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मोक्ष या नरकदण्डDELIVERANCE OR DAMNATION द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स रविवार की सुबह, ३ मई, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में “तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:९) |
सम्राट नीरो (५४−६८ ए डी) ने ६४ ए डी में रोम शहर को आग में झोक दिया था। नीरो एक कूर और खूनी इंसान था। उसने अपने ही परिवार के कई सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था। जब रोम जला तब लोगों ने उसी पर संदेह किया। किंतु नीरो को कोई ओर चाहिये था जिस पर आरोप लगाया जा सके इसलिये उसने मसीहियों पर इसका आरोप मढ़ा ! दूसरी शताब्दी के प्रारंभ में टेसीटस (५६−११७) ने लिखा, “जिन्होंने मसीही होने का अंगीकार किया उन्हें कैद कर लिया गया.......उन्हें मार डाला गया.......जंगली जानवरों की खाल में लपेट कर, उन्हें कुत्तों के आगे फेंक दिया गया, कईयों को कूस पर चढ़ा कर मारा गया, आग लगा कर मारा गया − ताकि रात के अंधकार में उनका शव रोशनी का काम दे।” (टेसीटस, एनाल्स १५:४४, प्रारंभिक दूसरी शताब्दी) उसके कुछ माह बाद प्रेरित पतरस ने पतरस के नाम यह दूसरी पत्री लिखी। और जैसे परंपरागत कथा कहती है उसने अपने सजा देने वालों से निवेदन किया था कि मुझे कूस पर उल्टा लटकाना − क्योंकि उसने स्वयं को इस योग्य नहीं समझा कि प्रभु की बराबरी करता हुआ क्रूस पर सीधा टांगा जाये।
ऐसे जंगली और खतरनाक ढंग से किये गये नरसंहार में हजारों मसीही मारे गये। नीरों ने मसीहियों को खंभे के सिरे पर बांधकर आग लगवा दी ताकि शाम को बगीचों में रोशनी का काम दे! पतरस ने अपने कैद किये जाने और कूस पर चढाये जाने के पूर्व पतरस नामक २ री पत्री लिखी।
२ री पत्री में प्रेरित पतरस बाइबल के प्रभुत्व और प्रेरणा के लिये बोलता है (२ पतरस १:१९−२१)। उसने इस बात की भी चेतावनी दी थी “कि अंत के दिनों में तुम्हारे बीच में झूठे शिक्षक उठ खड़े होंगे।” (२ पतरस २:१−३) वह हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर ने उनका भी न्याय किया “परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्हों ने पाप किया नहीं छोड़ा” (२:४) कि परमेश्वर ने “सदोम और अमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया, कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया” (२:६) उसने केवल “धर्मी लूत को जो अधमिर्यों के (अशुद्ध चाल−चलन से) बहुत दुखी था छुटकारा दिया” उसके पश्चात प्रेरित हमें इस पद में वर्णित बातें कहता है, (२:७) ।
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:९)
