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नूह का विष्‍वास

THE FAITH OF NOAH
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्‍तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 6 जनवरी, 2013 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, January 6, 2013

‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोशी ठहराया; और उस धर्म का वारिश हुआ जो विष्‍वास से होता है'' (इब्रानियों 11:7)।


अब आज में थोड़ी मिनटों के लिये नूह के विष्‍वास पर बात करनेवाला हूँ। नूह इतिहास में सबसे महत्‍वपूर्ण आदमीयों में से एक था। नूह के बिना आज मानवजाति नहीं होती। हर मानव महा-जलप्रलय में डूब जाते अगर नूह ने उसके परिवार को जहाज पर बचाया नहीं होता।

हम चार्ल्‍स मार्टेल (688-741) का सम्‍मन करते है युरोप को मुसलमानों के आक्रमण से बचाने। हम सम्‍मान करते है वीन्‍सटन चर्चील (1874-1965) का हीटलर से पष्‍चिमी सभ्‍यता को बचाने। हम आदर करते है अब्राहम लींकन (1809-1865) का अमरिका को दो छोटे राश्‍ट्रो में विभाजीत होने से बचाने। हम आदर करते है डो. मार्टीन लुथर कींग (1929-1968) का हमारे राश्‍ट्र को 1960 के कुल संबंधी विवाद से बचाने। हम सम्‍मान करते है राश्‍ट्रपति रेगन (1911-2004), मार्गरेट थेचर (1925-), और पोप जोन पोल ॥ (1920-2005) का पष्‍चिमी संसार को साम्‍यवाद से बचाने। ये नेताओं - आगेवानों में से ज्‍यादातर मसीही नहीं थे, परंतु उन्‍होंने हमारे संसार के लिये महान्‌ काम किए है। परंतु, जितने ये आगेवान महान्‌ थे, उन्‍होंने जो किया वो, नूह ने जो किया था उसकी जब तुलना करते है तो तुलनात्‍मक तुच्‍छता में धुँधला था। क्‍योंकि, आप देखो, नूह ने महाजलप्रलय में मानवजाति का अन्‍त होने से बचाया।

नूह रविवार षाला में बच्‍चों के लिये किताब का व्‍यंग चित्र नहीं है। अगर मेरे पास अपना तरीका होता, वे ये सारी किताबें छापना बंद कर देते! नूह सच्‍चा आदमी था, और बड़ा (हीरो) पराक्रमी पुरूश था, जिसने मानवजाति को संपूर्ण नश्‍ट होने से बचाया। और हर एक मसीही को उनके लिये बड़ा आदर होना चाहिए, और उन्‍हें सबसे अधिक सम्‍मान देना चाहिए उन्‍होंने जो किया उसके लिये।

न्‍यूयोर्क षहर में उनके धर्मयुद्ध (crusade), के अंतिम दिन को, बीली ग्रेहाम ने प्रचार किया नूह के दिनों पर, मती 24:36-39 से, जो इस सभा में डॉ. केगन ने थोड़ी मिनट पहले पढ़ा। यह श्रीमान ग्रेहाम का अंतिम ‘‘धर्मयुद्ध प्रचार'' ‘‘(crusade) का धार्मिक प्रवचन था, जो उन्‍होंने फल्‍षींग मीडोव्‍स कोरोना पार्क, न्‍यु योर्क षहर में 90,000 लोगों को दिया था। उस धार्मिक प्रवचन में श्रीमान ग्रेहाम ने कहा, ‘‘जब संसार में परिस्‍थिति नूह के दिनों के समान होती है, आप ऊपर देख सकते हो और जान सकते हो की यीषु जल्‍दी ही आ रहे है'' (बीली ग्रेहाम, लीवींग इन गोड्‌स लव, प्रभु के प्रेम में रहते है, जी. पी. पुट्‌नाम्‍स सन्‍स, 2005, पृश्‍ठ 110)। मैं बीली ग्रेहाम के साथ कुछ बातों पर सहमत नहीं हूँ, मैं सोचता हूँ वे पूरी तरह से सही थे जब उन्‍होंने हमारे आज के विष्‍व की तुलना उस समय से की जिसमें नूह जीये थे।

परंतु मेरा धार्मिक प्रवचन आज रात नूह के दिनों पर प्रकाष नहीं डालेगा। आज रात मैं बात करूँगा ‘‘नूह के विष्‍वास'' पर। मैं डो. एम. आर. डेहान्‍न की किताब, ध डेझ अॉफ नूह, नूह के दिन, के आखरी पाठ पर बड़े व्‍यवहार से अवलंबन करता हूँ (झोन्‍डरवान प्रकाषन घर, 1979 की प्रत, पृपृश्‍ठ 178-184)। इब्रानियों 11.7 कहता है,

‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोशी ठहराया; और उस धर्म का वारिश हुआ जो विष्‍वास से होता है'' (इब्रानियों 11:7)।

यह पाठ हमें नूह की कहानी एक पद में देता है। पाठ की षुरूआत और अन्‍त दो समान षब्‍दों ‘‘विष्‍वास से'' होती है। यह पद सात मुद्‌दों में विभाजित कर सकते है, वे सब नूह के विष्‍वास के बारे में बातें प्रकाषित करते है।

1. पहला, नूह के विष्‍वास का मूल आधार।

पाठ खुलता है इन षब्‍दों के साथ, ‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों ... चेतावनी पाकर ...'' प्रभु ने नूह को चेतावनी दी की जलप्रलय आ रहा था। वहाँ ऐसा जलप्रलय पहले कभी नहीं आया। यह अषक्‍य लगता था कि ऐसे संसार में व्‍याप्‍त दुर्गति हो सकती है। परंतु, विष्‍वास से, नूह ने विष्‍वास किया जो परमेष्‍वर ने कहा। डो. डेहान्‍न ने कहा, ‘‘सच्‍चा विष्‍वास अधिक प्रमाण नहीं मांगता। यह नहीं मांगता चिन्‍ह, या आवाजे या ... अनुमान या स्‍वप्‍न, वैज्ञानिक प्रमाण या पुरातत्‍व संबंधी आविश्‍कर या भूतत्‍व विद्या विशयक प्रमाण। सच्‍चा बचानेवाला विष्‍वास प्रभु के वचन स्‍वीकार कर लेता है क्‍योंकि परमेष्‍वर यह कहते है'' (ibid, पृश्‍ठ 179)। बाइबल कहता है,

‘‘अब विष्‍वास आषा की हुई वस्‍तुओं का निष्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है'' (इब्रानियों 11:1)।

‘‘निष्‍चय'' (The substance) का अर्थ है दृढ़ विष्‍वास या दृढता भविश्‍य की सच्‍चाई की। विष्‍वास ‘‘अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण'' है। विष्‍वास उस पर आधारित नहीं है कि हम क्‍या देख या महसूस कर सकते है, परंतु प्रभु द्वारा दी गई ‘‘अनदेखी वस्‍तुओं की'' दृढ़ता पर आधारित है। विष्‍वास की नींव का मूल आधार है परमेष्‍वर में भरोसा। विष्‍वास ‘‘परमेष्‍वर का दान'' (इफिसियों 2:8) है। प्रभु ने नूह को विष्‍वास दिया मानने के लिये जो उन्‍होंने आनेवाले जलप्रलय, के बारे में कहा उसे! विष्‍वास प्रयोगसिद्ध प्रमाण पर आधारित नहीं है, परंतु परमेष्‍वर पर भरोसे के आधारित है।

2. दूसरा, नूह के विष्‍वास का प्रकार।

हमारा पाठ कहता है, ‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय मे atks उस समय दिखाई न पड़ती थी चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ ...'' ‘‘बातें उस समय दिखाई न पड़ती थी''। वो संदर्भ करता है जलप्रलय का जो संसार पर फैलेगा। आप देखिये, आसमान से अभी तक कभी भी बरसात नहीं गिरी। उत्‍पति के दूसरे पाठ में हमें कहा गया है कि अभी तक कभी भी बरसात नहीं हुई थी। नूह के समय तक गीलापन धरती पर आया भारी कुहरे (mist) की तरह। उत्‍पति के दूसरे पाठ में हम पढ़ते है,

‘‘यहोवा परमेष्‍वर ने पृथ्‍वी पर जल नहीं, बरसाया था ... तौ भी कुहरा पृथ्‍वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी'' (उत्‍पति 2:5,6)।

बारिष पहले कभी भी दिखाई नहीं दी थी, परंतु नूह ने परमेष्‍वर का विष्‍वास किया जब उसको चेतावनी दी गई ‘‘वस्‍तुएँ जो अब तक दिखाई नहीं दी है''। वही विष्‍वास है - उन वस्‍तु पर विष्‍वास करना जिसकी हम स्‍पश्‍टता नहीं कर सकते, परंतु उसे मानना है क्‍योंकि प्रभु यह कहते है। विष्‍वास का आधार हमारा प्रभु पर के भरोसे पर है।

