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क्या आत्मा के उग्र प्रचार की कला नश्ट हो गयी है?

IS SOUL-HOT PREACHING A LOST ART?

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह,
6 मई, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, May 6, 2012

‘‘परमेष्वर और मसीह यीषु को गवाह करके, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, और उसके प्रगट होने और राज्य की सुघि दिलाकर मैं तुझे आदेष देता हूँ, कि तू वचन का प्रचार कर, समय की सहनषीलता और षिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे, पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाशाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे'' (2 तीमुथियुस 4:1-3)।


यह प्रेरितो पौलुस का संकेत है, ना सिर्फ तीमुथियुस को, परंतु सुसमाचार के हर एक प्रचारक को।

‘‘परमेष्वर और मसीह यीषु को गवाह करके, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, और उसके प्रगट होने और राज्य की सुघि दिलाकर मैं तुझे आदेष देता हूँ'' (2 तीमुथियुस 4:1)।

‘‘मैं तुझे आदेष देता हूँ'' का अर्थ है ‘‘मैं गंभीरता से प्रमाणित करता हूँ'' (स्ट्रोन्ग)। ‘‘मैं तुझे आदेष देता हूँ (मेकगी)। इस पद 3 में भविश्यवाणी की टीप्पणी, ‘‘ऐसा समय आएगा,'' प्रगट करता है कि प्रेरितो सारे प्रचारक से बात करते थे, जो भविश्य में थे उनको भी मिलाकर। प्रेरितों ने सारे प्रचारकों को क्या क्या करने का आदेष दिया?

‘‘कि तू वचन का प्रचार कर, समय की सहनषीलता और षिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा'' (2 तीमुथियुस 4:2)।

1. ‘‘वचन का प्रचार कर।'' वचन के बारे में प्रचार मत करो। परन्तु वचन स्वयं का ही प्रचार करो। बाइबल सिर्फ समझाओ मत, परन्तु जो इसे सुनते है उन पर लागु करो। ‘‘प्रचार'' षब्द जो अनुवाद किया था वो है ‘‘कैरूस्सो'' ग्रीक में। डो. आर. सी. एच. लेन्सकी ने कहा इसका अर्थ है ‘‘जोर से, सार्वजनिक घोशणा।'' यह षब्द ‘‘प्रचार'' आज्ञासूचक भाव में है। उसका अर्थ है यह करो! प्रचार करो! डो. जोन गीलने कहा इसका अर्थ है ‘‘सार्वजनिकरूप और ऊँची आवाज में'' बोलना।

2. ‘‘समय और असमय तैयार रह।'' ‘‘करते रहो और इससे जुड़े रहो'' (लेन्सकी)। जब चीजें अनुकुल लगे तब प्रचार करते रहो, और जब यह एकदम ही अनुकुल ना लगे तब भी। चाहे लोग सुने या ना सुने प्रचार करो!

3. ‘‘उलाहना, डाँट और समझा।'' इसका अर्थ है ‘‘अपराधी, डाँटना, दोश से सावधान करे'' (लेन्सकी) ‘‘दोशो की और आदमीयों की उनके दोशो के लिये और नास्तिकता के लिये उलाहना करो'' (गील)। ‘‘उनके दोशो के लिये उन्हें अपराधी ठहराओ'' (वीन्सेन्ट)। ‘‘डाँटो, या धमकी दो (गुस्सा करो) पाप के लिये'' (गील)। ‘‘वचन सूचित करता है तीक्ष्ण, तीव्र डाँटना'' (वीन्सेन्ट)। ‘‘समझा ... आराम, षायद वचन का खण्डन हो'' (गील)। ‘‘सुसमाचार के सेवक कई किस्से में होते है ... (गरज) मेघध्वनि के पुत्र, और दूसरे किस्सो में आष्वासन के पुत्र'' (गील)। ‘‘सारी तड़प के साथ'' या धीरज। आपके प्रचार में यह चीजें करना छोड़ना नहीं।

