इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।
इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।
जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net.
.
ओबामा की इस्त्राएल पर लड़ाईOBAMA’S WAR ON ISRAEL डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, 29 मई, 2011 ‘‘यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपने कुटुम्बियों, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो में तुझे दिखाऊँगा, और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान् करूँगा, और तू आशीष का मूल होगा : जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा : और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा, और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे'' (उत्पति 12:1-3)। |
छोटे धार्मिक प्रवचन में यह मुश्किल है पीछले शुक्रवार (20 मई, 2011) के, राष्ट्रपति ओबामा और इस्त्राएल के प्रधानमंत्री, बेन्जामिन नेटान्याहु के सम्मुख आगमन की सारी हकीकत के वर्णन को देना। यह तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति ओबामा ने कथन दिया था श्रीमान नेटान्याहु से मिलने के अगले दिन। उस कथन में, ओबामा ने कहा इस्त्राएल ने जमीन 1967 में जीती थी, 6 दिन की लड़ाई में।
वो पेलेस्टीनीयन और उनके आतंकवादी संगठन को दे देनी चाहिए। यह कथन आश्चर्यजनक है दो कारणो की वजह से : (1) पहला, किसी भी और यु.एस. राष्ट्रपति ने कभी भी इस्त्राएल को इतनी सारी जमीन उनके शत्रुओं को देने नहीं कहा; (2) दूसरा, ये पहले के न्याय के बिना था यु.एस. राष्ट्रपति के लिये इस तरह का कथन करने इस्त्राएल के प्रधानमंत्री के साथ सभा करने से igysA डीक मोरीसने इसे कहा दो नेता के बीच क्रुर आगमन की शुरूआत ‘‘ओबामा की इस्त्राएल पर लड़ाई''।
वनन्युझनाऊ ने अभी (23 मई 2011) को वृतांत दिया कि ‘‘हजारो इस्त्राएल के निमित एक्टीवीस्ट (ओबामा द्वारा निवेदन किये गये थे) रविवार को जिसमें उन्होंने (दोहराया) उनकी समालोचना जो पहले की गई थी, हफते पहले इस्त्राएल के लौटकर 1967 की सीमा पर आने के बारे में''। उसमें हाजरी देनेवालो में थे लोरी कारडोझा - मुरे, जिसने कहा कि ‘‘जब ओबामा इस्त्राएल को सहारा देने का दावा करते है, बहुत से हिस्सा लेनेवाले सुरक्षित और अनिश्चित है अगर वे विश्वास कर सकते है जो राष्ट्रपति ने कहा जैसे उन्होंने अपनी गुरूवार की समालोचना को स्पष्ट करने का प्रयास किया'' (ibid.)।
एटोर्नी जोरडन सेकुलो, राष्ट्रीय सेना के विश्लेषक, कहते है राष्ट्रपति ओबामा ने इस्त्राएल विरूद्ध पक्षपात प्रकट किया है, उसे समझाने कि कोशिष करने के बजाय। सेकुलो ने कहा, ‘‘आपके पास न्यु जर्सी से प्रजातंत्रवादी काँग्रेस सभासद था, रोबर्ट एन्ड्रुस - परिमित नहीं, एक उदार - कहते है कि ओबामा झुकते है (झुकाव), हमास की ओर, एक जानीमानी आतंकवादी संस्था''।
वनन्युझनाऊ की तरफ से चुनाव रखा गया था, जब उनसे पूछा गया आप राष्ट्रपति के इस्त्राएल के तरफ के बर्ताव का कैसे वर्णन करोगे, 93% से ज्यादा ने जवाब दिया ‘‘विरूद्ध, इस्त्राएल विरोधी'' (चाड ग्रोएनींग, ‘‘ओबामा की स्कीझोफ्रेनीक राजनिति,'' वनन्युझनाऊ, 27 मई 2011)।
