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लक्ष्य! प्रयोजन! व्यक्ति!THE TARGET! THE OBJECT! THE PERSON! डॉ. आर. एल. हायमर्स, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की ‘‘पवित्रषास्त्र, जो तुझे मसीह यीषु पर विष्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है'' (2 तीमुथियुस 3:15)। |
सामान्य रूप से, हमारे कलीसिया के बहुत से सदस्य इस गर्मियों में छुट्टी पर गए। सामान्य रूप से, जब वे जा चुके थे उन्होंने बाइबल में - विष्वास करनेवाले दूसरे बेपटीस्ट कलीसियाओं में हाजरी दी थी। और, सामान्य रूप से, वे बुरे परिणामों के साथ वापस आए। यह इतना नहीं है कि वे दोशदर्षी है, परंतु वे चिन्तित है। एक युगल ने अपने बच्चों को लेकर पीछे पूर्व में पांच विभिन्न बेपटीस्ट कलीसिया में गए। पत्नी ने मुझे कहा, ‘‘डॉ. हायमर्स, उन प्रचारकों में से एक भी न मसीह के बारे में बोले ना सुसमाचार समझाया।'' मेरा पुत्र और उसकी नयी पत्नी भी दो कलीसिया में गये थे, दूर पष्चिम में। उसने मुझे कहा, ‘‘पिताजी, याजकों ने बाइबल सिखाया जैसे मानो हर एक बचाया गया था। परंतु उन्होंने यीषु या सुसमाचार के बारे में कुछ भी नहीं कहा।'' मेहरबानी करके समझो कि मैं यह दोश ढूँढ़ने के लिए नहीं कहता हूँ। मैं यह कहता हूँ युवा प्रचारकों को उनके धार्मिक प्रवचनों में यीषु के बारे में ज्यादा कहने को प्रोत्साहित करने। वह इस अन्धेरे घंटे की महान् आवष्यकता है - यीषु मसीह और उनकी क्रूस पर की मृत्यु!
हमारे लोग मेरे द्वारा सिखाए गए है दूसरे कलीसियाओं को अतिरिक्त दोशदर्षी नहीं होने। परंतु उन्हें चेतावनी दी गई थी कि यीषु स्वयं को मुष्किल से दर्षाया गया था। वे सिर्फ चिन्तित थे क्योंकि उन्होंने सुसमाचार नहीं सुना - बहुत से उन धार्मिक प्रवचनो के अंत में ‘‘जोड़ा'' भी नहीं गया था! हमारे लोगों में से एक ने मुझे कहा, ‘‘उन याजकों को कैसे पता लगता है कि हर एक बचाया गया है? वहाँ पर दूसरे मुलाकाती भी थे। उन्हें कैसे जानकारी है कि वे मसीही है?'' दूसरे व्यक्ति ने मुझे कहा, ‘‘याजक, मैं आपको यीषु के बारे में प्रचार करते हुए सुनना हकीकत में चुक गया।''
प्रचार करने की मेरी अपनी पद्धति बहुत सरल है - ‘‘मैंने यह ठान लिया था कि तुम्हारे बीच यीषु मसीह वरन् क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूँ'' (1 कुरिन्थियों 2:2)। अब उसका अर्थ यह नहीं है कि मैं दूसरे विशयों को टाल रहा हूँ। कदापि नहीं! द्रश्टांत के तौर पे, आज रात मेरे धार्मिक प्रवचन में मैं बात करूँगा मनोचिक्तिसक फ्रेड और जन्ग के धर्म के मूल के संदर्भ में भिन्न मंतव्यों के बारे में। फिर मैं दूँगा जो बाइबल इस बारे में कहता है। मैं यहूदी लोगों के पुर्नवस्था की प्राप्ति, और अनुग्रह की मान्यता पर भी बोलनेवाला हूँ। परंतु हर चीज़ जो मैं कहता हूँ वह मसीह और क्रूस के मुख्य संदेष की ओर निर्देष करेगा! जैसे प्रेरितो पौलुस इसे कहते है,
‘‘क्रूस की कथा नाष होनेवालों के लिये मूर्खता है; परन्तु हम उद्धार पानेवालों के लिये परमेष्वर की सामर्थ्य है। क्योंकि लिखा है, मैं ज्ञानवानों के ज्ञान को नश्ट करूँगा, और समझदारों की समझ को तुच्छ कर दूँगा। कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा षास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेष्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? क्योंकि जब परमेष्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेष्वर को