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प्रभु ने उद्धारक को छोड़ाTHE GOD-FORSAKEN SAVIOUR डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, 1 अप्रैल 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन ‘‘और तीसरे पहर के निकट यीषु ने बड़े षब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा षबक्तनी? अर्थात् हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ (मती 27:46)। |
गतसमनी की वाटिका के अंधेरे में प्रार्थना करके उठने के बाद, यीषु का सामना हुआ, ‘‘सैनिकों के एक दल और प्रधान याजकों और फरीसियों’’ से। वे आये ‘‘दीपकों, और मशालो और हथियारों को लिऐ’’ (यूहन्ना 18:3)। उन्होंने यीषु को बांधा और प्रधान याजक के पास ले गये, ‘‘जहाँ षास्त्री और पुरनिए इकट्ठा हुए थे’’ (मती 26:57)। उन्होंने यीषु को ईष्वरनिन्दा के लिये अपराधी ठहराया। फिर वे उनके मुँह पर थूंके, उन्हें घुसे मारे, उन्होंने अपने हाथो की हथेलियों से उनको थप्पड मारी, और उनकी दाढी से बाल खींचे (यषायाह 50:6)।
दूसरी सुबह महायाजक और बड़े लोगों ने निर्णय किया यीषु को मृत्यु देने का। उन्होंने उनको फिर से बांधा और उन्हें पोन्टीयस पिलातुस, रोमी षासक के पास ले गए। पिलातुसने उनको प्रष्न किया। फिर पिलातुसने भीड़ से कहा, ‘‘फिर यीषु जो मसीह कहलाता है... क्या करूँ?’’ सबने उससे कहा, ‘‘वह क्रूस पर चढ़ाया जाए’’ (मती 27:22)। पिलातुस ने अपने हाथ धोए और कहा, ‘‘मैं इस धर्मी के लहू से निर्दोश हूँ’’ (मती 27:24)। फिर पिलातुस ने यीषु को कोड़े मारे, और क्रूस पर चढाने के लिए छोड़ दिया। रोमी सैनिकों ने गहरे लाल रंग का जामा यीषु के लहू भरे देह पर डाला। उन्होंने काँटो का मुकुट गूँथा और उनके सिर पर दबाया। उन्होंने उनके दाहिने हाथ में सरकण्डा रखा, ‘‘और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठो में उड़ाने लगे और कहा, हे यहूदियों के राजा, नमस्कार’’ (मती 27:29)। वे उनके मुँह पर थूंके और सरकण्डा लेकर उनके सिर पर मारा। और उनकी ठट्ठा करने के बाद उन्होने जामा निकाल दिया, उनके अपने कपड़े उनको पहनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले गये।
वहाँ उनके लिये चांदी या सोने का मुकुट नहीं था,
वहाँ पर उनको पकड़ने के लिये मुकुट नहीं था;
परन्तु लहूने उनके ललाट को सुषोभित किया और
दाग जो उन्होंने उठाए उस पर गर्व किया
और पापीयों ने उन्हें मुकुट दिया जो उन्होंने पहना।
रूक्ष क्रूस उनका सिंहासन बना,
उनका साम्राज्य सिर्फ अकेले उनके मन में था;
उन्होंने उनका प्रेम गहरे लाल रंग से लिखा,
और उनके सिर पर काँटे पहने।
(‘‘काँटो का मुकुट’’ इरा. एफ स्टानफिल द्वारा, 1914- 1993)।
यीषु उनका क्रूस उठाकर बाहर गये। वे इसके वजन के कारण बार बार गिरते थे। आखिरकार सैनिकों ने कुरैनी के षमौन नाम के आदमी को बुलाया क्रूस उठाने के लिये। जब वे गुलगुता आए, उन्होंने उनको खट्टी दराख का रस (वाइन) दिया। पीने के लिये, जिसका उन्होंने अस्वीकार किया। सिपाहीयों ने उनके हाथ और पैर कील से क्रूस पर ठोके, और उसे सीधा खड़ा उठाया, ‘‘और वहाँ बैठकर उसका पहरा देने लगे’’ (मती 27:36)।
