इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।
इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।
जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
.
व्यक्त नहीं किये जाने वाला उपहारTHE UNSPEAKABLE GIFT डॉ.आर.एल.हिमर्स जूनियर रविवार की संध्या, २५ जनवरी, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में किया गया प्रचार ''परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो'' (कुरूंथियों ९:१५) |
१९९४ में मध्य रात्रि के समय हमारे घर में भूकंप आया। उसने मुझे यह सोचने पर मजबूर किया कि आखिर में चीजों की कीमत क्या है। मैंने सोचा कि घर में आग भी लग सकती है। क्या होगा अगर सारा सामान जल जाये तो? क्या हो अगर मुझे बच निकलने के लिये केवल तीन या चार मिनिट ही मिले? तब मैं अपने साथ क्या ले जाउंगा? तब मेरे मन में ख्याल आया; मैं दौड़ कर बैडरूम में जाउंगा, दराज खोलकर मेरे बच्चों के पहली बार काटे गये बालों की लटें निकाल लूंगा, मैं ड्रेसर के सबसे उपर रखे मेरे पीतल के छोटे खिलौने जूते लूंगा। अगले मिनिट मैं, मेरी मां और लडकों की तस्वीर उठाउंगा। अगले कुछ सेकेंडस में मैं मेरी पत्नी की शादी का ड्रेस, जो डिब्बे में सीलबंद रखा है, उठाउंगा और उसके बाद मैं निराशावाद युग के समय की गमले वाली कलाकृति उठाउंगा जो मेरी मां को १९३४ में उनकी शादी में भेंट की गई थी।
आखिर इन चीजों की कीमतें क्या होंगी? लगभग नहीं के बराबर। आपको पुराने शादी के जोडे के लिये २५ डॉलर मिलेंगे। बाकि की चीजों के बदले कुछ पैसे नहीं मिलेंगे। किंतु वे चीजें मेरे लिये मूल्यवान हैं। ये वो भेंटे हैं जो हमारे दिल और आत्माओं में बसी होती हैं।
जब मेरी दादी का देहांत हुआ तो लोगों ने कहा उनका घर अगले दिन साफ किया जायेगा। मुझे उस घर में जाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। मैं घर के अंदर गया और केवल एक चीज उठा ली − एक पुराना गमला जिसके अंदर अंगूर का पौधा लगा हुआ था। यह दादी की पसंद था और यही मैंने लिया। जब मैं यह संदेश लिख रहा था मैंने डेस्क पर रखे उस पौधे को देखा। पिछले साठ सालों से मैं जहां जहां रहने गया हूं अपने साथ यह पौधा ले गया हूं। इसकी कीमत दो डॉलर भी नहीं है, किंतु केवल यही पौधा लेकर मैं पंद्रह वर्ष की उम्र में घर से निकला था। रूपयों में कीमत दो डॉलर भी नहीं, लेकिन यह मेरे लिये बेशकीमती है! महान उपहार हमारे दिलों और आत्माओं में बसे हुये होते हैं।
जब मेरे चचेरे भाई जॉनी और उसकी पत्नी मरे, मैं उनके घर गया। वह घर और उसकी सब चीजें अगले दिन बेच दी गई। हर चीज इकटठा करके आगे कमरे में ढेर के रूप में लगा दी गई। किसी ने मुझसे पूछा, ''तुम्हे इनमें से कुछ चाहिये?'' मैंने कहा, ''हां, मुझे प्लायवुड के उपर बनी बतखों वाली कलाकृति चाहिये।'' उन्होंने मुझे दे दी और मैं उदासी में उन्हें लेकर चला आया। आज भी मेरे लडके के बैडरूम की दीवार पर यह लटकी हुई है। यह उस घर की चीज थी जहां मैं तेरह वर्ष की उम्र में रहा करता था। इसकी कीमत २५ डॉलर भी नहीं हैं किंतु यह मेरे लिये बहुत मूल्यवान है! महान उपहार जो हमारे दिलों और आत्माओं में बसे होते हैं।