प्रभु कहते है, ‘‘प्रभु यीषु मसीह पर विष्‍वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा (प्रेरितों 16:11)। परंतु कोई कहते है, ‘‘मैं यीषु को देख नहीं सकता। मैं उन्‍हें महसूस नहीं कर सकता। मैं उन पर विष्‍वास कैसे करू?'' आपको प्रयोगसिद्ध प्रमाण चाहिए। आपको यीषु को देखना और उनको महसूस करना चाहिए। वैसे ही जैसे नूह ने विष्‍वास किया ‘‘वस्‍तुए जो दिखाई नहीं देती'' इसलिये आपको यीषु पर भरोसा करना ही चाहिए, जिन्‍हें आपने नहीं देखा। बाइबल कहता है,

‘‘और विष्‍वास बिना उसे प्रसन्‍न करना अनहोना है; क्‍योंकि परमेष्‍वर के पास आनेवाले को विष्‍वास करना चाहिए कि वह है, और अपने खोजनेवालो को प्रतिफल देता है'' (इब्रानियों 11:6)।

3. तीसरा, नूह के विष्‍वास का कारण।

पाठ कहता है, ‘‘विष्‍वास ही नूह ने उन बातों के विशय में जो समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव ...'' नूह भयभीत था। डो. डेहान्‍न ने कहा, ‘‘सब आदमी मृत्‍यु से ड़रते है चाहे वे इसे स्‍वीकार करे या नहीं। मैंने सुना है आदमीयों को, अपनी बड़ाई और दंभ, ईष्‍वर-निन्‍दा और षाप और प्रभु और धर्म पर हँसते है; और मैंने देखा है यह समान (आदमीयों) को विलाप करते और चापलूसी करते जैसे कुत्‍ते के बच्‍चों को मारा हो जब अनन्‍तता का सामना करते है। कोई भी आदमी को उसके सही दिमाग में भविश्‍य और प्रभु के क्रोध के ड़र को जानना ही चाहिए। हाँ, नूह परमेष्‍वर के क्रोध के सामने ड़र से आगे बढ़े, और यह उसे ले गया मुक्‍ति को खोजने'' (ibid, पृश्‍ठ 180)।

बाईबल कहता है कि वहाँ खोए पापीयों के लिए अदोलोक राह देख रहा है। बाईबल कहता है,

‘‘मनुश्‍यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्‍याय का होना नियुक्‍त है'' (इब्रानियों 9:27)।

स्‍वीकार कर लो कि आप परमेष्‍वर के क्रोध से ड़रते हो, और यीषु के पास भागो मुक्‍ति के लिये। डो. हेहान्‍न ने कहा, ‘‘यह सवाल करने लायक है अगर कोई आदमी कभी भी बचाया गया हो बिना निष्‍चित मात्रा में ड़र के'' (ibid)।

4. चौथा, नूह के विष्‍वास का नियोग।

हमारा पाठ कहता है, ‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ ... जहाज बनाया ...'' नूह के विष्‍वास ने साहसिक क्रिया को उत्‍पन्‍न किया। ख्‍़ातरे की चेतावनी को सिर्फ मानसिकरूप से विष्‍वास करना पर्याप्‍त नहीं है। आपको उस पर काम करना ही चाहिए। क्‍या आप बाइबल में विष्‍वास करते हो? क्‍या आप विष्‍वास करते हो कि परमेष्‍वर खोए पापीयों को दण्‍ड देंगे जब तक वे पष्‍चाताप और यीषु पर भरोसा न करें? आप षायद ये सब मानो और अभी भी खोए रहो, जब तक आप व्‍यक्‍तिगतरूप से यीषु मसीह का विष्‍वास करने का कार्य न करो। लोग कईबार कहते है, ‘‘आपको बचाये जाने के लिये कुछ करने की आवष्‍यकता नहीं है।'' परंतु उसका उल्‍टा (विरूद्ध) सही है। आपको खोए रहने को कुछ भी करने की आवष्‍यकता नहीं है। यीषु ने कहा, ‘‘जो उस पर विष्‍वास नहीं करता, वह दोशी ठहर चुका है'' (यूहन्‍ना 3:18)। आप पहले से दोशी और खोए हुए हो। जब जेलर (जेल का अधिकारी) ने पौलुस से पूछा ‘‘उद्धार पाने के लिये मैं क्‍या करू?'' पौलुसन ने नहीं कहा, ‘‘कुछ न करो।'' नहीं! प्रेरितो ने उसको कहा, ‘‘प्रभु यीषु मसीह पर विष्‍वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा'' (प्रेरितो 16:31)। क्‍या आपने मसीह का भरोसा किया है विष्‍वास द्वारा? क्‍या आप उद्धारक के पास आए हो मुक्‍ति के लिये?

