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एली के पुत्रों की अति दुश्टता,
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मैंने इस धार्मिक प्रवचन का लगभग षीर्शक दिया है, ‘‘बाहरी लोग और कलीसिया के बच्चे।'' युवा षमूएल तम्बू (टबरनेकल) में आनेवाला बाहरी व्यक्ति था। ‘‘कलीसिया बच्चे'', जो वहाँ पर लंबे समय से थे, जहाँ होप्नी (Hophni) और पीनहास (Phinehas), याजक एली के पुत्र थे। आप षायद सोचेंगे कि मैं कलीसिया बच्चों पर ज्यादा कठिन हूँ। परन्तु स्मरण करो, ज्योर्ज बार्ना के संषोधन बताते है कि सारे युवा लोग जो कलीसिया में बडे होते है उनमें से 88% पच्चीस वर्श की उम्र से पहले चले जाते है, ‘‘कभी लौटकर न आने''। जैसे 10 में से सिर्फ 1 ही कलीसिया बच्चा कलीसिया में रह जाता है उसके स्वाधीन होने के बाद, मैं सोचता हूँ यह पूरी तरह से सही है उनकी तूलना होप्नी और पीनहास, एली के पुत्र जिन्हो ने ‘‘यहोवा को न पहिचाना'' से करना। और यह पूरी तरह से सही है युवा व्यक्ति जो संसार से कलीसिया में आते है, बचाये जाते है, और उनके जीवन के बाकी वर्श परमेष्वर की सेवा में गुजारते है उनकी तुलना षमूएल से करना। इसीलिये ये धार्मिक प्रवचन अन्तर देगा बाहरी बचाये हुए और अपरिवर्तित ‘‘कलीसिया बच्चों'' का। अगर आप नये व्यक्ति हो, संसार से कलीसिया में आनेवाले, तो आपको ये धार्मिक प्रवचन ध्यान से सुनना चाहिये। अगर आप अपरिवर्तित ‘‘कलीसिया बच्चे'' हो - जो कलीसिया में लंबे समय से है - ये धार्मिक प्रवचन उचित है आपकी चेतावनी के लिये - चाहे मैं सोचता हूँ कि आपमें से ज्यादातर षायद इसे नहीं सुनेंगे क्योंकि ऐसा लगता है कि आप पहले से ही प्रभु द्वारा छोड़े हुए हो।
यहीं था जो पीनहास और होप्नी एली के पुत्रो को हुआ। उनके पिताने उनको टबरनेकल (तम्बू) में याजक बनाया था। परन्तु वे अपरिवर्तित थे। बाइबल कहता है, ‘‘एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना'' (1 षमूएल 2:12) डो. मेकगीने कहा, ‘‘एली के पुत्र लुच्चे पुत्र थे; अर्थात दुश्टात्मा के पुत्र। वे नहीं बचाये गये थे। वे वहाँ थे, बडे याजक के पुत्र, टबरनेकल (तम्बू) के आसपास भटकते हुए और हकीकत में वहाँ सेवा करते हुए!'' (जे. वेरनोन मेकगी, टीएच.डी., थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1982, भाग 2, पृश्ठ 127; 1 षमूएल 2:12 पर टीप्पणी)।
कभी भी भूलना नहीं कि युवा लोग जो कलीसिया में बडे हुए थे, उन्हें अभी भी आवष्यकता है परिवर्तित होने की। एली के पुत्रो को कोई व्यक्तिगत अनुभव या प्रभु से मिलाप नहीं था। उन्होंने प्रभु के बारे में कभी भी गंभीरता से नहीं सोचा। बाइबल कहता है ‘‘दुश्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेष्वर है ही नहीं'' (भजनसंहिता 10:4) - उसके सारे विचारों में प्रभु के लिये जगह नहीं है! इसी प्रकार होप्नी और पीनहास थे। ‘‘उन्होंने यहोवा को न पहिचाना'' - और उन्हें कभी भी परमेष्वर को जानने में रूचि भी नहीं थी! वहाँ पर उनके विचारों में प्रभु के