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मुक्ति का अभ्रान्त प्रमाण

AN INFALLIBLE PROOF OF SALVATION

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 22 जुलै, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, July 22, 2012

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।


जैसे मैं धार्मिक प्रवचन पर काम करना षुरू करता हूँ मैं लगभग स्थायीरूप से षुरू करता हूँ पहले सही विशय ढूँढने से, और दूसरा श्रीमान ग्रीफिथ अकेले गाने-बजानेवाले के लिये भक्तिगीत ढूँढने, धार्मिक प्रवचन से पहले गाने के लिये। इस विशय के किस्से में मुझपर दबाव था उनसे ‘‘ब्लेस्ट बी ध टाई धेट बाइन्डस'' ‘‘बन्धन जो बांधता है उससे भाग्यवान बनो'' गाने को कहना। मुझे दूसरा कोई ओर भक्तिगीत इस्तेमाल करना था, परन्तु मैं एक भी ढूँढ न पाया। आधुनिक गीतमाला के सेकड़ो गीतों में, मैं दूसरा गीत नहीं ढूँढ सका जो पर्याप्त रूप से मसीहीयों के एक दूसरे से प्रेम करने के विचार को सूचित करे! मैं अपनी खोज से दूर आया, मेरे मनमें गहरे षोक और दर्द के साथ। मैंने सोचा, ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है कि मसीही प्रेम और संगति के बारे में आज हमारे कलीसिया में इतना कम गाया हो?'' जैसे मैं सोच रहा था कि यह ऐसा लगता था कि प्रभु की आत्मा ने मेरे मन में यीषु की भविश्यवाणी के षब्द लाये,

‘‘क्योंकि अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा''
       (मती 24:12)।

मसीह ने यह दिया ‘‘जगत के अन्त'' (मती 24:3) के एक चिन्ह की तरह। क्या हम इतिहास के उस समय में अभी है? क्या हम इस युग के अंत के करीब रह रहे हैं, न्याय के आने से पहले? हर चिन्ह लगता है सूचित करता हुआ कि हम उस समय में है - कि प्रभु का क्रोध इस दुश्ट पीढ़ी पर आने में ही है। चेलोने पूछा, ‘‘तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?''(मती 24:3)। चिन्ह जो मसीह ने उनको उस प्रष्न के जवाब में दिये वो यह था,

‘‘क्योंकि अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा''
       (मती 24:12)।

यहाँ गलती नहीं करना, षब्द ‘‘प्रेम'' मती 24:12 में अनुवाद किया था और षब्द ‘‘प्रेम'' अनुवाद किया गया था हमारे पाठ में, दोनों आते है ग्रीक षब्द ‘‘अगापे'' ‘‘agape''। ज्योर्ज रीकर बेरी ने कहा ये संदर्भ करता है ‘‘भावना का प्रेम, उत्साहयुक्त स्वाभाविक स्नेह'' (ग्रीक अंग्रेजी नयी नियमावली का षब्दसंग्रह)। षब्द अगापे (agape) नयी नियमावली में उपयोग हुआ है प्रभु का आदमी के लिये प्रेम व्यक्त करने, और मसीहीयों का एक दूसरे के लिये प्रेम व्यक्त करने। अगापे बात करता है मसीही प्रेम और मसीही संगति की।

मेरे पहले के याजक, डो. तीमोथी लीन, बाइबल संबंधी भाशाओं में पारंगत, एक धार्मिक पाठषाला के प्राध्यापक और बाद में ताइवान में धार्मिक पाठषाला में राश्ट्रपति थे। अगापे के लिये बोलते हुए, डो. लीन ने कहा, ‘‘एक दूसरे से प्रेम करना और हमारे प्रभु यीषु में विष्वास करना दोनो समान महत्व के है। हमारे परमेष्वर में विष्वास करना पूर्ण जरूरी है, और एक दूसरे को प्रेम करना भी पूर्ण जरूरी है ... प्रभु करे अन्त के दिनों के कलीसिया इसके बारे में तीन बार सोचे'' (तीमोथी लीन, पीएच.डी., ध सीक्रेट ओफ चर्च ग्रोथ, कलीसिया की प्रगति का राज, लोस एंजलिस का पहला चीनी बेपटीस्ट कलीसिया, 1992, पृपृश्ठ 28, 29)।

