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यरूशलेम के कलीसिया में धर्मप्रचारEVANGELISM IN THE CHURCH AT JERUSALEM डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, 17 जुलै, 2011 ‘‘चोराहों पर जाओं और जितने लोग तुम्हें मिलें, सबको विवाह के भोज में बुला लाओ’’ (मती 22:9)। |
मसीह ने अपने अनुकरण करनेवालो से यही करने को कहा विवाह के भोज के द्रष्टांत में। वैसे ही, श्रेष्ठ भोज के द्रष्टांत में, मसीह ने कहा, ‘‘सड़कों पर और बाडों की और जा और लोगों को विवश करके ले आ’’ (लूका 14:23)। ‘‘विवाह में बुला (उन्हें आमंत्रित करो) लाओ।’’ ‘‘लोगों को विवश करके ले आ’’। इस द्रष्टांत के वचन है बडे अधिकार का प्रकाशन, मती 28:19-20; मरकुस 16:15; लूका 24:47; यूहन्ना 20:21; प्रेरितो 1:8; और दूसरी जगहों पर भी दिया है।
परंतु हम कैसे संपूर्ण करे जो मसीह ने हमें करने को कहा जब उन्होंने कहा, ‘‘लोगो को विवश करके ले आ’’? इसका जवाब दिया गया है प्रेरितो 2:42; 46:47 में। महेरबानी करके खडे रहिये और वो पद जोर से पढ़ीये।
‘‘और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे’’ (प्रेरितों 2:42)।
‘‘और वे प्रतिदिन एक मन होकर मंदिर में इकट्ठे होते थे, और घर - घर रोटी तोडते हुए आनंद ओर मन की सीधाई से भोजन किया करते थे। और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे। और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था’’ (लूका 2:46-47)
आप बैठ सकते हो।
डो. जोन आर. राइसने कहा, ‘‘यरूशलेम के कलीसिया की प्रगति उन मसीहीयों के लिये नमूना है जो सुसमाचार प्रचार सारे विश्व में ले गये’’ (जोन आर. राइस, डी.डी., व्हाय अवर चर्चेस डु नोट वीन सोल्स, र्स्वोड अॉफ ध लोर्ड प्रकाशक, 1966, पृष्ठ.25)। प्रेरितो 2:42 में हमें चार औजार दिये गये है कि यरूशलेम में जो नमूने का कलीसिया इस्तेमाल किया गया था नये परिवर्तित को सामिल करने :
1. धर्म विषयक शिक्षा का प्रचार, जिसका आज अर्थ है प्रचार जो प्रेरितो ने प्रवचन किया था, प्रेरितो की किताब में -सुसमाचार क मूल प्रवचन उसके सारे मुद्दे और शिक्षा में।
2. संगति। ग्रीक शब्द है ‘‘कोइनोमीया’’। इसका अर्थ है हिस्सेदारी, सामाजिक-गठबंधन, संगति का आनंद उठाया (डब्ल्यु. ई. विने), हिस्सेदारी, (ज्योर्ज रीकर बेरी), सहभाजन, मिलनसारी, आनंदित भाईचारा, मसीही मित्रता स्थानिय कलीसिया में।
3. रोटी को तोडना। प्रेरितों 2:46 के अनुसार, इसका अर्थ प्रभु के भोज से बहत ज्यादा है। इसका अर्थ है कि उन्होंने सच्ची संगति में बहुत से भोज साथ में खाये, आनंदित भाईचारे में।
4. प्रार्थनाएँ। ध्यान दिजीये कितने बार उन्होंने प्रार्थना की प्रार्थना सभा में, प्रेरितो की किताब में। कुछ लोग कलीसिया में सामिल किये गये बिना प्रार्थना के बडे परिणाम के।
अगर हम वो चार जरूरी मुद्दे निकाल बाहर करें, तो मैं मानता हूँ कि हमारे कलीसिया बहुत लोगो को परिवर्तित और बप्तीस होते देखेंगे हमारे कलीसिया के सदस्य की तरह।
हमें आवश्यकता है ज्यादा प्रवचन की उन विषयों पर जिसमें प्रेरितो ने सदा प्रचार किया है - मसीह की क्रूस पर मृत्यु, मसीह का मृत्यु से पुनरूत्थान, नया जन्म, आनेवाला दण्ड।
