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डो. जोन सन्ग का सच्चा परिवर्तन(डो. जोन सन्ग पर धर्मिक प्रवचन # 1)
डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, 2 अक्तुबर, 2011 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन “यदि मनुश्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए तो उसे क्या लाभ होगा?” (मरकुस 8:36)। |
4 जून, 2011 को “टीयानान्मेन स्केवर मासाक्रे” (Tiananmen Square Massacre) की बाइसवी वार्शिकोत्सव लक्ष्य किया हुआ था। 1989 मे 6 सप्ताह के लिये, हजारो चीनी विद्यार्थीयोने षान्तिसहित प्रदर्षन किया विचारो के ज्यादा स्वतंत्रता की पुकार में। फिर, 4 जून की सुबह के प्रातः प्रहर मे सरकार की सेना ने हज़ारो निषस्त्र प्रदषर्नकारो पर गोलीयाँ चलायी, अनगिनत लोगो को मारते हुए और दूसरे हजारो को घायल करते हुए। होन्ग युजीयन ने बीजींग के टेलीव्हीझन पर यह नाष देखा पेनीसिल्वेनिया विष्वविद्यालय के बदले के विद्यार्थी की तरह। उसने कहा कि टीयानान्मेन स्केवर मासाक्रे मे उसने उसकी विज्ञान और राजनैतिक आषा पर प्रष्न किया और वह उसे मसीही बनने तक ले गये।
वो कहता है मासाक्रे टीयानान्मेन ने उसे और दसरो को मदद की उनके अपने पापो को देखने और मसीह के लिये आवष्कता कोः “मैं सोचता हुँ परमेष्वर ने इसे राह बनाने और चीनी लोगो के मन को तैयार करने इस्तेमाल किया” (वर्ल्ड पुस्तिका, 6 जून, 2009, पृश्ठ. 38)।
“सब यीषु के लिये।” समुहगान गाइये!
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे;
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
(“सब यीषु के लिये” मेरी डी. जेम्स द्वारा, 1890-1883)।
वर्ल्ड पुस्तिका कहती है,
चीन में मसीहीता का विकास दर पीछले 20 वर्शो में धडाके से फटा है। विद्वानो का द्रश्टांत देना, तीव्रता से नगर का सुधार और प्रभावषाली विचार करनेवालो की बढ़ती हुई संख्या चीन को आलिगंन करते है। OMF आंतरराश्ट्रीय (पहले चीनी अंतरदेषीय नियुक्त) अंदाजित करता है की वहाँ पर करीबन 700 लाख मसीही चीन मे है। समुदाय कहता है 1949 मे चीन मेंं प्रोटेस्टन्ट मसीही 10 लाख से भी कम संख्या मे थे (जब साम्यावादी सरकार ने सत्ता ली) (ibid.)।
डो. सी. एल. केगन, क्रमबद्ध गणना करने में निपुण व्यक्ति (a Statistician)] मूल्याकन करते है कि वहाँ पर अब 700 से भी ज्यादा परिवर्तन हो रहे है मसीहीता मे हर घंटे, दिन के 24 घंटे। “सब यीषु के लिये।” यह समुहगान फिर से गाइये!
