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ष्ौतान को जीतने उपवासFASTING TO OVERCOME SATAN डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 26 अगस्त, 2012 ‘‘और जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उसने उनसे कहा, यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:28,29)। |
बाइबल कहता है, ‘‘...आनेवाले समयों में कितने लोग भरमानेवाली आत्माओं, और दुश्टात्माओं की षिक्षाओं पर मन लगाकर विष्वास से बहक जाएँगे'' (1 तीमुथियुस 4:1)। वह पद इसे स्पश्ट करता है कि ‘‘आनेवाले समयों में'' ष्ौतानी कामों में बढ़ोतरी होगी, जैसे कि हम जानते है संसार के अन्त के पहले। ष्ौतान अपने दुश्टात्माओं को छोड़ेगा कलीसिया के सामने क्रूर हमले में। हरएक चिन्ह लगता है दर्षाते हुए कि हम अब उस समय में जी रहे है। फिर भी पष्चिमी विष्व में आज कलीसिया कदापि ही सोचता है ष्ौतान और दुश्टात्माओं के बारे में। डल्लास थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला के डो. मेरील्ल एफ अन्जर ने कहा, ‘‘...बीसवी सदी के कार्य करनेवाले कलीसिया चेतावनी की हद तक अस्वीकार करते है दुश्टात्मा के अद्भूत बल के अस्तित्व के स्वीकार का। यह अविष्वास की परिस्थिति सुचित की जा सकती है आध्यात्मिक जीवन और सामर्थ्य का सिर्फ निम्न स्तर कलीसिया में''। फिर डो. अन्जर ने कहा, ‘‘मसीही लोगों का विष्वास, और ज्यादा षोकजनक जितने ज्यादा माननेवाले तड़पते है ष्ौतानी माया और अपहरण से, सामान्य उपेक्षा ष्ौतान और उसके साधन के कारण। बहुत से आध्यात्मिक विष्वासु भी इस दुश्ट आत्माओं की सेना के सामने सफल युद्ध करने का साहस करने में असमर्थ है, इस जानकारी की कमी के कारण कि जो जुड़ा हुआ है।'' उन्होंने कहा कि बहुत से सेवक आज ‘‘ष्ौतान द्वारा अंधे किये हुए है पवित्रषास्त्र के प्रकाषितवाक्य में दी हुई ष्ौतानी षक्ति के बारे में चिन्तित'' (मेरील्ल एफ. अन्जर, टीएच.डी., पीएच.डी., बीबलीकल डेमोनोलोजी, क्रेगल प्रकाषन, 1994 की प्रत, पृश्ठ 201)।
डो. अन्जर हठधर्मी नहीं थे। उनके पास डल्लास थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला से टीएच.डी. की स्नातकता और जोहन्स होपकीन्स विष्वविद्यालय से पीएच.डी. की स्नातकता थी। डो. अन्जर की किताब के बारे में जो मैंने कथन किया था, डो. वीलबर एम स्मीथ ने कहा, ‘‘ये उपाय बाइबल संबंधी ष्ौतानीविद्या (Biblical Demonology) का'' (जेकेट कथन)। डो. स्मीथ 20 वी सदी के सबसे भरोसेमंद बाइबल षिक्षकों में से एक थे और उनकी डो. अन्जर के किताब का समर्थन इसकी सच्चाई दिखाता है।
