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मेंने याकूब से प्रेम किया
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हम हमारी रोज की बाइबल पढ़ाई में उत्पति की किताब पढ़ते है। हमने हाल ही में याकूब और एसाव का वर्णन पढ़ा। वे इसहाक और रिबका के जुडवाँ पुत्र थे। हमने मलाकी की किताब में पढ़ा, ‘‘क्या एसाव याकूब का भाई न था? तौ भी मैंने याकूब से प्रेम किया परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (मलाकी 1:2, 3)। नयी नियमावली में, प्रेरितो पौलुसने मलाकी से कथन किया। उसने कहा, ‘‘जैसे लिखा है, मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (रोमियों 9:13)। क्यों प्रभुने याकूब से प्रेम किया और एसाव को अप्रिय जाना? कुछ प्रकार से याकूब हकीकत में एसाव से ज्यादा पापी था। याकूब झूठा और चोर था। फिर भी परमेष्वरने याकूब से प्रेम किया और एसाव को अप्रिय जाना। ऐसा क्यों? पौलुस हमें कहना है, ब्रह्मज्ञान सिद्धांत के अनुसार (Theologically), कि याकूब चुने हुओं मैं से एक था और एसाव नहीं (रोमियों 9:11)। परन्तु उनके जीवन में यह कैसे काम करता है? अगर हम याकूब और उसके भाई एसाव का वर्णन देखते है, हम मुख्य दो भेद देखते है इन दोनों आदमीयों में।
1- पहला, एसाव ऐसा व्यक्ति था जिसने परमेष्वर के बारे में सोचा नहीं।
अगर आप उत्पति की किताब में एसाव के बारे में पढ़ते हो, आप जानेंगे कि उसने एकबार भी प्रभु का वर्णन नहीं किया। इब्रानियों 12:16 एसाव को कहता है ‘‘व्यभिचारी जन''। ‘‘व्याभिचारी'' के लिये ग्रीक षब्द अनुवाद किया है, वो है ‘‘बेबालोस'' ‘‘bebelos''। डबल्यु इ. वीनेने कहा ये षब्द का अर्थ है ‘‘परमेष्वर से सारे जातिभाव, या संबंध (या मिलाप) की किसी को कमी हो।'' एसाव ने कभी भी प्रभु के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा। प्रभु उसके विचारो में नहीं थे।
एसाव षिकारी था, हम जो कह सकेंगे ‘‘बाहर का आदमी'' (outdoorsman)। एक दिन जैसे वो षिकारी सफर से लौटा उसने याकूब को कुछ दाल बनाते हुए देखा। याकूबने एसाव को इसका कटोरा भर के दिया बदले में एसाव के पहिलौठे पुत्र होने के अधिकार से। एसाव ने उसका अधिकार तुच्छ समझा और याकूब को एक कटोरे दाल के बदले में दिया। मुडीने कहा ‘‘कोई भी खाना सिवाय प्रतिबघित फल के ऐसा (महंगा) जैसे ये षोरबा नहीं था।'' एसाव उसकी षारीरिक भूख को संतुश्ट करता था और इसलिये उसने उसके और उसके वंषज के आध्यात्मिक भाग्य को खो दिया।
कुछ वर्श बीते। अब इसहाक बहुत वृद्ध और अंध था। उसने एसाव को अपने पास बुलाया और उसे कहा हरिन को मारकर उसके लिये स्वादिश्ट भोजन बनाये जो उसे खानेको पसंद था। जैसे एसाव षिकार करने के लिये निकला, याकूब की माँ ने बकरी के माँस को पकाया और हरिन के मांस की तरह पकाया। याकूब मांस लेकर उसके पिता के पास गया और एसाव की तरह दिखावा किया। उसने उसके वृद्ध अंधे पिता को ठगा और इसहाकने याकूब को आषीर्वाद दिया, यह सोचते हुए की वो एसाव था। आषीर्वाद भविश्यवाणी संबंधी और अक्षरषः हकीकत बननेवाला था क्योंकि इसहाक ने ईष्वर प्रेरणा से कहा था।
जब एसाव षिकार से लौटा, उसने जाना कि याकूब ने उसे पहिलौठे के अधिकार से ठगा था। एसावने इस आषीर्वाद की भी इच्छा की परन्तु बहुत देर हो चुकी थी। इब्रानियों की किताब कहती है,
‘‘ऐसा न हो कि कोई जन व्यभिचारी या एसाव के समान अधर्मी हो जिसने एक बार के भोजन के बदले अपने पहिलौठे होने का पद बेच डाला। तुम जानते हो कि बाद में जब उसने आषिश पानी चाही तो अयोग्य गिना गया और आँसू बहा बहाकर खोजने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला'' (इब्रानियों 12:16-17)।