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे;
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
चीन मे मसीहीता का इतिहास सबसे ज्यादा रूचिकरने योग्य है हर जगह के मसीहीयों को। चीन मे आधुनिक धर्मप्रचारक मुहिम षुरू हुई रोर्बट मोरीसन (1782-1834) के साथ। मोरीसन लंदन धर्मप्रचारक समाज द्वारा 1870 मे चीन भेजे गये थे। उनके साथी वीलीयम मील्ने की सहाय द्वारा, उन्होने संपुर्ण बाइबल का चीनी भाशा मे अनुवाद किया 1821 में। चीन मे उनके 27 वर्शो के दौरान सिर्फ कुछ ही चीनी ने बपतीस्मा लिया था - फिर भी वे सारे विष्वासु मसीही बने रहे। मोरीसन के बाइबल के चीनी अनुवाद और सुसमाचार साहित्य की छंपाई, चीन मे सुसमाचार प्रचार की नींव बन गई।
1853 मे एक अंग्रेजी चिकिन्सक, जेम्स हडसन टेयलर, चीन के लिये जलमार्ग से रवाना हुए। 1860 मे उन्होने चीनी अंतरदेषीय संगठन बनाया, जो अब जाना जाता है समुद्रपार की धर्मप्रचारक सदस्यता (Overseas Missionary Fellowship) डो. टेयलर के सहकार्यकर्ता अंत मे चीन के पूरे आंतरिक भागो मे फैल गये। हडसन टेयलर चान्गषा मे 1905 मे मर गये।
1901 मे जोन सन्ग का जन्म हुआ। वे चीन के इतिहास मे बडे सुसमाचार प्रचारक की तरह मषहूर हुए। हमारे लोग जो उनके प्रचार के अधीन परिवर्तित हुए थे वे मसीह के विष्वासु रहे 1949 मे सम्यवादी सता के आने के बाद भी। पीछले 60 वर्शो मे चीन मे मसीही की संख्या बढ़ी है आधुनिक इतिहास के मसीहीता के बडे पुनः उद्धार मे। इस सुबह मैं आपको कहने जा रहा हुँ डो. जोन सन्ग की विलक्षण कहानी। मै षुरूआत करूँगा उनके जीवन की रूपरेखा द्वारा डो. एलेजीन एस मोयर से।
जोन सन्ग (1901-1944), राष्ट्रीय स्तर के मशहूर चीनी सुसमाचार प्रचारक; चीन के फुकीन के हीन्गवा मे जन्मे; नियम के अनुरूप सारा काम करनेवाले याजक के पुत्र। (जुठा “परिवर्तन” हुआ था नव वर्श की उम्र मे) दैदीप्यमान विद्यार्थी; ओहायो राज्य विष्वविद्यालय, वेस्लीयन विष्वविद्यालय, और युनीयन थीयोलोजिकल धार्मिक पाठषाला मे पढ़े हुए। रसायनषास्त्र मे पीएच. डी. प्राप्त। चीन लौट-कर आये सुसमाचार का प्रचार करने विज्ञान पढ़ाने के बजाय। पूरे चीन और आसपास के देषो मे पंद्रह वर्श बिताये सुसमाचार प्रचार का प्रवचन देने मे विभिन्न ताकत और प्रभाव के साथ (एलेजीन एस. मोयर, पीएच. डी., हु वोझ हु इन चर्च हीस्ट्री, (कलीसिया के इतिहास मे कौन कोन था), मुडी प्रेस, 1968 की प्रत, पृश्ठ. 394)।
“सब यीषु के लिये।” इसे फिर से गाइये!
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे;
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
अब वह जोन सन्ग के जीवन का छोटा सा चित्र (वर्णन) था। ज्यादा गहराई मे पीछे जाते हुए, मैं नही मानता कि वे नव वर्श की उम्र मे परिवर्तित हुए थे। मैं नहीं मानता की वे फरवरी 1927, उनकी 26 वर्श की उम्र तक परिवर्तित हुए थे।