इसके पहले कि मैं प्रचार आरंभ करूं मैं आपको बताना चाहता हूं कि शैतान २ पतरस से कितनी नफरत करता है। शैतान नये नियम की और किसी पुस्तक से इतनी नफरत नही करता जितना कि इस छोटी पुस्तक से करता है। आपको शैतान को काम करते देखने के लिये हॉलिवुड या लास वेगास जाने की जरूरत नहीं है। आप को सिर्फ इतना करना है कि गाड़ी चलाकर फुलर सेमनरी पासादेना, केलिफोर्निया चले जाये। आज अमेरिका में लगभग सभी बाइबल सेमनरियां बाइबल पर प्रहार कर रही है। और वे नये नियम में और किसी पुस्तक की तुलना में २ पतरस से अधिक नफरत करती हैं जब मैं सन फ्रांसिस्कों के उत्तर में स्थत दक्षिणी बैपटिस्ट सेमनरी में अध्ययन कर रहा था वहां के अध्यापक इसे “षड़यंत्र” कहकर बुलाते थे। बाइबल का विरोध करने वाले उदारवादी अध्यापक इसे बरसों से ऐसा कहकर बुला रहे है। किंतु डा ए टी राबर्टसन जो यूनानी नये नियम के विद्वान थे वह हमेशा २ पतरस का पक्ष लेते थे। उन्होंने बताया कि इसके उद्वरण और संदर्भ आर्टीस्टाईड, (जो १३४ एडी में मरे) जस्टन मार्टियर (१६५ एडी) इरिनियस (१३०−२०२) इग्नेशियस (३५−१०७) क्लीमेंट आफ रोम (जो ९९ एडी में मरे) ऐथेंसियस (२९६−३७३) आगस्टन (३५४−४३०) ऐंड महान धार्मिक सुधारक मार्टिन लूथर (१४८३−१५४६) (ए टी राबर्टसन डी डी लिटरेचर डी वर्ड पिक्चर्स इन दि न्यू टेस्टामेंट वाल्यूम ६ ब्राडमन प्रेस १९३३ पेज १३९−१४६ − डा राबर्टसन द्वारा २ पतरस का बचाव)
डा राबर्टसन ने संकेत दिया कि “इस पत्री में कोई चौंकाने वाले नये विचार नहीं है ...... जबकि इसमें शिक्षाप्रद व पुरातनपंथी शिक्षायें है” (उक्त संदर्भित पेज, १४०) डॉ जे वर्नान मैगी जो अमेरिका के जाने माने पसंदीदा बाइबल शिक्षक है ने २ पतरस के बारे में कहा कहा, “आज यह भली भांति स्थापित है कि पतरस ने यह पत्री लिखी है।” (जे वर्नान मैगी, टी एच डी, थू दि बाइबल, वाल्यूम ५, थॉमस नेल्सन पब्लिशर्स, १९८३, पेज ७१४)
फुलर सेमनरी जैसे उदारवादी स्कूल इसे तार तार करने पर तुले रहते हैं! डॉ हैनरी मोरिस ने कहा कि इस (२ रे) पतरस का इतना विरोध इसलिये होता (है) क्योकि इसमे चर्च में झूठे शिक्षकों के लिये बहुत दंड ठहराया गया है......(२) पतरस चेतावनी देता है ‘चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों के’ विरोध में (२ रा पतरस १:१६), तो इन पाखण्डी, मसीह का इंकार करने वाले शिक्षक (२ रा पतरस २:१), लाभ का कारण बनाने वाले (पैसो से प्रेम करने वाले) प्रचारक (२ रा पतरस २:३, १५), ऐंटीनोमियन शिक्षक (२ रा पतरस २:१३,१९), और विशेषकर विकासवाद और सृष्टि का एकरूपतावाद (२ रा पतरस ३:३−६)” हैनरी एम मोरिस, पीएचडी, दि डिफेंडर्स स्टडी बाइबल, वल्र्ड पब्लिशिंग, १९९५ पेज १४०१)
इसमे कोई संदेह नहीं कि शैतान और उसके संगी झूठे शिक्षक २ रा पतरस पर प्रहार करते हैं! दूसरा कारण कि शैतान २ रे पतरस से नफरत करता है कि क्योंकि इसमें दो बहुत शक्तिशाली कथन बाइबल की प्रेरणा और अचूक होने के लिये दे रखे हैं २ रा पतरस १:१९−२१ (इसके साथ ही २ रा तिमुथयुस भी पढ़े ३:१५−१७)। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि शैतान २ रे पतरस से नफरत करता है!