5. पाँचवा, नूह के विष्‍वास का तात्‍पर्य।

हमारा पाठ कहता है, ‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया ...'' नूह अकेले बचाये जाने से संतुश्‍ठ नहीं था। वह अपने परिवार की मुक्‍ति के बारे में भी चितिंत था। वह चाहता था उसका परिवार भी बचाया जाए, इसलिये उसने जहाज पर उनके लिये जगह बनायी। उसने ‘‘अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया''। डो. डेहान्‍न ने कहा, ‘‘यह एक निष्‍चित प्रमाण है (सच्‍चे परिवर्तन) का। जब व्‍यक्‍ति सच्‍ची तरह बचाया जाता है, वो दूसरों के बारे में चिंतित (व्‍याकुल) होता है, घर से षुरूआत करते हुए ... कितने बार मैंने निरीक्षण किया है कि व्‍यक्‍ति के मसीह को स्‍वीकार के तुरंत बाद वो अपने पिता, माता, लड़का, या लड़की के बारे में (चिंतित) होता है - ‘अब में तब तक विश्राम नहीं करूँगा जब तक मैं माता और पिता को भी नहीं लाता', एक आदमी चिल्‍लाया जेसे हि वो मसीह को पाने के बाद अपने घुटनों से उठा। अपने आप को इस सिद्धांत से परखो, और ये आपके आध्‍यात्‍मिक जीवन की हकीकत (सच्‍चाई) और गहराई को प्रगट करेगा ... हाँ, नूह ने ‘जहाज बनाया अपने घराने के बचाव के लिये' (ibid, पृपृश्‍ठ 181, 182)।

6. छठा, नूह के विष्‍वास की गवाही।

पाठ कहता है, ‘‘विष्‍वास ही से नूह ने ... जहाज बनाया ... उसके द्वारा उसने संसार को दोशी ठहराया।'' जहाज बनाना नूह की मुक्‍ति के लिये था। परंतु वह अविष्‍वासु संसार के लिये गवाही भी थी। बाइबल कहता है ‘‘नूह धर्म के प्रचार का आठ़वाँ व्‍यक्‍ति'' (2 पतरस 2:5)। दिन के बाद दिन नूह ने आनेवाले न्‍याय के महा-जलप्रलय पर प्रचार किया। दिन प्रतिदिन नूह ने लोगो से विनंती की पष्‍चाताप करने और बचाये जाने। नूह का प्रचार, और जहाज स्‍वयं, उस दिन के खोए लोगो के लिये गवाही थी। यह सच है कि उन में से और कोई भी नहीं परंतु नूह का घराना उसके प्रचार द्वारा परिवर्तित हुआ था। परंतु प्रभु को बहुत कम दिलचस्‍पी है कि कितने लोग हमारी, गवाही से बचाये गये उससे अधिक वे है हमारी विष्‍वासनीयता की गवाही में पापभरे, खोए संसार के लिये। जैसे ही महाविद्यालय और विष्‍वविद्यालय फिर से खुलेंगे, मैं आषा करता हुँ कि आप में से बहुत अपने आप आत्‍मा जीतने जायेंगे, और फोन करने, उनके नाम और फोन नंबर लाओगे। और भी, हर हफ्‍ते काम करो खोए रिष्‍तेदार और मित्रो को प्रचार किया हुआ सुसमाचार सुनने कलीसिया में लाने।

7. सांतवा, नूह के विष्‍वास का प्रतिफल।

नूह के वष्‍विास का एक और लक्षण बाकी है। हमने देखा मूल आधार, प्रकार, कारण, नियोग, तात्‍पर्य और गवाही उनके विष्‍वास की। अब हम आखरी मुद्‌दे पर आते है - विष्‍वास का प्रतिफल। पाठ कहता है,

‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोशी ठहराया; और उस धर्म का वारिश हुआ जो विष्‍वास से होता है'' (इब्रानियों 11:7)।

