इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।
इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।
जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
.
खोए हुए चर्च के सदस्य और भेडों को चुराने वाले प्रचारक(अंतिम दिनों में चर्च-भाग 2) द्वारा डॉ0आर.एल.हिमर्स,जूनियर षनिवार की संध्या 19 अक्टूबर 2013 को, लॉस एंजिलिस के बैपटिस्ट “जब यीषु मन्दिर से निकलकर जा रहा था : तो उसके चेले उस को मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उस ने उन से कहा, क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं,यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा। और जब वह जैतून पहाड पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हमसे कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?'' (मत्ती 24:1-3) |
यीषु यरूषलेम के मंदिर के बाहर गया। यह मंदिर संसार के उस भाग की सबसे महत्वपूर्ण इमारत थी। चेले उसके पास पहुंचे। वे उसे उस मंदिर से लगी और भी इमारतें दिखाना चाहते थे। जैसे ही यीषु मंदिर के क्षेत्र से दूर चला गया, उसने अपने चेलो से कहा, ‘‘क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं ,यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा'' (एन.आय.वी.)
जब मेरी पत्नी और मैं यरूषलेम में थे हम उस स्थान पर पहुंचे जहां कभी मंदिर हुआ करता था। अ बवह वहां नहीं है। रोमन जनरल तीतुस ने आकर उसे 70 ए.डी. में नष्ट कर दिया था। संपूर्ण मंदिर ध्वस्त कर दिया गया था और जिन पत्थरों से इसका निर्माण किया गया था वे सब रोमियों द्वारा बिखरा दिये गये। मंदिर की केवल एक बाहरी दीवाल सुरक्षित थी। उसे ‘‘वेलिंग वॉल'' कहा जाता है। यहूदी लोग इस दीवार पर आकर मसीहा से प्रार्थना करते हैं कि वह आकर इस मंदिर का पुनः निर्माण करे। जब मेरा पुत्र लेस्ली वहां था, वह एक यहूदी टोपी पहने हुए था उसने वेलिंग वॉल पर हाथ रखकर प्रार्थना करना षुरू की, तो एक रब्बी ने सोचा कि वह यहूदी है। वह लेस्ली के पीछे आया और तेल से उसका अभिषेक किया!
रोमियों द्वारा मंदिर का तोडा जाना अब हमारे लिये इतिहास बन चुका है। किंतु मैं इतना जरूर जानता हूं कि चेले बडे चकित थे जब यीषु ने उन्हे बताया कि ऐसा होगा उसने कहा था, ‘‘यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा।'' यह भविष्यवाणी षब्दषः रोमी सेना व तीतुस के द्वारा चालीस वर्ष से कम समय में जाकर पूर्ण हुई।
तब यीषु जैतून पहाड जो मंदिर से कुछ ही दूरी पर था, वहां गया। जैसे ही वह बैठा चेलो ने आकर उससे दो प्रष्न पूछे।
1- ये बातें कब होगी? (मंदिर कब नष्ट किया जाएगा)
2- तेरे आने का, और जगत के अंत का क्या चिन्ह होगा (इस युग का अंत; जिसे हम संसार के अंत के नाम से जानते है?)
