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क्रुस पर चढे यीषु की प्‍यास

THE THIRST OF JESUS ON THE CROSS

डॉ. आर. एल. हायमर्स, जुनि
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बेप्टीस टबरनेफल मे प्रभु के दिन की षाम को दिया गया धार्मिक प्रवचन,
जनवरी 24, 2010.
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, January 24, 2010

“इसके बाद यीषु ने यह जानकर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका, इसलिये कि पवित्र षास्त्र मे जो कहा गया वह पूरा हो, कटा, मैं प्यासा हूँ।” (यूहन्ना 19:28).


“अब सब कुछ पूरा हो चुका।” यीषु ने अपनी मृत्यु के विशय में जो पुराने नियमावली मे श्रेश्ठ भविश्यवाणी की थी उसे पुरी तरह से पूरा किया था। वे अपने ही लोगों से तिरस्कृत और अपमानित हुअे। उन्होने अपने चेहरे उनसे छुपा लीये और उन्हे अपने तारणहार के जैसा सम्मान नहीं दिया, जैसे यषायाह की भविश्यवाणी (यषायाह 53:5-6)। उन्होने उनके हाथ और पैरो को छेदा, जैसे की भजन संहिता 22:16, “वे मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं।” उनके पैरो के पास खडे सैनिक ने भजन संहिता की भविश्यवाणी “वे मेरे वस्त्र आपस मे बांटते है, और मेरे पहिरावे पर चिठ्ठी डालते है।” को पूरा किया। ये सारी भविश्यवाणी और दूसरी कई भविश्यवाणी पूरी की गइ। इसलिये जब यीषु ने क्रुस पर से यूहन्ना को अपनी माँ की देखभाल करने को कहा. “इसके बाद यीषु ने जानकर की अब सब कुछ पूरा हो चूका”, और एक बात कही, “इसलीये कि पवित्र षास्त्र मे जो कहा गया वह पूरा हो।” पूराने नियमावली के पवित्र षास्त्र की भविश्यवाणी को पूरी तरह से पूरा करने के लीये, उन्होने कहा,

“मैं प्यासा हूँ।”

इससे पूराने नियमावली की दो महत्वपूर्ण भविश्यवाणी पूरी होती है। पहला, ये भजन संहिता 22:24 को पूरा करता है,

“मेरा बल टूट गया, मैं ढीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है।” (भजन संहिता 22:15)

क्रुस पर चढाने के कुछ घंटे बाद, बीना पानी पीये प्रभु की जीभ अपने मुंह के तालू में चिपक गई, और वे बहुत मुष्किल से बोल सके।

दूसरी भविश्यवाणी जो पूरी की गई थी वो भजन संहिता 69:21, मे दी गई है,

“लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया।” (भजन संहिता 69:21)

ये पवित्र षास्त्र पूरा करने के लिये, यीषु ने कहा,

“मैं प्यासा हूँ”(यूहन्ना 19:24)

क्रुस पर चढाये जाने के बाद ये सबसे छोटे षब्द थे जो उन्होने कहे। अंग्रेजी मे ये दो षब्द है, लेकिन ग्रीक भाशा मे ये एक ही छोटा षब्द है, अंग्रेजी के भाशांतर लिये दो षब्द है,

“मैं प्यासा हूँ”

इस बात से हम कई ठोस श्रेश्ठ सच्चाइ को जान सकते है, लेकिन आज रात मेरे पास इनमें से सिर्फ तीन सच्चाइ बताने का समय है, जो हमारे तारणहार के मुख से नीकले हुअे षब्दो मे से है, जब उन्होने कहाँ,

“मैं प्यासा हूँ”