न जाना, तो परमेष्वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रकार की मूर्खता के द्वारा विष्वास करनेवालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिन्ह चाहते है, और यूनानी ज्ञान की खोज में है, परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं, जो यहूदियों के लिये ठोकर का कारण और अन्यजातियों के लिये मूर्खता है; परन्तु जो बुलाए हुए है, क्या यहूदी क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेष्वर की सामर्थ्य और परमेष्वर का ज्ञान है ... ताकि कोई प्राणी परमेष्वर के सामने घमण्ड न करने पाए। परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीषु में हो, जो परमेष्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा, अर्थात् धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा : ताकि, जैसा लिखा है, वैसा ही हो, जो धमण्ड करे, वह प्रभु में घमण्ड करे'' (1 कुरिन्थियों 1:18-24, 29-31)।
वह हमारे प्रचार की रोषनी है!
‘‘क्योंकि मैंने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीषु मसीह वरन् क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूँ'' (1 कुरिन्थियों 2:2)।
‘‘परन्तु अगर आप वह करते हो, आपके पास होंगे कमज़ोर मसीही'', कोई आधुनिक प्रचारक कहता है! निर्रथक! मैं अपने लोगों को उसके विरूद्ध में रखुँगा किसी भी समय तुलना के लिये! हमारे सारे लोग आते है रविवार सुबह और रविवार षाम को। हम हफ्ते के दौरान तीन मुख्य प्रार्थना सभा रखते है। हर एक उसमें से कम से कम एक में तो हाज़री देते है, और बहुत से एक बार से बार आते हैं। हमारे सब लोग आत्मा-जीतने जाते है। वे सब थोड़ा अंष है। वे सब मसीही जीवन जीने के बारे में उत्सुक है! इसलिये मैं महान् स्पर्जन के साथ कहता हूँ, ‘‘क्या मसीह और उनको क्रूस पर चढ़ाना जीने की चीज या उस पर मरने की चीज नहीं है? ... जब आदमी निराष होता है तब वह कहाँ देखता है? अगर वह मसीही है, वह कहाँ उड़ रहा है? कहाँ हकीकत में यीषु क्रूस पर चढ़ाए गए?'' (सी. एच. स्पर्जन, ‘‘ध मेन ओफ वन सबजेक्ट'' ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1971 में फिर से छंपा हुआ, भाग XXI, पृश्ठ 647)।
स्पर्जन के पास उनके दिन का संसार में सबसे विषाल बेपटीस्ट कलीसिया था। और करीबन उनके सारे धार्मिक प्रवचन सुसमाचार प्रचारित थे - उनके हर एक धार्मिक प्रवचनों ने पापियों को कहा यीषु द्वारा कैसे बचाया जाता है। उनके धार्मिक प्रवचन सदा मसीह-केन्द्रित थे! उनके धार्मिक प्रवचनों ने सदा क्रूस के संदेष को दृढ किया था! मैं प्रभु से आषा करता हूँ हमारे पास आज उस प्रकार के ज्यादा कलीसिया हो! याजक, अगर आपको जानना है हर रविवार मसीह को प्रचार कैसे करे, स्पर्जन को पढ़ो! डॉ. डब्ल्यु. ए. क्रीसवेल, महान् प्रचारक टेक्सास के डल्लास, ने कहा,
वहाँ बड़ा आध्यात्मिक या होमीलेटीकल आषीर्वाद नहीं हो सकता इस वर्तमान पीढ़ी को [स्पर्जन के धार्मिक प्रवचनो] के पुनःप्रकाषन से अधिक। स्पर्जन सारे समय के एक महान् प्रचारक थे, और उनके संदेष हर पीढ़ीयों को अनुरूप है (डब्ल्यु. ए. क्रीसवेल, पीएच.डी., ध मैट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट का बाहरी लिफाफा, पीलग्रीम प्रकाषन, भाग VII, 1986 में फिर से छपा हुआ)।
स्पर्जन के धार्मिक प्रवचनों को ‘‘सारी पीढ़ीयों के अनुरूप'' किसने बनाया? यह उनका निरन्तर प्रभु यीषु मसीह - और उनके क्रूस पर चढ़ाने पर के विष्वास को दृढ करने से था!