उदार टाइम पत्रिका, प्रधानमंत्री नेटान्याहु पर के सारे बाहरी हमले को कहा ‘‘असभ्य'', ‘‘उत्तेजक'', ‘‘चीझी'', (‘‘पनीर की तरह''), और ‘‘विनीत'' उसके राष्ट्र की सीमाओं को बचाते हुए (टाइम, 6 जुन 2011, पृश्ठ.. 25)। परंतु राज्यपाल मीट रोमनी ने कहा, ‘‘ओबामा ने इस्त्राएल को बस के नीचे फेंक दिया है'' (ibid.)।
समाचार समीक्षक डीक मोरीस, स्वयं यहूदी है, ओर भी आगे गये। लेख जिसका शिर्षक था ‘‘ओबामा को इस्त्राएल पर लड़ाई'' में मोरीस ने कहा,
कोई भी अमरीकन यहुदी जिसे कदर है इस्त्राएल के राष्ट्र के अस्तित्व की अपने आपको बहुत लंबे समय तक छोटा नहीं समझ सकता है। राष्ट्रपति ओबामा यहुदी राज्य के विरूद्ध है। उनके गुरूवार के भाषण में प्रत्यक्षरूप से पेलेस्टेनीयन की अवस्था को स्वीकार करते है और वे योजना करते है इस्त्राएल पर दबाव डालते है अपने वंश के अधीन हो जाने।
हम कैसे वर्णन करे उस मांग का कि इस्त्राएल फिर से अपनी 1967 की सीमा पर जाये और क्या यह शुरूआत का स्थान होगा आगे दूसरे व्यवहार के लिये? ... 1967 की सीमाओं पर आसानी से चलकर जा सकते है चार घंटो में और वाहन द्वारा पंद्रह मीनट से भी कम समय में। जेट हवाईजहाज एक ही मीनट लेगा वहाँ उड के जाने के लिये।
इस्त्राएल को अरक्षणीय सीमा पर डालने को दबाव देना ये उपाय का आरंभ नहीं है। ये है आधुनिक अंतिम उपाय - (हीटलर के) बरोबर है-इस्त्राएल और सात लाख यहुदी जो वहाँ रहते है उनका नाश।
कौन दिखावा कर सकता है कि डूबता हुआ इस्त्राएल सांत्वना देता है अरबीयों को खंडन होता हुआ चेकोस्लवाकिया हीटलर को सांत्वना देता है उससे ज्यादा? ...अभाव...उन यहुदीयों को बाहर निकाल देना जो वहाँ पर साठ सालो से ज्यादा से रहते थे - वहाँ कोई समझौता नहीं है जो वे स्वीकार करे...
यहूदी प्रजातंत्रवादीयों के परिणाम के लिये ओबामा का बोलना गंभीर है। उन हर एक को अब चुनना जरूरी है, रूक्षता से और बिना वाकछल के लिये जगह रखे, उनके आधार, ओबामा के लिये और उनका पीठबल इस्त्राएल के लिये। ये इस्त्राएल या प्रजासताक जुथ नहीं है जिन्होंने इस प्रकार की पसंद उन पर डाली हो। यह स्वयं राष्ट्रपति है जिसका इस्त्राएल के विरूद्ध पक्षपात कभी भी ज्यादा जंगली तरीके से दीखाने पर नहीं था।
जैसे राष्ट्रपति ओबामा मांगते है मूलधन अमरीकन यहुदियों से, चलिये हम सब अपने इस्त्राएल के परिवार, मित्रो, और एक ही देश के निवासीयों को याद करते है और ना कहकर उनका सम्मान करते है। यह समय है अमरिकन यहुदीयों को चुनने का। जैसे ये 1938 में था (DickMorris.com, ‘‘ओबामा की इस्त्राएल पर लड़ाई'', 23 मई, 2011)।
जब मैं हमेशा डीक मोरीस से सहमत नहीं होता हूँ, मैं सोचता हूँ वे इस पर सच्चे है। यह समय है हर अमरीकन को चुनने का - इस्त्राएल के लिये चुनने और खडे रहने को और कहा, ‘‘कभी भी फिर से नहीं'' उन आतंकवादीयों को जो यहुदीयों को जड़ से उखाडना चाहते है। कभी भी फिर से नहीं! चलिये राष्ट्रपति को तार भेजते है और फोन करे वाइट हाऊस में। चलिये उनसे कहते है कि हम चाहते है कि उन्होंने जो कहा है उससे वे लौटकर आये और उनका पूरा आधार दे हमारे एली (ally) और मित्र, इस्त्राएल के राष्ट्र और यहुदी लोग को हर जगह!
