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त्रिएकत्व द्वारा उद्धार - SALVATION THROUGH THE TRINITY – द्वारा डॉ0 आर.एल.हिमर्स,जूनियर रविवार की संध्या, 15 दिसंबर 2013 को लॉस एंजिलिस के द बैपटिस्ट टेबरनेकल में ‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह और परमेष्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे।'' आमीन। (2कुरूंथियों 13:14) |
पिछले मंगलवार की रात मैं कसरत करने और तैरने के लिये जिम गया। जब मैं पुल में उतरा, अंधेरा हो गया था। तब मैंने एक आदमी को स्नानगृह की तरफ आते देखा! वह सीधे देखते हुए आ रहा था और उसने मुझे देखा नहीं था। कुछ मिनटों पष्चात मैं पुल से निकला और स्नानगृह में उसके साथ ही पहुंचा हम वहां केवल दो ही लोग थे क्योंकि वह एक बडी ठंडी रात थी। जब मैंने उससे बात की तो उसे बडा अकेला पाया। वह रिटायर्ड था और बैंक में उसके पास बडा धन था। वह साठ की उम्र का था और षादी नहीं की थी। वह दषकों पूर्व पूर्वी छोर से आया था, अतः उसका कोई परिवार भी यहां नहीं था। उसके कोई मित्र भी नहीं थे। मैं उसके चेहरे पर वह दर्द देख रहा था कि इस क्रिसमस पर वह अकेला होगा। वह बेसब्री से अपना खाली समय कॉलेज की कक्षाऐं लेकर भरता था। वह स्नातकोत्तर डिग्री भी ले रहा था, जिसकी उसे कोई आवष्यकता ही नहीं थी। उसने चालीस वर्ष पूर्व चर्च छोड दिया था। वह मसीहत के प्रति बडी कडवाहट और गुस्से से भरा हुआ था। वह इस संसार में बिल्कुल अकेला - था बिना अनुग्रह के, बिना प्रेम के, बिना संगति के - ईष्वर और दूसरे साथी गुणों से उसका कोई संबंध नहीं था। जब मैं उसकी बात सुन रहा था,उसने मुझे बताया कि वह नहीं जानता कि इतना सारा धन वह किसके लिये छोड जाएगा। मुझे उसके लिये बहुत दुख लगा। मैंने उसे कई बार चर्च आने के लिये आमंत्रित किया, और वह एक बार, मेरे पुत्र के विवाह में चर्च आया। किंतु विवाह समाप्त होते ही वह षीघ्रता से चला गया। उसके बाद मैं उसे वापस लाने में समर्थ नहीं हो पाया। कितना निरूत्साहित, डराने वाली बात है - विष्ोषकर क्रिसमस पर, जब हमें अकेले रहना पडे!
ऐसे ही प्रत्येक जीवन की कहानी है जो इस अज्ञात हठीली संस्कृति में रहता है। हर वह जीवन जो मसीह में और चर्च में केंद्रित नहीं है वह ऐसी परेषानियों में ही समाप्त हो जाता है। जीवन के प्रारंभ में तो हमें ऐसा नहीं लगता, किंतु अंत जरूर ऐसा ही होता है। मैं इस बारे में पचास वर्षों से विचार कर रहा हूं। मैं जानता हूं अनुभव से कि यह सच है।
मेरे एक चाचा क्रिसलर, जो कार के भाग जोडती है, उस कंपनी में काम करते थे। उन्होंने खूब पैसा कमाया और सेन क्लेमेंट में घर खरीदा, जो सेनडिएगो के पास, समुद्र तट पर मंहगे इलाकों में से एक है। वह उनके घर के बेडरूम में अकेले मृत पाए गए। लोगों को एक सप्ताह तक पता ही नहीं चला - जब पडोसी ने उनके मेल बॉक्स को भरते हुए देखा और सडे हुए षव की बदबू महसूस की। दूसरे चाचा, जिनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, उन्हे बेडरूम में स्ट्रोक आया और वह एक सप्ताह तक पक्षाघात से पीडित होकर पडे रहे जब तक एक आदमी ने देखा कि वे मेसोनिक लॉज की सभा जिसमें वह प्रायः सम्मिलित होते थे नहीं पहुंचे तब उन्हें घर जाकर देखा तो उन्हें इस अवस्था में पाया। वह अपने ही मैले और पेषाब के ढेर में पडे हुए थे और एक पिस्टल उनके हाथ में था- क्योंकि उन्हे डर था कि चोर उनके घर पर धावा न मार ले। मेरे पडोस की महिला की बेटी ने अस्पताल डॉक्टर्स ने कहा कि उसकी मां को भोजन देना बंद कर दो और उसे मरने दो। इस तरह और भी कहानियां हैं। हर वह जन जो बहुत अधिक संसार पर केंद्रित रहता है वह बिना आषा और बिना परमेष्वर के ही जीता है और मरता है!