देखियें कि एसावने इच्छा की पैतृक धन और आषीर्वाद की, परन्तु उसने परमेष्वर की इच्छा नहीं की। उसने जतनपूर्वक ‘‘इसकी'' इच्छा की परन्तु उसने प्रभु के लिये इच्छा नहीं की। उसने आँसु के साथ ‘‘आषीर्वाद'' की इच्छा की, परन्तु उसने कभी भी प्रभु की इच्छा नहीं की। आप देखिये, एसावने कभी भी प्रभु के बारे में नहीं सोचा। प्रभु कभी भी उनके विचारो में नहीं थे। और इसलिये, प्रभु ने कहा, ‘‘मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (रोमियों 9:13)।
वो उसकी निश्फलता थी। एसावने कभी भी प्रभु के बारे में नहीं सोचा! उत्पति की किताब में एसावने कभी एक बार भी परमेष्वर का वर्णन नहीं किया। इसके बारे में सोचिये - एसाव जन्मा और आदरणीय वृद्ध इसहाक के घर में बडा हुआ और फिर भी उसने कभी भी प्रभु के नाम का वर्णन नहीं किया!
आप कलीसिया में बडे हो सकते हो और फिर भी जब आप अकेले हो कभी भी प्रभु के बारे में नहीं सोचते हो। परन्तु स्मरण करो, ये सिर्फ तभी ही गिनती किया जाता है जब आप अकेले हो! नही ंतो ‘‘प्रभु'' सिर्फ षब्द है जो आप कलीसिया में इस्तेमाल कर सकते हो, जिसका आपके जीवन में कोई सच्चा अर्थ नहीं है। बाइबल कहता है, ‘‘दृश्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेष्वर है ही नहीं'' (भजनसंहिता 10:4)। हम इसे अनुवाद कर सकते थे, ‘‘उसके सारे विचारो में वहां पर प्रभु के लिये कोई भी जगह नहीं है'' क्या आप प्रभु के बारे में सोचते हो जब आप अकेले होते हो? क्या आप परमेष्वर से प्रार्थना करते हो जब आप अकेले होते हो? क्या आप कभी भी सोचते हो कश्ट देने वाले प्रभु के बारे में जब आप अकेले होते हो? क्या आप कभी भी दोशी महसूस करते हो, क्योंकि प्रभुने आपके पाप को देखा है, जब आप अकेले हो? ‘‘दृश्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेष्वर है ही नहीं'' (भजनसंहिता 10:4)। उसके सारे विचारों में प्रभु के लिये जगह नहीं है!
‘‘अपने अभिमान के कारण'' संदर्भ करता है उपहास करनेवाली, ताना मारनेवाली, हँसी उडानेवाली दृश्टि को। मेरे मनमें मैं देख सकता हूँ एक युवा आदमी का चेहरा जो बहुत पहले हमारे कलीसिया से आया था। मैं देखता हूँ उसका उपहास करनेवाला, नास्तिक चेहरे को, चाहे बहुत पहले की बात है मैं उसका नाम भूल गया हूँ। मैंने इस प्रकार के चेहरे बहुत बार देखे है, कुछ कलीसिया में इन कुछ वर्शों में। वे ‘‘व्यभिचारी'' चेहरे है, चेहरे जो दिखा रहे थे, उनकी प्रभु से सारे संबंध और मिलाप की कमी को। कुछ दिनों पहले किसीने मुझे तस्वीर (Photo) दिखायी उन लोगो की जिन्होंने एक बार हमारे कलीसिया में हाजरी दी थी। वो उद्वेगकारी (shocking) तस्वीर थी। ये वे लोग थे जो एकबार कलीसिया में आते थे हर रविवार को। परन्तु, एक के बाद एक, उन्होंने कलीसिया छोड दिया। जब वे यहाँ थे अच्छे लगते थे। परन्तु अब, इस तस्वीर में, वे सब दुश्ट दिखते थे। उनका चेहरा भयग्रस्तरूप से अंकुष किया गया था। वे पापीश्ठ नर्कदूत दिखते थे, जैसे लोग जो आपको भयभीत करे अगर आप उनको अंधेरे रस्तो पर मिले हो। आप निष्चित हो सकते हो कि वे कभी भी अब प्रभु के बारे में नहीं सोचते। ‘‘दुश्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का : उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेष्वर है ही नहीं'' उसके सारे विचारों में प्रभु के लिये जगह नहीं है!