और चलिये हम प्रभु का धन्यवाद करे कि प्रधानमंत्री नेटान्याहु श्रीमान ओबामा के सामने खडे रहे। ध लोस एंजलिस टाइमस ने कहा,
युनाइटेड स्टेट के राष्ट्रपति को आंतरराष्ट्रीय टेलीव्हीझन पर चेतावनी देत हुए, नेटान्याहु अस्वीकार करते है ओबामा द्वारा सोचे गये उपाय की रूपरेखा जो सीमा पर 1967 की लड़ाई से पहले इस्तेमाल हुई थी ... बतौर व्यवहार के शुरूआत के मुद्दों की तरह, कहते हुए कि इस तरह करने से इस्त्राएल की सुरक्षा और सेना को खतरा होगा व्यवहार करने में ‘‘अल कायदा का पेलेस्टेनीयन वर्णन''।
‘‘शांति जो रहेगी वो है जो सिर्फ हकीकत पर आधारित हो, न हिलनेवाली हकीकत,'' नेटान्याहु ने कहा, जानबूझकर क्रूर ओबामा के तरफ झूकना (लोस एंजलिस टाइम्स, शनिवार, 21 मई, 2011, पृश्ठ. अ1)।
अच्छा! धन्यवाद प्रधानमंत्री नेटान्याहु! इस्त्राएल के लिये अटल खडे रहने के लिये धन्यवाद। प्रभु आपको आशीर्वाद दे! आप हमारे नायक और हमारे मित्र हो! हम आपके लिये प्रार्थना करते है। हम ‘‘यरूशलेम की शान्ति का वरदान माँगो, तेरे प्रेमी कुशल से रहे'' (भजनसंहिता 122:6)।
अब, हम क्यों करें, जैसे बाइबल के विश्वासु मसीही, इतनी मजबूती से इस्त्राएल को और सामान्य यहूदी लोगो को सहारा देते है? कोई शायद सोचे कि हमारे पास आगे का निमित है - कि हम हकीकत में इस्त्राएल को सहारा देते है क्योंकि में यहुदीयों को परिवर्तित करना है। यह सच नहीं हैं। हा, हम मसीह का सुसमाचार बांटते है हर एक के साथ, दोनो यहुदी और अन्यजातियों के साथ।
‘‘क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करनेवाले के लिये, पहले तो यहूदी फिर यूनानी के लिये, उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ्य है'' (रोमियों 1:16)।
हम मसीह के सुसमाचार से लजाते नहीं। हम उन सबके साथ बाटेंगे जिन को सुनना है।
परंतु सच्चा कारण है हमारे इस्त्राएल और यहूदीयों को सहारा देते है क्योंकि बाइबल हमें कहता है एसे करने को। प्रेरितो पौलुस ने कहा, ‘‘भाव से वे बापदादों के कारण प्यारे हैं'' (रोमियों 11:28)। इस प्रकार हम इस्त्राएल और यहूदी लोगों से प्रेम करते है, वे यीशु में माने या न माने। वे अगर यीशु का अस्वीकार भी करते है, फिर भी हम उन्हें प्रेम करेंगे और उन्हें सहारा देंगे। ‘‘भाव से वे बापदादों के कारण प्यारे है''। हम में से कोई भी प्रभु को नहीं जानते अगर वो यहूदीयों के परदादाओं के लिये नहीं होता। यीशु स्वयं ने कहा, ‘‘उद्धार यहूदियों में (से) है'' (यूहन्ना 4:22)। हम प्रभु के बारे में नहीं जानते अगर वो यहूदियों के लिये नहीं होता। हम बाइबल नहीं जानते अगर वो यहूदियों के लिये नहीं होता। बाइबल की पूरी किताबे - दोनों पूरानी और नई नियमावली - यहूदियों के हाथो से लिखी गई थी। हमारे मसीह, यीशु, यहुदी है। ये कुछ कारण है जिसकी वजह से हम इस्त्राएल और यहूदी लोगो से प्रेम करते है, चाहे वे मसीह में माने या न माने। प्रभु जानते है कि यह सच है। ‘‘भाव से वे बापदादों के कारण प्यारे है''।
उत्पति 12:1-3 में हम फिर से पढते है प्रभु को अब्राम के साथ सौदे के बारे में, हमारे परदादा के विश्वास में।
