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आत्मा जीतनेवालों के लिये सांसारिक आषीर्वादEARTHLY BLESSINGS FOR SOUL WINNERS डो.आर.एल.हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 14 अगस्त, 2011, “धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान् मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” (नीतिवचन 11:30)। |
मै इस धार्मिक प्रवचन में डो. राइस की किताब ध गोल्डन पाथ टु सकसेसफुल पर्सनल सोल वीनींग, के पाठ को गाढ़ा और ठीक करता हुँ (जोन. आर. राइस, डी.डी., स्वोर्ड ओफ ध लोर्ड प्रकाषन, 1961, पृपृश्ठ. 275-296)।
सच्चा मसीही जो आत्मा जीतता है उसे विषेश आषीर्वाद होता है, जो सामान्य मसीही, और कलीसिया के सदस्य जो आत्मा जीतनेवाले नही है उनके पास नही होता। कलीसिया सदस्य जो आत्मा नही जीतते वे अच्छे मसीही नहीं है, जीसके पास ज्यादा वचन नही होता, ज्यादा आनंद नही, ज्यादा प्रार्थनाओं का जवाब नहीं दिया जाता, उससे जिसका जीवन आत्मा जीतने के केन्द्र पर होता है। बाइबल का विद्वान होना आत्मा जीतनेवाले से अच्छा नही होत। षहीद बनने के लिये, आप की दोशसिध्धि के लिये बाधा सहना और मरना, आत्मा जीतनेवाले के जैसा अच्छा नही होता।
“धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान् मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” (नीतिवचन 11:30)।
जो आत्माओ को जीतते है वे बुद्धिमान् है। वे मसीह के आनेवाले साम्राज्य मे बडा पुरस्कार पायेंगे। परन्तु रूकिये! वहाँ पर और ज्यादा है। लवलीन आत्मा जीतनेवालो के पास बहुत से सांसारिक आषीर्वाद होते है - आषीर्वाद अभी.
I. पहला, आत्मा जीतनेवाला सर्वोत्तम मसीही है।
आत्मा जीतनेवाले अभी भी अधूरें, दुर्बल विनाषी है, जैसे सारे मसीही है। कुछ आत्मा जीतनेवाले बहेतर मसीही है दूसरो से। परन्तु कलीसिया सदस्य जो आत्मा नही जीतते उनसे बहेतर है। जबसे यीषु “खोए हुओं को ढूढ़ने और उनका उद्धार करने आया है” (लूका 19:10), और जबसे “मसीह यीषु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया” (1 ती मुथियुस 1:15), फिर वे वही करते है जो यीषु ने किया वो यीषु को खुष करते है जो आत्मा नही जीतनेवाला है उससे ज्यादा। “आज हम काटेंगे”। इसे गाइये!
आज हम काटेंगे, या हमारी सुनहरी कटनी चुक जाउगी!
