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यहुदीयों का भविष्य में होनेवाला परिवर्तन
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डो. ए. डब्ल्यु. टोझर (1897 - 1963) ने निबंध लिखा जिसका शीर्षक था, ‘‘हम मसीह की वापसी के बारे में लापरवाह क्युं है।'' उन्होंने कहाँ,
पहले विश्वयुद्ध के बंद होने के तुरंत बाद, मेंने बडे दक्षिणी प्रवक्ता को कहते हुए सुना की उन्हे डर हे उस समय की तीव्र भविष्यवाणी की रूचिवाली लहर का परीणाम जो धन्य आशा के बाहर मरती थी जब (मसीह के दोबारा आने का) प्रसंग ने उत्साही अनुवादक को गलत साबित किया। वो मनुष्य भविष्यवेता था, या कमसेकम असाधारण चतुर विद्यार्थी मनुष्य स्वभाव का (ध बेस्ट अॉफ ए. डब्ल्यु. टोझर, वोरेन डब्ल्यु. वेईस्ब द्वारा संग्रहित किया हुआ, बेकर बुक हाऊस, 1978, पृष्ठ 55)
ये सच है कि भविष्यवाणी की किताबे हमेशा बिकती है। कुछ प्रवक्ता अभी भी इश्वरीय विषयों पर बोलते है। परंतु दोनो विश्वयुद्ध के बाद भविष्यवाणी पर ज्यादा प्रवचनोने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहाँ हीटलर मसीह के विरूद्ध था। उन्होंने कहाँ कि संसार अणु विस्फोट जैसी चीजों से खत्म हो जायेगा। जब प्रसंगोने बताया की वे गलत थे, बहुत से प्रवक्ता ने बाइबल की भविष्यवाणी पर प्रवचन दिये। मसीह के दोबारा आने के चिन्ह जल्दी ही दूसरी जगह लेने लगे। काल्वीनीस्ट उन सबको फिर से पहली सदी में धकेल दिया। त्यागी लोगो ने उन सब को सात सालो की आपत्ति में ठँसा दीया इस युग के अंत की तरफ। मैं सोचता हूँ दोनो ही प्रवक्ता गलत है।
हमारा विषय बहुत शक्तिशाली है। उस में भविष्यवाणी संबंधी अभिप्राय है और उसमें व्यक्तिगत अभिप्राय भी है। चलीये इसे दोनो तरफ से परखते है।
‘‘तु मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; कयोंकि तू मेरा परमे९वर है। भटक जाने के बाद मैं पछताया; और सिरवाए जाने के बाद मेंने छाती पीटी; पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुँह काला हो गया'' (यिर्मयाह 31:18-19)।
।. पहला, इस विषय का भविष्यवाणी संबंधी अभिप्राय।
इसे एप्रैम का निवेदन किया गया है, प्रभु का नाम है जो इस्त्राएल का वर्णन करने के लिये बार बार उपयोग किया गया है। विषय भविष्य को संदर्भ करता है, जब इस्त्राएल पश्चाताप करेगा और बचाया जायेगा। यिर्मयाह 30:24 का अंत कहता है, ‘‘अंत के दिनों मे तुम इस बात को (समझ) सकोगे” (यिर्मयाह 30:24). तुरंत इसके निमनलिखित, स्कोफिल्ड की टीप्पणी कहती है ‘‘सारांशः इस्त्राएल अंतिम दिनों में'', पाठ 31 के तुरंत पहले (ध स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल, पृष्ठ 805)। डो. जे. वेरनोन मेकगी ने इसे भविष्यवाणी की तरह देखा (थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाशक, 1983, भाग ॥।, पृष्ठ 402; यिर्मयाह 30:24 पर टिप्पणी) - परंतु मैं सोचता हूँ उन्होंने इसे बहुत दूर भविष्य में धकेल दिया, ‘‘साम्राज्य के युग'' पर।
परमे९वरने इन कुछ सालो में यहूदीयों को असाधारण तरीके से आशिर्वाद दीये है। 1948 में इस्त्राएल का राज्य स्थापित हुआ था। यहूदी जो हटाये और कष्ट पहुँचाये गये थे पूरे संसार में दो हजार सालो से वे अपने वतन लौटना शुरू हो गये। इस्त्राएल अपने राज्य के सभी बाजु से अतिक्रूर यहूदी विरोधी मुसलमान देशो से घिरा हुआ है। परंतु प्रभु ने इस्त्राएल को बचाया - चमत्कारिक रूप से। यह ‘‘चिन्ह'' है यीशु मसीह के दोबारा आने का!