प्रथम प्रष्न का उत्तर मत्ती के सुसमाचार में दर्ज नहीं है। यह हमें लूका 21:20-24 में मिलता है। इन पदों में यीषु ने कहा था कि यरूषलेम सेनाओं द्वारा घेर लिया जाएगा,
“वे तलवार के कौर हो जाएंगे, और सब देषों के लोगों में बन्धुए होकर पहुंचाए जाएंगेः और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूषलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।'' (लूका 21:24)
मत्ती के सुसमाचार में यीषु को इजरायल के राजा के रूप में चित्रित किया गया है। यह सूचना यहां ठीक नहीं बैठती। इसका अभिलेख लूका में भी है, जो अन्यजाति राष्ट्रों के विषय में विस्तार से बताता है।
किंतु चेलों द्वारा पूछे गये दूसरे प्रष्न का उत्तर मत्ती के इसी अध्याय में दिया गया है। उन्होंने पूछा था, ‘‘तेरे आने का और जगत के अंत का क्या चिन्ह होगा?'' उसने उन्हे प्रष्न पूछने के लिये नहीं डांटा। उसने यह नहीं कहा, ‘‘कि अब और चिन्ह नहीं होंगे।'' यह तो बडा उपयुक्त मौका था किंतु इसके बदले में यीषु ने उन्हे एक चिन्हों की सूची दे दी। ये चिन्ह यीषु के द्वितीय आगमन और संसार के अंत से संबंधित थे। हां, बाईबल यह सिखाती है कि इस युग का अंत होगा और इस संसार का भी। बौद्ध मत यह सिखाता है कि इतिहास दोषपूर्ण है और इसकी दषा अंतहीन है। जब डिज्नी लॉयन किंग ने जीवन चक्र के विषय में कहा, तो उनका वह मत बौद्ध मत से संबंधित था। किंतु बाईबल यह सिखाती है कि इतिहास चक्र में नहीं किंतु सीधी रेखा में चलता है। इसका एक प्रारंभ है, मध्य है, और एक अंत है। परमेष्वर ने इस संसार का निर्माण कुछ नहीं से किया। यीषु मसीह इस संसार में मध्य काल में आये थे। यह संसार अंत में आग की ज्वाला में जलेगा। और इसलिये उन्होंने उससे उसके द्वितीय आगमन और इस युग के अंत के विषय में पूछा था - संसार का अंत जैसा हम जानते हैं। उसने उन्हें कई चिन्ह दिये।
डॉ0जॉन एफ.वलवूर्ड कई वर्षो तक डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के अध्यक्ष रहे। वह बाईबल की भविष्यवाणियों के बडे सम्मानीय व्याख्याकार रहे। उन्होंने हमारे चर्च में वर्ष 1980 में प्रचार किया था। डॉ0 वलवूर्ड ने इन ‘‘चिन्हो'' के विषय में लिखा है जो यीषु ने मत्ती 24:4-14 में चेलों को बताये कि, ‘‘ये सामान्य चिन्ह है, जो अभी दिखाई देंगे परन्तु बडे क्लेष के समय ये संपूर्ण चित्र के साथ पूरे होंगे'' (जॉन एफ.वलवूर्ड,टी.एच.डी.,मेजर बाईबल प्रोफेसिस,जोंडरवन पब्लिषिंग हाउस,1991,पृष्ठ 254)
मैं डॉ0वलवूर्ड के कथन से सहमत हूं। हम इन ‘‘सामान्य चिन्हों'' को जो इस संसार में घट रहे हैं, देखते हैं। यीषु ने ये चिन्ह मत्ती 24:4-14 में इस प्रकार दिये हैःं
