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अंत के चिन्ह

SIGNS OF THE END

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम,
10 अक्तुबर 2010, को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Evening, October 10, 2010

“हमें बता कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (मती 24:3)।


चेलोने दो सवाल पूछे। यीषु उसका जवाब दिया उस क्रममें जिसमे वो कहाँ जाता है “जैतुन का उपदेष” क्योंकि वे जैतुन के पहाड से बोल रहे थे। पहला, “ये बाते कब होंगी?” यह सवाल फिर से उस चीजको संदर्भ करती है जो यीषु ने कहीं थी यरूषलेम के भव्य मंदिर के नाष के बारे में,

“और जब यीषु मन्दिर से निकलकर जा रहा थाः तो उसके चेले उसको मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उसके पास आए। और उसने उनसे कहाँ, तुम यह सब देख रहे हो न? मै तुम से सच कहता हूँ, यहाँ पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा जो ढाया न जाएगा” (मती 24:1-2)।

पहला सवाल था “मंदिर का नाष कब होगा?” इस सवाल का जवाब दिया था “जैतुन के उपदेष” के भाग में जो लूका 21:20-24 में ज्ञात किया गया था,

“और जब तुम यरूषलेम को सेनाओं से घिरा हुआ देखो, तो जान लेना कि उसका उज़ड जाना निकट है तब जो यहूदिया में हो वे पहाडों पर भाग जाएँ; और जो यरूषलेम के भीतर हो वे बाहर निकल जाएँ; और जो गाँवो में हों वे उस में न जाएँ। क्योकि यह बदला लेनेके ऐसे दिन होंगे, जिन में लिखी हुई सब बातें पूरी हो जाएँगी। उन दिनो में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी उनके लिये हाय, हाय! क्योकि देष में बड़ा क्लेष और इन लोगों पर बड़ा प्रकोप होगा। वे तलवार के कौर हो जाएँगे और सब देषो के लोगों में बन्दी होकर पहुँचाए जाएँगे और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूषलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा” (लूका 21:20-24)।

डो. हेन्री. ऐम मोरीसने उस पदोंके बारें में ये कहा,

ये चिन्ह संदर्भ करता है भविश्य के यरूषलेम के अवरोध तीतुस द्वारा, उसके आक्रमण और नाष करनेवाले उत्कर्श के साथ (मंदिर के) 70 ।ण्क्ण् में। यरूषलेम रोमी सेनाओ द्वारा घिरा हुआ देखके षायद विष्वासीयोको पहाडों पर भागने का संकेत मिला होगा (जो पहलेके मसीहीयोने किया) (हेन्री एम. मोरीस. पीएच.डी., ध डीफेन्डरस स्टडी बाइबल, वर्ल्ड प्रकाषक, 1995, पृश्ठ 1121; लूका 21:20 पर टीप्पणी)।

“और वे तलवार के कौर हो जाएँगे, और सब देषो के लोगो में बन्दी होकर पहुचाँए जाएँगे : और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूषलेम अन्य जातियों रौंदा जाएगा” (लूका 21:24)।

डो. मोरीसने कहाँ,

135 ।ण्क्ण् में यरूषलेम पूरी तरह से “उजड” गया था हेड्रीयन की सेनाओ द्वारा (“और वे सब बोज लाद कर बन्दी बनाकर रखे जाये सारे देषोमें”)। यह अद्भूत भविश्यवाणी की गई थी पूरी सदी के पहले आखिरकार परिपूर्ण किया गया 135 ।ण्क्ण् में और उसकी असर में चलता रहा... जब तक आखिरकार यहूदीयो ने अपने देष वापस जाना षुरू किया... हकीकत में, यरूषलेम की आवष्यक जगह - पूरातन मंदीर का पवित्र स्थान - जो आज भी मुस्लीम अरबीयोके ताबे में है। इसतरह, “अन्यजातियो के समय” अबतक परिपूर्ण नहीं हुअे है, ना ही वे होगे जब तक मसीह वापस नही आते वहाँ राज करने को (पइपकण्ए पृश्ठ 1122; लूका 21:20-24 पर टीप्पणी)।

