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नूह का उपदेषTHE PREACHING OF NOAH डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 13 जनवरी, 2013 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन ‘‘और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा वरन् भक्तिहीन संसार पर महाजल-प्रलय भेजा, पर धर्म के प्रचारक समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया'' (2 पतरस 2:5)। |
यह पाठ वाक्य खण्ड है। ये होना ही चाहिए, क्योंकि पद चार से नौ तक एक एक वाक्य ही है। यह नयी नियमावली के लंबे वाक्यों में से एक है। पाठ षुरू होता है झूठी भविश्यवेता के वर्णन से। फिर प्रेरितो बात करते है इस नास्तिकता के नरक-यातना की। यह अनुसरण होता है भूतकाल में हुए पाप के लिये प्रभु के न्याय के तीन द्रश्टांतो द्वारा। पहला, स्वर्गदूतो का न्याय जिसने पाप किया था। दूसरा, नूह के समय में मानव जाति का न्याय। तीसरा, सदोम (Sodom) और अमोरा (Gomorrha) के षहरों का न्याय। इस भाग का अन्त होता है ये तीन द्रश्टांत कहते हुए, वो दिखाता है कि प्रभु जानते है ‘‘भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दण्ड की दषा में रखना'' (2 पतरस 2:9)। न्याय का दूसरा द्रश्टांत मेरे आज रात के धार्मिक प्रवचन का विशय है। हमें कहा गया है कि प्रभु
‘‘और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा वरन् भक्तिहीन संसार पर महाजल-प्रलय भेजा, पर धर्म के प्रचारक समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया'' (2 पतरस 2:5)।
हम षायद इस पाठ को तीन हिस्सों में बांटे : प्रेक्षक, प्रचारक और न्याय।
1. पहला, प्रेक्षक।
हम प्रचारक नूह की ओर फिरे उससे पहले, हमें उनके प्रक्षको के बारे में सोचने की आवष्यकता है - लोग जिनको उन्होने प्रचार किया था। हमारे पाठ में उन्हें कहा गया है ‘‘पुराना युग'', लोग जो महा जल-प्रलय के आगे जिये थे। पवित्रषास्त्र के सिर्फ थोड़े ही पद हमें उनके बारे में कहते है। परंतु हम जो उनके बारे में जानते है वो बहुत सूचना देनेवाला है। यह बहुत महत्वपूर्ण है इन लोगो के बारे में जानना क्योंकि यीषु ने कहा की इस युग के अन्त के पहले आखरी पीढी नूह के बिन के लोगों के समान होगी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुश्य के पुत्र का आना भी होगा'' (मति 24:37)। उन दिनों में लोग कैसे थे?
वे अनात्मवादी थे। उनके बारे में वो मुख्य बात थी। बाकी सब कुछ बहा उनके अनात्मवाद से। यीषु ने हमसे कहा कि उनका ध्यान केन्द्रित था ‘‘जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते - पीते थे, और उनमें विवाह होते थे'' (मती 24:38)। उनका जीवन खाने और आनन्द पर केन्द्रित था। उन्हें जीवन की अच्छी चीजें चाहिए थी और दूसरा कुछ मतलब का नहीं था। डो. फ्रान्सिस ष्ोफर ने कहा कि हमारे समय में मसीही मूल्य इतना कमजोर हो गया है कि ज्यादातर लोग जिते है सिर्फ अपनी व्यक्तिगत षान्ति और समृद्धि के लिये। डो. ष्ोफर ने कहा,