उन्होंने उनके सिर पर चिन्ह लगाया, क्रूस पर कील से ठोका, जिसने कहा, यह यीषु है यहूदियों के राजा। उनके साथ दो चोर भी क्रूस पर चढ़ाए गए थे, एक उनकी दाहिनी ओर, और एक उनकी बायी ओर। जो उनके क्रूस के बाजू से गुजरे उनका अपमान करते हुए कहा, ‘‘यदि तू परमेष्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ’’ (मती 27:40)। महायाजक ने भी उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा, ‘‘इस ने औरों को बचाया, और अपने आप को नहीं बचा सकता। यह तो इस्त्राएल का राजा है, अब क्रूस पर से उतर आए तो हम उस पर विष्वास करें’’ (मती 27:42)।
उन्होंने हांथीदांत के सिंहासन पर षासन नहीं किया,
वे काल्वरी के क्रूस पर मरे;
वहाँ पापीयों के लिये उन्होंने सब गिना
जो उसका था परन्तु नुकसान,
और उन्होंने उनका साम्राज्य क्रूस से निहारा।
रूक्ष क्रूस उनका सिंहासन बना,
उनका साम्राज्य सिर्फ अकेले उनके मन में था;
उन्होंने उनका प्रेम गहरे लाल रंग से लिखा,
और उनके सिर पर काँटे पहने।
यीषु सुबह के नौ बजे क्रूस पर चढ़ाए गए थे। दोपहर 12.00 बजे भूमि पर अंधेरा छा गया दोपहर 3.00 बजे तक। और करीबन 3.00 बजे यीषु ने बड़े षब्द से पुकारा, ‘‘एली, एली, लमा षबक्तनी? अर्थात् हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ (मती 27:46)। ‘‘रूक्ष क्रूस उनका सिंहासन बना।’’ इसे गाओ!
रूक्ष क्रूस उनका सिंहासन बना,
उनका साम्राज्य सिर्फ अकेले उनके मन में था;
उन्होंने उनका प्रेम गहरे लाल रंग से लिखा,
और उनके सिर पर काँटे पहने।
यीषु ने पुकारा, ‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ क्रूस पर से उनकी पुकार तीन चीज दिखाती है।
1. पहला, यीषु की क्रूस पर से पुकार पुरानी नियमावली की भविश्यवाणी को परिपूर्ण करती है।
भजनसंहिता 22:1 में दाऊद ने कहा,
‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तुने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’
(भजनसंहिता 22:1)।
यीषु जानबुझकर पवित्रषास्त्र के इस पद को परिपूर्ण किया। भजनसंहिता 22, 15 मुद्दे देता है जो जब यीषु क्रूस पर थे तब परिपूर्ण किए गए थे। इसने पहले के कलीसिया में कुछ लेखकों को भजनसंहिता 22 के लिये कहने दिया ‘‘पांचवाँ सुसमाचार।’’ भजनसंहिता 22:18 कहता है, ‘‘वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते है, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते है’’। यही है जो सैनिकों ने मसीह के पहिनावे के साथ किया क्रूस के पैर (नीचे) के पास। भजनसंहिता 22:16 कहता है, ‘‘वे मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते है।’’ इब्रानियों षब्द सूचित करता है ‘‘खोदना, छेदना, या खोखला बनाना’’ (जोन गील)। जकर्याह 12:10 कहता है, ‘‘वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेधा है।’’ इब्रानियों षब्द का अर्थ है, ‘‘कश्ट देना, छेदना, आघात लगना।’’ (स्ट्रोन्ग)। स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल कहता है,
