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पीतल का साँपTHE SERPENT OF BRASS डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में षनिवार षाम, 26 फरवरी, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन ‘‘अतः मूसाने पीतल का एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया, तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:9)। |
जैसे ही इस्त्राएली जंगल से गुजरे वे व्याकुल और द्रोही बन गये। वे परमेष्वर और मूसा के विरूद्ध बात करने लगे। उन्होंने कहा, ‘‘(क्यों) तुम लोग हम को मिस्त्र से जंगल में मरने लिये क्यों ले आए हो? यहाँ न तो रोटी, है और न पानी, और हमारे प्राण इस निकम्मी रोटी से दु‘खित है’’ - प्रभु ने उन्हें खाने के लिये मन्ना भेजा (गिनती 21:5)। मेथ्यु हेन्रीने कहा, ‘‘चाहे उन्होंने अभी ही महान् विजय प्राप्त किया हो कनान के लोगों पर... फिर भी उन्होंने (बात की) बहुत असंतोष से जो प्रभुने उनके लिये किया था और सन्दिग्धता से प्रभु जो करेंगे उसके बारे में ... उनके पास रोटी थी पर्याप्त और बचाने; और फिर भी उन्होंने फरियाद कि की उनके पास रोटी नहीं थी’’ उनके पास पानी भी था, परन्तु फिर भी वे परमेष्वर के विरूद्ध बड़बड़ाहट करते रहे! (मेथ्यु हेन्री की टीप्पणी समस्त बाइबल पर, मेथ्यु हेन्रीस कोमेन्ट्री ओन ध होल बाइबल, भाग 1, हेन्ड्रीकसन प्रकाषन, 1996 में फिर से छपां हुआ, पृश्ठ 519; गिनती 21:4-9 पर आलोचना)।
उनके अविष्वास और द्रोह के कारण, प्रभुने विशवाले साँप उन्हें डसने और मारने भेजे। साँप् ‘‘विशवाले साँप’’ कहे गये थे। उनके रंग के कारण और उनके डसने से षरीर विश से जलने लगता था, ‘‘तुरंत ही उन्हें तीव्र बुखार में डालते हुए’’ (हेन्री, ibid)।
‘‘तब लोग मूसा के पास जाकर कहने लगे, हमने पाप किया है क्योंकि हम ने यहोवा के और तेरे विरूद्ध बाते की है; यहोवा से प्रार्थना कर कि वह साँपो को हमसे दूर करे। तब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की’’ (गिनती 21:7)। फिर यहोवाने मूसा से पीतल का साँप बनाकर उसे खम्भे पर लटकाने को कहा। मूसा ने फिर लोगो से उस खम्भे पर लटके हुए साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:9)।
डो. जोन आर. राईस ने कहा, ‘‘देखिय विषैला प्राणनाषक साँप धाँस में से सरकता है। यहोवाने इस्त्राएली को मिस्त्र से बाहर निकाला चमत्कारों के बड़े दिखावे के साथ जो इस धरती पर सदा देखे गये। और कैसे महान् आषिश प्रभुने अपने प्रेम के समर्थन के साथ दिये; मन्ना, पहाड़ों से पानी, अमालेक से मुक्ति। परन्तु यहाँ हम आष्चर्यचकित है यह जानकर कि वहाँ पर इस ... भीड़ के होठो पर प्रषंसा नहीं है। यहाँ पाप है और उद्धारक जंगल में प्रकट हुअे।’’ (जोन आर राईस., डी.डी., ध बाइबल गार्डन, स्वोर्ड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषक, 1982, पृष्ठ 212)।
इस गणना में वहाँ पर तीन पाठ है - न्याय का कारण, न्याय का उत्कर्श, और न्याय के लिये उपाय।
1. पहला, न्याय का कारण।
