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कलीसिया क्यों ऊँगते और थंडे है(अंत के दिनों के कलीसिया - भाग ।) डॉ. आर. एल. हायमर्स, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की ‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)। |
दानिय्येल के बारहवें पाठ में संसार के अंत के बारे में बहुत सी भविश्यवाणी दी है। पद एक में हम पढ़ते है बड़े क्लेष के समय के बारे में। पद दो में हमें कहा गया है सच्चे मसीहीयों के आनन्द, और षापित के पुनरूत्थान के बारे में। पद चार में संसार भर में सफर की भविश्यवाणी की गई है ‘‘अंत के समय'' में। पद पांच से सात में हमें कहा गया हैं क्लेष के समय के अंतिम साढे तीन वर्शों के बारे में। परंतु पद आठ और नौ भी बहुत रूचिकर है। उनकी ओर देखो। भविश्यवक्ता ने कहा,
‘‘यह बात मैं सुनता तो था, परंतु कुछ न समझा : तब मैं ने कहा, हे मेरे प्रभु, इन बातों का अन्तफल क्या होगा? [इन सब का परिणाम क्या होगा?] और उसने कहा, हे दानिय्येल : चला जा, क्योंकि ये बातें अन्तसमय के लिये बन्द है और इन पर [मुहर] दी हुई है'' (दानिय्येल 12:8,9)।
मेहरबानी, करके ऊपर देखिए।
चाहे दानिय्येल यह आनेवाली घटनाओं के गवाह थे, वे समझे नहीं इन सबका क्या अर्थ है। प्रभु ने उसे स्मरण कराया कि यह चीजें होंगी अन्त के समय में, परंतु वे तब तक मुहर की होगी। फिर, ‘‘अंत के समय'' में - ‘‘ज्ञान बढ़ जाएगा'' (दानिय्येल 12:4)। डॉ. जे. वेरनोन मेकगी ने कहा, ‘‘मैं मानता हूँ वह संदर्भ करता है भविश्यवाणी के ज्ञान को'' (थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन, 1982, भाग ॥।, पृश्ठ. 605; दानिय्येल 12:4 पर टीप्पणी)।
मैं सोचता हूँ डॉ. मेकगी मूलरूप् में सही थे। बाइबल की भविश्यवाणी का ज्ञान हकीकत में पवित्रआत्मा द्वारा ज्यादा प्रकाषित नहीं किया गया था उन्निसवीं सदी के उत्तारार्थ तक। जैसे परमेष्वर ने दानिय्येल को कहा, ‘‘बातें अन्त समय के लिये बन्द हैं और इन पर मुहर दी हुई है'' (दानिय्येल 12:9)। बाइबल की भविश्यवाणी पर प्रचार करना एकदम मषहूर था स्थितिपालक मसीहीयों के बीच बीसवीं सदी के अधिकतम समय के लिये, जैसे हम अन्तसमय में आगे बढ़े। परंतु यह भी, बहुत रोचकता से, बाइबल भविश्यवाणी का अभ्यास 1980 में लोक व्यवहार से बाहर होना षुरू हुआ। आज हमारे कलीसियाओं में भविश्यवाणी पर धार्मिक प्रवचन मुष्किल से कोई सुनता है। मैं मानता हूँ कि वह दोनों घटनाएँ दानिय्येल के बारहवें पाठ में दी गई है। दानिय्येल को कहा गया था कि बाइबल की भविश्यवाणी का ज्ञान ‘‘अन्त समय में'' बढ़ेगा। परंतु फिर उसे कहा गया था,
‘‘... दुश्ट लोग दुश्टता ही करते रहेंगेः और दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परंतु जो बुद्धिमान हैं वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
डॉ. मेकगीने यह समालोचना दी,
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा'' संदर्भ करता है षारीरिक आदमी का। ‘‘परन्तु षारीरिक मनुश्य परमेष्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करताः क्योंकि वे उसकी दृश्टि में मूर्खता की बातें हैः और न वह उन्हें जान सकता है, क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है'' (1 कुरिन्थियों 2:14)।
‘‘परंतु जो बुद्धिमान हैं वे ही समझेंगे''। ‘‘जब वह, अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा; परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगाः और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा'' (यूहन्ना 16:13)।
