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परिवर्तन की भविष्यवाणी का चित्रA PROPHETIC PICTURE OF CONVERSIONS डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, 13 नवम्बर, 2011 ‘‘और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेघा हैं और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते - पीटते है, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं'' (जकर्याह 12:10)। |
वर्ष 1864 में स्पर्जनने भविष्यवाणी के दो धार्मिक प्रवचन दिये थे यहूदी लोगों के भविष्य के परिवर्तन पर। पहले का शीर्षक था, ‘‘पूर्वावस्था की प्राप्ति और यहूदीयों का परिवर्तन'' (The Restoration and Conversion of the Jews) जिसमें उसने कहा कि ‘‘वहाँ पर यहूदीयों की राजनैतिक पूर्वावस्था होगी ... इस्त्राएल की दस जाति अपनी ही धरती पर पुनःस्थापित होंगी'' (सी. एच. स्पर्जन, 16 जून 1864)।
चौरासी वर्षाे के बाद, 1948 में, इस्त्राएल राश्ट्र बन गया। हज़ारो यहूदी सारे संसार से अपने प्रभु के दिये वतन इस्त्राएल में लौटने लगे - वैसे ही जैसे स्पर्जन ने भविष्यवाणी की थी उनके यहेजकेल 37:1-10 के धार्मिक प्रवचन में।
तीन दिन पहले, 1964 में, स्पर्जन ने दूसरा धार्मिक प्रवचन दिया था जिसका शीर्षक था, ‘‘बेघा हुआ मन को बेधता है,'' (The Pierced One Pierces the Heart) जकर्याह 12:10 पर, जो आज सुबह हमारा पाठ है। इस धार्मिक प्रवचन में स्पर्जन ने शुद्ध ढंग से कहा, ‘‘यह भविष्यवाणी, सबसे पहले, संदर्भ करती है यहूदी लोगों को ... हम जानते है (निश्चितरूप से), क्योंकि प्रभु ने ये कहा है, की यहूदी अपने वतन पुनःस्थापित किये जायेंगे।'' उन्होंने ये भी कहा है की यहूदी लोग भविष्य में यीशु में परिवर्तित किये जायेंगे।
स्पर्जन जकर्याह 12:10 पर जो भी कहते गये वो सिर्फ इस्त्राएल के आनेवाले परिर्वतन की भविष्यवाणी ही नहीं है, परंतु हर एक व्यक्ति के परिर्वतन का चित्र भी है।
‘‘और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेघा हैं और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते - पीटते है, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं'' (जकर्याह 12:10)।
मैं इस पाठ से तीन मुद्दे लूँगा।
I. पहला, परिवर्तन सिर्फ परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा ही आता है।
हमारे पाठ में प्रभु ने कहा, ‘‘मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेेलूँगा ...'' (जकर्याह 12:10अ)। नयी नियमावली कहती है, ‘‘विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है; और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन् परमेश्वर का दान है'' (इफिसियों 2:8)। परंतु ‘‘अनुग्रह'' शब्द का अर्थ क्या है? इब्रानियों शब्द ‘‘अनुग्रह'' अनुवाद किया गया है जकर्याह 12:10 में उसका अर्थ है ‘‘सहानुभूति, स्नेह'' (स्ट्रोन्ग)। ग्रीक शब्द ‘‘अनुग्रह'' (इफिसियों 2:8) में अनुवाद किया गया है जिसका अर्थ है ‘‘सहानुभूति, माफी, बचाव'' (स्ट्रोन्ग)। इब्रानियों शब्द और ग्रीक शब्द दिखाते है कि परिवर्तन आदमी का काम नहीं है। परिवर्तन सिर्फ परमेश्वर से ही आता है, उनकी सहानुभूति, और शक्ति द्वारा वे हमें पाप और अधोलोक से बचाते है। हम जो कुछ भी करते है उसके द्वारा बचाये नहीं जाते, परन्तु बचाये जाते हैं जो वे हममें और हमारे लिये करते हैं उसके द्वारा। ‘‘अद्भूत अनुग्रह''। इसे गाइये!
अद्भूत अनुग्रह। कितना मीठा स्वर है
जिसने मुझ जैसे दुष्ट को बचाया!