जब मैं तेरह वर्श का था मेरे पड़ोसी मुझे केलीफोर्निया के हन्टींगटन पार्क में बेपटीस्ट कलीसिया में ले गये। पहले मैंने सोचा कलीसिया में सारे लोग मसीही थे। परन्तु जैसे मैं उनके बारे में ज्यादा अच्छी तरह से जानने लगा, मैंने जाना कि उन्होंने याजक का उपहास किया था जब वे अकेले थे। मैंने जाना कि उन्होंने गंदा मजाक कहा और जो गीत हमने गाया था उसका मजाक उडाया। थोडी देर बाद मैंने जाना कि उन मैं से कुछ ‘‘बाहर'' घुमते थे और व्यभिचार भी करते थे। मुझे याद है सोचना, ‘‘ये लोग कैसे कह सकते है कि वे अकेले बचाये गये है और संसार के दूसरे सारे लोग अधोलोक में जा रहे हैं?'' सब होते हुए भी, वे ‘‘आगे गये'' थे। सब होते हुए भी उन्होंने ‘‘पापीयों की प्रार्थना'' कही। सब होते हुए भी उन्हें बप्तीसमा दिया गया।
जब मैंने अपना पहला धार्मिक प्रवचन प्रचार किया, मैंने उसे उनकी ओर निर्देषित किया था। युवान नेता मुझे कक्ष में ले गया और मुझे कहा कि मैं गलत था, कि मुझे कभी भी दोबारा इस प्रकार से प्रचार नहीं करना चाहिए। मैं मन से टूट गया था। परन्तु थोडी देर बाद वो युवा नेता को कलीसिया से बाहर निकाला गया था कुछ इस प्रकार के युवा लोगो के साथ व्यभिचार करने के लिए। प्रभु मुझे कहते हुए लगते थे, ‘‘आगे बढो, रोर्बट। तुम मेरे लिए प्रचार करो और दुश्ट लोगो के कहने के बारे में चिन्ता मत कर।'' वो अब 53 सालो से मेरी पद्धति रही है और में बदलनेवाला नहीं हूँ! यहेजकेल मेरा द्रश्टांत है। उसने कहा,
‘‘इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हुँ, वे निर्लज्ज और हठीले है, प्रभु यहोवा यो कहता है ... यद्यपि वे विद्रोही घराने के है, तो भी न तो उनके वचनों से डरना और न उनके मुँह देखकर तेरा मन कच्चा हो। इसलिये चाहे वे सुने या न सुने; तो भी तू मेरे वचन उन से कहना, वे तो बडे़ विद्रोही हैं'' (यहेजकेल 2:4, 6-7)।
किसी ने कहा, ‘‘अपने काम में मतलब रखो!'' ये मेरा अपना काम है। यही है जो प्रभु ने मुझसे करने को कहा है। मेरा काम है आपको कहना कि आप ऐसे नास्तिक हो जैसा एसाव! मेरा काम है आपको कहना कि आप मसीही नहीं हो! मेरा काम है आपको कहना कि आप अधोलोक में जा रहे हो - ज्वाला में जलने सदा के लिये! और सदा के लिये। और सदा! और सदा! और सदा! वो ही मेरा काम है! और ये मेरा काम है आपको कहना कि आप सिर्फ यीषु मसीह द्वारा बचाये जा सकते हो! वो मेरा काम है! अगर आप यीषु मसीह के लहू द्वारा षुद्ध नहीं हुए हो, आप सदा के लिये पीड़ा में जलने आग के तालाब में! वो मेरा काम है! अगर एसाव की तरह नास्तिक हो, फिर आपके लिये वहाँ पर कोई आषा नहीं है - इस संसार में या आनेवाले संसार में!
‘‘मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (रोमियों 9:13)।
एसाव ऐसा व्यक्ति था जिसने प्रभु के बारे में नहीं सोचा। उसने उत्पति की किताब में कभी एक बार भी प्रभु का वर्णन नहीं किया। उसके सारे विचारों में प्रभु के लिये जगह नहीं थी!