स्वयं जोन सन्ग ने कहा कि वे तबतक परिवर्तित नही थे जब तक वे अमरिका मे आध्यात्मिक संकट के समय से पसार हुए बहुत वर्शों के बाद मे। जब वो नव वर्श का था पुनःउद्धार हुआ हीन्गवा मे। एक महीने में वहाँ पर करीबन 3000 धार्मिक संस्थाए थी। षुभ षुक्रवार (गुड फ्रायडे) की सुबह उसने धार्मिक प्रवचन “यीषु गतसमनी के बगीचे मे” सुना। प्रचारक ने सोये हुए चेलो में अंतर किया यीषु की निर्भयता के साथ। बहुत से लोग षोक के साथ रोअे उस धार्मिक प्रवचन के अंत मे। मातम मनानेवालो मे जोन सन्ग भी था, नव वर्श का, नियमानुसार काम करनेवाले प्रचारक का पुत्र। मुझे ऐसा लगता है कि जोन सन्ग ने उसका जीवन मसीह को “समर्पित” किया, परन्तु वो उस समय सच्ची तरह परिवर्तित नहीं था। जैसे मेरे भूतपूर्व याजक, डो. तीमोथी लीन (जिनके पिता भी प्रचारक थे), जोन सन्ग ने प्रचार करना षुरू किया और तेरह वर्श की उम्र से उसके पिता को मदद करना षुरू किया। परन्तु, डो. लीन की तरह, उसने भी अभी तक सच्चे परिवर्तन का अनुभव नहीं किया था। जोन सन्ग परिश्रमी विद्यार्थी थे और उच्च षाला का अभ्यास उनके वर्ग मे प्रथम क्रमांक मे पुर्ण किया था। इस समय के दौरान वो “छोटे याजक” की तरह जाने गये। परन्तु उनका ये सारा उत्साह और सारे कार्य के बावजूद भी उनका मन पूरी तरह सुतंश्ठ नही था। जो कार्य वे सेवा मे कर रहे थे उसका वर्णन उन्होने “कींगफिषर पंछी के नीले पंख की तरह प्रदर्षित, गर्मीयो के पत्तो की तरह गिरा हुआ, परन्तु बिना ताजे़ फल को तोडने की तरह प्रभु को देने के लिये” किया। लेस्ली टी. लायोल, जोन सन्ग की जीवनी, (ए बायोग्राफी ओफ जोन सन्ग), चीनी अंतरदेषीय मुहीम, 1965 की प्रत, पृश्ठ.15)।
1919 मे सन्ग, 18 वर्श की आयु मे, अमरिका जाने का निष्चय किया, और वे मुक्त पढाई के साथ ओहायो वेस्लीयन विष्वविद्यालय मे स्वीकारे गये। उसने प्रीमेडिकल और प्रीथियोलाजीकल पुस्तको की सूचि से षुरूआत की, परन्तु प्रीथियोलाजीकल की पढा़ई छोड दी और गणित और रसायनषास्त्र मे विष्ोशज्ञ बनने का निष्चय किया। वे रोजाना कलीसिया जाने लगे और विद्यार्थीयो मे सुसमाचार प्रचार के गायको का समुदाय स्थापित किया। परन्तु उनके आखरी समय के दौरान वे बाइबल की पढा़ई और प्रार्थना से लापरवाह रहने लगे, और उनके परीक्षा पत्र मे धोखा किया। वे 1923 मे प्रषंशनीय स्नातक बने, प्रथम चार छात्रो में से एक, तीन सौ विद्यार्थी के वर्ग में। वे स्वर्ण पदक और नगद इनामों से नवाजे गये भौतिकषास्त्र और रसायनषास्त्र के लिये। वो फी बेटा कप्पा फ्राटेरनीटी (Phi Beta Kappa Fraternity); विद्वान के सर्वोतमता के विष्ोश समुदाय के लिये चुने गये थे, और स्वर्ण चाबी, पाण्डिन्य मे सबसे महत्वपूर्ण चिन्ह, दिया गया था।