यीषु में विष्वास द्वारा उद्धार को भार देना ही चाहिए, और निरन्तर तख्त से दोहराना चाहिए। सिर्फ वही तरीका है स्वस्थ कलीसिया होने का। मसीहीयों को बारबार सुसमाचार सुनने की आवष्यकता हैं, नहीं तो वे हताष और धर्मभ्रश्ट हो जाएँगे। ‘‘यीषु मसीह, और उसे क्रूस पर चढ़ाने'' पर धार्मिक प्रवचन सुनने से ज्यादा कुछ भी मन को उठाने और मसीही की आत्मा को रोमांचक करने नहीं है! और खोए लोगों को आवष्यक्ता है प्रचारित सुसमाचार सुनने, आमतौर पर बहुत बार, वे यर्थाथ में बचाए जाए उससे पहले। मैंने बहुत सेंकड़ो ईसाई मत के धर्मपुस्तक-संबंधी प्रचारक और बेपटीस्ट के साथ बात की थी मेरी पचपन वर्शों की सेवा के दौरान। मैं कईबार चकित होता हूँ कैसे बचाए जाए पर उनकी अज्ञानता से। बहुत कलीसिया सदस्यों को विचार नहीं है कैसे बचाया जाए, और वे जो सामान्यतः करते है उन्हें बहुत से गलत विचार है उनमें डाले हुए।
इसका एक कारण है खोए लोगों का आध्यात्मिक अंधापन। पवित्रषास्त्र कहता है,
‘‘षारीरिक [बिना बचाए हुए] मनुश्य परमेष्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता : क्योंकि वे उसकी दृश्टि में मूर्खता की बातें है, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है'' (1 कुरिन्थियों 2:14)।
इस व्याकुलता के लिये दूसरा कारण है क्योंकि प्रचारक मुक्ति पर रोषनी नहीं डालते। वे सोटेरीयोलोजी (मुक्ति पर षिक्षा) पर प्रमुखत्व नहीं देते। वे इस सारे विशयों में सबसे महत्वपूर्ण से घृणा और उपेक्षा के साथ व्यवहार करते है। वे सुसमाचार को समझाने का बहिश्कार करते है अप्रषिक्षित और अनुभवहीन रविवार षाला के षिक्षक को, जब कि वे स्वयं उनको नियुक्त करते है ‘‘बचाए हुओं'' के षिक्षकों की तरह - चाहे उनमें से बहुत से सोचते है बचाए हुए है हकीकत में खोए हुए होते है फिर भी! मैं जानता हूँ कि हम सभी प्रचारकों को आवष्यक्ता है सुसमाचार को ज्यादा दृढ करने की!
