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स्थानीय कलीसिया में प्रेम !LOVE IN THE LOCAL CHURCH! डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, जनवरी 9, 2011 ‘‘मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो ! यदि आपस मे प्रेम रखेागे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो।’’ (यूहन्ना 13:34-35)। |
महेरबानी करके अपनी बाइबल यहाँ इस जगह खुल्ली रखीये। फसह का खाना खत्म हुआ था। परंतु यीशु परमेश्वर के रात्रि भोज को जारी करने से पहले थोडा रूके। उन्होंने तोलिया लिया, छोटे कटोरे को पानी से भरा और चेलो के पाँव धोना शुरू किया। उन्होंने उन सबके पाँव धोये और सूखाये, यहूदा के पाँव को भी, वो जो उन्हें धोखे से पकडनेवाला था। फिर उन्होंने कहॉ,
‘‘मैंने तूम्हें नमूना दिखा दिया है कि जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो’’ (यूहन्ना 13:15)।
उनका क्या अर्थ था? यह एक चिन्हात्मक कार्य था जिसे दिखाया गया था, चलचित्र की तरह, हमारे पाठ का अर्थ,
‘‘मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। यदि आपस मे प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:34-35)।
मसीह ने कहाँ, ‘‘मैं तुम्हे एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो।’’ उनकी आज्ञा में नया क्या था? पूरानी नियमावली, लैव्य व्यवस्था 19:18 में, कहाँ, ‘‘एक दूसरे से अपने ही समान प्रेम रखना।’’ ये कैसा है, फिर, नयी आज्ञा? पूरानी आज्ञा कहती है एक दूसरे से ‘‘अपने जैसा’’ ही प्रेम रखने। नयी आज्ञा है, ‘‘जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो’’। स्पर्जनने कहाँ, ‘‘कि (पूरानी आज्ञा) प्रेम की कृपा है (या दया), परंतु ये (नयी आज्ञा) प्रेम का संबंध (नाता में) और नजदीकी रिश्तेदारी’’ (सी.एच. स्पर्जन, ‘‘मसीह की नयी आज्ञा’’, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, क्रमांक 2,936, भाग 51, पृष्ठ 242)। ओर आगे मसीह की ‘‘नयी’’ आज्ञा सामान्य स्थिति में एक दूसरे से सिर्फ अच्छे रहने का संदर्भ नहीं करती, परंतु ‘‘एक दूसरे से प्रेम रखने’’ को संदर्भ करता है मसीह का स्थानीय कलीसिया में एक दूसरे का प्रेम।
आखिरकार, क्या ये 12 चेले पहली नयी नियमावली के मन के समान नहीं थे? हकीकत में वे थे! और, इसिलीये, मसीह की ‘‘नयी’’ आज्ञा स्थानिय कलीसिया में मसीही को कहता है ‘‘एक दूसरे को प्रेम करो; जैसे मैंने तुम से प्रेम किया ।’’ स्थानीय धार्मिक सभा में मसीह द्वारा भाइयों और बहनो से कहाँ जाता है एक दूसरे से ऐसा प्रेम रखना जैसा मसीह ने अपने चेलो से रखा था। मसीह का अपने चेलो के लिये प्रेम सिर्फ गुजरनेवाली भावना नहीं थी। वो सच्चा था, उन्होंने अपने स्वयं को उनके साथ बांटा था। उन्हें उनकी परवाह थी। उन्होंने उनके पांॅव भी धोये। उन्होंने अपना जीवन उनके लिये दे दिया और वे कहते है कि हमें ‘‘एक दूसरे से प्रेम करो; जैसे मैंने तुम से प्रेम किया’’।
हम मसीह की नयी आज्ञा मानने के लिये स्थानीय कलीसिया में काम और प्रार्थना करते है। हम हमारे पूरे मन से अपने आपको आपस में बांटने की, एक दूसरे की परवाह करने की, आपस में देने की कोशिष करते है।
नया युवा व्यक्ति अंदर आता है और बचाया जाता है। हमें उसका भाई की तरह स्वीकार करना चाहिये। वो जमा होकर और जतन किया हुआ और गहरा प्रेम पाना चाहिये।
आप में से कितने ही लोगो ने दो हफते पहले मुझे ऐसे उदार चढावे और भेंट दी थी, क्रिसमस की संध्या पर। उस रात कलीसिया में आपका मेरे प्रति दीखाना आपके लिये अच्छा था। परंतु मेरे लिये भी ये अच्छा और सही रहेगा की मैं भी समय निकालु और जिस किसीने अपना प्रेम मुझे दिया है उन हर एक को एक धन्यवाद का छोटा लेख दूं। ये मेरे लिये सही है कि मैं आप सबसे कहुँ कि आप मेरे लिये क्या हो, चाहे अगर दो या तीन दिन भी लगे उस लेख को लिखने।