मुझे स्कूर्ज के बारे में मत बताओ। ऐसा कभी नहीं होता। कोई भी डिकेन्स के स्कूर्ज जैसे ‘‘ए क्रिसमस केरोल'' से नहीं बदलता। कोई भी मसीह और चर्च से दूर रहकर नहीं बदलता। कोई भी नहीं!
मुझे याद है मैंने एक फिल्म देखी थी, लगभग साठ साल पहले, जिसमें एक आदमी धीरे धीरे रेत के टीले में धंसता जाता है। जितना अधिक वह बाहर निकलने के लिये संघर्ष करता उतना अधिक वह गीले - दलिये के समान गीली रेत में डूबता जाता है। वह चीखा और चिल्लाया, किंतु कोई नहीं आया। अंत में केवल उसका सिर बचा था। उसने एक और सांस ली। फिर वह अंदर ही धंस गया। मैं उस समय छोटा बच्चा ही था जब मैंने यह फिल्म देखी थी। मेरा दिल जोरों से धडका था। मेरा गला भर गया था। मेरे हाथों से पसीना निकलने लगा जब मैंने सोचा कि रेत के गढढे में डूबना क्या होता है!
क्या आप इस तरह अंदर धंसे हैं, डूबे हैं, एक आषाहीन जीवन के गढढे में? या आप ऐसे ही बच जाओगे? मैं अक्सर कहता हूं, तीस वर्ष के पष्चात लगभग कोई नहीं बचता - लगभग कोई नहीं! मेरी मां 80 की उम्र में बचायी गई - क्योंकि उसके जीवन में लाल समुंद्र को दो भाग में करने जैसा ही चमत्कार हुआ था - या कोई दूसरा बिल्कुल असंभव चमत्कार!
अगर आप जीवन के रेत के गढढे में धंसाने वाले तूफान से बचना चाहते हो तो एक ही रास्ता संभव है। ध्यान दो मैं क्या कहता हूं! जीवन में आये इस रेतीले गढढे से बचने का एक ही रास्ता है - केवल एक ही रास्ता! और कोई दूसरा नहीं! यह वह रास्ता है -
‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह और परमेष्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे।'' आमीन (2कुरूंथियों 13:14)
कुरंथियों की कलीसिया का स्वरूप बिगड गया था। कलीसिया में बडी दरार पड गई थी, झगडे और समूह बन गये थे, गलत षिक्षा व्याप्त थी, षारिरिक पाप था और कई सदस्य भटक गये थे (13:5,6) पौलुस ने, इस पद के अंत में, ‘‘तुम सब के साथ'' एक अदभुत आषीष दी है उसकी यह प्रार्थना सब के लिये थी क्योंकि वह जानता था कि उन लोगों को जीवन में जानलेवा रेत के गढढे में धंसने पर बचाने वाला कोई नहीं है। इसलिये परमेष्वर के अनुग्रह की समस्त मानव जाति को आवष्यकता है।
1.प्रथम, आप को प्रभु यीषु मसीह के अनुग्रह की आवष्यकता है।
‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह … तुम सब के साथ होती रहे।'' (2कुरूंथियों 13:14)
वह यहां त्रिएकत्व की बात कर रहा है। वह यीषु मसीह, और परमेष्वर पिता और पवित्र आत्मा की बात कर रहा है। और वह यह भी प्रार्थना कर रहा है कि ‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह'' सबके साथ बना रहे। यही वह पहली बात है जिसके लिये प्रेरित पौलुस प्रार्थना करता है, क्योंकि यही वह पहली बात है जिसकी हमें सबसे अधिक आवष्यकता है। यह त्रिएकत्व के द्वारा उद्धार प्राप्त करने के लिये प्रार्थना है।
ध्यान देवें कि प्रेरित ने मसीह के ‘‘अनुग्रह'' को ‘‘परमेष्वर के प्रेम'' से पहले रखा। ध्यान देवें कि मसीह का पूरा नाम और पदवी दे रखी है, ‘‘प्रभु यीषु मसीह'' यह पदवी उसके कार्य को दर्षाती है, जैसे मसीहा, क्योंकि वह हमें छुडाने वाला मसीहा कहलाता है। यह उसका स्वर्गिक स्वभाव प्रगट करता है कि, वह हमारा प्रभु है। यह उसका मानवीय स्वभाव, प्रगट करता है कि वह यीषु है। हमें स्वर्गिक व मानवीय व्यक्ति दोनों के अनुग्रह की आवष्यकता है। और यह, प्रभु यीषु मसीह, है जो हमें अनुग्रह प्रदान करता है। प्रत्येक जन जो बचाया जाता है बहुत अच्छी रीति से जानता है कि वह प्रभु यीषु मसीह के अनुग्रह से बचाया गया है।