और आगे, परमे९वरने यहूदी लोगो के मनों को हिलाया। उनमे से ज्यादातर पीछले पैतीस सालो में यीशु के पास आये है उन्नीस सौ साल पहले आने को मिलाकर।
मैं युवा लोगो के जूथ के साथ कोर्टे माडेरा, केलीफोर्निया के जमीन पर बैठा 1973 में, जब मोईशे रोसेनने कानूनी तौर से ‘‘यहूदी यीशु के लीये'' चालू किया। में उसे अपना मित्र कहने में गर्व महसूस करता हूँ। उन्होंने हमारी शादी करवाई थी। मेरा परिवार ओर में उनसे मिलने उनके घर गये थे, हमने भेटों की अदल - बदल की और 2009 की ग्रीष्म ऋतु में दोपहर का खाना साथ में खाया था। इलेना और मैं सान फ्रांसिस्को फिर से गये उनके अंतीम संस्कार में हाजिर रहने इस साल की शुरूआत में। मोइशे रोसेन (1932 - 2010) बडे सुसमाचार प्रचारक थे। यह अंदाजा लगाया गया था कि, प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से वे मानवीय साधन थे, ज्यादा यहूदीयों के यीशु की ओर परिवर्तन के लिये जिम्मेदार थे, दूसरे किसी और आदमी के प्रेरितों के दिनों से।
जरूर यह ‘‘चिन्ह'' है दोबारा आने के। कुछ आधुनिक टीकाकार कहते है के हमारा विषय यहूदीयों के परिवर्तन को भविष्यवाणी से संदर्भ करता है। फिर भी, हैरत से, डो. जोन गील (1697 - 1771) ने इसे 18 वी सदी में फिर से स्पष्टतासे देखा। उन्होंने कहाँ ‘‘... भविष्यवाणी उनके (यहूदीयों के) परिवर्तन को सम्मान देते हुए दीखती है पीछले दिनों में'' (जोन गील, डी.डी., एन एक्सपोझीशन ओफ ध ओल्ड टेस्टामेन्ट, ध बेप्टीस्ट स्टानर्डड बेरर, 1989 में फिर से छपा हुआ, भाग 5, पृष्ठ 573; यिर्मयाह 31:18 पर टिप्पणी)। फिर से, डो. गील ने कहाँ, ‘‘इन समानता में क्या यहूदी पीछले दिनों मे फिरेंगे'' (पइपकण्, पृष्ठ. 574)। यीशु स्वयं ने यहूदीयों का विसर्जन और उनके इस युग के अंत में यरूश्लेम में लौटकर आने की भविष्यवाणी की थी,
‘‘वे तलवार के कौर हो जाएँगे और सब देशो के लोगो में बन्दी होकर पहुँचाए जाएँगे; और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।'' (लूका 21:24)।
प्रेरितो पौलुसने भविष्यवाणी दी,
‘‘जब तक अन्य जातियों पूरी रीति से प्रवेश न कर ले, तब तक इस्त्राएल का एक भाग ऐसा ही कठोर रहेगा। और इस रीति से सारा इस्त्राएल उध्धार पाएगा जैसा लिखा है, छुडानेवाला सि्ययोन से आएगा, और अभक्ति को याकूब से दूर करेगा'' (रोमियों 11:25-26)।
भविष्यवेता जर्कयाह ने कहाँ,
‘‘और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते - पीटते है और ऐसा भारी शोक करेंगे जैसा पहिलौठे के लिये करते है।'' (जर्कयाह 12:10)।
यह दिखाता है हमारे विषय का भविष्यवाणी संबंधी अभिप्राय,
‘‘तु मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; कयोंकि तू मेरा परमे९वर है। भटक जाने के बाद मैं पछताया; और सिरवाए जाने के बाद मेंने छाती पीटी; पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुँह काला हो गया'' (यिर्मयाह 31:18-19)।