4. ‘‘क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे।'' यह समय संदर्भ किया गया था भविश्य के लिये जब प्रेरितों ने लिखा था। यह निष्चितरूप से वर्णन करता है हमारे युग को, ‘‘हमारे से ज्यादा कोई नहीं'' (गील)। मैं मानता हूँ ये लागु होता है खास करके इस युग के अंत के समय को, समय जीसमें हम आज जी रहे है। यह निष्चितरूप से वर्णन है जो हमारे ज्यादातर कलीसियाओं में हो रहा है उसका।


अब, वही है जो प्रेरितों ने प्रचारक को करने का आदेष दिया! सुसमाचार का प्रचार ‘‘ऊँचे आवाज में, सार्वजनिक घोशणा'' से करो (लेन्सकी)। वह करते रहो, तब भी जब यह मषहूर नहीं है। दोशों की उलाहना करो। पाप को डाँटो। जो पाप के अपराधभाव के अधीन आते है, उन्हें विश्राम दो। वही काम है वचन के सच्चे प्रचारक का! और हर प्रचारक को प्रार्थना करनी चाहिए,

मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!
(‘‘मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ'' हार्पर जी. स्माइथ द्वारा, 1873 - 1945)।

क्या वह ज्यादातर तख्तो पर हो रहा है, हमारे कलीसिया में, आज? या अगला पद जो हम बहुत से कलीसियाओं में देखते है?

‘‘क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे, पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाशाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे'' (2 तीमुथियुस 4:3)।

‘‘क्योंकि'' दिखाता है कि ‘‘उपदेष'' कहा गया है वो है जो हम पद दूसरे में पढ़ते है। डो. मार्वीन आर. वीन्सेन्ट ने कहा ‘‘क्योंकि'' है ‘‘आधार ... भविश्य का विरोध है सार्थक उपदेष के लिये'' (मार्वीन, आर. वीन्सेन्ट, पीएच.डी. वर्ड स्टडीस अॉफ ध न्यु टेस्टामेन्ट, भाग IV, पृश्ठ 320)। वहाँ पर भविश्यवाणी संबंधी उच्चारण है, दिखाते हुए कि यह लागु होता है ज्यादा ‘‘आखरी दिनों में'' भी (2 तीमुथियुस 3:1; सीएफ. 1 तीमुथियुस 4:1)। ‘‘क्योंकि वे दृढ़ न रहेंगे'' का अर्थ है वे सार्थक प्रचार नहीं रखेंगे जो उलाहना दे, डाँटे और समझाएँ (पद. 2)। इसके बदले वे ‘‘कानों की खुजली के कारण अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे'' (2 तीमुथियुस 4:3)। आखरी दिनों में उन्हें सिर्फ कोमल उपदेष चाहिए, ना कि कठिन प्रचार, ना ही सार्थक प्रचार! डो. वीन्सेन्ट ने यह समालोचना दी,

एलेक्झान्ड्रीया की सरलता ने कुछ षिक्षको का वर्णन किया जैसे ‘‘खरोचना और गुदगुदाना ... उनके कान जो खरोचे जाने की इच्छा रखते है ... अस्थिर विष्वास के समय में ... सारे प्रकार के षिक्षक मिस्त्र के मक्खीयों के झुण्ड की तरह। माँग आवष्यक पदार्थ बनाती है। अगर लोग इच्छा करते है बछड़े की पूजा करना, बछड़ा - बनानेवाला सेवक तैयार मिलता है (ibid, पृपृश्ठ 320-321)।

