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षैतानी षिक्षा और युक्तियाँ

DEMONIC DOCTRINES AND DEVICES

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
By Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह,
3 जुन, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, June 3, 2012

‘‘हे पृथ्वी और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि षैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है’’ (प्रकाषितवाक्य 12:12)।


मै जानता हूँ कि यह घटना भविश्य में होनेवाली है, और ये हमें भविश्यवाणी के समान दी गई है। और फिर भी इसकी सच्चाई समय के जीतनी पुरानी है। बाइबल में बहुत प्राचीन किताब हमें यही लेखप्रमाण देती है। उत्पति की किताब मूसा को प्रभु की आत्मा द्वारा दी गई थी। परन्तु अय्यूब (Job) की किताब पहले लिखी गई थी। उस्सहर (Ussher) ने इसे तारीख दी 1520 बी.सी. में। अय्यूब की किताब में षैतान बड़े क्रोध और यातना के साथ नीचे आया जो याजक के दुश्ट क्रोध के साथ था। इसलिये हमें हमारे पाठ का समयरहित सच मिलता है। फिर भी यह सच किसी भी दिनों से ज्यादा इन अंतिम दिनों के इतिहास में लागू होता है। जैसे हम इस युग के अंत के दिनों का मूल्य लगाते है दुश्टात्मा ज्यादा उत्तेजित और क्रोधित बन जाती है। उनको पूरी जानकारी होती है भविश्यवाणी जानने की जो पापी-अंध लोग नहीं जानते - कि समय नीकलता जा रहा है उसके लिये और मानवजाति के लिये। स्पर्जनने कहा, ‘‘यह देखा जाना चाहिए, इतिहास के आखरी घंटे तक भी, कि षैतान ज्यादा उत्तेजित होते है जब उनका साम्राज्य अंत के करीब होता है - अजगर के क्रोध की महानता निष्चित भविश्यवाणी है उसके साम्राज्य के अंत की’’ (सी. एच. स्पर्जन, ‘‘षैतान उत्तेजना में’’ ‘‘षैतान इन रेज’’, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1972 में फिर से छपा हुआ, भाग XXV, पृश्ठ 616)। इस प्रकार, प्रेरितो पतरस के षब्द अभी सबसे ज्यादा लागु होते है,

‘‘षैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाएँ’’ (1 पतरस 5:8)।

ग्रीक षब्द ‘‘फाड़ खाए’’ ‘‘devour’’ के लिए अनुवाद किया गया है उसका अर्थ है ‘‘निगल जाना’’ ‘‘Swallow’’। षैतान ज्यादा और ज्यादा उत्तेजित होता है जैसे हम इस वर्तमान संसार के अंत की ओर खींचे जाते है, ‘‘क्योंकि वह जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है’’। वो संसार में से उत्तेजित होता है, जैसे सड़क पर सिंह, नश्ट करने और फाड़ खाने के लिये खोजता है हर एक को जिसे वो नश्ट कर सकता है! ‘‘षैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोडा ही समय और बाकी है’’।

अगर हम मुसलमान राश्ट्र में रहते होते हम षायद कारवास में डाले जाते और उस षैतानी धर्म के सदस्यों द्वारा यातना दिए जाते। परन्तु जयादातर जो ये धार्मिक प्रवचन सुनते है वे जीते है धरती पर जहाँ इतना घोर पाप बहुत पहले ही मसीह के सुसमाचार द्वारा ठीक किया गया है। आपके लौकिक महाविद्यालय के प्राध्यापक निःसंदेहरूप से उसका अस्वीकार करेंगे। दुश्ट आदमी उनके जैसे जानबूझकर अनजान रहते है सामाजिक उपाय करने की दवा सुसमाचार द्वारा, जिसने बहुत पहले हमें उच्च स्नातकता सभ्यता में लाये है वो मुसलमानो की धरती पर जानी गई उससे पहले (देखो, अन्डर ध इन्फल्युअंष : हाऊ क्रीस्टीयानीटी ट्रान्सफोर्मड सीवीलाईजेषन, डो. एल्वीन जे. सेमीडट द्वारा, झोन्डरवान, 2001)।