बचानेवाला विष्वास मसीह में प्रचार करने का मुकुट का आभूशण है, हमारी सेवा का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा। मसीह में विष्वास सबसे-महत्वपूर्ण है। यह बहुत सरल विशय है, और तौभी यह बहुत पेंचीला है। मैं आषा करता हूँ कि यह आप में से हर एक को सहाय करेगा यीषु का बचानेवाला विष्वास के इस विशय पर धार्मिक प्रवचन सुनने। और वह हमें हमारे पाठ पर लाता है,
‘‘पवित्रषास्त्र, जो तुझे मसीह यीषु पर विष्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है'' (2 तीमुथियुस 3:15)।
यहाँ प्रेरितो पौलुस तीमुथियुस नाम के एक आदमी को कहते है, और हमें भी, कि पावन पवित्र पवित्रषास्त्र प्रभु द्वारा इस्तेमाल करने लायक है हमें मुक्ति के संदर्भ में सूचित करने - और वह मुक्ति हमारे पास आती है जब हम मसीह यीषु में विष्वास का अभ्यास करते है। बचानेवाले विष्वास का प्रयोजन है मसीह यीषु।
हम आमतौर पर कहते है यीषु या यीषु मसीह, परंतु यहाँ प्रेरितो मसीह पहले रखते है - मसीह यीषु - या ‘‘मसीहा यीषु''। वह विचार है। मैं सोचता हूँ वे पहले षीर्शक लगाते है ‘‘मसीह'' यीषु जो महान् पद पकड़े हुए है उसे दृढ़ करने, जैसे पापियों के राज्याभिश्ोक किए हुए उद्धारक। और, इसलिये, प्रेरितोने कहा हम बचाए गए है ‘‘विष्वास जो मसीह यीषु में है'' उसके द्वारा - बाइबल में विष्वास से नहीं, परंतु मसीह यीषु में विष्वास से। और बाइबल का तात्पर्य है ‘‘हमें बुद्धिमान बनाना'', हमें सूचित करने, ‘‘विष्वास द्वारा जो मसीह यीषु में है'' बचाए जाने को।
‘‘विष्वास'' द्वारा से उनका अर्थ है भरोसा, उनपर श्रद्धा। ग्रीक षब्द अनुवाद किया गया था ‘‘विष्वास'' वह है ‘‘पीस्टीस'' का प्रकार, जिसका अर्थ है ‘‘मसीह पर श्रद्धा'' (स्ट्रोन्ग, क्रमांक 4102)। इसलिये, बचानेवाले भरोसे का प्रयोजन है ‘‘मसीह यीषु''। ‘‘प्रयोजन'' से मेरा अर्थ है लक्ष्य, चीज जिस पर आपको लक्ष्य करना ही चाहिए, ‘‘चीज'' आपको भरोसा और उस पर श्रद्धा रखनी ही चाहिए। और वह ‘‘चीज'', वह लक्ष्य, वह प्रयोजन व्यक्ति है - यीषु मसीह। यीषु सिर्फ एक और प्रयोजन या लक्ष्य, या व्यक्ति है जो हमें बचा सकता है - बाइबल स्वयं नहीं, पवित्र आत्मा नहीं, प्रार्थना नहीं, परंतु यीषु - सिर्फ यीषु! वह सब बाइबल से है। यषायाह में हम सुनते है मसीह को कहते,
‘‘मेरा ओर फिरो और उद्धार पाओ'' (यषायाह 45:22)।
उस पद में ‘‘मेरी'' है अवतार लेने के पहले के यीषु। ‘‘मेरी ओर फिरो'' - यीषु प्रयोजन है आपको विष्वास से देखना ही चाहिए। ‘‘मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ''। वहाँ और कहीं भी मुक्ति नहीं है। यीषु ही सिर्फ प्रयोजन है बचानेवाले विष्वास और भरोसे का। ‘‘मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ''। फिर से, अवतार के पहले के यीषु कहते है,
‘‘तुम मुझे ढूँढ़ोगे और मुझे पाओगे भी, क्योंकि अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे'' (यिर्मयाह 29:13)।
‘‘मुझे''। ‘‘मुझे''। ‘‘मुझे''। ‘‘मुझे ढूँढ़ो''। ‘‘मुझे पाओगे''। ‘‘मुझे खोज़ो''। आप देखो, यीषु प्रयोजन है बचानेवाले विष्वास का! या बहुत प्रचलित नयी नियमावली का पाठ लो,
‘‘प्रभु यीषु मसीह पर विष्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा'' (प्रेरितों 16:31)।
फिर से, प्रभु यीषु मसीह विष्वास करने के लिये है। मसीह बचानेवाले विष्वास का प्रयोजन है। फिर से, यीषु ने कहा,
‘‘हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगों, मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा'' (मती 11:28)।
यीषु आपसे कहते है उनमें विष्वास रखने, ‘‘मेरे पास आओ''। वे बचानेवाले विष्वास का प्रयोजन है। सिर्फ एक और!