जो खोए हुए हैं उन्हे प्रभु यीषु मसीह की कोई आवष्यकता नहीं है। वे उसे पैरों तले रौंदते हैं इब्रानियों (10:29) वे उसे नकारते और उसका इंकार करते हैं, और उनका चेहरा उससे छुपा लेते हैं यषायाह (53:3)। वे उसके पास आने से इंकार करते हैं। यूहन्ना (5:40) वे उससे घृणा करते हैं और निेदा करते हैं यषायाह (49:7)
लोग गांधी और कैनेडी के लिये अच्छी अच्छी बातें करते हैं, जबकि दोनों ही व्यभिचारी पुरूष थे। वे मुहम्मद की बात करते हैं, जो बाल कामुक था और हत्यारा था। वे षी ग्यूवेरा की बात करते हैं वह भी हत्यारा और चोर था। लेकिन वे जब यीषु के पास आते हैं, वे उसे तुच्छ जानते हैैं। अगर आप कॉलेज में हो तो आप जानते हैं कि मैं सही हूं। कॉलेज के प्रोफेसर्स परमेष्वर के पुत्र प्रभु यीषु मसीह से घृणा करते हैं!
वे 31 अक्टूबर को हडडी के ढांचे और जादूगरनियों और काली बिल्लियों पर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं। वे ‘‘हेलोवीन'' षब्द को स्कूलों और स्टोर्स पर से प्रतिबंधित नहीं करते हैं। किंतु ‘‘क्रिसमस'' षब्द अमेरिका के प्रत्येक स्कूल और स्टोर्स पर प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें ‘‘मसीह'' षब्द प्रगट होता है। वे हैलोवीन की जादूगरनियां और हडडी के ढांचे पसंद करते हैं - किंतु यीषु के नाम से घृणा करते हैं। और इसीलिये ‘‘क्रिसमस''नाम से घृणा करते हैं। इस वर्ष ‘‘क्रिसमस'' षब्द मैंने एक ही बार देखा। पूरे लॉस एजिलिस में सिर्फ एक बार इसे देखा! एक पुराने रेस्तरां की ‘‘पेंट्री'' पर बाजू में ‘‘क्रिसमस मुबारक'' लिखा हुआ था, यह रेस्तरां पूर्व मेयर रिचर्ड रियोर्डन, का है जो उन प्रसिद्ध कुछ लोगों में से एक है जो रविवार को चर्च जाते हैं। यह देखकर भी हार्दिक खुषी हुई कि लॉस एंजीलिस षहर के हॉल की जगमगाती खिडकियां क्रिसमस के समय क्रूस के आकार को दर्षा रही थी। किंतु इससे ज्यादा और कुछ नहीं था। उग्र नास्तिकों के एक झुंड ने आकर उन्हें फाड डाला, और किसी भी मसीही जन में इतनी हिम्मत नहीं थी कि उन्हें रोके! आज प्रभु यीषु मसीह का तिरस्कार किया जा रहा है, मखौल उडाया जा रहा है, और उनसे घृणा करते हैं - क्रिसमस के मौके पर भी! न्यूयार्क के टाईम्स स्केवर पर ‘‘अमेरिका के नास्तिकों'' ने पैसा खर्च कर के एक बडा नियोन साइन लगवाया है जिस पर लिखा है, ‘‘क्रिसमस के इस मौके पर यीषु की जरूरत किसको है? किसी को नहीं!'' अगर वे ऐसा बोर्ड लगाते, जिस पर लिखा हो कि ‘‘रमजान के मौके पर किसको मुहम्मद की जरूरत है? किसी को नहीं!'' तो इन पर हमला हो जाएगा! अगर वो ऐसा बोर्ड लगाते हैं, ‘‘हनूका पर इजरायल की जरूरत किसको है? किसी को नहीं!'' तो वे यहूदी विरोधी कहलाऐंगे। किंतु राजनीतिज्ञ लोग अगर मसीह के जन्मदिन क्रिसमस पर मसीह का मखौल उडाते हैं तो यह चल जाएगा! निष्चित ही ‘‘क्रिसमस पर युद्ध'' छिडा हुआ है! मसीहत के विरूद्ध जंग छिडी हुई है! पाप में जडा हुआ जन यीषु मसीह से घृणा करता है!