‘‘वे परमेष्वर के विरूद्ध बात करने लगे और मूसा से कहा, तुम लोग हम को मिस्त्र से जंगल में मरने के लिये क्यों ले आए हो?’’ (गिनती 21:5)। उनकी फरियाद अविष्वास का परिणाम था। उन्होंने सरलता से न तो परमेष्वर में या न उनके दास मूसा में विष्वास किया।
‘‘और वह चालीस वर्श तक किन लोगों से क्रोधित रहा? क्या उन्हीं से नहीं जिन्होंने पाप किया, और उनके षव जंगल में पड़े रहे? और उसने किनसे षपथ खाई कि तुम मेरे विश्राम में प्रवेष करने न पाओगे, क्या केवल उनसे नहीं जिन्होंने आज्ञा न मानी? अतः हम देखते है कि वे अविष्वास के कारण प्रवेष न कर सके’’ (इब्रानियों 3:17-19)।
‘‘न हम प्रभु को परखें, जैसा उनमें से कितनों ने किया, और साँपो के द्वारा नश्ट किए गए। और न तुम कुड़कुड़ाओ, जिस रीति से उनमें से कितने कुड़कुड़ाए और नश्ट करनेवाले के द्वारा नश्ट किए गये। परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पडी दृश्टांत की रीति पर थी; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गई है’’ कुरिन्थियों 10:9-11)।
मैं जानता हूँ कि कुछ पापी आज रात यहाँ है जो परमेष्वर के विरूद्ध फरियाद करते है। आप में से कुछ लोग सोचते है कि प्रभु ने आपके लिये पर्याप्त काम नहीं किया, या वे मुकित प्राप्त करना बहुत कठिन बनाते है। आपके मन में आप बड़बड़ाते और फरियाद करते हो। आप कहते हो ‘‘क्यों मुझे यीषु मे विष्वास करना चाहिये जिसे मैं देख नहीं सकती?’’ मुझे क्योें यीषु के पास आना चाहिये बिना किसी भावना, बिन किसी प्रमाण के?’’ और आप में से कुछ लोग कहते है, ‘‘मुझे मसीह पर भरोसा करने अपने गुप्त पापों से क्यों फिरना चाहिये?’’ परन्तु यह सारी फरियादें दुश्ट और पाप भरी हैं वे दुश्ट मन के अविष्वास से आती है। प्रेरितों पौलुसने कहा, ‘‘न हम प्रभु को परखें, जैसा उनमें से कितनों ने किया, और साँपो के द्वारा नश्ट किए गए’’ (1 कुरिन्थियों 10:9)।
मैं आज रात आपको चेतावनी देता हूँ, अगर आप यीषु मसीह के पास आने से इन्कार करते हो तो आप अपने पाप में मरेंगे। अगर आप उद्धारकको फरियाद करते रहेंगे और जानबूझकर उनका अस्वीकार करेंगे तो ‘‘पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं, परन्तु दण्ड का एक भयानक बाट जोहना और आग का ज्वलन बाकी है’’ (इब्रानियों 10:26-27)ं न्याय आप पर गिरेगा। अगर आप अपनी इच्छा से और जानबूझकर मसीह का अस्वीकार करते रहोगे; वे अचानक से आयेंगे, ‘‘हमारे प्रभु यीषु के सुसमाचार को नहीं मानते उनसे (आप से) पलटा लेगा’’ (2 थिस्सलुनीकियों 1:8)। आप ‘‘प्रभु के सामने से और उसकी षक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाष का दण्ड पाएँगे’’ (2 थिस्सलुनीकियों 1:9)।
क्या यह एकदम वैसा ही नहीं है जो उन इस्त्राएलीयों को हुआ था जिन्होंने जंगल में विष्वास करने से विद्रोह और अस्वीकार किया? क्या वे विशैले साँपों से डसे नहीं गए थे? क्या वे मरे नहीं और अधोलोक नहीं गए? क्या वे द्रश्टांत के तौर पर नहीं दिये जा सकते कि आपको क्या होगा अगर आप जानबूझकर द्रोह करते ही रहेंगे, मसीह के पास आने से इन्कार करते हुए?
