३ को देखिये,
''तब इब्राहीम ने आंखे उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगो से एक झाड़ी में बंझा हुआ है; सो इब्राहीम ने जाके उस मेंढ़े को लिया, और अपने पुत्र की सन्ती होमबलि करके चढ़ाया'' (उत्पत्ति २२:१३)
इस पद पर घ्यान दीजिये, ''अपने पुत्र के (स्थान पर) सन्ती'' होमबलि करके यह यीशु की स्थानापन्न या एवजी मृत्यु का प्रतीक है। जो मेम्ना इसहाक के स्थान पर बलि किया गया वह यीशु की सिद्व तस्वीर है जो हमारे स्थान पर बलिदान किये गये, ताकि हमारे पापों का दंड क्रूस पर चुका सके, यीशु, ''वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए (क्रूस पर) चढ़ गया'' १ पतरस २:२४ ।
मैं आप को यीशु पर विश्वास लाने के लिये प्रेरित करता हूं। जिस क्षण आप उन पर विश्वास करते हैं उनका क्रूस पर आप के लिये बलिदान देना आप के पापों का पूरा दंड भर देता हैं। उनका रक्त जो क्रूस पर बहा वह आप को आपके सारे पापों से शुद्व कर देगा − यह उस क्षण होगा जब आप यीशु पर संपूर्ण हृदय से विश्वास लायेंगे। केवल उन पर विश्वास लाइये। केवल उन पर विश्वास लाइये। अब केवल उन पर विश्वास लाइये। वह आप को बचायेंगे। वह आप को बचायेंगे। वह अब आप को बचायेंगे। आमीन।
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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र से पढा गया: उत्पत्ति २२:१−१४
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गान गाया गया:
''सब समर्पण वेदी पर है?'' (एलिशा ए हॉफमन, १८३९−१९२९)
रूपरेखा अब्राहम और इसहाक से जीवन के सबक (उत्पत्ति पुस्तक की संदेश संख्या ८५) द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स ''तब उस ने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियों! क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे? तब उस ने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ करके सारे पवित्र शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया'' (लूका २४:२५‚ २७) । (यशायाह ७:१४) १. पहला उदाहरण, मसीही जन की परख के विषय में कहता है‚
२. दूसरा‚ अब्राहम परमेश्वर पिता की तस्वीर प्रगट करता है‚ उत्पत्ति २२:९; रोमियों ८:३२; यूहन्ना ३:१६; उत्पत्ति २२:२ ३. तीसरा, इसहाक यीशु को चित्रित करता है‚ फिलिप्पियों २:८; उत्पत्ति २२:६;
यूहन्ना १९:१७‚१८; उत्पत्ति २२:७‚ ८‚ ९; यशायाह ५३:७; |