ज्यादातर याजक आज कुशलता से पद के बाद पद की सूखी बाइबल की पढाई देते है। (जो प्रेरितो ने कभी भी प्रेरितो की किताब में नहीं दिये) या ‘‘कैसे’’, स्वसहाय धार्मिक प्रवचन (जो प्रेरितो ने कभी भी प्रेरितो की किताब में नहीं दिये)। आज हमें आवश्यकता है ‘‘प्रेरितो के शिक्षा की’’ - पहले कभी भी थी उससे ज्यादा! मैंने जाना है कि मैं मसीह के सुसमाचार के विभिन्न पहलू पर प्रवचन दे सकता हूँ हर रविवार सुबह, वर्षो तक, बिना लोगो का ध्यान तोडे, और कभी - कभी रविवार रात को भी! जैसे पुराना गीत कहता है,
मुझे कहानी कहना पसंद है,
उनके लिये जो इसे अच्छी तरह जानते हो
दूसरो की तरह इसे सुनने
भूखे और प्यासे लगते हो।
और जब, भव्यता के दृश्यों में,
मैं नया, नया गीत गाता हूँ,
वह पुरानी, पुरानी कहानी होगी,
जिसे मैंने बहुत समय से प्रेम किया।
मुझे कहानी कहना पसंद है,
वह मेरी भव्यता में मुख्य विषय होगा।
पुरानी, पुरानी कहानी कहना यीशु और उसके प्रेम की।
(‘‘मुझे कहानी कहना पसंद है’’
ए. केथरीन हेन्की द्वारा, 1834 - 1911)।
और, फिर हमें निरंतर संगति पर प्रभाव डालने की आवश्यकता है। बहुत वर्षो पहले मैं कितना उदास था, जब मैंने देखा कि जो कलीसिया की मैंने मुलाकात ली थी वहाँ याजक लोगो को कलीसिया से बाहर निकाल रहे थे। उसने अक्षरशः उन्हें बाहर धक्का दिया, कलीसिया के द्वार बंद कर दिये और भाग गये - कुछ लोगो से बाजु के रास्तों पर एक या दो मिनट के लिये बातें करता हुआ छोडकर!
एक आदमी ने मुझे कहा कि उसने सान फरनान्डो वेली में मशहूर कलीसिया में पूरे वर्ष तक हाजरी दी थी, हर रविवार। किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। किसी ने ना उन्हें बुलाया ना मुलाकात की। सिर्फ एक आदमी ने उनके साथ बात की - वो भी सिर्फ एक बार - एक बार पुरे वर्ष में! आदमी जिससे किसी ने कभी भी बात नहीं की थी वे अब हमारे कलीसिया में वरिष्ठ छोटे याजक है, डो. क्रीस्टोफर एल. केगन।
धर्मप्रचार को असरदार बनाने के लिये स्थानिय कलीसिया में संगति जरूरी है। यरूशलेम के कलीसिया ‘‘संगति रखने ... लौलीन रहे’’ (प्रेरितो 2:42)। कोई आश्चर्य नहीं की उनके पास ‘‘सब लोग उनसे प्रसन्न थे। और जो उद्वार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था’’ (प्रेरितो 2:47)। यीशु ने कहा कि कलीसिया के मसीहीयों के बीच में सच्चा लगाव खोये हुए संसार को बता देगा कि हम उसके चेले है,
‘‘मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। यदि आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:34-35)।
हकीकत में यीशु हमें आदेश देते है एक दूसरे से प्रेम करने के लिये,
‘‘मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो’’ (यूहन्ना 15:12)।
मेरे पहले के याजक लोस एंजलिस के पहले चीनी बेपटीस्ट कलीसिया में इस आदेश पर बडा दबाव डालते है। डो. तीमोथी लीन ने कहा,