२ रे पतरस में मजबूत संदेश है! १९६१ सितंबर के उत्तरार्ध में मैंने बायोला कालेज (अब यूनिवर्सिटी) में प्रवेश लिया। उस समय शीत ॠुतु के सेमेस्टर में हर सुबह चैपल में एक सप्ताह की संदेश शृंखला चल रही थी। उस समय के विशेष वक्ता डॉ चाल्र्स जे वुडबिज थे। डॉ वुडबिज फुलर सेमनरी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होने समय से कुछ वर्ष पूर्व फुलर सेमनरी से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वह बताते थे कि फुलर अब उदारवाद की ओर बढ़ रही थी जो बाइबल के प्रामाणिक होने से इंकार करती थी। बेशक फुलर के प्रबंधक इस सत्य को मानने से इंकार करते थे। वे डॉ वुडबिज को परेशानी पैदा करने वाला कहते थे तथा और भी बुरी बुरी बातें उनके विरूद् कहा करते थे। पर कोई भी वापस जाकर अब उनसे क्षमा नहीं मांगता − कम से कम नये सुसमाचारक प्रचारकों में से तो नही। लगभग पचास साल बीत चुके हैं, जैसा डॉ वुडबिज ने बताया था वह सब शब्दश: सच हो चुका है। आज फुलर रॉब बेल जैसे प्रचारकों को उत्पन्न करती है। उसने एक पुस्तक लिखी जिसमें कहा है कि प्रत्येक जन स्वर्ग जायेगा (हिटलर भी)। अभी उन्होंने एक ओर पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने सेक्सुअल घृणित व अश्लील व्यवहार का समर्थन किया। हम डॉ चाल्र्स जे वुडबिज के लिये तालियां तो बजा ही सकते हैं! (शाबाशी)
डॉ वुडबिज बायोला आये थे और हमें एक सप्ताह तक चैपल की प्रतिदिन ही सभा में पढाते थे। वह सीधे २ रा पतरस से पढाते थे! यह पहला मौका था जब मैंने ऐसा प्रचार सुना। मैंने अभी तक विषयी संदेश ही सुने थे जिनमें इतना “अर्थ” नहीं होता था। सचमुच अदभुत संदेश था! मैं बहुत ध्यानपूर्वक उनका २ रे पतरस पर आधारित पूरा संदेश सुनता रहा। पहले अध्याय में बाइबल के अचूक होने के विषय में, अध्याय २ में झूठे शिक्षकों के विरूद्, पाप करने वाले देवदूतों का निकाला जाना; महाप्रलय और सदोम व अमोरा का विनाश! उन्होने इस विषय पर पूरा प्रचार किया और बहुत सामर्थ के साथ प्रचार किया। मैं उस सप्ताह के गुरूवार तक परिवर्तित हो गया था – २८ सितंबर १९६१ − प्रभु यीशु के नाम की जय हो!! उस दिन से मेरा कोर्स तय हो गया! उस दिन से मैंने तय किया कि मै बाइबल पर होने वाले प्रहार के विरूद् प्रचार करूंगा, मोक्ष के उपर और पाप के उपर प्रचार करूंगा! मैं इसे तब भी जानता था और मैं इसे आज भी जानता हूं! प्रभु यीशु के नाम की जय हो!
पतरस बाइबल के लिये कहता है कि यह, “भविष्यद्वक्ताओं का दृढ़ वचन है” (२ रा पतरस १:१९) पतरस ने कहा था कि चर्च में झूठे शिक्षक उठ खड़े होंगे और वे स्वधर्म त्याग और विनाश फैंलायेंगे (२ रा पतरस २:१−३)। पतरस ने कहा कि परमेश्वर ने सारे संसार का न्याय महाप्रलय के रूप में किया पर नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया (२ रा पतरस २:५)। पतरस ने कहा कि परमेश्वर ने आग भेजी“ और सदोम और अमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया, कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया ” (२ रा पतरस २:६) पतरस ने कहा कि परमेश्वर ने जलते हुये सदोम में से “केवल लूत को बचाया” (२ रा पतरस २:७)। अब पतरस हमें यह पद देते हैं,
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ रा पतरस २:९)
हां महाशय! पतरस ने यह बिंदु सिद् किया! प्रभु जानते थे कि कैसे नूह को बचाना है और भटके हुये संसार को महाप्रलय में डूबोना है। प्रभु जानते थे कि कैसे नूह को बचाना है लूत को बचाना है और अमोरा शहर को राख में बदलना है! इसलिये,
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ रा पतरस २:९)
दूसरे शब्दों में कहें तो परमेश्वर महान के पास आज भी वही सामर्थ है जो पुराने समय में था!