क्या डो. अन्जर सही थे? क्या बहुत से सेवक और कलीसिया आज ‘‘दुश्ट धोखे से तड़प् रहे है ... ष्ौतान और उसके साधनों की उग्र उपेक्षा के कारण''? क्या वे ‘‘इस दुश्ट आत्माओं की सेना के सामने सफल युद्ध करने का साहस करने में असमर्थ है, इस जानकारी की कमी के कारण कि क्या जुड़ा हुआ है? जरूर वे सही थे! हर एक व्यकित जानते है कि कलीसिया उनके 85% युवा लोगों को उनकी 25 वर्श की आयु में खो देते है! हर एक व्यक्ति जानते है कि आज कलीसिया बहुत अषक्त और कमज़ोर है, बहुत से युवा लोगों को बाहर की दुनिया से परिवर्तित करने के लिये! बहुत हद तक ऐसा है ष्ौतान और उसके साधनों की उपेक्षा के कारण।
डो. तीमोथी लीन मेरे याजक थे तेबीस वर्शो तक। मैं उन्हें जानने से पहले उन्होंने वेे बोब जोनेस विष्वविद्यालय के स्नातक विभाग में पढ़ाते थे। बाद में वे प्राध्यापक थे टेलबोट थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला और ट्रीनीटी इवान्जलीकल डीवाइनीटी षाला, डीयरफिल्ड, इल्लीनोइस में। डो. लीन चीन इवान्जलीकल धार्मिक पाठषाला, ताइवान में अध्यक्ष थे, डो. जेम्स हडसन टेयलर ॥। की अध्यक्षता के बाद। डो. लीन ने कहा, ‘‘बहुत से याजक, सुसमाचार प्रचारक और धार्मिक पाठषाला के प्राध्यापक भी ष्ौतान के दबाव के अधीन आ जाते है ताकि वे सुबह में उठने के बाद कभी भी प्रार्थना न करे! हालांत और भी बुरे होते जाएँगे जैसे हमारे परमेष्वर के आने का समय करीब, और भी करीब आ रहा है। उन पर के ष्ौतान के काबू से अनजान ... परिणाम है षोकभरा और दर्दभरा'' (तीमोथी लीन, पीएच.डी., ध सीक्रेट अॉफ चर्च ग्रोथ, (कलीसिया की प्रगति का राज,) पहला चीनी बेपटीस्ट कलीसिया, लोस एंजलिस, 1992 की प्रत, पृश्ठ 96)।
आज बहुत से कलीसिया सामर्थ्यहीन और कमजोर है, पूरी तरह से ‘‘ष्ौतान का उनपर काबू से अन्जान'', जैसे डो. लीन ने कहा था। कलीसिया उस प्रकार जानते भी नहीं कि वो ‘‘अभागा और तुच्छ और कंगाल और अंधा और नंगा'' (प्रकाषितवाक्य 3:17) है।
वो हमें लाता है हमारे पाठ मरकुस 9:28,29 में। ये बहुत महत्वपूर्ण पाठ है, जो मती 17:19,21 में भी संग्रहित किया गया है। मेहरबानी करके खडे रहो और मरकुस 9:28 और 29 जोर से पढ़ो,
‘‘और जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उसने उनसे कहा, यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:28,29)।
आप बैठ सकते हो।
मैं यह पद लागू करूँ उससे पहले, मुझे आवष्यकता है कुछ समालोचना करने की पाठ के आखरी दो वचनों पर, ‘‘यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती।'' षब्द ‘‘and fasting'' ‘‘और उपाय'' निकाला गया है ज्यादातर सब आधुनिक अनुवादों में से, सिवा NKJV और थोड़े दूसरे के। ‘‘और उपाय'' निकालने के विचार के पीछे जोन मेकआर्थर ने कहा, ‘‘पहले की हस्तप्रत इस षब्द को त्याग देता है'' (ध मेकआर्थर स्टडी बाइबल; मरकुस 9:29 पर टीप्पणी)।