जब मेरी मां का घर बेचा गया, उन्होंने मुझे बुलाया और कहा, ''अगर कुछ चाहिये, तो आज ले लो, आज ही अंतिम दिन है।'' उस समय दोपहर बीत रही थी। मैं नहीं जानता उन्होंने मुझे एक या दो दिन पहले क्यों बुलाया! मैं तेजी से जाकर ट्रक किराये पर लेकर आया। मैंने उनका पुराना पियानों लिया, एक जोडी बतख की कलाकृति, दो और पुराने प्लास्टर के निर्मित − अमेरिकन इंडियन और स्पेनिश काउबॉय लिया। ये सारी चीजें अगर बेची जाती तो २०० डॉलर से कम कीमत की निकलती। किंतु आज आप मुझसे इन्हें १०००० डॉलर में भी नहीं खरीद सकते। इन चीजों का मोल मेरे लिये अनमोल है। सचमुच, महान उपहार हमारे दिलों और आत्माओं में बसे हुये होते हैं।
पुराना शादी का जोड़ा, बाल की दो लटें, गमला जिसके अंदर अंगूर का पौधा लगा एक टूटा प्यानों, खरोचीं और मैली अर्धप्रतिमा − दुनिया के लिये ये अटाला हो सकती है − पर मेरे लिये ये संपदा थी! मैं आपको बता नहीं सकता, इसका वर्णन नहीं कर सकता, इनका मेरे लिये कितना मोल और कीमत है। आप पायेंगे कि, यादगार उपहार हमारे दिलों और आत्माओं में बसे हुये होते हैं।
हाई स्कूल में मेरा माईक नामक दोस्त था। जब मैंने स्कूल छोडा था उस समय वह बहुत हताश था और उसने आत्महत्या कर ली थी। मैं उसकी मां के पास गया। मैंने बताया कि मैं उसका दोस्त था। उन्होंने मुझे उसका महंगा वाला टाईपराईटर, उसके कुछ कपडे मुझे दिये। वह अपने अकेले लडके के चले जाने पर बेहद सदमें में थी। अगर वह धनी औरत होती, तो मैं जानता हूं कि वह यह जरूर कहती, ''मेरे पास बेवरली हिल्स में एक बंगला है। बैंक में मेरे पास दस मिलियन डॉलर है। मेरे पास बेशकीमती हीरों का हार है। किंतु मैं अपना बेटा वापस पाने के लिये सब दे सकती हूं।'' सचमुच कीमती तोहफें दिल और आत्माओं में बसे होते हैं
जब मैं यह पद पढता हूं, जो प्रेरित पौलुस ने लिखा है, तो मैं समझता हूं इससे उनका क्या तात्पर्य है,
''परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो'' (कुरूंथियों ९:१५)
''अवर्णनीय'' के लिये यूनानी शब्द ऐनेकडियेगेटोज है। इसका आशय है ''जो पूर्ण रूप से व्यक्त न किया जा सके, जो अवर्णनीय हो'' (जेम्स स्ट्रांग)। इसका अर्थ है ''जो जाहिर न किया जा सके'' (जॉर्ज रिकर बेरी)। यह उस उपहार की ओर इशारा करता है जिसको आप पूरी रीति से समझा भी नहीं सकते, वर्णन नहीं कर सकते, या शब्दों में वर्णन नहीं कर सकते। यह प्रभु यीशु मसीह के लिये कहा गया है − परमेश्वर का पुत्र! इन बातों के विषय में जरा सोचिये।
१. प्रथम, परमेश्वर ने मसीह रूपी उपहार इस पृथ्वी को दिया जो एक विशेष स्थान है
जब परमेश्वर ने यीशु को हमारे पास भेजा, तो इस उपहार ने छोटे से संसार को बहुत अदभुत स्थान बना डाला। इस पूरे ब्रहांण के अबूझे स्थानों में पृथ्वी जैसी कोई जगह नहीं होगी। यह पृथ्वी सचमुच अनूठी है। असंख्य तारों और नक्षत्रों के बीच, हमारी पृथ्वी जैसा कोई नहीं है। किंतु पूरे सौर मंडल में दूसरे नक्षत्रों की तुलना में पृथ्वी इतनी अलग क्यों है?