१. परमेश्वर महान के पास धर्मी को परीक्षा में से बाहर निकालने की सामर्थ है।
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना जानता है ........”
परमेश्वर जानता है कि वह क्या कर रहा है − और वह क्या कर सकता है! जब मैं छोटा लड़का था तब मुझे जार्ज बेवरले शिया की महान आवाज में ये शब्द बड़े अच्छे लगते थे,
तब तेरा यश करती आत्मा मेरी मेरे पिता,
कितना महान कितना महान!
तब तेरा यश करती आत्मा मेरी मेरे पिता,
कितना महान कितना महान!
परम प्रधान सर्वशक्तिशाली है! परमेश्वर नियंत्रण में है। हां, इस संसार में बड़ी बुराई है परंतु बुराई इसलिये है क्योकि परमेश्वर ने इसे अनुमति दे रखी है। वह क्यों अनुमति देता है? मैं नहीं जानता। यह इतनी ही साधारण सी बात है कि मैं नही जानता। यह समझ या अनुमान के बाहर परमेश्वर के अज्ञात विचार है, कि वह बुराई को घटने देता है।
“आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है!” (रोमियों ११:३३)
परमेश्वर जानता है कि धर्मी को परीक्षा में से कैसे बाहर निकालना! रोम में जो प्रारंभिक मसीही थे निश्चित रूप से उन्होंने भयानक प्रताड़ना और परीक्षायें सहन की। जैसे कि मैंने बताया था कि नीरो उन्हें जला देता था और खंबे पर उन्हें बांध देता था। हर रात वह अपना बगीचा जलते हुये मसीहियों से रोशन करता था।
कोई कहता है कि “इसमें विरोधाभास है वह उन्हें छुडाता नहीं है” आप गलत कह रहे हैं। वह उन्हें “परीक्षा से बाहर” निकालता है। उसने उन्हे परेशानियों से गुजर जाने की शक्ति प्रदान की और आग की लपटों में से होकर गुजरने की हिम्मत दी! एक प्राचीन भजन यह कहता है!
जब खतरनाक परीक्षाओं मुसीबत भरे रास्तों से होकर चलो,
मेरा अनुग्रह तुम्हारे लिये पर्याप्त होकर सहारा देगा;
जिन लपटों को मैं भेजता हूं वह तुम्हें जला न सकेगी,
वह तुम्हें परखने व और अधिक मजबूत बनाने के लिये है।
(“कितनी मजबूत नींव है” जार्ज कैथ १६३८−१७१६,
“के” इन रिपोन सिलेक्शन आँफ हिम्स, १७८७)
यह मेरा सौभाग्य था कि मैं व्यक्तिगत रूप से एक जीवित शहीद को जानता था। उसका नाम रिचर्ड वर्मब्रांड था। वह एक महानतम मसीह था जिसे मैंने अभी तक जाना था और मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता था। पास्टर वर्मब्रांड एक कम्यूनिस्ट जेल में चौदह वर्षो तक सुसमाचार प्रचार करने के कारण बंद रहें। कम्यूनिस्ट प्रहरियों ने उन्हें प्राचीन तरीके से यातनायें दी। जलते हुये लाल लोहे की सलाखों से उन्हें दागा जाता और उनके शरीर पर इसके अठारह दाग थे। इस प्रताड़ना के दौरान भी वे दूसरे यातना पा रहे कैदियों को सुसमाचार सुनाते रहते और उनमें से कितने तो बचाये गये। दो वर्षो तक उन्हें अकेले कैद में रखा गया। उन्होने एक भी मनुष्य की आवाज नहीं सुनी। वह खाने में डाली जाने वाली दवाओं के कारण लगभग पागल हो गया था। आखिरकार वह अपने बैरक के पास के बैरक वालों को सुसमाचार प्रचार करने लगा। वह मोर्स कोड में उन्हें बाइबल के पद और प्रार्थनायें सुनाता था।
