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टाइटेनिक

TITANIC

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह,
13 मई, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, May 13, 2012

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’ (लूका 12:20)।


पीछला महिना टाइटेनिक के डूबने का 100 वाँ वार्शिकोत्सव का महिना था। यह सबसे बड़ी जहाज था जो कभी भी बाँधा गया हो। वे इसे कहते थे ‘‘नडूबनेवाला जहाज।’’ फिर भी वो डूबा उसके पहले ही सफर में, 1500 से ज्यादा प्रवासीयों को मारते हुए जो बर्फीले पानी में अंदर खींचे गये थे। सौ साल बाद भी लोग उस कहानी से लुभाते है। चार बड़े चलचित्र बने है, अनगिनत लेख और किताबें हमें इस दुर्घटना से वाकेफ करते है। टाइटेनिक के डूबने से लाखो युवा लोग का ध्यान केन्द्रित हुआ था जैसे 1997 का चलचित्र पीछले महिने 3डी में फिर से प्रदर्षित किया गया।

यह धार्मिक प्रवचन में विशय लिया गया है डो ग्रेग डीक्सन के धार्मिक प्रवचन से (‘‘सीन्कींग अॉफ ध टाइटेनिक’’ ‘‘टाइटेनिक का डूबना’’ प्राइस वीनींग इवान्जलिकल सर्मनस में, डो. जोन आर. राइस द्वारा संकलित और ठीक किया हुआ, स्वोर्ड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषन, 1976, पृपृश्ठ 11-23)। डो. डीक्सन ने कहा,

जैसे मैंने इस न डूबनेवाले जहाज के डूबने के लेखपत्र का अभ्यास करना षुरू किया, मैं इस नतीजे पर आया कि यह पूरी तरह से ऐसा था जैसे आदमी प्रभु से कहता हो, ‘‘अब हम हमारे अंतिम स्थानक के स्वामी बन गए है, हमारे अपने भाग्य के सेनापति और ज्यादा हम तत्वों से नहीं डरेंगे; और अब ज्यादा हमें डर नहीं रहेगा महासागर, या अंधेरा और गहरे सागर का; परन्तु हमारी बुद्धि और इच्छा और समझषक्ति से हम हमारा अपना विष्व जीत सकते है’’... अधिकारी, बांधनेवाले, चित्र बनानेवाले, सेनापति, सहकार्यकता, समाचारवालों ने पूरे संसार को घोशित किया था कि यह न डूबनेवाला जहाज था। यह ऐसा था जैसे आदमी कहता हो, ‘‘प्रभु हमें अब आपकी आवष्यकता नहीं है। हमने न डूबनेवाला जहाज बाँधा है। इसीलिये हमें आपका रक्षण नहीं चाहिए। हमें आपकी सहायता नहीं चाहिए।’’ कैसे भी, अद्भूत (अनजान) चीज़ हुई। वो जहाज डूबा उसके, नये सफर में और यह पुरे संसार के लिये कौतुक के समान खड़ा रहा कि हमें षायद अभी भी प्रभु की आवष्यकता है (ibid, पृश्ठ 11)।

‘‘षत्रु के विरूद्ध हमारी सहायता कर, क्योंकि मनुश्य का किया हुआ छुटकारा व्यर्थ होता है’’ (भजनसंहिता 60:11)।

यह ऐसा था जैसे प्रभु कहते हो,

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’
       (लूका 12:20)।

अमरिका बड़ा राश्ट्र है, परन्तु वह भी टाइटेनिक की तरह डूब रहा है। जब मैं देखता हूँ कि हमारे देष को क्या हो रहा है ऐसा महसूस होता है जैसे हम कुर्षिया टाइटेनिक के तूतक पर लगा रहे है। यह धार्मिक प्रवचन टाइटेनिक के डूबने और उसके आसपास की घटनाओं पर आधारित है।