डो. लीन ने जो कहा वो एकदम सच है! मसीह में विष्वास बचाना और दूसरे सच्चे मसीहीयों की ओर प्रेम रखना, दोनों समानरूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वो हमारे पाठ मे एक साथ बाँधा हुआ है,

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।

इस पाठ में वहाँ पर दो मुख्य विचार है। मृत्यु से पसार होकर जीवन तक आना वो भाइयों के लिये प्रेम द्वारा प्रमाणित हुआ है, और वे जो भाइयों से प्रेम नहीं करते, दिखाते है कि वे अभी तक मृत्यु में स्थायी हैं। फिर मैं तीसरा मुद्दा डालूँगा, आपके लिये जीवन लाने के लिये क्या होना चाहिए उस पर। चलिये इसे हम और करीब से देखते है।

1. पहला, क्या प्रमाणित नहीं करता की आपके पास जीवन है।

कलीसिया में हाजरी देना प्रमाणित नहीं करता की आपके पास जीवन है। हजारों लोग हर रविवार कलीसिया आते है जिनके पास जीवन नहीं है। मृत्यु से जीवन तक पसार होना संदर्भ करता है पुर्नजीवन, नया जन्म। डो. गील ने सही कहा था कि मृत्यु से जीवन तक पसार होना संदर्भ करता है नये जन्म को, ‘‘पापी जो पाप में मरे हुए है उनको फिर जिलानेवाला है, उनका इस पाप (होने के) की मृत्यु से पुनरूत्थान, अनुग्रह और जीवन उनमें डाला गया था ... और यह पसार होता है एक से दूसरे को, वो उनका स्वयं का नहीं है, ये उनका खुद का काम नहीं है : कोई भी आदमी अपने स्वयं को इतनी जल्दी नहीं करता या जो उसको जिलाए! हम प्रभु पितामह द्वारा बदले गये हैं, जो अन्धेरे के सामर्थ्य, और मृत्यु से छुड़ाता है, और उनके प्यारे पुत्र के साम्राज्य में बदलते हैं, जो रोषनी और जीवन की अवस्था है ... जहाँ वो पाप में मरा हुआ था, अब वो जीवित हैं; और दूसरी चीजों के बीच में ये इस द्वारा जाना जाए, क्योंकि हम भाईयों से प्रेम करते हैं : यह कारण नहीं है मृत्यु से जीवन तक पसार होने का, परन्तु इसकी असर, और इसलिये इसका प्रमाण : और जो स्वयं को दिखाता है जितना जल्दी हो सके किसी चीज पुनःजीवित आदमी मे; नाही कोई संत से प्रेम कर सकता है, जैसे भाई मसीह में, जब तक वो फिर से जन्म लेता है ... उसे प्रभु के छोटे बालक की तरह प्रेम करने ... कोई आदमी नहीं कर सकता, जब तक उसे परमेष्वर का अनुग्रह (नये जन्म में) न मिला हो'' (जोन गील, डी.डी., एन एक्सपोझीषन टु ध न्यु टेस्टामेन्ट, ध बेपटीस्ट स्टानडर्ड बेरर, 1989 में फिर से छपा हुआ, भाग III, पृश्ठ 640; 1 यूहन्ना 3:14 पर टीप्पणी)।

इसलिये, मैं दोहराता हूँ, कलीसिया से जुड़ना और कलीसिया में उपस्थित रहना प्रमाण नहीं देता कि आपके पास जीवन है, प्रमाणित नहीं करता कि आप फिर से जन्मे हो। इस कारण से हजारो कलीसिया सदस्य अन्त के दिनों में एक दूसरे को पसंद नहीं करते, और एक दूसरे के साथ लड़ने भी है। और उन में से बहुत अपने याजको से नफरत भी करते है। इस परेषानी की जड़ उस हकीकत में है कि वे कभी भी फिर से नहीं जन्मे!

