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टूटा मन

THE BROKEN HEART
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की
षाम, 29 जुलै, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, July 29, 2012

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता'' (भजनसंहिता 51:17)।


मैंने यह धार्मिक प्रवचन रोबर्ट मुरेय मेकहायन (1813-1843) द्वारा दिये गये धार्मिक प्रवचन से लिया है। चाहे वे जल्दी उनकी तीसव़ी जन्मदिन से पहले मर गए, मेकहायन उनके वतन स्कोटलेन्ड में पुर्नउद्धार के लिये बहुत इस्तेमाल होते थे। वे प्रीमीलेनीयालिस्ट (Premillennialist) थे जिसने विष्वास किया कि इस युग के अंत में यहूदी लोग उनकी निज भूमि पर पुनःस्थापित और परिवर्तित किए जायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पुनःस्थापित इस्त्राएल परमेष्वर की ओर से ओस की तरह होगा।'' डन्कन मेथसन ने इस युवा याजक के लिये कहा, ‘‘उसने प्रचार किया अनंतता उसके ललाट पर अंकित करने के साथ।'' मैं आपको अभी मेकहायन के कुसमय के धार्मिक प्रवचनो में से एक प्रस्तुत कर रहा हूँ, और मैं आषा करता हूँ कि यह आप में से किसीको प्रेम और षांति के अनुभव तक ले जाएगा जो यीषु प्रदान करते है उनको, जिसके पास ‘‘टूटा और पिसा हुआ मन है।''

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता''
(भजनसंहिता 51:17)।

यहूदी षब्द (Hebrew) ‘‘पिसे हुए'' “contrite” का अनुवाद किया गया है उसका अर्थ है ‘‘कुचला हुआ'' “crushed” । डेवीड बात करता है ‘‘टूटे और पिसे हुए मन'' की। मेकहायनने कहा : कोई भी भजनसंहिता ज्यादा पूर्णरूप से व्यक्त नहीं करता अनुभव पष्चाताप करनेवाले विष्वासु आत्मा का : उसके पाप का विजयी स्वीकार का (वी.वी. 3,4,5); उसकी तीव्र इच्छा मसीह के लहू द्वारा माफी की (वी.7); उसका उत्कंठा षुध्द मन के बाद (वी.10); उसकी इच्छा कुछ परमेष्वर को समर्पित करना उनके सारे फायदे के लिये... वे टूटा मन देंगे (प्रभु) (वी.वी. 16, 17)। जैसे बहुत पहले वे मारा हुआ मेम्ना देते थे धन्यवाद करने के चिन्ह के रूप में, इसलिये वो कहता है मैं प्रभु को दूँगा बलि और टूटा मन। मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप इसी विष्लेशण पर आओ, और इस रात परमेष्वर को टूटा मन दो।

नई वाचा के अधीन हमे कहा गया है, ‘‘तुम जानते हो कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता'' (1 यूहन्ना 3:15)। दाऊद ने हत्या की थी। इसीलिये मेरी यह राय है कि, इस वर्तमान व्यवस्था में, यह सबसे उचित है देखना कि दाऊद को क्या हुआ इस भजनसंहिता में नयी नियमावली के परिवर्तन की रोषनी में। हम हमारे विशय की ओर इस प्रकार देखेगें।

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता''
(भजनसंहिता 51:17)।

I. पहला, स्वाभाविक मन टूटा नहीं है।

आदमी का स्वाभाविक मन कोई भी नहीं तोड़ सकता। वो अनुभव कर सकता है दया, विपत्ति, और टूटे मन के बिना मृत्यु भी, मन प्रभु की दृश्टि में इतना कोमल और अदृढ है। इसका बड़ा बाइबल संबंधी दृश्टांत है, निर्गमन की किताब में फिरौन के कठोर मन का। चाहे उस पर एक के बाद न्याय आये, उसने बारबार मूसा और ऐरोन का प्रचार अस्वीकार किया, ‘‘उसने फिर अपने मन को कठोर किया, और उनकी न सुनी'' (निर्गमन 8:15)। जब प्रभु के न्याय में उसका अपना पहला जन्मा पुत्र मरा तब भी फिरौन का मन कठोर था। हम जानते है कि अघोलोफ में धनवान आदमी स्वयं का मन अभी तक कठोर था, इतना कठोर कि उसने अब्राम के साथ भी दलीले की! (लूका 16:30)। मृत्यु और अघोलोक स्वयं ने उसका मन कोमल और सिखाने योग्य नहीं बनाया! उसने पापभरा और इष्वररहित जीवन जो वो जिया था उसके लिये कुछ भी पष्चाताप नहीं दिखाया! जब मसीह ने सूखे हाथ वाले आदमी को चंगा किया था, वो ‘‘उनके मन की कठोरता से उदास'' था (मरकुस 3:5)। उनके मन टूटे और पिसे हुए नहीं थे यह चमत्कार देखने के बाद भी। प्रेरितो पौलुस ने उनके बारे में कहा जो प्रभु की अच्छाई को तिरस्कार करता है कठोर और पष्चातापहीन मन होने से (रोमियों 2:5)। व्यवस्था, सुसमाचार, दया, विपत्ति, मृत्यु और अघोलोक भी अपरिवर्तित आदमीयो का स्वाभाविक मन नहीं तोड़ता! उनके मन पत्थर से भी कठोर है। वहाँ पर पूरी सृश्टि में अपरिवर्तित आदमीयो के मन के जैसा कठोर और कुछ नहीं है। यिर्मयाह ने कहा, ‘‘उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है'' (यिर्मयाह 5:3)।

