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शुद्ध करने वाला रक्तTHE CLEANSING BLOOD द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स रविवार की सुबह, ४ अक्टूबर, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में ''और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' |
यूहन्ना केवल एक किशोर ही था जब प्रभु यीशु ने उसे चेला बनाये जाने के लिये चुना। पर वह एक अदभुत जवान था। यीशु से उसकी नजदीकी गैतसेमनी के बगीचे में देखी जा सकती है। यीशु ने जब बगीचे के गहनतम अंधकार में प्रवेश किया तो उन्होंने शेष शिष्यों को बगीचे के किनारे पर ही छोड दिया। वह अपने साथ केवल यूहन्ना और दो अन्य शिष्यों को ही लेकर गये‚ ''और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगे। और उन से कहा; मेरा मन बहुत उदास है, यहां तक कि मैं मरने पर हूं: तुम यहां ठहरो, और जागते रहो।'' (मरकुस १४:३३‚३४)
जब सिपाही यीशु को गिरफ्तार करने आये तो अन्य शिष्य उन्हें छोड कर भाग गये। पर यूहन्ना अगले दिन की सुबह तक कलवरी के रास्ते तक उस थकाने वाले रास्ते पर यीशु के साथ उस कूस यात्रा में साथ बना रहा। जब अन्य लोग उन्हें छोड कर भाग चुके थे तब केवल यूहन्ना वहां डटा रहा और यीशु की मां की भी रक्षा की जबकि वह अपने पुत्र को कूस पर प्राण देते हुये देख रही थी। इस तरह अकेला यूहन्ना वहां उपस्थित था जिसने उस दिन यीशु को मरते हुये देखा। शेष तो बंद घर में छुपे रहे।
यीशु ने कूस से यूहन्ना और अपनी मां को देखा। उन्होंने यूहन्ना से माता का ध्यान रखने को कहा। उसने यीशु को मरने से पहले यह कहते हुये सुना कि‚ ''कि मैं प्यासा हूं।'' उसने यीशु को जैसे ही वह मरे यह कहते हुये सुना कि ''पूरा हुआ।'' पर यूहन्ना तौभी अपने कूसित मसीहा को छोडकर न जा सका। यूहन्ना ने देखा कि एक सिपाही ने उनकी पसली में भाला मारा ''और उस में से (तुरन्त) लोहू और पानी निकला।'' (यूहन्ना १९:३४) फिर उसने बहुत सावधानीपूर्वक लिखा‚ ''कि तुम भी विश्वास करो'' (यूहन्ना १९:३५)
जब मेरी मां का देहांत हुआ तो मैं मेरी पत्नी इलियाना को और दोनों लडकों को लेकर जितना जल्दी हो सका अस्पताल पहुंचा। मैने उनके कमरे में प्रवेश किया ही था और एक सेकंड के लिये देखा कि उनका कमजोर निष्प्राण शरीर पारदर्शी प्लास्टिक के भीतर था। मां बहुत शर्मीली थी और नहीं चाहती थी कि कोई उन्हें बिना तैयार हुये देखे। जब मैंने उनके पैर प्लास्टिक के बैग में देखे तो तुरंत मेरे बेटों को हॉल में भेज दिया। लेकिन पल भर के लिये देखे गये वे पैर मेरे दिमाग में अंकित हो गये। यह अठारह साल पहले की बात है। मैं उन्हें आज भी ऐसे ही देखता हूं जैसे यह कल ही की बात हो।
इसी तरह तो यूहन्ना के भी साथ हुआ था। उसने यीशु के बाजु में भाले का मारा जाना देखा था। उसने देखा कि रक्त फव्वारें के समान घावों में से बह निकला। वह इस दृश्य को कभी भी भुला नहीं सका। साठ साल के पश्चात‚ एक बहुत बूढे व्यक्ति के रूप में‚ अंतिम शेष बचे शिष्य यूहन्ना को‚ यह सब बातें ऐसे ही स्मरण हो आती हैं जैसे यह कल ही की बात हो। एक वयोवृद्ध व्यक्ति के कांपते हुये हाथों से उसने चर्मपत्र पर ये शब्द उकेरें कि‚ ''और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७) यीशु का लहू यूहन्ना के लिये इतना महत्वपूर्ण क्यों था ?