(जे. वेरनोन मेकगी, टीएच.डी., ibid)।
वह हमें देता है कारणों में से एक कि वहाँ पर आज हमारे कलीसियाओं में भविश्यवाणी पर कम प्रचार होता हैं। ऐसा है क्योंकि हमारे बहुत से प्रचारक कभी परिवर्तित हुए ही नहीं - इसलिये उनकी आँखें इन सबसे महत्वपूर्ण विशय पर बंद हैं। प्राचीन लोग ज्यादा आध्यात्मिक थे। परंतु मुझे ऐसा लगता है कि बहुत से हमारे युवा प्रचारक इतने षरीर पर मन लगानेवाले है, बहुत से कभी भी पुनःजन्में नहीं। इसलिये हमनें बाइबल भविश्यवाणी पर पिछले करीब पच्चीस या इतने वर्शों से बहुत थोड़े धार्मिक प्रवचन सुने हैं। यह हकीकत में षर्मनाक है। जैसे मेरे साथी डॉ. केगन कहते है, ‘‘बहुत से समय में ये भविश्यवाणीयाँ परिपूर्ण की गई है, युवा प्रचारकों ने लगभग पूरी तरह भविश्यवाणी पर बोलना बंद कर दिया हैं।'' आपने आखरी बार कब पूरा धार्मिक प्रवचन सुना है जो बाइबल की भविश्यवाणी को समर्पित हो? डॉ. क्रीसवेल गए है! डॉ. मेकगी गए है! डॉ. एम. आर. डेहान् गए हैं! अब जो सब के बारे में सुनते है भोजन, मृदुभाशी आदमीयों द्वारा दिया हुआ जो लगते है बहुत डरे हुए विरोधाभाश से लोगों को कहने उन्हें जो सुनने की आवष्यकता हैं! बीली ग्रेहाम अब 95 वर्श के वृद्ध है। आप उन्हें भविश्यवाणी पर फिर से प्रचार करते हुए सुनोगे नहीं। मैं बीली ग्रेहाम से ‘‘निर्णायक्ता'' पर असहमत था, परंतु बाइबल भविश्यवाणी पर नहीं। 1965 में उन्होंने बाइबल भविश्यवाणी पर यर्थाथ में दृढ-प्रहार करनेवाली किताब लिखी जिसका षिर्शक था, वर्ल्ड अफ्लेम, जलता हुआ संसार, (डबल डे एन्ड कम्पनी)। किताब में बीली ग्रेहाम ने यह वर्णन दिया अन्त के समयों का,
यीषु ने कहा कि भविश्य की पीढ़ी होगी कुछ निष्चित लक्षणों के साथ संकेत देने की अन्त करीब है। दूसरे षब्दों में, वहाँ पर ‘‘X पीढ़ी'' है कुछ मुद्दे पर ... जहाँ चिन्ह अन्तर्गत [और साथ में आते है] ... वे जिनके मन यीषु मसीह द्वारा बदले गए है, जिनके मन ज्ञान प्रकाषित किए गए थे पवित्र आत्मा द्वारा, वे उस दिन के चिन्ह पढ़ सकेंगे और लोगों के चेतावनी देने जैसे नूह ने किया। आज ऐसा लगता है कि वह चिन्ह हकीकत में अन्तर्गत है [साथ में आ रहे है] पहली बार जब से मसीह ऊपर चढ़े स्वर्ग में (बीली ग्रेहाम, डी.डी., वर्ल्ड अफ्लेम, डबलडे एन्ड कम्पनी, 1965, पृश्ठ. 216)।
अब हम वह चिन्ह हमारे आसपास रोज देखते है। निःसंदेह यह है पीढी X। निःसंदेह यह है ‘‘अन्त का समय''। परंतु हम इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं सुनते हमारे कलीसियाओं में! मैंने वह स्वीकारा है विष्ोश करके आज हमारे बहुत से धर्मषासकों की विशयीवृत्ति के कारण।
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
यहाँ है थोड़े चिन्ह बाइबल में दिये हुए अन्त के समय के कलीसियाओं के विशय में।
।. पहला, बाइबल भविश्यवाणी करता है अन्त-समय में कलीसियाओं की निद्रा का।
आपको समझना चाहिए कि नयी नियमावली देती है दो समकालीन चित्र अंत समय के कलीसियाओं के। दृश्टांत के तौर पर, हमें कहा गया था कि ‘‘अधर्म बढ़ेगा'' मती 24:12 में। और यह स्थिति होगी वही समय की सुसमाचार ‘‘सारे जगत में प्रचार किया जाएगा; कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त का समय आ जाएगा'' (मती 24:14)। प्रकाषितवाक्य की किताब में हम देखते है ‘‘बड़ी वेष्या'' एकत्र किए हुए स्वधर्म-त्यागी कलीसिया की मौजूदगी है उसी समान समय में जैसे क्लेष के समय में बहुत बड़ा पुनःउद्धार, प्रकाषितवाक्य 7:4-17 में।