फिर भी षैतान ने उत्पात किया और हमारी अपनी संस्कृति तोड दी, जब तक इसके सुसमाचार नींव सड़ गई और टूट गई है उसके हमलों के अधीन। और दुश्ट आदमी हमारी सरकार में उच्च पद पर अभी षैतानीरूप से प्रोत्साहित लगते है हमारे राश्ट्र के मसीही प्रेरणा में जो बचा है उसे नीचा करके नश्ट करने के लिये। मेरे जीवन काल में कभी से भी ज्यादा, मैं महसूस करता हूँ कि अब ‘‘दुश्टात्मा नीचे आयी है ... बहुत क्रोध के साथ, क्योंकि वो जानता है कि उसके पास समय बहुत ही कम बाकी है।’’

इस धार्मिक प्रवचन में मैं आपको दिखाऊँगा कैसे षैतान का क्रोध हम पर आया है (1) षैतानो की षिक्षा में और (2) षैतानो की युक्तियाँ में। मैं इस्लाम, बौद्धधर्म या हिन्दु धर्म पर रोषनी नहीं डालूँगा जो निष्चितरूप से षैतानी है। परन्तु इस धार्मिक प्रवचन में मैं बात करूँगा, मुख्यरूप से षिक्षा और युक्तियाँ जो षैतान इस्तेमाल करता है पष्चिमी राश्ट्रो में, और कुछ कम हद तक कहे जानेवाले ‘‘उभरते’’ राश्ट्रो में तीसरे विष्व के।

1.  पहला, दुश्टात्मा ने हमारे बीच षैतानो की षिक्षा भेजी है।

प्रेरितो पौलुसने हमें इसके लिये चेतावनी दी थी जब उसने ये भविश्यवाणी के षब्द लिखे थे,

‘‘अब आत्मा स्पश्टता से कहता है कि आनेवाले समयों में कितने लोग भरमानेवाली आत्माओं और दुश्टात्माओं की षिक्षाओं पर मन लगाकर विष्वास से बहक जाएँगे’’ (1 तीमुथियुस 4:1)।

‘‘आत्मा स्पश्टता से कहता है,’’ कि, वो कहता है ‘‘स्पश्टरूप से’’ ‘‘Distinctly’’ (स्ट्रोन्ग)। पवित्रआत्मा साफ और स्पश्टरूप से हमें कहती है कि यह होगा ‘‘आनेवाले समय में’’ भविश्य के समय में। इसका और भी ज्यादा प्रार्थनापत्र होंगे आखरी दिनों में, मसीह के आने से पहले और इस वर्तमान संसार के अंत में। ‘‘आनेवाले समयों में कितने लोग विष्वास से बहक जाएँगे’’। ये खास करके सच है इस बुरे दिनों में कि वहाँ पर ‘‘विष्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था’’ (यहूदा 3) दूर किया जाएगा। ‘‘आनेवाले दिनों’’ में वहाँ पर स्वधर्म त्याग होगा विष्वास से जो बाइबल में दिया गया है। वे नयी नियमावली की सरल षिक्षा से फिर जाएंगे। ‘‘भस्मानेवाली आत्माओं और दुश्टात्माओं की षिक्षा से मन लगाना’’। इसका अर्थ है कि वे पवित्रषास्त्र के विष्वास से फिर रहे है क्योंकि वे सुनते है धोखा देनेवाली आत्माओं को, जो उनके दुश्टात्मा की षिक्षाएँ देते है। ‘‘आनेवाले समयों में’’ वहाँ पर वे गलत षिक्षा का अनुकरण करते है जो उनके पास षैतान से आती है। परिणामस्वरूप ‘‘वे अपने कान सत्य से फेरकर कथा - कहानियों पर लगाएँगे’’ (2 तीमुथियुस 4:4)।