१. पहली बात‚ यह परमेश्वर के पुत्र‚ यीशु मसीह का लहू था।
आप जानते हैं कि ये कोई आम लहू नहीं था। डॉ डब्ल्यू ए किसवेल‚ जो लगभग साठ सालों तक डलास‚ टेक्सास‚ के बैपटिस्ट चर्च के पास्टर बने रहे‚ उन्होंने यीशु के विषय में कहा कि‚
वह देह में प्रगट हुये परमेश्वर थे। यहां पौलुस द्वारा इफिसियों के ज्येष्ठ जनों को लिखे पद बहुत महत्वपूर्ण हैं जो हम प्रेरितों के काम २०:२८ में पढते हैं‚ ''इसलिये अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो ........जिसे उस ने‚ अपने लोहू से मोल लिया है।'' कुछ लोग (जैसे जॉन मैकआर्थर) ने इस कथन को दो टूक‚ अवहेलनापूर्ण‚ अनगढ़ तरीके से‚ शुष्क ढंग से कहा गया वाक्य कहा‚ कि यह परमेश्वर का रक्त था जो कूस पर बहाया गया था। वास्तव में वह देहधारित हुये परमेश्वर थे जिन्होंने आत्मा के द्वारा सामर्थ में होकर हमारे पापों के दंड को भोगने के लिये कूस पर मूल्य चुकाया.....इसलिये‚ मसीह का बहाया गया रक्त सर्वसामर्थी है.....जो हमारे विवेक को निष्काम कार्यो से फेर लाता है ताकि हम जीवित परमेश्वर को मानें.....मसीह का रक्त‚ जो शाश्वत आत्मा में होकर स्वयं को परमेश्वर को अर्पण करता है‚ हमें शुद्ध‚ पवित्र‚ साफ‚ और संपूर्ण बनाता है। (डब्ल्यू ए किसवेल‚ पी एच डी‚ ''दि ब्लड आँफ जीजस‚'' दि कंपेशनेट क्राईस्ट‚ क्रीसेंडो बुक पब्लिकेशन‚१९७६‚ पेज ७२)
मैकआर्थर ने प्रेरितों के काम २०:२८ के विषय में कहा था कि‚ ''पौलुस परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीही की एकता में इतनी दृढ़तापूर्वक विश्वास करता था कि वह मसीह की मृत्यु को परमेश्वर का रक्त बहाया जाना कहता है − वह परमेश्वर जिनकी कोई देह नहीं थी और इसलिये रक्त भी नहीं था।'' (मैकआर्थर स्टडी बाइबल; प्रेरितों के काम २०:२८ पर व्याख्या) इस तरह मैकआर्थर ने कहा‚ कि पौलुस इस कथन को कहने में परिणामत गलत था कि परमेश्वर के ''रक्त नहीं'' था। यह एक खतरनाक कथन है‚ क्योंकि यह त्रिएकत्व के सिद्वांत को क्षीण कर देता है। हम मैकआर्थर के कथन को अस्वीकार कर देते हैं। हम इस विचार पर पौलुस और किसवेल के साथ खडे हैं‚ जिन्होंने कहा कि‚ ''परमेश्वर का रक्त कूस पर बहाया गया।'' (पूर्वोक्त)
२. दूसरा यह यीशु मसीह का रक्त है जो हमें पापों से शुद्व करता है।
शिष्य यूहन्ना ने कहा था‚
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
डॉ मैगी ने कहा‚ ''कि शुद्व करता है शब्द वर्तमान काल में है − मसीह का रक्त हमें सब पापों से शुद्व करता रहता है।'' (थ्रू दि बाइबल; १ यूहन्ना १:७ पर व्याख्या) इसका यह अर्थ है कि यीशु का रक्त आज भी अस्तित्व में है। ''शुद्व करता'' शब्द में वर्तमान काल इस बात का प्रतीक है कि आज भी‚ वर्तमान में‚ मसीह का रक्त हमें शुद्व करने के लिये उपलब्ध है। मैकआर्थर इस पर विश्वास नहीं करते हैं। उनका कथन था कि‚ ''मसीह की भौतिक देह का रक्त‚ अपने आप में‚ हमें पापों से शुद्व नहीं करता'' (दि मैकआर्थर न्यू टेस्टामेंट कमेंटरी आँन हीब्रूज़‚ पेज २३७) यह एक झूठ है!