आज हमे खोयी हुई आत्माएँ जीतने के लिये दी गई है।
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अनदर लाने।
(“कितना कम समय” डो. जोन आर. राइस द्वारा, 1895-1980)।
डो. राईसने मषहूर धार्मिक प्रवचन “आत्मा नही जीतने का सात परत का पाप” (“The Seven – Fold Sin of Not Winning Souls”) पर प्रवचन किया। उन्होने उन पापो की सूचि इस संदेष मे फिर से दी। यहां है जो आत्मा नही जीतने उनके द्वारा किये गये सात पाप।
(1) मसीह के मुख्य आदेष को नहीं मानने का पाप।
“तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दे; और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ; और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हुँ” (मती 28:19-20)।
इसलिये हर नये व्यक्ति को सीखाना चाहिये सारी चीजे जो मसीह द्वारा आदेश कि गई थी प्रेरितो को करने। नये परिवर्तित को, फिर, दिया जाता है बडा अधिकार आत्माओं को जीतने के लिये। यह हर सच्चे मसीही के लिये मुख्य आदेश है। इसे नही मानना बडा पीडा- कारक पाप है।
(2) यीशु मसीह के लिये प्रेम की कमी होने का पाप। यीशु ने कहा,
“यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञा ओं को मानोगे”
(यहून्ना 14:15)।
“जिस के पास मेरी आज्ञाएँ है और वह उन्हे मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है” (यूहन्ना 14:21)। स्पश्टता से, फिर, व्यक्ति जो मसीह का आत्मा जीतने और नये चेले बनाने का बडा आदेश नही मानते, उसे मसीह के लिये प्रेम की कमी होती है। जो आत्माओं को नही जीतते वे शायद कहे कि वे यीशु से प्रेम करते है, परन्तु उनकी आत्मा जीतने की अनिच्छा प्रमाणित करता है कि वे सिर्फ शब्द कहते है, वे हकीकत मे उनसे प्रेम करते ही नही।
(3) यीशु को अनुकरण नही करने का पाप।
मती 4:19 मे यीशुने कहा, “मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यो के पकड़नेवाले बनाऊँगा”। मरकुस 1:17 मे यीशुने कहा, “मेरे पीछे आओ; मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊँगा।” फिर यह स्पश्ट है - वे जो मसीह का अनुकरण करते है वो आत्मा जीतनेवाले होंगे। वे जो आत्मा नही जीतते वे मसीह का अनुकरण पवित्रशास्त्र के अनुसार नही करते।
(4) मसीह मे स्थायी नही होने का पाप।
यूहन्ना 15:5 मे, यीशुने कहा, “... जो मुझे मे बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझे से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।” यीषु यहांॅ “आत्मा के फल” की बात नही करते। वे मसीही के फल की बात करते है, वह है, आत्मा जीतने के द्वारा ज्यादा मसीही बनाना। पीच, सेब, और संतरे वृक्ष के फल है। और मसीही का फल है दूसरा मसीही। संतरे के वृक्ष पर संतरे होते है। सेब के वृक्ष पर सेब होते है। सच्चे मसीही आत्मा जीतने के द्वारा दूसरा सच्चा मसीही बनाते है। उत्पति की किताब मे हम पढ़ते है, “परमेष्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वन-पषुओं को, और जाति जाति के घरेलू पषुओं को बनाया” (उत्पति 1:25)। ऐसा ही है सच्चे परिवर्तित के साथ। वे दूसरा सच्चा परिवर्तित उत्पन्न करते है, “जाति जाति के”। जब जूठा या सामान्य कलीसिया जाने वाले आत्मा जीतने का प्रयत्न करता है तो वो यह नही कर सकता। वे सिर्फ उन्हे उलझा देते है, और उन्हे सांसारिक “उनकी जाति” का बना देते है। फरीसियों की तरह धर्मनिश्ठ परन्तु खोया हुआ कलीसिया का सदस्य “तुम एक जन को अपने मत मे लाने के लिये सारे जल और थल मे फिरते हो, और जब वह मत मे आ जाता है तो उसे अपने से दूना नारकीय बना देते हो” (मती 23:15) कर सकता है। जाति की व्यवस्था ‘‘जाति जाति के’’ यहाँ लागु होती है। खाये हुए लोग सिर्फ दूसरे खोये हुए लोग उत्पन्न कर सकते है, जैसे हम हमारे और दूसरे कलीसिया में देखते है। “जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमे, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।” (यूहन्ना 15:5)।