‘‘परन्तु परमेष्वर उनमें से बहुतों से प्रसन्न न हुआ : इसलिये वे जंगल में ठेर हो गए। ये बातें हमारे लिये दृश्टांत ठहरी कि जैसे उन्होेंने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्तुओं का लालच न करें’’ (1 कुरिन्थियों 10:5-6)।
उन पर न्याय का कारण था प्रभु के विरूद्ध उनका पाप भरा अविष्वास और द्रोह।
2. दूसरा, न्याय का उत्कर्श।
किसी निष्चित दिन और निष्चित घंटे पर, प्रभुने विशैला साँप भेजा उन्हें डसने और मारने। मेथ्यु हेन्रीने कहा, ‘‘जंगल जिस में से वे पसार हुए वो उन विशैले साँपो द्वारा बाधित किया गया था, जैसे दिखते है, व्यवस्थाविवरण 8:15, परन्तु (इससे पहले) प्रभु ने (उन्हें) आष्चर्य से बचाया उनके द्वारा क्षति पाने से, अभी तक कि वे बड़बड़ाये ... यह (साँप) जो (अब से पहले) उनकी छावनी से दूर रखा, अब आक्रमण किया। न्यायपूर्वक वो बनाया गया था परमेष्वर का न्याय महसूस कराने कि वे उनके दया पर उपकारी नहीं है। यह साँपों ने षरीर को (जलाया) उन्हें तुरंत ही तीव्र बुखार में डाला इसे जलाते हुए अतिलालची प्यास के साथ। उन्होंने अन्याय से फरियाद की थी पानी की (कमी) के लिये (वी.5), उन्हें दण्ड करने जो प्रभुने उन पर यह, प्यास भेजी, जो कोई भी पानी षान्त नहीं कर सकेगा,’’ जब वे उन विशैले साँपों द्वारा डसे गये थे! (हेन्री, ibid., पृपृश्ठ 519-520)।
वो साँप् पहले उनकी छावनी से बाहर रखे गये थे प्रभु के हाथ से। परन्तु अब, उनके पाप और अविष्वास के कारण ये साँप ने उनके बीच में आक्रमण किया उन पर कूदे और उन्हें दर्द, मृत्यु और अनंत यातना के विप्लव में भेजा, वो साँप उनपर एकाएक से कूदे! और हमें नयी नियमावली में सचेत किया गया है कि ‘‘उन पर एकाएक विनाष आ पडेगा ... और वे किसी रीति से न बचेंगे’’ (1 थिस्सलुनीकियों 5:3)। क्या वह वो मूर्ख धनवान का किस्सा नहीं है, जिसके बारे में मसीह द्वारा बात की गई थी? उसने अपने आप से कहा, ‘‘चैन कर, खा, पी, सुख से रह’’ (लूका 12:19)। ‘‘परन्तु परमेष्वरने उससे कहा ... हे मूर्ख, इस रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा’’ (लूका 12:20)। उसका समय बहुत अच्छा था, परन्तु एकाएक उसकी आत्मा उसके देह से बाहर खीचीं गयी थी। उस रात, एक पल के समय में, उसकी आत्मा उसके देह को चीर कर अनंत ज्वाला में फेंकी गई थी! क्या वह वोही लूका 16 के आदमी के समान भाग्य नहीं था! वो एकाएक मरा और अधोलोक में उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखे उठाई’’ (लूका 16:23)।
षायद न्याय आने में धीमा हो, परन्तु जब आता है, वो एकाएक ही आता है! जैसे साँप अचानक से आये, लोगों का प्रभु के लंबे अस्वीकार के बाद, इसीलिये आपका न्याय एकाएक ही आएगा और आप बच नहीं पाएँगे।
ध्यान दिजीये कि ये विशैले साँप है षैतान और उसके दानव के समान और उसीके चित्र के। प्रभु आपको बहुत वर्शों तक इस भयानक ‘‘वही पुराना साँप जो इब्लीस और षैतान कहलाता है’’ (प्रकाषिताक्य 12:9) के हमले से बचाए। परन्तु एकाएक, विषेश दिन पर (इसलिये ‘‘वह किसी विषेश दिन को ठहराकर’’ - इब्रानियों 4:7) उस ‘‘विषेश दिन’’ पर प्रभु उस साँप के दानव को मुक्त कर देंगे आप पर पूरे उद्वेग के साथ अगर आप प्रभु यीषु मसीह के विरूद्ध द्रोह करते ही रहोगे। वही होता है जब षैतान और उसके दानव पापी पर धकेलते है जो पष्चाताप नहीं करेंगे और मसीह के पास नहीं आयेंगे!