14 अप्रैल 1912 की रात को 11:40 बजे, इतिहास में सबसे बड़ा समुद्रीय विनाष हुआ। बड़ी टाइटेनिक (उस समय की सबसे बडी जहाज जो बांधी गई थी) न्युफाउन्डलेन्ड के किनारे से करीबन 800 माइल दूर बर्फ के पहाड़ में चली गई। वहाँ पर (जहाज पर) 2,340 आत्माएँ थी। 705 बचाए गये थे और 1635 जहाज के साथ नश्ट हुए।
      यह उसका नया सफर था और पूरे विष्व भर में प्रचलित किया गया था, ना सिर्फ विष्व को सबसे बडे और सबसे ज्यादा आरामदायी, परन्तु महासागर में जानेवाले सभी जहाजों में सबसे सुरक्षित भी। दरियाई सफर के जहाज में मुसाफिर और जहाज के कर्मचारी पहले कभी भी इतने सुरक्षित नहीं थे (ibid, पृश्ठ 12)।

फिर भी, टाइटेनिक पर बहुत से लोगों के लिये, ऐसा था जैसे प्रभुने उनसे कहा,

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’
       (लूका 12:20)।

क्या आपने कभी भी किमंत
    गीनी है अगर आपकी आत्मा खो जाए,
चाहे आप सारा संसार अपने स्वयं के लिये पाओ
षायद अभी भी हो सकता है लकीर जो आपने पार की है,
    क्या आपने गीनी है, क्या आपने किमंत गीनी है?
(‘‘क्या आपने किंमत गीनी है? ए. जे. होडझ द्वारा 1923)।

टाइटेनिक पर के लोग आज के विष्व के चित्र के समान थे चार तरीकों में।

1. पहला, उनके पास झूठी सलामती थी।

उन्होंने सोचा कि टाइटेनिक ‘‘डूब न सकनेवाला जहाज’’ था। सब होते हुए भी, ये 882 1/2 फीट लंबा, करीब तीन और आधा ( साढ़े तीन) सीटी ब्लोक के जितना लंबाई में। लंगरो का वजन था साढ़े पंद्रह टन। इसकी तल दूगनी थी 5 से 6 फीट मोटी, सुरक्षा के लिये। षब्द ‘‘टाइटेनिक’’ का अर्थ है ‘‘विषाल’’, ‘‘बहुत बड़ा’’, ‘‘असाधारण’’, और ‘‘षक्तिमान्’’। टाइटेनिक बहुत बड़ा और षक्तिमान् था। वो कहा जाता था ‘‘जहाज जो डूब नहीं सकता’’। वहाँ पर 15 पानी - अवरोधक विभाग थे। वे इतने आत्मविष्वास में थे कि जहाज डूब नहीं सकता और इस कारण वहाँ पर सिर्फ 20 जीवनरक्षित नाव थी। हर नाव में 58 लोग जा सकते थे। इसका अर्थ हुआ कि सिर्फ 1,160 लोग बचाए जा सकते थे, 2380 लोगों में से जो जहाज पर थे, अगर हर नाव पूरी तरह भर दी जाए। वहाँ 1180 लोग जो जहाज पर थे उन्हें बचाने पर्याप्त जीवनरक्षित नाव भी नहीं थी। क्यों वहाँ पर इतनी कम जीवनरक्षित नाव थी? क्योंकि उन्होंने सोचा उन्हें कभी भी उसकी आवष्यकता नहीं होगी! उन्होंने सोचा कि 50,000 टन वजनवाली टाइटेनिक संभवतः कभी भी डूब नहीं सकती।

झूठी सलामती का कैसा चित्र आज लोगों के पास है! आपके बारे में क्या? क्या आप प्रभु के न्याय के लिये तैयार हो? क्या आप मृत्यु के लिये तैयार हो अगर वो अचानक आ जाए? या आप आदमी की तरह हो जिसने सोचा उसके पास बहुत वर्श है जीने के लिये? उसने अपने स्वयं से कहा, ‘‘चैन कर, खा, पी, सुख से रह’’ (लूका 12:19)।