(5) अप्रमाणिकता का पाप।
जो सुसमाचार सुनते है, परन्तु दूसरो को जीतने के लिये कुछ भी नही करते वे अप्रमाणिक और कुटिल है। वे प्रमाणिक कर्ज नही चुकाते। दास जिसने निवेष करने के लिये दिये हुए पैसे छिपाये हो, उनसे मास्तरने कहा, “हे दुश्ट और आलसी दास” (मती 25:26)। लेकर नही देना अप्रमाणिकता है। इसलिये, फिर, कलीसिया के सदस्य जो आत्मा नही जीतते, वे अप्रमाणिक और कुटिल होते है।
(6) अल्पदृश्टिवाला मूर्ख होने का पाप।
“बुद्धिमान मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” (नीतिवचन 11:30), “और तब सिखानेवालों की चमक आकाषमण्डत की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते है, वे सर्वदा तारों के समान प्रकाषमान रहेंगे” (दानिय्येल 12:3)। आत्मा जीतनेवाला बुद्धिमान् है - वह ऊपर स्वर्ग मे खज़ाना रखता है, और अनंत पुरस्कार से भाग्यवान बनेगा। परन्तु अल्प दृश्टिवाले कलीसिया के सदस्य जो आत्मा ये नहीं जीतते वे बुद्धिमान नही है, परन्तु मुर्ख है, प्रभु कहते है।
(7) आत्मा का वध करने का पाप।
भविश्यवक्ता यहेजकेल द्वारा दी गई चेतावनी को सुनीये,
“मनुश्य के सन्तान, मैं ने तुझे इस्त्राएल के घराने के लिए पहरूआ नियुक्त किया है, तू मेरे मुँह की बात सुनकर, उन्हें मेरी ओर से चिताना। जब मैं दुश्ट से कहूँ, तू निष्चय मरेगा; और यदि तू उसको न चिताए, और न दुश्ट से ऐसी बात कहे जिस से कि वह सचेत हो और अपना दुश्ट मार्ग छोड़कर जीवित रहे, तो वह दुश्ट अपने अधर्म मे फँसा हुआ मरेगा, परन्तु उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूँगा”
(यहेजकेल 3:17-18)।
जैसे यहेजकेल हिसाब देते है और उनका लहू गुनाहित होअगर उनकी लापरवाही से लोग उनके पापों मे मरते है, इसलिये हर सच्चा मसीही उत्तरदायी है। मसीही जो स्नेहीजनो और परिचितो को बिना चेतावनी दिये मरने देता है उसके हाथो पर लहू होता है और उसे प्रभु का सामना करना पडता है, हिसाब देने मसीह के न्याय आसन पर! “आज हम काटेंगे” इसे गाइये!
आज हम काटेंगे, या हमारी सुनहरी कटनी चुक जाउगी! आज हमे खोयी हुई आत्माएँ जीतने के लिये दी गई है।
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अनदर लाने।
“धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान् मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” (नीतिवचन 11:30)।
II. दूसरा, आत्मा जीतनेवालो के पास मसीह के साथ विषेश नजदीकी और मिलन होता है।
आत्मा जीतनेवालो के पास, इस धरती पर, आनंद और षांति, और आराम की उपाधि होती है, जो सामान्य मसीही के पास नही हो सकती।
श्रेश्ठ अधिकार के अंत मे यीषु आत्मा जीतनेवालो को यह वचन देेते है,
“देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हुँ”
(मती 28:20)।
सिर्फ जो आत्माओ को जीतते है उन्हे वो वचन मिलता है। आवष्यक मिलने, सचेत नजदीकी, रक्षण और सफलता का वचन सिर्फ आत्मा जीतनेवालो को मिलता है। इसलिये आत्मा जीतनेवाला यीषु से आवष्यक मिलन पाता है, उस द्वारा भेजा है, उनके द्वारा विषेश प्रेम पाता है, विषेश षांति प्रभु यीषु द्वारा दी जाती है। “आज हम काटेंगे”। इसे फिर से गाइये!
आज हम काटेंगे, या हमारी सुनहरी कटनी चुक जाउगी!