मैंने किसी से कहा मैं यह धार्मिक प्रवचन देने जा रहा था। उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘आप किस से बात कर रहे हो? मैंने कहा, ‘‘मैं तीन समुदाय से बात कर रहा हूँ।'' पहला, मैं अपने लोगो से बात कर रहा हूँ। उन्हें जानना आवष्यक है मैं ऐसे क्यों प्रचार करता हूँ जैसे मैं कर रहा हूँ। जब वे छुट्टियों पर जाते है और दूसरे बेपटीस्ट कलीसिया की मुलाकात लेते है वे कई बार याजक को सुनते है जो लचीली - कलाईवाले धर्माध्यक्ष से षासितयाजक की तरह बोलते है, या एक जो मधुमक्खी तरह पद के पद का ‘‘बाइबल अभ्यास'' कराते रहते है और इसे ‘‘धार्मिक प्रवचन'' कहते है। इसलिये मुझे स्पश्ट करना चाहिए कि क्यों मैं पुराने प्रकार के बेपटीस्ट प्रचारक की तरह बोलता हूँ। दूसरा, मैं हजारों याजकों से बात करता हूँ जो ये वीडीयो देखते है। मुझे उनसे कहना आवष्यक है कि किसी दूसरे की हूबहू नकल न बने। क्यों हर एक प्रचारक एक समान सुनाई दे जैसे वे आदमी को रेडियो पर सुनते हो? चलिये इसका सामना करे, हमारा ज्यादातर प्रचार विनोदहीन है। अगर हम जो हम कहते है उसके बारे में उत्सुक नहीं तो कोई और भी उत्सुक नहीं होगा। हाँ, मैं मानता हूँ कि प्रचार उत्तेजक होना ही चाहिए! जोन वेस्ली, मेथोडीस्ट कलीसिया के षोधक जो एकबार कभी था, कहा, ‘‘अपने आपको आग पर रखो और लोग आपको जलता हुआ देखने आयेंगे।'' मैं उनसे सहमत हूँ! डो. मार्टीन लोयड जोनेस ने कहा, ‘‘प्रचार करना ईष्वर ज्ञान है जो उस आदमी के द्वारा आता है जो आग पर है।'' मैं उनसे सहमत हूँ! डो. लोयड - जोनेस ने कहा, ‘‘आदमी जो इस चीजों के बारे में (सुसमाचार में) बोल सकता है पक्षपातहीन ढंग से, उन्हें कोई हक्क नहीं है तख्त पर जो भी हो; और उन्हें कभी भी प्रवेष नहीं देना चाहिए!'' और में उनसे सहमत हूँ! (डो. मार्टीन. लोयड - जोनेस, एम.डी., प्रीचींग एन्ड प्रीचर्स, प्रचार और प्रचारक, झोन्डरवान प्रकाषक घर, 1971, पृश्ठ 97)। तीसरा, मैं इस सुबह यहाँ कुछ खोए हुए लोगों से बात करता हूँ। इस धार्मिक प्रवचन के अंत में मैं आपको मार्ग दिखाऊँगा।

मुझे हकीकत में जोयल ओस्टीन के कान गुदगुदानेवाले ‘‘प्रचार'' के दृश्टांत की तरह इस्तेमाल करना पसंद नहीं। इस से बहेतर मैं सुसमाचार पर प्रकाष डालूँगा। परंतु बहुत से इस युवा आदमी द्वारा सीधे रास्ते से भटक जाते है कि मैं महसूस करता हूँ कि मुझे उसे नाम देना ही चाहिये। में षायद न करूँ, परन्तु मुझे महसूस होता है कि मुझे यह करना चाहिए।

पीछले महिने जोयल ओस्टीन वोषींग्टन डी.सी. में थे बड़ी फेरी रखने के लिये। वोल्फ ब्लीटझर ने उनका साक्षात्कार किया सीएनएन पर। मैंने सुना, मेरे अपने कानों से, जोयल ओस्टीनने इस पत्रकार को कहा कि दोनो सभापति उमेदवार मसीही है। उसने कहा, ‘‘वे दोनों कहते है वे मसीही है, और मैं कौन होता हूँ उन पर षक करनेवाला?'' उस असर तक षब्द। वोल्फ ब्लीटझर मुस्कुराएँ और जोयल ओस्टीन को अभिनन्दन दिया। मैं निष्चित हूँ कि लाखो अमरीकनोने सोचा, ‘‘कितना अच्छा युवा आदमी।'' परन्तु वहाँ पर एक परेषानी है - एक भी सभापति उमेदवार ने एक भी कारण नहीं दिया की वे सच्चे मसीही हैं, मुझे गलत मत समझना। मैं इन दोनों में से एक को नोव्हेंम्बर में मत दूँगा, दोनों में से कम बुरा। परन्तु ये पूरी तरह झूठी भविश्यवाणी थी यह कहना कि ये आदमी मसीही है वचन के किसी भी अर्थपूर्ण ज्ञान में। श्रीमान ओस्टीन का कथन झूठी भविश्यवाणी था और मैं निष्चित हूँ यह बहुत से लोगों को भयानकरूप से व्याकुल करता था।