1- झूठे मसीह उठ खडे होंगे, 24:5 । मैं मानता हूं कि यह मुख्यतः उन ष्ौतानों के लिये कहा गया है जो मसीह के समान दिखाई देंगे। पद 24 में यीषु ने कहा, ‘‘झूठे मसीह और झूठे भविष्यवक्ता मेरा ऐसा मानना है कि ये ष्ौतानी रूप धारण किये हुए मसीह होंगे, जैसे मार्मन मसीह, यहोवा विटनेस का मसीह-आत्मा, मसीही विज्ञान का का मसीह , मसीह या ईसा, जो कुरान और इस्लाम में प्रचलित है, प्रोटेस्टैंट उदारवादियों का मसीह और रोमन कैथोलिक का ‘‘क्रिस्टो'' इत्यादि। झूठे भविष्यवक्ता वे षिक्षक हैं जो झूठे मसीह का प्रचार करते हैं! ये सब झूठे, ष्ौतानी लोग होंगे जो यीषु का रूप धारण करते हैं। इन झूठे मसीह का उदय होना अंतिम दिनों का चिंन्हो होगा।
2- युद्ध व युद्ध की अफवाह का फैलना। बीसवी षताब्दी में पहली बार इतिहास में दो विष्व युद्ध हुए। संसार के दूसरे भागो में तबसे युद्व जारी है।
3- अकाल। विष्व में, प्रतिवर्ष, अकाल कई लाखों लोगों को मार रहा है। पिछले 100 वर्षो में कई लोग सिर्फ भूख से ही मर गये। अमेरिका में तो हमारे पास फिर भी पर्याप्त भोजन है। किंतु प्रकाषितवाक्य 6 का ‘‘काला घोडा'' विष्व के उभरते देषों में अकाल की विभीषिका प्रगट करता है।
4- महामारियां। यूनानी भाषा मेें लिखित इस पद को अंत के समय का महत्वपूर्ण चिन्ह प्रगट किया गया हैं। बीमारियों का नया रूप, जैसे एडस विष्व के विकासषील देषों में अनगिनत मौतो का जिम्मेदार है। बहुत से भागों में तो दवाई ही उपलब्ध नहीं है। बर्ड फ्लू व स्वाईन फ्लू, जैसी अन्य बीमारियां विष्व मे भयंकर खतरा पैदा कर रही हैं।
5- भूकंप । जनसंख्या के अचानक बढने के साथ, खतरनाक भूकंप भी आने लगे, जो अधिक से अधिक लोगों की जानें ले रहे हैं। भविष्यवाणी करती है कि मसीह के द्वितीय आगमन के पूर्व भयानक भुईडोल होंगे। इससे विष्व के बडे बडे षहर नष्ट हो जाऐंगे (प्रकाषितवाक्य 16:18-20)
6- षहीद होना व सताव का आना। मसीहियों का सताया जाना, उनका प्राण दिया जाना, भी इस युग का विष्ोष लक्षण होगा। लाखों लोगों ने उनके विष्वास के लिये अपने प्राण दिये हैं यीषु ने यह भविष्यवाणी मत्ती 24:9-10 में कर दी थी।
7- झूठे भविष्यवक्ता। इतिहास में पिछले 100 वर्षों में, इतने झूठे षिक्षक और झूठे धर्म उठ खडे हुए, जिसके अंतर्गत धर्मविज्ञानी उदारवादिता, जो बाईबल का इंकार करती है, षामिल है और जो अधिकतम बडे धर्मविज्ञान विद्यालयों में पढाया जाता है जैसे कि केलिफोर्निया के पासादेना में ऐसी षिक्षा प्रदान की जाती है।
8- बढती हुई अराजकता और मसीही प्रेम का समाप्त होना. ‘‘और अधर्म के बढने से बहुतों का (अगापे) प्रेम ठंडा हो जाएगा।'' (मत्ती 24:12)
(देखें जान. एफ वलवूर्ड, संदर्भ, पृष्ठ 354-356)
मत्ती 24:12 में ‘‘अधर्म'' षब्द का यूनानी में अनुवाद होता है ‘‘अराजकता'' इसके लिये यूनानी षब्द ‘‘एनोमिया'' प्रयुक्त होता है। यह उन ‘‘मसीहियों'' के लिये उपयोग में लाया जाता है जो अराजकता वाला जीवन व्यतीत करते हैं। इसके लिये अंग्रेजी षब्द एंटीनोमियनढध्ंझढध्ंझ है। अतः यीषु ने अंतिम दिनों में चर्च के लिये यह भविष्यवाणी की थी कि चर्च संसारी व अराजक लोगों से भर जायेगा। कुछ बहुत ही निकृष्ट लोगों को जिन्हें मैं जानता हूं जो स्वयं को मसीही कहते हैं वे बेहद अराजक पाये जाते हैं। वर्तमान में कलीसिया ऐसे ही लोगों से भरी हुई है। मैं तो उनके ऊपर पूरी एक पुस्तक लिख सकता हूं कि किस