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मनुष्य के विचारों के विरूद्ध प्रभु के विचार

MAN’S THOUGHTS VERSUS GOD’S THOUGHTS

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, जनवरी 30, 2011 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन.
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, January 30, 2011

‘‘क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अंतर है'' (यशायाह 55:8-9)।


महेरबानी करके अपनी बाइबल खुल्ली रखे उन पदो के लिये। ये धार्मिक प्रवचन लिखा गया है ‘‘मनुष्य के विचार और प्रभु के विचार,'' जैसे सी.एच.र्स्पजन द्वारा प्रभु के दिन की सुबह 18 फरवरी 1866 को युरोप में लंदन के मेट्रोपोलीटन टबरनेकल में दिया गया था।

विषय बात करता है विचारो की। ये मनुष्य के विचारो को बताता है। फिर ये बात करता है प्रभुके विचारो की। अगर आप प्रभु, अनंतता और पापो के बारे में सोचना शुरू करते हो तो ये शायद आपके परिवर्तित होने से ज्यादा दूर नहीं। परंतु अगर आप गहराई से इसके बारे में नहीं सोचते है तो ये विषय आपको सुख नहीं दे सकता। ये मेरा फर्ज है प्रार्थना करना की प्रभु आपको इस अनंतता के बारे में सोचने के लिये प्रेरित करे जैसे की प्रभु इनके बारे में सोचते है। महेरबानी करके खडे रहे और ये विषय जोर से पढें।

‘‘क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति और मेरे और तुम्हारे सोच विचारो में, आकाश और पृथ्वी का अंतर है” (यशायाह 55:8-9)।

आप बैठ सकते हो।

उस विषय में हमारे पास दो व्यक्ति है सोचते हुए - मनुष्य और प्रभु। परिणाम स्वरूप, हमारे पास है मनुष्य के विचार और प्रभु के विचार। प्रभु के विचार मनुष्य के विचारो से ‘‘उच्च'' कहे जाते है। अगर आप कभी भी सच्चे मसीही बनने की आशा रखते हो, आपको जैसे प्रभु सोचते है वैसे ही सोचने की प्रेरणा होनी चाहिये। प्रभु की आत्मा आपको वो प्रकाश दे।

इस सुबह मै उन लोगो से बोलना चाहता है जो अनंत वस्तुओं के बारे में सोचते है, खास करके आपकी आपके पापों की माफी की जरूरत। अब तक आपको अपनी सोच थी और ये सोच आपको परेशान करती थी और गलत राह दिखाती थी। मैं आपके विचार प्रभु के विचारो के सामने अंतर दिखाऊँगा। मैं आशा रखता हूँ कि यह धार्मिक प्रवचन आपको प्रभु के विचारो को विश्वास से पकडने में मदद करें, ताकि आप मसीह तक ले जाये जाओ, क्योंकि अकेले मसीह ही आपके पापो को क्षमा कर सकते है।

‘‘क्योंकि यहोवा कहता है मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृत्वी का अंतर है'' (यशायाह 55:8-9)।

।.  पहला, आपके पापो की क्षमा की संभावना के बारे में आपके विचारो की प्रभु के इस बारे में विचारो के साथ तुलना किजीये।

आज बहुत कम लोग सोचते है की उन्हें पापो की माफी की जरूरत है। औसतः लोग प्रभु के विचारो से इतने बेखबर है की वो सोचते है कि उन्हें माफी की जरूरत ही नहीं है। परंतु अगर आप इस तरह से सोचते हो, तो आपके विचार प्रभु के विचार नहीं है। बाइबल में दो बार प्रभु ने कहाँ की वे ‘‘दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा'' (निर्गमन 34:7; गिनती 14:18)। प्रेरितो याकूब ने कहाँ,

‘‘जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है, परंतु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहर चूका है'' (याकूब 2:10)।