दूसरे दिन जोयल ओस्टीन वोषींग्टन में हजारों लोगों से भरे मैदान में बोले। जैसे मैंने उसे बोलते देखा मैं मन से बीमार महसूस करने लगा। उसने अपनी बातों में सुसमाचार (1 कुरिन्थियों 15:1-4) का एक बार भी जिक्र नहीं किया। यह सारा तड़ाके का मानसषास्त्र था। फिर उसने ‘‘आमंत्रण'' दिया। उसने लोगों को खड़े रहने को कहा, और कहा प्रभु उन्हें आर्षीवाद देंगे। वहाँ मसीह की मृत्यु उनके पापों के लिये चुकाने का कोई निर्देष नहीं था, मसीह के लहू का कोई जिक्र नहीं था, हमारे न्याय के लिये मसीह के पुनरूत्थान का कोई निर्देष नहीं था। दूसरे षब्दों में वहाँ पर सुसमाचार का निर्देष था ही नहीं! उसकी बातों के अंत में उसने कहा जिनको बचाये जाना हो वे खडे हो जाए। फिर उसने कहा कि जो सारे खडे है वे अब मसीही थे। यह वो था! यह पूरी तरह आदमी केन्द्रित ‘‘आमंत्रण'' था, बिना मसीह के सुसमाचार से गुजरने के संदर्भ से भी!

मैंने यह पहेले देखा है। मैंने हाल ही में सुना सुसमाचार प्रचारक का इस्लाम के विरूद्ध धार्मिक प्रवचन का प्रचार। उसने मुसलमान धर्म के लिये जो कहा वो सच था, परन्तु उसने सुसमाचार का जिक्र नहीं किया। फिर उसने आमंत्रण दिया लोगों को आगे आने, एक षब्द भी यीषु के बारे में कहे बिना। गानेवालो की मण्डली ने गीत गाया, उसमें सुसमाचार का जिक्र किए बिना, जब लोग आगे आए। फिर बोलनेवाले ने उनसे कहा कि वे सब बचाये गये थे! वे ‘‘बचाये गये'' थे बिना एक षब्द भी यीषु के बारे में सुने! यह बिना मसीह के प्रकार का प्रचार है आज हम कयी बार सुनते है। यह धार्मिक प्रवचन करना, बिना सुसमाचार की ‘‘ऊँची आवाज के साथ'' घोशणा करना है। पाप की उलाहना और डाँट के बिना धार्मिक प्रवचन करना। लोगों को सुसमाचार में मानने और मसीह में भरोसा करने के लिये समझाने के बिना का धार्मिक प्रवचन देना। दूसरे षब्दों में, यह एकदम ऐसा धार्मिक प्रवचन करना है जैसे प्रेरितों पौलुसने विरूद्ध चेतावनी दी थी जब उसने कहा,

‘‘कि तू वचन का प्रचार कर, समय की सहनषीलता और षिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे, पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाशाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे।'' (2 तीमुथियुस 4:2-3)।

ओह परमेष्वर, हमें सहाय करो इस प्रकार प्रचार न करने! हमें सहाय करो कान गुदगुदानेवाले प्रचारक न बनने!

मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!

डो. जे. वेरनोन मेकगी ने हमारे पाठ का यह प्रार्थनापत्र दिया,

उन्हें धर्मनिश्ठ विनोद चाहिए मसीही कलाकार से जो उनके कान गुदगुदाएगा। हमें आज कलीसिया में नयी घटनाओं के लिये प्रेम है : भावनात्मक चलचित्र, तमाषा, (सन्देहयुक्त) संगीत, रंगीन लाइटस्। आदमी जो सिर्फ सरलता से बाइबल खोलते है उनका अस्वीकार किया जाता है जबकि तुच्छ धर्मनिश्ठ विनोदक बन जाता है प्रसिद्ध ... ऐसे लोग सच्चाई से दूर हो जाते है और आदमी की बनायी हुई कहानियों पर विष्वास करते है (थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1983, भाग V, पृश्ठ 476; 2 तीमुथियुस 4:3 पर टीप्पणी)।