लिये कोई जगह नहीं थी। वे टबरनेकल में थे। उनके पिताने प्रभु को जाना था। परन्तु उसके दो पुत्र खोये हुए व्यक्ति और बचाये बिना के व्यक्ति ‘‘लुच्चे थे (जिन्होंने) यहेावा को न पहिचाना''। वे विशयी आदमी थे जिन्होंने सिर्फ जो मिल सका वो लेने के बारे में ही सोचा, और वे व्यभिचारी भी थे (1 षमूएल 2:22)। उनके सारे विचारों में प्रभु के लिये कोई जगह नहीं थी। जब उनके पिता एलीने उन्हें सुधारने का प्रयत्न किया, ‘‘उन्होंने अपने पिता की बात न मानी, क्योंकि यहोवा की इच्छा उन्हें मार डालने की थी'' (1 षमूएल 2:25)। प्रभु ने उन्हें बहुत समय दिया था पश्चाताप करने, परन्तु अब प्रभुने उन्हें छोड़ दिया,
‘‘और जब उन्होंने परमेष्वर को पहिचानना न चाहा, तो परमेष्वर ने भी उन्हें उनके निकम्मे मन पर छोड़ दियाण्ण्ण्...'' (रोमियों 1:28)।
आप पवित्र आत्मा का अस्वीकार कर सकते हो। यहोवाने कहा, ‘‘मेरा आत्मा मनुश्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा'' (उत्पति 6:3)। वहाँ पर समय आयेगा जब प्रभु आपको भी छोड देंगे। फिर आप प्रचार सुनेंंगे नहीं और पश्चाताप नहीं करोगे। ‘‘उन्होंने अपने पिता की बात न मानी, क्योंकि यहोवा की इच्छा उन्हें मार डालने की थी।''
मैं अब ‘‘कलीसिया बच्चों'' के बारे में कहता हूँ, युवा लोग जो परिवर्तित किये बिना ही कलीसिया में बडे हुए है। मैं कहता हूँ वो युवा लोगों को भी लागु होता है जो कलीसिया में आते है, परन्तु जल्दी ही इस कलीसिया बच्चों की तरह बन जाते है। मैंने इस प्रकार के युवा लोगो की तस्वीर कुछ समय पहले ही देखी थी। उनमें से कुछ कलीसिया में बडे हुए थे। दूसरे बाहर से आये थे, परन्तु इस कलीसिया बच्चों की तरह बन गये। आप जिनकी नकल करते हो उनसे सावधान रहिये! सिर्फ ये परिपूर्ण नहीं है कलीसिया में आना और स्कोफिल्ड बाइबल उठाना। आपको ऐसे युवान लोगो से दूर रहना चाहिये जो प्रभु को नहीं जानते! आपको ‘‘प्रभु कहता है, उनके बीच में से निकलो और अलग रहो'' (2 कुरिन्थियों 6:17) । षमूएल वहाँ होप्नी और पीनहास के साथ टबरनेकल में था। परन्तु उसे उनके साथ कोई मिलन नहीं था। चाहे वो टबरनेकल में उनके साथ थे, वहाँ पर षमूएल का उनसे बातचीत करने का कोई वर्णन नहीं है! अगर उसने किया होता, वो षायद सिर्फ कुछ संक्षिप्त षब्द। सांसारिक कलीसिया बच्चों से दूर रहो! ‘‘प्रभु कहता है, उनके बीच में से निकलो और अलग रहो।''
अब परिवर्तित कलीसिया बच्चों को कुछ षब्द। आपके पास कुछ जगह है आपके विचारों में प्रभु के लिये? जब आप अकेले होते हो क्या आप प्रभु के बारे में सोचते हो? स्मरण करो, जब आप अकेले होते हो सिर्फ वही गिनती में लिया जाता है। हाँ, षायद आप प्रभु के बारे में बोलो जब आप कलीसिया में होते हो। परन्तु क्या आप गंभीरता से प्रभु के बारे में सोचते हो जब आप अकेले होते हो? आप कभी भी अपराधी महसूस करते हो जब आप अकेले होते है - जानते हुए की प्रभु ने आपके पापो को देखा है? या आप होप्नी और पीनहास की तरह हो, कभी भी गंभीरता से प्रभु के बारे में सोचते नहीं हो?