व्यक्तिगत षान्ति का अर्थ है मुझे चाहिए मेरे जीवन काल में मेरी व्यक्तिगत जीवन ष्ौली स्थिर हो, मेरे बच्चों और पोते पोती के जीवनकाल में परिणाम क्या होगा उससे असावधान। समृद्धि का अर्थ है अतिप्रबल और सदा बढनेवाली सफलता - चीजें, चीजें और ज्यादा चीजों से बना जीवन - सदा उचत्तम स्तर भौतिक प्रचुरता द्वारा सफल न्याय (फ्रान्सिस ए. ष्ोफर, हाऊ षुड वी धेन लीव्ह? फिर हम कैसे जियें?, रेवेल, 1976, पृश्ठ 205) ।
जब मैं युवान था मुझे याद है आष्चर्य दिखाना की क्यों लोग इतने चिंतित थे महंगी, सुन्दर कार होने के लिये, क्योंकि उन्हें आवष्यकता महसूस हुई होने की जिसे उन्होंने कहा ‘‘जीवन की सुन्दर चीजें''। मैं हीप्पी नहीं था। कभी भी नहीं। परंतु मैं छोटे ग्रे डोडझ डार्ट (Dodge Dart) और अपार्टमेन्ट में एक छोटे कमरे से संतुश्ठ था। आज भी मैं सोलह वर्श पुरानी टोयोटा कोरोला चलाता हूँ। मेरे पास दो सूट है जो मैं पहन सकता हूँ। मुझे वो पर्याप्त लगता है। मेरे पास अपना घर भी नहीं होता अगर मेरी माता ने मुझे वो नहीं दिया होता। बाइबल कहता है, ‘‘चाहे धन सम्पति बढ़े, तौ भी उस पर मन न लगाना'' (भजन संहिता 62:10)। आपके साथ हकीकत में इमानदार हो कर, मैं समज नहीं सकता व्यक्ति को जिसका जीवन व्यक्तिगत षान्ति और समृद्धि के आसपास घूमता है। जब मैं अठरा वर्श का था मैंने एक वृद्ध धनवान आदमी का एकांकी नाटक में पात्र अदा किया था जो लूका के बारवे पाठ में धनवान, मूर्ख के द्रश्टांत पर आधारित था। जैसे मैंने हार्ट अटेक से मृत महसूस किया, प्रभु की आवाज स्पीकर गुंजी, ‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा, तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है वह किसका होगा? ऐसा ही वह मनुश्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परंतु परमेष्वर की दृश्टि में धनी नहीं (लूका 12:20,21)। नूह के दिनों में लोग उस धनवाद मूर्ख के समान थे। और अनात्मवाद हमारे समय में भी तीक्ष्ण है।
फिर, भी, उनके दिमाग बुरे से भरे थे। उत्पति 6:5 हमें वो कहता है
‘‘यहोवा ने देखा कि मनुश्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है'' (उत्पति 6:5)।
लुथर ने कहा, ‘‘लोग जब बुरे बनना षुरू होते है, वे प्रभु से नहीं डरते नाही उन परविष्वास करते है, परंतु तिरस्कार किया उनका, उनके वचन और उनके धर्म प्रचारकों का ... यह भक्तिहीनता नूह के समय में जल्दी फैली'' (मार्टीन लुथर, टीएच.डी., उत्पति पर लुथर की समालोचना, झोन्डरवान, 1958, भाग ।, पृश्ठ 128, उत्पति, पाठ 6 पर टीका)।
जब से वहाँ बन्दूक से अनेक मनुश्य संहार हुए है, राजनेता अब हमें कहते है कि बन्दूके ले लेने की आवष्यकता है और भी, वे कहते है, नाष बंद करायेंगे। यह उदास करता है ऐसी मूर्ख बातें सुनना। हमारे पास बन्दूकं पीढ़ीयों से है। मैं जब बालक था तब हमारे पास और भी ज्यादा बन्दूके थी। मेरे स्वयं के पास राइफल और छोटी बन्दूक थी जब मैं सिर्फ दस वर्श का था। 1949 से 1953 में एरीझोना के रेगिस्तान पर रहा। ज्यादा तर हरएक युवा व्यक्ति के पास बन्दूक थी उन दिनों में। परंतु उसके बाद वहाँ फिर से बड़ी संख्या में हत्याएँ नहीं हुई। अब अलग क्या है? यह कूड़ा-कचरा है जो होलीवुड आज बच्चों के दिमाग में डालता है!