डो. वोलड्रीप के कलीसिया में सुसमाचार प्रचार सभा में आप सबको आते हुए देख कर मै बहुत प्रसन्न हुआ था। रात के बाद रात आप आये और प्रार्थना की, खोये हुओ ओर बिमारो के लिये, क्रीसमस के तुरंत बाद। आप घर बैठकर आराम भी कर सकते थे। परंतु आपने यहाँ रह कर आपस का प्रेम दीखाया है, रात के बाद रात, आपस में प्रार्थना करते हुअे। ये मसीही प्रेम का प्रकाशन मसीह की नयी आज्ञा परिपूर्ण करने दूर तक जाता है, ‘‘कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है’’।
परंतु ये मसीही प्रेम का स्थानीय कलीसिया में प्रकाशन पाये हुओ पर गहरी असर दिखाता है। यहाँ पर स्थानीय कलीसिया में प्रेम दीखाने की तीन असर है अविश्वासी, अपरिवर्तित लोगो में जिसे हमारे बीच सुसमाचार प्रचार द्वारा लाया गया है।
प्. पहला, मसीही का स्थानीय कलीसिया में प्रेम अविश्वासी संसार के लिये चिन्ह है की हम मसीह के चेले है।
पाठ के पद 35 को देखिये। खडे रहीये और इसे जोर से पढीये।
‘‘यदि आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:35)।
आप बैठ सकते हो। ये आपस में प्रेम एक बडा चिन्ह है जो संसार सदा देखेगा कि हम यीशु के चेले और उनके पदचिन्हों पर चलने वाले है।
हम शिक्षा देनेवाला धार्मिक प्रवचन दे सकते है, धार्मिक प्रवचन जो पूरी तरह धर्मनिष्ठ और पूरी तरह सच्चा और मजबूत सूसमाचार प्रचार है, परंतु अगर वो खोये हुअे लोग जो हमारी सभा में आये है वे अगर हमारे कलीसिया में मसीही प्रेम का गहरा अनुभव नहीं करते, वे कुछ असामान्य नहीं देखेंगे, वे नहीं सोचेंगे की यहॉ पर कुछ महत्वपूर्ण चल रहा है। परंतु जब वे हमारी सभा में आते है और समय से मिलते और हकीकत में हमें आपस में प्रेम करते देखते है - फिर वे ये कहने प्रभावित होते है ‘‘ये परमेश्वर के लोग है। ये वे लोग है जो यीशु को जानते है और उनके रास्ते पर चलते है।
‘‘यदि आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:35)।
स्पर्जनने कहाँ, ‘‘कोई भी धार्मिक प्रवचन संसार में इतना (अच्छी तरह सूना जाता) मसीह के प्रेम के सच्चे प्रदर्शन की तरह नहीं हो सकता; और जब परमेश्वर उनके कलीसिया को सच्चे दिल से और शुद्ध प्रेम से भरता है ... तब संसार प्रभावित हो सकता है सुसमाचार द्वारा जो अब वर्तमान में है उससे ज्यादा’’ (पइपकण्, पृपृष्ठ 249-250)। चलिये ये हमारा कलीसिया के लिये लक्ष्य होना चाहिये इतने भव्यता से एक दूसरे से प्रेम ताकि,
‘‘यदि आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:35)।
जॉन पीटर लेन्ग, बडे जर्मन ब्रम्हज्ञानी ने बताया की मसीहीता के पहले के दिनों में ‘‘बुतपरस्त (कई बार) आश्चर्य से चिल्लाये ः ‘देखिये ये मसीही कैसे एक दूसरे को प्रेम करते है, और केसे एक दूसरे के लिये मरने को तैयार है’’’। ल्युसीयन (बुतपरस्त लेखक) ने (भी) हंसी उडाते हुए लिखा, ‘‘उनकी व्यवस्था देनेवालो में (मसीह) विश्वास जमाया कि वे सभी (भाई और बहन) है’’ (लेन्गस कोमेंन्ट्री ओन ध होली स्क्रीपचर्स, जोन, पृष्ठ. 427)।
आज भी, तीसरे संसार में, चीन, दक्षिणीपूर्व एशिया, भारत, आफ्रिका और मुस्लीम धरती में, हम ये मसीही का एक दूसरे से प्रेम बहुत बार देखते है - शायद ध्यान देने की तरह - कई बार बहुत मुश्किल हालात मे ये ज्यादातर पश्चिमी मसीही को शर्मनाक स्थिति में रखेगा। प्रभु हमारे कलीसिया को मदद करे पहले के मसीही और तीसरे संसार के मसीही को भी। चलिये हम मसीह के वचनो को याद करते है,
‘‘यदि आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:35)।
स्थानीय कलीसिया में मसीही का आपस में प्रेम एक शक्तिशाली चिन्ह है अविश्वासी संसार को की हम यीशु मसीह के सच्चे माननेवाले है!