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।

हकीकत में, वे जो एक दूसरे से नफरत करते है अपने कलीसिया में वे परमेष्वर की नजर में हत्यारे के समान गिने जाते है, क्योंकि प्रेरितोने कहा,

‘‘जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है : और तुम जानते हो कि किसी हत्यारे मे अनन्त जीवन नहीं रहता''
       (1 यूहन्ना 3:15)।

फिर भी, बाइबल जानना और उसमें विष्वास रखना प्रमाणित नहीं करता कि आप फिर से जन्मे हो, मृत्यु को जीवन से पसार करके। दृश्टात्मा जानता है, ‘‘मुक्ति के विचार'' और इसे अच्छी तरह जानता है। कुछ भी ओर ज्यादा स्पश्ट नहीं है उससे कि ष्ौतानों के लेखप्रमाण चार सुसमाचारो में दिये है। उन्हें जानकारी थी की यीषु कौन थे। उन्हें आखरी न्याय के बारे में जानकारी थी। ष्ौतान भी याद करके पवित्रषास्त्र कथन कर सकता था, जैसे उसने किया जब उसने मसीह को जंगल में प्रलोभन दिये थे। हकीकत में ष्ौतान कयी कलीसिया सदस्यों से बुद्धिमान है। ‘‘दुश्टात्मा भी विष्वास रखते, और थरथराते है'' (याकूब 2:19)। कितने कलीसिया सदस्य ‘‘थरथराते है''? इस प्रकार, दुश्टात्मा को कहे जाने वाले बहुत से मसीहीयों से ज्यादा आध्यात्मिक परिज्ञान होता है! इस प्रकार, जानना और विष्वास करना बाइबल में और मुक्ति के विचार में कोई जमानत नहीं की आप बचाए गए हो।

फिर, भी, ‘‘गवाही'' के षब्द देने के योग्य होना मुक्ति का प्रमाण नहीं है। षमौन मागुस (Simon Magus) फिलिप्पुस सुसमाचार प्रचारक को मूर्ख बनाने पूरी तरह चतुर था उसकी गवाही के साथ (प्रेरितो 8:13)। परन्तु प्रेरितो पतरस फिलिप्पुस से बुद्धिमान था। जब वो सामरिया आया, पतरस ने षमौन से कहा, ‘‘तेरा मन परमेष्वर के आगे सीधा नहीं'' (प्रेरितो 8:21)। परन्तु षमौन गवाही के षब्द इतने दृढता से दे सकता था कि फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया, फिर भी उसका मन अपरिवर्तित था। उसका बिना बचाया हुआ मन उसे ले गया ‘‘सामर्थ्य'' पाने लोगो को कुषलता से हाथ करना और वष में करना (प्रेरितो 8:19)। बहुत से बिना बचाये हुए प्रचारक आज वैसे है। उन्हें उनके लोगो के लिये अगापे प्रेम नहीं है। उन्हें सिर्फ उनको कुषलता से हाथ करना है और उनके अपने फायदे के लिये उनका इस्तेमाल करना है। वे ‘‘गवाही'' के षब्द दे सकते है, जैसे षमौन जादूगर ने किया, परंतु यह उन्हें न्याय के समय कुछ अच्छा नहीं कर सकता। चाहे वे कहे, ‘‘हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविश्यवाणी नहीं की?'' फिर भी मसीह उनको कहेंगे, ‘‘मैंने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ'' (मती 7:22-23)। इस प्रकार, हम देखते है कि मुक्ति की गवाही निष्चित प्रमाण नहीं कि कोई बचाया गया है।

और भी, सोचते हुए कि आप बचाए हुए नहीं हो वो प्रमाण नहीं है कि आपने मृत्यु से जीवन तक पसार किया है, नये जन्म के सच्चे अनुभव में। इस षहर के रास्तों पर ऊपर नीचे जाओ और लोगो से पूछो कि अगर वे बचाये हुए है, या अगर वे जब मरेंगे तब स्वर्ग में जायेंगे। करीबन सारे जो नास्तिक (जो ज्यादातर हरएक) नहीं है वे आपसे कहेंगे वे बचाए हुए है। करीबन सारे काले लोग कहेंगे वो बचायंें हुए है। करीबन हर सुसमाचार प्रचार संबंधी हिसपानीक (Hispanic) लोगों के बारे में यह सच है। और बहुत कम �वेत लोग जो सोचते नहीं कि वो बचाया गया है! गेलअप (Gallup) चुनाव के मुताबिक 74% अमरीका के लोग दावा करते मसीह को वचन देने का। ये क्या साबित करता है? क्यों ये साबित करता है कि उनमें से बहुतों ने धोखा दिया है - यही है जो यह प्रमाण करता है? बाइबल कहता है,