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’
       (लूका 12:20)।

टाइटेनिक के तख्त पर जोन जेकब एस्टोर IV था, संसार के सबसे धनवान लोगों में से एक, जिसके पास 150,000,000 डोलर की संपति थी, जो आज के पैसो में दस गुना हो सकती है। उसे संसार में कोई परवाह नहीं थी जैसे वो मिस्त्र के सफर से अपनी 19 वर्शीय दुल्हन के साथ लौट रहा था - टाइटेनिक पर! वहाँ पर बेन्जामिन गुगेन्हीयम थे, अमरिकन स्मेल्टींग और रीफाइनरी कम्पनी के उच्च अधिकारी। उनकी संपति थी करीबन 95,000,000 डोलर। वहाँ पर इसाडोर स्ट्राउस थे, जिसने लेवीस बनाया उस कम्पनी के मालिक। उनकी संपति करीबन 50,000,000 डोलर थी। वहाँ पर जय ब्रुस इस्मेय थे, इन्टरनेषनल मर्कनटाइल मरीन कम्पनी के उच्च अधिकारी उनकी संपति थी 40,000,000 डोलर। उनके पत्नी की एक मोतीयों के माला की किमत थी 250,000 डोलर। वो मोतीयों की माला संसार की सबसे सुंदर मालाओं में से थी।

ये आदमी टाइटेनिक के तख्त (तूतक) पर षांति से चल रहे थे, सोचते हुए ज्यादा लाखो डोलर बनाने के बारे में, कोई विचार नहीं था कि वे एटलान्टिक महासागर के बर्फीले पानी में डूबनेवाले है।

वहाँ करोडपति जोन जेकब एस्टोर IV सबसे ज्यादा संपति वाला आदमी था तख्त पर। जब टाइटेनिक ने बर्फीले पहाड को ठोका, जिसके कारण वो डूबने लगी इस्टोर ने उसकी पत्नी से कहा कि नुकसान गंभीर नहीं था। जैसे जहाज डूब रहा था वो षांति से ऊपर तख्त पर धुम्रपान करता हुआ खड़ा था। आधे घंटे बाद जहाज पानी के नीचे खो गया, उसे पानी की कब्र में ले जाते हुए। दो हफ्ते बाद उसका फुला हुआ षरीर पहचाना गया उसके जेकेट पर लगे अक्षरो से। कोई कुछ भी मदद नहीं कर सकता सिवा स्मरण करने के की बाइबल कहता है,

‘‘कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता’’
       (नीतिवचन 11:4)।

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’
      (लूका 12:20)।

2. दूसरा, वे तैयार नहीं थे।

उस समय में कोई भी जहाज टाइटेनिक के समान विलासी (Luxurious) नहीं था। इस में टेनिस कोर्ट, नृत्य करने का कक्ष और ऊपर उठाने का यंत्र (elevator) भी था, जो उस समय किसी भी ओर जहाज में सुना नहीं था। अच्छे से अच्छा उच्चतम कमरे का दाम था 4,300 डोलर जो 1912 में बहुत बड़ी रकम थी। ये सबसे महँगा रहने का दाम था जो कभी भी दिया गया हो। परन्तु वहाँ पर पर्याप्त जीवनरक्षित नाव नहीं थी! जोन जेकब एस्टोर IV और उसकी पत्नी वैभवषाली व्यायामषाला में यांत्रिक घोड़ो से खेल रहे थे. जहाज के बर्फीले पहाड से टकराने के बाद। परन्तु जब वे खेलते थे जहाज डूब रहा था। और वहाँ पर पर्याप्त जीवनरक्षित नाव नहीं थी!