‘‘यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश और अपने कुटुम्बियों, और अपने पिता के घर को छोडकर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा : और मैं तुझ से एक बडी जाति बनाऊँगा और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान करूँगा : जो तुझे आशीर्वाद दे, उन्हें मैं आशीष दूँगा और तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा : और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे'' (उत्पति 12:1-3)।
प्रभु ने अब्राम को उस धरती पर बुलाया जिसे हम सब इस्त्राएल कहते है। प्रभु ने इस्त्राएल की धरती अब्राम और उसके बच्चे इसहाक और याकूब को दी, 2000 साल पहले। यहूदी आक्रमक नहीं है। जमीन उनकी है। प्रभु ने चार हजार साल पहले ऐसा कहा था। फिर, प्रभु ने कहा कि वे अब्राम को बडा राष्ट्र देंगे, और वह संसार को अपने वंशज द्वारा आशीर्वाद देंगे। यह प्रभु ने किया, जैसे मुझे दिखाया गया - बाइबल, विश्वास और मसीह देने के द्वारा। परंतु फिर, उत्पति 12:3 पर ध्यान दिजीये,
‘‘जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा : और जो तुझे कोसे, उसे में शाप दूँगा, और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे'' (उत्पति 12:3)।
प्रभु ने कहा वहाँ पर कोई भी राष्ट्र पर आशीर्वाद होगा जिसने यहूदियों, अब्राम के बच्चे को आशीर्वाद दिया है और ओर भी प्रभु ने कहा वहाँ पर कोई भी राष्ट्र पर शाप होगा जिसने यहदियों को शाप दिया हो। ये विशेषरूप से परिपूर्ण हुआ है सारी पीढ़ीयों के द्वारा। मिस्त्र ने यहूदी को कोसा और नष्ट हो गया। बेबीलोनियां ने यहूदी को कोसा और नष्ट हो गये। ऐसे ही रोम ने किया। ऐसे ही स्पेन ने किया। ऐसे ही रशियाने किया। ऐसे ही जर्मनी ने किया। मिस्त्र के समय से अब इस आधुनिक समय तक, हर सभ्यता जिसने यहूदियों को शाप दिये थे वो सभी प्रभु द्वारा शापित की गयी।
एक कारण है, अमरिका प्रभु द्वारा आशीर्वाद किया गया था, हमारे बहुत से राष्ट्र पापो के बावजुद कि युनाइटेड राज्य ने अब तक यहूदी लोगो को आशीर्वाद किया है और उनके प्रभु द्वारा दिये गये वतन इस्त्राएल को सहारा दिया।
परंतु अगर राष्ट्रपति ओबामा इस्त्राएल से फिर जाते, है और पीछे धकेल देते है, और उनके शत्रु को सहारा देते है, कितना भयानक शाप अमरिका को राष्ट्र की तरह मिलेगा! हम जल्दी से प्रभु के दण्ड में गिर सकते है, जैसे नाझी जर्मनी ने किया, या जैसे पूराने मिस्त्र, बेबीलोन, रोम, स्पेन, और रशियाने किया। चलिये प्रार्थना करें कि प्रभु स्वयं हमारे राष्ट्रपति के मन को फिराये। चलिये प्रार्थना करते है यरूशलेम की शांति के लिये, और इस्त्राएल के सौभाग्य के लिये। आमीन।
हम यीशु में विश्वास करने के लिये क्षमा-याचना नहीं करेंगे। वे क्रूस पर मरे मानवजाति के पापो को चुकाने। उन्होंने उनका बहुमुल्य लहू बहाया हमें सारे पापो से शुद्ध करने। वे शारिरीक रूप से मृत्यु से उठे हमें नया जन्म और अनंत जीवन देने। मैं आज रात कैसे प्रार्थना करूं ताकि जो कोई यह धार्मिक प्रवचन पढ रहा हो वह यीशु के पास आये, विश्वास के द्वारा, और उनके द्वारा बचाया जाये सारे समय ओर सारी अमरता के लिये। आमीन।
पीछली रात में सो रहा था,
तब ख्वाब आया इतना सुन्दर,
मैं पुराने यरूशलेम में खडा था,
मंदिर के करीब वहाँ पर।
मैंने बच्चों को गाते हुए सुना,
और हमेशा जैसे उन्होंने गाया,
मैंने सोचा स्वर्गदूत की आवाज
स्वर्ग से बजी जवाब में;
मैंने सोचा स्वर्गदूत की आवाज,
स्वर्ग से बजी जवाब में :
‘‘यरूशलेम! यरूशलेम!