‘‘जो उस पर विष्वास करता है उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती'' (यूहन्ना 3:18)।
यह सब बाइबल द्वारा है - जैसे हमारे पाठ में, ‘‘... मसीह यीषु पर विष्वास करने से उद्धार''। प्रयोजन, और एकमात्र प्रयोजन, जो आपको बचा सकता है वह है यीषु। और आप बचाए जा सकते हो सिर्फ विष्वास द्वारा, भरोसे द्वारा, बचानेवाले विष्वास के प्रयोजन में, जो है यीषु मसीह स्वयं।
अब आपको यीषु की आवष्यक्ता क्यों है? क्योंकि वे क्रूस पर मरे आपके पाप का प्रायष्चित करने - और क्योंकि वे मृत्यु से षरीर सहित उठे आपको अनन्त जीवन देने! आपको अपने पाप माफ करा लेने चाहिए नहीं तो आप स्वर्ग में नहीं जा सकोगे। आपको यीषु से अनन्त जीवन मिलना ही चाहिए नहीं तो आप सदा रहनेवाली ज्वाला में नश्ट हो जाओगे! आपके विष्वास का प्रयोजन यीषु मसीह, स्वयं में ही होना चाहिए!
अब वहीं हैं जहाँ सारे धार्मिक विष्वास और झूठे धर्म चूक जाते है। द्रश्टांत के तौर पर लो सेवेन्थ डे एडवेन्टीस्टस। उनका ‘‘बड़ा'' संदेष क्या है? आपको सब्बथ (षनिवार) रखना है प्रभु का दिन (रविवार) नहीं। उनमें से एक यहाँ आया थोड़े समय पहले बहुत ज्यादा पहले नहीं। काय ने मुझे चिट्ठी लिखी और कहा, ‘‘वह बाइबल में हर चीज पर विष्वास करता है''। काय ने सोचा वो महान् था, परंतु मैं बेहतर जानता था। मैंने युवा आदमी से कहा वह हमारे कलीसिया में आ सकता है, परंतु उसे सब्बथ के बारे में दूसरों से बात नहीं करनी चाहिए। थोड़े दिनो बाद उसने डॉ. चान से कहा वह आना जारी नहीं रख सकता, क्योंकि उसे सब्बत के बारे में बात करनी ही थी! वह आपको क्या दिखाता है? यह दिखाता है कि सब्बत उसके विष्वास का मुख्य प्रयोजन है। मुझे उसके सब्बत की पूजा करने पर कोई आपत्ति नहीं, परंतु यह विष्वास का केन्द्रीय प्रयोजन नहीं होना चाहिए। सिर्फ यीषु को पद धारण करना चाहिए। यीषु ने कहा, ‘‘बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता'' (यूहन्ना 14:6)। यीषु उनका पद बचानेवाले विष्वास के प्रयोजन को बाँटेंगे नहीं। यह विष्वास सिर्फ यीषु में ही होना चाहिए!
सिर्फ यीषु, मुझे देखने दो, सिर्फ यीषु, उनके अलावा कोई नहीं बचाता,
फिर मेरा गीत सदा होगा - यीषु! सिर्फ यीषु!