उन्हें “कमरा नं ४” में छोड़ दिया गया जो − “मौत का कमरा” कहलाता था। उन्होंने उन्हें टी बी से मरने के लिये वहां छोड़ दिया। कभी भी कोई “कमरा नं चार” से जीवित वापस नहीं आया था। वहां उन्हे मरने के लिये ही भेजा जाता था। किंतु पास्टर वर्मब्रांड वहां जीवित रहे। उस “मौत के कमरे” में भी वह एक मरते हुए व्यक्ति को यीशु के पास लेकर आये। उन्होने कहा कि ऐसा लग रहा था कि वह कैदखाना स्व त्याग की आत्मा से पुन: बनाये गये विश्वास की रोशनी से जगमगा रहा था। ऐसे क्षणों मे स्वर्गदूत हमारे आसपास दिखाई दे रहे थे।
जब कभी मैं उदास या हताश महसूस करता हूं तो मैं रिचर्ड वर्मब्रांड की पुस्तक उठा लेता हूं टाचर्ड फॉर क्राईस्ट और उसके कुछ पन्ने पढ़ता हूं। पिछले सप्ताह मैने उनकी एक ओर अन्य पुस्तक पढ़ी, इन गाडस अंडरग्राउंड (लिविंग सेक्रीफाइज बुक कंपनी २००४) । ये पुस्तके पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पर ये पुस्तकें प्रेरित भी करती हैं। मैं रिचर्ड वर्मब्रांड जैसे व्यक्ति को जानने से प्रेरित हुआ। जिन्होंने इस पद का अनुभव किया था। यह वह पद है जो बहुत उत्साह से भर देता है “तो प्रभु भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना जानता है ........” (२ रा पतरस २:९)
हमारे समय में हजारों हजारों मसीहियों को मुस्लिमों द्वारा यातनायें दी गई और कत्ल कर दिया गया। अगर उन्हें मौत से बचना है तो उन्हें ये शब्द बोलने होंगे: “कोई परमेश्वर नहीं है सिवाय अल्लाह और मुहम्मद को छोडकर” पर वे यह कहने से और मुस्लिम बनने से इंकार कर देते हैं। उनके चर्चेस जला दिये जाते हैं। उनके घर जला दिये जाते हैं। उनके सिर काट डाले जाते हैं। कई जिंदा जला दिये जाते हैं। तौभी वे यीशु में अपना विश्वास त्यागने से मना कर देते हैं। यदयपि उनकी जान को खतरा है। आप उनकी कई कहानियां अपने कंप्यूटर पर www.persecution.com पढ़ सकते हैं। वे अपने अनुभव से वह कुछ जानते हैं जो पश्चिमी चर्च के लोग नहीं जानते − “तो प्रभु भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना जानता है ........” (२ रा पतरस २:९)
जब तू जल में हो कर जाए मैं तेरे संग संग रहूंगा,
दुख की नदियां तुझे डूबो न सकेगी;
क्योंकि मैं तेरे साथ रहूंगा, मुसीबतों में तुझे आशीषित करूंगा;
गहरे दुख में से तुझे बाहर निकालूंगा
हमने तीन सप्ताह पूर्व इस चर्च की ४० वीं वर्षगांठ मनाई। हमने प्रभु की महिमा करने और आनंदित रहने में बहुत समय बिताया! जिन लोगों ने विडियो देखा उन्होंने बताया कि हमारा चर्च कितना अच्छा है। पर इस चर्च को जन्म देने में जिन परेशानियों से होकर हमें गुजरना पड़ा इसको वे नहीं जानते। वे इन “३९” लोगों को नहीं जानते जिन्होंने इस चर्च इमारत का कर्ज चुकाया। जिन्हें अक्सर दिमाग को परेशान करने वाली व्यथा से होकर गुजरना पड़ा। जब ४०० लोग हमें छोड़ कर चले गये। “उन्चालीस” लोगों ने ढाई मिलियन की इमारत के पैसे चुकाये। अब वह परीक्षा पूरी हुई। परमेश्वर हमें उससे में से निकाल लाया। यदयपि भविष्य में और अधिक परीक्षायें आयेंगी, इससे भी बढ़कर चुनौतीपूर्ण। पर हम उससे डरते नहीं है क्योंकि हमारा यह विश्वास हैं कि, “तो प्रभु भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना जानता है ........।” (२ रा पतरस २:९)
२. दूसरा परमेश्वर अधर्मी को न्याय के दिन तक बचाये रखता है।
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ रा पतरस २:९)