परंतु हमे इस विषय को सिर्फ इस्त्राएल को आनेवाली मुक्ति की रसप्रद भविष्यवाणी समज कर छोडना नहीं चाहिये। उनके निबंध में, ‘‘व्याख्या का अमल होना ही चाहिये'' डो. टोझरने कहाँ, ‘‘वहाँ पर मुष्किल से कुछ भी इतना निरूत्साह और अर्थहीन है जैसे बाइबल की शिक्षा सीखाती है अपने खुदके खातिर'' (ए. डब्ल्यु. टोझर, डी.डी., ध बेस्ट आूफ ए. डब्ल्यु. टोझर, वोरेन. डब्ल्यु. वेईस्बे द्वारा संग्रहीत किया हुआ, बेकर बुक हाऊस, 1979, पृष्ठ 140)। इसलिये हमें यह विषय हम में से उन लोगो को जरूर लागु करनी चाहिए जो अब तक परिवर्तित नहीं है।
‘‘तु मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; कयोंकि तू मेरा परमे९वर है। भटक जाने के बाद मैं पछताया; और सिरवाए जाने के बाद मेंने छाती पीटी; पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुँह काला हो गया'' (यिर्मयाह 31:18-19)।
यह हमें ले जाता है धार्मिक प्रवचन के दूसरे मुद्दे पर।
॥. दूसरा, इस विषय का व्यक्तिगत अभिप्राय।
‘‘तू मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा।'' डो गीलने कहाँ कि ये संदर्भ करता है ‘‘परिवर्तन के पहले कार्य को; जो मनुष्य के अंधेरे से प्रकाश की ओर फिरने में रहता है, शैतान की ताकत से प्रभुकी ओर; ये फिराव है मनका ... इच्छाशक्ति का, लगाव और दिमाग का झुकाव; यह व्यक्ति का यीशु मसीह की ओर का फिराव है ... की ये मनुष्य की ताकत नहीं है यह करने की; की वे कार्यशील नहीं है; परंतु उसमें निष्क्रीय है; यह की (परिवर्तन) प्रभु का काम है और सिर्फ उनका (जोन गील, डी.डी., पइपकण्, पृष्ठ. 574)।''
‘‘तू मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा।'' परंतु अगर प्रभु आपको आपके पापो से मसीह की ओर नहीं ‘‘फेरेंगे'' आप फिर नहीं सकोगे! कोई शायद कहे, ‘‘यह ऊँचा काल्वीनीस्टीक है!'' शायद किसी ने कभी भी डो. टोझर को ‘‘ऊँचे काल्वीनीस्ट'' होने से मुलाजिम नहीं माना। बिलकुल उसके विरूद्ध। वे आर्मनीयन थे। फिर भी डो. टोझर बाइबल के विश्वासी थे और इसलिये उन्होंने कहाँ
पूरी गलतफहमी के द्वारा ... मनुष्य की इच्छाशक्ति की आझादी की मुक्ति खतरनाक तरीके से मनुष्य की इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है बजाय प्रभु की इच्छाशक्ति पर निर्भर करने के। रहस्य चाहे कितना भी गहरा हो, चाहे कितने भी विरोधाभाष शामिल हो, यह फिर भी सच है कि मनुष्य, पुण्यात्मा अपने खुद की भावना से नहीं बनता परंतु श्रेष्ठ बुलावे से बनता है। क्या प्रभु ने ऐसे वचनो द्वारा ही हमारे हाथ से आखरी विकल्प ले लिया? “यह आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं” (यूहन्ना 6:63)...‘‘जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा” (यूहन्ना 6:37)
... कोई मेरे पास नहीं आ सकता जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, उसे खीच न ले'' (यहून्ना 6:44)... ‘‘तू ने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया कि जिन्हे तू ने उसको दिया है उन सब को वह अनन्त जीवन दे'' (यूहन्ना 17:2) ... ‘‘यह परमे९वर की जिनसे मेरी माता के गर्भ से मुझे ठहराया और अपने अनुग्रह से बुला लिया, जब इच्छा हुई कि मुझ में अपने पुत्र को प्रगट करे'' (गलातियों 1:15-16)... निर्णय करने का अधिकार सदैव प्रभु के पास ही रहना चाहिये। (ए. डब्ल्यु. टोझर, डी.डी. ‘‘ध मीस्ट्री अॉफ ध कॉल,'' ध डीवाइन कोनक्वेस्ट, मसीही प्रकाशन, 1950, पृष्ठ 48)।