लोस एंजलिस टाइम्स (7/1/13, पृश्ठ डी 1) में नयी कहानी थी, षीर्शक था, ‘‘नये हत्यारे प्रदर्षन बनाये गये है, परंतु एनबीसी (NBC) एक्झीक (exec) सावधान करते है विचारों के विरूद्ध, जो वे उत्तेजित करते है सच्चे नाष को''। संपादकीय लेख ने कहा, ‘‘हाल ही की बड़ी संख्या में हत्याएँ ... टेलीव्हीझन के अधिकारीयों पर दबाव डालता है न्याय करने, एकबार फिर से तीव्र नाष छोटे पडदे पर जो टीकाकार विवाद करते है ... इंधन सच्चे विष्व को मार रहा है''। वो होलीवुड के पैसे ऐंठनेवाले मुझे पेट में बिमार करते है! उनके निर्दयी चलचित्र और टीवी के षॉ (नाटक) ने पूरी पीढ़ी को भ्रश्ट किया है। यह मुझे बिमार करता है। नूह ने भी वो ही महसूस किया होगा!
‘‘उस समय पृथ्वी परमेष्वर की दृश्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। और परमेष्वर ने पृथ्वी पर जो दृश्टि की तो क्या देखा कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर अपना अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था। तब परमेष्वर ने नूह से कहा, सब प्राणियों के अन्त करने का प्रष्न मेरे सामने आ गया है, क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिये मैं उनको पृथ्वी समेत नश्ट कर डालूँगा'' (उत्पति 6:11-13)।
मुझे आप युवा लोगों से कुछ कहना है, और मुझे इसे हो सके उतना स्पश्ट करना है। आपका सिर अनात्मवाद से बाहर लाओ और भविश्य बनाने के बारे में थोड़ा कम - और थोड़ा ज्यादा स्वर्ग में खजाने पर बैठने के बारे में सोचो!
और आपके दिमाग को वो टीवी पर हत्यारे और पिषाचों से बाहर रखो - और आपके दिमाग को वीड़ीयों खेल से दूर रखो - सारी वीड़ीयों गेम्स - और आपके दिमाग को बाइबल में डालो, और कलीसिया और प्रार्थना में! अगर आप नहीं करते, आप होलीवुड के मोगल, और खून भरे - मृत दिमाग लोग जैसे नूह के समय में थे उनके साथ अधोलोक में जाओगे! किसी को कहो मैंने वो कहा है! और मैं मुस्कुराया नहीं जब मैंने यह कहा!
नूह के प्रेक्षक उस होलीवुड की भीड़ के समान थे। कोई आष्चर्य नहीं कि उनमें से कोई भी बचाया नहीं गया। आप उन लोगों को बचा नहीं सकते अगर आप अपने हाथ और पैरों पर झूककर उन्हें याचना करो! ‘‘प्राचीन युग'' के लोग असाध्यता से प्रभु के सामने हुए थे। और प्रभु ने ‘‘उनको छोड़ दिया'' (रोमियों 1:24)।
2. दूसरा, प्रचारक।
‘‘(प्रभु) ने प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा ... वरन् धर्म के प्रचारक नूह ... को बचा लिया'' (2 पतरस 2:5)।
नूह बाइबल का षिक्षक नहीं था। वो प्रचारक था। ग्रीक षब्द है ‘‘केरीक्स'' (Keryx)। इसका अर्थ है ‘‘राजदूत'' (herald)। उसने धार्मिकता की घोशणा की राजतूद की तरह, ‘‘सार्वजनिक पुकारनेवाला'' (स्ट्रोन्ग)। डो. जोन गील (1697-1771) ने कहा, ‘‘यहूदी कहते है नूह भविश्यवेता था; और वे उनको प्रस्तुत करते है प्रचारक की तरह भी, और हमें कहते भी है सत्य षब्द जो उन्होंने इस्तेमाल किए थे उनके उपदेष में जो उन्होने दिये थे प्राचीन युग को'' (जोन गील, डी.डी., एन एक्सपोझीषन अॉफ ध न्यु टेस्टामेन्ट, नयी नियमावली का स्पश्टीकरण, बेपटीस्ट स्टान्डर्ड बेरर, 1989 में फिर से छपा हुआ, भाग ॥।, पृपृश्ठ 597, 598)।
फिर डो. गील ने प्राचीन रब्बीयों का कथन किया, जिन्होंने दिया जो उन्होंने कहा वो सत्य षब्द नूह ने प्रचार किये थे, ‘‘आप आपके बुरे रास्तों और कामों से फिरों, ऐसा न हो कि जलप्रलय का पानी आप पर आए, और आदमी के बच्चों के सारे वंष को काट दे'' (गील, ibid)। डो. आर. सी. एच. लेन्सकी (1864-1936) ने कहा,
यह पूछा जाता है कि कैसे पतरस ने जाना कि नूह ‘‘धार्मिकता का राजदूत था'' जब पुरानी निमयावली उसे कहती है सिर्फ धर्मी आदमी''। यह प्रष्न तुच्छ लगता है। क्या नूह उन 120 वर्शों के दौरान मौन रहा? क्या प्रभु ने संसार को भयकारी बाढ़ की अज्ञानता में छोड़ा? क्या पतरस ने बिना आकाषवाणी के लिखा?
