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गिराये गये स्वर्गदूत − एक चेतावनी पतित मनुष्यों को (2 रे पतरस पर ४ संदेश) द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स रविवार की सुबह, १७ मई, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में “तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:४) |
बाइबल बताती है कि शैतान था और वह परमेश्वर से विद्रोह करने के कारण स्वर्ग पर से धरती पर गिरा दिया गया था। शैतान का पतन यिजकेल २८:११−१९ और यशायाह १४:१३−१४ में दिया हुआ है। इस विद्रोह में कई सारे स्वर्गदूत सम्मिलित थे। उनमें से कुछ स्वतंत्र छोड़ दिये गये जिन्हें बाइबल “दुष्ट आत्मायें” कहती है। कुछ नरक में डाल दिये गये। यही वे दुष्ट आत्मायें हैं जिनके बारे में हमारा पद कहता है। डा चाल्र्स सी रायरी ने कहा था, यही वे पतित स्वर्गदूत थे जिन्होंने कष्टदायक ढंग से महिलाओं के साथ संबंध बनाये थे। (दि रायरी स्टडी बाइबल, मूडी प्रेस, १९७८, २ पतरस २:४ पर व्याख्या)
इफिसियों ६:११−१७ बताता है कि शैतान के नियंत्रण में − असंख्य दुष्ट आत्मायें थी जो आज के संसार में भी बहुत सकिय है। डा मार्टिन ल्योड जोंस ने एक बार कहा था, कि इस संसार में “हजारों शायद, लाखों दुष्ट आत्मायें” हैं (क्रिस्चन युनिटी, बैनर आफ ट्रूथ ट्रस्ट १९८०, पेज ५८)
मैं १९७० के प्रारंभ में युवा हिप्पी के चर्च का संस्थापक था। यह आज भी वहां है यद्यपि यह सदर्न बैपटिस्ट चर्च है। उस अनुभव ने मुझे वास्तव में शैतानी ताकत बड़ी के बारे में तीव्रता से जागरूक कर दिया। मैंने जो चीजें देखी और सुनी वे किसी स्वाभाविक स्त्रोत से निकलकर नहीं आ सकती थी।
डॉ मेरिल एफ अंगर जो डलास थियोलॉजी सेमनरी के थे उनकी किताब डेमंस इन दि वल्र्ड टूडे, में बताया गया है कि कैसे आज भी शैतानी ताकतें कार्य कर रही है। इन अध्याय के शीर्षक हैं “डेमंस एंड स्पिरिटिज्म,” “डेमंस एंड मेजिक,” “डेमंस एंड डेमन पजेशन,” “डेमंस एंड फॉल्स रिलीजन,” और ऐसे कई सारे। (मेरिल एफ अंगर, पी एच डी, टी एच डी, डेमंस इन दि वल्र्ड टूडे, टिंडैल हाउस पब्लिशर्स, १९७१)
पर इस पद में वर्णित दुष्ट आत्माओं ने जो किया वह उससे भी बढ़कर हैं जिनसे हम आज सामना करते हैं। डॉ जॉन मेकआर्थर ने सही कहा था, “कि उन्होंने पुरूषों में समाकर कष्टदायक ढंग से महिलाओं के साथ संबंध बनाये थे” (दि मैकआर्थर स्टडी बाइबल, २ पतरस २:४ पर व्याख्या) इन संबंधों से उत्पन्न शैतानी वंश को नाश करने के लिये परमेश्वर को महाप्रलय भेजना पड़ा। इस अपराध के लिये इन दुष्ट आत्माओं को नरक (टार्टरस) − में सांकलों में जकड़ा गया। डॉ कैनथ वुएस्ट कहते हैं, “कि पतरस इस संसार के उस अगोचर भाग के लिये बोल रहा है जहां (इन) गिराये गये स्वर्गदूतों को श्वेत सिंहासन का न्याय होने तक कैद करके रखा गया है ताकि इसके बाद उन्हें नरक की झील में डाल दिया जायेगा (कैनथ एस वुएस्ट, वुएस्ट वर्ड स्टडी फ्राम दि ग्रीक न्यू टेस्टामेंट; वाल्यूम २, अर्डमैंस पब्लिशिंग कंपनी, १९५४, २ पतरस २:४ पर व्याख्या।)
डॉ हैनरी एम मोरिस ने कहा था, “इन दुष्ट आत्माओं से ग्रस्त् स्वर्गदूतों में से कुछ ने न केवल शैतान का अनुसरण परमेश्वर से विदोह करने में किया........परंतु उन्होंने ‘मनुष्यों की पुत्रियों’ को भी वश में किया और इस तरह संपूर्ण मनुष्य जाति को भ्रष्ट करने का कार्य किया। (उत्पत्ति ६:१−४; २ पतरस २:४) उनको नरक के सबसे निचले और अंधकारपूर्ण हिस्से में कैद कर दिया गया है ताकि अंतिम न्याय की राह देखें।” (हैनरी एम मोरिस, पी एच डी, दि डिफेंडर स्टडी बाइबल वल्र्ड पब्लिशिंग, १९९५; यहूदा ६ पर व्याख्या।)