वे आपको क्या नहीं कहते वो हकीकत है कि यह वास्तव में निष्चित है कि वो दो हस्तप्रत नश्ट हुई है। एक जिस पर वे अवलंबित थे ज्यादातर खास करके है (Sinaiticus) सीनायटीकस हस्तप्रत, जो टीस्केर्न्डोफ (Tischendorf) कचरे के डब्बे में मिला था सेंट. केथरीन के मोनास्टेरी, माउन्ट सीनाई के तल मेंं। यह हस्तप्रत थी एलेक्झान्ड्रीया में संतो द्वारा नकल की हुई जो बहुत प्रमाण द्वारा, जिसने नीचा किया दोनो ष्ौतानी विद्या और इंसानी देह के महत्व को। इसी कारण सीनायटीकस हस्तप्रत छोड़ देता है षब्द ‘‘और उपाय'' को। इस खन्डन किए हुए पाठ के इस्तेमाल ने कलीसिया पर प्रभाव डालना षुरू नहीं किया जब तक 1881 में पुनःसंषोधित वर्णन नयी नियमावली (Revised Version New Testament) का प्रकाषन नहीं हुआ था; जो पहला अनुवाद था ‘‘और उपाय'' षब्द निकालनेवाला। तब से सारे आधुनिक अनुवाद के सिवा वे जो जे. एन. डार्बी (1871), जेम्स मोफात (1913) और न्यु कींग जेम्स वर्सन के अलावा, षब्द निकाल दिये। सिर्फ (IVP) आइवीपी टीप्पणी विचार नहीं करते वो षब्द बाहर छोड़ने के लिये प्रमाणित समर्थक।
वहाँ पर पाँच कारण है क्यों मैं आग्रह करता हूँ कि षब्द ‘‘और उपाय'' हकीकत में षब्द है मसीह के बोले हुए और सब अनुवादों में रखने ही चाहिये : (1) क्योंकि यह स्पश्ट है कि ज्ञान संबंधी नास्तिकता ने प्रभावित किया था उन दो पहली हस्तलिपि की नकल करनेवालो को, (2) क्योंकि सेकड़ो दूसरे हस्तलेख में करीबन उसी समय में, ‘‘और उपाय'' षब्द है, (3) क्योंकि चीन में याजक, जैसे डो. लीन, ने हमेषा जाना था कि कुछ दुश्टात्मा को उपवास के बिना जीत नहीं सकते। मैंने सुना है डो. लीन को कहते हुए बहुत बार। इस प्रकार, चीन में बहुत से याजक, जैसे डो. लीन, दुश्टात्माओं से प्राप्त लोगों के साथ सेवा हस्तगत की थी पूर्णरूप से अच्छी तरह जानते थे कि कुछ षक्तिषाली दुश्टात्मा को उपवास और प्रार्थना के बिना जीत नहीं सकते। इसीलिये अभ्यासिक अनुभव सहारा देता है षब्द ‘‘और उपाय'' को। परंतु (4) पष्चिमी विष्व के कलीसिया जिन्होने ‘‘और उपाय'' षब्द निकाल दिये है वे जल्दी से कमजोर होते जा रहे है, ‘‘प्रार्थना और उपवास'' छोड़ने के अभ्यास के आंषिक परिणाम रूप। वहाँ पर पष्चिमी विष्व मे कोई बड़ा पुनःउद्धार नहीं हुआ है जबसे ‘‘और उपाय'' षब्द निकाले गये है। जैसे डो. मेरील्ल एफ. अन्जर इसे कहते है ‘‘अविष्वास की यह परिस्थिति सूचित कर सकता है आध्यात्मिक जीवन और सामर्थ्य के सिर्फ निम्न स्तर को कलीसिया में'' (अन्जर, ibid.)। मैं सोचता हूँ कि ष्ौतान की सावधानी एक कारण है चीन में कलीसियाओं का इतनी जल्दी बढ़ना, जब कि पष्चिमी कलीसियाओं का अन्त हो रहा है।
एक और मुद्दा (5) मैं मान चुका हूँ कि ष्ौतान स्वयं ने वो दो ज्ञान संबंधी पाठ विलंकित किया हुआ था 19 वी सदी के अंत तक, और फिर उन्हें लाया गया आधुनिक विद्वानों के ध्यान में, अन्त के दिनों में कलीसियाओं का सामर्थ्य व्याकुल और कमजोर करने। मैं विष्वास करता हूँ कि यह आधुनिक विद्वान स्वयं ष्ौतान द्वारा प्रभावित थे। जैसे डो. लीन ने कहा, ‘‘ष्ौतान का उन पर काबू से अनजान ... परिणाम है दोनों षोकभरा और दर्दभरा'' (लीन, ibid.)।