आपके द्वार उठाओं और गाओ,
होसाना सबसे ऊँचाई पर,
होसाना आपके राजा को!''
और फिर मैंने सोचा मेरा ख्वाब बदल गया,
रास्ते अब नहीं बज रहे थे,
आनंदित होसाना शांत थे,
छोटे बच्चों ने गाया था।
सूर्य रहस्य से काला हो गया,
प्रातःकाल थंडा और शीतल था,
जैसे क्रूस की परछाई
निर्जन पहाड़ो पर से उठी,
जैसे क्रूस की परछाई
निर्जन पहाड़ो पर से उठी।
‘‘यरूशलेम! यरूशलेम!
सुनो! स्वर्गदूत कैसे गाते है,
होसाना सबसे ऊँचाई पर,
होसोना आपके राजा को।''
और फिर एक बार दृश्य बदल गया
नई धरती वहाँ दिख रही थी,
मैंने पवित्र शहर देखा
बिना ज्वार के समुद्र के पास;
रास्तों पर परमेश्वर की रोशनी थी,
द्वार पूरे खुले हुअे थे,
और जो कोई भी प्रवेश कर सके,
और कोई भी अस्वीकृत नहीं था।
रात में चाँद सितारों की जरूरत नहीं थी,
और सूर्य की दिन में चमकने।
यह नया यरूशलेम था,
जो अब कभी नहीं मरेगा।
‘‘यरूशलेम! यरूशलेम!
क्योंकि रात बित चुकी है!
होसाना सबसे ऊँचाई पर,
होसाना सर्वदा के लिये!
होसाना सबसे ऊँचाई पर,
होसाना सर्वदा के लिये!''
(‘‘पवित्र शहर'' फ्रेडरीक इ. वेधर्ली द्वारा, 1848-1929)।
ओबामा की इस्त्राएल पर लड़ाई
डीक मोरीस और ईलीन मेकगेन्न द्वारा 23 मई, 2011
http://www.dickmorris.com/blog/obamas-war-on-israel/#more-3142
कोई भी अमरीकन यहूदी जिसे कदर है इस्त्राएल के राष्ट्र के अस्तित्व की अपने आपको बहुत लंबे समय तक छोटा नहीं समझ सकता है। राष्ट्रपति ओबामा यहूदी राज्य के विरूद्ध हैं। उनके गुरूवार के भाषण में प्रत्यक्षरूप से पेलेस्टेनीयन की अवस्था को स्वीकार करते है और वे योजना करते है इस्त्राएल पर दबाव डालते है अपने वंश को अधीन हो जाने।
हम कैसे वर्णन करे उस मांग का कि इस्त्राएल फिर से अपनी 1967 की सीमा पर जाये और क्या यह शुरूआत का स्थान होगा आगे दूसरे व्यवहार के लिये? 1967 की सीमाओं समावेश करती है इस्त्राएल के मध्य की सीमा रेखा जो सिर्फ बारह माइल लंबी है। ये आसानी से चार घंटो में चली जा सकती है और वाहन द्वारा पंद्रह मीनट से भी कम समय मे। जेट हवाईजहाज एक ही मीनट में लेगा वहाँ उड के जाने के लिये।
इस्त्राएल को अरक्षणीय सीमा पर डालने को दबाव देना ये उपाय का आरंभ नहीं है। ये आधुनिक अंतिम उपाय के बराबर है - इस्त्राएल और सतर लाख यहूदी जो वहाँ रहते है उनका नाश।