प्प्.दूसरा, स्थानीय कलीसिया में मसीही प्रेम और एकता अविश्वासी संसार के लिये बडा प्रमाण है की हमारा विश्वास सच्चा है।
महेरबानी करके यूहन्ना 17:21 की ओर फिरे। महेरबानी करके खडे रहीये और इस अध्याय को जोर से पढीये।
‘‘कि वे सब एक हो; जैसा तू है पिता मुझ में है, और मैं तूझ में हूँ, वैसे ही वे भी हम में हों, जिससे संसार विश्वास करे कि तू ही ने मुझे भेजा है।’’ (यूहन्ना 17:21)।
आप बैठ सकते हो।
ये हमें एक कदम आगे ले जाता है। यूहन्ना 13:35 में यीशु ने कहा संसार जानेगा कि हम मसीह के चेले है अगर हम ‘‘एक दूसरे को प्रेम करेंगे’’। परंतु यहा यूहन्ना 17:21 में, मसीह गहराई में जाते है। वे ससांर को हमारे आपस के प्रेम से प्रभावित करने से आगे जाते है। जैसे उन्होेंने उपर का कक्ष छोडा और गतसमनी के बगीचे की ओर गये, उन्होंने पिता को प्रार्थना की, ‘‘कि वैसे ही वे भी हम में हो, जिस से संसार विश्वास करे कि तू ही ने मुझे भेजा है’’ (यूहन्ना 17:21)
आज ये अध्याय गलत तरीके से लागू किया गया है, उन लोगो के द्वारा ‘‘विभिन्न मसीही कलीसिया की आपस में एकता की गति’’ में। यह हास्यास्पद है इसे विभिन्न कलीसिया के आपस की एकता में लागू करना; और कहना की ये सारे वर्गो के लिये अर्थपूर्ण है, उन में से कितने विरूद्ध मत से भरे हुए ओर अविश्वास सदस्य, साथ में आने ही चाहिये। मसीह इस तरह की वस्तुओ के लिये प्रार्थना नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘कि वे भी शायद उनमें से एक होंगे’’। कौन प्रार्थना करता था? वे प्रार्थना कर रहे थे वो पहले स्थानीय कलीसिया के मुख्य और मध्य भाग के लिये! जब स्थानीय कलीसिया में एकता है, और वो प्रेम और एकता से भरा हुआ है, फिर संसार ‘‘विश्वास करे कि तू ने ही मुझे भेजा है’’।
परंतु मसीह 23 वे पद में ओर आगे गये। महेरबानी करके खडे रहीये ओर इसे जोर से पढीये।
‘‘मैं उन में और तू मुझ में कि वे सिद्ध होकर एक हो जाए, और संसार जाने कि तू ही ने मुझे भेजा, और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा वैसा ही उनसे प्रेम रखा’’ (यूहन्ना 17:23)।
आप बैठ सकते हो।
यूहन्ना 13:35 में यीशु ने कहॉ पूरे संसार को मालूम होना चाहिए की हम उनके माननेवाले है ‘‘अगर हमने एक दूसरे पर प्रेम रखा हो’’। यूहन्ना 17:21 में, उन्होंने कहा की हमारी एकता और प्रेम संसार में विश्वास दिलायेगा कि परमेश्वर ने उन्हें भेजा है उनके पापो के लिये मरने और उन्हें जीवन देने मृत्यु से उठने। स्थानीय कलीसिया में मसीही का प्रेम और एकता इस शिक्षा के अविश्वासीयों को विश्वास दिलायेगा।’’