फिर से, डो. मेकगीने कहा, ‘‘... आधुनिक तख्त सार्थक तख्त है जो लोगों को फिर से सिर्फ वो ही कहता है जो उनको सुनना हो'' (ibid., पृश्ठ 475)। यही था जो मैंने सुना जोयल ओस्टीन के ‘‘धार्मिक प्रवचन'' में राश्ट्रीय राजधानी में। यह प्रेरणात्मक भाशण से ज्यादा कुछ भी नहीं था, तड़ाके के मानसषास्त्र पर आधारित, जो किसी को भी बचा नहीं सका। जैसे डो. मेकगीने इसे रखा, उन्होंने सिर्फ कहा, ‘‘ फिर से लोगों के पास जो वे सुनना चाहते है।'' डो. मिष्‍ोल हार्टन ने कहा, ‘‘अॉस्टीन का संपूर्ण संदेष वर्णन करता है मसीह से व्याकुलता (दूरी)। अगर यह सुसमाचार है तो किसे मसीह की आवष्यकता है?'' (क्राइस्टलेस क्रीस्टीयानीटी, बेकर बुक्स, 2008, पृश्ठ 92)।

मुझे एक और बात कहनी चाहिए। ज्यादातर पद के बाद पद की बाइबल ‘‘षिक्षा'' जो प्रचार के लिये पसार की जाती है वो कुछ ज्यादा बेहतर नहीं है। सिर्फ बाइबल सिखायी गई है उस कारण ये प्रचार करने के लिये नहीं होती। बाइबल पदं पर निरंतर समालोचना, बाद में आमंत्रण देना, सुसमाचार का ‘‘ऊँचे आवाज में'' प्रचार करना नहीं है, जैसे हमारे बेपटीस्ट परदादा जोन गील ने इसे रखा, ऐसी ‘‘षिक्षा'' ‘‘उलाहना, डाँटना (और) समझाना'' नहीं करती; जैसे प्रेरितों ने हमें करने को आदेष दिया था!

हमें उन लोगों से डरना नहीं चाहिए जिन्हें हम प्रचार करते है। जो लुथर (1483-1546) ने कहा था वो आज भी सत्य है, ‘‘यह प्रचारक को बड़ी रूकावट है अगर वो आसपास देखते है और चिंता करते हैं कि लोगों को क्या सुनना या क्या नहीं सुनना पसंद है, उस बारे में या क्या षायद उसे अप्रिय बनाये या उसे क्षति करे या उस पर खतरा लाये ... वे आजादी से बोलने चाहिए और किसी से नहीं डरना चाहिए, हालाँकि वे आत्म-विष्वास से सत्य प्रचार करने को'' (व्होट लुथर सेयस, लुथर जो कहते है, कोन्कोडीया प्रकाषन घर, 1994 की प्रत, पृश्ठ 1112; मती 5:1-2 पर निरूपण (remark))।

इस धार्मिक प्रवचन का षीर्शक, ‘‘क्या आत्मा के उग्र प्रचार की कला नश्ट हो गयी है?'' आता है लीयोनार्ड रेवेनहील (1907-1994) की मषहूर किताब, व्हाय रीवाइवल टेरीस के अध्याय से (बेथनी फेलोषीप, 1963 की प्रत, पृश्ठ 53)। लीयोनार्ड रेवेनहील ब्रीटीष के प्रचारक थे। रेवेनहीलने सोलहवी सदी के स्वीस सुधारक ओएकोलाम्पाडीयस (Oecolampadius) (1482-1531) को कथन किया जिसने कहा था, ‘‘कितना ज्यादा कुछ अच्छे और उत्सुक आदमी सेवा को असर कर सकते है उत्साहहीन लोगों की भीड़ से।'' उन्होंने उन्नीसवी सदी के प्रचारक डो. जोसेफ पार्कर का कथन किया जिसने कहा, ‘‘सच्चा प्रचार लहू का पसीना बहाने समान है।'' उन्होंने सत्तरहवी सदी के प्रचारक रीचर्ड बाक्सटर का कथन किया जिसने कहा, ‘‘मैंने प्रचार किया जैसे निष्चितरूप से फिर से कभी प्रचार न करने, और जैसे मरता हुआ आदमी मरते हुए आदमीयों को।'' फिर रेवेनहीलने पूछा, ‘‘क्या महान् प्रचार करना मर चुका है? क्या आत्मा के उग्र प्रचार की कला नश्ट हो गयी है?'' (ibid, पृश्ठ 54)। अगर वो प्रष्न 1959 में फिर से पूछे गये होते, जब उसकी किताब पहली बार छपी थी, कितना ज्यादा वे आज पूछने चाहिए? रेवेनहील की किताब की प्रस्तावना में, डो. ए. डब्ल्यु टोझर ने कहा,