नूह पापरहित आदमी नहीं था। वो भी किसी दूसरो की तरह खोया पापी था। परंतु मसीह की धार्मिकता का उस पर दोश लगाया गया था क्‍योंकि उसने जहाज के विशय में परमेष्‍वर का विष्‍वास किया। स्‍मरण रखें कि जहाज मसीह का प्रकार था। नूह ने विष्‍वास किया जो प्रभु ने मसीह के बारे में कहा। नूह जहाज में गया, वैसे ही आपको मसीह के पास आना चाहिए। नूह ने उसकी आत्‍मा और जीवन पर साहस किया जहाज की कार्यक्षमता पर उसे बचाने। और आपको साहस करना चाहिए अपने आत्‍मा और जीवन का मसीह पर बचाये जाने के लिये। आपको मसीह के पास आना ही चाहिए, जैसे नूह जहाज में आए। आपको मसीह पर विष्‍वास करना ही चाहिए, जैसे नूहने जहाज पर, विष्‍वास और भरोसा किया।

और आपको द्वार अभी भी खुल्‍ले है तब तक मसीह के पास आना ही चाहिए। जहाज को एक ही द्वार था। वो द्वार बंद हो जाने के बाद, सब आषा चली गयी! लोग दूसरी नांव (जहाज) नहीं ले सके सलामती के लिये क्‍योंकि वहाँ कोई और जहाज नहीं था। डो. डेहान्‍नने कहा, ‘‘मैं निष्‍चिंत हूँ कि बारिष गिरना षुरू होने के बाद और बीजली चमकी और मेघध्‍वनि कड़की, और पानी बढ़ा, वहाँ पर (बहुत) थे जिनको (दूसरे) जहाज पर जाना था - किसी भी जहाज पर - परंतु वहाँ सिर्फ एक ही था और वहाँ दूसरा (एक) होगा भी नहीं। वे नाव चुक गये थे। उन्‍होंने (विलंब) किया एक दिन बहुत लंबा ... (जैसे जलप्रलय नीचे आया) कितना त्रासदायक ... व्‍यग्रता और आतंक ने लोगों को पकड़ लिया होगा! कैसा विलाप, और रोना और मारना (खट़खट़ाना) जहाज के द्वार केा कितनी भयानक, प्रचण्‍ड भगदड़ जहाज के लिये जिसका उन्‍होंने तिरस्‍कार किया था। (परंतु उसका कोई अर्थ नहीं था) - द्वार बंद था! वे जहाज चुक गए थे।'' (ibid, पृपृश्‍ठ 183, 184)। बहुत देर हो चुकी थी

यीषु ने कहा, ‘‘जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुश्‍य के पुत्र का आना भी होगा। क्‍योंकि जैसे जलप्रलय से पहले के दिनों में जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते - पीते थे और उनमें विवाह होते थे। और जब तक जलप्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उनको कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुश्‍य के पुत्र का आना भी होगा'' (मती 24:37-39)। हर चिन्‍ह संकेत करता है कि हम अब आज उस समय में जी रहे है, ‘‘जैसे नूह के दिन थे''। जब दूसरों को जीवन की सिर्फ भौतिक बातों से परवाह है, मैं आपको पष्‍चाताप करने और यीषु के पास आने के लिये कहता हूँ आपको बचाने को बहुत देर हो जाए उससे पहले - सदा के लिये बहुत देर! श्रीमान ली, महेरबानी करके हमें प्रार्थना में ले जाओ।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन्‌ एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्‍त्र : मती 24:37-42
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्‍जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘विष्‍वास जीत है'' (जोन एच. याटेस द्वारा, 1837-1900)


रूपरेखा

नूह का विष्‍वास

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘विष्‍वास ही से नूह ने उन बातों के विशय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थी, चेतावनी पाकर भक्‍ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोशी ठहराया; और उस धर्म का वारिश हुआ जो विष्‍वास से होता है'' (इब्रानियों 11:7)।

1. पहला, नूह के विष्‍वास का मूल आधार, इब्रानियों 11:7अ;1; इफिसियों 2:8।

2. दूसरा, नूह के विष्‍वास का प्रकार, इब्रानियों 11:7ब; उत्‍पति 2:5,6;
प्रेरितो 16:31; इब्रानियों 11:6।

3. तीसरा, नूह के विष्‍वास का कारण, इब्रानियों 11:7क;9:27।

4. चौथा, नूह के विष्‍वास का नियोग, इब्रानियों 11:7ड; यूहन्‍ना 3:18;
प्रेरितो 16:31।

5. पाँचवा, नूह के विष्‍वास का तात्‍पर्य, इब्रानियों 11:7इ।

6. छठा, नूह के विष्‍वास की गवाही, इब्रानियों 11:7फ; 2 पतरस 2:5।

7. सांतवा, नूह के विष्‍वास का प्रतिफल, इब्रानियों 11:7ग; मती 24:37-39।