कौन दिखावा कर सकता है कि डूबता हुआ इस्त्राएल सांत्वना देता है अरबवासियों को, खंडन होता हुआ चेकोस्लवाकिया हीटलर को सांत्वना देता है उससे ज्यादा? पेलेस्टेनीयन को, दूर तक कष्ट भी उत्तेजना के साथ युनाइटेड नेशन के शरणार्थी संस्था, हमास और पीए (PA) द्वारा वापस लौटने का हक्क चाहिये। उन्होंने यह प्रदर्शित किया सिर्फ पीछले हफते जैसे उन्होंने इस्त्राएल की सीमा के प्रवेश की मांग का मूल्य लगाया उनके खेत और घरो कि कमी और यहूदी को बाहर निकालना, जो वहाँ साठ वर्षो से भी ज्यादा समय से रहते थे - वहाँ पर कोई समझौता नहीं जो वे स्वीकार करें।
और ओबामा के पेलेस्टेनीयन की जरूरी मांगो को स्वीकार करने में क्या पीछे गिरना है? ये होता है कुछ हफतो बाद जब पेलेस्टेनीयन अधिकारी और हमास जुडे, दोनो इस्त्राएल के नाश के लिये तैयार। यही अधिकार ओबामा को चाहिये कि इस्त्राएल समुद्र से बारह माइल में विश्वास करें!
अगर पीछले कुछ महीने क्रांति के अरब की दुनिया में कुछ भी प्रमाणित किया हो, तो वो है कि अरब रास्ते ज्यादा चिन्तित है अपने खुद की अल्प व्यय संबंधी अच्छाई और उनके साम्रज्य के अनिायंत्रित राज्य से बाहर आने पेलेस्टेनीयन की अवस्था से।
यहूदी प्रजातंत्रवादीयों के परिणाम के लिये ओबामा का बोलना गंभीर है। उन हर एक को अब चुनना जरूरी है, रूक्षता से और बिना वाक्छल के लिये जगह रखे, उनके आधार, ओबामा के लिये और उनका पीठबल इस्त्राएल के लिये। ये इस्त्राएल या प्रजासताक जुथ नहीं है जिन्होंने इस प्रकार की पसंद उन पर डाली हो। यह स्वयं राष्ट्रपति है जिसका इस्त्राएल के विरूद्ध पक्षपात कभी भी ज्यादा जंगली तरीके से दीखाने पर नहीं था।
जैसे राष्ट्रपति ओबामा मांगते है मूलधन अमरीकन यहूदियों से, चलिये हम सब अपने इस्त्राएल के परिवार, मित्रो और एक ही देश के निवासीयों को याद करते है और ना कहकर उनका सम्मान करते है। यह समय है अमरीकन यहूदियों को चुनने का। जैसे ये 1938 में था।
(संदेश का अंत)
आप डॉ0हिमर्स के संदेश प्रत्येक सप्ताह इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं क्लिक करें
www.realconversion.com अथवा
www.rlhsermons.com
क्लिक करें ‘‘हस्तलिखित संदेश पर।
आप डॉ0हिमर्स को अंग्रेजी में ई-मेल भी भेज सकते हैं - rlhymersjr@sbcglobal.net
अथवा आप उन्हें इस पते पर पत्र डाल सकते हैं पी. ओ.बॉक्स 15308,लॉस ऐंजेल्स,केलीफोर्निया 90015
या उन्हें दूरभाष कर सकते हैं (818)352-0452
ये संदेश कॉपी राईट नहीं है। आप उन्हें िबना डॉ0हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते
हैं। यद्यपि, डॉ0हिमर्स के समस्त वीडियो संदेश कॉपीराइट हैं एवं केवल अनुमति लेकर
ही उपयोग में लाये जा सकते हैं।
धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : उत्पति 12:1-7।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘पवित्र शहर'' (फ्रेडरीक इ. वेधर्ली द्वारा, 1848 - 1929)।