पिछली रात मैंने सधर्न आफ्रिका में मसीहीता की षीघ्र उड़नेवाली वृद्धि पर बहुत सूचित करनेवाला वीडीयों देखा। (‘‘आफ्रिकन क्रीस्टीयानीटी राइझींगः क्रीस्टीयानीटीस एक्सप्लोसीव ग्रोथ इन आफ्रिका'', ‘‘आफ्रिका की मसीहीता बढ़नाः मसीहीता की षीर्घ उड़नेवाली वृद्धि आफ्रिका में'', जेम्स ओल्ट द्वारा निमिंत - दिग्दर्षीत, पीएच.डी.)। एक काला थियोलोजीयन, वीडीयो में, दिखाया कैसे संसार के उत्तरीय गोलार्ध में मसीहीता क्षय हुई है, जब कि दक्षिणी गोलार्ध में, और चीन में, वहाँ पर धड़ाके से पुनःउद्धार है। इसे स्पश्ट करने का दूसरा तरीका है कि मसीहीता थंडी और मर रही है विकसित संसार में (युरोप, अमरिका, इत्यादि) जब यह है जीवित और विकास हो रहा है उभड़ते हुए तीसरे विष्व राश्ट्रों में। निःसंदेह, वहाँ पर इन में से कुछ कलीसियाओं में झूठी षिक्षा है, परंतु यह सदैव सच है पुनःउद्धार के समयों में।
परंतु इस धार्मिक प्रवचन में हम रोषनी डाल रहे है युरोप और अमरिका पर। और वह महत्वपूर्ण है क्योंकि इतना सारा संसार अभी भी हमें देखता है, और आषा करते है हमें मसीहीता के नमूने होने की - यद्यपि, हकीकत में, हमारे बहुत से सर्वोत्तम कलीसिया भी विष्ोशरूप से डूब रहे हैं; लाओडीसीयन अवस्था। मैंने जाना कि कुछ लोग इसे समझ नहीं सकेंगे क्योंकि, जैसे हमारा पाठ करता है,
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
मसीह का जैतुन के पहाड़ पर (ध ओलीवेट डीसकोर्स) धार्मिक प्रवचन दिया गया था चेलो के प्रष्नों के जवाब देने, ‘‘तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?'' (मती 24:3)। बाकी का मती 24, और पूरा मती 25 मसीह द्वारा दिया गया था उन प्रष्नों का जवाब देने, ‘‘तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?'' फिर मती 25:1-13 में उन्होंने दिया ‘‘बुद्धिमान और मूर्ख कुँवारियों का दृश्टांत''।
मैं समझ गया हूँ कि यह दृश्टांत भविश्यक्ता की रीति से बात करता है हमारे कलीसियाओं की स्थिति से हमारे आधे विष्व में। दस कुँवारियाँ वर्णन करती है कलीसियाओं को। ‘‘उनमें पाँच मूर्ख, और पाँच समझदार थे'' (मती 25:2)। जोन नेल्सन डर्बी (1800-1882) ने कहा कि दस कुँवारियाँ कलीसिया का संदर्भ नहीं करती, परंतु इस्त्राएल के राश्ट्र का करती है। परंतु वे गलत थे। यह दृश्टांत देखा गया कलीसियाओं के संदर्भ में पूर्ण मसीही इतिहास में, वास्तव में सब महान् समालोचक और कलीसिया फाधरों द्वारा भी मसीहीता के प्रारंभ के दिनों में।
अब दृश्टांत हमें हमारे कलीसियाओं के बारे में क्या कहता है? यह कहता है,
‘‘जब दूल्हें के आने में देर हुई, तो वे सब ऊँगने लगी और सो गई'' (मती 25:5)।
डॉ. मेकगी ने कहा, ‘‘ध्यान दो कि दोनों समझदार और मूर्ख कुँवारियाँ सो गई। उनमें फर्क था कि कुछ के पास पवित्र आत्मा थी (तेल द्वारा दर्षायी हुई) और कुछ के पास नहीं - क्योंकि वे सच्चे विष्वासु नहीं थे'' (जे. वेरनोन मेकगी, टीएच.डी., थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1983, भाग IV, पृश्ठ. 135; मती 25:5 पर टीप्पणी)।
इसिलये, डॉ. मेकगी ने कहा आधे बचाए गए आधे खो हुए रहे थे। वही है आज पष्चिम में हमारे कलीसियाओं का सामान्य चित्र। वे मिश्रण है बचाए हुए और खोए लोगों का। परन्तु रूको! मसीह ने कहा,
‘‘वे सब ऊँघने लगी और सो गई'' (मती 25:5)।
वे सब सो रहे है - दोनो बचाए हुए और खोए! वही है जो यह कहता है!