‘‘जब अषुद्ध आत्मा मनुश्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूँढती फिरती है, और पाती नहीं। तब कहती है, मैं अपने उसी घर में जहाँ से निकली थी, लौट जाऊँगी। और लौटकर उसे सूना, झाड़ा बुहारा और सजा सजाया पाती है। तब वह जाकर अपने से और बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले जाती है, और वे उसमें पैठकर वहाँ वास करती है और उस मनुश्य की पीछली दषा पहले से भी बुरी हो जाती है’’ (मती 12:43-45)।
ओह, मैंने देखा वो अनगिनत बार होता है! एक व्यक्ति कलीसिया में होगा और उसका जीवन षुद्ध करेगा परन्तु अभी भी मसीह और उसकी दया का अस्वीकार करेगा। विषेश दिन और विषेश घंटे पर, अषुद्ध आत्मा आएँगी और उसे मृत्यु की पीड़ा देते है ‘‘और उस मनुश्य की पिछली दषा पहले से भी बुरी हो जाती है’’ (मती 12:45)। मैं आपको एक के बाद अेक कहाँनी दे सकता हूं, लोगो के बारे में जो द्रोह और अस्वीकार करते है प्रभु यीषु मसीह के पास आने का!
यह सच्ची कहानियाँ है। उसने कहा, ‘‘मैं ठीक हूँ’’। परन्तु मैंने उसकी षवपेटी पर नजर की और देखा कि उसका आधा सिर बंदूक से उड़ाया गया था। उसने कहा, ‘‘मैं ठीक हूँ।’’ परन्तु वो पानी में कूदा। पानी उसके सोचने से बहुत ज्यादा छिछला था। उसका सिर पूरे जोष से नीचे के तल से टकराया। उसकी गरदन टूट गई, और वो मरने के दिन तक लक्वाग्रस्त हो गया था। उसने कहा, ‘‘मैं ठीक हूँ’’। परन्तु वो पेड़ के नीचे गया और लुटेरे के द्वारा हमला किया गया था। उसने उनको चिल्लाते हुए सुना। उसके वहाँ पहुँचने से पहले वो लहू बह जाने के कारण मर रहा था - वह उसके फेफड़ों तक ऊँची आवाज मे चिल्लाते हुए। उसने कहा, ‘‘मैं ठीक हूँ’’। परन्तु वो एकाएक मारा गया और गला घोंटकर मृत्यु दी गयी उसके अपने वमन में। उसने कहा, ‘‘मैं ठीक हूँ’’। परन्तु उसकी कार रास्ते से दूसरी दिषा में घुम गयी, नीचे नाली में। वो अभी भी जीवित थी जब वे उसके पास गए, परन्तु उसकी अंतडीयाँ बाहर उसके हाथों में आ गयी जैसे वो साँस लेने हाँफने लगी, एक पल के लिये परिश्रम करते हुए, उसकी आत्मा नीचे अनंत ज्वाला में डूबने से पहले। जब मैंने उसे कुछ मिनट बाद देखा, उसका चेहरा सफेद था और उसके हाथ काँप रहे थे। उसने बार - बार कहा, ‘‘मैं उसे बचा नहीं सका। मैं उसे बचा नहीं सका। मैं उसे बचा नहीं सका।’’ यह सच्ची कहानियाँ है। परमेष्वर जानता है कि मैंने उसका थोड़ा सा भी बढ़ाकर वर्णन नहीं किया! नहेम्याहने कहा,
‘‘हे स्वर्ग के परमेष्वर यहोवा, हे महान् और भययोग्य ईष्वर’’ (नहेम्याह 1:5)।
दानिय्येलने कहा,
‘‘हे प्रभु, हे महान् और भययोग्य परमेष्वर’’ (दानिय्येल 9:4)।
‘‘अतः यहोवा ने उन लोगों में तेज विशवाले साँप् भेजे, जो उनको डसने लगे और बहुत से इस्त्राएली मर गए’’ (गिनती 21:6)।
जैसे विशवाले साँपोंने एकाएक उन पापीयों को जहरीला बनाया, वैसे ही न्याय एकाएक आप पर आयेगा - जब तक आप पष्चाताप न करो और मसीह को न देखो इससे पहले के सदा के लिये बहुत देर हो जाए!