अब उन्हे बहुत से विष्वविद्यालय, हावर्ड से भी पाण्डित्य का प्रस्ताव दिया गया था। उसने ओहायो राज्य विष्वविद्यालय का पाण्डित्य स्वीकार किया विज्ञान मे मास्टर की पदवी के लिये। उन्होने अपनी स्नातकता सिर्फ नौ महिनो मे पूर्ण कर ली! उन्हे हावर्ड विष्वविद्यालय से औशधीय पढा़ई के पाण्डित्य करने का प्रस्ताव दिया गया था। उसे दूसरा प्रस्ताव दिया गया था धार्मिक पाठषाला में पढ़ने का। उसं महसूस हुआ कि उसे धार्मिक सिध्धांतो कि पढ़ाई (थीयोलोजी) पढनी चाहिए, परन्तु जो मषहुरता उसे मिली थी वो उसे उसकी धर्मप्रचारक बनने की आषा मे बाधारूप बनी। उसके बदले उसने ओहायो राज्य विष्वविद्यालय मे रसायनषास्त्र मे विष्वविद्यालय की सर्वोत्तम उपाधि के कार्यक्रम मे प्रवेष लिया। उसने उसकी पीएच. डी. सिर्फ इक्कीस महीने मे पूरी कर ली। इस प्रकार वो युनाईटेड स्टेट मे पहला चीनी पीएच. डी. की पदवी प्राप्त करने वाला बना। वो समाचार पत्र मे वर्णन किया गया “ओहायो का सबसे मषहूर विद्यार्थी” की तरह। “परन्तु उसके मन की गहराई मे उसे षान्ति नही थी। उभरती हुई आध्यात्मिक अषान्ति उस समय गहरे मानसिक तनाव मे दीखाई दे रही थी” (लायोल, ibid., पृश्ठ. 22)।
इस समय के दौरान वो स्वतंत्र सिध्धांतवाले धार्मिक पढ़ाई के, और उनके “सामाजिक सुसमाचार” की पढ़ाई के अधीन प्रभाव मे आया। स्वतंत्र सिध्धांतवाले धार्मिक पढ़ाईने सिखाया की यीशु श्रेस्ठ द्रश्टांत था, परन्तु उद्धारक नही। मुझे ऐसा लगता था कि जोन सन्गने यीशु के लिये सोचा जैसे “श्रेस्ठ द्रष्टांत” जब वे नव वर्ष के थे और उसी कारण उसे जुठा परिवर्तन मिला फिर से वापस। परन्तु प्रभु अभी भी उसे बुला रहे थे। एक शाम जब वो अकेला बैठा था उसे लगा उसने परमेष्वर की आवाज़ सुनी उसे कहते हुए कि “मनुश्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाये तो उसे क्या लाभ होगा?”
दूसरे दिन उसका विचार-विर्मष हुआ स्वतंत्र सिध्धांत पर रहनेवाले प्राध्यापक से। उसने प्राध्यापक से कहा कि वो असल मे अमरिका धार्मिक सिध्धांत की पढ़ाई करने को आया था। प्राध्यापक ने उसे चुनौती दी न्युयोर्क जाकर धर्म के संबधी पढ़ाई करने पूरी तरह स्वतंत्र युनीयन थीयोलोजीकल धार्मिक पाठषाला मे। सिर्फ एक ही पल की हिचकिचाहट के साथ उसने वहाँ जाने का निष्चय कर लिया। युनीयन धार्मिक पाठषाला मे उसे पुरा पाण्डित्य और मुक्त रहने का भथ्था दिया गया। बाद में उसने कहा कि वो धर्मप्रचार मे रूचिकर नही है, परन्तु सिर्फ थियोलोजी पढ़नी थी एक साल के लिए उसके पिता को संतुष्ठ करने, और फिर लौटकर वैज्ञानिक चरित्र पर जाना। उसका मन पूरे उपद्रव और अंधेरे से भरा था।
1926 की पतझड मे डो. जोन सन्ग ने युनीयन थियोलोजीकल धार्मिक पाठषाला मे दाखिला लिया। पूरी तरह स्वतंत्र डो. हेन्री स्लोआने कोफीन उसी समय राश्ट्रपति बनाये गये थे। प्राध्यापको के बीच ऐसा मजबूत स्वतंत्र, डो. हेन्री इमरसन फोस्डीक की तरह, कुछ किताबो के लेखक मौलिकता के विरूद्ध, जैसे “बाइबल का आधुनिक इस्तेमाल” और “मास्टर की मानवता” फोस्डीक के सबसे ज्यादा मषहूर भाशण थे “क्या मौलिकवादी जीत सकते है?”