एकबार खोया हुआ था,
अब मिल गया हूँ,
अंधा था, परन्तु अब देखता हूँ।
(‘‘अद्भूत अनुग्रह'' जोन न्यूटन द्वारा, 1725 - 1807)
अनुग्रह बात करता है प्रभु की सहानुभूति उन्हें बचाने के लिये जिसको उन्होंने चुना है। कैसे भी ‘‘अनुग्रह'' शब्द वहाँ नहीं है, तीतुस के तीन पद में हमारे पाप और प्रभु के अनुग्रह का परिपूर्ण वर्णन करता है।
‘‘क्योंकि हम भी पहले निर्बुद्धि और आज्ञा न माननेवाले, और भ्रम में पडे़ हुए और विभिन्न प्रकार की अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव और डाह करने में जीवन व्यतीत करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा और मनुष्यों पर उसका प्रेम प्रगट हुआ, तो उसने हमारा उद्धार किया, और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हमने आप किए पर अपनी दया के अनुसार ...'' (तीतुस 3:3-5)।
जैसे ये भविष्य में इस्त्राएल के साथ होगा, वैसे ही ये अब सारे यहूदी और सारी अन्य जातियाँ जो परिवर्तित है उनके साथ है। हरएक जो परिवर्तित है वो सिर्फ परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा परिवर्तित है! हम मोर्नेजीस्ट (Monergist) है। इसका अर्थ है हम मानते है की हम सिर्फ अकेले परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा ही बचाये गये है। ‘‘निर्णायक'' सीर्नेजीस्ट (Synergist) है। वे मानते है कि इन्सान प्रभु के साथ साथ काम करता है मुक्ति में। रोमन केथलिक कलीसिया और दूसरे ‘‘निर्णायक'' पढ़ते है योगवाहिता (Synergism)। हम इसका अस्वीकार करते है और कहते है कि आदमी सिर्फ अकेले प्रभु के अनुग्रह द्वारा ही बचाया गया है।
सोचिये प्रभु के अनुग्रह ने आपके जीवन में कैसे काम किया है। आप इस सुबह यहाँ क्यों हो? यह इसलिये है क्योंकि प्रभु, उनकी सहानुभूति में, आपको यहाँ ले आये। अगर आप ऐसे मातापिता के वहाँ जन्म लेते जो हमारे कलीसिया में है, ये प्रभु का अनुग्रह था इसीलिये ऐसा हुआ, ताकि आप हर रविवार यहाँ रहो सुसमाचार प्रचार सुनने। प्रभु के अनुग्रह को सामान्य मत समझिये। आप यहाँ हो क्योंकि प्रभु की आप पर सहानुभूति थी; और उनकी दूरदर्शिता के द्वारा निश्चित किया की आप यहाँ सुसमाचार सुनने आये हो।
अगर इस सुबह किसीने आप को यहाँ आने के लिये निमंत्रण दिया हो, आप भी यहाँ हो प्रभु के अनुग्रह और सहानुभूति द्वारा। बहुत से और लोग भी निमंत्रित किये गये थे यहाँ आने के लिये, परन्तु उन्होंने उस निमंत्रण का अस्वीकार कर दिया। आप क्यों आये? इसलिये नहीं कि आप दूसरों से बेहतर हो। ओह, नहीं! यह परमेश्वर की सहानुभूति और अनुग्रह था जो आपको यहाँ ले आया। और हम कैसे प्रार्थना करे कि उनका अनुग्रह आपको आपके परिवर्तन, आपकी मुक्ति तक ले जाये। फिर आप वो गीत गा सकते हो अपने स्वयं के गीत की तरह। “अद्भूत अनुग्रह। कितना मीठा स्वर है।” इसे फिर से गाइये!
अद्भूत अनुग्रह। कितना मीठा स्वर है
जिसने मुझ जैसे दुष्ट को बचाया!