भजनसंहिता 22 मृत्यु का सुचित्रित चित्र है क्रूस पर चढ़ाने के द्वारा। हड्डीयाँ (हाथ, बाजु, कंधे और वस्ति प्रदेष की) से बाहर (वी.14); तीव्र तड़प द्वारा अति पसीने का कारण बना (वी.14); मन का कार्य प्रभावित हुआ (वी.14); षक्ति थक गई और बहुत प्यास (वी.15); हाथ और पैर बेधे गए (वी.16); नम्रता को हानि करने के साथ आंषिक नग्नता (वी.17); सब घटनात्मक थे उस मृत्यु के तरीके को। सहायक हालांत उचित रीति परिपूर्ण करती है मसीह को क्रूस पर चढ़ाने को। पद 1 की असहाय पुकार (मती 27:46); प्रकाष के और अंधेरे के समय पद 2 (मती 27:45) ... निर्देष करते है बहुत से पद 18 (मती 27:35), सब अक्षरषः परिपूर्ण किए गए थे। जब यह स्मरण किया जाता है कि क्रूस पर चढ़ाना रोमी था; ना कि यहूदि, फांसी का नमूना, प्रेरणा का प्रमाण अनिवार्य है (ध स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल, पृश्ठ 608; भजनसंहिता 22 पर टीप्पणी)।
डो. हेन्री एम. मोरीस ने कहा,
भजनसंहिता 22 प्रभु के पुत्र को भविश्य में क्रूस पर चढ़ाने की भविश्यवाणी संबंधी अद्भूत वर्णन है। यह भजनसंहिता इसके परिपूर्ण होने से 1000 वर्श पहले लिखा गया था और मसीह की तड़प का सुचित्रित वर्णन करते है, क्रूस पर चढ़ाने के तरीके जाने गए थे उससे बहुत पहले ... (हेन्री एम. मोरीस, पीएच.डी., ध डीफेन्डर्स स्टडी बाइबल, वर्ल्ड प्रकाषन, 1995 की प्रत, पृश्ठ 608; भजनसंहिता 22:1 पर टीप्पणी)।
डो. जोन आर. राइस ने पुरानी नियमावली की एक के बाद एक भविश्यवाणी की सूचि दी जो यीषु जब क्रूस पर चढ़ाए गए थे तब परिपूर्ण हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह असंभव है कि ये परिपूर्णता अचानक से हो। इस प्रकार हमारे पास है अति प्रबल प्रमाण पवित्रषास्त्र की प्रेरणा और मसीह की इष्वरीयता (आस्तिकता) का (लूका 24:25-27)। सिर्फ मूर्ख ही अविष्वास करेगा। जब से प्रभुने खास दबाव दिये हमारे पाठ में भविश्यवाणी की परिपूर्णता पर ... हम देखते है कि ये प्रभु के विचार का मन (केन्द्र) है (जोन आर. राइस, डी.डी., ध बाइबल गार्डन, स्वोर्ड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषक, 1982, पृश्ठ 31)।
2. दूसरा, यीषु का क्रूस पर से पुकारना कुछ अंष तक चित्रित करता है अधोलोक में पापीयों को।
‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’
(मती 27:46)।
मेहरबानी करके ध्यान दिजिये कि मैं नहीं मानता कि यीशु अधोलोक में गए, जैसे डो. फ्रेडरिक के. प्राइस गलत सीखाते है। वहाँ कोई पवित्रषास्त्र नहीं जो कहता हो यीषु ‘‘हमारे पापों के लिये अधोलोक में तड़पे’’, जैसे डो. प्राइसने कहा।
परंतु मैं डो. जोन आर. राइस से सहमत हूँ कि यीषु की अति पीड़ा देनेवाली पुकार ‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ चित्र है पापीयों की अधोलोक में तड़प् का। डो. राइस ने कहा,
हम विष्वास करते है कि मसीह की क्रूस पर तड़प कुछ अंष तक चित्र है अधोलोक में तड़प का। क्रूस पर यीषु ने पुकारा ‘‘मैं प्यासा हूँ’’, वैसे ही जैसे अधोलोक में प्यासा धनवान आदमी चिल्लाया था (लूका 16:24)। क्या आप सोच नहीं सकते धनवान आदमी की पुकार, ‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ अधोलोक सत्य है। पाप को तड़प (यातना) लानी ही चाहिए, सच्ची षारीरिक तडप ... प्रभु से जुदाई। अधोलोक में पापी अभी भी अंधे होंगे, अभी भी दुश्ट होंगे, अभी भी पूछेंगे, ‘‘क्यों?’’ (1 कुरिन्थियों 2:14)। यहूदा, उनके पीड़ायुक्त मन में, जानते थे कि उसने निर्दोश लहू को धोखा दिया था (मती 27:4), परंतु उसके पाप से फिरा नहीं (राइस, ibid, पृपृश्ठ 31, 32)।