(1922)। उसने मसीह के षारीरिक पुनरूत्थान और बाइबल की सच्चाई के विरूध्ध हर सप्ताह उनके रेडियो कार्यक्रम मे प्रचार किया। धार्मिक पाठषाला बाइबल और सुसमाचार प्रचारित थियोलोजी की आलोचना के लिये खोदी हुई जमीन थी। “कुछ भी जो बाइबल मे वैज्ञानिकरूप से न्याय नहीं कर सकता वो अस्वीकार किया गया था मान्यता की अयोग्यता की तरह! उत्पति मे अनैतिहासिक और चमत्कार मे विष्वास अवैज्ञानिक माना गया था। ऐतिहासिक यीषु पेष किये गये थे नकल करने कि प्रतिमा की तरह, उनकी मृत्यु और उनके षारीरिक पुनरूत्थान का दूसरे के बदले काम करनेवालो का मूल्यांकन का अस्वीकार किया गया। प्रार्थना बतायी गई लंबे समय के बिगाड़ की तरह। ऐसे मंतव्य से (असहमत) होना दया या उपहास की वस्तु बन गया” (लायोल, ibid., पृपृश्ठ. 29-30)।
डो. सन्ग उनकी स्वतंत्र थीयोलोजी पढ़ाई मे पुरी बुध्धि की षक्ति के साथ जुट गये। उस वर्श के दौरान उसने बडे पद बनाये, परन्तु मसीहीता से दूर हो गये जैसे उसने बुद्धधर्म का साहित्य और ताओइझम (Taoism) पढ़ा। उसने बुद्धधर्म के पवित्रषास्त्र का जाप करना षुरू किया। उनके कक्ष मे अेकांत मे, आषा के साथ की स्व-निश्ोध उसको षक्ति देगा। उसने लिखा, “मेरी आत्मा उज़ाड स्थान मे भटक रही है”।
मन की इस अवस्था मे वो चीनी सहपाठी के साथ करीबी दोस्त बन गया, परन्तु हकिकत में उसने चीन मे दूसरी लडकी को विवाह का वचन दिया था उसे वो संबध तोडना पड़ा। उसका जीवन असहनीय बन गया। उसने लिखा, “मैं ना सो सकता था ना खा सकता था... मेरा मन गहरी नाराजगी से भर गया था।” धार्मिक पाठषाला के अधिकारीयो ने देखा कि वो निरंतर मानसिक तनाव की अवस्था मे था।
यह उसकी भावनात्मक अवस्था थी कि वो किसी दूसरे विद्यार्थी के साथ डो. आई. एम. हेल्डमन, न्युयोर्क षहर के पहले बपतीस कलीसिया के सिध्धांतवादी याजक, को सुनने गये। डो. हेल्डमन मषहूर थेे कहने के लिये, “वे जो अस्वीकार करते है कुंवारे जन्म का वो बाइबल मसीहीता का भी अस्वीकार करते है।” डो. हेल्डमन, डो. हेन्री इमरसन फोस्डीक और युनीयन थीयोलोजीकल धार्मिक पाठषाला के साथ सीधे विरोध मे थे। जोन सन्ग उनको प्रचार करते हुए सुनने गया उत्सुकता के कारण। परन्तु डो. हेल्डमन ने उस रात प्रचार किया ही नही। उनके बदले एक पंद्रह वर्श की लडकी ने गवाही दी। उसने पवित्रषास्त्र पढ़ा और मसीह की क्रूस पर बदली हुई मृत्यु पर बोली। सन्ग ने कहा उसे प्रभु की मौजुदगी महसूस हो रही थी। धार्मिक पाठषाला का उनका सहपाठी ताना देने लगा, परन्तु वो स्वंय फिर से गया और ज्यादा लगातार चार षाम को सुसमाचार प्रचार सभा मे। “सब यीषु के लिये।” इसे फिर से गाइये।
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे;
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
उसने मसीही जीवन पढ़ना षुरू किया जोन वेस्ली, र्ज्योज वाइटफिल्ड, और दूसरे बडे प्रचारक जैसे आदमीयो की, वह षक्ति पाने जो उसने महसूस की थी उस सुसमाचार प्रचार सभा मे, पहले बप्तीस कलीसिया मे। धार्मिक पाठषाला के एक सत्र के दौरान प्राध्यापकने बहुत मजबूती से कहा यीषु की क्रूस पर की दूसरो के बदले की मृत्यु के विरूद्ध। जोन सन्ग खडा हुआ भाशण के अंत मे और चक्ति विद्यार्थीयो के सामने उनको जवाब दिया।