‘‘दुखी पुरूष,'' कैसा नाम
सत अवतार ने दिया दाम
उसने किया मुक्त का काम!
जय मसीह की! कैसा त्राता!
मेरे पाप की लाज और भार,
सब उठाके खाई मार;
लोहू दिया क्या उद्धार,
जय मसीह की! कैसा त्राता!
(‘‘जय मसीह की! कैसा त्राता!'' फिलिप्स पी.ब्लिस द्वारा रचित,1838-1978)
सचमुच कितना बडा दुख लगता है जब मैं विचार करता हूं कि कुछ जवान जो हमारे चर्च में प्रति रविवार आते हैं, वे यीषु को इतना प्यार नहीं करते कि उस पर विष्वास कर सकें! सचमुच, जब आप ष्ौतान की तरफ हो तो परमेष्वर का अनुग्रह कैसे अनुभव करोगे? अगर यीषु का मखौल उडाते हो तो किस प्रकार बचाये जाओगे, अगर उससे प्यार नहीं करते तो उस पर कैसे विष्वास ला सकते हो? अगर प्रभुयीषु मसीह का लगातार इंकार करते जाओगे तो उसका इअनुग्रह और आपके प्रति आषीषित बने रहने की उसकी प्रतिज्ञा को कैसे प्राप्त करोगे? किसी दिन उसी बूढे आदमी जैसे हो जाओगे जो मुझे स्वीमिंग पुल पर - मिला था बिल्कुल अकेला, आषाहीन क्रिसमस जैसे त्यौहार के अवसर पर भी।
हर दोषी, प्रदुषित, असहाय, पापी को अनुग्रह की ही आवष्यकता है! और कोई हमें वह अनुग्रह नहीं दे सकता जो यीषु के पास उपलब्ध है। उसके पास अभी आईये, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए! तब आप प्रेरित पतरस के समान कह सकेंगे,
‘‘हां, हमारा यह तो निष्चय है, कि जिस रीति से वे प्रभु यीषु के अनुग्रह से उद्धार पाऐंगे; उसी रीति से हम भी पाऐंगे।'' (प्रेरितो के काम 15:11)
2.द्वितीय, आपको परमेष्वर के प्रेम की आवष्यकता है।
‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह और परमेष्वर का प्रेम...... तुम सब के साथ बनी रहे।'' (2 कुरूंथियों 13:14)
डॉ0 चार्ल्स हॉज, 19वीं सदी के महान धर्मविज्ञानी ने कहा था, ‘‘एक दृष्टि से (देखने का यह भी एक नजरिया है) कि परमेष्वर का प्रेम छुटकारे का स्त्रोत है। परमेष्वर ने अपना पुत्र हमारे लिये देने के द्वारा अपना प्रेम उसमें प्रगट किया,
‘‘परन्तु परमेष्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा'' (रोमियो 5:8)
परन्तु दूसरे रूप में (देखने का दूसरा नजरिया) यह भी कहा जा सकता है कि उसका प्रेम उसके अनुग्रह और मसीह के कार्य द्वारा विद्यमान है। उसके प्रेम का हमारी क्षमा, षुद्धि और उद्धार के कार्यो में प्रगट होना मसीह के कार्य के ऊपर आधारित था। उसके पुत्र की मृत्यु द्वारा परमेष्वर से हमारा मेल मिलाप संभव हुआ। उसकी मृत्यु द्वारा पापों का दंड चुकाया गया ताकि हम परमेष्वर के साथ संगति में भाग ले सकें एवं उसके प्रेम के भागीदार कहला सकें। इसलिये प्रेरित परमेष्वर के प्रेम से पूर्व मसीह के अनुग्रह की घोषणा करता है, जैसे कि यह प्रेम के प्रगटीकरण के लिये बडी आवष्यक बात है'' (चार्ल्स हॉज, पी.एच.डी, 1 और 2 कुरंथियों, द बेनर अॉफ ट्रूथ ट्रस्ट, 2000 पुनः मुद्रित,पृष्ठ 689; 2 कुरंथियों 13:14 पर व्याख्या)
जैसा विलियम आर. न्यूवेल कहते हैं,
सचमुच,वह प्रेम जिसने उद्धार की योजना बनाई!