फिर प्रेरितो उस झूठी षिक्षा में से दो देते है। कैसे भी, ‘‘षैतानो की षिक्षा’’ लागु होती है किसी भी षिक्षा को जो नयी नियमावली से अलग होती है। आज षैतान हमला करते है बाइबल की सरल पढ़ाई पर ‘‘उसकी पूरी षक्ति के साथ’’, जैसे मार्टीन लुथर ने इसे रखा। लुथर (1483-1546) ने कहा,

जब प्रभु के पवित्र वचन उठते है, यह हमेषा इसका भाग्य होता है कि षैतान अपनी पूरी षक्ति के साथ इसका विरोध करता है ... वो इस पर हमला करता है झूठी जबान और अषुद्ध करनेवाली आत्माएँ और षिक्षकों के साथ। जो वो जोष के साथ तोडने से असमर्थ होता है वो इस प्रकार दबाने के लिये देखता है कपट और झूठ के द्वारा (व्होट लुथर सेयस, (लुथर क्या कहते है), कोन्कोर्डीया प्रकाषन घर; 1914 की प्रत, पृश्ठ 395)।

षैतान द्वारा दी हुई, ‘‘दुश्टात्मा की षिक्षा’’ ये अंत समय के तीन महान पाखण्ड है.

1.   हेतुवाद (Rationalism) सीधे सीधे बाइबल के वचनो पर हमला करते है। जोहान्न सेमलर (1725-1791) बाइबल संबंधी समालोचना-टीका के पिता थे। उन्होंने सिखाया कि वहाँ पर बाइबल में बहुत कुछ है जो परमेष्वर की प्रेरणा से नहीं दिया गया था। वे ऐतिहासिक-दोशदर्षी प्रकार के उत्पन्न करनेवाले थे। सेमलर ने सीखाया कि आदमी निर्णय ले सकता है कि बाइबल के किस भाग पर विष्वास करना चाहिए और कौन से भाग का अस्वीकार करना चाहिए। उसने बाइबल की मौखिक ईष्वर प्रेरणा का अस्वीकार किया। उसके प्रकार का परिणाम था उद्धार मंतव्य पवित्रषास्त्र का, जो आज हम देखते है। थीयोलोजीकल उदारमत सिद्धांत सीखता है कि हम बाइबल जो भी कहता है उस सब कुछ पर विष्वास नहीं कर सकते। यह एकदम वैसा ही है जो षैतान ने हमारी पहली माता को अदन की वाटिका में कहा था, ‘‘हाँ, प्रभुने कहा ...?’’ (उत्पति 3:1)। इस प्रकार, हम निष्चिंत है कि बाइबल पर सारे हमले जैसे प्रभु के वचन मूलरूप में षैतानी है। मैं बाइबल पर के षैतानी हमले का सामना कई बार कर चुका हूँ दो थीयोलोजीकल उदार धार्मिक पाठषाला में मैंने हाजरी दी हैं मैंने सचेत प्रयत्न किए हरचीज जो सीखाई गई थी पर बाइबल में नहीं थी उसका अस्वीकार करने का। इस प्रकार मैं बच गया था षैतानी हमले से पवित्र षास्त्र पर, और मैं इस समय भी मानना जारी रखता हूँ कि ‘‘सम्पूर्ण पवित्रषास्त्र परमेष्वर की प्रेरणा से रचा गया है’’ (2 तीमुथियुस 3:16)। उदार टीकाकारी मूल्य लगाना बाइबल का वो बहुत निष्चितरूप से ‘‘षैतानी षिक्षा’’ है।
      मैं कुछ थोड़े महान आदमी को जानता था जो दुश्टता से आक्रमण किए गए बाइबल का षैतान के हमलों से बचाव करने के कारण। हालाँकि मैं उनको नहीं जानता था, डॉ. जे. ग्रेस्हाम मॅकन अपमानित (Defrocked) किए गए थे प्रेस्बायटेरीयन कलीसिया द्वारा पवित्रषास्त्र के बचाव करने के लिए। मेरे मित्र डो. हेरोल्ड लीन्डसेल और डो. बील पोवेल दक्षिणी बेपटीस्ट और दूसरो द्वारा षर्मनाक तरीके से व्यवहार किया उनके पवित्रषास्त्र के बचाव के लिए। हर्मन ओट्टेन, मीसौरी सायनोड (Missouri Synod) याजक और लेखक, पच्चास वर्शों से ज्यादा जीये संसार के षैतानो द्वारा किए गए निरंतर हमलों के अधीन उनके परमेष्वर के वचनों की आंतरिक्तता के लिये खड़े रहने के कारण। सिर्फ परमेष्वर ने ही उन्हें यह करने का सामर्थ्य दिया होगा! आधुनिक धर्मषासक याजक, उनके अंधेपन में, कई बार सोचा ये आदमी ‘‘छोटे अपरिचित’’ ‘‘little strange’’ थे। परंतु ये वो धर्मषासक याजक है जो सचमुच ‘‘अपरिचित’’ है। वे नहीं समझते कि ये आदमी भयानक हमलों के अधीन थे षैतानी विष्व से परमेष्वर के वचन को समर्थन देने के कारण। धर्मषासक याजक जो षैतान से अंध है वे थोड़ा अच्छा कर सकते है किसी के भी लिए इस बुरे दिनों में। बाइबल संबंधी टीका का हेतुवाद बहुत निष्चिंतरूप से ‘‘षैतान की षिक्षा’’ है।
      आप षायद पूछे ये हमे कैसे असर करता है। यहाँ है जवाब। दो सौ अल्प वर्शों से पहले पष्चिमी विष्व में औसतः व्यक्ति मानते थे कि बाइबल परमेष्वर का वचन था। सिर्फ थोड़े ‘‘बुद्धिमान’’ ने सोचा कि वहाँ पर फिर बाइबल में गलतीयाँ थी। फिर भी आज रास्तें पर का आदमी सोचता है कि बाइबल पूरा दोश से भरा हुआ है। इस प्रकार दुश्टात्माने परमेष्वर के वचन में विष्वास को दूर कर दिया। जब मैंने आपको दिखाया बाइबल क्या कहता है, आप लगभग आप से आप प्रष्न करेंगे क्या ये सच है। अब बहुत कठिन है अपरिवर्तित आदमीयों को विष्वास दिलाना प्रभु के वचन में विष्वास करने। अब सामान्य आदमी बाइबल का इतना टीकाकार है जितना की सेमलर था। बाइबल संबंधी टीका (समालोचना) षैतान की षिक्षा है जीसने हमारे परमेष्वर के वचन में विष्वास की संस्कृति को चुरा लिया है।