अगर आप कहेंगे, ''पृथ्वी इसलिये अदभुत है क्योंकि यहां पर जीवन है,'' तो कोई अविश्वासीजन कहेगा ''नहीं''। वह कहेगा अन्य नक्षत्रों पर भी जीवन है। आप इस बात को लेकर बहस नहीं कर सकते। आप कहेंगे यह सच नहीं है परन्तु आप इसे सिद्ध नहीं कर सकेंगे। दूसरे नक्षत्रों पर भी जीवन हो सकता है। इससे आपका नक्षत्र कुछ अनोखा नहीं बन जाता है। अंतिम विश्लेषण में, जो हमारे नक्षत्र को अदभुत और विशेष बनाता है वह यह तथ्य है कि यीशु यहां आये थे। जहां परमेश्वर का निवास है ऐसे अदृश्य संसार से, एक अलग ही दिशा से, तीसरे स्वर्ग से, यीशु पृथ्वी पर आये और हमारे साथ बसेरा किया। बाईबल कहती है,
''परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ।'' (गलतियों ४:४)
जब समय पूरा हुआ, ''परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा।'' उन्होंने यीशु को आगे भेजा। भेजने के लिये यूनानी शब्द है एक्जापोस्टेलो भेजना, आगे भेजना, की तरफ भेजना यीशु को कहां से भेजा गया? कहां से होकर यीशु आये? कहां के लिये भेजे गये? वह भेजे गये, आगे भेजे गये, स्वर्ग से भेजे गये! उन्होंने एक महिला के गर्भ में जन्म लिया, जो कुंवारी मरियम नामक महिला थी। वह तीसरे स्वर्ग से हमारे संसार में आये। इस बात के कारण हमारी पृथ्वी भिन्न है! यह हमारे संसार को अदभुत बनाता है! यीशु यहां उतर आये, इस छोटे से ग्रह में, जो हमारी पृथ्वी कहलाती है। ब्रहांड के महान शासक का पुत्र, वह शासक जो तारों और ब्रहांड का शासक है, वह पुत्र केवल इसी ग्रह पर भेजा गया और किसी दूसरे पर नहीं! ''परेमश्वर ने अपना पुत्र भेजा'' इस छोटे टापू पर, इस पृथ्वी नामक ग्रह पर − और किसी अन्य ग्रह पर यीशु को नहीं भेजा! परमेश्वर ने अपने पुत्र को इस पृथ्वी पर भेजा और इसलिये परमेश्वर के इस अनंत जगत में केवल पृथ्वी को यह सौभाग्य मिला! मसीह यहीं आये थे! इसीलिये यह बात हमें भी विशेष बनाती है! ''परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा,'' और वह ''देहधारी हुआ, और हमारे मध्य में बसेरा किया और (हमने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसे पिता के एकलौते की) जो अनुग्रह और सच्चाई से भरपूर था'' (यूहन्ना १:१४) विलियम बूथ जो साल्वेशन आर्मी का संस्थापक था। उसके पोते ने यह सुंदर गीत लिखा,
महिमा छोड नीचे आया,
हमेशा जीवित कहानी के रूप में,
मेरा परमेश्वर और मसीहा आया,
यीशु उसका नाम था।
चरनी में पैदा हुआ था,
लोगों ने उसे न पहचाना,
एक दुखी पुरूष, आंसु और पीडा से भरा।
(''अपनी महिमा छोड नीचे आया'' विलियम ई बूथ−क्लिबोर्न, १८९३−१९६९;
विलियम बूथ का पोता,साल्वेशन आर्मी के संस्थापक)
आरेंज काउंटी, केलिफोर्निया के भीतरी इलाके में, योरबा लिंडा नामक शहर है, वहां एक छोटा सफेद घर है। इसमें केवल दो छोटे कमरे हैं और प्रथम तल पर छोटा किचन और बालकनी में छोटा कमरा था। तौभी हजारों लोग पिछले कई सालों में उन कमरों और किचन में से होकर गये। मैं स्वयं उस छोटे से घर में लगभग ४० बार मेहमानों को लेकर हो आया हूं। क्यों आते हैं इतने लोग वहां? यह छोटा सा घर इतने आकर्षण का केंद्र क्यों है? क्योंकि यहां कोई शख्स पैदा हुआ था? पहले तल के छोटे से शयन कक्ष में, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का ३७ वां राष्ट्रपति पैदा हुआ था। इसलिये यह घर इतना विशेष था! क्योंकि कोई यहां पैदा हुआ था। जब उनका देहांत हुआ, तब पांच राष्ट्रपति चार हजार लोगों की भीड के साथ उपस्थित थे, तब बिलिग्राहम ने उनके अंतिम संस्कार का व्याख्यान दिया, इसी छोटे घर के सामने, क्योंकि वह वहां पैदा हुये थे। एक राष्ट्रपति वहां पैदा हुये थे। यह पृथ्वी भी एक विशेष स्थान निर्धारित की गई है, विश्व की एक विशेष जगह, जहां यीशु मसीह उतर कर आये और यहां जन्म लिया! इस जमीन पर! इस ग्रह पर!
''परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो'' (कुरूंथियों ९:१५)
२. दूसरा, परमेश्वर के उपहार मसीह ने मनुष्य जीवन को पवित्र बना दिया।
उस महाप्रलय के बाद, परमेश्वर ने महान संरक्षक नूह को कहा,
''जो कोई मनुष्य का लोहू बहाएगा उसका लोहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा क्योंकि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार बनाया है।'' (उत्पत्ति ९:६)
मनुष्य परमेश्वर की प्रतिकृति में बनाया गया। मनुष्य पर परमेश्वर की छाप है। इसलिये परमेश्वर ने मनुष्य की हत्या करने वाले के लिये दंड की व्यवस्था की है। मनुष्य का जीवन सदैव मसीह रूपी उपहार द्वारा, जो परमपिता का पुत्र है, पवित्र किया गया है। और इसीलिये हम प्रत्येक वर्ष जनवरी के एक रविवार को ''राईट टू लाईफ संडे'' के रूप में मनाते हैं। हमने पिछला रविवार इसी को समर्पित किया था, जो रो व वेड की बयालिसवीं वर्षगांठ थी जब कुछ काले कपडे पहने लोगों ने यह घोषित कर दिया कि एक स्त्री के लिये उसके बच्चे को मारना वैघ् था। तबसे ५७ मिलियन बच्चों को गर्भपात द्वारा मार डाला गया। सचमुच परमेश्वर हमारी सहायता करे!
मैंने पिछले रविवार की सुबह यह सब बातें व्याख्यान में बोली थी। जब मैंने यह बातें कहीं तब एक महिला और उनकी लडकी गुस्से में उठकर चर्च से बाहर चली गयी। मेरे अनुमान से क्यों अधिकतर प्रचारक गर्भपात जैसे विषय पर व्याख्यान नहीं देते है वह इसीलिये कि लोग नाराज हो जाते हैं। यह शर्म की बात है, क्योंकि हर वह स्त्री जिसका गर्भपात हुआ है उसे यीशु के लहू से शुद्ध होने की आवश्यकता है। मेरी इच्छा है थी कि वह जवान लडकी रूककर मेरा संदेश सुनती कि यीशु उससे प्यार करते हैं! जब तक यीशु के लहू से साफ नहीं किये जायेंगे तब तब उस स्त्री का विवेक सदैव उसे व्यथित करता रहेगा। वह युगों तक भटकाव का जीवन जियेगी। ''मैंने अपने बच्चे को मारा था!'' यह विचार पूरे समय और अनंतकाल तक उस स्त्री को कचोटता रहेगा। आपके सांसारिक शिक्षा देने वाले, कॉलेज के प्राध्यापक आपको यह बात नहीं बतायेंगे! एक मनोचिकित्सक आपको यह बात नहीं बतायेगा। किंतु आपका अपना मन और अपना विवेक आपको बतायेगा कि आपका गर्भपात हुआ था! ''सचमुच प्रभु! मैंने अपने बच्चे को मारा था!'' इस दुनियां के नास्तिक लोग महिला को ''राईट टू चूज'' देते हैं। किंतु उन्होंने एक लडकी को शेष जीवन भर अंतहीन बुरे सपनों से बचाने के लिये कोई रासता नहीं सुझाया! क्यों? क्योंकि मनुष्य जीवन पवित्र है, क्यों! मनुष्य परमेश्वर की प्रतिछाया में बनाया गया था, इसलिये!