इसतरह, मसीहने चेलोंके पहले सवाल का जवाब दिया, “हमे बता कि ये बाते कब होगी?” मंदिर 70।ण्क्ण् में तोड दिया जायेगा। यहूदी सारी दुनिया के देषोमें यहाँ वहाँ तितर हो जायेगे 135 ।ण्क्ण् में।

परन्तु फिर उन्होने दूसरा सवाल पूछा, “तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” ग्रीक षब्द अनुवाद किया गया “जगत” वों है “एइओन”। इसका अर्थ है “युग”-युग जिसमें हम अब रहते है, मसीही के प्रबंधमे। मसीह ने उनकी निन्दा नही की इस सवाल को पूछने के लिये-“तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा (युग का)?” उनकी निन्दा करने के बदले, उनहोने लंबी यादी दी “चिन्होेंकी”। उन्होने एक चिन्ह के लिये पूछा था, परन्तु मसीहने उन्हे बहूत से दीये आनेवाले पदों में, और जैतुन के उपदेष के भाग मे भी जों मरकुस 13 और लूका 21 में ज्ञात किया गया था।

मैं मानता हूँ की वहाँ पर दो दोश है मसीह ने जो चिन्ह दीये उसके संदर्भ में। पहला, परोक्षवादीयोंने ये सारे चिन्ह को बलपूर्वक फिर से पहली सदी में धकेल दिया। काफी आधुनिक काल्वीनीस्ट परीक्षवादी है जो ये कहते है। मैं सोचता हूँ की वे गलत है। मिसाल के तौर पे, पद 14 को पहली सदीसे संदर्भ करने के लिये बहुत अधिक श्रम करना पडता है और फिर भी षब्दनुसार हरमेन्युएटीक अधिकार मे रहता है,

“और राज्य का यह सुसमसचार सारे जगत मे प्रचार किया जाएगा; कि सब जातियो पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा” (मती 24:14)।

हमें पता है की चेलोने सुसमाचार समस्त रोमी साम्राज्य में फैलाया, परन्तु उन्होने सुसमाचार का “पूरे जगत में” “प्रचार” नही किया जरूर उतर और दक्षिण अमरिका, जापान, ओस्ट्रेलिया, समुद्र के द्रीपो पर और बाकी जगहो पर भी नहीं। अब सिर्फ मती 24:18 ही षब्दानुसार परिपूर्ण है।

फिर, मैं सोचता हूँ की दूसरा दोश जो चिन्हो के संदर्भ मे है वो है उन सब को भविश्य में धकेल देना, सात साल के कश्ट में। ये ही बहूत से आधूनिक व्यवस्थापक करते है। इसलिये, मैं सोचता हूँ की ये गलत है सारे चिन्हो को वापस पीछे धकेलना, पहली सदी में - और मैं सोचता हूँ की ये भी गलत है उनको आगे धकेलना, खासकरके कश्ट में। मैं मान चूका हूँ की “चिन्ह” हमे अब दिये गये है, ये बूरे दिनो में।

यह अजीब है की वहॉ पर ऐसी प्रतिक्रिया होगी आज चिन्हो पर प्रवचन देने में देने में बहूत से प्रर्दष में। मुझे ऐसा लगता है की चिन्हो का आधुनिक अस्वीकार खुद अपने आप में एक चिन्ह है! मैं डरता हूँ की ये कुछ प्रवक्ताओंको “ताना मारनेवाला” की श्रेणी में रख दे जो कहते है “उसके आने की प्रतिज्ञा कहाँ है? (2 पतरस 3:3-4) और मैं सोचता हूँ की चिन्हो का अस्वीकार बताता है की “जब दूल्हे के आने में देर हूई, तो वे सब ऊँघने लगीं और सो गई” (मती 25:5)। सोनेवाले कलीसिया को चिन्हो के बारे में नहीं सूनना है। वो षायद उन्हे जगा दे! डो. एम. आर. डेहानने कहाँ, “वहाँ पर, फिर, दो खतरे है। पहला, समय नक्की करने का खतरा, और, दूसरा, विरूध्ध दानव, सिर्फ गंभीर, चिन्हो को अनदेखा करने का...” (एम. आर. डेहान, एम.डी., साइन्स ओफ ध टाइम्स, क्रेगल प्रकाषन, 1997 प्रत, पृश्ठ. 13)।