‘‘दुश्ट और बहकानेवाले धोखा देते हुए और धोखा खाते हुए बिगड़ते चले जाएँगे'' (2 तीमुथियुस 3:13)।

आपके बारे में क्या है? क्या आपने भी धोखा खाया है? कोई भी चीज जो मैंने कही हुई है प्रमाणित नहीं करती कि आपके पास जीवन है, कि आपने नये जन्म में मृत्यु को जीवन से टाल दिया है।

2. दूसरा, क्या प्रमाणित करता है कि आपके पास जीवन है।

जब आप अपने स्वयं से प्रष्न पूछते हो, ‘‘क्या मेरे पास जीवन है?'' आप इसका जवाब कैसे देंगे? कोई जवाबी प्रार्थना की ओर निर्देष करेंगे, सोचते हुए कि जवाबी प्रार्थना प्रमाण है कि वे फिर से जन्मे है। परंतु ऐसा नहीं है। मेरे स्वयं के पास प्रार्थना का जवाब था मेरे बचाये जाने से पहले। आदमी जिसने कहा, ‘‘हम जानते है कि परमेष्वर पापियों की नहीं सुनता'' (यूहन्ना 9:31) वो स्वयं खोया हुआ था। वो सिर्फ फरीसियों की मान्यता दोहराता था। वो बचाया नहीं गया था जब तक उसने मसीह पर भरोसा किया और ‘‘दण्डवात् किया'' (यूहन्ना 9:38)। अगर प्रभु कभी भी खोए आदमी की प्रार्थना नहीं सुनते, फिर कोई एक भी बचाया नहीं जाएगा, प्रभु को वहाँ पुकारने से दया के लिये।

‘‘क्योंकि, जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा''
       (रोमियों 10:13)।

परन्तु वहाँ पर और प्रमाण है जीवन के, और एक हमारे पाठ मे दिया गया है वह बहुत मजबूत है।

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।

आप षायद मसीही से प्रेम करो क्योंकि उसने आपके लिये कुछ अच्छा किया है, अगर आप बचाये भी नहीं गए हो। परन्तु किसी को सिर्फ प्रेम करना क्योंकि वो प्रभु का बालक है और मसीह का सदस्य, कोई भी नहीं कर सकता आत्मिक मृत्यु की अवस्था में।

कलीसिया में युवा लोग जानते है कि यह सच है। जब उनमें से कुछ लोग परिवर्तित है और सच्चे मसीही बने, वे अनुभव से जानते है कि दूसरे, जो बचाए नहीं है, उनमें से दूर खींचो, और उनकी ओर अलग प्रकार से देखो। एक जो परिवर्तित है वे अब और भरोसा हीं किए जाते उनके द्वारा जो खोए हुए है। वे अब उनमें ज्यादा विष्वास नहीं करते। वो अब करीबी मित्र नहीं है कलीसिया में खोए हुए युवा लोगों का।

यह कुछ नया नहीं है। एक दिन मैं पढ़ रहा था युवा लोगों के जुथ के बारे में दूसरी बड़ी जागृतता के दौरान, उन्नीसवी सदी के पहले दिनों में। एक जो बचाये गए थे वे अलग किए गए थे उनके पहले के मित्रों द्वारा जो पुनःउद्धार द्वारा नहीं हुए गए थे। वे जो मृत्यु से जीवन तक पसार हो चुके थे वे सोचते थे थोड़ा अनजान उनके पहले के सहपाठी द्वारा कलीसिया में। परन्तु अगर पर्याप्त युवा लोग भीड़ में (समुदाय में) परिवर्तित होते है, आप आखिरकार देखोगे कि थोड़े जिन के पास जीवन नहीं है वे भीड़ लगाते है छोटे समुदाय में, जो बचाए गए है उन्हें जितना हो सके टालते हुए।