मैंने उस प्यारे से गीत का दूसरा अंतरा दूसरे दिन सीखा, ''परमेश्वर का प्रेम'' जो एक गरीब ने अपने पागलपन की धुन में लिखा था। जब वह व्यक्ति मर गया, लोगों ने उसके कमरे की दीवारों पर ये शब्द लिखे हुये देते थे।
बुरा समय निकल जायेगा, धरती के सिंहासन और राज्य गिर पडेंगे,
जब मनुष्यों ने, जिन्होंने प्रार्थना करने से इंकार कर दिया, चटटानों पहाडों पर,
परमेश्वर का प्रेम जो पक्का है, जो सदैव रहेगा अनंत और मजबूत;
आदम का वंश छुडाया जायेगा − संतो और देवदूतों के गीत गाये जायेंगे।
परमेश्वर का प्रेम, कितना धनी और शुद्ध! अनंत और मजबूत!
यह सदैव बना रहेगा, संतो और देवदूतों का गान।
(''दि लव आफ गॉड'' फेडरिक एम लेहमन, १८६८−१९५३
दूसरा अंतरा अज्ञात)
परमेश्वर ने यीशु मसीह रूपी जो उपहार मनुष्य जीवन के लिये दिया उसने सदा के लिये मनुष्य जीवन को पवित्र कर दिया यहां तक कि उस गरीब निकम्मे कहलाये जाने वाले व्यथ्कत को भी जो पागलखाने के कमरे में मृत मिला। मनुष्य के रूप में तो वह परमेश्वर की निगाह में कीमती था। परमेश्वर ने उससे प्रेम किया और यीशु को उसके लिये मरने भेजा और उसकी आत्मा को बचाया! ''परमेश्वर को उसके वर्णन से बाहर के दान के लिये धन्यवाद'' (२ कुरूंथियों ९:१५)
३. तीसरा, मसीह रूपी उपहार देकर परमेश्वर ने हमारे पापों की क्षमा और हमारी आत्मा के उद्धार को संभव किया।
इस संदेश के पहले मि प्रुघोमे ने जो महान उद्धरण पढा उसे मैं पुन: पढता हूं,
''क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे'' (रोमियों ५:६−९)
जब यीशु क्रूस पर मरे उन्होंने हमारे पापों का पूरा दंड चुकाया। ''क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा'' (रोमियों ५:६) हम सब के भीतर ऐसी कोई सामर्थ नहीं थी कि हम परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते और स्वयं को बचा सकते। हम स्वयं बिना प्रभु के थे। किंतु ''प्रभु ऐसे ही लोगों के लिये मरा।'' यही परमेश्वर का वर्णन से बाहर उपहार है!
हम सब पापी थे। किंतु ''जब हम पापी ही थे, मसीह हमारे लिये मरा'' (रोमियों ५:८) यही परमेश्वर का वर्णन से बाहर उपहार है!
''सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे'' (रोमियों ५:६−९) उसका हमारे स्थान पर प्राण देना − यह परमेश्वर का वर्णन से बाहर उपहार है! शुद्धिकरण, और उसके लहू से हमारे पापों का धोया जाना − यही तो परमेश्वर की ओर से अवर्णनीय उपहार है!
बदले में परमेश्वर हमसे यह चाहता है कि हम उसके पुत्र, प्रभु यीशु विश्वास रखें। जिस क्षण आप यीशु पर विश्वास रखते हैं आप बचाये जाते हैं! हर एक जो यीशु पर विश्वास रखता है उसके लिये यह परमेश्वर की ओर से अवर्णनीय उपहार है!
बचाया गया! बचाया गया! पाप सब क्षमा हुये, मेरा दोष जाता रहा!
बचाया गया! बचाया गया! मैं क्रूसित यीशु के लहू से बचाया गया!