आज रात आपको प्रचार होगा एडोनीराम जुडसन (1788-1850), बर्मा के पहले प्रचारक के परिवर्तन पर (ये धार्मिक प्रवचन पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें)। उनके पिता सेवक थे। वो कलीसिया में बडा हुआ था। परन्तु प्रभु उसके लिये असत्य थे। उसने जब कभी भी सोचा, वो उसके पिता के प्रभु के बारे में। उसे स्वयं प्रभु के लिये जानकारी नहीं थी, जब तक एक रात वो अकेला था, घर से दूर। वो याकूब की तरह था। एक रात अकेला, बाहर रेगिस्तान में, अचानक से प्रभु उसके लिये हकीकत बन गये। और याकूब ने कहा, ‘‘निष्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था। और वो भयभीत था'' (उत्पति 28:16-17)।
जब मैं 15 वर्श का था मैं मेरी दादी की खुल्ली कब्र से भागा, दूर ऊपर पहाडी पर। मैं जमन पर गिरा हाँफता, और पसीने से भीगा हुआ, और सिसकता। और प्रभु नीचे आये और मैं गहराई से सचेत था उनकी प्रभावषाली मौजूदगी से। मैं याकूब के साथ कह सकता था, ‘‘निष्चय इस स्थान में यहोवा है; और में इस बात को न जानता था। और (मैं) भयभीत था''। फिर मैं परिवर्तित नहीं हुआ था। परन्तु मैं याकूब के प्रभु के बारे में सचेत था। क्या आप कभी भी सोचते हो याकूब के बडे और भयानक प्रभु के बारे में जब आप अकेले होते हो। क्या आप कभी भी अपराधी महसूस करते हो जब आप अकेले होते हो - जानते हुए कि याकूब के भयभरे प्रभु ने आपके पापो को देखा है? अगर आपने कभी भी प्रभु के बारे में ऐसा महसूस नहीं किया है, आप परिवर्तित कैसे हो सकते हो? बाइबल कहता है, ‘‘परमेष्वर के पास आनेवाले को विष्वास करना चाहिए कि वह है'' (इब्रानियों 11:6)। और मैं बात नहीं करता छोटे मीठे ‘‘रविवार षाला'' के प्रभु के बारे में। ओह, नहीं! ‘‘क्योंकि हमारा परमेष्वर भस्म करनेवाली आग है'' (इब्रानियों 12:29)। मूसा की तरह, आपको भी जानकारी होनी चाहिये ‘‘अब्राहम का परमेष्वर, इसहाक का परमेष्वर और याकूब का परमेष्वर हूँ। तब मूसा ने जो परमेष्वर की ओर देखने से डरता था, अपना मुँह ढाँप लिया'' (निर्गमन 3:6) की। सिर्फ जैसे आप प्रभु की हकीकत को ज्ञान करते हो जब आप अकेले होते हो, और उन पर देखने से डरते हो, आप सच्चे जागृत और आपके पाप के माननेवाले बनोगे। लुथरने कहा,
अगर आप परिवर्तित होते हो, ये जरूरी है कि आप डराये हुए बनो, कि, आपके पास चेतावनी किया हुआ अंतःमन है (व्होट लुथर सेयस, कोनकोर्डीया प्रकाषन घर, 1994 की प्रत, पृश्ठ 343; भजनसंहिता 51:13 पर टीप्पणी)।
यही है जो युवा एडोनीराम जुडसन को हुआ, जब वो अकेला था अंधेरे में। मध्यरात्री के मृत्यु और उसकी सडती हुई लाष, और अनन्तता, के विचारोंने उसका मन भयानकता से भर दिया। आप अपने मन से बाहर ऐसे विचार नहीं रखना। आपके विचारों को सत्य बनाओ! उनपर रहो। इस विचारों को आप भयभीत और हिलाने सूचित करने और डराने दो। बिना कभी भी ऐसे विचारों के आप कभी भी प्रभु के साथ षांति प्राप्त नहीं करेंगे मसीह के लहू के बलिदान के द्वारा!