आखिरकार, 10 फरवरी 1927 को उसने सच्चा परिवर्तन महसूस किया। “उसने उसके जीवन के सारे पाप फेले हुए देखे। पहली नजर मे ऐसा लगता था कि वहाँ पर कोई रास्ता नही है उनसे छुटकारा पाने का और उसे अधोलोक में ही जाना चाहिये। उसने उसके पापो को भुलना चाहा, परन्तु वो नही कर सका। उन्होने उसके मन को छेदा था... उसे ऐसा लगता था कि वो क्रूस के पाँव के पास है और उसके पापो को उनके बहुमूल्य लहू द्वारा षुध्ध करने की विनती कर रहा था... वह रोते रहा और प्रार्थना करते रहा मध्यरात्रि तक। फिर वह (सुना हुआ लगता था) आवाज कहते हुए,” पुत्र, तेरे पाप माफ कर दिये गये है, और, लगता था पापो का सारा बोज उसके कंधे से एकदम गिरा हो... वो उनके पाँव को लिपट गया चिल्लाते हुए “हल्लिलू्ययाह!” (लायोल, ibid., पृपृश्ठ.33-34)। वो चिल्लाते हुए और प्रभु की प्रषंसा करते हुए पुरे विषाल सोने के कमरे मे दौडा। अब उसने सबके साथ बात करना षुरू किया उसके सहायक और धार्मिक पाठषाला के षिक्षको को मिलाकर। “सब यीषु के लिये।” इसे फिर से गाइये!
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे;
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
धार्मिक पाठषाला के राश्ट्रपति ने सोचा उसने उसका दिमाग खो दिखा है बहुत पाण्डित्य प्रयत्न के कारण, और उसे मनोचिकित्सक कक्ष मे पागलखाने मे भेज दिया। उसने वहाँ पागलखाने मे 6 महिने बिताये। उस समय के दौरान उसने बाइबल को षुरू से अंत तक चालीस बार पढ़ा। “इस प्रकार पागलों की अस्पताल जोन सन्ग के लिये थीयोलोजीकल महाविद्यालय बन गयी!” (लायोल, पृश्ठ. 38)। आखिरकर वो छोड़ा गया उस षर्त पर कि वो चीन वापस चला जायेगा। जोन सन्ग ने युनीयन धामिक पाठषाला मे अपने रिष्ते काट दिये जब उसने उसकी स्वतंत्र थीयोलोजीकल किताबे जला दी, उन्हे कहते हुए “दुश्टात्मा की किताबे।” युनीयन धार्मिक पाठषाला कभी भी उसके संबध बडे सुसमाचार प्रचार चीन के इतिहास के साथ के लिये गर्व महसूस नही किया।
उसके चीन के वापसी सफर मे उसे पता था कि वो आसानी से रसायनषास्त्र मे प्राध्यापक की पदवी पा सकता है कोई भी चीनी विष्वविद्यालय मे। “एक दिन, जहाज उसके सफर के अंत के करीब था, जोन सन्ग नीचे अपनी केबिन मे गया, उसने केबिन की पेटी से उसकी स्नातकताएँ, पदक और उसकी भाइचारे की चाबी ली और उसे जहाज की छत से (समुद्र मे) फेंक दिया। सारी सिवाय उसकी तबीबी स्नात्कता के, जो उसने उसके पिता को संतुश्ठ करने रखी” (लायोल, पृश्ठ. 40)।