     लीयोनार्ड रेवेनहील की ओर यह असंभव है तटस्थ रहना। उनका परिचय अच्छी तरह से दो वर्गो में बाँटा गया है, वे जो उनसे प्रेम करते है और उनकी प्रषंसा करते है ... और वे जो उनसे नफरत करते है, पूर्ण तिरस्कार के साथ। और जो आदमी का सत्य है वो निष्चितरूप से उसकी किताबों का भी, इस किताब का सत्य है। पढ़नेवाला या तो इसके पृश्ठ बंद करेगा, प्रार्थना में जगह ढूँढने या वो इसे गुस्से में उछालेगा, उसका मन इसकी चेतावनी और याचनाओं में बंद होगा। सारी किताबे नहीं, नाही अच्छी किताबे भी आती है ऊँपर से आवाज की तरह, परन्तु में महसूस करता हूँ कि यह काम करता है।

मैं यीषु का बचाव करने के कारण आग के अधीन था जब ‘‘मसीह का आखरी प्रलोभन'', “The Last Temptation of Christ”, वो बेकार चलचित्र जिसने उद्धारक को नीचा किया, जो बाहर आये थे। कोई नहीं परंतु लीयोनार्ड रेवेनहीलने मेरे साथ फोन पर बात की, और प्रभु से प्रार्थना की मुझे विश्राम देने। मैं जब तक जीवित हूँ मैं उसे कभी भी नहीं भूलूँगा। यह रेवेनहील थे जिसने कहा,

ओह! परमेष्वर, हमें भविश्यवाणी का प्रचार भेजो जो ढूँढे और झुलसाएँ! हमें भेजिये षहीद - प्रचारक - आदमीयों के बोझ से लदा हुआ - नम्र, चरण में गिरा हुआ और भयकारी न्याय की दृश्टि में टूटा हुआ और अंतहीन अघोलोक का अभाग्य पश्चाताप! (ibid, पृश्ठ 101)।

मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!

यह लीयोनार्ड रेवेनहील थे जिन्होंने कहा, ‘‘सार्थक धार्मिक प्रवचन क्षतिरहित अंग्रेजी में और निर्दोश व्याख्या मुँह भरके रेत के समान स्वादहीन हो सकती है'' (ibid, पृश्ठ 102)। उनकी किताब, अमेरिका इझ टु यन्ग टु डाय, अमरिका मरने के लिये बहुत युवा है, में, रेवेनहील ने कहा,

     कुछ ही दिन पहले एक अच्छे प्रचारक भाई ने मुझ से कहा, ‘‘हमारे पास राश्ट्र में अच्छा प्रचारक अब नहीं है!'' मैं सोचता हूँ मैं जानता हूँ उनका कहने का क्या अर्थ था : कोई विषिश्ट आदमी नहीं ‘‘इस प्रकार प्रभु ने कहा'' साथ, एक आदमी आत्मा के अभिश्‍ोक के अधीन भयानक अंतिम परिणाम में। हमने प्रचारक भेंट दिये, बुद्धिषाली प्रचारक ... मषहूर प्रचारक, निर्माण करनेवाला प्रचारक, परन्तु कहाँ, ओह कहाँ है प्रचारक, जो राश्ट्र को चक्ति करे भविश्यवाणी के अंतिम परिणाम से? वहाँ पर बड़े प्रचार का अकाल है ... अंतःकरण हिलानेवाले प्रचार का अकाल है, मन तोडनेवाले प्रचार का अकाल, अकाल है उस प्रचार का जैसे हमारे पिता जानते थे जिसने आदमीयों को जागृत रखा सारी रात नही ंतो वे अधोलोक में गिरते। मैं दोहराता हूँ, ‘‘वहाँ पर प्रभु के वचन का अकाल है।'' वहाँ पर अकाल है सार्थक सुसमाचार प्रचार का (लीयोनार्ड रेवेनहील, अमेरिका इझ टु यन्ग टु डाय, बेथनी हाऊस, 1979, पृपृश्ठ 79-80)।