सचमुच, वह अनुग्रह जो उसे मानव बनाकर जमीन पर ले आया!
सचमुच, उस बडी खाई को परमेष्वर ने कलवरी पर मिटा दिया!
(‘‘कलवरी पर'' विलियम आर. न्यूवेल, 1868-1956)
क्या यही वह तरीका नहीं है जिससे हम परमेष्वर के प्रेम का अनुभव करते हैं? डॉ0लेंस्की को मैं उदधृत करना चाहूंगा, ‘‘व्यक्ति का क्रम और उसी रूप में उनको मिले उपहार भी कीमती हैं'' पहले हम मसीह के अनुग्रह को प्राप्त करते हैं, तब हम मसीह के प्रेम का अनुभव करते हैं। (आर. सी. एच लेंस्की, पी.एच.डी., दि इंटरप्रिटेषन अॉफ सेंट पॉल फर्स्ट एंड सेकेंड एपिसल्स टू दि कोरिन्थियन्स, औगाबर्ग पिब्लििष्ेाग हाउस, 1969संस्करण, 2 कुरंथियों 13:14 पर व्याख्या)
यह मेरा अपना अनुभव था, और (आपका भी) होगा। मैं यीषु के पीछे पहले आया। उसके बाद ही मैंने यीषु के अनुग्रह को महसूस किया, तब मैं यीषु के प्रेम को जानने लगा। अगर आप अभी भी खोये हुए हैं, पहले आपको यीषु के पास आना चाहिये। जब यीषु के पास आयेंगे तो आप उसके प्रेम को जानना प्रारंभ करेंगे! डॉ0लेंस्की का कथन था, ‘‘परमेष्वर का प्रेम उचित रूप में आषीषों में दूसरा स्थान पाता हैं'' (पृष्ठ) पहले आपको यीषु के पास आना चाहिये। जब यीषु के पास आयेंगे तो आप उसके प्रेम को जानना प्रारंभ करेंगे! इस तरह पापी बचाये जाते हैं! यीषु के पास आयें, तो आप जानना प्रारंभ करेंगे कि परमेष्वर आपसे कितना प्रेम करता है!
मैें उस बूढे आदमी के लिये सोचने लगा जो जो स्वीमिंग पुल पर मिला था। वर्षो पूर्व वह यीषु व चर्च से दूर चला गया था - और अब वह क्रिसमस के समय में अकेला हैं - परमेष्वर के प्रेम से रहित! ऐसा आपके साथ न होने पायें! यीषु के पास अभी आयें, तो आप जानना प्रारंभ करेंगे कि परमेष्वर आपसे कितना प्रेम करता है!
3.तीसरा, आपको पवित्र आत्मा के साथ संगति की आवष्यकता हैं
‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह, और परमेष्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती।'' आमीन (2कुरूंथियों 13:14)
यूनानी षब्द कोइनाइया का अनुवाद बडा सुन्दर व परिचित हैं जिसे ‘‘संगति'' कहते हैं। इसका अर्थ हैं ‘‘संगति'' अथवा ‘‘सहभागिता'' मैं डॉ0लेंस्की को मैं पुनः उदधृत करना चाहूंगा क्योंकि, उन्होंने इसे इतनी अच्छी तरह और सुन्दरता से कहा है। उन्होने कहा,
पवित्र आत्मा हमारे लिये उतर आया और हमें अपनी सहभागिता में. घेर लिया जिसमें सब प्रकार का अनुग्रह और प्रेम सम्मिलित है। उसका प्रेम और अनुग्रह जो हम तक पहुंचा है वह हमारी समझ से बिल्कुल बाहर की बात है (संदर्भ., पृष्ठ 1341)
एलिषा हॉफमन ने पवित्र आत्मा के साथ इस संगति या सहभागिता को ‘‘अनंतकालीन बाहों में झुक जाने'' की संज्ञा दी है। इसे सुनिये,
क्या संगति है, कैसा स्वर्गिक आनंद है,
उसकी अनंतकालीन बाहों में झुकना;
कितनी आषीषें है, मुझे मिली षांति अपार,
उसकी अनंतकालीन बाहों में झुकना।
झुक जाना, झुक जाना, सब खतरों से पार हो जाना;
झुक जाना, झुक जाना, झुक जाना, उसकी अनंतकालीन बाहों में।
(‘‘अनंतकालीन बाहों में झुक जाना'' एलिषा ए. हॉफमन, द्वारा रचित, 1839-1929)
मेरी मां को यह प्राचीन गीत बहुत प्रिय था। जब वह बचाई गई तब यह गीत हम दोनों मिलकर खूब गाया करते थे। यही संगति है, यही सहभागिता है, जब हम यीषु द्वारा बचाये जाते हैं पवित्र आत्मा हमारे साथ संगति करता है! कैसी संगति है, कैसा स्वर्गिक आनंद है, उसकी अनंतकालीन बाहों में झुकना!