चेलोने उनके आने के एक चिन्ह के लिये पूछा, “और (युग) के अंत के बारे में” परन्तु मसीहने बहूतसे चिन्ह दीये। मैं मसीह और उनके प्ररितो द्वारा दीये हुअे चिन्होमेंसे कुछ यहाँ देनेवाला हूँ, तीन श्रेणी में।

I. पहला, वहाँ कलीसियाओमे चिन्ह है।

हकीकत में वो पहला चिन्ह जो यीषु ने दीया, मती 24:4-5 में,

“और यीषु ने उनको उत्तर दिया, सावधान रहो कोई तुम्हे न भरमाने पाए। क्योेंकि बहूत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर, कहेंगे, मैं मसीह हूँ; और बहूतो को भरमायेंगे” (मती 24:4-5)।

मैं सोचता हूँ की ये प्राथमिकतासे दुश्टात्माओ को संदर्भ करता है, जो अपने आपको मसीह की तरह बताते है। प्रेरितो पौलुसने “दूसरे यीषु जिसका प्रचार हमनें नहीं किया” (2 कुरिन्थियो 11:4) के बारे में चेतावनी दी है। प्ररितोने ये भी कहाँ,

“अब आत्मा स्पश्टता से कहता है, कि आनेवाले समयों में कितने लोग भरमानेवाली आत्माओ, और दुश्टात्माओ की षिक्षाओ पर मन लगाकर विष्वास से बहक जाएँगे” (1 तीमुथियुस 4:1)।

आज हम देखते है की ब्रह्यज्ञान के विरूध्ध के “आत्मा-मसीह” बहूत से कलीसिया में प्रचार किये जाते है। ये ज्ञान संबंधी मसीह आत्मा है, पवित्रषास्त्र के सच्चे माँस और हड्डीयो के मसीह नही। बाइबल कहता है, “जो आत्मा यीषु को नहीं मानती, वह परमेष्वर की ओर से नहीं” (1 यूहन्ना 4:3)। सारे आधूनिक अनुवादो मे से, सिर्फ ज्ञश्रट ने पदों का सही तरीके से अनुवाद किया है! ग्रीक षब्द है “इलेलुथोटा”। ये पूर्णकाल में है, मसीह की वर्तमान स्थिति को संकेत करते हुए (सीएफ. जेमीसन, फोसेट और ब्राउन)। जैसे ज्ञश्रट द्वारा सही तरीके से अनुवाद किया था, मसीह “देह में आते है”। वे देह में आये, और देह में ही रहे, उनके पुनरूत्थान वाले माँस और हड्डी का षरीर। उनके मृत्यु से जिलाये जाने के बाद, यीषुने कहाँ, “आत्मा के हड्डी माँस नहीं होता जैसा मुझ में देखते हो” (लूका 24:39)। इसलिये, आजके मसीह-आत्मा हकीकत में दुश्टात्मा है!

फिर से, मती 24:24 में, मसीहने कहाँ,

“क्योंकि झूठे मसीह, और झूठे भविश्यवेता, उठ खडे होंगे, और बड़े चिन्ह और अद्भूत काम दिखायेंगे; कि यदि हो सके तो, चूने हुओ को भी भरमा दें” (मती 24:24)।

हमे इस बूरे दिनो में “चिन्ह और चमत्कार” द्वारा भ्रमित नही होना चाहिये।

“क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित और छल से काम करनेवाले, और मसीह के प्रेरितो का रूप धरनेवाले है। यह कुछ अच्मभे की बात नही; क्योंकि ष्‍ौतान आप भी ज्योर्तिमय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। इसलीये यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कोई बडी बात नहीं; परन्तु उनका अन्त उनके कोमों के अनुसार होगा” (2 कुरिन्थियो 11:13-15)।