हमारे कलीसियाओं का कैसा वर्णन इन बुरे दिनों में! ध्यान दीजीये यह रात का समय था जब कलीसिया सो रहे थे, ‘‘आधी रात को'' (मती 25:6)। मैं चष्मदीद गवाह रहा हूँ देर रात आनेवाले पुनःउद्धार का। डॉ. टोझर के पास उस पर निबंध है नामक ‘‘आधी रात के बाद जन्मा''। क्यों हमारे कलीसियाओं में आज पुनःउद्धार नहीं? क्या इसका कोई संदर्भ हो सकता है कलीसियाओं की रविवार रात को षाम की सभा बंद करने के साथ? आखरी बडे़ - परिसर का पुनःउद्धार पष्चिमी संसार में षुरू हुआ था लेवीस के द्वीप पर स्कोटलेन्ड के किनारे में, 1949 में - देर रात को! चीन में ‘‘घर कलीसियाओं'' में सदा रात को सभा होती है। वह एक कारण है वे जीवित है पुनःउद्धार के साथ! परंतु हमारे कलीसिया यहाँ पष्चिम में बहुत बार बुधवार रात और रविवार को भी बंद होते है। लीयोनार्ड रेवनहील ने कहा, ‘‘अखण्ड षिक्षा ने ज्यादातर विष्वासुओं को गाढ़ निद्रा में रख दिया है ... अखण्ड धार्मिक प्रवचन क्षतिरहित अंग्रेजी और निर्दोश भाशान्तर अस्वादिश्ट हो सकता है रेत से भरे मुँह की तरह ... हमें आवष्यकता है उग्र बपतिस्मा हुए कलीसिया की ... दैदीय्यमान कलीसिया संसार को आकर्शित करेंगे, ताकि इसके बीच से वे सुनेंगे जीवीत परमेष्वर की आव़ाज'' (लीयोनार्ड रेवनहील, व्हाय रीवाइवल टेरीस, क्यों पुनःउद्धार रूका हुआ है, बेथनी फेलोषीप, 1979, पृश्ठ. 106)।
परंतु वह आज हमारे कलीसियाओं में सच नहीं है।
‘‘जब दूल्हें के आने में देर हुई, तो वे सब ऊँगने लगी और सो गई'' (मती 25:5)।
प्रभु हमें सहाय कीजीये! मसीह हमें कहते है, यहाँ पष्चिम में,
‘‘मैं तेरे कामों को जानता हूँ, कि तू न तो ठंडा है और न गर्म : भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता। इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा में और न गर्म में तुझे अपने मुँह में से उगलने पर हूँ। तू कहता है कि, मैं धनी हूँ, और धनवान हो गया हूँ, और मुझे किसी वस्तु की जरूरत नहीं; और यह नहीं जानता कि तू अभागा, और तुच्छ और, कंगाल, और अंधा, और नंगा है : इसीलिये मैं तुझे सम्मति देता हूँ कि आग में तपा हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि तू धनी हो जाए; और ष्वेत वस्त्र ले, कि पहिनकर, तुझे अपने नंगेपन की लज्जा न हो; और अपनी आँखो में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे'' (प्रकाषितवाक्य 3:15-18)।
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
॥. दूसरा, बाइबल की भविश्यवाणी कहती है मसीही प्रेम की कमी होगी अन्त-समय के कलीसियाओं में।
मसीहने कहा, ‘‘अधर्म के बढ़ने से, [अगापे - मसीही प्रेम] बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा'' (मती 24:12)। वह एक चिन्ह मसीह ने दिया कलीसिया का अन्त के समय में।