किसी भी जहाज ने जो कभी भी समुद्रीय सफर पर था अपने मुसाफिरों को ज्यादा आत्मविष्वास या सलामती नहीं दी जो रात जैसे टाइटेनिक षांति से उत्तर एटलान्टिक के बर्फीले पानी में तैर रहा था। परन्तु वहाँ पर पर्याप्त जीवनरक्षित नाव नहीं थी। और जीवनरक्षित नाव की पूर्ण तैयारी नहीं थी। उनमें से कुछ पर पानी भरा हुआ नहीं था। उनमें से कुछ के बोटम में ताले में से प्लग नीकाले हुए थे। इन सब में, ये जीवनरक्षित नाव हकीकत में आवष्यक थी ही नहीं - उन्होंने सोचा! इसीलिये वहाँ पर सिर्फ 20 नाव थी।

ऐसे भी, इन में से ज्यादातर जीवनरक्षित नाव जहाज से दूर खींची गई थी सिर्फ 10, 12 या 15 लोगों के साथ, जब कि वे करीबन 60 को ले सकते थे। क्यों उन जीवनरक्षित नावों में इतने कम लोग? ऐसा था, क्योंकि लोग विष्वास नहीं कर रहे थे की जहाज डूबने वाला था। उन्होंने उस जीवनरक्षित नाव में जाने से इन्कार किया।

फिर वहाँ पर गंभीर विस्फोट हुआ। लोग डरकर भागने लगे और थोड़ी बची हुई जीवनरक्षित नाव की ओर भागे। अब तक भगदड़ षुरू हो चुकी थी। परन्तु उनमें से ज्यादातर लोगों के लिये बहुत देर हो चुकी थी। कुछ थोडे लोग जो नाष हुए (मरे) वे टाइटेनिक खरीद सकते थे, परन्तु उनके पास जीवनरक्षित नाव में बैठने के लिये जगह खरीदने पर्याप्त पैसे नहीं थे! वै तैयार नहीं थे।

वहाँ तख्त पर (डेक पर) आदमी और औरतें थी सबसे अच्छे फर के कपडों में सज्ज जो उनके पैसे से खरीद सके थे। कुछ की अंगुलियो में सोने की अंगुठियाँ थी, गले में मोतियों की मालाएँ, कानो में हीरों की बुट्टी। परन्तु अब वे सबसे गरीब मुसाफिर से कुछ भी बहेतर नहीं थे, जीवनरक्षित नाव पर चढने के लिये पषु की तरह लड़ाई करते हुए। परन्तु वे नाव भरी हुई थी। बहुत देर हो चुकी थी। वे तैयार नहीं थे! इस पीढ़ी का कैसा चित्र (दृष्य)!

‘‘जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मनुश्य के पुत्र के दिनों में भी होगा। जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते - पीते थे और उनमें विवाह होते थे। तब जल - प्रलय ने आकर उन सब को नश्ट किया’’ (लूका 17:26-27)।

वे नूह पर हँसे थे जब उसने उनको तैयार होने को कहा था। उन्होंने सोचा कि न्याय कभी भी नहीं आएगा। फिर वेग से बारिष आयी। जैसे ही पानी बढ़ा वे जहाज की बाजु पर चढ़ गए और उनके जीवन के लिये चिल्लाने लगे। परन्तु बहुत देर हो चुकी थी। वे बहुत ज्यादा देर तक रूके। जहाज का द्वार प्रभु द्वारा बंद कर दिया गया था। वे चीखे और चिल्लाएँ डर के लिये जो उन्हें जल-प्रलय के कारण लग रहा था और नीचे पानी की कब्र में गए। ‘‘वैसे ही मनुश्य के पुत्र का आना भी होगा’’ (मती 24:39)।

किसी ने जोन जेकब एस्टोर से पूछा, ‘‘मनुश्य, आपका लाइफ जेकेट कहा है?’’ एस्टोर ने कहा, ‘‘में नहीं सोचता मुझे उसकी आवष्यकता होगी।’’

किसी दिन आप प्रभु के न्याय के सिंहासन के सामने खडे़ होंगे। आपसे पूछा जाएगा, ‘‘आपने यीषु जो मसीह कहा जाता है उसके साथ क्या किया?’’ क्या आप कहेंगे, ‘‘मैं नहीं सोचता मुझे उनकी आवष्यकता होगी’’?