प्रेरितो पौलुसने चेतावनी दी

“क्योंकि ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे पर कानो की खुजली के कारण अपनी अभिलाशाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेषक बटोर लेंगे; और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे” (2 तीमुथियुस 4:3-4)।

मैं मान चूका हूँ की हम अभी “स्वधर्म त्याग” मे रहते है, “धर्म का त्याग” जो प्ररितो पौलुस ने 2 थिस्सलुनीकियो 2:3 में भविश्यवाणी की थी। फिर, भी, मसीहने कहाँ,

“क्योकिं अधर्म के बढ़ने से, बहुतों का प्रेम ठण्डा (बढ़) पड जाएगा” (मती 24:12)।

मसीहने भविश्य के बारे में बताया की वहाँ पर कलीसिया में इतनी अंधाधूधी होगी की जो “आष्चर्यपूर्ण” प्यार कलीसिया के सदस्यो के बीच है वो थंडा हो जायेबा। रविवार रात को कलीसिया बंद रहते है क्योंकि सच्ची सदस्यता भूतकाल की बडी चीज है। कलीसिया के सदस्य पहले के कलीसिया में मीलझुलकर रहते थे वैसे अब साथ रहना पसंद नहीं करते (सीएफ. प्ररितो 2:46-47)। और भी, यीषु ने भविश्यवाणी बताई की वहॉ पर अंत-समय में द्रढ़ता से कम प्रार्थना होगी (सीएफ लूका 18:1-8)। कोई आष्चर्य नहीं की आज यहॉ बहूत कम प्रार्थना सभाये होती है। बुधवार की रात सभा (अगर वहा है तो!) प्रार्थना सभा से बदलकर बाइबल की पढ़ाई हो गई है, षायद एक या दो रोजकी प्रार्थना के साथ। जरूर ये अन्त का चिनह है! “मनुश्य का पुत्र जब आएगा, तो क्या वह पृथवी पर विष्वास (प्रार्थना करने का विष्वास) पाएगा?” (लूका 18:8) परन्तु, याद रखीये, यीषुने कहाँ,

“जब ये बाते होने होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा” (लूका 21:28)।

6ठां गीत गाइये, दूसरा अंतरा!

अंधेरी रात थी, पाप हमारे सामने लड रहे थे;
   दुःख का भारी जोझ हम उठा रहे है;
परन्तु अब हम देखते है उनके आने के चिन्ह;
   हमारे मन हमारे अंदर चमकते है, आनंद का प्याला भर रहा है!
वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,
   वो ही यीषु, मनुश्यो के द्वारा अस्वीकार कीये हुअे;
वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,
   षक्ति और बड़ी भव्यता के साथ, वे फिर आ रहे है!
(“वे फिर आ रहे है” माबेल जोनस्टोन केम्प द्वारा, 1871-1937)।

II. दूसरा, वहॉ पर उपद्रव के चिन्ह है।

यीषुने कहाँ,

“तब वे क्लेष देने के लिये तुम्हे पकड़वाएँगे, और तुम्हे मार डालेंगेः और मेरे नाम के कारण सब जतियो के लोग तुम से बैर रखेंगे। तब बहुत से ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे से बैर रखेंगे” (मती 24:9-10)।

“अब भाई को भाई, और पिता को पुत्र घात के लिये सौपेंगे, और बच्चे माता-पिता के विरोध में उठकर उनहे मरवा डालेंगे। और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे; पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उध्धार होगा” (मरकुस 13:12-13)।