वो 120 वर्शों का विलम्ब अनुग्रह की बढ़ाई हुई ऋतु थी। नूह का उपदेष लोगों को धार्मिकता की ओर फिराने के लिये था ताकि प्रभु षायद विवष न हो जलप्रलय भेजने। प्रभु ने सदोम और अमोरा (gomorrah) को क्षमा किया होता अगर वहाँ दस धर्मी मिले होते, परंतु वहाँ पर दस नहीं थे (उत्पति 18:32); नूह के समय में पूरे विष्व में वहाँ सिर्फ आठ (नूह, उसकी पत्नी, उसके तीन पुत्र, और उनकी पत्नीयाँ) थे। ‘‘धार्मिकता'' मन के बाहर का षिश्टाचार है, यह गुण-संबंधी नहीं है, न ‘‘धर्मी राजदूत'' है। षब्द समझना चाहिए पुरे अदालती (कायदाकीय) ज्ञान में। नूह ने घोशणा की उस विषिश्ट लक्षण की जिसमें प्रभु की अदालती मंजूरी है ताकि अधर्मी (पापी) षायद पष्चाताप करे और इस प्रकार प्रभु द्वारा धर्मी घोशित किए जाओ। परंतु उन्होंने उनके षब्दों का अपमान किया और उनके जहाज पर हँसे, (और) ‘‘अधर्मी का संसार'' रहे (आर. सी. एच. लेन्सकी, टीएच.डी., ध इन्टरप्रीटेषन अॉफ ध एपीस्टल्लस अॉफ सेंट पीटर, सेंट जोन एन्ड सेंट ज्युड, (सेंट पतरस, सेंट यूहन्ना और सेंट यहूदा के पत्रो का भाशांतर), अगसबर्ग प्रकाषन घर, 1966 की प्रत, पृश्ठ 312)।
परमेष्वर ने नूह के दिनों के लोगों को चेतावनी दी थी कि उनकी पवित्र आत्मा सदा आदमी के साथ प्रयत्न नहीं करेगी; अर्थात् पवित्र आत्मा हमेषा उनको दोशी ठहराकर पष्चाताप की ओर नहीं फिराएगी। लुथर ने कहा कि वो षब्द, ‘‘मेरी आत्मा सदा आदमी के साथ प्रयत्न नहीं करेगी'' नूह के उपदेष के सत्य षब्द थे ‘‘संसार को सार्वजनिक पूजा में। उनका कहने का तात्पर्य यह था, ‘हम सिखाते और दोश से सावधान करे वो व्यर्थ है, क्योंकि संसार अपने स्वयं को सही नहीं करने देगा'। ये स्पश्टता सहमत होती है विष्वास और पवित्र षास्त्र के साथ; क्योंकि जब प्रभु के वचन स्वर्ग से आकाषवाणी किए गये थे, सिर्फ थोड़े ही परिवर्तित हुए, जब कि ज्यादातर लोगों ने इसका तिरस्कार किया, अपने स्वयं को लालसा, अषुद्धता और दूसरे अधर्म देते हुए ... यह इसलिये परमेष्वर का बड़ा न्याय था, जब पवित्र पादरी (नूह) के मुँह से उन्होंने धमकी दी आदमी के साथ और ज्यादा प्रयत्न नहीं। इसके द्वारा उन्होंने सूचित किया की उनकी सिखाई कोई कारण के लिये नहीं थी और वह कि वो अब आदमी को और ज्यादा देर उनके बचानेवाले वचन नहीं देंगे। इसलिये जिसके पास वचन है वे इसे आनन्द से प्राप्त करेंगे, इसके लिये परमेष्वर का धन्यवाद, और ‘ढूँढो ... जब तक यहोवा मिल सकता है, यषायाह 55:6' (लुथर, ibid, पृपृश्ठ 129, 130)।
आज रात आपमें से कुछ लोगों को चेतावनी की तरह, मैं कहता हूँ कि प्रभु सदा आपके साथ प्रयत्न नहीं करेंगे। और जब पवित्र आत्मा उसका काम बंद करती है, आप कभी भी परिवर्तित नहीं होंगे। आप भी घृणित किए जाओगे निष्चितरूप से जैसे नूह के दिनों में वे अधर्मी लोग।