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध (वर्तमान काल) करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
डॉ मार्टिन ल्योड जोंस ने कहा था‚
हमारा सुसमाचार रक्त का सुसमाचार है; रक्त ही वह नींव हैं; इसके बिना कुछ भी नहीं (दि वे आफ रेकन्सिलीऐशन इफिसियशंस २‚ बैनर आफ ट्रूथ ट्रस्ट‚ पेज २४०)
फिर‚ डॉ मार्टिन ल्योड जोंस ने कहा था‚
एक प्रचारक वास्तव में सुसमाचार प्रचार कर रहा है या नहीं यह इस बात से पता चलता है‚ कि वह ‘रक्त् के उपर‘ कितना जोर देता है। सिर्फ कूस और मृत्यु के विषय में ही बात करना पर्याप्त नहीं है असली परीक्षण ‘रक्त‘ है (पूर्वोक्त‚ पेज ३३१)
डॉ सी एल कैगन हमारे चर्च के सहायक पास्टर है। जब डॉ कैगन परिवर्तित नहीं हुये थे तब वह साल भर रविवार को जॉन मैकआर्थर के चर्च में जाया करते थे। डॉ कैगन का कहना था‚ ''जब मैं परिवर्तित भी नहीं हुआ था मैं उनका प्रचार सुना करता था। वह मेरे पास्टर थे। उन्होंने मुझे बाइबल की शिक्षा दी.....उसमें से अधिकतम शिक्षा मुझे आज तक याद है। यद्यपि मैं उनकी शिक्षा के प्रभाव में परिवर्तित नहीं हुआ.....डॉ मैकआर्थर के नेतृत्व में निर्णय लेने वाला फार्म मुझे ऐसा प्रतीत हुआ मानो उद्वार भले कार्यो से कमाये जाने वाली चीज हो.....तो मेरा ऐसा मानना है कि हमें अपने सुसमाचारिय प्रचार में मसीह के रक्त पर प्रचार करते समय बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिये..... अगर हम महान सुसमाचारिय संदेशों को कई आत्माओं के परिवर्तन में उपयोग में लाना चाहते हैं।'' (प्रीचिंग टू ए डाईंग नेशन‚ दि बैपटिस्ट टैबरनेकल लॉस ऐंजीलिस‚ १९९९ ‚ पेज १८३‚ १८४)
मैं डॉ ल्योड जोंस से पूरी रीति से सहमत हूं कि ''केवल (मसीह) के कूस और मृत्यु की बात करके ही संतुष्ट नहीं हो जाना है.....एक प्रचारक का वास्तविक परीक्षण कि वह सुसमाचार प्रचार कर रहा है या नहीं इस बात से होता है‚ कि वह ‘रक्त् के उपर‘ कितना जोर देता है।'' आमीन! मैं प्रसन्न हूं कि डॉ ल्योड जोंस ने ऐसा कहा! मैं लगभग ५८ सालों से सुसमाचार प्रचार कर रहा हूं। मैं अनुभव से जानता हूं कि भटके हुये पापी जन यह सुनना चाहते हैं कि यीशु का रक्त उन्हें सब पापों से शुद्व कर सकता है। वे नर्क पर या‚ बाइबल की भविष्यवाणीयों पर‚ संदेश सुनने से नहीं बचाये जायेंगे − ये संदेश प्रारंभ के लिये उपयुक्त हो सकते हैं‚ लेकिन जब हम ''अपने मूल कार्य'' − अर्थात परिवर्तन की बात पर − आते हैं तो हमें केवल मसीहा के रक्त पर ही संदेश प्रचार करना चाहिये।
रक्त पर संदेश केवल खोये हुये लोगों के लिये ही नहीं है। मैं कभी कभी सोचता हूं‚ ''हे प्रभु! मैं कैसे एक दिन भी आपके पुत्र के रक्त के बिना रह सकता हूं!'' दुख के दिनों में‚ मेरे मन को मसीह के रक्त से बढकर‚ और कोई इतना प्रफुल्लित नहीं करता! दुख और हताशा के दिनों में यह मेरे लिये मांस और पेय पदार्थ जैसा है।
मैं शुद्व करने वाले रक्त के लिये उनको धन्य कहता हूं‚
कितने अदभुत मसीहा है!