इसलिये, यीषु की क्रूस पर से पुकार कुछ अंष तक पापीयों को अधोलोक में तड़प को चित्रित करता है
‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’
(मती 27:46)।
वहाँ किसी के लिये कोई भी आषा नहीं जो अधोलोक में जाते है। यीषु ने हमें कहा बिन बचाए लोगों का क्या होता है जब वे मरते है। वे उनसे कहेंगे,
‘‘हे षापित लोग मेरे सामने से उस अनन्त आग में चले जाओ’’
(मती 25:41)।
‘‘जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती’’
(मरकुस 9:44)।
‘‘और अधोलोक में उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखे उठाई’’
(लूका 16:23)।
क्रूस पर यीषु जो यातना से गुजरे वो सदा के लिये चलेगी, उनको जो मसीह पर भरोसा करने से इन्कार करते है। वे ‘‘अनन्त ज्वाला’’ (मती 25:41) में अंतरहित यातना दिये जायेंगे। ऐसा लगता है कि वे अंतरहित पुकारेंगे ‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ हाँ, हम मानते है कि क्रूस पर मसीह की तड़प कुछ अंष तक खोए पापीयों की अधोलोक में तड़प को चित्रित करता है। इसीलिये हम आपसे प्रार्थना करते है मसीह पर भरोसा करने और आपके पापों से अभी बचाये जाने, सदा के लिये देर हो जाने से पहले।
3. तीसरा, क्रूस पर से यीषु की पुकार दिखाती है कि वे आदमी के पाप को चुकाने के लिये मरे।
‘‘और तीसरे पहर के निकट यीषु ने बड़े षब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा षबक्तनी? अर्थात् हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ (मती 27:46)।
वहाँ पर उनकी पुकार के बारे में बहुत कुछ है जो समझने में कठिन है। मुझे याद है कहीं पढ़ा हुआ कि लुथर उनके वाचनालय में दिनों तक बैठे, बिना खाये, या चले, उद्धारक की पुकार को नांपने का प्रयत्न करते हुए। आखिरकार उन्होंने जाना कि वे मानवीय रूप से नहीं समझेंगे कैसे पिता और पुत्र अलग किए गए थे। कैसे त्रिलोक का पहला व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को छोड़ सकता है? आखिरकार उन्होंने प्रयत्न करना छोड़ दिया और कमरे से बाहर गये उनकी पत्नी और बच्चों के साथ रात का खाना खाने। उद्धारक की पुकार का बड़ा रहस्य पुरीटन आलोचक जोन ट्रेप (1601-1669), जिन्होंने कहा, ‘‘आदमी की तरह, वे पुकारते है ‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर (तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?)’, जब प्रभु की तरह, उन्होंने पश्चाताप करनेवाले चोर को स्वर्ग प्रस्तुत किया’’ (जोन ट्रेप, ए कोमेन्ट्री ओन ध ओल्ड एन्ड न्यू टेस्टामेन्टस, ट्रान्सकी प्रकाषन, 1997 में फिर से छपा हुआ, भाग 5, पृश्ठ 276; मती 27:46 पर टीप्पणी)।
डो. आर. सी. एच. लेन्सकी (1864-1936) ने कहा, ‘‘उनके मरने की षक्ति के साथ वे प्रभु को पुकारते है और ज्यादा देर तक उन में पिता को नहीं देखते, क्योंकि जुदाई की दिवार उठायी गयी थी, पिता और पुत्र के बीच, नाम है विष्व के पाप और इस का षाप, जो अब पुत्र पर है। यीषु प्रभु के लिये प्यासे है, परंतु प्रभु ने अपने स्वयं को निकाल दिया। यह पुत्र नहीं है जिसने पिता को छोड़ा, परंतु पिताने पुत्र को छोड़ा है। पुत्र प्रभु के लिये पुकारते है और प्रभु उनको जवाब नहीं देते ... हम करीब करीब आषा कर सकते है इस रहस्य के तीव्रता (तीक्ष्णता) की और आते है वो यीषु के लिये सोचने संसार के पापो