अब, फिर, मुझे आपसे पूछने दिजिये, क्या आपने प्रभु की ‘‘सारी व्यवस्था'' का पालन किया है? क्या आपने प्रभु की नजरों में पूरी तरह पवित्र जीवन गुजारा है? आप शायद कहें, ‘‘कोई भी ये नहीं कर सकता।'' आह, आप छल कर रहे हो! आप दोष दूसरो पर डाल रहे हो। मैंने आपको ये नहीं पूछा की दूसरो ने क्या किया। मैंने कहाँ, ‘‘क्या आप ने प्रभु की ‘‘सारी व्यवस्था का पालन किया है? और, अगर आपने नहीं किया फिर बाइबल कहता है, आप ‘‘सब बातों में दोषी'' (याकूब 2:10) हो। और प्रभु ने कहा था की वे ‘‘दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा'' (नीर्गमन 34:7)। दूसरे शब्दों में आप प्रभु के साथ परेशानी में हो!

मैं आशा रखता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि आप मनुष्य के विचारो के बारे में सोचना बंद करेंगे। मनुष्य सोचता है की वो दोषी नहीं है। परंतु वो प्रभु सोचते है वो नहीं है। प्रभु सोचते है,

‘‘जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परंतु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहर चूका है।'' (याकूब 2:10)।

फिर भी यहाँ इस सुबह कुछ लोग होंगे जो एकदम विरूद्ध सोचते है। आप शायद सोचते होंगे, ‘‘प्रभु मुझे कभी भी माफी नहीं देंगे क्योंकि मेंने जानबूझकर पाप किये है। मैं जानता था सही क्या है, परंतु मैंने पाप को चूना। जैसे बच्चा जो जल गया था, मैंने इरादे से और असावधानी से अपनी ऊँगली फिर से आग में डाली। मुझे पाप करने का कोई सच्चा कारण नहीं था, सिवा मेरे अशुद्ध प्रेम दुष्टात्मा के लिये। मैंने बिना किसी बहाने से पाप किये हैं। प्रभु मुझे माफ नहीं करेंगे क्योंकि मेंने जानबूझकर पाप कीये है।” इस तरह से भी मनुष्य सोचता है। परंतु ये वो नहीं है जो प्रभु सोचते है! प्रभु कहते है,

‘‘यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें : तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हो तो भी वे हिम के समान उजले हो जाएँगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हो तो भी वे उन के समान श्वेत हो जाएँगे” (यशायाह 1:18)।

यही है जो प्रभु सोचते है!

‘‘परंतु दूसरा व्यकित कहता है, ‘‘मेरे पाप दोबारा हुए है। मैंने बार बार पाप किये है। प्रभु कैसे मुझे माफ कर सकते है मेरे बार बार पाप करने को? मेरे लिये कोई आशा नहीं है। मुझे कहना ही चाहिये, फिर से, की ये मनुष्य के विचार है - प्रभु के विचार नहीं। ये निश्चींत है की आप के पाप समुद्र तट की बालु की कण की तरह इतने ज्यादा हैं। आपकी 18 वर्ष या ज्यादा उम्र से, आपने अनगिनत पाप के काम किये है। परंतु प्रभु ने मसीह को भेजा ताकि आपके सारे पाप माफ किये जाये। जीवनभर के पाप पल में दागरहित हो सकते उनके लहु के साथ! जोसेफ हार्टने ये अच्छा कहाँ है,

जिस पल पापी विश्वास करते है,
   और अपने क्रूस पर मरे हुए प्रभु में श्रद्धा रखते है,
उनकी माफी तुरंत ही वो पाता है,
   उनके लहु के द्वारा पूरी मुक्ति।
(‘‘जिस पल पापी विश्वास करते है''
      जोसेफ हार्ट द्वारा, 1712-1768)।

फिर से, यहाँ शायद कोई हो जो कहे, ‘‘मुझे दोष का पूरी तरह ज्ञान नहीं हैं। मैंने अपने पाप पूरी तरह क्षमा पाने तक स्वीकार नहीं किये है।'' आपको आपके पापो का कुछ ज्ञान महेसूस हुआ है। परंतु आप मेहसूस करते हो की आपका मन अभी भी बहुत कठोर है। ये फिर से, मनुष्य की सोच है। परंतु ये प्रभु जो सोचते है वो नहीं है। प्रभु नहीं कहते, ‘‘मुझे उन पापीयों से कुछ लेना देना नहीं है क्योंकि उसे पापो का पूरा अपराधभाव नहीं है।'' नहीं, नहीं! प्रभु कहते है,