जो मेरी आत्मा को परमेश्वर से मिलाते हैं;
कितने अदभुत मसीहा है!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे यीशु!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे प्रभु!
मैंने वह प्राचीन गीत कई सालों से नहीं गाया है लेकिन आज रात वह मुझे स्मरण हो आया है! मैं उसे गाता रहा गाता रहा जब तक कि मेरा मन प्रफुल्लित नहीं हो गया! आप भी इसे मेरे साथ गाइये! आपके गीत के पेज पर यह ७ वी संख्या पर है।
मैं शुद्व करने वाले रक्त के लिये उनको धन्य कहता हूं‚
कितने अदभुत मसीहा है!
जो मेरी आत्मा को परमेश्वर से मिलाते हैं;
कितने अदभुत मसीहा है!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे यीशु!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे प्रभु!
(''कितने अदभुत मसीहा है!'' एलिशा ए हाफमन‚ १८३९−१९२९)
मैने इस गाने को अपनी भजन पुस्तिका में ढूंढा लेकिन यह नहीं मिला। मैंने फिर अपनी ५० सालों पुरानी बैपटिस्ट गीतों की पुस्तक खोजी‚ जो हम फर्स्ट चाइनीज बैपटिस्ट चर्च में गाया करते थे। वहां यह मिल गया! इस गाने को देख ऐसा लग रहा कि अपने किसी पुराने मित्र को कई सालों बाद देखा हो। जब मैंने इसे गाया तो आंखों में आंसू आ गये। अब हम इसे धीमे धीमे गाते हैं!
मैं शुद्व करने वाले रक्त के लिये उनको धन्य कहता हूं‚
कितने अदभुत मसीहा है!
जो मेरी आत्मा को परमेश्वर से मिलाते हैं;
कितने अदभुत मसीहा है!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे यीशु!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे प्रभु!
मुझे कुछ तथाकथित ''विशारदों'' ने कहा कि मुझे ''व्याख्यात्मक'' संदेश देना चाहिये जो बाइबल पदों की लंबी शृंखला में से तैयार किये गये हो! पर मैंने उन ''विशारदों'' की नहीं मानी! हो सकता है कि मुझे मानना था‚ पर मैंने नहीं मानी! मुझे एक पद में से उसका सारांश या निचोड निकाल लेना था − या उस पद के एक हिस्से को प्रचार करना था − जैसा हमारे पूर्वज किया करते थे‚ व उनके अनुयायी प्यूरिटन और महान इवेंजलिस्ट भी किया करते थे − जैसे वाइटफील्ड‚ वेस्ली‚ जॉन कैनिक‚ डैनियल रोलैंड और हॉवेल हैरिस −परमेश्वर उन सब को आशीष देवें! − और जोसेफ पार्कर‚ प्रचारकों के राजकुमार कहलाये जाने वाले‚ स्पर्जन आदि। उन लोगों के समान मुझे किसी एक पद विशेष या दो पदों को लेकर − या उसके एक हिस्से को लेकर संदेश देना चाहिये था। लेकिन मैं अपने प्रचार को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भटकाना नहीं चाहता। मुझे तो असल मांस चाहिये और हड्डी में मज्जा! इससे मेरी आत्मा तृप्त होती है − और आप की भी! हां हड्डी में मज्जा पूर्णता देती है!