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:४)
समझने की बात यहां यह है कि जिस तरह परमेश्वर ने उन गिराये हुये स्वर्गदूतों का न्याय किया वैसे ही वह पतित पुरूषों और महिलाओं का भी न्याय करेगा जिन्होंने यीशु से छुटकारा नहीं पाया है।
१. पहला, हमारे इस पद को चेतावनी के रूप में जानो।
“परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया था उन्हें बख्शा नहीं नरक तक का दंड ठहरा दिया।”
इसमें पाप तक का न्याय देखिये। इसमें भविष्य तक का बदला देखिये जिसमें उन्हें न्याय दिवस तक ठहराया गया है! ध्यान दीजिये जिन स्वर्गदूतों को दंड दिया गया वे पहले स्वर्ग में थे! वे स्वर्ग में ही रहते थे। बुराई से उनका कोई संपर्क नहीं था। उनके मित्र भी उनके जैसे सिद् आत्मा थे। तौभी उन्होंने पाप का चुनाव किया और पाप को अपने लिये चुना। दुष्टता का प्रवेश इन स्वर्गदूतों के मन में हो चुका था। ईष्र्या, घमंड और विद्रोह ने उनके मनों में वास कर लिया था। और वे नरक में डाले गये कभी भी स्वतंत्र नहीं होने के लिये।
आप भी ईश्वरीय माता पिता के संतान हो सकते हैं। आप चर्च में ही पले बढ़े हो सकते हैं। तो भी आपका अंत एक खोये हुये पापी के समान हो सकता है “जकड़े गये........अंधकार की सांकलो में उन्हें न्याय दिवस तक ठहराया गया है!”
हिटलर का बपतिस्मा और प्रभु भोज का संस्कार चर्च में हुआ था। फिर वह क्वायर में गाने के लिये संगीत विद्यालय में संगीत सीखने गया। माओ त्से तुंग बाईबल स्कूल जाया करता था। स्टेलिन सेमनरी गया था ताकि मिनिस्ट्री का अध्ययन करे। डारविन ने बाईबल पढ़ी थी और थियोलोजी में उसके पास स्नातक की डिग्री थी। देखा जाये तो उसके पास यही एक डिग्री थी! तौभी हजारों विद्वान लोग उसकी निराधार, शानदार कहानियों पर विश्वास करते थे उस व्यक्ति के उपर जिस के पास शिक्षा के नाम पर केवल मसीही धर्मविज्ञान की डिग्री थी! सोचिये कितनी अकथित हानि उसने मानव जाति को पहुंचाई! जिसके कारण ऐसे पागलपन और पाप का जन्म हुआ जिसने अनगिनत मानव जीवनों को नष्ट कर दिया!
विनसेंट वॉन गाग एक पादरी का पुत्र था। वॉन गाग ने स्पर्जन के छपे हुये संदेश लिये और उनसे लंदन के अनेक उपासना घरों में प्रचार किया। जब वॉन गाग अफसंतीन का आदी हो गया, तो इस नशीली दवा के प्रभाव से, वह पागल हो गया और आत्महत्या कर बैठा! कवियित्री एमीली डिकिंनसन अपने मित्रों के साथ आत्मिक जागरण वाले स्कूल जाया करती थी। उसके सब मित्रों ने प्रभु यीशु को ग्रहण कर लिया था। किंतु उसने यीशु को ग्रहण करने से इंकार कर दिया। अंत समय में वह एकांतवासी हो गई, जो अपना कमरा नहीं छोड़ती थी, वह अवसाद व पागलपन में डूब गई। आप ऐसा कह सकते हैं, “कि मेरे साथ ऐसा कभी न हो।” तो क्या आपको इसका पक्का निश्चय है? बाइबल कहती है,
“इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे; कि कहीं गिर न पड़े।” (१ कुरूंथियों १०:१२)
आप कितने ही मजबूत क्यों न हो, आप कितने ही चुस्त क्यों न हो, सावधान रहिये! स्वर्गदूतों का पतन हो सकता है तो आपका क्यों नहीं! महान उच्च श्रेणी का स्वर्गदूत लूसीफर, सुबह का पुत्र, शैतान के रूप में विकृत हो गया था! कई स्वर्गदूत स्वर्ग से पाप में पड़ने के कारण गिराये गये उनमें से अनेक कामुकता के वशीभूत होकर ऐसे पाप कर बैठे कि मनुष्य जाति को जहरीला बना डाला और महाप्रलय का सामना करना पड़ा! प्रेरित यहूदा ने अनेक चमत्कार किये थे और दुष्ट आत्माओ को निकाला होगा को निकाला लेकिन वह “विनाश का पुत्र” कहलाया जिसने परमेश्वर पुत्र मसीह को धोखा दिया!
“इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे; कि कहीं गिर न पड़े।”
यह कहानी स्पर्जन के संदेश से ली गई है जो आज प्रचारित इसी पद के उपर आधारित है। भारत में एक अधिकारी ने तेंदुआ पाला। जब वह छोटा बच्चा था उसने उसे तब से ही पाला था। वह उसके घर के आसपास बिल्ली के जैसे घूमा करता था और हर कोई उसके साथ खेलता था। एक दिन वह आदमी अपनी कुर्सी पर सोया पड़ा था। तेंदुआ उसका हाथ चाट रहा था। कहीं पर चमड़ी खुली थी वहां चाटने पर तेंदुये के मुंह में रक्त का स्वाद लग गया। उस क्षण के बाद से वह घर में नहीं ठहर सका, और जंगल में शिकार मारने के लिये भाग गया। वह तेंदुआ पालतु था। लेकिन फिर भी वह तेंदुआ था। अनेक जन मसीही हैं। लेकिन उनका मन परिवर्तित नहीं है। वे अभी भी पतित मनुष्य हैं। पाप का स्वाद एकदम से उसके भीतर बसे जानवर को जगा देगा। भले मनुष्य होने का आवरण जो हमारे चढ़ा होता है वह जरा सी परीक्षा आने पर गायब हो जायेगा। आप सुंदर दिख सकते हैं लेकिन जब तक आप परिवर्तित नहीं हैं तब तक बुराई आपको जकड़े रहेगी। मैं उन मनुष्यों को जानता हूं जो पास्टोरल सेवकाई में गये और बहुत अच्छा प्रचार करते थे लेकिन वापस गहरे पाप में गिर गये। मै एक अच्छे प्रचारक को जानता हूं। वह बाद में नशा करने लगा। उसकी पत्नी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया और वह सड़को पर रहने लगा। लोग उसे मदद के लिये पुकारते हुये सुनते हैं! बाइबल कहती है,
“उन पर यह कहावत ठीक बैठती है, कि कुत्ता अपनी छांट की ओर और धोई हुई सुअरनी कीचड़ में लोटने के लिये फिर चली जाती है” (२ पतरस २:२२)
“तो उन की पिछली दशा पहिली से भी बुरी हो गई है।” (२ पतरस २:२०)
परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को भी नहीं बख्शा। तो वह तुम आदम की बिना मन फिरायी संतान को क्यों बख्शेगा? जब तक आप मसीह में सच्चे रूप में परिवर्तित नहीं हो जाते पाप आप को खोज ही लेगा। परमेश्वर आपको यंत्रणा वाली जगह में डालेगा जो शैतान और उसके संगी स्वर्गदूतों के लिये तैयार की गई है। परमेश्वर उनको सजा देगा जो पाप में जिये और पाप में मरे। परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को भी नहीं बख्शा − और वह आपको भी नहीं बख्शेगा अगर आप ने मन नहीं फिराया हो तो। यह इस पद में दी गई चेतावनी है।
२. इस पद में अंतर्निहित आशा को देखिये।
जिन स्वर्गदूतों ने पाप किया था उन्हें परमेश्वर ने त्याग दिया। पर आप जैसे खोये हुये पापी का उद्वार हो सकता है। परमेश्वर के अनुग्रह से उद्वार पाये पुरूष और महिला अनंत जीवन में प्रवेश कर सकेंगे किंतु बावजूद इसके स्वर्गदूत नरक की दशा में ही पड़े रहेंगे! उन पापमयी स्वर्गदूतों के लिये उनके पापों के स्थान पर मरने वाला कोई मसीहा नहीं था। उनको कोई पवित्र आत्मा नहीं मिली जो उन्हे उनके पापों के प्रति बोध करवाती। प्रभु यीशु का पवित्र लहू उन्हें कभी उपलब्ध नहीं करवाया गया कि वे अपने पापों को उसमें शुद् कर