3. तीसरा, न्याय।
‘‘(प्रभु ने) प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा वरन् भक्तिहीन संसार पर महाजल-प्रलय भेजा, पर धर्म के प्रचारक सेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया'' (2 पतरस 2:5)।
षब्द ‘‘अंदर'' (in) ग्रीक से नहीं है। यह पढ़ना योग्य है, ‘‘भक्तिहीन संसार पर महा जलप्रलय भेजा''।
हमें आष्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि धरती पर सब लोग नश्ट हो गए, नूह और उसके परिवार के अलावा। बाइबल कहता है,
‘‘दुश्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेष्वर को भूल जाती है'' (भजन संहिता 9:17)।
प्रभु यीषु मसीह ने कहा,
‘‘सकेत है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है; और थोड़े है जो उसे पाते है'' (मती 7:14)।
सारा ‘‘अधर्मीयों का संसार'' महा जलप्रलय में नश्ट हो गया। डो. गील ने कहा, ‘‘वहाँ पर उन लोगों का पूरा संसार था; और फिर भी ये इसने उन्हें परमेष्वर के क्रोध से बचाया नहीं। (यह) परमेष्वर स्वयं का था, जिसने फव्वारे को गहरा किया, और स्वर्ग की खिडकियाँ खोल दी, और एक ही बार में सारी मनुश्य जाति, आदमी, औरतों, और बच्चों, और हर जीवित प्राणी, जिवा जो नूह के जहाज पर थे नश्ट किया : और ... यह नहीं सोचना चाहिए की उनकी सजा यहाँ खत्म हुई है; (प्राचीन रब्बीयों ने कहा), ‘जल प्रलय की पीढ़ी का आनेवाले संसार में कोई हिस्सा न होना चाहिए''' (गील, ibid, पृश्ठ 598)।
क्रमांको में सलामती नहीं है। हम यहाँ पोलस्टर (Pollster) के साथ व्यवहार नहीं कर रहे है। हम परमेष्वर के साथ व्यवहार कर रहे है। अगर पूरा संसार पश्चाताप करने और बचाये जाने का इन्कार करें, फिर पूरा संसार प्रभु द्वारा अनन्त यातना के लिये दोशी ठहराना चाहिए। यही है जो प्रभु ने कहा था। संसार षायद इस पर हँसे। संसार षायद इसका तिरस्कार करें। परंतु वही है परमेष्वर का न बदलनेवाला सच।
‘‘दुश्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेष्वर को भूल जाती है'' (भजन संहिता 9:17)।
‘‘सकेत है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है; और थोड़े है जो उसे पाते है'' (मती 7:14)।
अब, फिर, एक आखरी विचार। नूह के दिन लोग पश्चाताप करके सलामती के जहाज पर क्यों नहीं आये? जहाज मसीह का चिन्ह या चित्र है। मसीह मरे हमारे पापों के लिये, और मृत्यु से उठे हमें जीवन देने। परंतु बचाये जाने के लिये आपको मसीह के पास आना ही चाहिए, जैसे नूह के दिन लोगो को जहाज पर आना था। क्यों उन में से किसी ने भी पश्चाताप नहीं किया और सलामती के जहाज पर नहीं आये?