भयानक उपद्रव आजकल संसार के बहुत से भागो में चल रहा है। इसके बारे में पढने के लिये यहॉ क्लीक किजीये ूूूण्चमतेमबनजपवदण्बवउ। सच्चे मसीही के विरूध्ध में ज्यादा सुक्ष्म दबाव अब यहॉ पष्चिमी संसार में भी पाया जाता है। विष्वासनीय याजक जो कलीसिया के अलग होने का कारण है उनके द्वारा किये गये आक्रमण। मातापिता अपने खुद के बच्चो को मसीही बनाने के पीछे पडे रहते है। और यह आधातजनक है देखना की कुछ लोग बुर्जुग मातापिता को क्या करते जो गंभीरता से मसीही है! बहुत से अब वास्तविकता से बंध हो चूके है, और पूरी तरह से अकेले छोड दिये गये, कभी भी उनके बच्चे जो मसीही नही है उनके द्वारा मुलाकात नही की गई। बहुत से याजक मुझे कहते है की वे सोचते है अमरीका मे मसीह जल्द ही बडे उपद्रव का अनुभव करेंगे। परन्तु याद रखीये, यीषु कहते है,

“धन्य हो तुम, जब मनुश्य के पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, और तुम्हे निकाल देंगे, और तुम्हारी निन्दा करेंगे, और तुम्हारा नाम बुरा जानकर काट देंगे। उस दिन आनन्दित होकर उछलना, क्योंकि देखो, तुम्हारे लिये स्वर्ग मे बडा प्रतिफल है; उनके बाप-दादे भविश्यवेताओ के साथ भी वैसा ही किया करते थे” (लूका 6:22-23)।

ये फिर से गाइये - गाना क्रमांक 6- दूसरा अंतरा!

अंधेरी रात थी, पाप हमारे सामने लड रहे थे;
   दुःख का भारी जोझ हम उठा रहे है;
परन्तु अब हम देखते है उनके आने के चिन्ह;
   हमारे मन हमारे अंदर चमकते है, आनंद का प्याला भर रहा है!
वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,
   वो ही यीषु, मनुश्यो के द्वारा अस्वीकार कीये हुअे; वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,    षक्ति और बड़ी भव्यता के साथ, वे फिर आ रहे है!

III.  तीसरा, वहाँ पर चिन्ह है विष्वभरमे सुसमाचार प्रचार का।

ध्यान दिजीये कैसे अचानक से ये हौंषला देनेवाला चिन्ह प्रतित हो गया, इन भयानक चिन्हो के बीच में,

“ष्तब वे क्लेष देने के लिये तुम्हें पकडवाएँगे, और तुम्हे मार डालेंगे, और मेरे नाम के कारण सब जातियो के लोग तुम से बैर रखेंगे। तब बहुत से ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे को पकडवाएँगे और एक दूसरे से बैर रखेंगे। बहुत से झुठ भविश्यवक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएँगे। अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड जाएगा, परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसीका उध्धार होगा। और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत मे प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा” (मती 24:9-14)।

“राज्य का सुसमाचार” मरकुस 13:10 मे सिर्फ “सुसमाचार” है, जो कहता है, और सुसमाचार पहले सब जातिंयो मे प्रकाषीत (प्रचार) होना ही चाहीये। स्वधर्म त्याग और उपद्रव के बिलकुल मध्य में, अचानक मसीहने कहाँ, सुसमाचार सब जातिंयो मे प्रचार किया जाये, “तब अन्त आ जाएगा” (मती 24:14)।

कैसी भविश्यवाणी? वहाँ पर बहुत कम जगह है संसार में जहाँ हमारे समय मे सुसमाचार नहीं सुनाई देता था। इन्टरनेट द्वारा, रेडीयो द्वारा, षोर्ट वेव, सेटेलाइट और हजारो धर्म प्रचारक के द्वारा - सुसमाचार आजकल पूरे संसार में फैलाया जाता है! मती 24:11-14 हमारी पीढ़ी में परिपूर्ण है! कितना अजीब है ये, पश्चिम के कलीसिया में दरवाजे बन्द करते है और उनकी शामकी सभा बंद रखते है, की वहाँ पर तीसरे विश्वमें सुसमाचार का विस्फोट होता है - चीन में, दक्षिणपूर्ण एशिया, आफ्रिका के कुछ देशो में, मोंग लोगो के बीच, और भारत में अछूत! स्वधर्म त्याग और पुनःजन्म एक साथ चल रहे है - वैसे ही जैसे यीशुने भविष्यवाणी की थी! कैसा विचित्र विरूध्धमत! फिर भी यही है जो हा रहा है, वैसे ही जैसे मसीहने भविष्यवाणी की थी की ऐसा होगा।

“और बहुत से झूठे भविष्यक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएँगे अधर्म के बढ़ने से बहुतो का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उध्धार होगा। और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा कि सब जातियाँ पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा” (मती 14:11-14)।

हल्लिलूय्याह! यीशु आ रहे है! यह फिर से गाइयें!