तरह वे दुष्टतापूर्वक मुझ पर प्रहार करते हैं। षायद मैं किसी दिन लिखूंगा। कभी कभी तो मैं उनके निकृष्ट व्यवहार से इतना निराष हो जाता हूं कि ऐसा लगता है कि सेवकाई छोड दूं। कभी कभी तो वे इतने अधर्मी बन जाते हैं कि मुझे वास्तव में चर्च छोडने के लिये उकसाते हैं। और ऐसा ही प्रभाव उनका दूसरे मसीही भाई बहन पर भी पडता है। उनमें से कुछ ऐसे मसीही निकृष्ट लोगों को मैंंने जाना है जो कहते हैं कि वे नया जन्म पाये हुए हैं! ऐसे लोगों की बढती अराजकता के कारण वास्तविक मसीहियों का सच्चा ‘‘अगापे'' प्रेम ठंडा हो जाएगा! मसीह ने मत्ती 24:12 में बहुतों का प्रेम ठंडा हो जाएगा, इसी विषय पर कहा है। डॉ0 मैगी ने कहा था, ‘‘जब अधर्म बढता है, तब कईयों का मसीही प्रेम भी क्षीण पड जाएगा, और यह युग की समाप्ति पर अधिक सत्य सिद्ध होगा'' (जे0वर्नान मैगी,टी.एच.डी.,थ्रू दि बाईबल,थॉमस नेल्सन पब्लिषर्स,1983,वॉल्यूम 5,पृष्ठ 127;मत्ती 24:12 पर अध्ययन)
चाईनीज बैपटिस्ट चर्च में 23 वर्षो तक डॉ0तिमोथी लिन पास्टर रहे। चर्च में अंंतिम दिनों में क्या होगा, इस विषय पर डॉ0लिन ने कहा था, ‘‘आजकल ‘एक दूसरे से प्रेम रखो' चर्च में एक यंत्रवत नारा बन कर रह गया है, जिसे चर्च दोहराता रहता है लेकिन चिंता किसी भी भाई या बहन की बहुत कम करता है.......जब एक चर्च इस बात की महत्ता नहीं समझता है और प्रेम का अर्थ नहीं समझता..तो परमेष्वर के लिये यह असंभव हो जाता है कि वह उसके साथ उपस्थित रहे'' (तिमोथी लिन,पी.एच.डी.;दि सीक्रेट अॉफ चर्च ग्रोथ,एफबीसी,1992, पृष्ठ 33)
‘‘परन्तु जो अंत तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा'' (मत्ती 24:13)
जो वास्तविक नया जन्म पाया हुआ जन है वह ही ‘‘झूठे भाइयों जो चोरी से घुस आए थे'' की क्रूर व विरोधात्मक आत्मा के साथ खडे रह सकता है (गलतियों 2:4)। अंत के दिनों में ये सांसारिक कलीसिया बहुत तकलीफदायक सिद्ध हो रही है। बाईबल ऐसे लोगों का वर्णन करती है।
1. प्रथम, कई चर्च के सदस्यों का अंत के दिनों में भी नया जन्म नहीं हुआ है।
2तिमुथियुस 3:1-7 अंतिम समय के खोए हुए चर्च के सदस्यों का विवरण देता है। कृपया इसे खोल कर पढियेगा। डॉ0जॉन मेकआर्थर मसीह के लहू के विषय में गलत षिक्षा देते हैं, किंतु वह इस बात में सही ठहरे जब उन्होंने इस उद्धरण में कहा, ‘‘यह समस्त मानव जाति के लिये नहीं है या बिना जन्में लोगों के लिये भी नहीं है किंतु उन सदस्यों के लिये है जो .........मसीह की कलीसिया के सदस्य है'' (जॉन मैकआर्थर, डी.डी., दि मैकआर्थर न्यू टेस्टामेंट कमेंटरी 2तिमुथियुस,मूडी प्रेस,1995,पृष्ठ 108) डॉ0 मैगी का कथन था कि यह उद्धरण ‘‘अंतिम दिनों के चर्च'' की ओर इषारा करता है (मैगी, वॉल्यूम 5, पृष्ठ 469) उसने कहा ‘‘हमारे पास उन्नीस विभिन्न प्रकार के वर्णन हैं जो अगली कुछ आयतों में दिये गए हैं। यह एक बडी भददी पौध है, किंतु हम उनकी ओर.....इसलिये देखना चाहते हैं ताकि अंतिम दिनों की तस्वीर सामने आ सके......