इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।
इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।
जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
.
क्यों यरूषलेम राश्ट्रपति ओबामा के लिये भारी पत्थर है WHY JERUSALEM IS A BURDENSOME STONE FOR PRESIDENT OBAMA डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम 12 जून, 2011 “देखो, मैं यरूषलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूंगा : और जब यरूषलेम घेर लिया जाएगा, तब यहूदा की दषा भी ऐसी ही होगी। उस समय पृथ्वी की सारी जातियाँ यरूषलेम के विरूध्ध इकठ्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्थर बनाऊँगा, कि जो उसको उठाएँगे वे बहुत ही घायल होंगे” (जकर्याह 12:2-3)। |
डो. एड डोबसन ने कहा, “इस्त्राएल के राश्ट्र का अस्तित्व बाइबल की भविश्यावाणी और आधुनिक इतिहास को साथ में लाता है जैसे नई नियमावली के समय से नहीं देखा था। यहूदियों का इस्त्राएल से फिर से मिलना और उनका राश्ट्र की तरह अस्तित्व सबसे ज्यादा अर्थपूर्ण भविश्यवाणी की घटना है जब से यीषु स्वर्ग में ऊपर गये थे” (एड डोबसन, पीएच.डी., ध एन्ड, झोन्डखान प्रकाषन घर, 1997, पृश्ठ.44)।
भविश्यवक्ता आमोस ने यहूदियों का अंत के समय में फिर से आखरी बार मिलने के बारे में बोला, जब उसने कहा,
“मैं उन्हें उन्हीं की भूमि में बोऊँगा, और वे अपनी भूमि मे से जो मैं ने उन्हें दी है, फिर कभी उखाड़े न जाएँगे, तुम्हारे परमेष्वर यहोवा का यही वचन है” (आमोस 9:15)।
डो. जेम्स ओ. कोम्बस, ल्युसीयाना बप्तीस विष्वविद्यालय और ब्र२ज्ञानी धार्मिक पाठषाला के अध्यक्ष, ने इस्त्राएल के सुधार के बारे में यह रूपरेखा दी :
1814 - प्रधान याजक द्वारा षासित कलीसिया के याजक जोन मेक्डोनाल्ड आल्बनी, न्यूयोर्क में, बाइबल की भविश्यवाणी और इस्त्राएल के सुधार पर प्रवचन देना षुरू किया, पूरानी नियमावली के षब्दानुसार व्याख्या इस्त्राएल के बारे में जो भविश्यवाणी थी उसको स्फूर्तिमान बुध्धि से।
1864 - सी. एच. स्पर्जन ने प्रवचन दिया और प्रकाषित किया मषहूर धार्मिक प्रवचन जिसका षिर्शक था, “यहूदियों का सुधार और परिवर्तन,” यहेजकेल 37:1-10 पर आधारित, जिसमें स्पर्जननेे कहा, “वहाँ पर यहूदियो का राजकीय सुधार होना चाहिये...(इस्त्राएल) फिर से क्रम में रखना चाहिये...वहाँ पर फिर से राजकीय तंत्र बनना चाहिये; राश्ट्र फिर से संयोजित होने चाहिये...‘मैं आपको आपकी भूमि पर रखुँगा,’ वह प्रभु का उनको वचन है...इस्त्राएल को अभी भी सुधार करना बाकी है,” सी. एच. स्पर्जन, “यहूदियों का सुधार और परिवर्तन,” ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1991 में फिर से छपां हुआ, भाग ग्, पृपृश्ठ. 428-429)।
1878 - डबल्यु. ई. ब्लेकस्टोन की किताब, यीशु आते है, प्रकाशित हुई थी, यहूदियों की वापसी की भविष्यवाणी कहने और उसे प्रोत्साहित करने, भविष्यवाणी की परिपूर्णता में।
1889-1900 - पहला एलीयाह (इस्त्राएल में लौटना) घटित हुआ और मिला कुछ 30,000 यहुदियों का रषिया से पेलेस्टीन जाने के उपद्रव में।
1897 - पहली झीयोनीस्ट कोन्ग्रेस, बेसल, स्वीटझरलेन्ड में इकठठा हुअे, झीयोनीझम को एक कार्यक्रम की तरह स्वीकार किया, और कथन किया, “झीयोनीझम का लक्ष है यहूदी लोगों के लिये पेलेस्टीन में घर बनाना प्रजा के कायदे के द्वारा”।