जब एक युवा आदमी मैं जानता हूँ पहले बचाया गया था, उसने अपने स्वयं को कलीसिया में खोए हुए युवा लोगों से जुदा करना चुना। बजाय उसने अपनी संगति का समय वृद्ध लोग जो परिवर्तित थे उनके साथ बिताया। यह उसके द्वारा नहीं किया गया था, क्योंकि किसीने उसे ऐसा करने के लिये कहा था। उसने इसे किया क्योंकि वो प्रभु की आत्मा के द्वारा सुसज्जित किया गया था। वो अंतः प्रवृति द्वारा जानता था कि यह ऐसा होना था। युवा लोगो को ऐसे कहने की आवष्यकता नहीं है अलग होने की वे जो खोए हुए और संसारज्ञानी है। वे खोए हुओं से अलग होंगे, और खोए हुए उनसे अलग किए जाएँगे, एकदम स्वाभाविक्ता से। अलग करना ऐसे स्पश्ट होगा जैसे ये कैन और एबल के बीच हुआ था

‘‘क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है कि हम एक दूसरे से प्रेम रखे। और कैन के समान न बनें जो उस दुश्ट से था और जिसने अपने भाई को घात किया। और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे। हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना'' (1 यूहन्ना 3:11-13)।

यह चिन्ह है कि आप मृत्यु से जीवन तक पसार हुए हो अगर आप सर्वोत्तम मसीहीयों को कलीसिया में प्रेम करते हो, इसलिये नहीं कि वे आपके लिये कुछ विष्ोश कर सकते है, परन्तु आप उनसे सिर्फ प्रेम करो उनके अपने लिये। यह निष्चिंत चिन्ह है कि आप सच्चे मसीही हो जब आप प्रभु के लोगो से प्रेम करते है तब भी जब संसार उनसे नफरत करते है - जब आप उनके साथ खड़े रहने की इच्छा करते हो और उनके साथ तिरस्कृत हो जब वे कलंकित या बाधित किए जाए। अगर आप कहो, ‘‘इस कारण से, आप इस मसही पर हमला करते है, क्या आप? मैं समान परिवार में से एक हूँ, इसलिये अगर आप उन्हें कलंकित करनेवाले हो, तो मुझे भी कलंकित करना। मैं उनके पास खड़ा रहूँगा और आप प्रभु के इस बालक की ओर उपेक्षा फेकेंगे मैं उसे भी बाटुँगा।'' अगर आप उस प्रकार दूसरे मसीहीयों से प्रेम करते हो, आपको डरने की आवष्यकता नहीं है। यह एकदम स्पश्ट है कि आप मृत्यु से जीवन तक पसार हुए हो! (‘‘लाइफ प्रूव्ड बाय लव'' ‘‘जीवन प्रेम द्वारा प्रमाणित हुआ है'' से विस्तृत व्याख्या सी.एच. स्पर्जन द्वारा, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1976, भाग XLIV, पृपृश्ठ 81-83)।

कलीसिया अलगाने (split) के दौरान यह चीजें कई बार एकदम स्पश्ट होती है। वे जो अच्छे मसीहीयों से नफरत करते है वे एक ओर होंगे। और वे जो अच्छे मसीहीयों से प्रेम करते है वे दूसरी ओर। इसीलिये पुराने समयवाले ऐसे कलीसिया, अलगाने को कहते है ‘‘बेक-डोर रीवाइवल'' ‘‘पिछलेद्वार का पुनःउद्धार''। चाहे यह बहुत पीड़ाकारी है, वे जो पिछले द्वार से बाहर जाते है कई बार अपरिवर्तित कलीसिया सदस्यों के कलीसिया को छोड़ देते है। कलीसिया अलगाना प्रकट करता है हकीकत कि उनमें से बहुत कभी बचाए नहीं गए थे, कोई बात नहीं विष्वास का व्यापार उन्होंने बनाया। यह ज्यादातर सच है कि ये बिना बचाये है जो जाते है। जैसे प्रेरितो यूहन्ना इसे रखते है,

‘‘वे निकले तो हम ही में से, पर हम में के थे नहीं; क्योंकि यदि वे हम में के होते, तो हमारे साथ रहते'' (1 यूहन्ना 2:19)

उनमें से बहुतों ने छोड़ा क्योंकि वे कभी भी मृत्यु से जीवन तक पसार नहीं हुए थे - और इस कारण से वे भाईयों से प्रेम न कर सके! उनके पास उनके भीतर में जीवन नहीं है! मैंने यह गवाही दी है थोड़े कलीसिया अलगाने में, 1959 की षुरूआत में।