2.   विकास का सिद्धान्त (Darwinism) सीधे ही आक्रमण करता है जो बाइबल कहता है आदमी की उत्पति (origin) के बारे में। चार्ल्स डारवीन (1809-1882) ने सीखाया कि आदमी विकसित हुआ है जीवन के नीचे प्रकार से। बाइबल सीखाता है कि आदमी सीधा प्रभु का सृजन था। बाइबल कहता है, ‘‘यहोवा परमेष्वरने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा’’ रचना करने के विषेश कार्य मे (उत्पति 2:7)। विकास का सिद्धांत बाइबल का अस्वीकार करता है और कहता है कि आदमी विकसित हुआ ‘‘उतरते’’ हुए जीवन प्रकार से। विकास का सिद्धांत निष्चिंतरूप से ‘‘दुश्टात्मा की षिक्षा’’ है। ये बाइबल की पूरी पढ़ाई को आदमी, पाप और मुकित के बारे में काट देता है, ‘‘क्योंकि जैसा एक मनुश्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुश्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे’’ (रोमियों 5:19)। जब से विकास का सिद्धांत आक्रमण करता है इन महान् पवित्रषास्त्र की सच्चाई को, ये निष्चिंतरूप से षैतान का काम है, ‘‘षैतान की षिक्षा’’।
      दो सौ अल्प वर्शों से पहले वासतव में हरएक ने विष्वास किया कि आदमी परमेष्वर की विषेश रचना थी। परन्तु आज सामान्य आदमी मानता है कि हम सिर्फ जानवर है। इससे हमारी संस्कृति पर बड़ा भयानक असर हुआ। अगर आप मानते हो कि आप सिर्फ जानवर हो, फिर बाइबल में जो मुक्ति का संदेष है उसका कोई अर्थ (महत्व) ही नहीं रहता। इस प्रकार विकास का सिद्धांत दुश्टात्मा की षिक्षा है जो षैतान इस्तेमाल करता है मनुश्यजाति को पशु (जानवर) के समुदाय मे फिराने, कोई बड़े कारण के बिना सिवा खाने और षरीरसुख के लिये जिने के। सिर्फ प्रभु का अनुग्रह ही खोए हुए आदमी और औरतो देखने लगा सकता है कि वे प्रभु द्वारा रचे गए थे जीवन के ऊँचे कारण में ‘‘खाने, पीने और विवाह करने’’ के अलावा।