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
इन बातों के विषय में शैतान आकर मुझे हतोत्साहित करता है‚ ''कि वे तुम्हें बडा प्रचारक नहीं समझते हैं अगर तुम्हारा प्रचार का यही तरीका है तो।'' तो मैं तुरंत अपना जवाब उछाल देता हूं − ''कि मैं कहां उनकी परवाह करता हूं कि कोई मुझे ‘बडा प्रचारक’ समझे या नहीं? मैं तो किसी बात की परवाह नहीं करता हूं।'' मेरा लक्ष्य‚ मेरी इच्छा‚ मेरा मान‚ मेरा आनंद‚ तो बस इतना है कि मैं इस संसार में खोये हुये पापी जन को कूस के सोते के पास लेकर आउं‚ और वह पापी जन यीशु मसीह के बेशकीमती लहू में धुलकर अपने सब पापों से मुक्ति पा सके।
मैं दो बैपटिस्ट प्रचारकों को जानता हूं जो भटके हुये जन थे। उनका जीवन प्रदर्शित करता है कि उन्होंने कभी नया जीवन नहीं पाया‚ न वे परिवर्तित हुये‚ न बचाये गये। उनमें से पहला जन तो मेरे अनेक संदेशों को भी पढता है। दूसरे खोये हुये प्रचारक से मैं एक चाइनीज पास्टर के शव को दर्शनार्थ रखे जाने के समय मिला। दर्शन के बाद मैं कमरे से बाहर निकला। मैं इस से रूबरू मिला। मैं उसे कई बरसों से जानता हूं इस बेचारे जन ने अपनी अवश अभिलाषाओं में डूबकर सब कुछ खो दिया। मैंने उनसे हाथ मिलाया। मैंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। फिर मैंने कहा‚ ''कि मै चाहता हूं कि वे मेरे संदेशों को इंटरनेट पर पढें।'' वह मुस्कुराया और बोला‚ ''आप क्यों मजाक कर रहे हैं? मै तो हर सप्ताह आपकी वेबसाइट पर आपके संदेशों को पढता हूं!'' मेरा दिल खुशी से उछलने लगा! वह बेचारा जन आधी सदी से मेरा मित्र रहा है! मैंने उसे निराश नहीं किया! मैं आपको निराश नहीं करूंगा! मुझे ''महान प्रचारक'' बनने के लिये सोचना भी नहीं है! मुझे उसे निराश नहीं करना चाहिये! मुझे आपको निराश नहीं करना चाहिये! मुझे दूर दूर तक फैले पापी जनों को यह संदेश सुनाना है‚
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
मैं शुद्व करने वाले रक्त के लिये उनको धन्य कहता हूं‚
कितने अदभुत मसीहा है!
जो मेरी आत्मा को परमेश्वर से मिलाते हैं;
कितने अदभुत मसीहा है!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे यीशु!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे प्रभु!
मैं जानता हूं कि खोये हुये जन होने का अनुभव कैसा होता है! मैं यह भी जानता हूं कि खोये हुये प्रचारक होने का अनुभव कैसा होता है − क्योंकि मैं स्वयं एक खोया हुआ प्रचारक था जब मैंने १७ वर्ष की आयु में स्वयं को ''प्रचार करने के लिये समर्पित'' किया और २० वर्ष की आयु में जाकर बचाया गया। तो भटके हुये रहकर जीवन व्यतीत करना एक भयानक बात है। यह ठीक वैसा ही है जैसे पृथ्वी पर नर्क भोगना‚ परमेश्वर से बातचीत के रास्ते बंद होना‚ कभी कोई बात निश्चित नहीं होना‚ अनिश्चय में बने रहना‚ हमेंशा दुनिया के अंत का भय सताते रहना‚ सदैव स्वयं को कोसते रहना! ओह‚ मेरे प्रिय मित्र आप मुझे फोन कर सकते हैं। मैं कभी आपकी आत्मा को बहिष्कृत नहीं करूंगा − न मै कभी आपको लौटाउंगा। मुझे फोन कीजिये मैं आपको एक दूसरा रास्ता बताउंगा‚ मेल मिलाप का रास्ता − बुरे कर्मो से शुद्व होने व नये जीवन का रास्ता‚ परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के रक्त का रास्ता! मैं स्वयं इस मार्ग से तीन वर्षो तक भटका रहा। आप इससे अधिक समय तक भटके हुये हो सकते हैं। तो और अधिक इंतजार क्यों करना? आप जानते हैं कि आप के पास यीशु का लहू नहीं है। तो आइये और इस लहू में डूब जाइये। उस भविष्यवक्ता ने नामान कोढी से कहा था‚ ''कि यर्दन नदी में सात बार डूबकी लगाओ तो तुम शुद्ध हो जाओगे'' (२ रा राजा ५:१०‚ १४) । और मैं आज रात आपसे कहता हूं‚ ''यीशु के लहू में एक बार डूबकी लगाओ और आप सदा के लिये अपने पापों से शुद्व हो जायेंगे।''
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
मैं शुद्व करने वाले रक्त के लिये उनको धन्य कहता हूं‚
कितने अदभुत मसीहा है!