‘‘प्रभु यीषु मसीह का अनुग्रह, और परमेष्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे।'' आमीन (2कुरूंथियों 13:14)
डॉ0हॉज ने कहा, ‘‘यह पद त्रिएकत्व की संपूर्ण पहचान प्रगट करता है, जो मसीहत का आधारभूत सिद्धांत है। एक मसीही जन वह है जो प्रभु यीषु को खोजता है और उसके अनुग्रह का आनंद उठाता है, परमेष्वर के प्रेम, और पवित्र आत्मा की संगति का आनद लेता है,'' (संदर्भ., पृष्ठ 690)
मुझे उस बूढे आदमी के लिये बडा दुख हुआ जो स्वीमिंग पुल से बाहर निकला और अंधेरे में गुम हो गया। उसने आषीषित त्रिएकत्व को जानने का आनंद खो दिया। महान प्रचारक डॉ0डब्ल्यू.ए.क्रिसवेल ने खूब अच्छा लिखा था।
जब एक मनुष्य सच्चे परमेष्वर की आराधना करता है, जब वह प्रभु यीषु मसीह के सामने झुकता है, जब वह पवित्र आत्मा की गवाही को हृदय में स्वीकार करता है जो मसीह के बचाने वाले अनुग्रह की ओर इषारा करता है, तब मनुष्य ऊंचा उठाया जाता है, वह षुद्ध किया जाता है, उसको महिमा मिलती है। उसके जीवन से जुडी हर बात षुद्ध की जाती है और पवित्र व स्वर्गिक बना दी जाती है। एक ही परमेष्वर है और उसका और उसका नाम परमेष्वर हमारा पिता, परमेष्वर हमारा मसीहा, और परमेष्वर हमारी आत्मा है-पवित्र आत्मा की गवाही और उसका सक्रिय अनुग्रह। आमीन। (डब्ल्यू.ए.क्रिसवेल, पी.एच.डी., ग्रेट डॉक्ट्रीन्स अॉफ दि बाईबल - वाल्यूम 2,जोंडरवन पब्लिषिंग हाउस,1982, पृष्ठ 77)
मैं प्रार्थना करता हूं कि आज की रात आप यीषु के पास आयें। वह आपको स्वार्थ व पाप की व्यर्थतापूर्ण जिंदगी से बचाएगा। वह आपको क्रूस पर बहाये अपने लहू से षुद्ध करेगा। यीषु के पास आइये और आप उसके प्रेम को जान जायेंगे। और पवित्र आत्मा की आनंदित संगति का आनंद लेंगे।
अगर आप यीषु के पास आने के विषय पर बात करना चाहते हैं, तो कृपया उठकर अॉडिटोरियम के पिछले भाग में आ जाइये। डॉ0 कैगन आपको दूसरे कक्ष में ले जाऐंगे जहां हम बात कर सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं। डॉ0 चान, कृपया आइये और प्रार्थना कीजिये कि आज की रात कोई यीषु पर विष्वास लाये। आमीन।
(संदेश का अंत)
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संदेष के पूर्व बाईबल में से पढा गया श्री ऐबेल प्रुद्योमें द्वाराः (2कुरूंथियों 13:11-14)
संदेष के पूर्व एकल गीत श्री बैंजामिन किनकैद ग्रिफिथ द्वारा गाया गया :
‘‘बैथलेहम के छोटे शहर (फिलिप बु्रक्स, 1835-1893) श्
रूपरेखा त्रिएकत्व द्वारा उद्धार -
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