सिर्फ शिक्षा में मानना बचाता नहीं है। और इसीलिये, एक बार फिर, यूहन्ना 17:23, में मसीह स्थानीय कलीसिया में एकता और प्रेम की ओर पीछे जाते है, इस समय खोये हुए संसार को उनके अपने लीये सुसमाचार जानने के जरीये की तरह। फिर से ध्यान से सुनीये,
‘‘कि वे (मसीही) सिद्ध होकर एक हो जाए, और संसार जाने कि तू ही ने मुझे भेजा और जैसा तू ने मुझ से प्रम रखा ...’’ (यूहन्ना 17:23)।
हम हमारे गले सूख जाने तक प्रवचन दे सकते है। हम हमारे जुते फट जाने तक सुसमाचार प्रचार कर सकते है। परंतु अगर खोया हुआ व्यक्ति मसीही का प्रेम और एकता नहीं देखते जब वे स्थानीय कलीसिया आते है वे ‘‘जानेंगे’’ नहीं की सससुसमाचार सच्चा है। वेेे नहीं जानेंगे की मसीह ‘‘उनमें प्रेम रखा’’।
अगर, दूसरे हाथ पर, खोया हुआ व्यक्ति हमारे कलीसिया में आता है और हमारी एकता और आपस में प्रेम देखता है, वे ‘‘जाने कि तू ही ने मुझे भेजा, और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा वैसा ही उनसे ...’’ (यूहन्ना 17:23)।
मैं सामान्यतः जोन आर. डब्ल्यु. स्टोट की लिखावट के लिये परवाह नहीं करता। परंतु मैं चौंक गया था कुछ वस्तुओं से जो उन्होंने एक बार लिखी थी, जो मैं मानता हुँ गहराई और पवित्रशास्त्र की ओर से सच्चा है। डो. स्टोट ने कहा,
वो ही अदृश्य परमेश्वर जिसने एकबार अपने आपको प्रत्यक्ष किया था, यीशु में अब स्वयं को मसीही (कलीसिया) में प्रत्यक्ष बनाता है, अगर हम आपस में प्रेम रखते है। और सुसमाचार की पूरी मौखिक घोषणा करते है वो बहुत कम किंमत की है जबतक ये बनाया जाता है’’ (कलीसिया पूरा प्रेम से भरा)। मैं मानता हूँ की सुसमाचार प्रचार खास करके स्थानीय कलीसिया द्वारा, संप्रदाय द्वारा, बजाय अकेले (एक मात्र) व्यक्ति के द्वारा, की कलीसिया वैकल्पीक समाज साम्राज्य का प्रत्यक्ष चिन्ह होना चाहिए। (डो. जोन. आर. डब्ल्यु. स्टोट, क्रीस्टानीटी टूडे; अक्तूबर 2006, पृश्ठ 97-98)।
डो. स्टोट ने कहाँ की खोये हुए लोग प्रभु को नहीं देख सकते। उन्हें आश्चर्य होता है अगर वहाँ परमेश्वर है। परंतु जब मसीही लोग ‘‘स्थानीय कलीसिया’’ मैं (उनके वचन) आपस में इतनी उत्तेजना से प्रेम करते है की वे ‘‘वैकल्पीक संप्रदाय’’ बन जाते है, खोये हुओ को उस संप्रदाय का हिस्सा बनता है - और वे प्रभु का प्रेम और सच्चाई को जान सकेंगे स्थानीय कलीसिया के द्वारा। वो एंजलीकन है - परंतु वो जरूर पूराने तरीके का बेप्टीस्ट की तरह लगा इसमें और मेरी एक सोच के लिये वे एकदम सच्चे थे!