(‘‘सिर्फ यीषु, मुझे देखने दो'' डॉ. ओसवाल्ड जे. स्मीथ द्वारा, 1889-1986)
और आप यहोवा की गवाही के साथ भी वह देख सकते हो। उनके विष्वास का केन्द्रीय प्रयोजन है यहोवा का नाम, यीषु नहीं (चाहे वे उनका नाम इस्तेमाल करते है)। मोर्मोन्स का केन्द्रीय प्रयोजन है मोर्माेन की किताब, यीषु नहीं (चाहे वे उनका नाम इस्तेमाल करते है)। यहाँ है मोर्मोन्स के साथ ‘‘टीप ओफ्फ''। क्या वे मोर्मोन की किताब के बिना यीषु पर भरोसा करेंगे? नहीं! वे नहीं करेंगे! उनके पास मोर्मोन की किताब होनी ही चाहिए। यह दिखाता है कि मोर्मोन की किताब, यीषु नहीं, उनके भरोसे और उनके विष्वास का केन्द्रीय प्रयोजन है! यीषु, और अकेले यीषु, हमारे विष्वास का प्रयोजन होने चाहिए। उस प्रकार प्रेरितो पतरस ने कहा,
‘‘किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं : क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुश्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें'' (प्रेरितो 4:12)।
यीषु प्रयोजन होने ही चाहिए, और एकमात्र प्रयोजन, हमारे विष्वास के। सिर्फ वही रास्ता है बचाए जाने का। जैसे हमारा पाठ इसे रखता है, ‘‘मसीह यीषु पर विष्वास करने से उद्धार'' (2 तीमुथियुस 3:15)।
अब, आपके बारे में क्या? आप क्या विष्वास करने का प्रयत्न कर रहे हो? आप क्या भरोसा करने का प्रयत्न कर रहे हो? आप कहते हो, ‘‘मैं विष्वास करूँगा अगर मैंने यह या वह महसूस कियkA मैं विष्वास करूँगा अगर मेरे पास परिमाण हो कुछ निष्चित भावना से मेरे अन्दर।'' आह, आप उस प्रकार कभी भी बचाए नहीं जाओगे! आपके विष्वास का प्रयोजन भावना है - यीषु स्वयं नहीं! आप षायद आपका बाकी का जीवन भावना के लिए राह देखो - और आपको षायद भावना मिले भी (ष्ौतान या आपके एडमीक स्वभाव से) - परंतु अगर आप उस भावना में रहोगे आप अधोलोक में जाओगे! सिर्फ यीषु आपको बचा सकते है! आपके विष्वास का प्रयोजन यीषु ही होने चाहिए, भावना नहीं! आपको सिर्फ अकेले यीषु पर ही भरोसा करना चाहिए!
सिर्फ यीषु, मुझे देखने दो, सिर्फ यीषु, उनके अलावा कोई नहीं बचाता,
फिर मेरा गीत सदा होगा - यीषु! सिर्फ यीषु!