3. तीसरा, आपको मृत्यु से जीवन तक पसार करने को क्या होना आवष्यक है।

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।

मृत्यु से जीवन तक पसार होने के लिये, जो है वो जो हम इच्छा रखते है उससे विपरित है। यह मरना नहीं है। ये इसका उल्टा है - यह सजीव करना होता है, मृत्यु से जीवित करना। प्रेरितो पौलुस इसके लिये बोले जब उसने कहा,

‘‘उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे'' (इफिसियों 2:1)।

कैसे यह मृत्यु से ‘‘जिलाना'' होता है? निम्नलिखित मुद्दे कई-बार होते है जब कोई प्रभु की आत्मा द्वारा जिलाया जाता है। ये मुद्दे लिये गये है रोबर्ट मुरेय मेकहायन मषहूर स्कोटीष पुनःउद्धार के प्रचारक उन्नीस वी सदी के (एन्डरु ए बोनार, मेमरीस अॉफ मेकहायन, मेकहायन की यादें, मुडी प्रेस, 1978 की प्रत, पृपृश्ठ 251-253)।

पहला, प्रभु की आत्मा आत्मिकरूप से मरे हुए पापीयों को दिखाती और महसूस कराती है पाप जो उसने किए थे। आप अपने पाप आसानी से भूल जाओं उससे पहले। हर दिन आपने और पाप जोड़े जो आपके विरूद्ध प्रभु की किताब में लिखे गए थे (प्रकाषितवाक्य 20:12)। परन्तु आपने उनको याद नहीं रखा। फिर भी जब प्रभु की आत्मा आती है आप स्मरण करना षुरू करते हो। वो लंबे-भूले हुए पाप आपके मन में उठेंगे, और आप दाउद के साथ कहोगे,

‘‘क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूँ : मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृश्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक है; इसलिये मेरा हृदय टूट गया'' (भजनसंहिता 40:12)।

दूसरा, पवित्र आत्मा आपको आपके पाप की विपुलता महसूस कराती है। आपके पाप छोटे लगने से पहले, परन्तु अब वे आपके मन में जल-प्रलय की तरह उठते है। आप महसूस करते हो परमेष्वर का क्रोध आपकी आत्मा पर भयानक वजन की तरह। आप भय के द्वारा यातना दिये गए हो। आप देखिये आपके पाप पवित्र प्रभु के विरूद्ध किए गए है, प्रभु के प्रेम के विरूद्ध किए गए है, यीषु और उनके प्रेम के विरूद्ध, किए गए है।

तीसरा, आप अपने मन में भ्रश्टाचार महसूस करने लगते हो। वे जो अपराधभाव के अधीन है कई बार उनके मन में पाप का भयानक काम महसूस कराते है। कई बार प्रलोभन ओर पाप का अपराधभाव साथ मिलते है, और आत्मा को पीड़ा देते है। पाप का अपराध भाव मन को बेधता है, आपको आनेवाले क्रोध से भगाकर ले जाते है। फिर भी, वही समान समय पर, कुछ तीव्र लालसा, या इर्श्या, या नफरत आपके मन में उबलती है, आपको अधोलोक की ओर ले जाते हुए। फिर आप अपने भीतर में अधोलोक महसूस करेंगे। अधोलोक में वहाँ पर यह भयानक मिश्रण व्याकुल करनेवाला ड़र प्रभु के क्रोध का, और फिर भी भ्रश्टाचार, भीतर में उबलता है, आत्मा को ज्यादा और ज्यादा ज्वाला में ले जाती है। ये कई बार महसूस किया गया है। यह कई बार धरती पर महसूस किया गया है। उन लोगो के द्वारा जो पाप की अपराधभाव में लाये गये है।

चौथा, परमेष्वर की आत्मा आपको प्रतीति कराती है आपकी असमर्थता अपने स्वयं को बचाने। आपके सोचने से पहले कि आप आसानी से भयानक पीड़ा जो आप महसूस करते हो उससे आसानी से छुटकारा पा सकते हो। आप अपना जीवन बदलने का प्रयत्न करते हो, पष्चाताप करना, प्रार्थना करना। परन्तु आप जल्दी सीखाए जाते हो कि आपका प्रयत्न षांति ढूँढने का, सब प्रयत्न आपके पापो को गन्दा चिथड़ा से ढकने का, ताकि आपको ‘‘धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ो के समान है'' (यषायाह 64:6)। आप महसूस करना षुरू करते हो कि आप कभी भी षुद्ध नहीं हो सकते। आपका मन तीव्र अन्धकार में डूबता है। आप हर रोज यातना दिये जाते हो इस अन्धकार भरे विचारो से।