हमनें उनके न्याय का कारण और न्याय का उत्कर्श देखा परन्तु अब हम आखरी मुददे पर आते है।
3. तीसरा, न्याय के लिये उपाय।
‘‘तब लोग मूसा के पास जाकर कहने लगे, हम ने पाप किया है क्योंकि हम ने यहोवा के और तेरे विरूद्ध बातें की है, यहोवा से प्रार्थना कर कि वह साँपों को हम से दूर करे। जब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की। यहोवा ने मूसा से कहा, एक तेज विशवाले साँप की प्रतिमा बनवाकर खम्भे पर लटका; तब जो साँप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा। अतः मूसा ने पीतल का एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप् की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:7-9)
प्रभुने इन पापीयों को बचाने का रास्ता उपस्थित किया। ‘‘तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:9)।
हम इस घटना पर कोई खास ध्यान नहीं देते अगर यीषुने इसे द्रश्टांत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया होता जब उन्होंने नीकुदेमुस के साथ बात की, जैसे यहून्ना के तीसरे पाठ में प्रमाणित किया गया था। नीकुदेमुस इस्त्राएल के मुख्य षिक्षक थे, परन्तु वे फिर से जन्मे नहीं। यीषु ने उसको मूसा और पीतल के साँप की कहानी कही। बाइबल के विद्वान के समान, नीकुदेमुस गिनती 21 में दी हुई गणना अच्छी तरह जानता था। यीषुने उससे कहा,
‘‘और जिस रीति से मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवष्य है कि मनुश्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए; ताकि जो कोई उस पर विष्वास करे वह अनन्त जीवन पाए’’ (यूहन्ना 3:14-15)।
आपको न्याय से बचाने के लिये, कुछ आवष्यकता नहीं है यीषु, क्रूस पर उठाए हुए, जैसे पीतल का साँप ऊपर उठाया हुआ था, पर विष्वास की दृश्टि के अलावा। ‘‘तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:9)। यीषु
‘‘और जिस रीति से मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवष्य है कि मनुश्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए; ताकि जो कोई उस पर विष्वास करे वह अनन्त जीवन पाए’’ (यूहन्ना 3:14-15)।
मैंने आज इस सुबह की सभा के बाद युवा औरत से बात की। उसने कहा, ‘‘मैं सोचती हूँ मैं बचायी गई हूँ क्योंकि मैंने विष्वास किया था कि यीषु मुझे बाहर नहीं फेंकेंगे’’। वो यहून्ना 6:37 का संदर्भ कर रही थी, ‘‘जो कोई मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा’’। मैंने उससे कहा, ‘‘वो नहीं होगा। तुमने बाइबल के पद यूहन्ना 6:37 में विष्वास किया था। बाइबल के पद में विष्वास करना तुम को बचा नहीं सकता। तुम्हें स्वयं यीषु मसीह में विष्वास करना चाहिये!’’ यीषु ने कहा,
‘‘तुम पवित्रषास्त्र में ढूँढते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें (पवित्रषास्त्र) अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है और यह वही है जो मेरी गवाही देता है। और तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते’’ (यूहन्ना 5:39-40)।
हाँ, बाइबल कहता है कि यीषु आपको बाहर नहीं फेकेंगे अगर आप उनके पास आते हो। परन्तु बाइबल के पद में विष्वास करना आपको बचायेगा नहीं। आपको स्वयं यीषु मसीह पर ही विष्वास करना चाहिये! आपको यीषु पर विष्वास करना चाहिये। आपको उनके पास आना ही चाहिये। आपको उन्हें ही देखना चाहिये, बाइबल के पद को नहीं।