ले। उनको कभी सुसमाचार प्रचार नहीं किया गया। मुझे इस बात से आश्चर्य होता है कि दुष्ट पुरूष और महिला के लिये पापों से क्षमा और उद्वार उपलब्ध है। लेकिन पतित स्वर्गदूतो के लिये कभी उद्वार ठहराया नहीं गया। उनको तो एकदम से त्याग दिया गया और अंधकार की सांकलों में अंतिम न्याय व नरक की झील में डाले जाने तक के लिये बांध दिया गया। परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को कोई दूसरा मौका नहीं दिया। परमेश्वर उनके पापों का न्याय करे इसलिये उसने उनके लिये कई सालों तक भी इंतजार करने की नहीं सोची। जब उन्होंने पाप किया तो उसने उन्हें शीघ्र दंड देते हुये अनंत काल में प्रवेश से ही वंचित कर दिया।
आप पाप में कब से जीवन व्यतीत कर रहे हैं? आप में से कई तो कई सालों तक ऐसे ही बिना परिवर्तित हुये रहे होंगे। यद्यपि प्रति रविवार आप पुलपिट से सुसमाचार प्रवार सुनते आये होंगे लेकिन तौभी आपने लंबे समय तक यीशु को ग्रहण करने से इंकार किया! परमेश्वर का धैर्य भी आपके प्रति अदभुत है! उसने पाप करने वाले स्वर्गदूतों को नहीं बख्शा लेकिन आप पर दया दिखाई और मन फिराने का मौका दिया! ऐसा क्यों हुआ?
उन स्वर्गदूतों को कभी सुसमाचार प्रचार नहीं किया गया जब उनका पतन हुआ तब उनके लिये भविष्य में उद्वार पाने को कोई मौका नहीं था। वे गिरे कि फिर दुबारा नहीं उठ सके। वे कभी न उठने के लिये गिरे। उनके लिये त्याग करने वाला कोई नहीं था। उनके लिये बलिदान देने वाला कोई परमेश्वर का पुत्र नहीं था। उनके लिये पापों को शुद् करने के लिये बेशकीमती रक्त उपलब्ध नहीं था। उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये कोई प्रचारक उपलब्ध नहीं था। तौभी मैं आपको अनेको बार पश्चाताप करने के लिये और यीशु के पास आने के लिये आमंत्रित करता हूं। मैंने आपको यीशु पर विश्वास रखने और अनंत जीवन प्राप्त करने के लिये आमंत्रित किया है।
दुष्ट आत्माओं के लिये कोई क्षमा और आशा नहीं है। तौभी आपके पास क्षमा और आशा है। फिर से मसीह आप से कहते हैं
“हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” (मत्ती ११:२८)
प्रभु यीशु ने कहा, “मेरे पास आओ।” उन्होंने यह निमंत्रण गिराये गये स्वर्गदूतों को नहीं दिया। पर वह आपसे कहता है, “कि मेरे पास आओ......मैं तुम्हें आराम दूंगा।” मेरे पास आओ मुझ पर विश्वास रखो तो मैं तुम्हारे सारे पापों को कीमती लहू से शुद् करूंगा!
उसने पतित स्वर्गदूतों को उद्वार का प्रस्ताव नहीं दिया, पर उसने यह हमारे लिये प्रस्ताव रखा! इस अदभुत प्रेम के बारे में वेस्ली ने गीत को गाया था,
“अदभुत प्रेम, यह कैसे हो सकता है
कि मेरा परमेश्वर मेरे लिये अपने प्राण दे दे?”
(“यह कैसे हो सकता है?” चाल्र्स वेस्ली १७०७− १७८८)
आप में से जो भी विश्वास करेगा उसे यीशु अभी बचाने को तैयार है! चाहे आपने कोई भी पाप क्यों न किया हो, जिस क्षण भी आप यीशु पर विश्वास करते हैं वह आपको अपने रक्त से शुद्व करने को तैयार है!