प्रभु षायद नयी पीढी उठाए आदमीयों की जो पाप, न्याय और सिर्फ मसीह द्वारा मुक्ति पर प्रचार देने से डरते न हो!

‘‘कि तू वचन का प्रचार कर, समय की सहनषीलता और षिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे, पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाशाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे।'' (2 तीमुथियुस 4:2-3)।

वह समूहगान फिर से गाओ!

मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!

मैं कैसे ऐसे धार्मिक प्रवचन का अंत करूँ? अगर आप बिना बचाये हो तो मुझे आपको उलाहना, डाँटना और समझाना चाहिये। मुझे आपको आपकी मुक्ति के बारे में गलत विचारो के लिये डाँटना ही चाहिये। नहीं, आप बचाये हुए नहीं हो! नहीं, आप मसीही नहीं हो! मुझे आपको तीक्ष्णरूप से डाँटना चाहिए आपके पाप के लिये, खास करके आपका यीषु को अस्वीकार करने का पाप। मुझे आपको यीषु का भरोसा करने समझाना चाहिए। आपको अविष्वास के अलावा कुछ भी नहीं रोकता उनमें भरोसा करने से। यीषु क्रूस पर मरे और उनका लहू बहाया आपके पाप को चुकाने के लिये। यीषु मृत्यु से उठे आपको जीवन देने के लिये। मैं आपको समझाता हूँ पश्चाताप करने और उनपर भरोसा करने। यीषु आपको पाप और अधोलोक से बचाएगे। ‘‘सिर्फ उनका भरोसा करो, सिर्फ उनका भरोसा करो, सिर्फ उनका भरोसा करो अभी। वे आपको बचाएंगे, वे आपको बचाएंगे, वे आपको बचाएंगे अभी।''

फिर, बहुत, मैं आप सभी को मौका देना चाहता हूँ आपका जीवन आत्मा जीतनेवालो की तरह पुनःसमर्पण करने। मैं जानता हूँ कि आप उसी परिश्रम से गुजर रहे हो जिससे प्रचारक गुजरते है। कभी कभी हम प्रचार करने से डरते है जैसे प्रभु चाहते है कि हम करे। अगर आप महसूस करते हो वहाँ कोई भी आवष्यकता है आपका जीवन पुनःसमर्पण करने ज्यादा साहसी बनने आत्मा जीतने में, मेहरबानी करके आगे आओ और श्रीमान प्रुधोम्म आपके लिये प्रार्थना करेंगे। आप आओ जब तक हम वह गीत फिर से गाते है।

क्या आपका जीवन आषीर्वाद की दिषा है?
   क्या प्रभु का प्रेम आप में से बहता है?
क्या आप खोए लोगों को यीषु के पास लाते हो?
   क्या आप उनकी सेवा करने तैयार हो?

मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!

क्या आपका जीवन आषीर्वाद की दिषा है?
   क्या आप बोझ से लदे हुए हो उनके लिये जो खोए हुए है?
क्या आप सहाय करते हो जो पापी है उनको?
   यीषु को ढूँढो जो क्रूस पर मरे
मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ, मैं प्रार्थना करता हूँ;
मेरा जीवन प्राप्त हो रहा है, मेरी सेवा आर्षीवाद,
   मुझे आर्षीवाद की दिषा बनाओ आज!
(‘‘मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाओ'' हार्पर जी स्माइथ द्वारा, 1873-1945;
      याजक द्वारा ठीक किया हुआ)।?

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : 2 तीमुथियुस 4:1-5।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
     ‘‘मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाओ'' (हार्पर जी स्माइथ द्वारा, 1873-1945)।