महान डॉ विल्बर स्मिथ ने अपनी उत्कृष्ट कृति ऐपोलोजेटिक्स की पुस्तक देअरफोर स्टैंड में आने वाले न्याय के लिये कहा है,
धर्मशास्त्र यक़ीनन ही आने वाले एकमात्र विशाल घटनाक्रम न्याय के बारे में बताते हैं और हमने ऐसा पाप किया है कि अपने प्रचार में इस भयानक अलौकिक सत्य को प्रचारित करने से रोके रखा.......हममें में से कई....... धर्मशा़स्त्र में वर्णित न्याय दिवस की बातों के बारे में प्रचार करने से पीछे हटते हैं डरते हैं। हमारे धन्य प्रभु उस “न्याय दिवस” के बारे में यह पद बार बार प्रयुक्त करते हैं.......। प्रेरित पतरस भी “न्याय दिवस” और “अधर्मियों के न्याय और विनाश के बारे में बात” करते हैं प्रेरित यूहन्ना भी “न्याय दिवस” और “मरे हुओे के न्याय” की बातें करते हैं (विल्बर एम स्मित, डी डी, देअरफोर स्टैंड, डब्ल्यू ए वाईल्ड कंपनी, १९४५, पेज ४४३)
प्रेरित यूहन्ना ने अंतिम न्याय के बारे में बोला। उन्होंने कहा,
“फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के साम्हने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उन के कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया। और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उस में थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उन में थे दे दिया; और उन में से हर एक के कामों के अनुसार उन का न्याय किया गया। और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए; यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया” (प्रकाशितवाक्य २०:१२−१५)
“नरक की झील” के दंड से बचने के लिये एक मात्र रास्ता प्रायश्चित करें और प्रभु यीशु पर विश्वास लायें। उसने आपके पाप का पूरा दंड चुकाने के लिये कूस पर अपने प्राण दिये। सब पापों से आपको शुद् करने के लिये अपना बेशकीमती लहू बहाया। वह पुन: मरे हुओं में से जीवित हुआ ताकि आपको अनंत जीवन का दान दें। पर आपको इसी जीवन में, उस पर विश्वास लाना आवश्यक है। जब आप मर जायेंगे तब तक आपको बचाये जाने के लिये बहुत देर हो जायेगी।
“तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ रा पतरस २:९)
“धर्मी” वे हैं जो प्रायश्चित करते हैं और प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाते हैं “अधर्मी” वे हैं जो उस पर विश्वास लाने से इंकार कर देते हैं। मेरी प्रार्थना है कि इससे पहले कि देर हो जाये आप यीशु की ओर मुड़ कर आये! आमीन।
(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे ने बाइबल पाठ पढ़ा: २ पतरस २:१−९
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गीत गाया गया:
''हमारे पूर्वजों का विश्वास'' (फ्रेडरिक डब्ल्यू फेबर, १८१४ – १८६३)
रूपरेखा मोक्ष या नरकदण्ड DELIVERANCE OR DAMNATION द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स “तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।” (२ पतरस २:९) (२ पतरस १:१९−२१; २:१−३, ४, ६, ७; १:१६; २:१, ३, १५, १३, १९; ३:३−६; १. परमेश्वर महान के पास धर्मी को परीक्षा में से बाहर निकालने की सामर्थ है, २ पतरस २:९अ; रोमियों ११:३३ २. दूसरा परमेश्वर अधर्मी को न्याय के दिन तक बचाये रखता है, |