चलिये, इसलिये, आपस में प्रेम करने को, आपस में एक होने को, आपस में प्रार्थना और मदद करने, हम जो करते है वो सब करें। फिर, हमारे कलीसिया में किसी को लाया जाता है वे कहेंगे, ‘‘ये मसीह के माननेवाले है! प्रभु ने ही यीशु को भेजा होगा या ये लोग इतने प्यारे नहीं होते!’’ और, मुझे प्रवचन देते हुए सूनने के बाद और हमारे प्रेम भरे कलीसिया में आने के बाद वे कम से कम कहेंगे, ‘‘मैं जानता हूँ प्रभु ने यीशु को भेजा। मैं जानता हूँ यीशु मुझे प्रेम करते है।’’
प्प्प्. तीसरा, स्थानीय कलीसिया में मसीही प्रेम की अनुपस्थिति के बावजूद भी निर्धारित लोगो को मसीह के पास आते हुए रोक नहीं सकेंगे।
ूहन्ना 13:27 की ओर फिरे। देखीये ये यहूदा के बारे में क्या कहता है।
‘‘टूकडा लेते ही शैतान उसमें समा गया। तब यीशु ने उससे कहा जो तू करता है तुरंत कर’’ (यूहन्ना 13:27)।
यूहन्ना 13:30 तक नीचे आइये। खडे रहीये ओर ये जोर से पढीये।
‘‘वह (यहूदा) टूकडा लेकर तुरंत बाहर चला गया ‘ और यह रात्री का समय था’’ (यूहन्ना 13:30)।
आप बैठ सकते हो। यह असल कलीसिया का हिस्सा हैं। ये मसीह के उनके पांव धोने के और उनके प्रभु का भोज देने के तुरंत बाद हुआ। क्या ये कलीसिया के हिस्से बाकी के चेलो को आपस में प्रेम करने से रोकेगा? हा, ये कुछ समय के लिये हुआ परंतु लंबे समय के लिये नहीं। उन्होंने जल्दी ही जान लिया की उनके बीच यहूदा एक दुष्ट अविश्वासी था। बाद में वो गया, वे फिर से आपस में प्रेम करने लगे और खोये हुए लोगो को स्थानीय कलीसिया के जोश और प्रेम के समागम में लाने लगे।
अब, मैं ये धार्मिक प्रवचन का अंत करता हुँ युवा लोग जो कलीसिया में बडे हुए है उन्हें चेतावनी के साथ। आपने यहुदा जैसे लोगो को देखा है जो परेशानी का कारण बनते है और कलीसिया छोड देते है। ये हर कलीसिया में होता है। आपने उन्हें कलीसिया छोडते हुए देखा है। आपने उन्हें मसीह को धोखे से पकडते हुए देखा है। इससे अपने आपको मसीही बनने स ेमत रोकने दिजीये! हर धोखे से पकडनेवाले यहूदा के लिये, वहाँ पर ओर विश्वासु मसीही है कलीसिया में, और कलीसिया प्रेम के मिलन से चलता है बिना यहूदा के! कुछ परेशान करनेवाले, यहूदा को आपके मसीही बनने में जीवनभर की रूकावट होने मत दिजीये। आप उनके जैसे नहीं होये निश्चींत किजीये। आप निश्चींत कीजीये की आप पीछे नहीं हटोगे जब आप को मसीह के पास आने को कहा जाये। यहूदा ने वो किया था - और वो बूरा दृष्टांत है। यहूदा की तरह मत बनीये। हमारे कलीसिया में आसपास देखीये खूबसूरत मसीहीयो को। उनका प्रभु के लिये ओर आपके लिये प्रेम मेहसूस कीजीये। उनकी प्रार्थना और सत्योपदेश को सूनीये। तुरंत मसीह के पास आईये। और ज्यादा विलंब के बिना साम्राज्य में आ जाइये। मसीह में प्रवेश ने का प्रयत्न कीजीये। और आईये और हमें मदद कीजीये इस कलीसिया को जो डो. जोन. आर. डब्ल्यू. स्टोट ने कहा ‘‘वैकल्पीक संप्रदाय’’ बनाने में, मरते हुए शहर में प्रेम से भरा कलीसिया, तोडनेवाली आचारशिष्टता में पहाडी पर के रोशनीघर के समान! प्रभु आपको आशीर्वाद करे! आमीन!
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(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र: यूहन्ना 17:20-23
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत:
‘‘मेक मी अ चेनल अॉफ ब्लेसींग’’ (हार्पर जी. स्मीथ द्वारा, 1873-1945)।
रूपरेखा स्थानीय कलीसिया में प्रेम! डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। यदि आपस मे प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो’’ (यूहन्ना 13:34-35)। (यूहन्ना 13:15; लैव्यव्यवस्था 19:18) प्.पहला, मसीही का स्थानीय कलीसिया मे प्रेम अविश्वासी संसार के लिये चिन्ह है की हम मसीह के चेले है, यूहन्ना 13:35। प्प्.दूसरा, स्थानीय कलीसिया में मसीही प्रेम और एकता अविश्वासी संसार के लिये बडा प्रमाण है की हमारा विश्वास सच्चा है, यूहन्ना 17:21,23। प्प्प्.तीसरा, स्थानीय कलीसिया में मसीही प्रेम की अनुपस्थिति के बावजुद भी निर्धारित लोगो को मसीह के पास आते हुए रोक नहीं सकेंगे, यूहन्ना 17:27,30। |