1904-1914 - दूसरा एलीयाह, (वापसी) का परिणाम आया, 32,000 उपद्रवी रषियन यहूदियों का पेलेस्टीन की ओर जाना।
1917 - ध स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल प्रकाषित की गई थी, उसकी इस्त्राएल के सुधार यहूदियों के घर की भूमि की तरह, पर टीप्पणी के साथ। स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल की बहुत मषहूरता, इस दिन को, बहुत से मसीही लोगो को विष्वास दिलाया इस्त्राएल को यहूदियो के हक के घर की तरह समर्थन देने)।
1917 - (ब्रीटीष) बेलफोर घोशणा, हिस्सो में पढा : “उनके राजप्रताप की सरकार का मंतव्य यहूदी लोगो के लिये पेलेस्टीन में राजकीय घर स्थिर करने के साथ।”
1924-1939 - तीसरा एलीयाह (वापसी) जब 78,000 षिश्ट यहूदी पेलेस्टीन गये (पोलेन्ड में सेमीटीझम के उठने से बचने के लिये)।
1933-1939 - चौथा एलियाह (वापसी) जब 2,30,000 यहूदी भाग गये (हीटलर के) जर्मनी और केन्द्रिय युरोप में उपद्रव से।
1940-1948- पांचवा एलियाह (वापसी), जब 95,000 यहूदी केन्द्रिय युरोप से भाग गये। बहुत से यहूदी युरोप में रह गये और साठ लाख से ज्यादा (मारे गये) एडोल्फ हीटलर और नाझी जर्मनी द्वारा लगाई गयी प्रचन्ड आग के दौरान।
1948 - यहूदी संस्था, नया इस्त्राएल राश्ट्र घोशित राश्ट्र अवस्था किसमें बनेगा। 14 मई, 1948 को, युनाइटेड स्टेटस के राश्ट्रपति हेरी ट्रमेन के षासन ने घोशणा की : “युनाइटेड स्टेटस प्रमाणित करते है समयानुरूप सरकार नये इस्त्राएल राज्य के क्षतियुक्त अधिकार की तरह।”
1967 - छ दिन का युध्ध, (कारण हुआ) (भयकारी) आरब आक्रमण द्वारा, इसका यह परिणाम आया कि इस्त्राएल ने यरूषलेम और पष्चिम बेंक ;West Bankद्ध को पकडने में।
1973 - अरब द्वारा किये गये आक्रमण का अस्वीकार किया गया था, इस्त्राएल की जीत (राश्ट्रपति नीकसन की सहायता के साथ) के साथ।
1978-2000 - मिस्त्र इस्त्राएल को जानता है : अरब - पेलेस्टोनीयन, प्रतिबन्ध मुहिम की षुरूआत होती है, व्यवहार, करार और चिन्ता जारी रहती है।
(“इस्त्राएल दो राश्ट्रोमें” जेम्स ओ. कोम्बस द्वारा, डी.मीन.लिट.डी., टीम लाहेय प्रोफसी स्टडी बाइबल, एएमजी प्रकाषक, 2000 की प्रत, पृश्ठ. 874)।
2011 - 19 मई, 2011 को, राश्ट्रपति बराक ओबामा ने कथन जारी किया कि इस्त्राएल पेलेस्टोनीयन और उनके आतंकवादी की सारी जमीन मिला दे जो इस्त्राएल ने 1967 में, छ दिन की युध्ध में जीती थी वो लौटा दे। दूसरे दिन (20 मई, 2011) वाइट हाऊस में इस्त्राएल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेटान्याहु, और राश्ट्रपति ओबामा के सम्मुख आगमन हुआ, जिसमें नेटान्याहुने ओबामा के विचारो कि रूपरेखा का अस्वीकार किया जो 1967 के युध्ध के पहले की सीमाओं का इस्तेमाल करेंगे “व्यवहार के षुरूआत के मुदे की तरह”। नेटान्याहु ने कहा कि ऐसा करने से इस्त्राएल की सुरक्षा पर खतरा हो जाएगा और “अल कायदे का पेलेस्टोनीयन वर्णन” के साथ व्यवहार करने को दबाव देंगे (लोस एंजलिस टाइम्स, षनिवार, 21 मई, 2011, पृश्ठ.।1)।
यह हमें फिर से हमारे पाठ जकर्याह 12:2-3 तक ले जाता है,
“देखो, मैं यरूषलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूँगा : और जब यरूषलेम घेर लिया जाएगा तब यहूदा की दषा भी ऐसी ही होगी। उस समय पृथ्वी की सारी जातियाँ यरूषलेम के विरूध्ध इकठ्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्थर बनाऊँगा, कि जो उसको उठाएँगे वे बहुत ही घायल होगें” (जकर्याह 12:2-3)।