एकबार खोया हुआ था,
अब मिल गया हूँ,
अंधा था, परन्तु अब देखता हूँ।
‘‘मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा..'' (जकर्याह 12:10अ)।
II. दूसरा, परिवर्तन सामान्यरूप से शोक के साथ आता है।
पाठ कहता है,
‘‘और उनके लिये ऐसे रोएँगे ...'' (जकर्याह 12:10ब)।
कुछ सुधरे हुए लोगो को पापीयों के किसी भी चीज के प्रबन्ध का विचार पसंद नहीं होता क्योंकि उन्हें प्रभु के प्रभुत्व को द्रढ करना होता है। वे कहते हैं कि प्रभु पापी को अधोलोक से कभी भी बचा सकते है, बच्चे के जन्म लेने से पहले भी। वे सच्चे है ये कहते हुए कि प्रभु सर्वशक्तिमान है। परन्तु मैं सोचता हूँ कि वे गलत कहते हैं कि प्रभु ज्यादातर लोगों को तैयार नहीं करते उनके द्वारा परिवर्तित होने से पहले। वे मुझे शायद कहेंगे ‘‘तैयार करनेवाला'' (Preparationist), परन्तु मैं मानता हूँ कि प्रभु हमें तैयार करते है बचाये जाने के लिये। प्रभु का हमे तैयार करने का एक तरीका है हमें यह दिखाना कि जीवन कितना संक्षिप्त (छोटा) है। जोनाथन एडवर्डस (1703-1758) के दिन में, युवा लोग उनकी कलीसिया में जागृतता तक ले जाये गये, और फिर, पुनःउद्धार, उन सबके पहिचानवाले युवा आदमी की अचानक मृत्यु द्वारा।
प्रभु का लोगों को मुक्ति के लिये तैयार करने का दूसरा तरीका है उन्हें उनके पाप और आनेवाले दण्ड़ दिखाना। कुछ लोग सोचते है कि यह गलत है लोंगो को अधोलोक के बारे में सचेत करना। परन्तु वे गलत है। जब से अधोलोक सच्चाई है हमें लोगो को इसके बारे में सचेत करना ही चाहिये! ये क्रूर और निर्दय है लोगों को अधोलोक जाने देना इसके बारे में सचेत किये बिना। यीशु से ज्यादा दयालु कोई नहीं। और उन्होंने हमें बार बार अधोलोक के बारे में चेतावनी दी थी। यीशु ने कहा, ‘‘तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे?'' (मती 23:33)। उन्होंने कहा, ‘‘ये अनन्त दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।
परन्तु जो चीज परमेश्वर इस्तेमाल करते है ज्यादातर खोयी हुई आत्माओं का परिवर्तन करने में वो है उन्हें उनके पाप बताना। यीशु ने कहा कि प्रभु की आत्मा ‘‘संसार को पाप में निरूत्तर करेगा'' (यूहन्ना 16:8)। जब दाऊद अपने पापो के अपराधभाव के अधीन आया, उसने कहा, ‘‘मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है'' (भजनंसहिता 51:3)। परिवर्तन तब आता है जब प्रभु आपको महसूस कराते है, आपके पापो के लिये यीशु की माफी कि और पर बहाये गये उनके लहू की आवश्यकता पापो को शुद्ध करने। आप यीशु तक नहीं आयेंगे जब तक आप उनके लिये आवश्यकता महसूस नहीं करते! पापो का अपराधभाव आपको मसीह के पास ले जाता है माफी और शुद्ध होने के लिये। ‘‘वो अनुग्रह था जिसने मेरे मन को डरना सिखाया।'' इसे गाइये!
‘वो अनुग्रह था जिसने मेरे मन को डरना सिखाया,
और अनुग्रह ने मेरा डर पुनःजीवित किया;
अनुग्रह कितना बहुमूल्य लगता है
घंटा जिस में मैंने पहलीबार विश्वास किया!
III. तीसरा, परिवर्तन तब होता है जब खोये हुए पापी यीशु की ओर देखते हैं।
पाठ में, मसीह कहते है, ‘‘और जब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेघा है'' (जकर्याह 12ः10क)। अवतरित होने से पहले के यीशु ने यशायाह 45ः22 में कहा,
‘‘तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ'' (यशायाह 45:22)।
ज्यादातर हर एक अपने स्वयं की ओर देखते है - उनकी खुद की भावनाएँ और विचारों की ओर। सिर्फ प्रभु का अनुग्रह ही हमें अपने आप से दूर यीशु को दिखा सकता है, और उनके द्वारा बचाया जा सकता है। स्पर्जन इसे कहते है ‘‘प्रभु के छेदित पुत्र की ओर विश्वास की दृष्टि।'' ‘‘उनकी ओर देखो'' वैसा ही है जैसे ‘‘उनके पास आओ।'' ‘‘उनके पास आओ वैसा ही है जैसे ‘‘उन पर विश्वास करो।''
मैं इस सुबह आपको यीशु के पास आने को कहता हूँ, उन पर विश्वास करो, उन्हें देखो। जोसेफ हार्ट ने कहा, ‘‘कोई भी नहीं परन्तु यीशु, कोई भी नहीं परन्तु यीशु, असहाय पापीयों का अच्छा कर सकते है।''
‘‘और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेघा है और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते - पीटते है, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं'' (जकर्याह 12:10)।
शायद प्रभु, उनके अनुग्रह द्वारा, आपको जल्दी से कलीसिया ले जाये - हर रविवार सुबह और हर रविवार शाम को आराधना, प्रचार और मिलन के लिये। कोई शायद कहे, ‘‘कोई खोया हुआ व्यक्ति हर रविवार सुबह और हर रविवार शाम को नहीं आएगा।'' परन्तु आप गलत हो। बहुत से लोग वो करते है - प्रभु के अनुग्रह द्वारा!