3.   निर्णायक्ता (Decisionism) सीधा हमला करती है बाइबल की पढ़ाइ,र् मूल पाप और उसके परिणाम पर; पूरा अपराधभाव। चार्ल्स जी. फिनेय (1792-1875) ने विचार मषहूर किया कि ‘‘मनुश्य की इच्छा आज़ाद है, इसलिये आदमी के पास षक्ति है योग्यता की उसके सारे कर्तव्य करने को’’ (फिनेयस लेर्क्चस ओन सीस्टमेटीक थीयोलोजी, एडरमान्स, 1969 की प्रत, पृश्ठ 325)। इस प्रकार फिनेय ने पेलागीयस (Pelagius) (c. 358-418 ए.डी.) की प्राचीन नास्तिक्ता को बढ़ाया, जिसने अस्वीकार किया कि आदमी की इच्छा मूल पाप से नश्ट होती है और सीखाया कि आदमी का स्वभाव आज़ाद है अपनी स्वयं की मुक्ति लाने बिना प्रभु के अनुग्रह से। परन्तु बाइबल सीखाता है, ‘‘परमेष्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण जिस से उसने हम से प्रेम किया, जब हम अपराधो के कारण मरे हुए थे तो हमें मसीह के साथ जिलाया (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है) (इफिसियों 2:4-5)। ‘‘क्योंकि विष्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है; और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन् परमेष्वर का दान है। और न कर्मो के कारण ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे’’ (इफिसियों 2:8-9)। जब से फिनेय की ‘‘निर्णायक्ता’’ पूरी तरह से अस्वीकार करती है जो बाइबल सीखाता है, उन पदों में यह निष्चिंतरूप से ‘‘षैतान की षिक्षा’’ है। फिनेय के मत के परिणाम स्वरूप, ज्यादातर याजक अब कोई भी ‘‘निर्णय’’ स्वीकार करते है सच्चे परिवर्तन की तरह कोई भी प्रष्न पूछे बिना। डो. एसहेल नेट्टलेटन, सुसमाचार प्रचारक, जिसने फिनेय का विरोध किया, कहा ये उसकी ‘‘निर्णायक्ता’’ का ‘‘कुछ भी सुना नहीं था (फिनेय की सेवा में) बनावटी (झुठे) परिवर्तन के खतरे के लिये। सोच विचार कभी भी दृश्टिपात होती हुई नहीं लगती थी कि वहाँ भी कोई ऐसी चीज थी जैसे षैतान का प्रभाव ... ये प्रचारक के कर्तव्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है सच्चे और झूठे परिवर्तनो बीच अन्तर करना’’ (बेनेट टायलर और एन्डु, बोनार, ध लाइफ एन्ड लेबर्स अॉफ एषेल नेट्टलेटन, बेनर अॉफ ट्रुथ, 1975, पृपृश्ठ 367-368)। लाखो झुठे परिवर्तन में ले जाये गये फिनेय की ‘‘षैतानी षिक्षा’’ के द्वारा।
   ‘‘निर्णायक्ता’’ का परिणाम विनाषकारी है। आज औषतः व्यक्ति आप मिलते हो सोचते है वो मसीही है क्योंकि उसे मानसिक मान्यता है, प्रार्थना के वचन कहे थे, या कलीसिया सभा में अपना हाथ उठाया था। क्या आपने हमारे बेपटीस्ट परदादा जोन बुनयान (1628-1688) से पूछा अगर वो इंसानी कार्य ने आपको मसीही बनाया उन्होंने कहा होता, ‘‘आप मजाक कर रहे हो!’’ या षब्द उस असर तक।