फिर आपको यीषु की आवष्यकता होगी। आप षायद न सोचो कि आपको उनकी जरूरत होगी, परन्तु आपको होगी। इसीलिये आपको अभी मसीह प्राप्त करने चाहिए। बाद में सदा के लिये बहुत देर हो जाएगी।

‘‘और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया’’ (प्रकाषितवाक्य 20:15)।

‘‘और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे’’ (मती 25:46)।

आप षायद (छोड़ दे) आपकी आषा
    अनंतता के प्रातःकाल की
आनंद की सबसे अच्छी क्षण के लिये,
    पाप की चमक और चीजें जो यह जीतेंगी उस के लिये
क्या आपने गीनी है, क्या आपने किंमत गीनी है?

क्या आपने कभी भी किमंत
    गीनी है अगर आपकी आत्मा खो जाए,
चाहे आप सारा संसार अपने स्वयं के लिये पाओ
   षायद अभी भी हो सकता है लकीर
जो आपने पार की है,
   क्या आपने गीनी है, क्या आपने किमंत गीनी है?

कभी जल्दी ही परमेष्वर आपको कहेंगे,

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’ (लूका 12:20)।

3. तीसरा, वे विलम्ब किए हुए थे।

उन्होंने निरर्थक बाते की और खेले और जो थोडी जीवनरक्षित नाव वहाँ पर थी उसमें जाने से टालां जहाज डूब रहा था, परन्तु जोन जेकब एस्टोर और उसकी युवा दुल्हन यांत्रिक घोड़ों के साथ व्यायामषाला में खेल रहे थे। जहाज डूब रहा था, परंतु परिचारकों को अक्षरषः लोगों के कमरे के द्वार तोड़ने पडे उन्हें नींद से जगाने। वे मान नहीं सके कि यह न डूबनेवाला जहाज हकीकत में डूब रहा था। क्या आप जानते हो उन में से किसीने क्या किया? जब जहाज डूब रहा था वे बर्फीले पहाड से बर्फ के टूकडे तोड कर डेक पर बर्फ से लडाई कर रहे थे! उन में से कुछ लोग बर्फ के टूकडे अपने कमरे में ले जा रहे थे। जब उनसे पूछा गया क्यों, उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे न्यू योर्क वापस ले जाना है हमारे दोस्तों को दिखाने’’। वे विलंबित थे। उन्होंने अपना डर दूर किया। सदोम के लोगों की तरह वे खेले और यहाँ वहाँ भटके।

‘‘और जैसा लूत के दिनों में हुआ था कि लोग खाते - पीते, लेन - देन करते, पेड़ लगाते और घर बनाते थे; परन्तु जिस दिन लूत सदोम से निकला, उस दिन आग और गन्धक आकाष से बरसी और सब को नश्ट कर दिया’’ (लूका 17:28-29)।

मैं उन्हें यहाँ लोस एंजलिस के नीचे षहर में खेलते हुए देखता हूँ। वे अपनी महँगी कार में उपनगर से यहाँ आते है। वे सेकडों डोलर चुकाते है एक सीट (जगह) के लिये और अर्थहीन लेकर्स की बास्केट बोल गेम के देखने। वे यहाँ रात 11.30 बजे तक चील्लाते और पीते हुए रहते है। परंतु क्या इन लोगों को रविवार सुबह में हमारे कलीसिया में ला सकते हो? ओह, नहीं! कोई मौका नहीं! ‘‘क्यों, मैं केन्द्रीय षहर में नीचे नहीं आ सका,’’ उन्होंने कहा। फिर भी जल्दी ही वे प्रभु की आवाज सुनेंगे,

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’
       (लूका 12:20)।

‘‘वह परमेष्वर के प्रकोप की निरी मदिरा, जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्र स्वर्गदूतों के सामने और मेम्ने के सामने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा। उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा और जो उस पषु और उसकी मूति की पूजा करते है और जो उसके नाम की छाप लेते है, उनको रात दिन चैन न मिलेगा...’’
      (प्रकाषितवाक्य 14:10-11)।