।. पहला, यीषु की यह प्यास मानवता का प्रतीक है।

यह जरा भी अजीब नहीं है कि वे प्यासे थे। पहले, जैसे यीषु सामरिया से गुजर रहे थे, वे अपनी सफर से थके हुअे थे और उन्होने याकूब के कुंअे के पास खडी स्त्री से पूछा, “मुझे पानी पीला”(यूहन्ना 4:7)। यह कुछ अजीब नही है, फिर उनके जीवन के अंत मे उन्हे मारपीट कर आधा मरा कर के क्रुस पर कील से घंटो के लिये चढाया गया - ताकि वे कहे,

“मैं प्यासा हूँ”

उनकी प्यास हमें उनकी सच्ची मानवता दिखाती है। यह मनुश्य की प्यास है, इंसान की। दो अवसर पर चेलोने समझा वे भूत है। जब वे गलील की झील पर चले और “चेले उसको झील पर चलते हुए देखकर घबरा गए। और कहने लगे, “यह भूत है”! और डर के मारे चिल्लाने लगे। (मती 14:26) लेकीन “यीषु ने उनसे बातें कीं और कहॉ, ढाढस बाँधो! मैं हूँ, डरो मत!” (मती 14:27) फिर से, षाम को वे मृम्यु से उठे, वे चेले को दीखे और कहाँ “तुम्हें षांति मीले”। (लूका 24:36)

“परन्तु वे घबरा गए और डर गए, और समझे कि हम किसी भूत को देख रहे हैं।” (लूका 24:37)

लेकिन यीषुने उनके डर को षांत किया और कहाँ,

“मेरे हाथ और मेरे पाँव को देखो कि मैं वही हूँ। मुझे छूकर देखो, क्योंकि आत्मा के हड्डी माँस नही होता जैसा मुझ में देखते हो ”(लूका 24:39)

दोनो किस्सो में यीषु ने उन्हे बताया वे पूर्ण तरह मनूश्य है, नहीं की “मसीह का भूत,” यीषु के भूत की कल्पना ही गलत हे। यीषु ने कहाँ था “जूठे मसीह उठ खडे होंगे (मती 24:24)। नये युग की हीलचाल के “मसीह के भूत” और बहुत छोटे छोटे धार्मिक जूथ, यह सच्चा यीषु नहीं है। नये धर्म का “मसीह का भूत” जो कहाँ जाता है “दूसरा यीषु” मतीयाह पोल व्दारा कुरिन्थयो 11ः4, मे, क्योकि “आत्मा को हड्डी माँस नही होता है, जैसा मुझ में दिखता है ”(लूका 24:39)। “मसीह का भूत” सच्चा यीषु नही है।

यूहन्ना (1:1-3) की राय से यीषु ने स्वर्ग और पृथ्वी बनाई है।

“आदि में वचन था, और वचन परमेष्वर के साथ था, और वचन परमेष्वर था। यही आदि मे परमेष्वर के साथ था। सब कुछ उसी के व्दार। उत्पन्न हुआ, और जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमे कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई” (यूहन्ना 1:1-3)

और हम सीखते है कि यीषु परमेष्वर और इंसान दोनो ही है - एक इंसानी- प्रभु का समन्वय। हमे उनकी प्रभुता को नहीं भूलना चाहिये, जैसे तीन लोगो के जूथ का दूसरा व्यक्ति। लेकीन हमे उनकी क्रुस के उपर की प्यास से याद कराया जाता है कि वे पूर्णतया इंसान थे। आदम ने जो इवा से कहाँ, वह हम यीषु मसीह के लीये कह सकते है।

“अब यह मेरी हड्डियो मे की हड्डि और मेरे माँस मे का माँस है” (उत्पति 2:23).