डो. जोन सन्ग षांघहाई मे जहाज से उतरे 1927 के गिरावट मे, चीन के इतिहास मे सबसे मषहूर सुसमाचार प्रचारक बनने। वो कई बार “चीन के वेस्ली” कहे जाते है। जोन सन्ग एकदम सुसमाचार के षक्तिषाली प्रवक्ता बने। चीन मे 100,000 से ज्यादा परिवर्तित हुए उसके प्रचार के अधीन सिर्फ तीन वर्श मे! उसने बर्मा, कम्बोडीया, सींगापोर, इन्डोनेषिया और फीलीपाइन्स मे भी प्रचार किया। उसने सदा अनुवादक के साथ ही प्रचार किया, चीन मे भी, क्योंकि उसकी प्रान्तीय भाशा ज्यादा मषहूर नही थी। वाइटफिल्ड की तरह, जोन सन्गने व्यक्तिगतरूप से ज्यादातर समजाया उन सबको जिन्होने उसके प्रचार का प्रतिवादन किया था। “चीन और ताइवान मे आज मसीही सन्ग की धर्म प्रचारकता के ऋणी है; वो प्रभु की एक भेट थी पूर्वीय देषो को बीसवी सदी मे” (टी. फराक, जे.डी. डग्लास में, पीएच.डी. हुस हु इन क्रीस्टीयन हीस्ट्री, (मसीही इतिहास मे कौन किसका), टायन्डेल हाऊस, 1992, पृश्ठ. 650)। जोन सन्ग की उत्तम लघु जीवनी है मानवीय वीलीयम इ. स्कुबर्ट के द्वारा जिसका षिशर्क है, “मुझे जोन सन्ग याद है,” लाभदायक हे www.strategicpress.org. माननीय स्कुबर्ट की जीवनी खरीदने के लिये यहाँ क्लिक करे। लेस्ली लायोल द्वारा डो. जोन सन्ग की जीवनी खरीदने के लिये यहाँ क्लिक करे (स्कुबर्ट के जीतनी अच्छी नही परन्तु रूचिकर अगर थोडीसी दोशदर्षी) डो. जोन सन्ग की डायरी, षिर्शक है “ध जनरल वन्स लोस्ट” खरीदने यहाँ क्लिक करे। डो. जोन सन्ग पर वीकीपीडीया आर्टीकल पढने के लिये यहाँ क्लिक करे।
वे केन्सर के कारण मरे 1944 मे, बयालीस वर्श की आयु मे।
“यदि मनुश्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए तो उसे क्या लाभ होगा?” (मरकुस 8:36)
मेरी यह प्रार्थना है कि आप सच्चे परीवर्तन का अनुभव करे, जैसे डो. सन्ग ने किया। मैं प्रार्थना करता हूँ कि प्रभु आपको इस जीवन का खालीपन दिखायेंगे; और प्रभु आपको पापो के गहरे अपराधभाव के अधीन लायेंगे; और प्रभु आपको मसीह के पास ले जायेंगे उनके षुध्ध लहु से आपको पापो से षुध्ध करने। और मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप आज रात 6.00 बजे फिर से आयेंगे डो. जोन सन्ग के बारे मे दूसरा धार्मिक प्रवचन सुनने जिसका षीर्शक है “स्वतंत्र धार्मिक पाठषाला मे डो. जोन सन्ग के साथ” श्ॅपजी क्तण् ैनदह ंज जीम स्पइमतंस ैमउपदंतलश् (इसे पढ़ने यहाँ क्लिक करे)। आमीन। महेरबानी करके खडे रहीये और आपके गीतो के पर्चे का गीत क्रमांक 3 गाइये, “सब यीषु के लिये।”
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरी सारी मुक्ति की षक्ति :
मेरे सब विचार और वचन और व्यवहार,
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
सब यीषु के लिये! सब यीषु के लिये!
मेरे सब दिन और मेरे सब घंटे।
(“सब यीषु के लिये” मेरी डी. जेम्स, द्वारा 1810-1883)
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : मरकुस 8:34-37।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
“तुझे नये सिरे से जन्म लेना अवष्य है” (वीलीयम टी स्लीपर द्वारा, 1819-1904)
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