4. चौथा, जेसे ही जहाज नीचे गया उन्होंने विलाप किया।

ज्यादातर प्रवासी दारू पी रहे थे और नाच रहे थे और जुआ खेलते थे और मेजबानी मना रहे थे। जुआरीयों का एक समुदाय डेक (तख्त) पर गया जब उन्होंने जहाज की बर्फीले पहाड से टकराने की आवाज सुनी। परन्तु वे तुरन्त ही अपने जुआं खेलने की मेज पर लौट आए। जब जहाज डूबा वे उसके साथ नीचे गए। उन्हें चेतावनी देने के बाद भी, बहुत से बिस्तर पर गये उस आत्मविष्वास के साथ कि टाइटेनिक कभी भी डूब नहीं सकती। वे भी जहाज के साथ नीचे गये।

दूसरे जीवन बचानेवालों के बारे में मजाक कर रहे थे। किसी ने हकीकत में जीवन बचानेवाला पट्टा पहना और जहाज में यहाँ वहाँ नाचने लगे, जब दूसरे पीछे खड़े रहे और हँसने लगे। किसीने जीवन बचानेवाला बेल्ट पहनने से इन्कार किया क्योंकि उन्हें अपने कपडे और पोषाक खराब नहीं करने थे उस ‘‘गंदे जीवनबचाने वाले कपड़ो’’ से। बहुतों को जीवनरक्षित नाव में जाने के लिये दबाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम क्यों जीवनरक्षित नाव में जाए और गंदी, ठंड रात में बाहर क्यों जाएॅ? हम कैसे भी थोडी मिनट में लौटकर आएँगे ही।’’ वे हँसे जैसे कि सामान उठानेवाले और परिचारकों ने उनसे कहा की जहाज नीचे जा रहा था।

ओह, मैं जानता हूँ इस सुबह संसार क्या कहता है। मैं जानता हूँ वे मुझ जैसे वृद्ध प्रचारक पर हँसते है। मैं जानता हूँ वे कहते है, ‘‘उस वृद्ध मूर्ख को आपको डराने मत दो!’’ मैं जानता हूँ वे क्या कहते है। ‘‘आगे बढ़ो और विलास व्यसन और पाप का जीवन जीयो। मूर्ख मत बनो! खाओ, पीओ और खुष रहो!’’ मैं जानता हूँ वे क्या कहते है! परंतु मैं यह भी जानता हूँ परमेष्वर क्या कहते है,

‘‘इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी; वह पल भर में ऐसा नश्ट हो जाएगा कि बचने का कोई उपाय न रहेगा’’ (नीतिवचन 6:15)।

‘‘वह, जो बार बार डाँटे जाने पर भी हठ करता है; वह अचानक नश्ट हो जाएगा और उसका कोई भी उपाय काम न आएगा’’ (नीतिवचन 29:1)।

वहाँ पर लकीर है जो खींची गई
    है हमारे प्रभु के अस्वीकार करने से,
उनकी आत्मा का बुलावा कहाँ खो गया
    और आप जल्दी करो आनंदित पागल समुदाय के साथ,
क्या आपने गीना, क्या आपने किमत गीनी?

क्या आपने कभी भी किमंत
   गीनी है अगर आपकी आत्मा खो जाए,
चाहे आप सारा संसार अपने स्वयं के लिये पाओ
   षायद अभी भी हो सकता है लकीर जो आपने पार की है,
क्या आपने गीनी है, क्या आपने किमंत गीनी है?

परंतु अंत में उन्होंने विलाप किया जैसे टाइटेनिक लहरों के नीचे डूबी। जैसे ही जीवनरक्षित नाव दूर खींची गयी, वे जो साथ मिलकर षोर कर रहे थे, थर्राते थे, काँपते थे, कैसे बजानेवाले ने अपना संगीत बदला। कुछ मिनट पहले वे दिन का सबसे अच्छा संगीत बजा रहे थे। परंतु अब बजानेवालों ने मातमभरा गीत बजाना षुरू किया है।