मैं विष्वास करता हूं कि अब हम ‘‘संकटपूर्ण'' दिनों से होकर गुजर रहे हैं जिनका वर्णन इस भाग में किया गया है'' (मैगी,पृष्ठ 469,470) चर्च के अधिकांष सदस्यों के नये जन्म नहीं पाने का मूल कारण सेवक और उनकी सेवकाई है जो चार्ल्स जी.फिने (1792-1875) जैसे सेवक के समान है। लोगों से बिना उनके उद्धार की गवाही प्राप्त किये उन्हे चर्च का सदस्य बना लिया जाता हैं यही बिना जन्में चर्च के सदस्यों का वर्णन 2तिमुथियुस 3:2-4 में दिया हुआ है।
1- ‘‘स्वयं से प्रेम रखने वाले''। डॉ0 मैगी इन्हे संबोधित करते है आप इन्हें स्वयं से प्रेम रखने वाले समझ सकते हैं। (संदर्भ)
2- ‘‘लोभी''। पैसो के प्रेमी। डॉ0 मैगी ने कहा, ‘‘पैसों के लोभीपन के पीछे स्वयं के प्रति प्रेम छिपा हुआ है। यह पुराना मनुष्यत्व स्वयं पर बहुत पैसा खर्च करना चाहता हैं।
3- ‘‘डींगमार''।
4- ‘‘घमंडी''
।5- ‘‘निंदा करने वाले''। इसके लिये यूनानी षब्द‘‘रेलर्स'' है। येे लोग हैं जो दूसरे के अडाते हैं'' (मैगी, पृष्ठ) वे चर्च में दूसरे वे बुराई करने में पीछे नहीं हटते। यह उनका मूल विचार होता है।
6- ‘‘माता पिता के प्रति अनाज्ञाकारी''। वे जवान लोग जो माता से पिता से विद्रोह करते हैं, डॉ0 मेक आर्थर का कथन है कि उन्ह किसी का भी विरोध करने का कोई पछतावा नहीं होता है''। (प 114)। वे चर्च में भी बडी खलबली और उलझनें पैदा करते हैं।
7- ‘‘कृतघ्न''। एक व्यक्ति को मुफ्त सेमनरी की षिक्षा प्रदान की गई, और उसकी पत्नी को कॉलेज की उपाधि किसी चर्च द्वारा खर्चा वहन करने पर प्राप्त हुई। जैसे ही दोनों को मुफ्त उपाधियां मिली, उन्होने उस चर्च को ही तोडने का कार्य आरंभ कर दिया! यह एक सच्ची कहानी है। डॉ0 मैगी ने कहा ‘‘कई लोग दूसरों की दया के प्रति बिल्कुल कृतघ्न रहते हैं''
8- ‘‘अपवित्र''।
9- ‘‘बिना स्वाभाविक प्रेम के''। इसका अर्थ यह है कि उन्हें अपने परिवार व चर्च से कोई लगाव नही होता।
10- ‘‘संधि तोडने वाले''। ये वे लोग हैं जो दूसरों को भी क्षमा नहीं करते व स्वयं भी क्षमा से वंचित रहते हैं। आप उनसे मित्रता रख ही नहीं सकते हैं। वे कभी अपना वायदा नहीं निभाते। उन्हें स्वयं पता नहीं केवल अपनी खबर के।
11- ‘‘झूठे दोष लगाने वाले''। वे तो सिर्फ इसमें रूचि रखते हैं कि दूसरे नके लिये क्या कर सकते हैं, क्योंकि वे इतने ही आत्मकेंदित होते हैं।
12- ‘‘संधि तोडने वाले''। ये वे लोग है जो दूसरों को भी क्षमा या नहीं करते और स्वयं भी क्षमा प्राप्त नहीं करना चाहते। आप उनसे मित्रता रख ही नहीं सकते हैं। वे कभी अपना वादा नही निभाते। उन्हें स्वयं पता नहीं केवल अपनी प्रषंसा के।
13- ‘‘असंयमी'' ये वे लोग हैं जिनका उनके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं होता।
14- ‘‘आक्रामक'' अर्थात असभ्य। हमने चर्च में बेहद असभ्य लोगों को देखा है।
15- ‘‘भले लोगों की उपेक्षा करने वाले'' ऐसे लोग ‘‘अच्छे लोगों'' का तिरस्कार करते हैं। उन्हें समझ तो है कि अच्छा या बुरा क्या है किन्तु उनकी फितरत ही यही है कि वे अच्छी बातों से घृणा करते हैं-और जो लोग अच्छे होते हैं उनसे भी विद्वेष रखते हैं, जैसे कैन ने हाबिल से - घृणा की और उसे मार डाला। चर्च में कैन के समान लोगों की भी कमी नहीं है।