मेरे दीर्ध-काल के याजक चीन के कलीसिया में थे डॉ. तीमोथी लीन। डॉ. लीन ने कहा, ‘‘मसीहीयों को एक दूसरे से प्रेम करना ही चाहिए ... हमारे प्रभु में विष्वास करना एकदम आवष्यक है, और एक दूसरे को प्रेम करना भी एकदम आवष्यक है ... प्रभु करे आखरी दिनों के कलीसिया इसके बारे में तीन बार सोचे ... पहले के कलीसिया के पास परमेष्वर की मौजूदगी थी ना सिर्फ इस कारण कि प्रेरितो बुलाये गए थे और प्रभु द्वारा, भेजे गए थे परंतु भाईयों ने भी एक दूसरे से प्रेम किया था'' (तीमोथी लीन, पीएच.डी., ध सीक्रेट अॉफ चर्च ग्रोथ, कलीसिया विकास का रहस्य, एफ सी बी सी, 1992, पृपृश्ठ. 28, 29)। बाइबल कहता है,
‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे हैं, क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।
‘‘क्योंकि अधर्म के [स्वेच्छाचार] बढ़ने से, बहुतों का प्रेम [अगापे - मसीही प्रेम] ठण्डा पड़ [बढ़ेगा] जाएगा'' (मती 24:12)।
ठंडा पड़ने का एक कारण है, हमारे कलीसियाओं में प्रेम की कमी है क्योंकि इतने सारे कलीसिया सदस्य कभी भी उद्धार नहीं गए थे। ‘‘जो अपने भाइयों से प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)। डॉ. मेकगी ने कहा मती 24:12 के लिये, ‘‘जब अधर्म बढ़ता है बहुतों के प्रेम ठण्डे पड़ते है, और यह और भी सच होगा युग के अन्त में'' (ibid., पृश्ठ. 127; मती 24:12 पर टीप्पणी)। डॉ. लीन ने कहा, ‘‘परमेष्वर करे आखरी दिनों के कलीसिया इसके बारे में तीन बार सोचे'' (ibid.)।
कलीसियाओं के द्वार जल्दी से बन्द किए जाते है ज्यादातर सभाओं के बाद। लोगों को थोड़े अवसर दिये जाते है एक दूसरे को जानने के लिये भी, बहुत कम प्रेम एक दूसरे को! इसलिये बहुत से लोग हमारे कलीसियाओं में कभी भी यर्थाथ में परिवर्तित नहीं होते - इसलिये अधर्म (स्वेच्छाचार) बढ़ता है, और सच्चे मसीही भी निरूत्साही बनते है और उनका एक दूसरे के लिये प्रेम खो देते है। और डॉ. लीन ने कहा, ‘‘परमेष्वर करे इन आखरी दिनों के कलीसिया इसके बारे में तीन बार सोचे'' (ibid.)।
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
डॉ. जोन एफ. वाल्वुर्ड, भविश्यवाणी पर बहुत आदरणीय समालोचक, ने कहा वह एक ‘‘युग के अन्त चिन्ह'' है,
बढ़ी हुई दुश्टता और उत्सुक प्रेम का अभाव। यीषु ने कहा कि ‘‘अधर्म के बढ़ने से, बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा'' (मती 24:12)। यह होगा झूठी षिक्षा के दूसरी फसल में [‘‘निर्णायक्ता'' को षामिल करते हुए, जिससे कलीसिया भर गए हैं खोए हुए लोगों से]। यह सब बहुत स्पश्टता से बहुत से लोग जो बहाना करते है मसीह का नाम सांसारिक है और बहुत कम उत्साह है प्रभु के लिये। जैसे प्रकाषितवाकय 3 में लाओडीसीयन का कलीसिया ...