अब, मैं आप से पूछता हूँ, क्या आप कभी भी प्रभु के बारे में सोचते हो जब आप अकेले होते हो? क्या प्रभुने कभी भी आपके मन और दिल को पकड़ा है? पिछले कुछ महिनों में दो युवान स्त्री हमारे कलीसिया में दुनिया में से आयी है। उनका परिवार मसीही परिवार नहीं है। उन्होंने इस प्रकार का प्रचार अपने जीवन में कभी भी नहीं सुना। परन्तु उन्होंने अपने आपसे कहा, ‘‘ये सही है। यही है जो प्रभु बाइबल में कहते है। यही सत्य है।'' वे दोनो जल्दी से यीषु के पास आई और उनके द्वारा पाप से बचायी गयी थी। वे अब कह सकती है, ‘‘हम हमारे पापो से षुद्ध की गयी है यीषु के लहू द्वारा! यीषु ने हमे बचाया है।'' ओह, हम कैसे प्रार्थना करे कि ये आपका भी अनुभव हो? परन्तु वो आपका अनुभव कभी भी नहीं होगा जब तक आप प्रभु को जाने नहीं, और प्रभु के बारे में सोचते नहीं। आप में से कुछ परिवर्तित होने का प्रयत्न करते है। आप बहुत दुःखी हो कि आप परिवर्तित नहीं हो। परन्तु आप हकीकत में प्रभु के बारे में सोचते हो? क्या आप सोचते हो कि आपने प्रभु विरूद्ध पाप किये है - या आप सिर्फ परिवर्तित होने का प्रयत्न करते हो - प्रभु के विचारो के बिना? क्या वो आपका किस्सा होगा? और वो हमें दूसरे मुद्दे पर ले जाता है।
2- दूसरा, याकूब व्यक्ति था जिसने प्रभु के बारे में सोचा है।
और प्रभुने कहा,
‘‘मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (रोमियों 9:13)।
मुझे गलत मत समझना। याकूब पापी था। उसने उसके पिता इसहाक से झूठ बोला। उसने उसके भाई के पहिलौठे के हक्क को चुराया। वो झूठा और चोर था। परन्तु अनुग्रह के द्वारा वो प्रभु - सचेत हुआ और यीषुने उसे बचाया। पहली बार में नहीं, आप ध्यान दीजिये। उसे उसके घर से भागना पड़ा उसके भाई के क्रोध से बचने। उसे भय था कि एसाव उसे मार देगा उसके पहिलौठे के अधिकार को चुराने। वो भाग गया और उज़ाड स्थान पर अकेला था। वो जमीन पर सोने गया अपने हाथ के नीचे पत्थर का सिरहाना बनाके। प्रभु उसके पास आये सपने में। और प्रभुने उससे कहा, ‘‘मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा'' (उत्पति 28:15)। और याकूब ‘‘जाग उठा और कहने लगा, निष्चय इस स्थान में यहोवा है, और मैं इस बात को न जानता था। और भय खाकर उसने कहा, यह स्थान कितना भयानक है! यह तो परमेष्वर के भवन को छोड और कुछ नहीं हो सकता, वरन् यह स्वर्ग का फाटक ही होगा'' (उत्पति 28:16-17)।
वो ‘‘उसकी नींद से जाग उठा'' और आखिरकार उसने जान लिया कि परमेष्वर हकीकत में थे! ‘‘जागृतता'' का कैसा चित्र! हम कैसे प्रार्थना करे कि आप भी जागो मृत्यु की नींद से और महसूस करो, कमसे कम, कि ‘‘निष्चय इस स्थान में यहोवा है''। याकूब परिवर्तित नहीं था फिर, परन्तु आखिरकार उसने महसूस किया की प्रभु हकीकत है। फिर भी वो पुकारते रहा ‘‘मेरे पिता के प्रभु''। उसने कहा, ‘‘मेरे पिता का परमेष्वर मेरे संग है'' (उत्पति 31:5)। आखिरकार उसने जाना वहाँ पर हकीकत में प्रभु थे, परन्तु वो ‘‘मेरे पिता का परमेष्वर'' थे। वो नहीं होगा। प्रभु आपके पिता के प्रभु, या याजक के प्रभु, या किसी और के प्रभु नहीं होने चाहिये। वो आपके प्रभु ही होने चाहिये!