आज हमे खोयी हुई आत्माएँ जीतने के लिये दी गई है।
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अनदर लाने।
III. तीसरा, आत्मा जीतनेवालो के पास पवित्र आत्मा का पुरा आषीर्वाद होता है। सिर्फ आत्मा जीतनेवालो को दिया जाता है।
हम अवष्य जानते है कि हर सच्ची तरह परिवर्तित मसीही की पवित्र आत्मा की सेवा मे कुछ हिस्सेदारी होती है। वो पवित्र आत्मा द्वारा अपराधी प्रमाणित हुआ था (यूहन्ना 16:7-11)। हर सच्चा मसीही “आत्मा से जन्मा है” (यूहन्ना 3:6) है। हर सच्चे मसीही के पास पवित्र आत्मा होती है सुखदायी, षिक्षक, और प्रार्थना सहायक। पवित्र आत्मा हर सच्चे मसीही मे बसती है। (1 कुरिन्थियों 6:19.20; रोमियों 8:9)।
फिर भी यह स्पश्ट है कि वहाँ पर पवित्र आत्मा द्वारा आत्मा जीतनेवालों के लिये विषेश देन होती है। जब पिन्तेकुस्त का दिन आया, “वे सब पवित्र आत्मा से भर गए” (प्रेरितो 2:4) आत्मा जीतने के लिये औैर उन्होने बड़ी षक्ति के साथ गवाही दी, और तीन हजार लोगो को बचते हुए देखा। परन्तु बाद में वे फिर से आत्मा द्वारा भरे गये थे, “और वे सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गए” (प्रेरितो 4:31) और उन्होने फिर से, बहुत सी आत्माएँ जीती। हमे बरनबास के लिये कहा गया, “वह एक भला मनुश्य था, और पवित्र आत्मा और विष्वास से परिपूर्ण था; और अन्य बहुत से लोग प्रभु में आ मिले” (प्रेरितो 11:24)। इससे और दूसरे बहुत से पवित्रषास्त्र से यह एकदम स्पश्ट है कि आत्मा की परिपूर्णता सिर्फ आत्मा जीतनेवालो के लिये और सिर्फ जीसने आत्मा जीतने का प्रयत्न किया उनके लिये ही है।
आत्मा की परिपूर्णता आत्मा जीतने की षक्ति के लिये दी गई है, पवित्रषास्त्र के स्पश्ट वाक्य के अनुसार। यह आषीर्वाद सामान्य मसीही नही पाते। “आज हम काटेंगे”। इसे गइये!
आज हम काटेंगे, या हमारी सुनहरी कटनी चुक जाउगी!
आज हमे खोयी हुई आत्माएँ जीतने के लिये दी गई है।
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अन्दर लाने।
IV. चौथा, आत्मा जीतनेवालोंको संसार के दूसरे आनंद से ज्यादा आंनद होता है।
क्या ऐसा लगता है कि मैं आत्मा जीतने पर बहुत ज्यादा दावा कर रहा हूँ? हकीकत में मैं कर रहा हूँ। भजनसंहिता 126:5 और 6 कहते है,
“जो आँसू बहाते हुए बोते है, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे। चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियों लिऐ जयजयकार करता हूआ निष्चय लौट आएगा” (भजनसंहिता 126:5-6)।
आत्मा जीतना, उस व्यक्ति को अधोलोक से बाहर रखना, पांच हजार डोलर मिलने से बहेतर है! आत्मा जीतनेवाले मसीही को दूसरे लोगो से ज्यादा आनंद मिलाता है।
डो. राइस ने कहा, “मैं इस संसार की चीजो में गरीब हूँ। मैं पापों के विरूद्ध इतनी सरलता से प्रवचन देता हूँ, आधुनिकता (स्वतंत्र विचार का सिध्धांत) और अविष्वास की कुछ लोग मुझे से नफरत करते है और उनमे से बहुत से लोग सोचते है कि अगर मैं मर जाऊँ तो राश्ट्र पर उपकार होगा। मैं कलंकित और गाली देने योग्य हूँ, फिर भी मेरा मन उठाया गया माप से ज्यादा प्रेम और आत्माषक्ति और हजारो लोगों के आषिश द्वारा जो मेरी सेवा के अधीन मसीह तक आये थे। मैं जानता हूँ कि आत्मा जीतने वाले का आनंद आदमी के हर आनंद से ऊपर है। परमेष्वर मेरा गवाह है, मुझे हजारो लोगो की जानकारी हो जिन्होने मसीही मे विष्वास किया मेरी सेवा द्वारा हजारो डोलर के बजाय! “ओर, आत्मा जीतनेवाला बनना अद्भूत है!” “आज हम काटेंगं!” इसे गाइये!