अपने आप से दूर देखिये! अपने स्वयं के विचारों और भावनाओं और संषय से दूर देखिये। यीषु को देखिये और आप बचाये जाओगे। उसने कहा, ‘‘तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ’’ (यषायाह 45:22)। आपका द्रोह और अविष्वास रोकिये - और यीषु को क्रूस पर, आपकी जगह मरते हुए, आपके पापो का पूरा दण्ड चुकाते हुए देखिये। उन्हें स्वर्ग में परमेष्वर के दाहिने हाथ पर आपके लिये प्रार्थना करते हुए देखिये। यीषु को देखो और उन पर विष्वास करो। जैसे इस्त्राएलीयों ने पीतल के साँप को देखा और बचाये गये थे, इसलिये मैं आज रात आपसे विनयपूर्वक प्रार्थना करता हूँ, यीषु को देखने और बचाये जाने के लिये। श्रीमान ग्रीफिथने इस धार्मिक प्रवचन से पहले पुराना गीत गाया, ‘‘देखो और जीयो’’। Look and Live’’ । मैंने जाना कि बीसवी सदी के ‘‘निर्णयकों’’ ने ‘‘देखो और जीयो, ओ पापी जीयो’’ को बदला ‘‘देखो और जीयो, मेरे भाई, जीयो’’ से। परन्तु अगर आपने यीषु को नहीं देखा तो आप मेरे भाई नहीं हो। आप खोये हुए पापी हो अधोलोक के लिये तैयार। इसीलिये हम इसे मूल षब्दों के साथ गायेंगे; देखो और जीयो, उनपर विष्वास करो जो आपके पाप चुकाने के लिये ऊँपर क्रूस पर उठाये गये। उनको देखो और बचाये जाओ साँप के डसने और पाप की षक्ति से। यीषु को देखो और जीयो!
मेरे पास यहोवा से संदेष है, हल्लिलुय्याह!
संदेष मैं आपको दूंगा;
यह उनके वचन में गणना किया गया है, हल्लिलुय्याह!
वो सिर्फ है कि आप ‘‘देखो और जीयो’’।
देखो और जीयो, ओ पापी, जीयो,
यीषु को अभी देखो और जीयो;
यह उनके वचन में गणना किया गया है, हल्लिलुय्याह!
वो सिर्फ है कि आप ‘‘देखो और जीयो’’।
जीवन आपकेा उपस्थित किया गया है, हल्लिलुय्याह!
आपकी आत्मा अनंत जीवन प्राप्त करे,
अगर आप सिर्फ, उनको देखोगे, हल्लिलुय्याह!
यीषु को देखो जो अकेले आपको बचा सकते है।
देखो और जीयो, ओ पापी, जीयो,
यीषु को अभी देखो और जीयो;
यह उनके वचन में गणना किया गया है, हल्लिलुय्याह!
वो सिर्फ है कि आप ‘‘देखो और जीयो’’।
मैं आपको कहूँगा मैं कैसे आया, हल्लिलुय्याह!
यीषु के पास, जब उन्होंने मुझे पूर्ण बनाया;
ये उनके नाम पर विष्वास करना था, हल्लिलुय्याह!
मैंने भरोसा किया और उन्होंने मेरी आत्मा बचायी।
देखो और जीयो, ओ पापी, जीयो,
यीषु को अभी देखो और जीयो;
यह उनके वचन में गणना किया गया है, हल्लिलुय्याह!
वो सिर्फ है कि आप ‘‘देखो और जीयो’’।
(‘‘देखो और जीयो’’ वीलीयम ए. ओग्डेन द्वारा, 1841-1897,
मूल वर्णन, 1887)।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र :
गिनती 21:4-9।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘देखो और जीयो’’ (वीलीयम ए. ओग्डेन द्वारा, 1841-1897, मूल वर्णन, 1887)।
रूपरेखा पीतल का साँप डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘अतः मूसाने पीतल का एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया, तब साँप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया’’ (गिनती 21:9)। (गिनती 21:5,7) 1. पहला, न्याय का कारण, गिनती 21:5; इब्रानियों 3:17-19; 2. दूसरा, न्याय का उत्कर्श, 1 थिस्सलुनीकियों 5:3; लूका 12:19,20; 16:23; प्रकाषितवाक्य 12:9; इब्रानियों 4:7; मती 12:43-45; नहेम्याह 1:5; दानिय्येल 9:4; गिनती 21:6. 3. तीसरा, न्याय के लिये उपाय, गिनती 21:7-9; यूहन्ना 3:14-15;
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