वह हमे ंफिर से हमारे पाठ तक ले जाता है,
‘‘और जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उसने उनसे कहा, यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:28,29)।
हम इस पाठ से दो चीज सिख सकते है।
1. पहला, दुश्टात्माओं के पास सामर्थ्य की अलग स्थिति होती है।
यह पद अंत में आता है चेलो की असमर्थता दुश्टात्मा बनाये हुए बालक को सहाय करने में। युवा आदमी के पिता उसके पुत्र को चेलों के पास लाये। बालक दुश्टात्मा अधीन था, परंतु चेले दुश्टात्मा को बाहर नहीं निकाल सके। उन्हें पहले सामर्थ्य दिया गया था ‘‘दुश्टात्माओं को निकालने'' (मती 10:8) इसलिये वे समर्थ थे दुश्टात्माओं को बाहर निकालने में कुछ समय पहले हमारे पाठ में इस घटना के। परंतु वे युवा आदमी में से दुश्टात्मा को बाहर निकालने में असमर्थ थे। पिताने यीषु से कहा, ‘‘मैंने तेरे चेलों से कहा कि वे उसे निकाल दें, परन्तु वे निकाल न सके'' (मरकुस 9:18)। यीषु ने चेलो को डाँटा उनके विष्वास की कमी के लिये। फिर वे बालक को यीषु के पास लाये और दुश्टात्मा ने बालक को फाड़ा और वो धरती पर गिरा, मुँह से झाग निकलते हुए। यीषु ने कहा, ‘‘हे गूंगी और बाहरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूँ, उसमें से निकल आ और उसमें फिर कभी प्रवेष न करना'' (मरकुस 9:25)।
दुश्टात्मा चिल्लाया, बालक को फेंका भयानक विप्लव में, और फिर उसमें से बाहर आया। बालक वहाँ पड़ा था, इतना स्थिर कि लोग समझे वो मर गया है। यीषु ने उसे हाथ से उठाया, उसके पैरो से खड़ा किया और वह ठीक था। थोड़ी देर बाद, यीषु घर में आये, चेलों ने पूछा क्यो वे दुश्टात्मा को बाहर नहीं निकाल सके। यीषु ने कहा,
‘‘यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:29)।
‘‘यह जाति'' निकाली जा सकती है सिर्फ प्रार्थना और उपवास के द्वारा। डो. वीलीयम हेन्ड्रीकसन ने कहा, ‘‘(मसीह) कहते है, इसलिये, कि दुश्टात्माओं के संसार में वहाँ भिन्नता है : कोई ज्यादा सामर्थ्यवान और ज्यादा कपटी है दूसरों से'' (वीलीयम हेन्ड्रीकसन, टीएच.डी., न्यू टेस्टामेन्ट कोमेन्ट्री : एक्सपोझीषन अॉफ ध गोसपल एकोरडींग टु मार्क, (नयी नियमावली का संभाशण : मरकुस के मुताबिक सुसमाचार का विवरण), बेकर बुक घर, 1973, पृश्ठ 352; मरकुस 9:29 पर संभाशण)।
जब मैं सान फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट बेपटीस्ट थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला में हाजरी दे रहा था 1970 के पहले दिनों में, मैंने कलीसिया षुरू किया, मेरे दो मित्रों के साथ, जो हीप्पी मुहिम के बहुत युवा लोगों तक पहुँचे। अब वह सधर्न बेपटीस्ट कलीसिया है। बहुत से वो युवा लोग गहराई से जुड़े हुए है मानसिक रोग संबंधी दवाइयाँ (ड्रग्स) और सामने खडे होकर दृश्टि से रोकने के साथ हमें कम से कम हफते में एक दिन बिताना चाहिए उपवास और प्रार्थना में या हम देख नहीं सकते थे बहुत से वो युवा लोग परिवर्तित होते।