अंधेरी रात थी, पाप हमारे सामने लड रहे थे;
   दुःख का भारी बोझ हम उठा रहे है;
परन्तु अब हम देखते है उनके आने का चिन्ह;
   हमारे मन हमारे अंदर चमकते है, आनंद का प्याला भर रहा है!
वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,
   वो ही यीशु, मनुष्यों के द्वारा अस्वीकार किये हुए;
वे फिर आ रहे है, वे फिर आ रहे है,
   शक्ति और बडी भव्यता के साथ वे फिर आ रहे है!

क्या आप मसीह को जानते है? क्या आप तैयार रहोंगे जब वे आएगे? क्या आप परिवर्तित हो? अगर आप खोये हुअे हो तो “पुनःसर्मपण” आपको मदद नहीं करेगा। कुछ लोग कहते है की वहाँ पर मसीह के पास फिर से आना है, जैसे उडाऊ पुत्र। परन्तु बाइबल कभी भी नही कहता की उडाऊ पुत्र अेकबार बचाया गया था, फिर से पीछे फिसला हुआ, और फिर उसने अपना जीवन पुनःसर्मपीत किया। नही! बाइबल सरलतासे कहता है की वो खोया हुआ था! खुदके पिताने ऐसा कहाँ था!

“क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है; खो गया था, अब मिल गया है” (मती 15:24)।

आपकेा मसीह के पास आना ही चाहिये ये मानके की आप खोये हुअे हो! “कृपा के तरीके” पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक किजीयें श्रेष्ठ प्रचारक ज्योर्ज वाइट फिल्ड (1714-1770) द्वारा। बार जो नहीं मान लेता की वो खोया हुआ है वो यीषु के पास नहीं आयेगा, वो उनके अकेले पर विष्वास नहीं करेगा, सच्चे परिवर्तन का अनुभव नहीं होगा, मसीह के लहू द्वारा षुध्ध नहीं होगे, या मसीह के पुनरूत्थान द्वारा पुनःजनम नहीं पायेंगे।

ओह प्रभु! हम कैसे प्रार्थना करे ताकि कुुछ खोये हुए मन, सुनते या पढने यह धार्मिक प्रवचन, पापो के प्रायष्चित के नीचे आएगें और यीषु मसीह आपके पुत्र के पास आएंगे। आमेन।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन एल. चान. द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र : मरकुस 13:1-13।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनक्रेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
“आइ विष वी'हेड ओल बीन रेडी” (लेरी नोरमन, 1947-2008 द्वारा)।


रूपरेखा

अंत के चिन्ह

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

“हमे बता कि ये बातें कब होंगी़? और तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (मती 24:3)।

(मती 24:1-2; लूका 21:20-24; मती 24:14)

I.    पहला, वहॉ कलीसियाओमे चिन्ह है, मती 24:4-5; 1 तीमुथियुस 4:1; 2 कुरिन्थियो 11:4; 1 यूहन्ना 4:3; लूका 24:39; मती 24:24; 2 कुरिन्थियो 11:13-15; 2 तीमुथीयुस 4:3-4; 2 थिस्सलुनिकियो 2:3; मती 24:12; प्ररितो 2: 46-47; लूका 18:1-8; 21:28; 2 पतरस 3:3-4; मती 25:5।

II.    दूसरा, वहॉ पर उपद्रव के चिन्ह है, मती 24:9-10; मरकुस 13:12-13;
लुका 6:22-23।

III.   तीसरा, वहॉ पर चिन्ह है विष्वभर में सुसमाचार प्रचार का,
मती 24:9-14; मरकुस 13:10; लूका 15:24।