16- ‘‘धोखेबाज'' ये वे लोग हैं जिनका कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। वे तो अपने ही परिवार व चर्च के मित्रों को धोखा दे सकते हैं।
17- ‘‘उतावले'' जिन्हें अविवेकी भी कहा जा सकता हैं। ‘‘घमंडी'' जो घमंड से अंधे हुए जा रहे हैं।
18- ‘‘परमेष्वर के बजाय आमोद प्रमोद को ढूंढने वाले'' यह सब कुछ प्रगट कर देता है! चर्च के वे सदस्य जो रविवार की संध्या की आराधना, या सप्ताह की मध्य प्रार्थना सभा सिर्फ इसलिये नहीं जाना चाहते क्योंकि ‘‘वे परमेष्वर के बजाय वे परमेष्वर के बजाय आमोद प्रमोद को चाहने वाले लोग हैंं। (संदर्भ)
मैंने आपके सामने अंत के दिनों के खोए हुए, बिना नया जन्म पाए व बिना उद्धार प्राप्त किये लोगों के लक्षणों को रखा। यह (2तिमुथियुस3:5) की अगली आयतों 19 से भी स्पष्ट है।
19- ‘‘वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की षक्ति को नही मानेंगे; ऐसों से परे रहना (2तिमुथियुस 3:5)
ये वे सदस्य हैं जो मसीहत का बाहरी आवरण ओढे हुए हैं - किंतु मसीह की बचाने वाली सामर्थ का अभी उन्होंने अनुभव नहीं किया है। वे नये जन्में हुए नहीं हैं। वे सच्चे मसीही नहीं हैं। वे कितना भी बाईबल से पदों का उदाहरण दे दें, भले ही उन्हें आयतें रटी हुई हो, उनके साथ केवल एक ही तरीके से पेष आये, ‘‘उनसे परे रहें।'' यह क्रिया ‘‘परे रहना'' यह मध्य क्रियात्मक षब्द है। अर्थात ‘‘अपने आप को तैयार रखो'' कि इनसे दूर ही रहो। चाहे वे कितने भी सभ्य हो, या कितना ही मीठा बोलते हो, ‘‘अपने आप को तैयार रखो'' कि उनसे दूर रहो, जितना हो सके उतना दूर रहो! इसी संदर्भ में प्रेरित पौलुस कहता है,
‘‘अब हे भाइयों, मैं तुम से विनती करता हूं कि जो लोग उस षिक्षा के विपरीत जो तुमने पाई है, फूट पडने और ठोकर खाने के कारण होते है उन्हे ताड लिया करो; और उनसेण् दूर रहो। क्योकि ऐसे लोग हमारे प्रभु मसीह की नहीं परन्तु अपने पेट की सेवा है; और चिकनी चुपडी बातों से सीधे साधे मन के लोगों को बहका देते हैं'' (रोमियों 16:17-18)
मैथ्यू हैनरी ने अपनी व्याख्या में कहा है, ‘‘उनके साथ मिलना जुलना भी मत रखो, वे तुम्हें खराब कर देंगे।'' यह एक बडी कडवी दवाई है, किंतु यह एक सच्चे मसीही को उलझन व नष्ट होने से बचा लेती है।
2. दूसरा, अंतिम दिनों में कुछ प्रचारक आत्माओं को जीतने के बजाय ‘‘भेडों को चुरा रहे हैं।''
तिमुथियुस 3:6-7 में प्रेरित पौलुस कहते हैं,
‘‘इन्ही में से वे लोग है, जो घरों में दबे पांव घुस आते है और उन छिछोरी स्त्रियों को वष में कर लेते हैं, जो पापों से दबी और हर प्रकार की अभिलाषाओं के वष में है। और सदा सीखती तो रहती है पर सत्य की पहचान तक कभी नहीं पहुंचती।'' (2तिमुथियुस 3:6-7)