मुझे स्मरण है एक लड़की जो हमारे कलीसिया में, मील वेली में आयी थी। दूसरे बहुतों के समान उस समय में, वो ड्रग्स इस्तेमाल करती थी और बहुत ही धीला जीवन जीती थी। उसने मुझे सुसमाचार प्रचार करते सुना और वो परिवर्तित थी, और ष्ौतान के काबू से छुट गयी थी। परंतु जब वो मसीही बनी उसकी माँ ने उसे घर से बाहर निकाल दिया और उसे कुछ लड़कियों के साथ कलीसिया में रहना पड़ा। मैंने सोचा उसके लिये घर जाना उचित होगा, इसलिये मैं उसकी माँ से मिलने गया। मैंने अपना सूट और टाई पहने और उसके घर गया, मरीन कन्ट्री के अच्छे समृद्ध परिसर में। मैंने द्वार पर दस्तक दी और माँ ने मुझे अन्दर लिया। मैं उसकी साँसो में षराब की गन्ध सूंघ सकता था। मैंने उस औरत से कहा कि मैंने महसूस किया है यह बेहतर होगा अगर वो अपनी बेटी को घर में आने दे। मैं उसके चेहरे पर की वह दुश्ट नजर कभी नहीं भूल सकता जब मैंने वो कहा। उसने मेरे तरफ उपहास किया और कहा, ‘‘मैं इसे संभाल सकती जब वो लड़को के साथ यहाँ वहाँ घूमी थी। मैं संभाल सकती थी जब उसने ड्रग्स (नषीली दवाईयाँ) ली थी। परन्तु अब वो मसीही बन गई है'' (उसने षब्द ‘‘मसीही'' बाहर गिराया जैसे यह सबसे भयानक चीज थी विचारने लायक) - ‘‘परन्तु अब वो मसीही बन गई है, और मैं ना कर सकती हूँ और ना करूँगी वह उसके साथ!'' मैं आष्चर्यचकित था (Anglo Saxon) प्रोटेस्टन्ट अप्रधान स्थान से। किसी ने सोचा होगा वो कम से कम अपनी बेटी के मसीही बनने के बारे में तटस्थ हो सकती थी। मैंने वो घर छोड़ा उसको उसकी बेटी के साथ मिलने के लिये समझाने कि असमर्थता के साथ। बेचारी लड़की फिर कभी घर नहीं रह सकी। बाद में मैने सुना कि उस लड़की ने मसीह आदमी के साथ विवाह किया और युरोप में झेक रीपब्लीक (Czech Republic) में सेवक की तरह चली गई। मैंने सान फ्रान्सिसको छोड़ दिया और उस लड़की को तीस वर्शो से ज्यादा से फिर नहीं देखा।
दो हफते पहले मेरी पत्नी, मेरा पुत्र लेस्ली और मैं मरीन कन्ट्री फिर से गये कलीसिया की 40 वी वर्शगांठ के उत्सव में सहाय करने, माइक रीले, रोजर होफमेन और मैंने वहाँ षुरूआत की थी। वर्शगांठ की सभा के अंत में मैं तख्त से नीचे आया और मैंने उस लड़की को आँखो में आसूँ के साथ मेरी ओर आते हुए देखा। उसने मुझे आलिंगन दिया और उसके पति से पहचान करवाई। वे वहाँ थे निष्चितकाल की अनुपस्थिति वहाँ प्राग् (Prague) के कलीसिया में वो याजक थे, झेक रीपब्लीक में। हम आँखों में खुषी के आँसू के साथ फिर से प्रसन्न हुए। फिर मैंने पूछा उसकी माँ का क्या हुआ? उसने मुझसे कहा कि वो औरत षराब के नष्ो में पच्चास वर्श की आयु में मर गयी। कैसा दुखःद! परन्तु वो सुन्दर लड़की यीषु द्वारा मुक्त हो गयी थी ष्ौतानी अभाग्य के भयानक जीवन से। यह सिर्फ हो सकता था प्रार्थना और उपवास के द्वारा ही!