पाँचवा, आप डरना षुरू करते हो कि आप कभी भी यीषु के पास आ नहीं सकोगे, आप सुनते हो कि मसीह परम् सुन्दर है, कि वो आप को बुलाते है उनके पास आने, कि वे कभी भी जो उनके पास आते है उन्हें बाहर नहीं निकालते। परन्तु उस में से कुछ भी आपको षान्ति या आराम नहीं देता। आप डरते हो कि आपने बहुत लंबे या बहुत ज्यादा पाप किए है। आपको डर है कि आपने अनुग्रह के दिन भी पाप किए, कि आपने माफ न किए जानेवाले पाप किए है, कि आप अभाग्यवान हो।

छठा, आखिर में आप इतने बर्बाद और डरे हुए हो कि आप षान्ति ढूँढने कुछ भी करने को तैयार हो। और फिर, जैसे अगर चमत्कार द्वारा (क्योंकि यह चमत्कार है) आप देख सकते हो कि मसीह उद्धारक है, उनका जो असहाय और असमर्थ है अपने आपको उन्हें देने। फिर आप जानोगे कि आपका किस्सा यीषु के लिये ज्यादा तीव्र नहीं है। फिर आप उनकी ओर देखते हो और उनके पूर्ण प्रेम के अधीन आते हो, किसी भी डर के बिना का प्रेम, किसी भी पीड़ा बिना का प्रेम, यीषु का प्रेम सब डर को बाहर फेंक देता है। ओह, कि आप षायद आज रात यीषु को देखो! आपका डर जा चुके होंगे, और आपके पाप षुद्ध हुए होगे सदा के लिये उनके बहुमूल्य लहू के द्वारा! फिर आप कहेंगे, ‘‘यह हकीकत में सुसमाचार है! यह हकीकत मे मेरे पाप से बीमार आत्मा के लिये अच्छे समाचार है!'' प्रभु करे आप यीषु को अभी देखने समर्थ हो जाओ, क्योंकि वे आपको तुरंत ही बचाएँगे जब आप उनको देखते हो जो आपसे इतना प्रेम करते है! फिर आप जानोगे कि मृत्यु से जीवन तक पसार होने का अर्थ क्या है! फिर आप मसीही भाइयों से प्रेम करोगे ऐसे जैसे आपने पहले कभी भी नहीं किया; और आप अपने मन से गाने समर्थ होंगे;

भाग्यवान बनो उस बंधन बांधने
   हमारे मन मसीही के प्रेम में;
दयालु मन की संगति
   ऐसे है के ऊपर है
(‘‘भाग्यवान बनो उस बंधन बांधने'' जोन फावसेट द्वारा, 1740-1817)

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र :
1 यूहन्ना 3:11-14। धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘भाग्यवान बनो उस बंधन बांधने'' (जोन फावसेट द्वारा, 1740-1817)


रूपरेखा

मुक्ति का अभ्रान्त प्रमाण

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘हम जानते है कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे है; क्योंकि हम भाईयों से प्रेम रखते है। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दषा में रहता है'' (1 यूहन्ना 3:14)।

(मती 24:12,3)

1.    पहला, क्या प्रमाणित नहीं करता की आपके पास जीवन है, 1 यूहन्ना 3:15; याकूब 2:19; प्रेरितो 8:13, 21, 19; मती 7:22-23;
2 तीमुथियुस 3:13।

2.    दूसरा, क्या प्रमाणित करता है कि आपके पास जीवन है,
यूहन्ना 9:31,38; रोमियो 10:13; 1 यूहन्ना 3:11-13; 2:19।

3.    तीसरा, आपको मृत्यु से जीवन तक पसार करने को क्या होना आवष्यक है, इफिसियो 2:1; प्रकाषितवाक्य 20:12; भजनसंहिता 40:12;
यषायाह 64:6।