यह उन पास्टर्स व षिक्षकों के लिये है जो चुपचाप से कमजोर स्त्रियों के हृदय में अपनी जगह बना लेते हैं और उन्हें अपने चर्च में अथवा बाईबल अध्ययन के लिये फुसला लेते हैं। वे प्रायः ऐसी महिलाओं को अपने वष में कर लेते हैं, किंतु वे ऐसा कमजोर पुरूषों के साथ भी कर सकते हैं क्योंकि ऐसे पुरूष जिनकी पत्नियां दूसरे ‘‘भेड चुराने'' वाले के वष में हो चुकी हो, उन को भी अपने चंगुल में फंसाना आसान है। डॉ0मैगी का कथन है,‘‘मूर्ख स्त्रियां'' अर्थात दोनों लिंगो में कमजोर कहलायी जाने वाली स्त्रियां भी व ऐसे ही पुरूष भी'' (संदर्भ, पृष्ठ 471)
भेड चुराने वाले, बेषक, आपको पता भी नहीं चलने देंगे कि, ‘‘मैं भेड चुराने वाला हूं। मैं यहां इसलिये आया हूं कि आप इस चर्च को छोडकर मेरे चर्च में सदस्यता ले लो।'' एक बहुत ही नामी गिरामी भेड चुराने वाले ने मुझसे थोडे समय पहले कहा, ‘‘मैं भेड चुराने वाला नहीं हूं।'' जबकि यह व्यक्ति एक बडा निपुण भेड चुराने वाला है, और फोन पर वह मुझे अपनी सफाई दे रहा था। ऐसे लोग मेरे विचार से स्वयं को धोखा देते हैं, वे स्वयं अपनी पापी दषा का सामना करने से डरते हैं। वे ‘‘धोखा दे रहे होते हैं, और धोखा खाते भी हैं'' (2तिमुथियुस 3:13)
वे अधिकतर षिकायत करने वाली भेड से उसके चर्च के बारे में बात करते हैं। अगर वे देखते हैं कि भेड को उसके चर्च से कोई षिकायत नहीं है तो वे उसे अकेला छोड देते है। किंतु अगर भेड को अपने चर्च से षिकायत हुई, तो वे बहुत मीठी व फुसलाने वाली आवाज में उससे कुछ पष्न पूछते हुए बरगलाने का काम करने लगेंगे। अगर उस व्यक्ति ने अपने पास्टर के विरोध में बोलना आरंभ कर दिया तो, इन भेड चोरों को मौका मिल जाता है, और वे पूरे समय अपनी छवि एक निहायत दयालू व समझदार मित्र की बनाने लगते हैं। आखिरकार वे उस भेड को समझाने में सफल हो जाते हैं और उसे अपने चर्च में आने के लिये तैयार करवा लेते हैं। आप मानो या न मानो, ऐसे कई प्रचारक ऐसा करने के द्वारा ही अपना भविष्य बना रहे हैं। उनके चर्च के ऐसे कई सदस्य हैं जो फुसला कर वष में करके लाये गये हैं। अभी हाल ही में एक प्रचारक ने अलाबामा के एक छोटे षहर के विषय में बताया जिसमें 66 बैपटिस्ट चर्चेस हैं। उसका कहना था कि लोग बहक कर एक भेड चुराने वाले के यहां से दूसरी भेड चुराने वाले के यहां भटकता रहा है। कहने की जरूरत नहीं है, कि उस ष्षहर के लोगों का आत्मिक स्तर बेहद निम्न है, ष्षायद ही वहां किसी का नया जन्म हुआ हो। क्यों? क्योंकि ऐसे लोग
‘‘और सदा सीखती तो रहती है पर सत्य की पहचान तक कभी नहीं पहुंचती।'' (2तिमोथियुस 3:6-7)
भेड चुराने के काम को रोकने का एक ही तरीका है कि दूसरे चर्च के सदस्यों को उनके पूर्व चर्च के ‘‘स्थानांतरण पत्र'' के बिना अपने यहां सदस्यता नहीं देवें। सदस्यों को स्वयं के ‘‘अभिप्रमाणित कथन'' पर सदस्यता न दें। ये सब प्राचीच स्तर की बैपटिस्ट धरोहर है जो आज के भेड चुराने वालों ने इसका उल्लंघन करना षुरू कर दिया है।