‘‘यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:29)।
2. दूसरा, उपवास इस्तेमाल होता है प्रभु के लिये पापीयों को ष्ौतान के सामर्थ्य से मुक्त करने।
मेहरबानी करके खड़े रहो और मेरे साथ यषायाह 58:6 पर फिरो। यह स्कोफिल्ड बाइबल के पृश्ठ 763 पर है। खडे रहो और इस पद को जोर से पढ़ो
‘‘जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं? कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालो का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना और सब जूओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?'' (यषायाह 58:6)।
आप बैठ सकते हो।
एक रास्ता कहने कि, अगर षिक्षा सच है वो है पवित्रषास्त्र की समानता द्वारा। अगर विशय बाइबल में सिर्फ एक जगह पर ही प्रत्यक्ष होता है, इस पर षिक्षा बांधना खतरनाक है। परन्तु ष्ौतानी सामर्थ्य से लोगों को मुक्त करने उपवास करना सिर्फ मरकुस 9:29, में नहीं मिलता, परन्तु मती 17:21 में भी है। मैं जानता हूँ कि पाठ संबंधी टीकाकार भी कोषिश करते है मती 17:21 को दूर ले जाने की उन दोनो विकलीत (छाँटा हुआ) (multilated) ज्ञान संबंधी पाठ का पुर्नविचार करने के द्वारा। परन्तु कोई भी हम से नहीं ले सकता यषायाह 58:6 के स्पश्ट वचनो को। वो पद है जो मरकुस 9:29 के साथ अनुरूप होता है। वो पवित्रषास्त्र की समानता है जो साबित करती यीषु सच थे जब उन्होंने कहा, ‘‘यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:29)।
‘‘जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं? कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालो का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना और सब जूओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?'' (यषायाह 58:6)।
यह उपवास है जो प्रभु ने चुना है! ऐसे उपवास परमेष्वर द्वारा इस्तेमाल होते है दुश्टत्मा की जंजीर ढीली करने में, भारी बोज़ का नाष करने, ष्ौतान द्वारा दबाये हुओं को मुक्त करने, और हर ष्ौतानी जुओं के टूकड़े टूकड़े करने! महान् सुसमाचार प्रचारक जोन वेस्ली प्रभु द्वारा इस्तेमाल किए गए थे अठ़ारवी सदी में हज़ारों लोगों को परिवर्तित करने। जोन वेस्ली ने कहा,
‘‘क्या आपने कोई दिन नियुक्त किया है उपवास और प्रार्थना के लिये? प्रचण्ड करो अनुग्रह के सिंहासन और उस स्थान में दृढ रहो और दया नीचे आयेगी''।
‘‘जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं? कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालो का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना और सब जूओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?'' (यषायाह 58:6)।
जोन का भाई, चार्ल्स वेस्ली ने, अच्छा कहा उनके एक भक्तिगीत में,
वो तोड़ते है मिटे हुए पाप के सामर्थ्य को,
वो कैदी को मुक्त करते है;
उनका लहू सबसे अषुद्ध को षुद्ध कर सकता है,
उनका लहू उपकारी है मेरे लिये।
(‘‘ओ हज़ारो जबान को गाने के लिये'' चार्ल्स वेस्ली द्वारा, 1707-1788)।
अगर आपके पास आपके जीवन में यीषु द्वारा दुश्टता की जंजीर तोड़ी हुई है, खड़े रहो और मेरे साथ इसे गाओ!
वो तोड़ते है मिटे हुए पाप के सामर्थ्य को,
वो कैदी को मुक्त करते है;
उनका लहू सबसे अषुद्ध को षुद्ध कर सकता है,
उनका लहू उपकारी है मेरे लिये।
‘‘जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं? कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालो का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना और सब जूओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?'' (यषायाह 58:6)।
उपवास और प्रार्थना प्रभु से इस्तेमाल हो सकते है मिटे हुए पाप का सामर्थ्य तोड़ने और कैदी को मुक्त करने! परमेष्वर की सराहना करो! हल्लिलूय्याह!