समीप, मेरे प्रभु, आपके आपके समीप!
   चाहे वह क्रूस हो जिसने मुझे उठाया,
फिर भी मेरे सारे गीत होंगे, समीप, मेरे प्रभु, आपके।
   समीप, मेरे प्रभु, आपके आपके समीप!
(‘‘समीप, मेरे प्रभु, आपके’’ सराह. एफ. एडम्स द्वारा 1805-1848)।

जैसे जहाज डूबना षुरू हुआ आदरणीय जोन हार्पर ने डेक (तख्त) पर एक आदमी से दूसरे के पास भागना षुरू किया, उन्हें मसीह पर भरोसा करने की याचना करते हुए। एक आदमी ने प्रचारक को दूर धक्का दिया और उसे चूप रहने को कहा। आदरणीय हार्परने उस आदमी को अपना जीवनरक्षित पोषाक दिया और कहा, ‘‘तुझे इसकी मुझसे ज्यादा आवष्यकता है।’’ आदरणीय जोन हार्पर डूब गये, परन्तु वह आदमी जिसे उन्होंने अपना जीवनरक्षित पोषाक दिया था वो बच गया। याजक हार्परने यीषु को चित्रित किया, पापीयों के उद्धारक। यीषु मरे ताकि आप जी सको। ओह, ये सुबह, यीषु आपको जीवन प्रस्तुत कर रहे है। वे क्रूस मरे आपके पाप का दण्ड चुकाने। वे मृत्यु से उठे आपको अनंत जीवन, देेने। क्या आप इस सुबह यीषु का भरोसा करोगे?

‘‘प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेष्वर से प्रेम किया, पर इस में है कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायष्चित के लिये अपने पुत्र को भेजा’’ (1 यूहन्ना 4:10)।

क्या इस सुबह आप यीषु का भरोसा करेंगे और बचाये जाओगे?

वहाँ पर टाइटेनिक डूबने के बाद सभा की सुनवाई थी। गवाह के बाद गवाह मंत्रीसभा के सभापदों के सामने आए बोलने के लिये। आखिरकार टाइटेनिक का तीसरा अधिकारी प्रमाणित किया गया। एक मंत्रीसभा के सभापद ने उससे अपरिचित प्रष्न पूछा। मैं नहीं जानता उसने यह क्यों पूछा, परन्तु उसने पूछा। उसने कहा, ‘‘श्रीमान पीट्टमेन, जैसे जहाज नीचे गया क्या आप चिल्लाने का वर्णन कर सकते हो?’’ पीट्टमेन ने उनका सिर उनके हाथों में दबाया और बिना समतुलन के रोना षुरू किया। आखिरकार, श्रीमान पीट्टमेन बोलने के समर्थ हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘सर, आप चिल्लाने के बारे में पूछ रहे हो। आपके प्रष्न का सर्वोत्तम उत्तर मैं दे सकता हूँ, वो है, सर, वह सिर्फ एक लंबा लगातार विलाप था।’’ इसी तरह ये होगा अधोलोक में। ‘‘जहाँ रोना और दाँत पीसना होगा’’ (मती 13:42)।

मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, जैसे आदरणीय जोन हार्परने किया उस आदमी के साथ टाइटेनिक की डेक पर। मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, ‘‘मसीह पर भरोसा करो बहुत देर हो जाने से पहले’’।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र :
लूका 12:16-21।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘क्या आपने किमत गीनी?’’ (ए. जे. होडझ द्वारा, 1923)।


रूपरेखा

टाइटेनिक

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’ (लूका 12:20)।

1. पहला, उनके पास झूठी सलामती थी, लूका 12:19, 20; नीतिवचन 11:4।

2. दूसरा, वे तैयार नहीं थे, लूका 17:26-27; मती 24:39;
प्रकाषितवाक्य 20:15; मती 25:46।

3. तीसरा, वे विलम्ब किए हुए थे, लूका 17:28-29; प्रकाषितवाक्य 14:10-11।

4. चौथा, जेसे ही जहाज नीचे गया उन्होंने विलाप किया,
नीतिवचन 6:15; 29:1; 1 यूहन्ना 4:10; मती 13:42।