(''लहू से बचाया गया'' एस जे हैडरसन, १९वीं सदी)
यीशु ने कीमती लहू बहाया भरपूर आशीषें मुझ पर बरसी;
उसके खून की धार में डूब कर मैं श्वेत बर्फ जैसा बन जाउं।
केवल उस पर भरोसा, उस पर भरोसा, केवल उस पर भरोसा रखूं,
वह आपको बचायेगा, आपको बचायेगा, वह अब आपको बचायेगा।
(''केवल उस पर भरोसा रखूं'' जॉन एच स्टॉकटन, १८१३−१८७७)
यीशु पर ''विश्वास'' रखना क्या है? इसका अर्थ है स्वयं को उसके हाथों में सौंपना, जैसे आप एक अच्छे डॉक्टर पर भरोसा रखते हैं। जब मैं सात साल का था, डॉ प्रेट ने मेरी मां को कहा था कि मेरे टांसिल्स निकालने की जरूरत है। मैं डर गया था जब मां ने मुझसे कहा ''मैं सुला दिया जाउंगा।'' मैं बेहोश होने से डर रहा था। मैं ''बेहोश किये जाने से'' डर रहा था। आखिर मैं केवल सात साल का ही था। जब अस्पताल पहुंचे मेरा दिल जोरों से धडक रहा था और मैं कांप रहा था। मै नहीं जानता था कि मेरा क्या होगा जब वे ''मुझे सुला देंगे।'' एक बडी सी, भयानक दिखने वाली नर्स, सफेद कपडों में, आई और मुझे तैयार कर दिया। मैं इतना डर गया कि मैं कूद कर भाग गया! किंतु जब डॉ प्रेट भीतर आये। मैं तो उन्हें बचपन से देखता आया था। मेरा जन्म उनके हाथों का ही, वह तबसे मेंरे डॉक्टर हैं। वह इतने अच्छे आदमी थे। मैं उन्हें प्यार करता था। मैं उन पर भरोसा करता था। उन्होंने आते से ही कहा, ''मत चिंता कर, रॉबर्ट, कुछ मिनिटों में ही काम पूरा हो जायेगा।'' मेरे दिल ने जोरों से धडकना बंद कर दिया क्योंकि मैंने डॉ प्रेट पर भरोसा किया था। एक ही क्षण में मुझे ''बेहोश कर दिया गया।'' दूसरे ही क्षण, मैं उनका मुस्कुराता चेहरा देखने के लिये जाग उठा। डॉ प्रेट ने कहा, ''आप्रेशन हो गया, राबर्ट। अब थोडी देर में तुम घर जा सकते हो।'' मैंने उन भले और पुराने डॉक्टर पर भरोसा किया। यही मैं चाहता हूं कि आप यीशु पर भरोसा करें।
केवल उस पर भरोसा, उस पर भरोसा, उस पर भरोसा करें अब;
वह आपको बचायेगा, वह आपको बचायेगा, वह आपको बचायेगा।
डॉ चान निवेदन है कि हम सब के लिये प्रार्थना करें! आमीन!
(संदेश का अंत)
आप डॉ0हिमर्स के संदेश प्रत्येक सप्ताह इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं क्लिक करें
www.realconversion.com अथवा
www.rlhsermons.com
क्लिक करें ‘‘हस्तलिखित संदेश पर।
आप डॉ0हिमर्स को अंग्रेजी में ई-मेल भी भेज सकते हैं - rlhymersjr@sbcglobal.net
अथवा आप उन्हें इस पते पर पत्र डाल सकते हैं पी. ओ.बॉक्स 15308,लॉस ऐंजेल्स,केलीफोर्निया 90015
या उन्हें दूरभाष कर सकते हैं (818)352-0452
ये संदेश कॉपी राईट नहीं है। आप उन्हें िबना डॉ0हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते
हैं। यद्यपि, डॉ0हिमर्स के समस्त वीडियो संदेश कॉपीराइट हैं एवं केवल अनुमति लेकर
ही उपयोग में लाये जा सकते हैं।
संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा प्रार्थना की गई: रोमियों ५:६−९
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गीत गाया गया:
''परमेश्वर कर प्रेम'' (फेडरिक एम लेहमन, १८६८−१९५३)
रूपरेखा व्यक्त नहीं किये जाने वाला उपहार डॉ.आर.एल.हिमर्स जूनियर ''परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो'' १. प्रथम, परमेश्वर ने मसीह रूपी उपहार इस पृथ्वी को दिया जो एक विशेष स्थान है, गलतियों ४:४; यूहन्ना १:१४ २. दूसरा, परमेश्वर के उपहार मसीह ने मनुष्य जीवन को पवित्र बना दिया, उत्पत्ति ९:६ ३. तीसरा, मसीह रूपी उपहार देकर परमेश्वर ने हमारे पापों की क्षमा और हमारी आत्मा के उद्धार को संभव किया, रोमियों ५:६−९ |