दूसरा व्यक्ति कहता है, ‘‘हाँ, मैं विष्वास करता हूँ। मैं विष्वास करता हूँ कि यीषु मेरे लिये मरे''। ओह, ओह! षब्द ‘‘वह'' आपके विष्वास का प्रयोजन है - यीषु स्वयं नहीं! आप कहते हो, ‘‘मैं उसपर विष्वास करता हूँ!'' परंतु ‘‘वह'' ने कभी किसी को बचाया नहीं था! ‘‘वह'' मृत है, षुश्क षिक्षा। ‘‘वह'' सेन्डेमानीयानझम है! मैं आष्चर्यचक्ति भी हूँ अगर वहाँ पर ‘‘वह'' नाम का दुश्टात्मा षायद हो। आप कहते हो, ‘‘मैं विष्वास करता हूँ कि यीषु मेरे लिये मरे''। मैं कहता हूँ, ‘‘कि में विष्वास करना बंद करो! यीषु स्वयं में विष्वास करो! षिक्षा पर, या ‘‘वह'' नाम के दुश्टात्मा पर विष्वास करना बंद करो''।
‘‘प्रभु यीषु मसीह पर विष्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा'' (प्रेरितों 16:31)।
मुझे लौटकर आना ही चाहिए और फिर से कहना चाहिए, कि धर्म की उपासना करनेवाले कभी भी मसीह पर रोषनी नहीं डालते, और उस पर की उन्होंने क्रूस पर क्या किया! नास्तिक कभी भी खास तौर पर यीषु मसीह स्वयं पर और उन्होंने क्रूस पर पाप का दण्ड चुकाकर क्या किया उस पर रोषनी नहीं डालते। झूठे धर्म कभी भी वैसा नहीं करते। वे पूर्वीय धर्मो की भावना पर रोषनी डालते है। वे रोषनी डालते है कुछ ऊपरी षिक्षा पष्चिमी धर्म उपासना में। वे कभी भी उनका भरोसा नहीं रखते विष्ोश करके हमारे पाप के लिये यीषु मसीह और उनके क्रूस पर चढ़ने पर।
ओह, नास्तिकता से दूर हटो! विष्वास और भरोसा करो सिर्फ यीषु मसीह और उनके क्रूस पर चढ़ाने पर! भावनाएँ और भ्रमित षिक्षाओं से दूर रहो ‘‘मसीह यीषु पर विष्वास करने से उद्धार [है]'' (2 तीमुथियुस 3:15)।
सिर्फ यीषु, मुझे देखने दो, सिर्फ यीषु, उनके अलावा कोई नहीं बचाता,
फिर मेरा गीत सदा होगा - यीषु! सिर्फ यीषु!
भावना के लिए देखना बंद करो! यीषु मसीह और उनके क्रूस पर चढ़ाने को देखो! उन्हें देखो स्वर्ग में पितामह के दाहिने हाथ पर! भावनाओं और आवेग से दूर रहो! मसीह और उनके क्रूस पर चढ़ाने को देखो! ‘‘वह'' आपको बचा सकता है उसे मानना बंद करो। ‘‘वह'' ने कभी भी किसी को नहीं बचाया। ‘‘वह'' से दूर रहो। ‘‘प्रभु यीषु मसीह पर विष्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा'' (यषायाह 45:22)। वे वहाँ है आपके लिये। उन्हें देखो। उनके पास आओ। उनमें विष्वास करो! उनपर भरोसा करो!
मैं सुन रहा हूँ आपका स्वागत स्वर,
वह मुझे पुकारता है, प्रभु, आपके पास
आपके बहुमूल्य लहू में षुद्ध होने
जो काल्वरी पर बहा था।
मैं आ रहा हूँ, प्रभु! अभी आ रहा हूँ आपके पास!
मुझे धोओ, मुझे लहू में षुद्ध करो
जो काल्वरी पर बहा था।
चाहे आना कमजोर और दुश्ट है,
आपने मेरी हिम्मत निष्चित की;
आपने मेरी दुश्टता पूरी तरह से षुद्ध की,
सब दागरहित और पवित्र होने तक।
मैं आ रहा हूँ, प्रभु! अभी आ रहा हूँ आपके पास!
मुझे धोओ, मुझे लहू में षुद्ध करो
जो काल्वरी पर बहा था।
(‘‘मैं आ रहा हूँ, प्रभु'' लेवीस हार्टसाफ द्वारा, 1828-1919)।
अगर आप यीषु स्वयं पर भरोसा करने तैयार हो, अभी आपकी बैठक छोड़ो और सभागृह के पीछे जाओ। डॉ. केगन आपको पूछताछ कक्ष तक ले जाएँगे। अभी जाओ। डॉ. चान, मेहरबानी करके यीषु मसीह स्वयं पर भरोसा करने किसी के लिये प्रार्थना कीजिये। आमीन।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान एबल प्रुद्योम्म द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्रः यूहन्ना 3:16-18।
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‘‘मैं आ रहा हूँ, प्रभु'' (लेवीस हार्टसाफ द्वारा, 1828-1919)।