‘‘अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपये न हो, तुम भी आकर ... बिन रुपये और बिना दाम ही आकर ले लो'' (यशायाह 55:1)।

मुक्ति का आधार आपको पापो का कितना अपरधभाव है उस पर नहीं है। मुक्ति का आधार यीशु मसीह स्वयं है। उनके पास आइये ‘‘बिन रुपये और बिना दाम।'' ये आपकी भावना या अपराध भाव नहीं है जो आपको बचायेगा। ये यीशु मसीह स्वयं है! जब वे क्रूस पर मरे उन्होंने कहाँ,

‘‘पूरा हुआ'' (यूहन्ना 19:30)

यीशु के पास आइये, ‘‘ बिन रुपये और बिना दाम,'' और वे आपको आपके पापो से माफी देंगे। आपको आपकी कोई भावना जोडने की कोशिष नहीं करनी चाहिये क्योंकि आपकी भावनायें आपको बचा नहीं सकती, या आपको बचाने में मदद भी नहीं कर सकती। जब मसीह क्रूस पर मरे तब उन्होंने कहा,

‘‘पूरा हुआ।''

 

यीशुने हर चीज पूरी की क्रूस पर जो आपको जरूरी है माफी के लिये! आप जैसे हो वैसे ही यीशु के पास आइये और आपको मसीह के पूरे काम के सारे फायदे मिलेंगे। हमारा विषय सच्चा है, ‘‘मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है'' (यशायाह 55:8)। खडे रहीये और ये विषय एक बार फिर से पढीये।

‘‘क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अंतर है'' (यशायाह 55:8-9)।

आप बैठ सकते है।

II.  दूसरा, आपके पापों की क्षमा पाने के बारे में आपके विचारो की तुलना किजीये प्रभु के इस बारे में विचारों के साथ।

आप में से कोई सोचे की यीशु पर विश्वास करने का विचार और आपके पापो की तुरंत माफी मिलना, बहुत सरल है सुरक्षित होने के लिये। बहुत सरल है सुरक्षित होना? आपको चाहिये की मुक्ति समझने के लिये पेचीदा और मुश्किल हो। ये आपकी सोच है। परंतु प्रभु जो सोचते है वो नहीं है! प्रभु के वचन सीधे कहते है,

‘‘प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उध्धार पाएगा'' (प्रेरितो 16:31)।

क्या सुरक्षित होना बहुत सरल है? मसीह में विश्वास रखे और जीये! सुसमाचार का अस्वीकार न करें क्योंकि ये सरल है। मसीह में विश्वास करें और आप अब बचाये जाओगे! उध्धारक के पास आओ। उन पर भरोसा करें और आपके सारे पाप चले जायेंगे, माफ और शुद्ध किये हुए उनके सदा रहनेवाले लहु से! प्रभु के वचन कहते है, ‘‘जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती'' (यूहन्ना 3:18)। यीशु ने कहाँ,

‘‘जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा'' (यूहन्ना 6:37)।

तो भी आपमें से कुछ सोचते है, ‘‘ये बहुत अच्छा है सच्चा होना''। मैं स्वयं वो सोचता हूँ बहुत लंबे समय से। परंतु वो विचार मेरा विचार था। वो प्रभु का विचार नहीं था। किसी ने वृध्ध मसीह को कहाँ, ‘‘ये आश्चर्यजनक नहीं है की मेरे पापो के जैसे पापो को प्रभु माफ करें?'' ‘‘नहीं'', वृध्ध औरत ने कहाँ, ‘‘ये आश्चर्यजनक नहीं है, ये प्रभु के करने जैसा ही है।'' प्रभु ऐसे ही है! ये बाइबल के प्रभु है, जिन्होंने अपना एक मात्र पुत्र आपकी जगह क्रूस पर मरने के लिये दीया, ताकि आप माफ किये जा सको, आपके पाप बचाये और शुद्ध किये जाये यीशु के लहू के द्वारा! यही प्रभु है जो पापीयों के गले तक गिरते है, और आनंद पाते है क्योंकि वो बचाया गया है! प्रेरितो पौलुस ने कहाँ,