जो मेरी आत्मा को परमेश्वर से मिलाते हैं;
कितने अदभुत मसीहा है!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे यीशु!
कितने अदभुत मसीहा है यीशु‚ मेरे प्रभु!
जॉन संग एक विद्वान चीनी युवक था जो अध्ययन करने के लिये अमेरिका आया। परंतु उसने महसूस किया कि वह असफल रहा है। वह वैसा बनने में असफल रहा जैसा उसके पिता चाहते थे। सेमनरी में जो लडकी उसे मिली थी उसके साथ संबंधों में वह असफल रहा। उसे कहीं शांति न मिल सकी। वह अपराध बोध से ग्रसित था। वह भयानक आत्मिक द्वंद्व से गुजर रहा था। तब‚ फरवरी की एक शाम उसने देखा‚ उसकी जिंदगी के पाप उसके सामने बिखरे पडे थे। पहले तो ऐसा लगा कि इन से छुटकारा पाने का और कोई रास्ता नहीं था और वह तो नर्क ही जायेगा। उसने अपने पापों को भुला देने की कोशिश की‚ लेकिन भुला नहीं पाया। वे पाप उसके मन को भेदने लगे। वह अपने संदूक के पास गया और बाइबल खोली। उसने लूका‚ २३ अध्याय खोलकर यीशु का क्रूसीकरण खोला। उसके पाप के बदले यीशु कूस पर मर रहे थे इस दृश्य ने उसे पिघला दिया और वह सूली के तले आ गया‚ वह याचना करने लगा कि उसके पाप यीशु के बेशकीमती लहू से शुद्ध कर दिये जाये। वह आधी रात तक रोता और प्रार्थना करता रहा। फिर उसने अपने मानस में एक आवाज सुनी‚ ''बेटा‚ तेरे पाप क्षमा हुये।'' उसने अपने कंधों से पापों का पूरा बोझ उतरा हुआ महसूस किया। उसने गहरी राहत महसूस की और अपने पैरों पर उछल खडा हो ''हल्लेलुयाह'' चिल्लाया! वह छात्रावास के हॉल में चिल्लाता हुआ और परमेश्वर की इस छुटकारे के लिये प्रशंसा करता हुआ भागा। (जॉन संग की आत्मकथा से साभार लेखक लेसली टी लायल‚ चायना इनलैंड मिशन ओवरसीज मिशनरीज फैलोशिप‚ १९६५ पुर्नमुद्रण‚ पेज ३३‚ ३४)
''उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (१ यूहन्ना १:७)
मैं आज रात आप से विनती करता हूं कि यीशु के पास आये। आपके सारे संशय और भय को दूर कीजिये। मसीहा के पास आइये। उनके बेशकीमती लहू से धुलकर शुद्व हो जाइये। आमीन! डॉ चान‚ प्रार्थना में हमारी अगुआई कीजिये।
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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र से पढा गया: लूका २३:३९−४७
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गान गाया गया:
(''कितने अदभुत मसीहा है!'' एलिशा ए हाफमन‚ १८३९−१९२९)
रूपरेखा शुद्ध करने वाला रक्त THE CLEANSING BLOOD द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स ''और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।'' (मरकुस १४:३३‚३४; यूहन्ना १९:३४‚३५) १. पहली बात‚ यह परमेश्वर के पुत्र‚ यीशु मसीह का लहू था‚ प्रेरितों२०: २८ २. दूसरा यह यीशु मसीह का रक्त है जो हमें पापों से शुद्ध करता है‚ |