याकूब को बहुत से भयानक अनुभव से गुजरना होगा उसके पिता के प्रभु उसके प्रभु बनने से पहले। कम से कम, विदेषी धरती पर लंबी दुर्गति के बाद, वे घर जा रहे थे। फिर भी वो अभी तक भयभीत था कि उसका भाई एसाव उसे मार देगा। उसने उसके परिवार को अपने से पहले घर भेज दिया, और बाइबल कहता है, ‘‘याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूश आकर पौ फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा'' (उत्पति 32:24)। डो. जोन गील ने (1697 - 1771) ने कहा कि ‘‘आदमी'' जिससे याकूब मल्लयुद्ध कर रहा था वो अवतार से पहले के मसीह थे। याकूब अकेला था जब आखिरकार उसने मसीह का सामना किया। आपके साथ कोई नहीं जा सकता जब आप परिवर्तित होते हो। पूछताछ कक्ष में भी आपको अकेले ही जाना चाहिये यीषु के पास।
मसीह के साथ पूरी रात मल्लयुद्ध करने के बाद, याकूब परिवर्तित हुआ था। यीषु ने कहा, ‘‘प्रवेष करने का यत्न कर'' (लूका 13:24)। ग्रीक षब्द अनुवाद किया है ‘‘प्रयत्न'' के लिये वो है ‘‘अगोनीझोमाई'' (agonizomai)। हमें इससे हमारा अंग्रेजी षब्द मिलता है ‘‘agony'' ‘‘यातना''। याकूब उस रात यातना से गुजरा। याकूबने मसीह का आषीर्वाद पाने के लिये प्रयत्न किये उसने मसीह से कहा, ‘‘जब तक तू मुझे आषीर्वाद न दे, तब तक मैं तुण्े जाने न दूंगा'' (उत्पति 32:26)। मसीह उसे उस युद्ध में आसानी से मार सकते थे, परन्तु उसके बदले मसीह ने उसे आषीर्वाद किया और उसे बचाया और उसका नाम बदली किया याकूब से इस्त्राएल (प्रभु का राजकुमार) रखा। ‘‘और याकूब ने यह कहकर उस स्थान का नाम पनीएल (प्रभु का चेहरा) रखा; क्योंकि प्रभु को आमने सामने देखने पर भी मेरा प्राण बच गया है'' (उत्पति 32:30)।
ओह, आपमें से कोई यीषु के साथ युद्ध करते होंगे! कैसा उपद्रव इससे आपके मनमें और दिल में हुआ है! यीषु को पकड़े रहो। यीषु से कहो, ‘‘जब तक तू मुझे आषीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने न दूँगा'' (उत्पति 32:26)। यीषु अपना आषिश देंगे! वो आपको आपके पाप से बचायेंगे। बाइबल कहता है, ‘‘और उसने उसको आषीर्वाद दिया'' (उत्पति 32:29)। यीषु को पकडे रहो और वो आपको भी आषीर्वाद देंगे वे क्रूस पर मरे आपके पाप के लिये चुकाने। उन्होंने उनका लहू बहाया आपको आपके पापो से षुद्ध करने। वे मृत्यु से उठे और अभी जीवित है आपको आषीर्वाद करने और आपको बचाने। जब, आप विष्वास से यीषु का सामना करते हो, आप देखोगे कि वो प्यारे है। फिर आप गा सकोगे वो गीत श्रीमान ग्रीफिथ के साथ,
वहाँ पर नाम है जो मुझे पसंद है सुनना,
परन्तु कभी भी वहाँ नाम नहीं था इतना प्यारा,
इस मेरे मन को, जैसे दिव्य नाम है,
बहुमूल्य, बहुमूल्य नाम यीषु का।
यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ
और वो वैसे ही है जैसा उनका नाम प्यारा,
और वही कारण है मैं इतना प्रेम करता हूँ उनसे;
ओह, यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ।
(‘‘यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ ''
लेला लोन्ग द्वारा, 1924)।
वो समूहगान मेरे साथ गाओ। आप इसे गा सकते हो सच्चाई से जब आप यीषु के पास आते हो और उनके द्वारा बचाये जाते हो। वे जो बचाये हुए है, इसे मेरे साथ गाओ अभी।
यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ
और वो वैसे ही है जैसा उनका नाम प्यारा,
और वही कारण है मैं इतना प्रेम करता हूँ उनसे;
ओह, यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : मलाकी 1:1-3।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन कीनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘यीषु सबसे मधुर नाम है जो मैं जानता हूँ'' (लेला लोन्ग द्वारा, 1924)।
रूपरेखा मेंने याकूब से प्रेम किया डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘जैसे लिखा है, मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना'' (रोमियों 9:13)। (मलाकी 1:2,3; रोमियों 9:11) 1- पहला, एसाव ऐसा व्यक्ति था जिसने परमेष्वर के बारे में सोचा नहीं, 2- दूसरा, याकूब व्यक्ति था जिसने प्रभु के बारे में सोचा है, |