मैं मान चुका हूँ कि वो तीन षिक्षाएँ, बढ़ रही है जैसे उन्होंने पीछली दो सदीयों में किया, वो युद्ध का हिस्सा है जो षैतान प्रभु के सामने करता है इस ‘‘आनेवाले समयों’’ में। बाइबल के बारे में हेतुवाद, विकास का सिद्धांत आदमी की रचना के बारे में, और निर्णायक्ता मनुश्य के कामों के द्वारा मुक्ति के बारे में सारी वर्गीकरण करनी चाहिये षैतानी षिक्षाओं के तरह। जैसे मेरे दीर्घकाल के चीनी याजक, डो. तीमोथी लीन ने कईबार कहा, ‘‘वहाँ पर तीन काँटे है दुश्टात्मा के नोकदार डण्डे पर’’। वे यह है : बाइबल की टीका, विस्तार और निर्णायक्ता

‘‘अब आत्मा स्पश्टता से कहता है कि आनेवाले समयों में कितने लोग भरमानेवाली आत्माओं और दुश्टात्माओं की षिक्षाओं पर मन लगाकर विष्वास से बहक जाएंगे’’ (1 तीमुथियुस 4:1)।

‘‘षैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है’’ (प्रकाषितवाक्य 12:12)।

2. दूसरा, षैतान यह षिक्षाएँ ‘‘युक्तियों’’ की तरह इस्तेमाल करता है आपको नश्ट करने।

प्रेरितो पौलुसने षैतान के लिये कहा, ‘‘हम उसकी युक्तियों से अनजान नहीं’’ (2 कुरिन्थियों 2:11)। यीषु ने कहा षैतान उसकी ‘‘युक्तियाँ’’ इस्तेमाल करता है आपको पाप में नश्ट करने और फिर अधोलोक में। उसने फरासीयों को कहा,

‘‘तुम अपने पिता षैतान से हो और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है ...’’ (यूहन्ना 8:44)।

षैतान प्रभु स्वयं पर हमला करने समर्थ नहीं था, इसलिये उसने अपना क्रोध फिराया प्रभु के उच्चतम रचना, आदमी पर। ‘‘आरम्भ से ही’’ दुश्टात्मा का लक्ष्य आदमी की हत्या करना, नश्ट करना जितने ज्यादा वो कर सकता है उतने। जैसे प्रेरितो पतरस ने इसे रखा, ‘‘षैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाएँ’’ (1 पतरस 5:8)। षैतान की मानवजाति को नश्ट करने की इच्छा बढ़ते जाती है जैसे हम इस युग के अंत का सामना कर रहे है।

‘‘षैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है’’ (प्रकाषितवाक्य 12:12)।

और ‘‘युक्तियां’’ जो दुश्टात्मा उपयोग करता है आपको नश्ट करने उसकी जड़े है ‘‘षैतान की षिक्षाओं’’ में। हाँ, षैतानी षिक्षाएँ मैंने दिये है कुछ बड़ी युक्तियाँ दुश्टात्मा की, जो वो इस्तेमाल करता है आपको नश्ट करने और आपको अधोलोक भेजने के लिये।