यह उनका यीषु मसीह होना चित्रीत करता है। उन्हे स्वर्ग से नीचे पृथ्वी पर कुँवारी मेरी के कोख से इंसानी प्रभु के रूप में जन्म लेने के लिये भेजा गया,

“परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेष्वर ने अपने पुत्र को भेजा जो स्त्री से जन्मा और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुआ..” (गलतियो 4:4)

स्पर्जनने कहाँ

      कितना सच्चा इंसान है वह; वे हमारी हड्डीयो से हड्डी और हमारे मांस से मांस ताकि वे हमारी कमझोरी बरदास्त करते है..... यीषु हकीकत मे इंसान प्रतीत कराया गया है, क्योंकि इंसान के हर दुःख को उन्होने बरदास्त किया है। देवदूत प्यास से परेषान नहीं होते है। आत्मा (भूत), जैसे किसीने उन्हे कहा है; लेकिन यीषु ने हकीकत मे बरदास्त किया {और वे} अपनी प्यास को अंतिम चरण तक ले गए, क्योंकि ये प्यास मृत्यु की थी जो उन पर आयी थी... यह प्यास का कारण था... खून का काम होना, और चार दर्दभरे जख्मो के कारण बुखार का आना... और षरीर के वजन के कारण कील षरीर को चीरता हुआ उनकी मांसपेषी और नसों को काटता हुआ लगाया गया था। यह दर्द था जिससे उनका मुह सुख गया और भठ्ठी के जैसे गर्म हो गया, जब तक उन्होने बताया बाइसवें भजन संहिता, “मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई है” (सी.एच. स्पर्जन, घ षोर्टेस्ट अॉफ सेवन क्राइसेस” घ मेट्रोपोलीटीन टबरनेफल पुलपीट, पीलग्रीम पबलीकेषन, 1972, अंक XXIV] पृश्ठ 219-220)।

मैंने अपने मित्रोको मृत्युष्‍ौया पर पानी के लिये तड़़पते देखा है। लेकिन डॉक्टर उन्हे पानी नहीं देते क्योंकि वे नीगल नही सकते थे। यह कितना दर्दनाक है कि इंसान इस तरह पानी के लिये तडपे उनकी मृत्यु की प्यास को! मैने कहा है “उन्हे पानी दिजीये, वे कैसे भी मरने वाले है!” लेकिन वह डॉक्टरोने मानवता के बदले कायदे का डर दीखा कर एक बुंद पानी देकर सुखी जीभ को थंडा करने से भी मना कर दीया! स्पर्जनने कहा,

      हमारे प्रभु जो सच्चे इंसान थे वे हमे हमारे दुःखमें उनकी याद दिलाते हैः अगली बार {आप} जब हकीकत में प्यासे {आप} षायद ध्यान से उन्हे देखोगेः और जहाँ कही भी हम मित्र को देखते है... प्यास से मरते हुए हमे षायद {यीषु को तडपते देखो}; लेकिन आयने की तरह सच्चा... कितना नजदीक (और हमसे कितना संबंधित) प्यासा तारणहार है...(पइपक)

वह “इम्मानुएल” है, प्रभु हमारे साथ, इंसानी-प्रभु, उस घंटे मे भी जब हमे मृत्यु की प्यास का अहेसास होता है, क्योंकि उन्होने कहाँ,

“मैं प्यासा हूँ”

॥. दूसरा, यीषू की प्यास उनकी पापीयोकी पर्याय का प्रतीक था।

यीषुने कहा, “मैं प्यासा हूँ” क्योंकि मै पापीयो की तडप का पर्याय हूँ। आदमने अपने मुह से जो फल खाने की मनाई थी वह खाया और इसलिये उनके मुहं से आये हुए फल से सारी मानव जाति को जहरीला बना दिया।

“इसलिये जैसा एक मनुश्य के व्दारा पाप जगत मे आया, और पाप के व्दारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुश्यो में फैल गई क्योंकि सब ने पाप किया”। (रोमियो 5:12),