डो. डबल्यु. ए. क्रीसवेल ने इस पदो के लिये कहा,
ऐसा राश्ट्रो का संयोग यरूषलेम के विरूध्ध उन नबूकदनेस्सर के दिनो के (बेबीलोन के दासत्व) में अस्तित्व में नही था, नाही मेेक्काबीन समय में, नाही रोमी युध्ध (70 ए.डी., रोमी का फैलना) के दौरान। कैसे भी, यह (इस्त्राएल के विरूध्ध राश्ट्रो का संयोग) विलक्षणता से अस्तित्व मे था इन वर्तमान दषको में...और यह स्पश्टरूप से जारी रहेगा, स्थायी होना और गाठ़ा होना जैसे प्रभु के परिपूर्णाता के समय में करीब ले जाता है (डबल्यु. ए. क्रीसवेल, पीएच.डी., ध क्रीसवेल स्टडी बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1979, पृश्ठ. 1069; जकर्याह 12:2-3 पर टीप्पणी)।
आज भी, परमेष्वरने यरूषलेम को “मद का कटोरा” बनाया राश्ट्र के लिये जो इस्त्राएल और दूसरे कई राश्ट्र को चारो ओर से घेर लेता है। वे सरलता से इस्त्राएल से छुटकारा नहीं पा सकते, या पूरा यरूषलेम ले, कोई बात नही कितनी भी मुष्किलो से वे प्रयत्न करें। और प्रभु बनाते है “यरूषलेम को सारी जातियों के लिये भारी पत्थर”, षब्दानुसार “भारी पत्थर, बोज का पत्थर, उठाने में कठिन” (मेरील एफ. अरन्ज, पीएच.डी., अर्न्जस कोमेन्ट्री ओन ध ओल्ड टेस्टामेन्ट, भाग प्प्, मुडी प्रेस, 1981, पृश्ठ. 2037; जकर्याह 12:2-3 पर टीप्पणी)।
डो. जे. वरेनोन मेकगीने बताया “यरूषलेम अलगायी हुई जगह है, पुराना षहर, और हकीकत में जो आज कुछ आर्कशक नहीं है...परन्तु यह जगह अन्त के दिनो में इतनी मुख्य और आवष्चक क्यों है? आप उसका वर्णन कैसे करोगे? ठीक है, षहर आज भी भारी पत्थर बना हुआ है...इसने सामान्य बाजार को लगभग नश्ट कर दिया है, इसने नाटो ;छंजवद्ध का लगभग नाष किया है - यरूषलेम भारी पत्थर बन गया। विष्व के राश्ट्रो की सूचि पर विचार करें जिसने उस षहर को पकड लिया और इन पर हुकुमत करने का प्रयत्न किया (वे सारे नश्ट हो गये)। निश्कपटता से, मैं आषा करता हूं युनाइटेड स्टेटस बहुत ज्यादा फँसे नहीं। प्रभु कहते है ‘अपने हाथ दूर रखो। मैं ही हूं जो वह जगह चला रहा हुं (षासन कर रहा हूं)’” (जे वेरनोन मेकगी, टीएच.डी., थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सप प्रकाषन, 1882, भाग प्प्प्, पृश्ठ. 974; जकर्याह 12:2-3 पर टीप्पणी)।
डो. मेकगी ने वह करीबन तीस साल पहले लिखा। मैं सोचता हूं राश्ट्रपति ओबामा को उन्हे सुनना चाहिये। डो. मेकगी, इन दिनो के लिये है, सबसे मषहूर और माननीय बाइबल षिक्षक अमरिका में। राश्ट्रपति ओबामा को डो. मेकगी की जकर्याह 12:2-3 पर समलोचना ध्यान से सुननी चाहिये, “प्रभु कहते है, ‘अपने हाथ दूर रखो। मैं ही हूं जो वह जगह चला रहा हूं।’”
मैं आषा करता हूं कि आप में से हर एक प्रभु को प्रार्थना करेगें कि श्रीमान ओबामा को अपने हाथ इस्त्राएल से दूर रखने को प्रेरित करे। मैं आषा करता हूं कि आप में से हर एक “यरूषलेम की षान्ति का वरदान माँगो : तेरे प्रेमी कुषल से रहें” (भजन संहिता 122:6)।
अमरिका प्रभु के आषीर्वाद से भाग्यवान होने का एक कारण है, कि हमारे कितने ही राजकीय पापो के बावजूद भी, वह है कि अब तक युनाइटेड स्टेटस इस्त्राएल के राश्ट्र को आषीर्वाद देता है। हम कैसे प्रार्थना करे ताकि यह जारी रहे! हम कैसे प्रार्थना करे कि प्रभु राश्ट्रपति ओबामा के मन को बदले!