मैं सोचता हूँ पहला कारण था vfo’oklA उन्होंने विष्वास नहीं किया जो प्रभु ने आनेवाले न्याय के बारे में कहा उसका। इसलिये उन्होंने पश्चाताप नहीं किया और सलामती के जहाज पर नहीं आये।
मैं सोचता हूँ दूसरा कारण बहुतों के लिये था कि उनको उनकी जीवनष्ौली बदली नहीं करनी थी। वे जैसे जी रहे थे उससे बदलने अधिक भयभीत थे, प्रभु के क्रोध से ज्यादा, इसलिये उन्होंने पश्चाताप नहीं किया और सलामती के जहाज पर नहीं आये।
मैं सोचता हूँ तीसरा कारण उनमें से बहुतों के लिये था कि उनके परिवार और मित्र क्या सोचेगे उसके लिये डरते थे अगर वे पश्चाताप करें और जहाज पर जाए तो। प्रचलित ईसाई मत को न माननेवाला बनने का डर लोगों को अधिक था दवाईयाँ, षराब, या अवैद्य जातीय संबंध से। मेरे मित्र क्या सोचेंगे? मेरा परिवार क्या सोचेगा? उन्हें डर था परिवार और मित्रों के उपहास से, इसलिये उनहोंने पश्चाताप नहीं किया और सलामती के जहाज पर नहीं आए।
आपके बारे में कैसा? क्या आप इस प्रकार के कोई डर को, आपको पश्चाताप और मसीह के पास आने से दूर रखने देंगे? कोई कहता है, ‘‘परंतु मुझे क्या होगा अगर मैं यीषु के पास आऊँ और गंभीर मसीही बनुँ?'' मुझे इमानदार होना पड़ेगा। मुझे जानकारी नहीं है आपको क्या होगा अगर आप सच्चे मसीही बनते हो। परंतु मैं जानता हूँ आपको क्या होगा अगर आप मसीही बनने से भयभीत हो,
‘‘परन्तु डरपोकों ... का भाग उस झील में मिलेगा जो आग और गन्धक से जलती रहती है : यह दूसरी मृत्यु है'' (प्रकाषितवाक्य 21:8)।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप मसीह पर भरोसा करेंगे प्रभु आपसे उनकी आत्मा निकाल ले, और आपको नश्ट होने छोड़ दे उससे पहले, जैसे उन्होंने किया जब उन्होंने ‘‘भक्तिहीन संसार पर महा जलप्रलय'' भेजा (2 पतरस 2:5)। अगर आपको मसीही बनने के बारे में हमारे साथ बातें करनी हो, मेहरबानी अभी सभागृह के पिछले हिस्से में जाओ। डॉ. केगन आपको दूसरे कक्ष में ले जाएंगे जहाँ हम आपके साथ बात कर सके और आपके साथ प्रार्थना कर सके। डो. चान मेहरबानी करके हमें प्रार्थना में ले जाओ।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान क्यु. डोन्ग ली द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र : उत्पति 6:5-12।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘मेरे साथ दृढ़ रहो'' (हेन्री एफ. लायटे, 1793-1847)।
रूपरेखा नूह का उपदेष डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘और प्राचीन युग को संसार का भी न छोड़ा वरन् भक्तिहीन संसार पर महाजल-प्रलय भेजा, पर धर्म के प्रचारक समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया'' (2 पतरस 2:5)। (2 पतरस 2:9) 1. पहला, प्रेक्षक, मती 24:37,38; भजन संहिता 62:10; लूका 12:20,21; उत्पति 6:5, 11-13; रोमियों 1:24। 2. दूसरा, प्रचारक, 2 पतरस 2:5। 3. तीसरा, न्याय, भजन संहिता 9:17; मती 7:14; प्रकाषितवाक्य 21:8। |