बिना बचाए हुओ का मन इतना कठोर क्यों है? बाइबल हमें कहता है कि वहाँ उनके मन पर परदा (vail) है। बाइबल कहता है, ‘‘उनके ह्यदय पर परदा पड़ा रहता है'' (2 कुरिन्थियों 3:15)। स्वाभाविक मन बाइबल में विष्वास नहीं करता, व्यवस्था की दृढता को नहीं मानते, आनेवाले क्रोध में विष्वास नहीं करते। ढकना, या परदा, उनकी आँखो पर लगा है इसलिये वे सच्चाई नहीं देख सकते।

दूसरा, ष्ौतान के पास उनके मन का अधिकार है। वो ‘‘आत्मा जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है'' (इफिसियों 2:2)। ‘‘ष्ौतान...उनके मन में से वचन उठा ले जाता है'' (लूका 8:12)।

तिसरा, वे ‘‘अपराधों और पापों में मरे हुए'' (इफिसियों 2:1) है। मरी हुई आत्मा नहीं सुन सकती जो प्रचार किया है। मरी हुई आत्माएँ पाप का अपराध भाव महसूस नहीं करती। मरी हुई आत्माओ के पास ‘‘बुध्दि की...अन्धेरी'' (इफिसियों 4:18) है, उनको ‘‘लुचपन की लालसा'' (इफिसियों 4:19) है।

चौथा, उन्हे कुछ झूठे की षरण में सुरक्षा की आषा है। भविश्यवक्ता यषायाह ने कहा, ‘‘हम ने झूठ की षरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए है'' (यषायाह 28:15)। वे सलामती की आषा रखते है बाइबल में विष्वास करने से, हकीकत में कि वे प्रार्थना करते है, कलीसिया को पैसा देते है, बपतिस्ता पाते है, या कोई दूसरे झूठ का षरण।

प्रभु को प्रार्थना करो कि आपको मृत्यु, बिना टूटे मन के षाप से दूर रखे, क्योंकि आप फिसलनेवाली जमीन पर खडे़ हो। यह जल्दी ही झाड़ दिया जाएगा। और भी, क्योंकि आपको सच्ची आषा नहीं होगी जबतक आप यीषु के पास नहीं आते।

II. दूसरा, जागृत मन ज़ख्मी है, परन्तु टूटा हुआ नहीं।

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता''
(भजनसंहिता 51:17)।

जागृत मन होना अच्छा है, मन जो जख्मी है, परन्तु वह पर्याप्त नहीं है। आपका मन टूटना ही चाहिए। और जागृत मनका अपराध भाव इसके टूटने के लिये तैयार चाहिए। अपराधभाव की ऐसी जागृतता कैसे आती है?

व्यवस्था पहला जख्म करती है। जब परमेष्वर व्यक्ति को बचाने जाते है, वो करते है कि व्यक्ति को सोचने पापों के बारे में जो उसने उनकी व्यवस्था तोड़ने के द्वारा किए है। बाइबल कहता है,

‘‘जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह षापित है।'' (गलातियों 3:10)।

आपके जीवन के पाप, और आपके मन के पाप भयानक लगते है जब प्रभु की आत्मा आपके मन को जख्मी करती है।

फिर पापी जानकारी दिये जाते है कि उसने महान् और पवित्र प्रभु के विरूध्द पाप किए है। आप कहोगे, ‘‘मैं ने केवल तेरे ही विरूध्द पाप किया, और जो तेरी दृश्टि में बुरा है, वही किया है'' (भजनसंहिता 51:4)।