प्रेरितो को यह आदेश (यूहन्ना 15:12) मिला सीधा प्रभु से, और फिर बाद में उन्होंने इसका अभ्यास विश्वसनीयता और निरंतर किया। परिणाम स्वरूप, ‘देखो, कैसे मसीही एक दूसरे से प्रेम करते है!’ प्रशंसा और सराहना के अभियुक्त बने (मूर्तिपूजक) उस समय मसीहीयों से। ऐसे आज के लिये, ‘एक दूसरे से प्रेम करना’ सिर्फ एक नारा ही है कलीसिया में कहे जानेवाला यांत्रिकरूप से, परंतु बहुत कम परवाह करते है ... जब कलीसिया प्रेम के महत्व और सत्व को नहीं समझते ... यह प्रभु के लिये उनके साथ रहना नामुमकिन है। प्रभु हम पर दया करें! (तीमोथी लीन, पीएच.डी., ध सीक्रेट अॉफ चर्च ग्रोथ, लोस एंजलिस का पहला चीनी बेप्टीस्ट कलीसिया, 1992, पृष्ठ.33)।
जब डो. लीन याजक थे, वहाँ पर निरंतर प्रभाव था ‘‘कोईनोनीया’’ (संगति) और एक दूसरे से प्रेम करने पर। फलस्वरूप, मैंने देखा कि वो कलीसिया बढता है, कुछ सालो में ही, करीबन एक सौ लोगो से दो हजार से भी ज्यादा।
और भी, यरूशलेम के कलीसिया में उन्होंने बहुत से भोज साथ में खाये। वे प्रार्थना सभा से बाहर नहीं भागे खाना खाने घर पर या उपहारगृह में। वे ‘‘संगति रखने, रोटी तोडने ... लौलीन रहे’’ (प्रेरितो 2:42)। ‘‘कलीसिया के पहले के दिनों के दौरान, प्रेम भरा भोज रखा गया था प्रभु के साथ भोज संतो के एक दूसरे के साथ प्रेम के वचन की तरह’’ (वीलीयम मेकडोनाल्ड, बीलीवर्स बाइबल कोमेन्ट्री थोमस नेल्सन प्रकाशन, 1995, पृष्ठ.1588, प्रेरितो 2:42 पर टीप्पणी)।
जब लोगों ने मसीह में रूचि दिखाई, उन्हें कलीसिया की संगति और उत्साह में लाये गये ‘‘उन्हें खाना देने और प्रोत्साहित करने’’ (मेकडोनाल्ड, पइपकण्)।
आखिरकार, वहाँ पर प्रार्थना पर बडा प्रभाव था। ‘‘और वे प्रार्थना करने में ... लौलीन रहे’’ (प्रेरितो 2:42)। पिन्तेकुस्त में पुनःजीवन शुरू हुआ संयुक्त प्रार्थना सभा के दौरान,
‘‘ये सब कई स्त्रियों और यीशु की माता मरियम और उसके भाइयों के साथ एक चित होकर प्रार्थना में लगे रहे’’ (प्रेरितो 1:14)।
‘‘जब पिन्तेकुस्त का दिन आया तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे’’ (प्रेरितो 2:1)
वचनों पर ध्यान दिजीये ‘‘एक चित होकर प्रार्थना में लगे रहे’’ प्रेरितो 1:14 में । डो. तीमोथी लीन ने कहा, ‘‘चीनी बाइबल अनुवाद करता है ‘एक चित में’ ‘समान मन और समान दिमाग के साथ’ की तरह। ... बहुत से कलीसिया की प्रार्थना सभा आज हकीकत में विरान हो गई है। ऐसे गमगीन हालात का सामना करते हुए, बहुत से कलीसिया ... उनकी प्रार्थना सभा रद ही करते है ... आज-कल, बहुत से मसीही उनके प्रभु की पूजा के बदले टेलीवीझन की पूजा करते है ... यह हकीकत में उदास (चिंताजनक) है।’’ (तिमोथी लीन, पीएच.डी., पइपक, पृपृष्ठ.94-95)।
‘‘और वे प्रेरितो से शिक्षा पाने और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे’’ (प्रेरितो 2:42)।
‘‘और जो उद्वार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था’’ (प्रेरितों 2:47)।
उनके पास गीतमाला नहीं थी, ओवरहेड प्रोजेक्टर नहीं थे, कलीसिया की इमारत नहीं थी, ना प्रबंध और ना बाइबल! क्यों? क्योंकि वहाँ पर अभी तक छापखाने नहीं थे! इसके बावजूद भी, यरूशलेम के कलीसिया में जल्दी ही पांच हजार सदस्य बढ़ गये। परंतु उनके पास सुसमाचार प्रवचन, गहरी संगति, बहुत से खुशी के भोज साथ में, और बडी प्रार्थना सभा थी। इस ‘‘औजार’’ के साथ प्रभु ने उनको शक्ति से आशीर्वाद दिये। डो. फिलीप स्काफ ने कहा,