मसीह पर विश्वास करना कितना कठिन है? उस पर विश्वास करना बहुत आसान है। मैं पास्टर वर्मब्रैंड की पुस्तक टाचर्ड फार क्राईस्ट सप्ताह में कई बार पढ़ता हूं। पास्टर ने लिखा था,
मैं एक बार रोमानिया के एक आर्थोडॉक्स बिशप को जानता था वह कम्यूनिस्टों में से था और उसने अपनी भेडो को त्याग दिया था। मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लेकर उसे उड़ाउ पुत्र की कहानी सुनाई। उस समय बगीचे में शाम ढल रही थी। मैने उससे कहा देखों, “कितने प्रेम से परमेश्वर एक लौट आने वाले पापी को वापस ग्रहण करता है। इसी तरह वह एक पश्चातापी बिशप को भी ग्रहण करता है।” मैंने उसे मसीही गीत गाकर सुनाये। और वह परिवर्तित हो गया। (रिचर्ड वर्मब्रैंड, टाचर्ड फार क्राईस्ट, लिविंग सेकिफाईज बुक्स, १९९८, पेज ९०)
कोई बात नहीं आपने कोई सा भी पाप क्यों न किया हो या करने का विचार किया हो, प्रभु यीशु आपको माफ कर देंगे। प्रभु यीशु आपको माफ कर देंगे। और उनके बेशकीमती लहू से शुद् कर देंगे। प्रभु यीशु ने जो पुरातनपंथी बिशप के लिये किया वह आप के लिये भी करेंगे। केवल उस पर विश्वास करिये! वह आप को बचायेगा। यीशु ने कहा,
“जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।” (यूहन्ना ६:३७)
प्रभु यीशु आपको निमंत्रण देते हैं कि आप उन के पास आये। जब मैं सोचता हूं कि यीशु स्वयं विनती करते हैं कि पापी उनके पास आये और उन पर विश्वास लाये तो मैं आश्चर्यचकित हो जाता हूं। मैं सोचता हूं कि पापियों को विनती करना चाहिये कि प्रभु आप हमारे पापों को क्षमा कर दीजिये। जबकि यह प्रभु यीशु हैं जो पापियों से विनती करते हैं कि वे उनके पास आये! यह पवित्र आत्मा हैं जो पापियों से विनती करता हैं कि वे उनके पास आये! यह चर्च है जो पापियों से विनती करता हैं कि वे उनके पास आये! यह मसीही जन है जो पापियों से विनती करते हैं कि वे उनके पास आये!
“और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले” (प्रकाशितवाक्य २२:१७)
वह क्या चीज है जिसके लिये हम प्रार्थना करते हैं? हम आपके लिये प्रार्थना करते हैं कि आप यीशु के पास आये! पवित्र आत्मा क्या करता है? वह आप को यीशु के पास बुलाता है! यीशु क्या कहते हैं? वह कहते हैं “मेरे पास आओ!” यीशु हम सब से क्या करने को कहते हैं? वह कहते हैं लोगों को “बरबस ले ही आ” (लूका १४:२३) हम सब चाहते हैं कि आप यीशु के पास आये और बचाये जाये। हम गिराये हुये स्वर्गदूतो से यह नहीं कहते। परंतु आपसे यह कहते हैं! आओ! आओ! आओ! यीशु के पास आये और बचाये जाये! यीशु के पास अपने सारे संदेह लेकर आये! यीशु के पास अपने सारे डर लेकर आये! उसके पास अपने सारे डर लेकर आये!
मेरा मसीहा मेरे लिये खड़ा है
आगे अपने घायल हाथ फैलाये;
परमेश्वर प्रेम है! मैं जानता हूं महसूस करता हूं
यीशु रोते हैं और मुझे अभी भी प्रेम करते हैं।
(“डेप्थ् आफ मर्सी” चाल्र्स वेस्ली १७०७−१७८८)
पिता, मैं विनती करता हूं कि कुछ पापी आपके पुत्र के पास आये और बचाये जाये! उसी के नाम में मांगते हैं, आमीन!
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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे ने बाइबल पाठ पढ़ा: २ पतरस २:४−९
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गीत गाया गया:
“डेप्थ् आफ मर्सी” (चाल्र्स वेस्ली १७०७−१७८८)
“जैसा मैं हूं” की तर्ज पर गाया गया)
रूपरेखा गिराये गये स्वर्गदूत - एक चेतावनी पतित मनुष्यों को (2 रे पतरस पर ४संदेश) द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स “तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:४) (यिजकेल २८:११−१९; यशायाह १४:१३−१४; उत्पत्ति ६:१−४; इफिसियों ६:११−१७) १. पहला, हमारे इस पद को चेतावनी के रूप में जानो, २ पतरस२:४अ; २. इस पद में अंतर्निहित आशा को देखिये, मत्ती ११:२८; |