तीसरा जख्म आता है जब आपको सूचित किया जाता है आपकी अपनी असहायता आपको बेहतर बनाने के लिये। अभी भी आपका मन टूटा नहीं है। आपका मन परमेष्वर के विरूध्द उठता है उनकी व्यवस्था की दृढ़ता के कारण, और क्योंकि आप मसीह में विष्वास उत्पन्न नहीं कर सकते। आप प्रभु के साथ क्रोध महसूस करते हो आपको इस तुच्छ अवस्था में छोड़ने के कारण। यह दिखाता है कि आपका मन अभी भी नहीं टूटा। आप अपने स्वयं के लिये लाचार महसूस करते हो और दुःखी होते हो कि प्रभु ने आपकी सहायता नहीं की।

सीखो कि यह एक चीज है इस प्रकार अपराधी होना, और दूसरी चीज है बचाए जाने के लिये। पाप के अपराधभाव में मत रहो! आप अभी तक परिवर्तित नहीं हो।

III. तीसरा, परिवर्तन में मन दो प्रकार से टूटता है।

पहला, आपका मन टूटेगा इसकी अपनी धार्मिकता से। जब पवित्र आत्मा आपको क्रूस पर चढ़ाए हुए यीषु के पास ले जाते है, आपका मन टूटेगा मुक्ति ढूँढने से आप कुछ करते हो उसके सिर्फ यीषु द्वारा ही बचाए जा सकते हो। आप डेवीड बेइर्नड के साथ कहोगे, ‘‘मुझे आष्चर्य है क्यों मैंने कभी भी किसी ओर रास्ते से मुक्ति के लिये सोचा''। फिर यीषु का अनुग्रह बहुत अद्भूत दिखता है। क्या आपके पास यह टूटा मन है-ये सोचने के द्वारा टूटा कि यीषु क्रूस पर मरते है आपके पापों को चुकाने, और उनकी धार्मिकता आपको दे? आप और ज्यादा देर मुक्ति की निष्चिंतता के लिये नहीं देखोगे। अब अकेले यीषु को देखोगे। यह नजर है यीषु के प्रेम करनेवाले मन की ओर जो मन को इसकी अपनी धार्मिकता से तोड़ता है। ओह, ऐसे टूटे मन के लिये प्रार्थना कीजिये! गर्व करना रोका जाएगा। आप कहेंगे, ‘‘वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ्य है'' मेरे लिये! (प्रकाषितवाक्य 5:12)।

प्रभु अभी भी बुलाते है! मैं नहीं रूक सकता;
    मेरा मन मैं मान लेता हूँ बिना विलंब;
असार संसार, बिदाई! आपसे मैं अलग हो जाऊँ;
   प्रभु की आवाज मेरे मन तक पहुँची है।
(‘‘प्रभु अभी भी बुलाते है'', गेरहार्ड टेस्टीजेन द्वारा, 1697-1769;
     जेन एल. बोर्थवीक द्वारा अनुवाद किया हुआ, 1813-1897)।

फिर, दोबारा, आपका मन तोड़ा जाएगा पाप के प्रेम से। जब आप सच्चाई से मसीह पर भरोसा करते हो, आप फिर पाप से नफरत करोगे। फिर आप पाप से तिरस्कार करेंगे क्योंकि वो आपको प्रभु से जुदा करता है। आप फिर पाप से तिरस्कार करेंगे क्योंकि इसने यीषु को क्रूस पर चढ़ाया, उनकी आत्मा पर बोज डाला, उनको लहू का पसीना बहाना पड़ा, लहू बहाया और मरे। आप पाप से नफरत करेंगे, जानते हुए कि इसने आपको कुछ नहीं दिया सिवा दुःख के। आप अपने पाप के लिये मातम करेंगे क्योंकि ये यीषु के प्रेम के विरूध्द किया गया था।

IV. चौथा, टूटे मन के फायदे।

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता''
(भजनसंहिता 51:17)।

टूटा मन आपको क्रूस के प्रचार पर असंतुश्ट होने से दूर रखता है। अपरिवर्तित मन ऐसे प्रचार से असंतुश्ट होते है। बहुत से लोग इससे नफरत करते है। बहुत से दूसरे सोचते है ये मूखर्ता के अलावा कुछ नहीं। कुछ लोग कलीसिया भी छोड़ते है क्योंकि वे अकेले क्रूस के द्वारा मुक्ति के प्रचार से ही असंतुश्ठ है। बाइबल कहता है,