जिसके लिये मसीह ने कहा, ‘‘मैं तुझे अपने मुँह से उगलने पर हूँ'', प्रकाषितवाक्य 3:16 (जोन एफ. वाल्वुर्ड, टीएच.डी., मेजर बाइबल प्रोफसीस, बाइबल की मुख्य भविश्यवाणीयाँ, झोन्डरवान प्रकाषन घर, 1991, पृश्ठ. 256)।
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
हाँ, बहुत से लोग हमारे कलीसिया में इस अन्त-समय में ऊँगते और सो रहे है बजाय रविवार रात और हफ्ते की बाकी षाम को कलीसिया में आने के। उनमें से बहुतों को बहुत थोड़ी संगति और प्रेम है सदस्यों के बीच क्योंकि उन में से बहुत कभी भी यर्थाथ में उद्धार नहीं गए। और मुझे डॉ. लीन को एक बार और कथन करना ही चाहिए। वे इस धार्मिक प्रवचन से पूरी तरह सहमत होते। और वे ना सिर्फ चीनी याजक ही नहीं थे। वे सच्चे विद्वान थे। हमारे कलीसिया में आने से पहले उन्होंने बोब जोन्स विष्वविद्यालय की स्नातक षाला में सेमीटीक भाशाएँ सिखायी। बाद में उन्होंने टेलबोट थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला, और ट्रीनीटी सुसमाचार प्रचार धार्मिक पाठषाला, डीयरफिल्ड, इल्लीनोइस में पढ़ाया। उन्होंने उनकी सेवा अन्त की चायना इवान्जेलीकल धार्मिक पाठषला, ताइपी, ताइवान में अध्यक्ष की तरह, डॉ. जेम्स हडसन टेलर ॥। की अध्यक्षता को अनुकरण करते हुए। चीजों के संदर्भ जो मैं इस धार्मिक प्रवचन में कहता हूँ डॉ. लीन ने कहा, ‘‘प्रभु करे आखरी दिनों के कलीसिया इस के बारे में तीन बार सोचे''।
‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)।
ये आखरी दिन gSA जल्दी आपके लिये बहुत देर हो चुकी होगी उद्धार पाने के लिये। बाइबल वह चेतावनी बार-बार देता है। आपको उद्धार पाने के लिए एकमात्र निष्चित समय है अब। मैं आप से याचना करता हूँ यीषु के पास आने जब वहाँ अभी भी समय है। में आपसे याचना करता हूँ उनको देखने, जो क्रूस पर लटके बड़ी तड़प में, और उनका लहू बहाया आपको पाप से षुद्ध करने। देर मत करो। उनके पास आओ और उनका भरोसा करो, अभी, इस षम!
अगर आपको हमारे साथ बात करनी है यीषु पर भरोसा करने के बारे में, मेहरबानी करके आपकी कुर्सी अभी छोड़ो और इस सभागृह के पीछे जाओ। डॉ. केगन आपको षान्त जगह ले जाएंगे जहाँ हम बात और प्रार्थना कर सकें। अगर आपको सच्चा मसीही बनना पसंद है, मेहरबानी करके अभी सभागृह के पीछे जाओ। डॉ. चान, मेहरबानी करके प्रार्थना करो किसी के लिये यीषु पर भरोसा करने और बचाए जाने इस षाम। आमीन।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान एबल प्रुद्योम्म द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्रः मती 25:1-13।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन कीनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीतः
‘‘मैं इच्छा करता हूँ हम सब तैयार होते'' (लेरी नार्मन द्वारा, 1947-2008)।
:ijs[kk कलीसिया क्यों ऊँगते और थंडे है (अंत के दिनों के कलीसिया - भाग ।) डॉ. आर. एल. हायमर्स, जुनि. द्वारा ‘‘दुश्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे'' (दानिय्येल 12:10)। (दानिय्येल 12:8,9,4; 1 कुरिन्थियों 2:14; यूहन्ना 16:13) ।. पहला, बाइबल भविश्यवाणी करता है अन्त - समय में कलीसियाओं की निद्रा का, मती 24:12,14,3; 25:2,5,6; प्रकाषितवाकय 3:15-18। ॥. दूसरा, बाइबल की भविश्यवाणी कहती है मसीही प्रेम की कमी होगी अन्त-समय के कलीसियाओं में, मती 24:12; 1 यूहन्ना 3:14। |