कुछ मसीही, या, जैसे उन्होंने उनको पहले बुलाया, चेले ... जल्द ही पांच हजार तक बढ़ गये। वे प्रेरितो के सूचन, और संगति के अधीन, प्रतिदिन की प्रभु की प्रार्थना में, और उनके पवित्र भोज के उत्सव में, उनके आश्चर्य की स्थिति या प्रेम की मेजबानी के साथ लौलीन रहे। वे अपने आपको प्रभु के एक परिवार के महसूस करने लगे, एक शरीर, एक मस्तिक के अधीन सदस्य, यीशु मसीह (फिलीप स्काफ, पीएच.डी., हीस्ट्री अॉफ ध क्रीस्टीयन चर्च, डब्ल्युएम.बी. एडरमान्स प्रकाशन कम्पनी, 1975 में फिर से छपा हुआ, भाग 1, पृष्ठ.247)।
जैसे डो. जोन आर. राइसने कहा, ‘‘यरूशलेम के कलीसिया की प्रगति उन मसीहीयों के लिये नमूना है जो सुसमाचार प्रचार सारे विश्व में ले गये’’ (राइस, पइपकण्)।
यीशु ने कहा
‘‘चौराहो पर जाओ और जितने लोग तुम्हें मिले, सबको विवाह के भोज में बुला लाओ’’ (मती 22:9)।
चलिये प्रार्थना में आगे बढते है, और बहुतों को विवाह में बुलाते है! चलिये उनहें अपने स्थानीय कलीसिया में लाते है सुसमाचार का प्रवचन सुनने, मसीही संगति का प्रेम और उत्साह का अनुभव करने, हमारे साथ भोज खाने और सबसे महत्वपूर्ण, उनकी मुक्ति के लिये प्रार्थना में एक साथ जुड जाये! डो. राइस के सुंदर गीत को सुनीये
कितना कम समय! खेत की कटाई पुरी होगी;
हमारी कटाई खत्म हुई;
हम काटनेवालो को घर लाया गया,
हमारा काम बताओ, यीशु, खेत के स्वामी को,
और आशा करता हूँ वे मुस्कुराएंगे,
और वे कहेंगे कि ‘‘अच्छा किया!’’
आज हम काटे, या, हमारा खेत खो दें!
आज हमे दिये गये है खोये हुए आत्मा जीतने।
ओ फिर, कुछ प्यारे लोगों को जलने से बचाने,
आज हम जायेंगे कुछ पापीयों को अंदर लाने।
(‘‘कितना कम समय!’’ डो. जोन. आर. राइस द्वारा, 1895-1980)।
क्या आप जाएगें और कुछ पापीयों को अंदर लाओगे? मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप करोगे! प्रभु आपको आशीर्वाद दे कि आप प्रयत्न करते हो अद्धारक की आज्ञा मानने, आत्मा जीतने की हर महत्वपूर्ण बातों में!
अब, मुझे आपको सुसमाचार देने के सिवा यह धार्मिक प्रवचन बंद नहीं करना चाहिये। प्रभु ने यीशु को स्वर्ग से नीचे भेजा क्रूस पर मरने के लिये, आपके पापो का दण्ड चुकाने। उनहोंने यीशु के शरीर को कब्र में रखा और बडे पत्थर से उसे बंद कर दिया। उस पत्थर को हटाना हो तो बहुत से लोगो की आवश्यकता होगी। परंतु तीसरे दिन यीशु मृत्यु से फिर से उठे, शारीरिक रूप में, शरीर में। और यीशु फिर से उपर स्वर्ग में उठे और प्रभु के दाहिने हाथ पर बैठे आपके लिये प्रार्थना करते हुए। अब आप कैसे मसीही बनेंगे? आपको पश्चाताप करना जरूरी है और विश्वास से यीशु के पास आओ। जब आप यीशु के पास आओगे, उनका लहू आपको हर पापो से शुद्ध करेगा। मैं आपको उनके पास आने ओर उनपर विश्वास करने प्रोत्साहित करता हूँ और उनके द्वारा बचाये जाओ। आमीन।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : प्रेरितो 2:42-47।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘कितना कम समय!’’ (डो. जोन आर. राइस द्वारा, 1895 - 1980 )।