मैं नहीं चाहता था कि इस संदेष का प्रचार करूं, किंतु डॉ0 कैगन ने मुझसे कहा कि इस संदेष की आवष्यकता है, और मैं सोचता हूं कि वह सही है। यह एक लगातार चलते रहने वाली समस्या है और अंत समय में कुछ ही पास्टर्स जानेंगे कि इस संसार में लोगों को कैसे जीता जाये व चेला बनाया जाए। हमने देखा है, इन भेड चुराने वालों ने किस तरह षिकायती मसीहियों को उनके चंगुल में फंसाकर उन्हे उनका चर्च छोडने के लिये मजबूर किया और अपने साथ मिला लिया। क्या मैं बहुत गंभीरतापूर्वक आपको कह सकता हूं - मैं इस प्रकार की सेवकाई को तुच्छ जानता हूं। भेड चोर प्रचारक 19 सदी के कब्र के लुटेरों के समान हैं। वे मरे हुए षरीरों को भी खोद लेते थे और उन्हें चीर फाड के लिये मेडीकल स्कूलों में बेच देते थे। मेरे दृष्टिकोण में भेड चुराने वाले कब्र चोरों से कम नहीं है!
चूंकि मैं अब यह संदेष समाप्त कर रहा हूं, क्या मैं आपको यह कह सकता हूं कि चाहे हमारे चर्चेस अंत समय में कितने ही बुरे क्यों न हो गये हों, यीषु मसीह स्वयं हमारे पापों को क्षमा करने के लिये तैयार है। उसने अपना लहू बहाया और क्रूस पर अपने प्राण दिये ताकि हमारी आत्मा बचायी जाए। वह परमेष्वर पिता के दाहिनी ओर हमारे लिये विनती कर रहा है। मेरी प्रार्थना है कि आप उसे ढूंढे और वह आपको अवष्य मिलेगा। क्योंकि उसने कहा है,
‘‘ तुम मुझे ढूंढोगे और मुझे पाओगे भी; क्योकि तुम क्योकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे। ( यिर्मयाह 29:13)
आमीन
(संदेश का अंत)
आप डॉ0हिमर्स के संदेश प्रत्येक सप्ताह इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं क्लिक करें
www.realconversion.com अथवा
www.rlhsermons.com
क्लिक करें ‘‘हस्तलिखित संदेश पर।
आप डॉ0हिमर्स को अंग्रेजी में ई-मेल भी भेज सकते हैं - rlhymersjr@sbcglobal.net
अथवा आप उन्हें इस पते पर पत्र डाल सकते हैं पी. ओ.बॉक्स 15308,लॉस ऐंजेल्स,केलीफोर्निया 90015
या उन्हें दूरभाष कर सकते हैं (818)352-0452
ये संदेश कॉपी राईट नहीं है। आप उन्हें िबना डॉ0हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते
हैं। यद्यपि, डॉ0हिमर्स के समस्त वीडियो संदेश कॉपीराइट हैं एवं केवल अनुमति लेकर
ही उपयोग में लाये जा सकते हैं।
रूपरेखा खोए हुए चर्च के सदस्य और भेडों को चुराने वाले प्रचारक द्वारा डॉ0आर.एल.हिमर्स,जूनियर “जब यीषु मन्दिर से निकलकर जा रहा था : तो उसके चेले उस को मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उस ने उन से कहा, क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं, ,यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, , जो ढाया न जाएगा। और जब वह जैतून पहाड पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हमसे कह कि ये बातें कब होंगी और और तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?'' (मत्ती 24:1-3) (लूका 21:24; मत्ती 24:24, 12, 13; गलतियों 2:4) 1- प्रथम, कई चर्च के सदस्यों का अंत के दिनों में भी नया जन्म नहीं हुआ है। 2 तिमुथियुस 3:1-5; रोमियों 16:17-18 2- दूसरा, अंतिम दिनों में कुछ प्रचारक आत्माओं को जीतने के बजाय भेडों को चुरा रहे हैं तिमुथियस 3:6-7, 13, यिर्मयाह 29:13 |