1.   दुश्टात्मा आपको हेतुवादी बनाना चाहता है, सेम्लर की तरह। वो चाहता है आप संदेह करो ‘‘पवित्रषास्त्र, जो तुझे मसीह पर विष्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है’’ (2 तीमुथियुस 3:15)। षैतान नहीं चाहता कि आप बाइबल जो कहता है उस पर विष्वास करो। वो नहीं चाहता कि आप विष्वास करो कि प्रभु आपसे प्रेम करते है। वो नहीं चाहता कि आप विष्वास करो ‘‘मसीह यीषु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया’’ (1 तीमुथियुस 1:15)। वो नहीं चाहता कि आप यीषु प्रभु के पुत्र का भरोसा करो। वो नहीं चाहता कि आप बचाए जाओ।

2.   दुश्टात्मा चाहता है कि आप तत्वज्ञानी (Darwinist) बनो। वो नहीं चाहता कि आप विष्वास करो कि आपका पाप भरा स्वभाव आपको आदम से वंष में मिला है। वो नहीं चाहता कि आप विष्वास करो कि ‘‘परमेष्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा’’ (रोमियों 5:8)।

3.   दुश्टात्मा चाहता है कि आप ‘‘निर्णायक’’ बनो, फिनेय की तरह विष्वास करने, कि आप अपने आप को बचा सकते हो ‘‘आपके सारे कर्तव्य करने के’’ द्वारा। गन्दा, षैतानी, गहरे समुद्र जैसी नास्तिकता! मैं तिरस्कार करता हूँ इस षैतान की षिक्षा का! षैतान नहीं चाहता कि आप विष्वास करो ‘‘क्योंकि विष्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है; और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन् परमेष्वर का दान है। और न कर्मो के कारण ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे’’ (इफिसियों 2:8-9)। षैतान नफरत करता है अनुग्रह द्वारा मुक्ति बिना कामों के और बिना ‘‘निर्णयों’’ के।


परंतु बाइबल कहता है

‘‘इसलिये परमेष्वर के अधीन हो जाओ; और षैतान का सामना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा’’ (याकूब 4:7)।

षैतान के झुठ का सामना करो और यीषु पर भरोसा। वे आपसे प्रेम करते है। वे क्रूस पर मरे आपके पापो को चुकाने। वे स्वर्ग में जीवित है।

‘‘इसी लिये जो उसके द्वारा परमेष्वर के पास आते है, वह उनका पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है’’ (इब्रानियों 7:25)।

यीषु आपको बचाने के समर्थ है ‘‘पूरा उद्धार’’। वे आपको सदा के लिये पाप और अधोलोक से बचाने समर्थ है। ‘‘सिर्फ उनका भरोसा करो, सिर्फ उनका भरोसा करो, सिर्फ उनका भरोसा करो अभी; वे आपको बचाएंगे, वे आपको बचाएंगे, वे आपको बचाएंगे अभी,’’ जेसे पुराने गीत में ये रखा गया है। यीषु आपको बचाएंगे ‘‘षैतान के फंदे से छूट जाएँ’’ (2 तीमुथियुस 2:26)। यीषु पर भरोसा करो और वो आपके पाप माफ करेंगे, और आपको आजाद करेंगे षैतान और उसके दुश्टात्माओं की गुलामी से।

घर और मित्रो से दुश्ट आत्माएँ उसे ले जाती है,
कब्र के बीच में वे रहते है अभाग्य से;
   वे अपने स्वयं को काटते है
जैसे दुश्टात्मा षक्ति उसे प्राप्त करती है,
   फिर यीषु आये और बन्दी को आजाद करते है।
जब यीषु आते है, लुभानेवालें की षक्ति टूटती है;
   जब यीषु आते है आँसू पोछे जाते है।
वो अन्धकार ले लेते है और जीवन को महिमा से भरते है,
   क्योंकि सब बदलता है जब यीषु आते है रहने।

इसलिए आज आदमीयों ने ढूँढा है समर्थ तारणहार
वे नहीं जीत सकते
   उत्तेजना, स्त्री संभोग की इच्छा और पाप;
उनके टूटे मनने उनको दुःखी और अकेला छोड़ दिया;
   फिर यीषु आए और (उनको आजाद किया) अन्तर में।
जब यीषु आते है, लुभानेवालें की षक्ति टूटती है;
   जब यीषु आते है आँसू पोछे जाते है।
वो अन्धकार ले लेते है
   और जीवन को महिमा से भरते है,
क्योंकि सब बदलता है
   जब यीषु आते है रहने।
(‘‘फिर यीषु आए’’ होमेर रोडेहीवर द्वारा, 1880-1955;
      याजक द्वारा ठीक किया हुआ)।