इसीलिये मैं आपसे अगले षुक्रवार को उपवास और प्रार्थना मे ंमेरे साथ जुड़ने को कहता हूँ - ताकि हम प्रभु से प्रार्थना करे बहुत से युवा लोगो को ष्ौतान की जंजीर से मुक्त कराने, जिन्हें इस गिराव में हम कलीसिया में लाते है उन में से। मैं आप से उपवास करने को कहता हूँ, खाने की चीजों से दूर रहने, अगर संभव हो तो सिर्फ पानी के साथ, सारा षुक्रवार - जब तक हम कलीसिया में आये। हम आपको षुक्रवार षाम को कुछ हलका खाना देंगे। अगर आपको कुछ औशधीय परेषानी (बिमारी) है, मेहरबानी करके अपने चिकित्सक से पूछो हमसे उस उपवास के दिन जुड़ने से पहले। बहुत पानी पीने निष्चिंत रहो। अगर आप कोफी या चाय पीने के आदि हो, आप षायद वो पीना जारी रखे, क्योंकि षायद आप सिर दर्द का अनुभव करे अगर आप अचानक उसे पीना बंद करे तो।
और निष्चिंत रहो नये लोगो के लिये प्रार्थना में समय बिताने, अगर षक्य हो तो नाम के साथ, जैसे आप षुक्रवार को उपवास करते हो। अगर आप बहुत वृद्ध या बीमार हो, या अगर आप षुक्रवार को काम पर जा रहे हो, षायद आप आधा उपवास कर सकते हो टमाटर का रस पीकर। और मेहरबानी करके स्मरण करो डो. जेरी फाल्वेल, लीबर्टी विष्वविद्यालय के षोधक, के षब्द,
बहुत से लोगो को सिर्फ एक दिन के लिये उपवास करना चाहिये, विष्ोश करके अगर उनके लिये उपवास करना नया हो। सिर्फ वो ही जो यीषु मसीह में परिपक्व हो और उपवास करने में वर्शों का अनुभव हो उन्हें खाने की चीज से दूरी रखनी चाहिये ... लंबे समयकाल के लिये (जेरी फाल्वेल, डी.डी., फास्टींग : व्होट ध बाइबल टीचेस, (उपवास : बाइबल क्या सिखाता है), टायनडेल हाऊस प्रकाषक, 1984 की प्रत, पृश्ठ 29)।
अगर आप अगले षुक्रवार उपवास करने का विचार कर रहे हो खोए हुओं के लिये जो हमारे कलीसिया में आये और बचाये जाए तो, मेहरबानी करके यहाँ आगे आइये तख्त के पास अभी, और श्रीमान वीन्सटन सोन्ग परमेष्वर कोे प्रार्थना करेंगे, आपको उपवास और प्रार्थना करने में अगले षुक्रवार आपकी सहायता करे (प्रार्थना)। आप बैठ सकते हो। ‘‘वो तोड़ते है मिटे हुए पाप के सामर्थ्य को''। इसे गाओ।
वो तोड़ते है मिटे हुए पाप के सामर्थ्य को,
वो कैदी को मुक्त करते है;
उनका लहू सबसे अषुद्ध को षुद्ध कर सकता है,
उनका लहू उपकारी है मेरे लिये।
एक और चीज - अगर आप अभी तक फिर से मसीही नहीं जन्मे हो तो ध्यान से सुनो। प्रभु यीषु मसीह क्रूस पर मरे आपके पाप का दण्ड चुकाने। और मसीह ने अपना बहुमूल्य लहू बहाया आपको सारे पापो से षुद्ध करने। मसीह षारीरिकरूप से उठे, माँस और हड्डी में, मृत्यु के तीसरे दिन। वे फिर से स्वर्ग में ऊपर गये और वे प्रभु पितामह के दाहिनी ओर बैठे है, जहाँ वे आपके लिये प्रार्थना कर रहे है। मसीह के पास आओ विष्वास से और आप फिर से जन्म लेंगे और आपको प्राप्त होगी आपके पापो की माफी और अनंत जीवन। आप मसीह के पास जल्दी आये! और निष्चिंत रहो यहाँ कलीसिया में अगले रविवार आने। आमीन।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले क्यु डोन्ग ली द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र : मरकुस 9:20-29।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘फिर यीषु आये'' (होमेर रोडेहीवर द्वारा, 1880-1955)।
रूपरेखा ष्ौतान को जीतने उपवास डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘और जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उसने उनसे कहा, यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती'' (मरकुस 9:28,29)। (1 तीमुथियुस 4:1; प्रकाषितवाक्य 3:17) 1. पहला, दुश्टात्माओं के पास सामर्थ्य की अलग स्थिति होती है,
2. दूसरा, उपवास इस्तेमाल होता है प्रभु के लिये पापीयों को ष्ौतान के सामर्थ्य से मुक्त करने, यषायाह 58:6। |