‘‘परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। अतः जब कि हम अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे तो उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे'' (रोमियों 5:8-9)।

‘‘फिर, क्युं ये इतना कठीन लगता है?'' किसीने पूछा। ये ऐसा है क्योंकि सुसमाचार इतना सरल है आपका फिरा हुआ, दुष्ट मन सीधे सीधे इसे मानेगा नहीं और यीशु पर विश्वास नहीं करेगा। मुझे कभी भी पता नहीं था मनुष्य जिसने यीशु पर भरोसा किया था जब तक उसे ये मेहसूस कराया जाये की वो और कुछ भी नहीं कर सकता। जब मनुष्य मेहसूस करता है की बचाने के लिये वो और कुछ भी नहीं कर सकता वो शायद अपने मन में कहे, ‘‘जब मैं स्वयं अपने आपको बचा नहीं सकता, इस लिये चलिये यीशु मुझे बचाये।'' शायद प्रभु आपकी खुद की जरूरत को सूखा कर दे, और फिर अनंत दया की धारा मसीह के चूकानेवाले बलिदान द्वारा चांदी की नली से बहकर नीचे आप पर आये, और आप माफ किये जाओ, और आनंदीत रहो और जीयो! डो. जोन. आर. राइस की तरह किसी ने भी इतना सरल नहीं किया, जब उन्होंने वो शब्द लिखे जो श्रीमान गीफ्रिथ ने कुछ पल पहले गाया,

हमारे पास प्रेम की कहानी है, हर सीमा पार की हुई,
   हम कहते है की कैसे पापी क्षमा किया जा सकता है।
वहाँ पर मुक्ति क्षमा है, क्योंकि यीशु तडपे है,
   और काल्वरी के वृक्ष पर प्रायश्चित किया।
ओह, कैसा दया का फव्वारा बह रहा है,
   नीचे मनुष्य के क्रूस पर मरे हुए उध्धारक से।
हमें छुडाने बहुमुल्य लहू उन्होंने छिडका,
   अनुग्रह और माफी हमारे सारे पापो के लिये

अब प्रभु संतुष्ठ है, न्याय पूरा हुआ,
   दया और सच्चाई मसीह में एक से जुड गये।
अब पापीयों के लिये प्रभु अपनी माफी देते है,
   जीवन और मुक्ति उनके बेटे यीशु द्वारा।
ओह, कैसा दया का फव्वारा बह रहा है,
   नीचे मनुष्यों के क्रूस पर मरे हुए उधारक से।
हमें छुडाने बहुमूल्य लहु उन्होंने छिडका,
   अनुग्रह और माफी हमारे सारे पापो के लिये।
(ओह, कैसा फव्वारा। डो. जोन. आर. राईस द्वारा, 1895-1980)

क्या आप यीशु पास आयेंगे और बचाये जाओगे अपने पापो के दण्ड से? क्या आप उध्धारक के पास आओगे? वे आपके पापो को बचाकर और शुद्ध करेंगे प्रभु की किताब से। हम प्रार्थना करते है की प्रभु आपको यीशु तक ले जाये उनके बहुमूल्य लहू द्वारा शुद्ध करने! आमीन।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्रःयशायाह 55:1-9।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘ओह, कैसा फव्वारा!'' (डो. जोन. आर. राइस द्वारा, 1895 - 1980)।


रूपरेखा

मनुष्य के विचारों के विरूद्ध प्रभु के विचार

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अंतर है'' (यशायाह 55:8-9)।

I.   पहला, आपके पापो की क्षमा की संभावना के बारे में आपके विचार की प्रभु के इस बारे में विचारो के साथ तुलना किजीये, निर्गमन 34:7; गिनती 14:18; याकूब 2:10; यशायाह 1:18; 55:1; यूहन्ना 19:30।

II.  दूसरा, आपके पापो की क्षमा पाने के बारे में आपके विचारो की तुलना किजीये प्रभु के इस बारे में विचारो के साथ, प्रेरितो 16:31; यूहन्ना 3:18; यूहन्ना 6:37; रोमियों 5:8-9।