“देखो, मैं यरूषलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूंगा : और जब यरूषलेम घेर लिया जाएगा, तब यहूदा की दषा भी ऐसी ही होगी। उस समय पृथ्वी की सारी जातियाँ यरूषलेम के विरूध्ध इकठ्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्थर बनाऊँगा, कि जो उसको उठाएँगे वे बहुत ही घायल होंगे” (जकर्याह 12:2-3)।
यह पद जिक्र करता है आने को “बड़े दिन की लड़ाई” (प्रकाषितवाक्य 16:14-16; योएल 3:9-14)। परन्तु दुनिया का तख्त पहले से ही कई राश्ट्रो के इस्त्राएल के विरूध्ध फिरने के द्वारा निर्धारित किया है, “और यरूषलेम के विरूध्ध” (जकर्याह 12:2)। प्रभु पहले से ही “यरूषलेम को भारी पत्थर सब जातियों के लिये” बना रहे है (जकर्याह 12:3)।
यह क्यों होता है? मनुश्यों के पाप के कारण। मनुश्य जाति स्वभाव से पापी है। जब से आदम ने प्रभु के विरूध्ध द्रोह किया अदन के बगीचे में, उसके वंषज प्रभु के दुष्मन बन गये, “क्योंकि षरीर पर मन लगाना तो परमेष्वर से बैर रखना है” (रोमियों 8:7)। बाइबल कहता है कि सारे अपरिवर्तित लोग “मन से बैरी” (कुलुस्सियों 1:7) है। बाइबल कहता है कि सारे अपरिवर्तित मन है, कुछ सीमा तक, कम से कम षेतान द्वारा नियंत्रित “आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है” (इफिसियों 2:2)। ये है पाप और प्रभु की अवज्ञा जो बनाती है, “यरूषलेम को भारी पत्थर सब जातियों के लिये” (जकर्याह 12:3)।
सिर्फ यही सत्य नही है उन राश्ट्रो के लिये जो इस्त्राएल के विरूध्ध है। यह आपके लिये भी सत्य है अगर आप अपरिवर्तित हो। आपका “मन परमेष्वर से बैरी है” (रोमियों 8:7)। आप, भी, “मन से बैरी” (कुलुस्सियों 1:7) हो। आपका मन भी षेतान द्वारा प्रभावित है, “आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है” (इफिसियों 2:2)। बाइबल सीखाता है कि आप पापी “स्वभाव से” (इफिसियों 2:3) हो। और बाइबल सीखाता है कि पाप आपको आंतरिक षान्ति से लूट लेता है,
“दुश्ट तो लहराते हुए समुद्र के समान है जो स्थिर नहीं रह सकता...दुश्टों के लिये षान्ति नहीं है, मेरे परमेष्वर का यही वचन है” (यषायाह 57:20-21)।
आपको परमेष्वर के साथ षान्ति का अनुभव करने के लिये, आपको पवित्र आत्मा द्वारा तोडना और नम्र करना जरूरी है। बाइबल कहता है, “हे परमेष्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नही जानता” (भजन संहिता 51:17)। आप कोई बडे पाप के बारे में सोचिये जो आपने किया हो। आपके अपने मन के बारे में सोचिये, पापो से भरा। आपको यीषु मसीह की जरूरत को महसूस करना ही चाहीये, पवित्र प्रभु की नजरों में आपको धर्मी ठहराने।
“अतः जब हम विष्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीषु मसीह के द्वारा परमेष्वर के साथ मेल रखें”(रोमियों 5:1)।
आप मसीह तक ले जाये जाओ। वे नीचे पृथ्वी पर आये क्रूस पर मरने, आपके पापो की पूरी सजा चुकाने। उन्होने अपना लहू छिडका आपको सारे पापो से षुध्ध करने। वे ऊपर स्वर्ग में फिर से उठाये गये, जब वे आपके लिये प्रार्थना कर रहे थे और हम भी आपके लिये प्रार्थना करते है - कि आप यीषु तक आयेंगे और उनके बहुमूल्य लहू द्वारा आपके पापो से षुध्ध हो जाओ! फिर आप तैयार होंगे पवित्र षहर, नये यरूषलेम; स्वर्ग में प्रवेष पाने के लिये! आमीन।