पहले आदम के मुह के व्दारा, उनके सभी वंषावलियाँ “अपने अपराधो (पापो) में मुर्दा थे” (कुलुस्सियो 2:13)। इसलिये यह निष्चिंत है की आखरी आदम, यीषु पहले आदम के मुंह से फैले पापोको चूकाने के लिये उन्हे अपने मुंह मे दर्द सहना पडा! आदम का मुंह “पापो का व्दार था और इसलिये {उनके मुंह} मे अपने प्रभुने दर्द पाया” (स्पर्जन, ibid, पृश्ठ 222)। और आगे, अपने स्वभाव की कटुता अपने मुह से ही बाहर आती है। यीषुने कहाँ,

“जो कुछ मुँह से निकलता हे, वह मन से निकलता है, और वही मनुश्य को अषुध्द करता है।” (मती 15:18)।

क्रुस पर, यीषु के हृदय को नुकीले भालों से छेदा गया, ताकि हमारे हृदय (मन) के पापों को माफी मिल सके। उन्होने कांटोका चूभनेवाला ताज पहना, ताकि हमारे दिमाग के पापो को माफ कर सके। उनके हाथे को क्रुस पर कील से ठोका गया, ताकि जो पाप हम हाथो से करते है उन्हें माफ कर सके। उनके पैंरो को कील से लकडी पर बांधा गया, ताकि जो पाप हम उनके तरफ और उनके अंदर चल कर करते है उसे न्याय मिल सके। और उन्हें उनकी जीभ मुंह में चिपक जाने तक प्यासा रखा, जोरदार प्यासा, अपने मुंह के पापो को साफ करने के लिये।

“वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही षान्ति के लिये उस पर ताड़ना पडी, कि उसके काडे़ खाने से हम लोग चंगे हो जाएँ। हम तो सब के सब भेड़ो के समान भटक गए थे; हममे से हर एकने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवाने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया। ” (यषायाह 53:5-6).

मतीयाह पतरसने हमे कहा की यीषु “वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रुस पर पढ़ गया” (1पतरस 2:24) यह वाक्या ये जरूर से स्पश्ट करता है कि यीषु की प्यास उनके दर्द का ही एक हिस्सा था, अपने पर्याय जैसे, क्रुस के उपर। उन्होने कहाँ,

“मैं प्यासा हूँ”

ताकि आपके मुहँ से निकले हुए हरएक पापोकी सजा उनके मुहँ को हो! अरे! उमदा तारणहार! उन्होने दर्द सहा ताकि हम जीवीत रहे! उनका मुहं भारी दर्द से भरा अपने मुहँ की जगह पर ताकि अपने मुँह के पाप, रक्त से जो कि उनके होठोको और छेदन से बहता है, उनसे साफ कर सके!

“जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।” (रोमियो 5:8)

“इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात अधर्मियों के लिये धर्मने, पापों के कारण एक बारे दुःख उठाया, ताकि हमे परमेष्वर के पास पहुँचाए; वह षरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।” (1पतरस 3:18).

यीषु ने कहाँ

“मैं प्यासा हूँ”

और वह प्यास से तडपना पाप भरे षब्द जो हर मनुश्य के मुंह और जो भी व्यक्ति उनके पास आता है। लेकिन यहाँ पर एक और विचार है।

॥।. तीसरा, यीषु की प्यास आपको नर्क की प्यास से बचा सकती है।

लूका के प्रवचन हमें जो आदमी मरा उसके बारे मे बताते है,

“ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतो ने उसे लेकर अब्राहम की गोद में पहुँचाया। वह धनवान भी मरा ओर गाडा गया, और अधोलोक में उसने पीड़ा मे पडे हुए अपनी आखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद मे लाजर को देखा। तब उसने पुकार कर कहा, हे पिता अब्राहम, मुझ पर दया करके लाजर को भेज दे, ताकि वह अपनी उँगली का सिरा पानीमे भिगोकर मेरी जीभ को ठंडी करे क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ”। (लूका 16:22-24)