आज हम काटेंगे, या हमारी सुनहरी कटनी चुक जाउगी!
आज हमे खोयी हुई आत्माएँ जीतने के लिये दी गई है।
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अनदर लाने।
“धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान् मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” (नीतिवचन 11:30)।
मै हमारे कलिसीया मे सच्चे मसीहीयो को प्रचार करता आया हूॅ और उन खोये हुओ को मसीह ढूँढने मे मदद करने के लिये प्रोत्साहित करता आया हूँ। परन्तु आप अभी तक परिवर्तित नही हो। आपने अपने पापो का कभी भी पष्चाताप नही किया। ओह, हम कैसे प्रार्थना करें ताकि आप हमारे अद्भूत उद्धारक यीषु के पास आओ, वे क्रूस पर मरे हमारे पापो को चुकाने। वे मृत्यु से षारिरिक रूप से उठे। वे अभी तीसरे स्वर्ग मे है, परमेष्वर पितामह के दाहिने हाथ पर बैठे हुए।
हम आप नये लोगो से दयालु और मित्रतापुर्ण है। हम आप से अच्छा व्यवहार करते है, और हम आपके लिये प्रार्थना करते है। यह हमारी बडी प्रार्थना है कि आप पाप से फिरो और यीषु के पास आये। आप ऐसा करो यह हमारी विनती और प्रभु से निवेदन है। आमीन। महेरबानी करके खडे रहीये और आपके गीत के पर्चे का आखिरी गाना गाईये।
कितना कम समय! कटनी खत्म हो जायगी,
हमारी कटाई हो गई,
हम काटनेवालो को घर ले जाया गया,
हमारा काम यीषु को बताईये, कटनी का प्रभु,
और आषा करता हुॅ वे मुस्कुराएंगे,
और वे कहेंगे, ‘‘अच्छा किया!’’
आज हम काटेंगे, या हमारी
सुनहरी कटनी चुक जाएगी।
आज हमें खोयी हुई आत्माएॅ
जीतने के लिये दी गई है,
ओ फिर कुछ स्नेहीजनो को जलने से बचाने,
आज हम जाऐंगे कुछ पापीयो को अन्दर लाने।
(‘‘कितना कम समय’’ डो. जोन. आर. राईस द्वारा, 1895-1980)।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्र षास्त्र :
नीतिवचन 28 : 31।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेजामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
“ध प्राइस फोर रीवाइवल” (डो. जोन आर. राईस द्वारा, 1895-1980)।
रूपरेखा आत्मा जीतनेवालो के लिये सांसारिक आषीर्वाद डो.आर.एल.हायर्मस, जुनि. द्वारा “धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, बुद्धिमान् मनुश्य लोगो के मन को मोह लेता है” ( नीतिवचन 11 : 30)। I. पहला, आत्मा जीतनेवाला सर्वोत्तम मसीही है। लूका 19:10;1 तीमुथियुस 1:15; मती 28: 19-20; यूहन्ना 14:15,21; मती 4 : 19; मरकुस 1:17; यूहन्ना 15:5; उत्पति 1:25; मती 23 : 15; 25 : 26; दानिय्येल 12 : 3; यहेजकेल 3 : 17-18। II. दूसरा, आत्मा जीतनेवालो के पास मसीह के साथ विषेश नजदीकी और मिलन होता है, मती 28:20। III. तीसरा, आत्मा जीतनेवालो के पास पवित्र आत्मा का पुरा आषीर्वाद होता है, सिर्फ आत्मा जीतनेवालो को दिया जाता है, यूहन्ना 16: 7 - 11; 3 : 6; 1 कुरिन्थियो 6 : 19 - 20; रामियो 8:9; IV. चौथा, आत्मा जीतनेवालो को संसार के दूसरे आनंद से ज्यादा आनंद होता है, भजनसंहिता 126:5-6। |