पीछली रात मैं से रहा था, तब ख्वाब आया इतना सुन्दर,
मैं पुराने यरूषलेम में खडा था, मंदिर के करीब वहाँ पर।
मैंने बच्चो को गाते हुए सुना, और हमेंषा जैसे उन्होंने गाया,
मैंने सोचा स्वर्गदूत की आवाज स्वर्ग से बजी जवाब में;
मैंने सोचा स्वर्गदूत की आवाज स्वर्ग से बजी जवाब में;
“यरूषलेम! यरूषलेम! आपके द्वार उठाओं और गाओ,
होसाना सबसे ऊँचाई पर, होसाना आपके राजा को।”
और फिर मैंने सोचा मेरा ख्वाब बदल गया,
रास्ते अब नहीं बज रहे थे,
आनंदित होसाना षांत थे, छोटे बच्चों ने गाया था।
सूर्य रहस्य से काला हो गया,
प्रातःकाल थंडा और षीतल था,
जैसे क्रूस की परछाई निर्जन पहाड़ो पर से उठी।
“यरूषलेम! यरूषलेम! सुनो! स्वर्गदूत कैसे गाते है,
होसाना सबसे ऊँचाई पर, होसाना आपके राजा को।”
और फिर एक बार द्रष्य बदल गया नयी धरती वहाँ दिख रही थी,
मैंने पवित्र षहर देखा
बना ज्वार के समुद्र के पास;
रास्तों पर परमेष्वर की रोषनी थी, द्वार पूरे खुले हुअे थे,
और जो कोई भी प्रवेष कर सके,
और कोई भी अस्वीकृत नहीं था।
रात में चाँद सितारे की जरूरत नहीं थी,
और सूर्य की दिन में चमकने।
यह नया यरूषलेम था, जे अब कभी नहीं मरेगा।
“यरूषलेम! यरूषलेम! क्योंकि रात बित चुकी है!
होसाना सबसे ऊँचाई पर, होसाना सर्वदा के लिये!
होसाना सबसे ऊँचाई पर, होसाना सर्वदा के लिये!”
(“पवित्र षहर” फ्रेडरीक ई. वेधर्ली द्वारा,
1848-1929; डो. हायमर्स द्वारा ठीक किया हुआ)।
(संदेश का अंत)
आप डॉ0हिमर्स के संदेश प्रत्येक सप्ताह इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं क्लिक करें
www.realconversion.com अथवा
www.rlhsermons.com
क्लिक करें ‘‘हस्तलिखित संदेश पर।
आप डॉ0हिमर्स को अंग्रेजी में ई-मेल भी भेज सकते हैं - rlhymersjr@sbcglobal.net
अथवा आप उन्हें इस पते पर पत्र डाल सकते हैं पी. ओ.बॉक्स 15308,लॉस ऐंजेल्स,केलीफोर्निया 90015
या उन्हें दूरभाष कर सकते हैं (818)352-0452
ये संदेश कॉपी राईट नहीं है। आप उन्हें िबना डॉ0हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते
हैं। यद्यपि, डॉ0हिमर्स के समस्त वीडियो संदेश कॉपीराइट हैं एवं केवल अनुमति लेकर
ही उपयोग में लाये जा सकते हैं।
धार्मिक प्रवचन से पहले डो. हायमर्स द्वारा पढा हुआ पवित्रषास्त्र: जकर्याह 12:1-10।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गया हुआ गीत:
“पवित्र षहर” (फ्रेडरीक ई. वेधर्ली द्वारा, 1848-1929)।
रूपरेखा क्यों यरूषलेम राश्ट्रपति ओबामा के लिये भारी पत्थर है डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा “देखो, मैं यरूषलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूँगा ः और जब यरूषलेम घेर लिया जाएगा, तब यहूदा की दषा भी ऐसी ही होगी। उस समय पृथ्वी की सारी जातियों यरूषलेम के विरूध्ध इकठ्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्थर बनाऊँगा, कि जो उसको उठाएँगे वे बहुत ही घायल होंगे” (जकर्याह 12:2-3)। (आमोस 9:15; भजनसंहिता 122:6; प्रकाषितवाक्य 16:14-16; योएल 3:9-14; रोमियों 8-7; कुलुस्सियों 1:21; इफिसियों 2:2,3; यषायाह 57:20-21; भजनसंहिता 51:17; रोमियों 5:1) |