परन्तु होप्नी और पीनहास ने कभी भी ऐसा अपराधभाव महसूस नहीं किया। वे ‘‘पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना।'' ‘‘बिना विरोध किये उन्होंने अपने पिता की बात न मानी, क्योंकि यहोवा की इच्छा उन्हें मार डालने की थी।''
युवा षमूएल के साथ ये भिन्न कैसे था? वो ‘‘कलिसिया बालक'' नहीं था। उसकी माँ ने उसे एली के साथ तम्बू में छोडा था। वो सचेतन बालक था, घर से दूर। वो देर रात थी जब प्रभु ने उसे बुलाया।
‘‘और उस समय ऐसा हुआ कि एली की आँखे धुँधली होने लगी थी और उसे न सूझ पडता था जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था, और परमेष्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और षमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेष्वर का सन्दुक था लेटा था; तब यहोवा ने षमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा'' (1 षमूएल 3:2-4)।
वहाँ तम्बू में बढ़ते अंधकार में, जैसे प्रभु का दीपक जगमगाया और बाहर जाना षुरू किया और षमूएल अपने बिछोने पर था, प्रभु ने उसे बुलाया। अवतार से पहले के मसीह ‘‘आ खडा हुआ, और पुकारा'' (1 षमूएल 3:10)। और षमूएल परिवर्तित था, और आखिरकार जाना स्वयं प्रभु, ‘‘अपने आप को षीलो में षमूएल पर अपने वचन के द्वारा प्रगट किया'' (1 षमूएल 3:21)। इस धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान ग्रीफिथ द्वारा गाये हुए गीत के षब्दों को सुनो।
कहो, प्रभु, षान्ति में,
जब मैं तुझ पर प्रतीक्षा करूँ;
मेरे मन को सुनने के लिये बनाइये
आकांक्षा में।
कहो, ओ भाग्यवान स्वामी,
इस षान्त घंटे में;
मुझे आपका चेहरा देखने दीजिये, प्रभु,
आपके छुने की षक्ति को महसूस करने दीजिये।
कहो, तेरे उपासक सुनो,
चूप न रहो, प्रभु;
मैं प्रतीक्षा कर रहा हूँ आप पर
वचन जिलाने के लिये
(‘‘कहो, प्रभु, षान्ति में'' इ. मेरी ग्रीमेस द्वारा, 1868 - 1927;
याजक द्वारा ठीक किया हुआ)।
ओह, युवा लोग, प्रभु हकीकत है! मसीह हकीकत है! ओह, हम कैसे प्रार्थना करे ताकि आप लुच्चे के पुत्र या पुत्री न रहो! हम कैसे प्रार्थना करें ताकि आप ‘‘रात के आतंक'' का अनुभव करें, जैसे याकूब और एडोनीराम जुडसन ने किया जैसे हम देख सकते है इस षाम के धार्मिक प्रवचन में। हम कैसे प्रार्थना करे कि आप गहराई से सोचने लगो अपनी मृत्यु के बारे में, अनंतता के बारे में, याकूब और मुसा के भयानक प्रभु के बारे में! हम कैसे प्रार्थना करें कि आप महसूस करेंगे कुछ स्थायी ‘‘रात के आतंक'' जो उन्होंने महसूस किया, कि आप आपके पाप से अपराधी प्रमाणित होने प्रभु के न्याय में! हम कैसे प्रार्थना करें कि ऐसे प्रभावषाली विचार आपको हिलाएंगे यीषु को खोजने, जो अकेले ही षुद्ध कर सकते है आपके पापो को उनके बहुमूल्य लहू द्वारा! हम कैसे प्रार्थना करें कि आप कह सकोगे,
मेरे बंधन, षोक, और रात से बाहर
यीषु, मैं आ रहा हूँ, यीषु मैं आ रहा हूँ,
आपकी आजादी, आनंद, और रोषनी में,
यीषु, मैं तेरे पास आ रहा हूँ...
मेरी षर्मनाक निश्फलता और नुकसान से बाहर,
यीषु, मैं आ रहा हूँ, यीषु मैं आ रहा हूँ,
आपके क्रूस के भव्य फायदे में
यीषु, मैं तेरे पास आ रहा हूँ...
डर और कब्र की भयानकता से बाहर,
यीषु, मैं आ रहा हूँ, यीषु मैं आ रहा हूँ,
तेरे घर की रोषनी और आनंद में
यीषु, मैं तेरे पास आ रहा हूँ...
अनकहे नाष की गहराई से बाहर,
तेरे आश्रय देनेवाले बाडों की षान्ति में
सदा तेरे दिव्यमान चेहरे को देखने
यीषु, मैं तेरे पास आ रहा हूँ।
(‘‘यीषु, मैं आ रहा हूँ'' वीलीयम टी. स्लीपर द्वारा, 1819-1908)।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र :
1 षमूएल 3:1-10।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘कहो, प्रभु, षान्ति में'' (इ. मेरी ग्रीमेस द्वारा, 1868 - 1927,
याजक द्वारा ठीक किया हुआ)। ,
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