‘‘तु मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; कयोंकि तू मेरा परमे९वर है। भटक जाने के बाद मैं पछताया; और सिरवाए जाने के बाद मेंने छाती पीटी; पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुँह काला हो गया'' (यिर्मयाह 31:18-19)।
मै इस ‘‘फिराव'' को ‘‘जागृतता'' कहूँगा - जब प्रभु की आत्मा मनुष्य को पापो के अपराधभाव की गहराई में लाता है। ‘‘जरूर इसके बाद मैं फिरा था, मेंने पश्चाताप किया''। सिर्फ अपरिवर्तित मनुष्य प्रभु के द्वारा ‘‘फिराने'' के बाद वे सच्चे सुसमाचार प्रचार के पछतावे का अनुभव करेगा, उसके पापो के दुःख के और यीशु में विश्वास के साथ। इस तरह, सच्चा परिवर्तन प्रभु से ही आता है - या फिर वो कभी आता ही नहीं! विलापगीत की किताब में, भविष्यवेता यिर्मयाह ने प्रार्थना की,
‘‘हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएँगे'' (विलापगीत 5:21)।
आप कभी भी मसीही कैसे बनना वो ‘‘सिख'' नहीं सकते। आप कभी भी नहीं ‘‘सिख'' सकते की मसीह के पास कैसे आना है! अगर आप प्रयत्न करोगे, आप रहोगे,
‘‘सदा सीखती तो रहती है पर सत्य की पहिचान तक कभी नहीं पहुँचती'' (2 तिमुथियुस 3:7)।
फिर आप क्या कर ldrs हो? ठीक है, आप हमारे विषय के वचनो की प्रार्थना करना शुरू करें,
‘‘तू मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; क्योंकि तू मेरा परमे९वर है'' (यिर्मयाह 31:18)।
अगर ये गंभीरता से और नीरंतर प्रार्थना आपके मन से हो - सिर्फ वचन नहीं, परंतु सच्चा परिश्रम ‘‘प्रवेश पाने का'' मसीह में (लूका 13:24) - यह शायद ज्यादा लंबा नहीं होगा प्रभु का आपको जवाब देने से - और आपको उनके पुत्र की ओर फिराने, जो क्रूस पर मरे आपके पापों का दण्ड चुकाने, और मृत्यू से जिलाये गये आपको अनन्त जीवन देने।
(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : ि यर्मयाह 31:31-34।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘ओ कम, ओ कम, इमान्युएल''
(जोन एम. नीले, 1818 - 1866 द्वारा अनुवादित)।
रूपरेखा यहुदीयों का भविष्य में होनेवाला परिवर्तन डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा ‘‘तु मुझे फेर, और तब मैं फिरूँगा; कयोंकि तू मेरा परमे९वर है। भटक जाने के बाद मैं पछताया; और सिरवाए जाने के बाद मेंने छाती पीटी; पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुँह काला हो गया'' (यिर्मयाह 31:18-19)। ।. पहला, इस विषय का भविष्यवाणी संबंधी अभिप्राय, यिर्मयाह 30:24; लूका 21:24; रोमियों 11:25-26; जर्कयाह 12:10। ॥. दूसरा, इस विषय का व्यक्तिगत अभिप्राय, यूहन्ना 6:63, 37, 44; यूहन्ना 17:2; गलातियो 1:15-16; विलापगीत 5:21; 2तीमुथियुस 3:7; लूका 13:24। |