‘‘क्रूस की कथा नाष होनेवालों के लिये मूर्खता है''
(1 कुरिन्थियों 1:18)।

फिर से, बाइबल कहता है,

‘‘वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी है''
(फिलिप्पियों 3:18)।

परंतु टूटा मन क्रूस के प्रचार से असंतुश्ठ नहीं हो सकता। टूटा मन सदा के लिये धार्मिकता सुनने बैठ सकता है बिना काम, मसीह की दूसरे के बदले क्रूस पर की मृत्यु से! टूटे मन को इंसान की बनाई धार्मिकता से मुहर किया हुआ और सामान्य समाधि को सुनने से प्रेम है!

फिर भी, टूटा मन यीषु में विश्राम में है। अपरिवर्तित मन को कभी भी विश्राम नहीं होता, क्योंकि

‘‘दुश्ट तो लहराते हुए समुद्र के समान है जो स्थिर नहीं रह सकता, और उसका जल मैल और कीच उछालता है''
(यषायाह 57:20)।

जागृत मन विश्राम में नहीं है। षोक और दर्द मन में है उनके जो पाप के अपराधभाव के अधीन है, परंतु यीषु का भरोसा करने का इन्कार करते है। परन्तु सच्ची तरह टूटा मन अपनेस्वयं को यीषु पर डाल देता है। और यीषु की धार्मिकता उनको कलंकित करती है सारे डर लेकर। यीषु का प्रेम ‘‘भय को दूर करता है'' (1 यूहन्ना 4:18)। टूटा मन पूरी तरह यीषु से संतुश्ठ है। वो उनके लिये पर्याप्त है। क्या आप पूरी तरह से यीषु से संतुश्ठ हो? क्या आपका मन का टूटना पर्याप्त है उनके पास आने और उनका भरोसा करने? या आप अभी भी अभ्यास करने का प्रयत्न करते हो, या प्रयत्न करते हो निष्चिंतता ढूँढने? मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप वो नियमानुसार प्रयत्नो को छोड़ देंगे, और यीषु पर भरोसा करोगे, और सिर्फ अकेले यीषु! मेहरबानी करके खडे़ रहीये और आपके गीत के पर्चे से भक्तिगीत क्रमांक आठ गाईये।

मेहरबानी करके खडे़ रहो और भक्तिगीत गाओ। अगर आप अभी तक बचाए हुए नहीं हो, और आपको डो. केगन और मुझसे इसके बारे में बात करनी हो, मेहरबानी करके पीछे के कक्ष में जाओ जब हम गाते है। हम आपके साथ जाएगे दूसरे कक्ष में बातचीत और प्रार्थना करने।

आओ, आप दुश्ट, भारी बोज से लदे हुए,
   गिरने के कारण कुचले और टूटे हुए;
अगर आप बेहतर होने तक विलंब करते हो
   आप कभी भी नहीं आओगे;
धार्मिक नहीं, धार्मिक नहीं,
   पापीयों यीषु आये है बुलाने
धार्मिक नहीं, धार्मिक नहीं,
   पापीयों यीषु आये है बुलाने
(‘‘आओ, तुम पापीयो'' जोसेफ हार्ट द्वारा, 1712-1768)।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन एल चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्र षास्त्र : भजनसंहिता 34:15-18।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘प्रभु अभी भी बुलाते है'' (गेरहार्ड टेर्स्टीजेन द्वारा, 1697-1769)।


रूपरेखा

टूटा मन

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘टूटा मन परमेष्वर के योग्य बलिदान है : हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता'' (भजनसंहिता 51:17)। (1 यूहन्ना 3:15)

I.    पहला, स्वाभाविक मन टूटा नहीं है, निर्गमन 8:15; लूका 16:30;
मरकुस 3:5; रोमियो 2:5; यिर्मयाह 5:3; 2 कुरित्थियों 3:15;
इफिसियों 2:2; लूका 8:12; इफिसियों 2:1, 4:18, 19; यषायाह 28:15।

II.   दूसरा, जागृत मन ज़ख्मी है, परन्तु टूटा हुआ नहीं,
गलातियों 3:10; भजनसंहिता 51:4।

III.  तीसरा, परिवर्तन में मन दो प्रकार से टूटता है, प्रकाषितवाक्य 5:12।

IV.  चौथा, टूटे मन के फायदे, 1 कुरिन्थियों 1:18; फिलिप्पियों 3:18;
यषायाह 57:20; 1 यूहन्ना 4:18।