मैं मानता हूँ कि प्रभु का अनुग्रह इतना शक्तिशाली और इतना अनिवार्य है, कि सारे चुने हुए कलीसिया तक ले जाये जाएगें - और मसीह स्वयं तक - सच्चे परिवर्तन में। महेरबानी करके खडे रहीये और गाइये आपके गीत के पर्चे का गीत क्रमांक 7, ‘‘आओ, तुम पापीयों,'' जोसेफ हार्ट (1712 - 1768) द्वारा।
आओ, तुम पापीयों, गरीब और नीच,
कमजोर और भटके हुए, बिमार और दुःखदायी
यीशु तैयार खडे है आपको बचाने
पूरे दया से भरे, शक्ति से जुडे हुए;
वे योग्य है, वे योग्य है,
वे इच्छुक है; और संदेह नहीं!
वे योग्य है, वे योग्य है,
वे इच्छुक है; और संदेह नहीं!
आओ, तुम थके हुए, बोझ से लदे हुए,
कुचले हुए और गिरने से टूटे हुए;
अगर आप रूको आपके अच्छे होने तक;
आप कभी भी नहीं आओगे;
धार्मिक नहीं, धार्मिक नहीं,
पापी, यीशु आये है बुलाने!
धार्मिक नहीं, धार्मिक नहीं,
पापी, यीशु आये है बुलाने!
उन्हें देखिये बगीचे में लंबे पडे हुए;
आपको बनानेवाला धरती पर है;
फिर काल्वरी के वृक्ष पर उन्हें देखो,
उन्हें पुकारते सुनो, उनके मरने से पहले,
‘‘यह खत्म हो चुका है!'' ‘‘यह खत्म हो चुका है।''
पापी, क्या ये पर्याप्त नहीं होगा?
‘‘यह खत्म हो चुका है!'' ‘‘यह खत्म हो चुका है।''
पापी, क्या ये पर्याप्त नहीं होगा?
अंतःमन को आपको विलम्ब कराने मत दो,
अनुराग सहित ख्वाब में हुई स्वस्थता नहीं;
सारी स्वस्थता उन्हें आवश्यक है वो है;
उनके लिये आपकी आवश्यकता महसूस करने।
यह वे आपको देते है, यह वे आपको देते है,
यह आत्मा का उठता हुआ डंडा है!
यह वे आपको देते है, यह वे आपको देते है,
यह आत्मा का उठता हुआ डंडा है!
देखो! अवतरित प्रभु, ऊपर उठते हुए,
उनके लहू की योग्यता की प्रार्थना;
उन पर साहस करो, पूर्णरूप से साहस करो,
दुसरा कोई विश्वास प्रवेश करने मत दो;
कोई भी नहीं परन्तु यीशु, कोई भी नहीं परन्तु यीशु,
असफल पापीयों को अच्छा कर सकते हैं।
कोई भी नहीं परन्तु यीशु, कोई भी नहीं परन्तु यीशु,
असफल पापीयों को अच्छा कर सकते हैं।
(‘‘आओ, तुम पापीयों'' जोसेफ हार्ट द्वारा, 1712 - 1768)।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डॉ. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : जकर्याह 12:10-14।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘आओ, तुम पापीयों'' (जोसेफ हार्ट द्वारा, 1712 - 1768)।
रूपरेखा परिवर्तन की भविष्यवाणी का चित्र डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेघा है और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते - पीटते है, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं'' (जकर्याह 12:10)। I. पहला, परिवर्तन सिर्फ परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा ही आता है, II. दूसरा, परिवर्तन सामान्यरूप से शोक के साथ आता है, III. तीसरा, परिवर्तन तब होता है जब खोये हुए पापी यीशु की ओर देखते हैं, |