अगर आप अभी भी बिना बचाए हुए हो, आपको यीषु का भरोसा करने कि आवष्यकता है। मेहरबानी करके कमरे पीछे की ओर जाओ और डो. केगन आपको षांत जगह पर ले जाएंगे प्रार्थना और उपदेष करेंगे (वे जाते है)।

अब उनको वचन, जो पहिले से ही बचाए गए हो। मेहरबानी करके इफिसियों 6:11-12 पर फिरो।

‘‘परमेष्वर के सारे हथियार बाँध लो कि तुम षैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सको। क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध लहू और मांस से नहीं परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अंधकार के हाकिमों से और उस दुश्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाष में हैं’’ (इफिसियों 6:11-12)।

हमारा संग्राम षैतान और उसके दुश्टात्माओं के विरूद्ध है। डो. मेकगीने कहा, ‘‘मैं सोचता हूँ कलीसियाने बड़े पैमाने पर आत्मिक युद्ध की दुश्टि खो दी है’’ (थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन, 1983, भाग V, पृश्ठ 280, इफिसियों 6:12 पर टीप्पणी)। हमे फिर से षत्रु पर रोषनी डालकर और उसके विरूद्ध प्रभु की आत्मा की षक्ति में लड़ना ही चाहिए!

कैसे षैतानी जोर के विरूद्ध लड़ाई का साहस करें? ये प्रार्थना में साहस है! पद 18 वाँ पढ़ो,

‘‘हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और विनती करते रहो और इसीलिये जागते रहो कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती किया करो’’ (इफिसियों 6:18)।

डो. तीमोथी लीन, मेरे दीर्घकाल के चीनी याजकने कहा,

जितना करीब हमारे प्रभु के दूसरे बार आने का समय होता है, षैतान का दबाव प्रार्थना के विरूद्ध बढ़ेगा (ध सीक्रेट अॉफ चर्च ग्रोथ, कलीसिया की प्रगति (विकास) का भेद, पहला चीनी बप्तीस कलीसिया, 1992, पृश्ठ 96)।

षैतान के जोर के विरूद्ध संग्राम जीतने के लिये, आपको हर रोज विस्तार से प्रार्थना करनी होगी। और भी, हमारे कलीसिया में प्रार्थना सभा चुको मत। संयुक्त प्रार्थना षक्तिषाली षस्त्र है हमारी षैतान के विरूद्ध की लड़ाई में! आमीन!

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : 1 पतरस 5:6-9।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
     ‘‘फिर यीषु आए’’ (होमेर रोडेहीवर द्वारा, 1880-1955)।


रूपरेखा

षैतानी षिक्षा और युक्तियाँ

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘हे पृथ्वी और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि षैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है’’ (प्रकाषितवाक्य 12:12)।

(1 पतरस 5:8)

1.   पहला, दुश्टात्मा ने हमारे बीच षैतानो की षिक्षा भेजी है,
1 तीमुथियुस 4:1; यहूदा 3, 2 तीमुथियुस 4:4; उत्पति 3:1;
2 तीमुथियुस 3:16; उत्पति 2:7; रोमियों 5:19; इफिसियों 2:4-5, 8-9।

2.   दूसरा, षैतान यह षिक्षाएँ ‘‘युक्तियों’’ की तरह इस्तेमाल करता है आपको नश्ट करने, 2 कुरिन्थियों 2:11; यूहन्ना 8:44; 1 पतरस 5:8; 2 तीमुथियुस 3:15; 1 तीमुथियुस 1:15; रोमियों 5:8; इफिसियों 2:8-9; याकूब 4:7; इब्रानियों 7:25; 2 तीमुथियुस 2:26; इफिसियों 6:11-12, 18।