और षाप से ढंका हुआ और कि, जब प्रभु ने यीषु को इस प्रकार देखा, वे उनकी ओर से दूर किए गए! प्रभु के पुत्रने हमारे पाप और इसके षाप सहे ... इसी लिये यीषु ने पुकारा ‘‘मेरे प्रभु’’ और ‘‘मेरे पिता’’ नहीं। परंतु अंकुष (‘मेरा’) महत्वपूर्ण है। चाहे प्रभु उसकी ओर से फिरे और उसे छोड़ दिया, उन्होंने उनको पुकारा और उनके प्रभु की तरह बांधा (cling)। यहाँ यीषु की दिव्य निपुणता दिखती है। वो मेम्ना है बिना दोश (कलंक) का चाहे वो बनाया गया पाप और षाप के बलिदान के घंटे में (आर. सी. एच. लेन्सकी, पीएच.डी., ध इन्टरप्रीटेषन अॉफ सेंट मेथ्युस गोसपाल, अगसबर्ग प्रकाषन घर, 1964 की प्रत, पृपृश्ठ 1119-1120)।
डो. राइसने कहा, ‘‘किसी अद्भूत तरीके में, फिर यीषु मसीह ने संसार के पाप उठ़ाए और पापी की तरह तड़पे’’ (राइस, ibid, पृश्ठ 31)। प्रेरितो पौलुस ने कहा,
‘‘पवित्रषास्त्र के वचन के अनुसार यीषु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया’’ (1 कुरिन्थियों 15:3)।
प्रेरितो पतरस ने कहा,
‘‘वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया, जिसमें हम पापों के लिये मरकर धार्मिकता के लिये जीवन बिताएँ, उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए’’
(1 पतरस 2:24)।
यीषु हमारी जगह मरे, हमारे पापो का दण्ड चुकाने, ‘‘जो हमारे लिये षापित बना’’ (गलतियों 3:13)।
यीषु ने हमसे इतना प्रेम किया की वे क्रूस पर मरे हमें पाप और अधोलोक से बचाने। ऐसा प्रेम मांगता है हमारा विष्वास और उनको प्रेम। डो. वोट्स ने कहा, ‘‘प्रेम कितना अद्भूत, कितना दिव्य, मांगता है मेरी आत्मा, मेरा जीवन, मेरा सब कुछ।’’ यीषु की ओर फिरो और उन पर भरोसा करो। वे आपको आपके पापो के दण्ड से बचायेंगे।
उन्होंने हांथीदांत के सिंहासन पर षासन नहीं किया,
वे काल्वरी के क्रूस पर मरे;
वहाँ पापीयों के लिये उन्होंने सब गिना
जो उसका था परन्तु नुकसान,
और उन्होंने उनका साम्राज्य क्रूस से निहारा।
रूक्ष क्रूस उनका सिंहासन बना,
उनका साम्राज्य सिर्फ अकेले उनके मन में था;
उन्होंने उनका प्रेम गहरे लाल रंग से लिखा,
और उनके सिर पर काँटे पहने।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : मरकुस
15:24-34।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
”काँटो का मुकुट” (इरा एफ स्टेनफील्ड द्वारा, 1918-1993)।
रूपरेखा प्रभु ने उद्धारक को छोड़ा डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘और तीसरे पहर के निकट यीषु ने बड़े षब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा षबक्तनी? अर्थात् हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ (मती 27:46)। (यूहन्ना 18:3; मती 26:57; यशायाह 50:6; 1. पहला, यीषु की क्रूस पर से पुकार पुरानी नियमावली की भविश्यवाणी को परिपूर्ण करती है, भजनसंहिता 22:1, 18, 16; जकर्याह 12:10। 2. दूसरा, यीषु का क्रूस पर से पुकारना कुछ अंष तक चित्रित करता है अधोलोक में पापीयों को, लूका 16:24; 1 कुरिन्थियों 2:14; मती 27:4; मती 25:41; मरकुस 9:44; लूका 16:23। 3. तीसरा, क्रूस पर से यीषु की पुकार दिखाती है कि वे आदमी के पाप को चुकाने के लिये मरे, 1 कुरिन्थियों 15:3; 1 पतरस 2:24;
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