अगर यीषु क्रुस पर प्यास से नहीं तडपते, हम सभी को नर्क में प्यास से तडपना पडता। स्पर्जनने कहाँ, “हमारी पाप भरी जीभ... हमेषा के लिये जल गई होती {नर्कमें} नही तो {यीषु की} जीभ हमारे बदले प्यास से तडपती” (ibid, पृश्ठ 222-223) हमारी जगह क्रुस पर! महेरबानी करके खडे रहे और अपने गीत की पत्रिका के छंद को गाईये - राग है” - ये मध्यरात्रि और जैतून के उपर। गाने का दूसरा, तीसरा और चौथा अंतरा गाइये।

देखिये कैसे उनके हाथ और पैरो को छेदा;
उसका गला प्यास की वजह से सुखा;
उनकी नम आखें रक्त से भरी है;
यीषु, हमारे प्रभु को क्रुस पर चढाया गया।

आओ क्रुस के नीचे खडे रहे;
तकि जो रक्त उनके बाजूसे टपक रहा है
वह हमारे पर धीरेसे बूंद बूंद होकर गिरे;
यीषु, हमारे प्रभु, को क्रुस पर चढाया गया।

तूटा हुआ हृदय, आंसूभरी आँखे,
पूछे और आप इंकार नही कर सकते;
प्रभु यीषु, षायद हम प्रेम और विलाप करे,
तबसे हमारे लिये आपको क्रुस पर चढाया गया,
    (उन्होने उनको क्रुस पर चढाया, फ्रेडरिक विलियम फाबर, 1814-1863;
      अनुवाद डॉ. हायमर्स)।

अगस्तीयनने कहा, “ क्रुस एक तख्त था, जिससे यीषु अपने प्यार को दुनिया तक पहुँचाया”। यह सच है! वे क्रुस पर आपके पापो का दंड चुकाने के लिये मरे, क्योंकि वे आपको चाहते है! वे दर्द और पीडा तडप से गुजरे, आपको पापों की तडपसे बचाने क्योंकि वे आपको चाहते है! क्या आप यीषु से कहेंगे, “हमे आपका प्यार नहीं चाहिये!” या आप उन्हे कहेंगे,

मै आता हूँ, प्रभु!
आपके पास अभी आता हूँ!
मुझे धोईये, मुझे रक्त से षुद्ध किजीये जो कलवरी से बहां?
   (“मै आता हूँ, प्रभु” लेविस हार्टसाउ, 1828-1919)

(संदेश का अंत)
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डॉ. क्रगटन एल. चानःव्दारा प्रवचन पहले पढा गया पवित्र वाक्याःयूहन्ना 29:23-28.
प्रवचन के पहले मीस्टर बेन्जानिन कीनकेड ग्रीफिथ व्दारा गाया हुआ गीतः
“क्रुस के पैरो के लिये गीत” (जोन चांडलर 1837)।


रूपरेखा

क्रुस पर चढे यीषु की प्यास

डॉ. आर. एल. हायमर्स, जुनि व्दारा.

“इसके बाद यीषु ने यह जानकर कि अब सब कुछ पूरा हो चूका, इसलिये कि पवित्रषास्त्र में जो कहा गया वह पूरा हो, कहा, मै प्यासा हूँ” (यूहन्ना 19:28)।

(यषायाह 53:5-6; भजन संहिता 22:16, 18, 15, भजन संहिता 69:21)

।   पहला, यीषु की यह प्यास मानवता का प्रतीक था, यूहन्ना 4:7;
मती 14:26, 27; लूका 24:36, 37,39; मती 24;24;
2 फुरिन्थयों 11:4, यूहन्ना 2:1-3; उत्पति 2:23; गलतियो 4:4।

॥   दुसरा,    यीषु की प्यास पापीयोकी पर्याय का प्रतीक था,
रोमियो 5:12, कुलुस्सियों 2:13; मती 15:18;
यषायाह 53:5-6; 1 पतरस 2:24; रोमियो 5:8; 1 पतरस 3:18।

॥।   तीसरा,   यीषु की प्यास आपको नर्क की प्यास से बचा सकती है।
लूका 16:22-24।